गरमा गर्म चुदाई घर में -9

प्रेषक: सुभास

गरमा गर्म चुदाई घर में -1 | गरमा गर्म चुदाई घर में -2 | गरमा गर्म चुदाई घर में -3 | गरमा गर्म चुदाई घर में -4
गरमा गर्म चुदाई घर में -5 | गरमा गर्म चुदाई घर में -6 | गरमा गर्म चुदाई घर में -7 | गरमा गर्म चुदाई घर में -8

गतांग से आगे….. मैंने अपने होठ सिकोड़ कर सीटी बजाई और फ़िर कहा, “विभा प्लीज… अब खुद से अपनी पैन्टी उताड़ों न प्लीज…। कितना अच्छा लग रहा है यह सब। तुम बताओ.. न तुमको मजा आ रहा है कि नहीं।” विभा अब बोली, “बहुत अजीब लग रहा है.. लगता है कि कैसे यह सब हो रहा है। समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसे कैसे आपके सामने मैं …. वो छीः भैया…” और वो अपना चेहरा अपने हथेलियों से ढ़क ली। अब मैं भी उसके सामने खड़ा हो गया और पहली बार उसके बदन से अपना लण्ड सटाया और फ़िर हल्के हाथ से उसकी चुच्ची सहलाते हुए उसको समझाने लगा, “क्यों बेकार बात सब सोचती हो… मैं बताया न … सालों से मैं तुम्हारे नाम की मूठ मारता रहा हूँ, मुझे तो तुम सिर्फ़ एक जवान लड़की लगी… तुम क्यों मुझमें अपना भाई अभी देख रही हो। समझो कि तुम एक मर्द को अपना बदन दिखा कर उसको पटा रही हो। मेरा हाल सोचो… मेरा लण्ड कैसा बेचैन है (मैंने अपना खड़ा लण्ड उसकी पेट में जोर से दबाया) और मुझे पता है कि आज जो लड़की मेरे साथ है वो आज नहीं चुदेगी फ़िर भी मैं जितना तुम मुझे दोगी उसी से खुश हूँ कि नहीं।दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  चलो अब मान लो कि मैं तुम्हारा लवर हूँ और तुम अपना बदन आज पहली बार अपने लवर को दिखा रही हो। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैं भी तुमको आज सिर्फ़ अपनी गर्लफ़्रेन्ड मान कर तुम्हारे बदन से खेल कर तुमको मजा दुँगा।” वो अब फ़िर से शान्त और संयत लगी तो मैं अब उससे हट कर बेड पर बैठ गया और कहा, “डार्लिंग… अब एक बार प्लीज अपनी पैन्टी उतार कर अपना सबसे प्यारा और सुन्दर चीज दिखाओ न मेरी रानी…” और मैंने उसको आँख मारी। मेरी इस अदा पर उसकी हँसी निकल गई और फ़िर …. लड़की हँसी तो फ़ँसी…। विभा बोली, “छी… भैया मुझ बहुत शर्म आ रही है यह सब करते।” मैंने भी तुरंत कहा, “शर्म काहे की अब… और तुम्हारी छोटी बहन को तो भरे ट्रेन में चुदाते हुए शर्म नहीं आई और तुम यहाँ बन्द कमरे में… जब चुदना भी नहीं है इतना ड्रामा कर रही हो।” फ़िर मैंने कहा, “अब दिखाओ न प्लीज विभा… अब अगर नहीं दिखाई और मुझे तुम्हारी पैन्टी उतारनी पड़ी तो आज जबर्दस्ती तुमको चोद देंगे… समझ लो… तुमको पता हीं है कि मैं वैसे भी बहनचोद हूँ। विभा अब हँसती हुई बोली, “छी… कैसा गन्दा बोलते है आप… पता नहीं स्वीटी को क्या समझ में आया। वहाँ कौलेज में तो इतना लड़का होगा फ़िर क्यों आपसे…”। मैंने बीच में ही कहा, “क्योंकि भगवान मुझे बहनचोद और मेरी बहन को रंडी बनाने का सोचे हुए थे… अब दिमाग मत लगाओ और जल्दी से अपना बूर दिखाओ… मेरा मन पागल हुआ जा रहा है। प्लीज विभा.. प्लीज… मेरी प्यारी बहना… प्लीज दिखाओ न अपना बूर…”। एक छोटे बच्चे की तरह मचलते हुए से थोड़ा बच्चों की तोतली आवाज की नकल करते हुए अब यही रट लगाने लगा था, “दिखाओ ना विभा अपना बूर… दिखाओ ना बहना अपना बूर… दिखाओ ना दीदी अपना बूल(बूल)… मुझे देखना है दीदी तुम्हारा प्यारा-प्यारा बूल(बूर)… मेली(मेरी) प्याली दीदी, मेली(मेरी) छोनी(सोनी) दीदी… एक बाल(बार) दिखाओ ना दीदी अपना खजाना.. प्लीज दीदी… प्लीज… प्लीज… प्लीज…”। मुझे ऐसा करते देख कर उसकी तो हँसी छुट गई और आँखों में डबडबाए हुई आँसू गायब हो गए। विभा अब खिलखिला कर हँस दी। मैं अब और ज्यादा बच्चए की ऐक्टिंग करते हुए बोला, “मुझे तुम्हाला (तुम्हारा) दुद्दू (दुद्धू) पीना है… मम्मी अपना दुद्दू(दुद्धू) मेले(मेले) मुँह में दो ना… मुझे निप्पल चुस के दुद्दू (दुद्धू) पीना है… मुझे भूख लगी है… ऊंऊंऊं..ऊंऊंऊं…”। मैंने रोने की ऐक्टिंग की तो विभा की हँसी और जोर हो गई। सिर्फ़ दो मिनट में उसका मूड पूरा से बदल गया था। अपनी हँसी को काबू में करते हुए वो अब बोली, “वोहो मेले(मेरे) प्याले(प्यारे) बेते(बेटे)… भुख्खु-भुख्खु…. आ जाओ दुद्दू(दुद्धू) देती हूँ और उसने सच में अपना दायाँ चुच्ची अपनी हथेली से पकड़ करके मेरी तरह आगे बढ़ा दिया और मैंने बिना समय गवाँए उसकी गुलाबी निप्पल अपने होठों में जकड़ के सही में चुभलाने लगा था। वो उम्मीद कर रही थी कि मैं एक बच्चे की तरह चुसुँगा पर मैं तो एक प्रेमी की तरह उसके चुचियों से खेलने लगा था और वो भी अब सिसकी लगाने लगी थी। जवानी की आग में उसका बदन तपने लगा था पर वो थी की पिघल हीं नहीं रही थी। कुछ समय बाद मैं फ़िर से अलग हो कर अपनी पुरानी बात पे आ गया, “मम्मी.. अब अपना बूल(बूर) दिखाओ ना प्लीज”। विभा को अब ऐक्टिंग में मजा आने लगा था तो भी बोली, “गन्दी बात… मम्मी की वो सब नहीं देखते… गन्दी बात होती है।” मैं बोला, “पल(पर) पापा को तो तुम दुद्दू(दुद्धू) भी पिलाती हो और अपना बूल(बूर) भी चातने(चाटने) देती हो… मुझे तो सिर्फ़ देखना है एक बाल(बार)।” विभा बोली, “वो तुम्हारे पापा हैं बेटा, उनका हक है… वो तुम्को पैदा किए हैं…”। मैंने आगे कहा, “मुझे सब पत्ता है… वो तुमको चोदे हैं तब मैं पैदा हुआ हूँ…”। मेरा मन अब ज्यादा रुकने का नहीं था सो मैंने अब सीधे-सीधे कहा, “दिखाओ ना विभा… क्या ड्रामा कर रही हो… इतने से कम रीक्वेस्ट में तो विनीत अपनी कमसीन बेटी को मेरे सामने नंगा करके खड़ा कर देता। विभा भी अब अपने हाथ कमर पर ले जाकर अपनी पैन्टी में ऊँगली फ़ँसा कर बोली, “छी भैया… कैसे हैं आप, विनीत भैया की बेटी तो अभी बिल्कुल बच्ची है”। मैं विभा की नंगी हो रही बूर पर नजरें टिकाए हुए बोला, “ऐसी बच्ची भी नहीं है अब, नींबू जितनी हो गई है उसकी छाती… विनीत का कहना है कि एक साल लगेगा नींबू को संतरा बनने में… और मैं कह रहा हूँ कि तीन महीने में दीपा की छाती संतरे जितनी हो जाएगी… १००० रु० की शर्त लगी है हम दोनों में।” विभा अब अपना नंगापन भुल गई और बोली, “कितना गन्दा सोचते हैं आपलोग… बेचारी को पता भी नहीं होगा और आप दोनों दोस्त अभी से…”। मैंने अब विभा से कहा, “छोड़े दीपा को… अभी उसको तैयार होने में समय लगेगा… तुम तो तैयार माल हो मेरी रानी”। मैं उसकी झाँटों से भरी बूर पर नजर टिकाए हुए था। वो अभी भी हमारे शर्त के बारे में सोचते हुए बोली, “बेचारी दीपा… अभी गोद में खेलने की उम्र है उसकी और आप दोनों उसकी जवानी पर शर्त लगाए बैठे हैं”। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने कहा, “तेरह पार है… टीनएजर है अब एक साल से… और गोदी में तो लड़कियों को मर्द-लोग उम्र भर खिलाते हैं… आओ मेरी गोदी में मैं तुम्हें बीस की उम्र में भी गोदी में खिलाऊँगा… और जब तीस-चालीस की हो जाओगी तब भी… एक बार टीनएज में लड़की आई कि वो माल हो गई मर्दों के लिए”। मैंने हाथ पकड़ कर विभा को अपनी तरफ़ खींचा और फ़िर हल्के से घुमा कर उसको अपनी गोद में बिठा लिया। मैं बिस्तर के किनारे पैर नीचे लटका कर बैठा था और विभा मेरी गोद में ऐसे बैठी जैसे कुर्सी पर बैठी हो। उसका पीठ मेरे सीने से सटा था और मेरा लन्ड उसकी चुतड़ की फ़ाँक से दबा हुआ था। मैं अपने बाएँ हाथ से उसकी चुच्चियों को संभाले हुए था और दाहिने हाथ से उसकी झाँटों को सहला रहा था। कम-से-कम तीन इंच जरुर था झाँट सब, और वो खुब फ़ैला हुआ नहीं था। सब-का-सब बूर की फ़ाँक के इर्द-गिर्द हीं जमा हुआ था और फ़ाँक का कुछ अंदाजा नहीं चला, वो शायद अपना जाँघ भींच कर रखे हुए थी। मैंने उसको हल्के से अपने गोदी से उतारा और फ़िर बिस्तर पर लिटा दिया और उसके कमर के पास पालथी मार कर बैठ गया। विभा का छोटा सा ४’-१०” का गोरा-चिट्टा नंगा बदन मेरे सामने बिस्तर पर फ़ैला हुआ था और मैं टकटकी लगाए उसकी फ़ूली हुई बूर के ऊपर उगे ३-४” के काले-काले घुंघराले झाँटों पे नजर जमाए हुए था। मेरे मुँह से निकला, “क्या माल है यार… बहुत सुन्दर हो विभा… मेरी प्यारी बहना…”। विभा मेरे मुँह से अपनी बड़ाई सुन कर फ़ुली ना समाई और कहा, “मेरी लम्बाई ही तो कम है…५ फ़ीट भी नहीं है”। मैंने कहा, “ऐसी कम भी लम्बाई नहीं है तुम्हारी…. और फ़िर लड़की की जवानी लम्बाई में नहीं, उसके चुच्ची और बूर में बसती है। प्रभा और स्वीटी का तो देखी हो ना कैसा छोटा है चुच्ची उन दोनों का। मैंने बताया था न कि हर मर्द लड़की के बदन पर नजर डाल कर सबसे पहले उसकी चूच्ची हीं नापता है अपने दिमाग में और तुम्हारी तो जबर्दस्त है ३०”/९०से०मी०… एकदम सही है किसी माल के लिए। अब जाँघ खोलो अपना तो बूर देखें”। उसने अपनी जाँघ फ़ैला दी। मैंने अपनी दाँई हथेली से उसकी बूर को टटोला और बोला, “माय गौड… कितना गर्म है रे तुम्हारा… इस्स्स्स… हाथ जल जाएगा”। मैंने हाथ जल्दी से हटाया, तो वो मेरी इस स्टाईल पर हँसी और बोली, “क्या सच में…”। मैं भी उसी तरह बोला, “सच नहीं तो क्या मैं मुच बोलुँगा…” और मैंने अब अपना चेहरा नीचे झुका कर उसकी झाँट से आ रही कसैले गंध को खुब प्यार से महसूस किया। उसे लगा की मैं वहाँ चाटुँगा, सो वो हड़बड़ा कर बोली, “चाटिए नहीं भैया… पेशाब वगैरह लगा रहता है उसमें गन्दा है अभी”। मैंने उसको समझाया, “पगली…. चाटेंगे तभी तो सुरसुरी होगा तुम्हारे बदन में और मजा मिलेगा… और एक बात सेक्स में कुछ गन्दा नहीं होता है। वैसे भी जिसको प्यार किया जाए वो गन्दा कैसा… यह छेद तो हर मर्द को सिर्फ़ मजा देता है। मर्द चाहे कोई हो पति हो, ब्वायफ़्रेन्ड या भाई या कोई और…” कहते हुए मैं उसके जाँघ को और खोल कर अपना एक ऊँगली उसकी फ़ाँक पर चला कर उसके बूर के गीलेपन से गीला हुए ऊँगली को मैंने उसको दिखाते हुए चाटा… कसैला-खट्टा सा स्वाद मिला हल्का सा मुझे और मेरा लन्ड एक ठुनकी मारा और झड़ गया। लण्ड से निकला पिचकारी विभा की जाँघ पर फ़ैल गया। विभा इस पर कुछ खास ध्यान नहीं दी या शायद उसके खुद के सनसनाते हुए बदन में उसको इस्का पता हीं नहीं चला कि क्या हुआ है। मैं गौर कर रहा था कि विभा के पूरे बदन से बाल साफ़ थे, शायद उसने हाल में हीं हेयर-रिमुवर लगाया था… बस सिर्फ़ झाँट हीं इतनी बड़ी-बड़ी थी कि क्या बताऊँ। मैंने जब यही बात विभा को बताई तो वो बोली, “वहाँ का बाल कभी साफ़ हीं नहीं की हूँ। शुरु-शुरु में मम्मी से बोली थी तो वो कही कि अभी से बाल साफ़ करोगी तो सब बाल कड़ा हो जाएगा। प्रभा दीदी तो शुरु से बाल साफ़ करती थी पापा के रेजर से, मैं मम्मी की बात मान लेती पर वो चुरा-छुपा के बाल साफ़ कर लेती थी। वो कहती थी, कि उसको बाल अच्छा नहीं लगता है… पर मुझे तो कभी कुछ खास परेशानी नहीं हुई सो क्यों साफ़ करती। अब तो आदत हो गया है”। मैं यह सब सुनते हुए उसकी पेट और नाभी से खेल रहा था और बीच-बीच में कोई चूची मसल देता तो वो बोलते-बोलते रुकती और एक हल्की सी कराह उसके मुँह से निकल जाती। मैंन अब उसकी गहरी नाभी में अपनी जीभ घुमा रहा था और उसको गुदगुदी लग रही थी तो वो कसमसाने लगी। तभी मैंने उसके जाँघ खोल कर अपना एक हाथ उसकी बूर की फ़ाँक पर चलाने लगा। उसकी बूर पूरी तरह से पनियानी हुई थी। मैंने उसके बूर के पानी से हीं अपना ऊँगली गीला करके उसकी फ़ाँक के ऊपरवाले हिस्से, जहाँ टीट होती है हल्के-हलके मसलने लगा। जल्दी ही उसको समझ में आने लगा कि यह कुछ नया हो रहा है। वो अब जोर-जोर से साँस लेने लगी थी।दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  बीच-बीच में एक मीठी कराह उसके मुँह से निकल जाती। मैंने अपने ऊँगलियों से उसकी फ़ाँक खोली और फ़िर उसकी फ़ूली हुई मटर जितनी साईज के टीट को जोड़ से रगड़ा और वो जोर से चीख पड़ी। उसकी आँखें अब मस्ती से ऊपर की तरह पलटने लगी थी। वो अपने-आप को मेरे गिरफ़्त से छूड़ाना चाहती थी, पर मैं उसके कमर को कुछ ऐसे दबाए हुए था कि बेचारी छुट न सकी। वो अब गिड़गिड़ाई, “भैया अब नहीं…. ओअओह…. अब छोड़ दीजिए”। मैंने मसलना धीमा किया तो वो थोड़ा शान्त हुई। फ़िर मैंने कहा, “विभा, यह तो ट्रेलर था मस्ती का, अब देखना जब मैं जीभ से रगड़ुँगा तब असल मजा आएगा”। फ़िर मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और फ़िर उसकी खुली हुई दोनों जांघों के बीच में बैठ कर उसके बूर पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ को चौड़ा करके उसके बूर की फ़ाँक को पूरा नीचे से ऊपर तक चाटा। बूर का पानी अब मेरे मुँह में घुल रहा था और मैं मस्ती से उसकी कुँवारी, अनचुदी बूर का स्वाद लेने लगा था। अनचुदी बूर का स्वाद लाजवाब होता है… और अगर वो अपनी छोटी बहन की हो तो फ़िर क्या कहने। विभा की सिसकियाँ पूरे कमरे में फ़ैल कर माहौल को शानदार बना रही थी। करीब १० मिनट तक मैं अलग-अलग तरीके से मैं बूर चुसा तब जा कर वो झड़ गई और मेरे मुँह में कसैले-खट्टे स्वाद पानी सब ओर लिपस गया। झड़ने के बाद वो शान्त हो गई थी और लम्बे-लम्बे साँस ले रही थी। मैं अब उसकी बूर पर से उठा और उसके चेहरे पर नजर डाली। आँख बन्द करके वो निढ़ाल सा बिस्तर पर फ़ैली हुई थी। मैंने विभा की बूर के पानी से लिथड़े हुए अपने होठ विभा के होठ से सटा कर उसको चुमना शुरु किया। मैं बोला, “चाटो न मेरा होठ विभा…”। आँख बन्द किए हुए हीं वो होठ चाटी तो उसको भी अपने बूर के स्वाद का पता चला शायद… बुरा सा मुँह बनाते हुए वो अपना आँख खोली और कहा, “उः… कैसा स्वाद है… पेशाब जैसा लग रहा है… छीः”। मैंने हँस कर कहा, “तुम्हारे बूर का स्वाद है…तुमको खराब लग रहा है”। विभा बोली, “छीः… कैसे आप उसको इतना देर से चाट रहे थे। बहुत गन्दे हैं आप भैया”। मैं बोला, “ज्यादा बोली तो मुँह में लौंड़ा पेल देंगे, समझी जानूं….” और एक जोर का चुम्मा उसके होठ पर जड़ कर मैंने पूछा, “चुद्वाएगी क्या मेरी प्यारी बहना…?” मैं अपना लन्ड सहला रहा था। वो बोली, “धत्त….” और ऊठ कर बैठ गई और अपने कपड़े पहनने लगी। मैं समझ गया कि अभी ज्यादा तेजी बेकार है सो मैं भी अब जिद छोड़ दिया। मुझे यकीन था कि जल्द हीं विभा अपना सील मुझसे हीं तुड़वाएगी।दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अपने घर का माल थी सो हड़बड़ी में काम बिगड़ भी सकता था तो मैं भी अब अपना बरमुडा उठा लिया। विभा ब्रा-पैन्टी पहनकर अपना सलवार-कुर्ती ले कर अपने कमरे की तरफ़ चल दी। मैंने कहा भी कि मेरे साथ ही सो जाए, तो वो बोली कि नहीं सुबह रीना (मेरे घर की कामवाली बाई) आएगी। साढ़े बारह के करीब हो चला था तो मैं भी सोने की तैयारी में लग गया। कहानी जारी रहेगी….

मस्त मस्त कहानियां

69Adult JokesAntarvasnaBengali Sex KahaniEnglish Sex StoriesFingeringGroup SexHindi Sex StoriesHome SexJanwar Ke Sath ChudaikamasutraMaal Ki ChudaiMarathi Sex Storieshindisexstories.autocamper-service.ru Ki Sex KahaniyaMom Ke Sath Lesbian SexNanVeg JoksNanVej Hindi JoksPahli Bar SexSanta Banta JoksSex During PeriodsSex With DogTamil Sex StoryUrdu Sex StoriesWhatsapp Jokesआन्टीउर्दू सेक्स कहानियाकुँवारी चूतकॉल बॉयखुले में चुदाईखूनगर्लफ्रेंडगांडगीली चूतगीली पैन्टीगैर मर्दचाचा की लड़कीचाचा भतीजीचाची की चुदाईचालू मालचुटकुलेचुदासचूची चुसाईचूत चुसाईजवान चूतजवान लड़कीजीजाटीचर चुदाईट्रेन में चुदाईदर्ददेवरदोस्त की बहनदोस्त की बीवीदोस्त की मम्मीनंगा बदनपडोसी दीदीपापा के साथ चुदाईप्यासी चूतबहन भाई चुदाईबहुबहु की चुदाईबाप बेटीबीवी की चुदाईबुवा की चुदाईबेचारा पतिबॉलीवुड सेक्स न्यूज़भाभी की चुदाईभुतही कहानीमम्मी की चुदाईमम्मी चाचामराठी कहानियामराठी सेक्स कथामाँ बेटामाँ बेटीमामा की लड़कीमामा भांजीमामी की चुदाईमैडममौसी की चुदाईमौसी की लड़कीलण्ड चुसाईवीर्यपानससुरसहेलीसाली की चुदाईसील बन्द चूतसेक्स और विज्ञानसेक्स ज्ञानहब्शी लौड़ाहस्तमैथुनதமிழ் செக்ஸ் கதை
hindisexstories.autocamper-service.ru: Hindi Sex Kahani © 2015


"kutte ne choda"सगी बहन की कुल में दर्द उठा और और और मालिस जरी कहानी"mami ki chudai in hindi""jeth se chudi""dog antarvasna"भाभी ने बाथरूम में वीर्य पिया इमेज"behan ki chudai ki""bhai bahen sex story""risto me chudai hindi story""hindi sexy kahaniya maa bete ki""antarvasna bap beti""garib aurat ko choda""maa ki adla badli""kutte se chudai hindi"biwi ki galati se sali ko choda"mastaram hindi sex story""mastram sex kahani""marathi sexy kahani"मस्तराम मस्तराम द्वारा लिखी गई सेक्सी कहानियां भाई बहन की"bollywood actress ki chudai story"e1.v-koshevoy.ru"group hindi sex story"chudai story in hindi"chote bhai se chudai""maa bete ki chudai ki kahani"punjabisexstorybidhwa ki chudayi Hindi story"antarwasna .com""sagi bhabhi ki chudai"Antarvasna"hindi sex kahani maa"औरत अपनी चूता पर कपड लगाती हे या कुछ ओर"mom ki chudai ki kahani""didi ke sath suhagraat""romantic chudai kahani"आदमी सो रहा था ओर उसकी पत्नी ने उसका लंट अपनी चोत मे लीजिए पोरन बिडियो पंडित जी कामुक कहानी"sex story marathi com""mastram dot com""maa ko pataya"kamukata.comमस्तराम की मस्तीभरी बुर चुदाई की कहानी |"मस्त कहानिया""bahu ki chudai ki kahani"mastram sex story"gujarati chudai kahani"আমাকে রাতে চুদছে তোর বাপ"beti ki gand""marathi porn stories""मराठी संभोग कथा""bollywood actress ki chudai kahani""hindi sxe stores""sexy story in marathi language""maa ki chudai ki kahaniya""jija sali ki chudai kahani""animal sex hindi kahani""gujarati sex stories""baap beti sex story""maa beti ki chudai ki kahani""sali ka doodh piya"बाबाजी ने मुझे मालीश कर चोदा"मराठी हैदोस कथा""chachi ki chudai sex story"करशमा की चुत दुध"sunny leone sex story hindi"চটি বাংলা"jija sali sex story""animal hindi sex story""chudakkad family"मेरी कुवांरी चूत को वीर्य से भरा"hindi sex kahani maa beta"চুদা চুদির সত্য কথাदीदी और सहेली के साथ चुदायीअजब गजब सेक्रस हस्य"chudakad pariwar"indian risto me chudai stories"kamasutra kathaigal in tamil language"मम्मी को रगड़कर पेला"behan bhai ki sexy kahani""नौकरानी की चुदाई""sasur bahu ki chudai kahani"लड़कियों की योनि में लिंग घुसाकर सो सकते है क्या "free antarvassna hindi story""bap beti chudai story""maa ki adla badli"स्तनों को मसलते चूमते और चुदाई करते मर्द"mummy ki chudai dekhi"vidva.didi.k.gand.marna.k.khani"antarvasna maa beta story""nandoi se chudi"Lund chutकी sexy कहानीयाँ "kamasutra kahani""saxy kahania""antarvasna hindi store""meri chudai kutte se"bolte kahanisexi.com