बीवी की सहेली रीता-2

साहिल के धक्के बढ़ते जा रहे थे… मुझे असीम आनंद आने लगा था. वो गांड मारता रहा… मैं गांड चुदाती रही. उसके धक्के और बढ़ने लगे. उसका लण्ड मेरी गांड की दीवारों से रगड़ खा रहा था. छेद उसके लण्ड के हिसाब से थोड़ा छोटा ही था… इसलिए ज्यादा रगड़ खा रहा था. मेरी गांड चुदती रही. मैं आनंद के मारे जोर जोर से सिस्कारियाँभर रही थी.

अब साहिल ने धीरे से लण्ड छेद से बाहर खींच लिया. और मुझे चिपका लिया मेरे हाथ ऊपर कर दिये. पीछे से उसने मेरी छातियाँ कस कर पकड़ ली और मसलने लगा.

‘रीता… अब मैं कहीं झड़ ना जाऊं… एक बार लण्ड को चूत का सामना करवा दो…’

मैं हंस पड़ी- ‘आज मैं इसी लिए तो आई थी… मुझे पता था कि कामिनी नहीं है… तुम अकेले ही हो… और अगर आज तुमने लाइन मारी तो तुम गए काम से…’

दोनों ही हंस पड़े… हम दोनों बिस्तर पर आ गए… मैंने कहा…’साहिल… मैं तुम्हें पहले चोदूंगी… प्लीज़… तुम लेट जाओ… मुझे चोदने दो…’

‘ चाहे मैं चोदूं या तुम… चुदेगी तो रीता ही ना… आ जाओ…’ कह कर साहिल हंसने लगा.

वो बिस्तर पर सीधे लेट गया. उसके लण्ड कि मोटाई और लम्बाई अब पूरी नजर आ रही थी. मैं देख कर ही सिहर उठी. मेरे मन में ये सोच कर गुदगुदी होने लगी कि इतने मोटे लण्ड का स्वाद मुझे मिलेगा. मैं धीरे से उसकी जांघों पर बैठ गयी. उसके लण्ड को पकड़ कर सहलाया और मोटी सी सुपारी को चमड़ी ऊपर करके सुपारी बाहर निकाल दी. मैंने अपनी लम्बी चूत के होठों को खोला और उसकी लाल लाल सुपारी को मेरी लाल लाल चूत से चिपका दिया. पर साहिल को कहाँ रुकना था. सुपारी रखते ही उसके चूतड़ों ने नीचे से धक्का मार दिया. सुपारी चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गयी. मैं आनंद से सिसक उठी.

‘हाय रे… घुसा दिया अन्दर… मेरी सहेली के चोदू , मेरे राजा…’

कहते हुए मैं उस पर लेट गई. वो गया नीचे दबा हुआ था इसलिए पूरी चोट नहीं दे पा रहा था. पर मेरे आनंद के लिए उतना ही बहुत था. मैंने उसे जकड़ लिया. अब मेरे से भी उत्तेजना सहन नहीं हो रही थी. मैंने अपनी चूत लण्ड पर पटकनी चालू कर दी. फच फच की आवाजों से कमरा गूंजने लगा. हम दोनों आनंद में सिस्कारियाँभर रहे थे.

‘हाय मेरे राजा… मजा आ रहा है… हाय चूत और लंड भी क्या चीज़ है… हाय रे…’

‘रीता… लगा… जोर से लगा… और चोद… निकाल दे अपने जीजू के लण्ड का रस…’

मैंने अपनी गति बढ़ा दी. चूतड़ों को हिला हिला कर उसका लण्ड झेल रही थी. उसका लण्ड मेरे चूत के चिकने पानी से भर गया था. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है

‘हाँ ..मेरे राजा… ये लो… और लो…’

पर साहिल को ये मंजूर नहीं था… उसने मुझे कस के पकड़ा और एक झटके में अपने नीचे दबोच लिया. वो अब मेरे ऊपर था. उसका लण्ड बाहर लटक रहा था. उसने अपना कड़क मोटा लण्ड चूत के छेद पर रखा और उसे एक ही झटके में चूत की जड़ तक घुसा डाला.

मुझे लगा कि सुपारी मेरे गर्भाशय के मुख से टकरा गयी है. मैं आह्ह्ह भर कर रह गयी. अपनी कोहनियों के सहारे वो मेरे शरीर से ऊपर उठ गया. मेरे जिस्म पर अब उसका बोझ नहीं था. मैं एक दम फ्री हो गयी थी. मैंने अपने आप को नीचे सेट किया और टांगे और ऊपर कर ली.

साहिल ने अब फ्री हो कर जोरदार शोट मरने चालू कर दिए. मुझे असीम आनंद आने लगा. मैंने भी अब नीचे से चूतड़ों को उछाल उछाल कर उसका बराबरी से साथ देना चालू कर दिया. मैं अब कसमसाती रही… चुदती रही… उसकी रफ्तार बढती रही… मुझे लगने लगा कि अब सहा नहीं जाएगा… और मैं झड़ जाऊंगी… मैंने धक्के मारने बंद कर दिए .. और ऑंखें बंद करके आनंद लेने लगी… मैं चरम सीमा पर पहुच चुकी थी..

जैसे जैसे वो धक्के मारता रहा मेरा… रज निकलने लगा… मैं छूटने लगी… मैं झड़ने लगी… रोकने की कोशिश की पर… नहीं… अब कुछ नहीं हो सकता था… मैं सिस्कारियाँभरते हुए पूरी झड़ गयी… मैं ढीली पड़ गयी… अब उसके धक्के मुझे चोट पहुचने लगे थे… लेकिन उसकी तेजी रुकी नहीं… कुछ ही पलों में… सुहानी बरसात चालू हो गयी. उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया था… और उसका पानी मेरी छातियों को नहला रहा था. मैं हाथ फैलाये चित्त पड़ी रही. वो अपने वीर्य पर ही मेरी छाती से लग कर चिपक गया. उसका वीर्य बीच में चिकना सा आनंद दे रहा था… साहिल मुझे चूमता हुआ उठ खड़ा हुआ… मैंने भी आँख खोल कर उसकी तरफ़ देखा. और प्यार से मुस्कुरा दी.
मुझे अपनी चुदाई की सफलता पर नाज़ था. रीता के पति राहुल अभी तक घर नहीं आए थे। रीता ने अपना सामान रसोई में रखा और खाना बनाने की तैयारी करने लगी। उसे रह रह कर साहिल से चुदाई की याद आ रही थी। लगभग ७ बजे राहुल आया। काम भी पूरा हो चुका था.

राहुल ने आते ही पूछा – “कामिनी चली गयी क्या… ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है

“कामिनी की बड़ी चिंता है… कुछ गड़बड़ है क्या ?”

“नहीं है तो नही… पर तुम गड़बड़ करा दो न… ”

“तुम्ही डरते हो… वो तो बेचारी तुम पर मरती है… ”

“फिर उसे आने दो… इस बार तो पटा ही लूँगा उसे..”

“कामिनी तुमसे मिलकर गयी थी क्या ?”

“नही… ये बात नहीं है… उसका फ़ोन आया था… ”

“हाँ वो दिन को चली गयी थी… ”

“अब तो साहिल अकेला ही होगा..”

“हाँ अकेला ही है… ”

“फिर तो आज हम दोनों की जमेगी… ” राहुल ने अपनी व्हिस्की की बोतल उठा ली और कार में रख ली. दोनों साहिल के घर आ गए.

राहुल और रीता घर में घुसते ही चौंक गए. कामिनी वहां पहले से खड़ी थी.

“अरे तुम तो घर गयी थी ना… ?” राहुल ने पूछा।

“हाँ पर भइया आ गए थे… वो ही मुझे अभी छोड़ कर गए हैं… ”

“तुम रात का खाना हमारे यहाँ खाना… बना लिया है… ”

साहिल भी बाथरूम से आ गया था.

करीब रात के ८.३० बज रहे थे. कामिनी बड़े प्यार से राहुल को निहार रही थी. रीता ने उसे हमेशा की तरह फिर पकड़ लिया. रीता ने उसे कहा – “बड़ा प्यार आ रहा है… जीजू पर..”

“चुप रह… वो तो हैं प्यारे से… ” कामिनी हंस कर बोली

“क्यों मेरे जीजू प्यारे नहीं हैं क्या… ”

“तो तू भी लाइन मार ले ना… ”

“नहीं रे… अब लाइन नहीं… कुछ और ही… ”

“चुप… चुप… कुछ भी बोलने लगती है..” राहुल और साहिल दोनों ही बैटन का मजे ले रहे थे. राहुल ने मजाक किया –

“साहिल… कामिनी चाहे तो मुझ पर लाइन मार सकती है… ”

“और मैं… रीता पर… ” साहिल ने रीता को आँख मारते हुए कहा.

“अच्छा चलो… तुम रीता पर लाइन मरो और मैं कामिनी पर… आप क्या कहती हैं… कामिनी जी… ” राहुल ने अंधेरे में तीर छोड़ा.

“तुम लोग बहुत प्यारे मजाक करते हो… तो चलो लाइन मरो… ” कामिनी हंस पड़ी.

“आज एक्सचेंज करते हैं… मंजूर है ?..साहिल. अब अपनी दोस्त भी तो पक्की हो जाए.” राहुल ने कहा

“हाय रे… यानि रीता साहिल के पास और मैं राहुल के पास… ” कामिनी ने आह भरते हुए कहा.
व”तो मंजूर है… क्यो रीता… तुम कहो… ” साहिल बोला.

राहुल को पता था कि अभी थोडी देर पहले ही साहिल के साथ रीता की चुदाई हुयी थी. साहिल ने राहुल को फ़ोन पर ही बता दिया था कि रीता तो ख़ुद चुदवाने आ गयी थी. रीता ने जानबूझ कर शरमाने का नाटक किया.

“हाँ राहुल… मजा आ जाएगा.. क्यों कामिनी… ”

“तुम्हे साहिल चोदेगा और मैं कामिनी को… तो साहिल हो जायें चालू… ” राहुल ने बिना शरमाये समझा दिया.

राहुल ने कामिनी की तरफ़ देखा. कामिनी अपना चेहरा शर्म से छुपा लिया. राहुल बाहें फैला कर खड़ा हो गया. कामिनी धीरे धीरे राहुल के निकट आयी और उसकी बाँहों में सिमट गयी. रीता तो पहले ही तैयार थी, उसने मौका देखा.

वो जाकर साहिल से चिपक गयी. कामिनी ने अपना चेहरा निकट लाते हुए कहा “राहुल ये अचानक कैसे हो गया… मुझे जल्दी से प्यार कर लो… कहीं साहिल या रीता ने इनकार कर दिया तो..”

“नहीं कामिनी… सब कुछ पहले से हमने सोच रखा था… रीता तो आज चुद चुकी है साहिल से.. बस आज के दिन ऐसा होगा ये नहीं पता था… ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है

“क्या… हाय… मुझे पता होता तो मैं… पहले ही… ”

राहुल ने देखा साहिल रीता की चुंचियां दबा रहा था. रीता ने साहिल का लंड पकड़ रखा था. कामिनी भी देख कर शरमा गयी.

“राहुल हाय ये देखो तो… ”

“उन्हें अब चुदाई करने दो..”

कामिनी ने अपने होंट राहुल की तरफ़ बढ़ा दिए. राहुल ने उसके होंट अपने होटों से मिला दिए… और एक दूसरे को चूमने लगे.

दोनों के शरीर में उत्तेजना भरने लगी. कामिनी को राहुल का मोटा लंड अपनी चूत के आस पास रगड़ता हुआ महसूस होने लगा. दोनों के बदन गरम होने लगे.

राहुल का लंड अब खड़ा होने लगा था. उनके हाथ एक दूसरे के शरीर को टटोलने लगे. राहुल ने कामिनी की चूचियां अपने हाथों में भर ली. और धीरे धीरे सहलाने लगा. कामिनी ने उसके चूतडों को अपनी और खींच लिया.

अब राहुल का लंड उसकी छूट में गड़ने लगा. राहुल की नजर रीता पर गयी. उनकी चुदाई में तेजी थी. वो पहले से खुले हुए थे. रीता की छूट में साहिल का लंड घुस चुका था. रीता उस से लिपटी जा रही थी. कामिनी उन्हें देख कर आह भरने लगी.

राहुल ने कामिनी का तंग पजामा नीचे सरका दिया. कामिनी ने इशारा पा लिया. उसने तुंरत ही अपना पजामा और टॉप उतार फेंका.

राहुल ने भी अपने कपड़े उतार दिए. कामिनी ने साहिल और रीता को देखा तो राहुल से लिपट गयी. उन दोनों की चुदाई देख कर कामिनी तड़प उठी.

अब दोनों ही नंगे खड़े थे. कामिनी ने राहुल को अपनी और खींचा और राहुल का लंड पकड़ लिया. राहुल ने कामिनी का नंगा बदन दबाना चालू कर दिया. दोनों मदहोशी में डूबने लगे.

वो अब बिस्तर पर आ गए और और एक दूसरे में समाने की कोशिश करने लगे. अब रीता और साहिल की सिस्कारियां बढती जा रही थी, जो राहुल और कामिनी के शरीर में आग भरने का काम कर रही थी.

कामिनी ने अपनी टाँगें ऊपर उठा ली. राहुल उन के बीच में समां गया. अपने लंड को उसने कामिनी की चूत पर टिका दिया.

चूत पानी छोड़ रही थी… चिकनी हो गयी थी… लंड फिसल कर अन्दर घुसता चला गया… कामिनी के मुंह से सिसकारी निकल पड़ी. कामिनी की आँखें आनंद के मारे बंद होने लगी. उसका लंड गहराईयों में उतरने लगा.

अचानक राहुल को लगा की उसकी गांड में लंड का स्पर्श हो रहा है. उसे पता चल गया कि रीता और साहिल चुदाई पूरी कर चुके हैं. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है

अब साहिल ने अपना लंड फिर से तैयार कर लिया है. अब वो राहुल के पीछे खड़ा हो गया था.

राहुल ने उस पर ध्यान नहीं दिया. उसे पता था कि साहिल अब उसकी गांड मारेगा.. साहिल राहुल के चूतड पकड़ कर उसे चौडा कर अपना लंड घुसाने की कोशिश करने लगा.

राहुल को अब पीछे भी मजा मिल रहा था. साहिल ने राहुल की गांड में थूक लगाया और जोर लगा कर लंड गांड में घुसा दिया. इस से राहुल के लंड में और अधिक उत्तेजना भरने लगी. उसने कामिनी की चूत में धक्के तेज कर दिए.

इस से साहिल को गांड मारने में थोडी मुश्किल आने लगी थी. रीता कामिनी की चुंचियां मसलने लगी. राहुल और कामिनी दोनों ही मदहोश हुए जा रही थी. दोनों को डबल मजा मिल रहा था.

“हाय राजा… जोर से… चोद डाल… हा… ” अब कामिनी भी दिल की भड़ास मुंह से निकलने लगी. उसके चूतड नीचे से इंजन की तरह चल रहे थे.. राहुल भी बेकाबू होता जा रहा था… “कामिनी… हाय… मजा आ गया… ये ले… येस… ये… और… ले..”

“मेरी रीता… मसल डाल मेरी चुंचियां… जोर से… अ आ अह ह्ह्ह ह्ह्ह हह… ”

उधर साहिल राहुल की गांड चोद रहा था. राहुल को भी गांड मराने में मजा आता था.

कामिनी को लग रहा था कि अब वो झड़ने वाली है… उसकी कमर तेज़ी से चलने लगी. रीता ने भी महसूस किया कि अब कामिनी ज्यादा देर तक नहीं टिकने वाली है. रीता ने उसके चूचुक खींचने और घुमाने चालू कर दिए।

कामिनी का मुंह खुलने लगा… आहें बढ़ने लगी। अचानक ही उसने रीता का हाथ हटा दिया और राहुल को खींच कर अपनी बाहों में भींच लिया,” मैं गई मेरे राज़ा… गई आआह… ” उसने अपने होंठ भींच लिए.

उधर साहिल ने अपना लण्ड राहुल की गाण्ड से निकाल लिया और रीता के हाथ में दे दिया. रीता ने उसके लंड को पकड़ कर मुठ मारना चालू कर दिया. साहिल ने रीता के पास लाकर अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया… और झड़ने लगा. और रस रीता के मुंह में भरने लगा. रीता रस को स्वाद ले कर पीने लगी.

उधर राहुल का लंड खड़ा ही था… पर रीता को पता था उसे कैसे ठंडा करना है… उसने तुंरत ही राहुल की गांड में अपनी उंगली डाल दी… और उसके लंड कामिनी की चूत में से बाहर निकाल कर, गीले लंड की मुठ मारने लगी.

गांड में अंगुली तेजी से घुमाने लगी… तभी उसके लंड से रस उछल पड़ा. रीता दूध निकलने की तरह उसके लंड से रस निकलने लगी. राहुल अब घुटनों के सहारे बैठ गया था और गहरी साँसें भर रहा था. उधर साहिल भी जाकर लेट गया. लगा कि वो दोनों थक गए थे.

कामिनी ने रीता को देखा और दोनों हंस पड़ी. दोनों गले से लिपट गयी और एक दूसरे को प्यार करने लगी. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है

“हाय मेरा जीजू तेरे जीजू से ज्यादा बढ़िया चोदता है ” कामिनी बोली.

“नहीं रे… मेरा जीजू ज्यादा अच्छी चुदाई करता है..” रीता ने भी तारीफ की.

“आज तो हम दोनों की दोस्ती… और पक्की हो गयी… ” कामिनी ने कहा.

“पहले हम दो दोस्त थी..अब चार हो गए हैं… अब जी भर कर चुदाई कर सकते हैं ना… ”

कामिनी ने राहुल को प्यार किया… और रीता ने साहिल को चूम लिया.

अब सभी तैयार हो कर डिनर के लिए रवाना हो गए.

The Author

गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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