प्रेषक: अमरजीत
मेरी बीवी की चुदास-1 | मेरी बीवी की चुदास-2 | मेरी बीवी की चुदास-3 | मेरी बीवी की चुदास-4
अभी तक आपने पढ़ा .. राजबीर ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वो श्रेया को देख कर उसे जोर जोर से हिलाने लगा ! उसका भी काफी तंदरुस्त लंड था ! श्रेया ने एक नज़र उसके लंड की तरफ देखा और फिर से वो अपनी चुदाई में खो गयी ! प्रवीन के झटके अब तो बिलकुल उफान पर थे अब शायद उसका स्खलन होने वाला था ! श्रेया ने कस कर उसकी पीठ पर नाख़ून गड़ा लिए और प्रवीन से चिपक गयी श्रेया का पानी निकल चूका था !……उसके आगे ….प्रवीन भी उसके बाद दस बारह झटकों में श्रेया की चूत के अन्दर ही ढेर हो गया ! और अपना लंड उसकी चूत में ही डाल कर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा ! उधर राजबीर भी अपने लंड की पिचकारी श्रेया को दिखा कर निकाल चूका था ! हालाँकि राजबीर ने सिर्फ श्रेया के चुचे ही द्देखे थे क्योकि उसका निचे का हिस्सा नंगा तो नहीं था हाँ उसकी साड़ी ऊपर तक थी उसकी नंगी जांघें और उसके जमीन पर पड़े चूतडों का कुछ हिस्सा ही राजबीर की आँखों के सामने था और श्रेया की चूत के ऊपर तो प्रवीन था ही ! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब जब सब ख़तम हुआ तो श्रेया ने प्रवीन को अपने ऊपर से उठाया और अपनी साड़ी नीचे की अपने ब्रा को वापस ठीक किया और अपने ब्लाउस के हुक लगाने लगी ! फिर पता नहीं राजबीर ने उसे धीरे से कुछ कहा !जिस का उसने कुछ जवाब नहीं दिया ! वो खड़ी होकर अपनी साड़ी को ठीक करने लगी पसीने से श्रेया का बुरा हाल था सुनदर अपनी पेंट पहन चूका था श्रेया ने उससे कुछ कहा तो उसने अपना रुमाल श्रेया की तरफ बड़ा दिया ! श्रेया ने राजबीर से शायद बाहर जाने को कहा पर वो भी वही अड़ गया फिर प्रवीन के कहने पर वो बाहर गया तो श्रेया ने प्रवीन के रुमाल से अपनी साड़ी को उठा कर वही अपनी चूत में प्रवीन का माल साफ़ किया और रुमाल को वही फेंक कर वह से बाहर चली गयी ! प्रवीन भी उसके पीछे वहां से बाहर चला गया ! मैंने भी कुछ देर वही इंतज़ार किया और जब मुझे यकीं हो गया की अब वो जा चुके होंगे तो में भी वहां से नीचे उतर आया ! प्रवीन भी जा चूका था ! वहां सिर्फ राजबीर था !
मुझे देखते ही वो मेरे पास आ गया मैंने उसे फिर एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा की ये बात कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए की में यहाँ आया था और मैंने सब कुछ देखा था !
अब मेरा एक सपना तो पूरा हुआ श्रेया को चुदते हुए देखने का पर उसमे भी कमी ये रह गयी की श्रेया को जल्दबाजी में चोदा गया था या फिर कपडे पहने हुए ! और सब कुछ दूर से देखना पड़ा था ! पर तब भी मज़ा तो बहुत आया था ! आदमी की इच्छाए कभी ख़तम नहीं होती एक मिलता है तो दूसरी की करने लगता है श्रेया दो दो मर्दों से चुद चुकी थी और वो भी तबियत से चुदी ! पर अब ये इच्छा हो रही थी काश एक बार वो पूरी नंगी घोड़ी बनकर या कोई और पोज़ में चुदे ताकि मुझे उसकी चूत में जाता लंड दिखे ! श्रेया भी किसी का लंड चुसे और जो कुछ में उसके साथ कर सकता हूँ वैसे ही कोई बिना डर के श्रेया के साथ कर सके !
शाम को में देर से घर आया ताकि श्रेया को शक न हो और वो निश्चिंत रहे की में अपने कहे टाइम पर ही वापस आता हूँ ! आज फिर वही था श्रेया के चाल ढाल से लग ही नहीं रहा था की आज भी वो दो बार चुद चुकी है ! हा ये जरुर था की उसके चेहरे पर आज कुछ ज्यादा ही चमक थी ! उसने आज एक ढीला सा कुरता और निचे से एक लॉन्ग स्कर्ट पहनी थी कुरते में उसके स्तन सीधे तने हुए लग रहे थे ! जैसे कुरता फाड़ कर बाहर आने को तैयार हों ! सच में इन दो दिनों की चुदाई में उसका रूप रंग काफी बदल गया था ! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
“और आज क्या क्या शोपिंग की मैडम ने ” मैंने उसको किचन में जाते हुए पूछा !
“अरे कहाँ आज तो जैसे ही में बाज़ार जाने के लिए घर से निकली तो यहीं गली के बाहर मेरी एक पुरानी सहेली मिल गयी ! और हम इतने सालों के बाद मिले तो वो मुझे अपने घर ही ले गयी ” श्रेया के झूठ में एक आत्मविश्वास था !
“अच्छा कौन थी ” मैंने भी हार नहीं माननी थी !
“थी स्कुल टाइम की दोस्त तुम नहीं जानते , यही पास की कोलोनी में रहती है ” उसने अपने झूठ को सच किया
“चलो अच्छा है तुम्हारा भी दिन का टाइम पास करने के लिए कोई तो मिला ”
“और कल दिन का खाना भी उसकी के घर पर है उसने इतने जोर देकर कहा में मना नहीं कर सकी”
मतलब कल का दिन भी चुदाई का प्लान है इसका अरे यार कल में कैसे देख पाउँगा कल तो ऑफिस जाना जरुरी है आज तो वैसे भी छुट्टी हो गई है !
“हा हा क्यों नहीं जरुर जाओ”
बातें करते करते हमने खाना खाया और हम लेटे लेटे बातें करते रहे कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला
सुबह उठा तो श्रेया नहा कर फ्रेश थी चेहरे पर वही चमक, आज श्रेया जरुर अपनी चुदाई का प्लान बना चुकी होगी ! पर आज तीनो में से किसके साथ प्लान होगा अब तो विनय बचा है शायद आज वही हो !
में ऑफिस के लिए निकल पड़ा ! ऑफिस पहुच कर भी मन वही लगा हुआ था , काम में मन ही नहीं था ध्यान वही था की श्रेया अब क्या कर रही थी ! मैंने फोन किया तो वो अभी घर पर ही थी और दिन में अपनी सहेली (जो है ही नहीं) के घर जाना था ! मैंने उसे बता दिया था की जब भी जाये तो मुझे जरुर बता दे !
और दिन में श्रेया का फोन आया भी था बताने के लिए सच में मेरे दिल की धड़कन बड़ गयी थी ! मैंने अंदाज़ा लगाया श्रेया के घर से निकलने और पार्क तक पहुचने का टाइम और उसी दौरान मैंने फोन मिलाया तो उसने यही कहा अभी सहेली के घर जा ही रही हूँ और एड्रेस ढूंड रही हूँ ! मैंने जान बुझ कर उसकी हैल्प करने के इरादे से उसे बार बार फोन करता रहा ! मन तो कर रहा था की अभी छुट्टी करके वहां पहुच जाऊ ! पर मुश्किल था मेरे ऑफिस में न होते हुए बहुत नुक्सान हो सकता था !
आप मेरी हालत का अंदाजा लगा ही सकते हो, जिसको पता है की उसकी बीवी कहीं चुदाने जा रही है और में चाह कर भी उसको रोक नहीं पा रहा हूँ ! बस इच्छा ये हो रही थी की एक बार उसे फिर से चुदते हुए देख लूँ !
आखिरकार उसने बता ही दिया की वो अपनी दोस्त के यहाँ पहुच ही गयी है और यहाँ उसकी भी और सहेलियां है तो वो अभी फोन का जवाब नहीं दे सकेगी इसलिए यहाँ से फ्री होते ही वो मुझे फोन करेगी !
बस अब तो चुदाई शुरू हो चुकी होगी ! इस बार उसे कौन चोद रहा होगा कहाँ चोद रहा होगा वही पम्प हॉउस में या कहीं और कैसे चोद रहा होगा, कितने चोद रहे होंगे ! सोच सोच के मेरा लंड तन कर रह जाता बेचारा ! मैंने फोन मिलाया तो वो बंद था ! बस अब तो रज़िया फस गयी गुंडों में ! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
किसी तरह तीन घंटे बीते होंगे में लगातार श्रेया का फोन ट्राई करता रहा पर वो बंद मिला ! अचानक उसका फोन आया ! मैंने झट से उठा लिया और इस तरह से बात की में ज्यादा उत्सुक नहीं था !
” हैल्लो सोरी यहाँ थोड़ी सिग्नल की प्रॉब्लम है न इसलिए मैंने फोन ही बंद कर दिया था ” श्रेया का पहला बहाना यही था !
“कोई बात नहीं जान मैंने फोन कोई मिलाया था तुन्हें ” मैंने भी बहाना बनाया
“और यहाँ इतने दोस्तों के बीच में इतना मज़ा आ रहा था की वक्त का पता ही नहीं चला ”
मेरा माथा ठनका इतने सारे! कही तीनो एक साथ तो नहीं चढ़ गए श्रेया पर ! पर तब भी मैंने पूछा
“इतने सारे मतलब ”
“मतलब रेनू की और भी सहेलिया है न यहाँ पर ” उसकी सहेली का नाम रेनू था
“अच्छा जान अब कब तक घर जा रही हो में भी अभी एक घंटे में घर पहुच रहा हूँ ”
“आपके पहुचने से पहले में पहुच जाउंगी ”
मैंने तय किया की घर जाने से पहले आज सुजीत से पार्क में मिलकर जरुर आना है ! उसे कुछ न कुछ जरुर पता होगा ! ऑफिस से निकल कर में सीधा पार्क में पहुच गया ! सुजीत को ज्यादा तलाश नहीं करना पड़ा वो वही पम्प हॉउस के पास बीडी पीता मिला ! मुझे देखते ही वही से मुस्कुराता हुआ मेरे पास आ गया ! मुझे उसकी मुस्कराहट को देख कर अपनी धड़कन बड़ती सी महसूस हुई ! न जाने क्या खबर होगी
“और अमर साहब इस टाइम कैसे आना हुआ, अभी तो कोई नहीं है यहाँ !” उसने मुझे आँख मरते हुए कहा
“अरे यार में तुझसे मिलने नहीं आ सकता क्या ” मैंने उसे मस्का लगाया !
“हा क्यों नहीं आ सकते साहब बताओ में क्या सेवा करूँ आपकी ” उसे शायद मुझसे पैसों की उम्मीद थी
“कुछ नहीं यार जब से वो साड़ी वाली बंदी देखी है मेरा तो मुड ही ख़राब हो गया है ! हमेशा उसके ही सपने आ रहे है ” मैंने अपना दुखड़ा रोया दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
“अरे ऐसा है तो प्रवीन भाई से बात कर के अपना भी जुगाड़ कर लो ना ! वो उसे यहीं बुला लेंगे ”
“नहीं यार में नहीं चाहता की मुझे कोई गलत आदमी समझे में शादीशुदा हूँ यार ”
“तो ये बात है तो फिर आप खुद उस से बात कर लो ना”
“कैसे करूँ यार मुझे तो पता भी नहीं वो कहाँ रहती है जो उससे अकेले में बात कर सकूँ ”
“बस इतनी सी बात पहले बता देते तो में आज ही चुपचाप उससे बात कर लेता ”
“क्या……? आज ……वो…वो आज भी आयी थी क्या ?? मुझे सुरसुराहट सी हुई !
“हाँ भाई आज तो और भी माल लग रही थी साली ! आज तो क़यामत थी ”
“अच्छा और कौन लाया उसको आज ”
“भाई आयी तो वो खुद ही थी ! पर गयी वो प्रवीन और विनय के साथ है ”
“गयी मतलब” आज यहाँ कुछ नहीं किया उन्होंने ”
“भाई पहले तो उनका प्रोग्राम बन गया था यही पिलाई करने का उसको अन्दर भी ले जा चुके थे और आज तो मैंने अपना गद्दा भी नीचे बिछा दिया था उनके लिए पर ना जाने क्यों वो कहीं और चले गए ”
“अन्दर कितनी देर रहे वो ”
“भाई प्रवीन और विनय उसे जब अन्दर ले गए तो में बाहर ही था ! अन्दर गया तो देखा दोनों उसे नंगी कर चुके थे ! और विनय भी पानी पेंट खोल रहा था ! ” सुजीत के माथे पर पसीना था
“तो फिर आगे क्या हुआ, उन्होंने चोदा उसे ”
“नहीं भाई मुझे देखते ही साली अपने कपडे पहनने लगी और नाराज़ हो गयी ” उसे अफ़सोस था
“अच्छा क्या पूरी नंगी कर दिया था उसे ” अब तो मुझे सब जानना था !
“भाई बिलकुल नंगी , एक कपडा नहीं था साली के बदन पर ” उसकी गाली देने की अदा मुझे अच्छी लगी !
“और फिर ”
“फिर क्या भाई साली रांड ने कपडे पहन लिए और जाने लगी , तो विनय ने उसे मनाया और कहीं फोन किया पता नहीं किसी को बुलाया था ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
“किसको ”
“पता नही भाई कुछ देर में एक काले शीशे वाली गाडी आयी थी उसमे पता नहीं कितने लोग थे पर ये तीनो उसमे चले गए ”
“कहाँ चले गए ”
“पता नहीं भाई पर वो जाना नहीं चाह रही थी उसे तो ज़बरदस्ती ले गए है , लगता है पैसे दो के दियें होंगे और चढ़ चार रहे होंगे तभी मना कर रही होगी ” वो हँसा
“ज़बरदस्ती कैसे”
“भाई गाडी उन्होंने पार्क के गेट के पास लगा दी जैसे ही रांड बाहर निकली गाडी का दरवाज़ा खुला और पीछे से प्रवीन ने उसको धक्का देकर अन्दर डालना चाह तो उसने मना किया पर विनय ने उसको उठा कर गाड़ी में डाल दिया ”
“अच्छा कोई मार पिटाई तो नहीं हुई ना ” मुझे श्रेया की चिंता हुई !
“अरे नहीं भाई जब विनय ने उसको उठाया तो साली हंस रही थी ”
“क्या पहना था उसने ” मैंने कोतहुल से पूछा
” भाई वो कुछ ना पहने तो मस्त लगती है पर उस वक्त उसने सूट सलवार पहना था , सलवार भी बिलकुल बदन से चिपकी हुई थी पूरी गांड की शेप उसमे दिख रही थी !
“अच्छा फिर तुम्हे पता है वो उसे कहाँ ले गए ”
“नहीं भाई पर प्रवीन भाई की बहुत जान पहचान है यहाँ किसी भी होटल या किसी नेता के बंगले पर जा सकता है वो कई बार घस्तियों को उसने कोहिनूर होटल में पेला है क्या पता वही ले गया हो उसको भी”
“चाल अच्छा में चलता हूँ ये रख और कोई खबर उस घस्ती के बारे में मिले तो बताना और हाँ मेरे बारें में किसी को पता नहीं चलाना चहिये ठीक है ” मैंने सुजीत को एक सौ का नोट पकड़ते हुए कहा !
“नहीं चलेगा भाई पर एक बार मुझे भी जरुर दिलाना उस रांड की, साली की चूत का एक एक बोल्ट ढीला कर दूंगा !
“हा हा अब ठीक है ”
यार क्या हुआ होगा आज श्रेया के साथ किस किस ने चोदा होगा, जब पम्प हॉउस में नंगी हो सकती है तो कमरे में तो क्या क्या किया होगा उसके साथ कितने लोग लेटे होंगे उसके ऊपर कहीं गाड़ी में ही तो नहीं चोदा होगा उसको ! सोच सोच के बुरा हाल था ! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
घर पंहुचा तो श्रेया अपनी नेट वाली मेक्सी पहन कर फ्रेश मुड में थी उसे देख कर नहीं लगा की उसका गेंग बेंग हुआ होगा क्या आज श्रेया की गांड भी मारी होगी पर उसकी चाल से तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था ! मैंने अपने कपडे बदल कर बाथरूम में गया, वहां मैंने वाशिंग मशीन में उसकी पेंटी तलाश की, पेंटी बिलकुल सुखी हुई थी मतलब एक भी दाग नहीं था मतलब जब भी कमरे में रही बिना कपड़ों के रही और चूत को अच्छी तरह से धो कर पोंछ कर पेंटी पहनी थी !
बाहर उसके सूट सलवार भी बिलकुल क्लीन थे कोई सलवट नहीं कोई दाग नहीं, सच में एक मौका और खो गया उसको नंगी चुदती हुई देखने का ! कुछ एसा हुआ की में अपनी कंपनी के कम से ३ दिनों के लिए बहार चला गया..जब में
वापिस आया तो मेने देखा श्रेया कुछ बदली बदली सी है .वो बड़ी मस्त लग रही
थी..मेने सोचा की मेरे पीछे से क्या हुआ है जो श्रेया इतनी मस्त है.. मेने देखा की उसकी dairy बेड पर पड़ी है.मेने सोचा की श्रेया dairy भी लिखती है..मेने उसके पेज को पलटना शुरू किया तो आखरी पेज पर आते आते में चोंक गया..श्रेया ने मेरे बहार जाते ही फ़जल को घर बुला लिया था और उसने उसके साथ जमकर चुदाई की थी उसकी देरी के उन पेज को में वेसे का वेसा लिख रहा हु .अमर के जाते ही मेने फ़सल को फोने किया और उसे घर आने को कहा..पलक झपकते ही फ़जल घर आ गया…..कुछ देर हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे, फिर मैंने अपने होंट उसके होंटों से मिला दिए और चूसने लगी । करीब दस मिनट तक उसने भी मेरा साथ दिया। चूसते-चूसते उसका एक हाथमेरी चूचियों को और दूसरा हाथमेरी गांड को सहलाने लगा।उसका लंड पैंट के अंदर तूफान मचा रहा था, ऐसा लग रहा था कि पैंट फाड़ कर बाहर निकल आएगा। मैं कुछ देर उसके बदन की खुशबू लेती हुआ वहीं पड़ी रही …. उसने कहा- मेरे बदन में सिहरन दौड़ रही है ! प्लीज़ कुछ करो … फ़िर उसने मेरे टॉप को निकाल दिया। मैं बहुत ही प्यार से अपने कपड़े उतरवा रही थी और वो मुझे चूमे जा रहा था .. अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा-पैंटी ही थी …. उसने मेरे बदन पर मेरी निगाह डाली तो देखता ही रह गया ..गुलाबी बदन चमक रहा था !में इतनी सेक्सी लग रही थी वो कि उसे ख़ुद पर कंट्रोल पाना मुश्किल था, लण्ड बेहद तन गया था और दर्द कर रहा था। मगर अभी कुछ करना, बना बनाया खेल बिगाड़ना सा लगता था …. तो वो फ़िर सेमुझे चुम्बनों से नहलाने लगा। स्तनों से अब थोड़ा नीचे आया, मेरे समतल पेट को चूमा और अब मेरी नाभि की ओर बढ़ा। अपनी जीभ को घुमाया मेरी नाभि में और चाटना शुरू किया ! हौले-हौले नाभि के आस पास जीभ को गोल गोल घुमाते हुए उसे चाट रहा था …उसके बदन में गर्मी बढ़ रही थी ….वो दबे मुँह सिसकियाँ ले रही था और उसका काला सा बदन मचल रहा था। मगर अब भीमें चुपचाप मजे ले रही थी कोई हरकत नहीं कर रही थी …. वो चूमते हुए धीरे धीरे नाभि के नीचे पहुँचा और अब उसका मुँह मेरी पैंटी के ऊपर था …पैंटी से ही उसने चूत को चूमा और मुँह को दबाया मेरी चूत पर और तब मैंने देखा कि उसका बदन तेजी से मचल रहा है …. उसने धीरे से मेरी पैंटी को नीचे सरकाया …वाह क्या गुलाबी चूत थी मेरी … बिल्कुल साफ़ सुथरी और थोड़ी सी नम ! ऐसा लगता था मानो गुलाब की पंखुड़ियों से बनी हुई है मेरी चूत जो उसकी काली सी चिकनी जांघों के बीच सोई पड़ी थी, आज जाग गई है … उसने चूत की ऊपर की किनारी से चूमना शुरू किया और गोल गोल मुँह को घुमाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा …बहुत ही मीठी खुशबू मेरी चूत से आ रही थी और वो पागल हुए जा रहा था …मेरी चूत के बीच के हिस्से मेंवो चूम रहा था …चूत गीली हो गई थी और फ़ूल गई थी …बीच का रास्ता खुलता हुआ नजर आ रहा था और उसमें से चूत की गहराई झलक रही थी …. मैंने अपना कंट्रोल खोते हुए दोनों हाथों से चूत को फैला दी और उसने चूत में जीभ घुसेड़ दी और चाटने लगा और चाटते हुए मेरी गांड को सहलाने लगा। उसी वक्त मैंने उसके लण्ड पर उसके हाथ को महसूस किया और वो जोर जोर से चूत चाटने लगा, जीभ को पूरा चूत में घुसेड़ दिया और हिलाने लगा। उसका लण्ड पैन्ट से बाहर आ चुका था और अब उसके हाथों में खेल रहा था। अब मुझे कोई परेशानी नहीं थी,में पूरी तरह बेताब और तैयार थी चुदाने को ! मैं अब धीरे से ६९ की पोसिशन में आ गयी और उसके लण्ड को अपने मुँह के पास कर दिया … लण्ड को इतना करीब देख के मुझसे भी रहा नहीं गया और चूत को चटाती रही और लण्ड को अपने मुँह में ले लिया …ऐसे चाट रही थी मानों जन्मों की प्यासी हो और खा जाने वाली हो लण्ड को ! ….अब मैं अपनी पूरी रवानी में थी उसका लण्ड मेरे मुँह में चुदाई कर रहा था और वो मेरी चूत को जीभ से चाट रहा था ….उसने जीभ के साथ अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में घुसेड़ दी और चुदाई करता रहा। साथ साथ एक ऊँगली मेरी गांड में भी घुसेड़ दी। वो मस्ती से गांड मार रहा था, चूत चोद रहा था और लण्ड चुसवा रहा था …मानो वो जन्नत की सैर कर रहा था ….मेरेको चोदने की उसे कोई जल्दी नहीं थी क्यूंकि एक दो बार ऊँगली से चोद के मेरी चूत को मस्त बना के फ़िर चोदना था मुझे …. बहुत तेज रफ्तार से गांड और चूत की चुदाई हो रही थी और में भी लण्ड को टट्टों से टिप तक चाट रही थी। कभी एकदम से लण्ड को मुँह में ले के आगे पीछे कर देती थी ….ऐसे ही कुछ पल गुजरे और हम दोनों झड़ गए ….. अब मैं उसकी बगल में आगयी और उसके साथ ही लेट गयी । चँद मिनटों में मैंने उसके हाथ को अपने बदन को सहलाता पाया और मैं भी उसके बदन को सहलाने लगी ..मैं बहुत ही प्यार से उसके बदन को सहला रहा थी । अपने पाँव मैंने उसके पाँव पर जमा दिए थे …. हम प्यार में डूबे जा रहे थे ! तभी उसने कहा- अब मैं सिर्फ़तुम्हारा हूँ जान ! जी भर के मेरे साथ जितना प्यार करना है करो !! आई लव यू रानी ….!!! उसने मेरे बदन को जोर से सहलाना शुरू किया और मेरी ब्रा को अब निकाल दिया मेरे मशरूम से बदन परमेरे स्तन क़यामत ढा रहे थे।वो धीरे धीरेउन्हें सहलाने लगा, गोल गोल मालिश करते हुए मेरे स्तनों को मसल रहा था। अब उसके अनछुए होठों पर अपने गरम होठों को रख दिया और चूमने लगी ,वो मेरे स्तन मसल रहा था और होठों का रस पी रहा था,में भी मस्ती से साथ निभा रही थी ! हम दोनों अब होठों से होठों का रस पी रहे थे औरमेरे स्तनों को निचोड़ रहा था वो ! वोमेरी गाण्ड को सहला रही था । दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | वो मेरे बूब्स और होठों पर टूट पड़ा था। धीरे धीरे बूब्स पर जोर बढ़ता गया उसका और अबउसने मेरे चूचुकों को भी चुसना शुरू किया- चूचुकों पर जीभ घुमा रहा थामेरे बूब्सउसके हाथो में मचल रहे थे और वो मेरे चूचुकों के आगे पीछे गोल गोल जीभ घुमाते हुए बूब्स चाट रहा था। ….उसी दौरान उसका लण्ड मेरी चूत पर रगड़ रहा था …मेरी चूत का गीलापन उसके लौड़े पर महसूस हो रहा था, लौड़ा मस्त हुए जा रहा था … बूब्स गोरे से लाल होने चले थे …. उसका लंड बहुत सख्त होते जा रहा था. मैंने ज़िन्दगी में पहली बार किसी मर्द का इतना सख्त लंड पकड़ा था. क्या मर्द था ! कभी ऐसा आनंद नहीं लिया था मैंने ! वो मुझे 69 में करके मेरी चूत चाटने लगा। मेरे दाने को चबाने लगा। मैं पागलों जैसे उसका लण्ड चूसने में मस्त थी। वो जब अपनी ज़ुबान तेज़ करता तो मैं भी लण्ड उतनी तेज़ी से चुसती। थोड़ी देर में मुझे लगा मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है. मै मचलने लगी. उसका सर मेरी चूत पर दबाया.. वो शायद समझ गया. वो जल्दी से उठा और उसने मेरी कमर के नीचे तकिया लगाया और मेरी टांगों के बीच में बैठ अपना लण्ड मेरे दाने पे रगड़ने लगा। मुझसे जवानी की आग सही नहीं गई, मेरे मुंह से निकल गया- ..
कहानी जारी रहेगी …..