हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम करिश्मा है. मेरी शादी को 4 साल हो गये है और ज्यादातर मेरे पति ऑफिस के टूर में बिज़ी रहते है. मेरे बहुत सारी सहेलियां है, लेकिन कुछ सहेलियां काफ़ी करीब है जो कि एक दूसरे के घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ करती है. वैसे भी टाईम पास के लिए कुछ तो चाहिए और हर 15 दिन में हम सभी के घर जाते है फिर खाना, पीना और मौज मस्ती और अब तो हम सब इतने खुल चुके है कि सभी को अपने सीक्रेट्स बताने में कोई झिझक नहीं होती और नॉटी बातें करने का मज़ा ही कुछ और होता है.
एक बार हमेशा की तरह मेरे घर पर किटी पार्टी ऑर्गनाइज़ की गई. मैंने अपनी काम वाली बाई को हेल्प करने के लिया बुलाया था, लेकिन किसी कारण से वो नहीं आई थी और उसने अपनी छोटी बेटी अमृता को भेज दिया था, जो अभी सिर्फ़ 19 साल की थी. उसकी माँ की जगह पर वो कभी-कभी घर का काम करने आती थी.
किटी पार्टी में मेरी सारी सहेलियां आ गई और हम सबने बहुत इन्जॉय किया, लेकिन मेरी सबसे करीबी दोस्त प्रीति का ध्यान पता नहीं क्यों बार बार अमृता पर जा रहा था? में समझ गई थी कि उसका इरादा क्या है? इसलिए पार्टी ख़त्म होने के बाद मैंने सीधा प्रीति से पूछ ही लिया कि क्या तू उस अमृता को चोदना चाहती है? और प्रीति ने तुरंत हाँ कर दी. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र कर में कुछ जुगाड़ करती हूँ और मैंने प्रीति को अपने बेडरूम में भेज दिया. जब अमृता मुझे किचन में हाथ बंटा रही थी तब मैंने उससे कहा कि मेरा एक काम करेगी? हो सके तो तू प्रीति के सिर में थोड़ा तेल डाल कर मसाज कर दे, उसका बहुत तेज सिर दर्द हो रहा है.
अमृता मेरी बात का कभी मना नहीं करती थी तो वो मेरे बेडरूम में तेल लेकर गई और प्रीति को कहा मेडम जी सिर में दर्द हो रहा है, चलो में आपको मालिश कर देती हूँ. प्रीति को बस यही चाहिए था. मालिश करते-करते प्रीति ने अमृता से कहा कि मेरी पीठ में काफ़ी दिनों से बहुत दर्द हो रहा है, तू इतनी अच्छी मालिश करती है ज़रा वहां पर भी कर दे.
अमृता तैयार हो गई और फिर प्रीति ने उसके सामने ही अपना टॉप और ब्रा निकाल दिया तो अमृता देख कर थोड़ी शरमा गई, लेकिन जब प्रीति उल्टी सो गयी तो अमृता अच्छे से मालिश करने लगी. उस वक़्त में सभी के लिए एक वोडका का पैक बनाकर ले आई और कहा कि जमकर मालिश हो रही है. फिर मैंने अमृता को भी वोडका पीने के लिए फोर्स किया और उसे पसंद भी बहुत आया.
अब अमृता को थोड़ा-थोड़ा नशा होने लगा था तो प्रीति ने कहा अपनी मालिश तो पूरी कर ले और अमृता के हांथो के पास अपने बूब्स ले आयी और मालिश करवाने लगी जिससे अमृता थोड़ी गर्म हो चुकी थी. फिर धीरे-धीरे मैंने अमृता के पैरो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और वो मदहोश होने लगी थी. मैंने और प्रीति ने माहोल और गर्म करने के लिए नॉटी बातें शुरू कर दी थी, तभी प्रीति ने अमृता से पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो अमृता बोली कि हाँ मुझे एक लड़का पसंद है.
फिर हम समझ गयी थी कि अब वो खुल रही है इसलिए मैंने भी अब अपना टॉप निकाल दिया और ऐसे ही बातें करने लगी. फिर प्रीति धीरे-धीरे अमृता के नज़दीक होती गयी और उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया. अमृता को मज़ा आ रहा था इसलिए वो कुछ नहीं बोली फिर प्रीति धीरे-धीरे ने अपना पूरा हाथ अमृता की पेंटी में डाल दिया. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अब कोई औपचारिकता नहीं बची थी. हम तीनों काफ़ी गर्म हो चुकी थी. प्रीति और अमृता दोनों किस करने लगी थी और में भी अमृता के कपड़े उतारने लगी थी और धीरे-धीरे मैंने अमृता के पूरे बदन को चूमना चालू किया और उसके बूब्स दबाने लगी. अमृता के मुँह से आह्ह्ह्ह आआआअ की आवाज़ निकलने लगी तभी प्रीति ने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी थी. अब अमृता को हमने पूरा नंगा लेटा दिया और प्रीति उसकी चूत को चाटने लगी, में बूब्स की बड़ी शौकीन हूँ इसलिए में अमृता के बूब्स मुँह में लेने लगी. अमृता की तड़प से हमें पता चल गया था कि वो कितना मजा ले रही है. प्रीति को उसकी चूत बहुत पसंद आई थी. फिर मुझे भी अपनी चूत चटवाने का मन किया तो में अमृता के मुँह के ऊपर जाकर बैठ गयी और अमृता भी उसे जोर ज़ोर से चाटने लगी और मेरा सारा पानी निकलकर उसके मुँह में चला गया.
अब प्रीति से रहा नहीं गया और वो अपने पर्स में से एक नकली प्लास्टिक का लंड निकालकर ले आई (वो जब भी मेरे घर आती है डिल्डो ज़रूर लाती है, आप समझ जायेंगे क्यों?) प्रीति ने डिल्डो बाँध कर अमृता की चूत में घुसा दिया. मुझे पता था अमृता ज़ोर से चीखेगी इसलिए मैंने पहले से ही अमृता का सिर अपनी गोदी में ले लिया था और जब वो चिल्लाने वाली थी तो उसका मुँह दबा दिया.
फिर प्रीति ने धीरे-धीरे डिल्डो अंदर डालना शुरू किया और अमृता को भी चुदाने में मजा आने लगा. में पीछे से उसके बूब्स मसल रही थी, बस अब अमृता का पानी निकलने वाला था और प्रीति ने ज़ोर-ज़ोर से चोदना चालू कर दिया था. फिर अमृता की तड़प बहुत बढ़ने लगी थी और उसे देख कर हम दोनों की तड़प बढ़ रही थी और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रही थी. फिर अमृता को चोदने के बाद अभी भी प्रीति का मन नहीं भरा था और उसकी प्यास बुझाने के लिए मैंने अपनी चूत को भी उसके आगे कर दिया. फिर उसने मुझे भी जमकर चोदा, जिसके बाद हम तीनों बहुत थक चुके थे और फिर एक दूसरे के साथ लिपट कर सो गये.