मेरा नाम पूजा है. मेरी शादी को २७ साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ. मेरे पति का नाम कमलेश है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकिन अब कुछ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले ले कर चुड़वाती हूँ. मेरी उमर अब 43 साल है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उमर 18 साल और उनकी उमर 19 साल की थी. मेरा हज़्बेंड का लंड बहुत ही छोटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल 3″ लंबा और 1″ मोटा हो पता है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छोटी थी. सुहागरात को जब उन्होने अपने छोटे से लंड से मुझे चोडा तो मेरी चूत से खून आ गया था. सुहग्रात के दिन उन्होने मुझे 5 बार चोडा था. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. उनके छोटे से लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकिन शरम के मारे कुछ कह नहीं पाती थी.
लगभग 1 साल तक मैं उनसे खूब चुड़वाती रही लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोद्ते समय बहुत जल्दी झड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी 5-10 मिनिट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छोटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दिन मैने उनसे कहा, “कमलेश, तुम्हारा लंड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छोटा है. मुझे तुम्हारे लंड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ. मैने काई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड से बहुत लंबा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड से चुदवाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लंड को अंदर लेना चाहती हून. मेरी शादी को अब 1 साल हो गये हैं. मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दस्त नहीं कर पा रही हून. जब तुमने मुझे सुहग्रात के दिन चोडा था तब मेरी चूत एक दम टाइट थी और मुझे केवल 2-4 दीनो तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया. मैं सुहग्रात के कुछ दिन के बाद से ही तुम्हारे छोटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकिन मैं नयी नयी आई थी इसलिए कुछ भी नहीं बोली. यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अब हमारी शादी को 1 साल हो गये हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ.” उन्होने कहा, “पूजा, मैं अपनी कमी जनता हून और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैने बहुत इलाज़ कराया लेकिन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूँ. तुम ही कुछ बताओ. मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मार जाऊंगा.” मैने कहा, “मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हून और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले थोडा बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता.”वो सोच में पड़ गये. कुछ देर बाद वो बोले, “अगर मैं एक मोटी मोमबत्ती ला कर तुम्हें मोमबत्ती से चोद डून, तो कैसा रहेगा.” मैं कुछ देर सोचने के बाद राज़ी हो गयी. वो बाज़ार से एक मोमबत्ती ले आए. उन्होने मुझे वो मोमबत्ती दिखाई तो मैने कहा, “ठीक तो है. वो मोमबत्ती लगभग 8″ लंबी और 1 1/4” मोटी थी. मैने कहा, “लेकिन ये तो आदमियों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुछ हद तक शांत हो जाएगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये मोमबत्ती मेरी चूत में दल कर खूब चोदो मुझे.”
हम बेडरूम में आ गये. मैं बेड पर लेट गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगे. 2-3 मिनिट में ही मैं पुर जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी फिर बोली, “कमलेश, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूखी हूँ. दल दो पूरी मोमबत्ती मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस मोमबत्ती से मुझको.” वो बोले, “ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये मोमबत्ती दल कर चोद्ता हून और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गये. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. मोमबत्ती उनके लंड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग 5” तक घुस गयी. मेरे मूह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली. उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर बाहर करने लगे. यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैं सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक वो मोमबत्ती को मेरी चूत में अंदर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गये की अब मैं झड़ने वाली हून और 2 मिनिट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैने कहा, “कमलेश, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा अंदर डालो ना इस मोमबत्ती को मेरी चूत में.” उन्होने मोमबत्ती को थोडा और ज़्यादा मेरी छूट के अंदर डाला तो मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ. वो मोमबत्ती अब तक मेरी चूत में 6″ तक घुस चुकी थी. मैने कहा, “रुक जाओ कमलेश, अब और ज़्यादा मत डालो. दर्द हो रहा है. इतना ही अंदर दल कर चोदो मुझे.” उन्होने मोमबत्ती को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिसकारियाँ भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गये थे और मेरे मूह में ही झड़ गये. मैने उनके लंड का सारा पानी निगल लिया. वो मोमबत्ती को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगे. 8-10 मिनिट बाद ही मैं फिर से झड़ गयी और बोली, “कमलेश, बहुत मज़ा आ रहा है. काश तुम पहले ही ये मोमबत्ती ले आते और मेरी छूट में डालकर चोद्ते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती. कमलेश, अब देर ना करो, दल दो पूरी मोमबत्ती मेरी छूट में और खूब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करो.” उन्होने उस मोमबत्ती को मेरी चूत में पूरा अंदर दल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मुझे थोड़ी देर के लिए कुछ दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपना चूतड़ उच्छल उच्छल कर मोमबत्ती को पूरा अंदर लेने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अभी 10 मिनिट भी बीता था की मैं फिर से एक बार झड़ गयी. मैं अब तक 3 बार झड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, “कमलेश, मुझे अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. खूब तेज़ी के साथ अंदर बाहर करो इस मोमबत्ती को मेरी चूत में.” वो भी जोश में आ गये थे और उनका लंड दूसरी बार फिर से एक दम टन गया था. वो बोले, “पूजा, मैं भी बहुत जोश में आ गया हून और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लून.” मैने कहा, “मुझे इस मोमबत्ती से बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज़. अभी मुझे मोमबत्ती से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना.” वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गये. उन्होने मुझे उस मोमबत्ती से चॉड्ना ज़ारी रखा. मैं खूब मज़े के साथ मोमबत्ती को अपने चूत के अंदर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ मोमबत्ती को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | 5 मिनिट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फिर से झड़ गयी. मैं अब तक 4 बार झड़ चुकी थी. वो मुझे 30-35 मिनिट में 4 बार झड़ता हुआ देखकर सोच में पद गये क्यों की एक साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छोटा होना था. वो मेरी चूत में मोमबत्ती को अंदर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रहा था. मेरी चूत ने मोमबत्ती को एक दम जाकड़ रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने मोमबत्ती को मेरी चूत से बाहर निकल लिया तो मैं बोली, “कमलेश, तुमने मोमबत्ती क्यों निकल ली. प्लीज़, कुछ देर तक और अंदर बाहर करो. मुझे एक बार और झड़ जाने दो, प्लीज़.” उन्होने मोमबत्ती को दोबारा में चूत में दल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर पूरी मोमबत्ती को अपने चूत में ले रही थी.
लगभग 20 मिनिट के बाद मैने अपना चूतड़ बहुत तेज़ी के साथ उपर उठना शुरू कर दिया तो वो समझ गये की मैं अब फिर से झड़ने वाली हून. उन्होने मोमबत्ती को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट में ही मैं फिर से झड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैने कहा, “प्लीज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम छत लो. इस बार ये बहुत मेहनत के बाद निकला है.” उन्होने मेरी चूत का सारा पानी छत लिया और बोले, “पूजा, अब मैं चोद लून.” मैने कहा, “तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं एक साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तैयार हु |
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