अनुपमा की चूत के दाने

मित्रो यह कहानी है आकृति सिंहानिया की जो अपने स्कूल और जूनियर कॉलेज की टॉपर रही है अब उसकी अगली सीढ़ी है ग्रॅजुयेशन, उसने मेधालय यूनिवर्सिटी मे अड्मिशन लिया, 6 महीने बीत गये थे उसकी ज़िंदगी नॉर्मल चल रही थी, उसके कुछ फ्रेंड्स थे जो उसकी तरह पढ़ाई मे रूचि रखते थे, और उसके दोस्त उसको अनुपमा नाम से बुलाते थे. नाउ मीट फ्रेंड्स ऑफ अनुपमा- 1} राधिका ऋतू (सेक्सी, फेर आंड ब्यूटिफुल, शी बिलॉंग्स फ्रॉम आ रिच फॅमिली इन मेधालय, ऋतू एक बोह्त ही बिंदास लड़की थी, उसकी और अनुपमा की दोस्ती कॉलेज के पहले दिन हुई थी और कुछ ही टाइम मे वो दोनो बोह्त क्लोज़ होगये थे)

2} अमर प्रिया (आवरेज बॉडी, कंप्यूटर जीनियस, वो एक मिड्ल क्लास फॅमिली से था, चेहरे पर सोडा ग्लास देखते ही कोई भी गेस कर सकता था कि वो एक किताबी कीड़ा है, वैसे वो ऋतू का एकतरफ़ा आशिक़ था, उसको ऋतू कभी लिफ्ट नही देती थी)

3} राजू शगुन (मस्क्युलर बॉडी, इक. कॉलेज टॉपर, उसके पापा आर्मी मे ल्यूटेनेंट जनरल थे, वो अपनी मोम और नानी के साथ मेधालय के गोल्टेक इलाक़े मे रहता था जहाँ अनुपमा भी अपने परिवार के साथ रहती थी, वो अनुपमा को डेली पिकप और ड्रॉप करता था, वो अनुपमा को मन ही मन चाहता था और इस बात से अंजान ऋतू उसपर फिदा थी)

और भी बोह्त से फ्रेंड्स थे उन चारों के लेकिन लेकिन ये चारों एकजुट्ट थे और कुछ ही समय में यह चारों कॉलेज मे काफ़ी पॉपुलर हो गए थे. हे गाइस तुम सभी इधर हो मैने तुम सभी को कहाँ कहाँ नही ढूँढा, उफ्फ…… आइ गेट सो टाइयर्ड, तुम सभी को पता भी है आज कॉन्सा दिन है….. (ऋतू दौड़ते हुए आई और लगभग गिरते संभालते हुए बोली)

शगुन – तू बैठ जा पहले…… . ले पानी पी…… हाँफना बंद कर और सीधे सीधे बोल क्या बात है.

अनुपमा – क्या इतनी गड़बड़ी मे है तू आज, बैठ ना….. कुछ ऑर्डर करते हैं.

प्रिया – ऋतू को मायो ग्रिल्ड सॅंडविच पसंद है आज वही ऑर्डर करते हैं.

ऋतू – तुझे बोला मैने, मुझे क्या पसंद है,!!! वैसे मैने मायो सॅंडविच खाना छोड़ दिया है.

प्रिया – कब्से ? ना ना ना ना….. तुम मज़ाक़ कर रही हो हैना,

ऋतू – मज़ाक़!!! फर्गेट इट…….

अनुपमा – क्या ऋतू तू भी. क्यू प्रिया पे इतना चिड रही है.

ऋतू – चिड़ू नही तो क्या करूँ ? तुम लोगों को तो पता भी नही आज कॉन्सा दिन है.

प्रिया – क्या नही पता है ! आज सॅटर्डे है और क्या.

ऋतू – यू जस्ट शट युवर माउथ ! स्टुपिड, आज सॅटर्डे है…… ऋतू को मायो सॅंडविच पसंद है यह सब मालूम है तुझे, लेकिन आज क्या स्पेशल है वो भूल गया तू !

शगुन – ओके बेब्स चिल, बता क्या स्पेशल है आज, अब याद नही आ रहा तो जान लोगि क्या.

ऋतू – यू ऑल आर सो मीन……. उन्हु….. उन्हु…. हू… हू…….. स्टुपिड्स आज मेरा बर्तडे है…… उन्हु…. उन्हु…..

अनुपमा – अच्छा यह बात है! , लेकिन यह तो पता है हम सभी को, क्यूँ प्रिया & शगुन.

प्रिया – यस राइट वी नो दिस.

शगुन – लेकिन इसमें स्पेशल क्या है, तूने क्या पैदा होकर दुनिया पे उपकार किया है !

ऋतू – यू रास्कल्स मैं तुम सबका सर फोड़ दूँगी… .. रूको अभी बताती हूँ …….

अनुपमा – ये ले इस से फोड़ !

ऋतू – ये क्या है.

स्पेककी – तेरा बर्थ’डे गिफ्ट है, हम सभीने मिलकर लिया है, वी ऑल लव यू स्वीटहार्ट.

और महॉल बदल गया, ऋतू के चेहरे पे आँसुओं के साथ साथ खुशी की और हँसी की ल़हेर फूट पड़ी और सभी फ्रेंड्स ने क्लॅप करके उसको बर्थ’डे विश किया और उसको गले लगा लिया.

ऋतू – अच्छा सुनो! आज शाम को रासासी रिज़ॉर्ट मे मेरी बर्थ’डे पार्टी है तुम सबको ज़रूर आना है, आना क्या है तुमलोग बस रेडी रहना, तुम सभी को मेरा ड्राइवर पिकप & ड्रॉप कर्देगा.

प्रिया – रासासी रिज़ॉर्ट वॉवववव, दट’स कूल, और कौन कौन आएगा.

ऋतू – कोई नही सिर्फ़ हम चारों होंगे और मेरे भैय्या और उनके कुछ ख़ास फ्रेंड्स , भैय्या ने पूरा रिज़ॉर्ट बुक कर दिया है.

अनुपमा – लेकिन ध्यान रखना मुझे 10 बजे से पहले घर पहुचना होगा.

ऋतू – तू टेन्षन मत ले यार तेरी मम्मी को मैं बोलूँगी मेरे घर पे पार्टी है और रात तू मेरे साथ ही रुकेगी, एक काम करती हूँ मैं खुद तुम सभी को लेने आती हूँ, पहले तेरे घर फिर शगुन और प्रिया, क्या बोलती है.

अनुपमा – तेरा दिमाग़ ऐसे काम मे कुछ ज़्यादा चलता है, मम्मी को पटाने की ज़िम्मेदारी तेरी.

ऋतू – अरे फिकर नोट, मैं सब संभाल लूँगी और हां एक बात और कॉलेज मे एलेक्षन होने वाले हैं और वो चापलू सुजीत यादव इलेक्शन मे खड़ा हो रहा है और उसको रधु सपोर्ट कर रहा है, रधु अपने एंपी बाप के दम पर ज़रूर उस चापलू को जितवायगा.

अनुपमा – कैसे कैसे लोग पार्टिसिपेट करते हैं.

प्रिया – तूने कॉलेज के फर्स्ट डे क्या चाँटा मारा था उस चापलू को, पूरा कॉलेज खुश हो गया था.

ऋतू – सच मज़ा चखा दिया था उस रधु गॅंग को तूने.

शगुन – वो तो तेरे पापा ने अपने कमिशनर दोस्त से कहकर मामला सेट्ल करवा दिया था नही तो वो रधु अनुपमा से ज़रूर बदला लेता.

ऋतू – अरे मैने तो पापा को बाद मे बताया था लेकिन अनुपमा ने तो उस चापलू और रधु की बॅंड बजा दी थी, मैं तो कहती हूँ तू भी पार्टिसिपेट कर, आइ आम शुवर तू ही जीतेगी.

शगुन – नही, अनुपमा ऐसा कुछ नही करेगी, इस एलेक्षन से क्या हासिल होगा.

प्रिया – यही सोचकर तो अच्छे लोग पॉलिटिक्स जाय्न नही करते और इस डर का फ़ायदा रधु जैसे लोग उठाते हैं, सोचो अगर अनुपमा जीत गई तो कॉलेज से गंदगी फैलाने वाले रधु गॅंग और उन जैसे लोगों का सफ़ाया हो जाएगा .

शगुन – दिस इस नोट आ गुड आइडिया, रधु जैसे लोगों से पंगा लेना ठीक नही. हम अच्छे तो सब अच्छा.

ऋतू – क्यू डर रहे हो, अनुपमा को सिर्फ़ पार्टिसिपेट करना है और मुझे लगता है पूरा कॉलेज अनुपमा को सपोर्ट करेगा और रधु कुछ नही कर पाएगा.

शगुन – तुम लोग नेगेटिव साइड नही सोच रहे हो.

अनुपमा – तुम सही कह रहे हो.

शगुन – शुक्र है तुम समझ गई.

अनुपमा – मैने नेगेटिव पार्ट सोच लिया इस लिए मैं एलेक्षन मे पार्टिसिपेट करूँगी.

प्रिया, ऋतू – यॅ ग्रेट, वी आर श्योर यू कॅन विन.

शगुन – यह क्या बच्पना है.

अनुपमा – डॉन’ट वरी, तुम सब मेरे साथ हो तो हम मिलकर रधु की वाट लगा देंगे. मैं कल ही फॉर्म भर दूँगी. कुछ देर इधर उधर की बात करने के बाद वो सब अपने घरों के लिए निकल गये, रास्ते मे भी शगुन ने अनुपमा को बोह्त समझाया लेकिन अनुपमा ने ठान लिया था और वो पीछे हटना नही चाहती थी और लास्ट्ली शगुन ने भी हार मान ली और हर हाल मे अनुपमा का साथ देने का वादा कर दिया. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

शाम 6:30 को ऋतू ने अनुपमा के घर जाकर उसकी मम्मी को अनुपमा को अपने साथ घर ले जाने के लिए राज़ी कर लिया और फिर वो दोनो ऋतू की कार मे साथ चले गये और रास्ते मे प्रिया और शगुन को भी पिक कर लिया, और वो सभी ऋतू की कार मे रिज़ॉर्ट के लिए रवाना हो गये. रिज़ॉर्ट पोहच्कर ऋतू ने अनुपमा को एक पार्टी ड्रेस दिया और चेंज करने को कहा, अनुपमा ने पहले मना किया लेकिन ऋतू की ज़िद्द के आगे उसकी नही चली, रिज़ॉर्ट के एक रूम मे दोनो ने कपड़े चेंज किए और तैय्यार हो कर दोनो लॉन मे आ गये, लॉन मे सभी ऋतू का वेट कर रहे थे, वही एक टेबल पर कॅंडल्स से सज़ा केक बीच मे रखा हुआ था, वहाँ शगुन और प्रिया के अलावा ऋतू के भैय्या +उनकी गर्ल फ्रेंड और उनके भाई के 2 दोस्त और उनकी गर्ल फ्रेंड्स थी, ऋतू और अनुपमा के वहाँ पोहचते ही सभी ने तालियों के साथ बर्थ’डे गर्ल का स्वागत किया, दोनो ने काफ़ी सेक्सी ड्रेस पहेन रखे थे जो कि स्लीवेलेस्स थे और लंबाई सिर्फ़ उनकी थाइस तक थी, उनके पीठ पर ड्रेस की सिर्फ़ एक डोरी थी और वो ड्रेस इतना तंग और लो नेक था कि उनके बूब्स की गोलाई सॉफ सॉफ झलक रही थी. वहाँ मौजूद सभी दांडेकर (जेंट्स) उन्ही को निहार रहे थे जैसे उनको मौका मिले तो चीर फाड़ देंगे. प्रिया का तो हाल इतना बुरा हो गया कि वो अपनी पॅंट मे बन रहे तंबू को सेट करने मे लगा रहा. फिर कुछ देर एक दूसरे से मिलने के बाद, ऋतू ने केक काटा और फिर ड्रिंक्स सर्व किया गया, अनुपमा ड्रिंक्स के लिए हेज़िटेट कर रही थी लेकिन सभी ने फोर्स किया तो उसने भी पी ली, फिर ड्रिंक्स लेने के बाद म्यूज़िक ऑन हो गया और सभी डॅन्स फ्लोर पर उतर गये और एक दूसरे के साथ डॅन्स करने लगे, डॅन्स फ्लोर पर शवर पाइप्स भी इनस्टॉल्ड थे, ऋतू के भाई ने रैन डॅन्स की फरमाइश की तो शावर्स ऑन कर दिए गये, अब ठंडे पानी और तेज़ म्यूज़िक से महॉल गर्म हो गया था, सभी मस्ती की चरम पर थे, एक दूसरे से चिपक कर डॅन्स करते हुए वो सभी बहकने लगे थे, ऋतू के भाई और उसके दोस्तों ने अपनी गर्ल फ्रेंड्स को बाहों मे भर लिया और वो एक दूसरे के होंठों को चूमते हुए डॅन्स कर रहे थे, अनुपमा को नशा चढ़ गया था लेकिन उसको अब भी यह सब ठीक नही लग रहा था, लेकिन ऋतू हाइ सोसाइटी से थी और उनकी सोसाइटी मे ऐसा होता है, यह सोचकर अनुपमा अड्जस्ट कर रही थी, ऋतू पूरी मस्ती मे झूम रही थी और बार बार डॅन्स करते हुए अपनी हिप को शगुन की जांघों के उपर रब कर रही थी, शगुन यह बर्दाश्त नही कर पा रहा था, उसके रोम रोम मे बिजली दौड़ने लगी उसके पॅंट ने तंबू की शक्ल ले ली थी और वो हिम्मत करके ऋतू से दूर हट गया और उसने अपनी पॅंट को अड्जस्ट किया और अनुपमा को जाय्न कर लिया जो वही अकेले नशे मे झूम रही थी, और प्रिया मौके का फ़ायदा उठाते हुए ऋतू के पीछे चला गया और उसको पीछे से ही बाहों मे भर लिया और चिपक कर डॅन्स करने लगा, डॅन्स करते हुए प्रिया ने ऋतू के बूब्स को सहलाया और उसके पेट और लोवर आब्डॉमिनल एरिया मे हाथ फेरने लगा और बीच बीच मे पीछे से ही ऋतू के कान और नेक को करेस करता गया जिस वजह से ऋतू बहेक गयी और नशे की हालत मे पलटकर उसने प्रिया के होंठों को अपने होंठों मे क़ैद कर लिया, चारों तरफ नज़ारा कुछ ऐसा था कि शगुन ने भी कंट्रोल खो दिया और बेसूध अनुपमा को अपनी बाहों मे भर लिया और उसके लब के रस को पीना शुरू कर दिया, अनुपमा ने भी कुछ नशे की वजह से और कुछ वासना भरे महॉल की वजह से बहेक गई और उसने भी विरोध नही किया. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब एक के बाद एक सभी कमरों मे जा चुके थे, और सिर्फ़ यह चारों डॅन्स फ्लोर पर एक दूसरे मे डूबे हुए थे तभी ऋतू ने शगुन को अनुपमा के साथ देखा और उसने हड़बड़ा कर प्रिया का चेहरा पकड़ा और खुद से दूर करने की कोशिश करने लगी, लेकिन नशा इतना चढ़ गया था उसको कि वो ज़्यादा देर विरोध ना कर पाई और प्रिया ने उसको गोदी मे उठा लिया और कमरे मे ले गया, अनुपमा और शगुन अब भी डॅन्स फ्लोर पर ही थे, दोनो अब भी एक दूसरे से चुपके हुए एक दूसरे को चूम रहे थे और तभी ऋतू का भाई बाहर आया और उसने शगुन से अनुपमा को कमरे मे ले जाने का इशारा किया, शगुन ने हिच किचाते हुए अनुपमा को उठा लिया और एक कमरे मे घुस गया.

अंदर जाते ही उसने देखा कि उस कमरे मे प्रिया और ऋतू पहले से मौजूद थे और वो दोनो पूरी तरह से अनड्रेस्ड हो चुके थे और प्रिया ने ऋतू की जांघों के बीच मूह घुसा रखा था और उसकी कंट को लीक कर रहा था कच……….. कच…… आइ…… ला ला ला चक…. चक……………… .. और ऋतू बोह्त ज़ोर शोर से सिसकारिया ले रही थी अहह……….. ओहोह……….. आआआहनंद…….. फास्ट………. ईट मी…………. आआआअहाआसस्स. यह देख कर शगुन का माथा घूम गया, क्यूकी ऋतू पूरी तरह से नंगी थी और उसके बड़े बड़े बूब्स, उसका पूर्कशिष जिस्म और उसकी मादक आवाज़ें, वो उस वक़्त एक सेक्स गोडेस दिख रही थी, पता नही कैसे उसने अनुपमा को नीचे उतार दिया और ऋतू भी यह देख चुकी थी, जैसे ही ऋतू ने शगुन को देखा वो झट से उठकर बेड से उतर गयी और लड़ खड़ाते हुए शगुन के सामने घुटनो के बल बैठ गयी और उसने फ़ौरन शगुन की पॅंट को कसकर पकड़ लिया और देखते ही देखते उसने शगुन की पॅंट के बटन को खोल दिए और अगले ही पल पॅंट को नीचे खींच कर उसने शगुन के लंड को अपने मूह मे भर लिया और ज़ोर ज़ोर से सर हिलाकर चूसना शुरू कर दिया, और पल भर मे शगुन ने परम आनंद महसूस किया और उसकी आँखें बंद हो गयी, अनुपमा यह देखकर चौंक गयी और लड़खड़ाते कदमो से बाहर चली गयी, और तभी ऋतू उठी और उसने शगुन को स्मूच किया और उसको खींच कर बेड पर लिटा दिया और उसके पैरों के बीच डॉगी स्टाइल मे झुक कर उसके लंड को आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी और प्रिया जो वही बेड पर पड़ा था उठा और उसने ऋतू को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की लेकिन ऋतू ने उसको धकेल दिया, कुछ देर तक प्रिया वही बेड पर मायूस होकर पीठ के बल पड़ा रहा फिर पता नही कैसे ऋतू एक हाथ से उसके भी लंड को पकड़कर हिलाने लगी, प्रिया की तो जैसे मुराद पूरी हो गयी, वो झट से उठा और ऋतू जो अब भी डॉगी स्टाइल मे शगुन के लंड को चूस रही थी उसके पीछे गया और उसकी चूत के मुहाने पर अपनी ज़बान को रख दिया और बड़े मज़े से ऋतू की चूत चाटने लगा कुछ देर मे जब ऋतू गरम हो गई उसने उठकर फुर्ती से उसकी चूत मे अपना लंड धकेल दिया, एक ही झटके मे उसका पूरा लंड ऋतू की चूत में समा गया और उसने तेज़ी से धक्के मारना शुरू कर दिया, उसके धक्कों की रफ़्तार इतनी तेज़ थी कि ऋतू ने शगुन का लंड चूसना बंद कर दिया और कमरे मे (आह………. ओह्ह्ह. अफ………. और…… ज़ोर्र्र्र्ररर…. सीटी……. आआआअहाआसस्स… और चप चप छाप) आवाज़ें गूंजने लगी. दूसरी तरफ अनुपमा जैसे ही कमरे से बाहर निकली उसको ऋतू के भाई ने थाम लिया और उसको सहारा देकर दूसरे कमरे मे ले गया और उसको बेड पर लिटा दिया और उसके कपड़े निकालने लगा, अनुपमा मे इतनी मदहोश थी कि वो उसको रोक नही पा रही थी, फिर भी उसने मुश्किल से कहा “न्‍न्‍न्णनाहियिइ भैय्या पल्ल्ल्ल्लेआसए मेरे साथ ऐसा मत कीजिए..” …………. और ऋतू के भाई ने कहा “कुछ नही बेटा, तुम डरो मत तुम मेरी बहेन जैसी हो, तुम बोह्त भीग चुकी हो, अगर कपड़े नही उतारे तो सुबह तक बीमार हो जाओगी”. और कपड़े उतारने के बाद उसने ऋतू की ब्रा भी उतार दी और उसकी पैंटी उतारते हुए उसने अपनी इंडेक्स फिंगर और अंगूठे से अनुपमा की चूत के दाने को रब करना शुरू कर दिया, अनुपमा की आँख बंद थी और वो मदहोश भी थी लेकिन अपनी चूत पर जब उसको रगड़ महसूस हुई उसके सारे जिस्म मे मीठा करेंट दौड़ गया और उसने बहेक कर अपने पैरों को फैला दिया और उसके मूह से आआहह निकल गयी, अब ऋतू के भाई की हिम्मत बढ़ गयी उसने झुक कर अनुपमा की चूत को चूसना शुरू कर दिया और अनुपमा ने उसका सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और सिसकारिया भरने लगी,….. अहह………. ह्म्‍म्म्म…… अहह………………. म्‍म्म्मममममममम……….भैय्या प्लीज़…………. ऐसा मत कीजिए….. लीव मी प्लीज़……… और कस कर उसके सर को अपनी चूत पर डिबेट रही…….. कुछ देर बाद वो झाड़ गयी और बिल्कुल ऐसे पड़ी रही जैसे उसमे अभी जान ही नही बची हो, अगले ही पल ऋतू के भाई ने अपना लंड अनुपमा की चूत पर रख दिया और उसकी कमर को पकड़ कर लंड को अंदर धकेलना शुरू कर दिया, उसका लंड अभी आधा भी नही गया था कि अनुपमा बकरे की चीखने लगी और छट पटाने लगी, उसकी चूत से खून की धार निकल रही थी. और वो ऐसे तड़प रही थी जैसे उसकी जान निकल रही हो, उसका सारा नशा उतर गया था और तभी ऋतू के भाई ने लंड बाहर निकाला और उसकी चूत से निकल रहे खून से अपने लंड को भिगोया और फिर एक ज़ोर दार धक्का…………..छररर….

जैसे ही लंड अंदर घुसा “चर्र” फटने की आवाज़ आई और अनुपमा ने एक ज़ोरदार चीख लगाई और वो बेहोश हो गयी, उसकी चीख सुनकर शगुन ने अपनी पॅंट चढ़ाई और भागता हुआ उस कमरे मे घुस गया, उसके पीछे पीछे ऋतू और प्रिया भी आगये और उन्होने देखा ऋतू का भाई अब तेज़ धक्के लगा रहा था बेड पूरा खून से सना हुआ था और अनुपमा कोई हरकत नही कर रही थी और बेजान पड़ी थी उसका मूह और आँखें दोनो खुली हुई थी और वो ज़्यादा खून बहने की वजह से दम तोड़ चुकी थी. ऋतू के भाई के उपर वासना की ऐसी हैवानियत सवार थी कि वो अनुपमा के बेजान पड़े मुर्दा शरीर पर भी धक्के मार रहा था.

शगुन को ऐसा झटका लगा कि उसने ऋतू के भाई के सर को दबोच लिया और एक झटके मे उसकी गर्दन तोड़ दी और उसको बेड से नीचे पटक दिया, और फिर उसने अनुपमा की नर्व्स चेक की और उसकी साँसें उसकी धड़कन चेक करने लगा लेकिन अब बोह्त देर हो चुकी थी, एक होनहार और महत्वाकांक्षी लड़की अपनी उड़ान भरने से पहले ही ख़त्म हो चुकी थी.

दोस्तों ये कहानी एकमात्र कल्पना की हुयी है इस कहानी में किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नही है |

The Author

गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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