मित्रो अपने अभी तक माँ और बहन की चूत चाट कर चुदाई भाग 6 अब उसके आगे …..अब तक उसका खाना बनाने का काम काफ़ी कुछ हो चूका था बाकी काम उस से अब और किया नहीं जाता वो गॅस बूझा देती है | और आँखें बंद किए टाँगे फैलाए कराहती है :” हां शशांक चूस बेटा और चूस | शशांक होंठ अलग करता है | अपनी उंगलियों से चूत की फाँक फैलाता है उफ्फ क्या मस्त चूत है मोम की गीली चमकीली , मुलायम अपनी जीभ फिराता है चाट ता है पूरी लंबाई तक शांति तड़प उठ ती है पानी की नदी बहती है उसकी चूत से उसकी चूत कांप उठ ती है , थरथरा उठ ती है और शांति बोल उठ ती है ” शशांक बेटा अब डाल दो ना अपनी मोम के अंदर , और कितना तड़पाओगे ? शशांक मोम का आग्याकारी बेटा है ना ” हां मोम लो ना मैं तो कब से तैय्यार हूँ
वो उठ ता है स्टूल से , मोम सीधी हो जाती है , दोनों अब आमने सामने हैं शशांक अपनी बॉक्सर उतार देता है मोम की नाइटी सामने खोल देता है और उसे कमर से थामता हुआ मोम को किचन के प्लॅटफॉर्म पर बिठा देता है मोम टाँगें फैला देती है
शशांक टाँगों के बीच अपना तननाया लंड थामे आ जाता है मोम को कमर से जकड़ते हुए उसकी फूली , फूली मुलायम चूत के अंदर लंड डालता है आआआः हाआँ हाआँ शशांक बस करते रहो ” और शांति भी शशांक को उसके कमर से जाकड़ लेती है अपनी तरफ खींचती है .अपना चेहरा उपर कर लेती है उसका चेहरा पूरी तरह शशांक के सामने है शशांक समझता है मोम क्या चाहती है वो अपना चेहरा मोम की तरफ झुकाता है और मोम के होंठों पर अपने होंठ लगाए चूस्ता है बूरी तरह उसके मुँह के अंदर का रस अपने मुँह में लेता है लंड अंदर बाहर हो रहा है ठप ठप , फतच फतच की आवाज़ें आ रही हैं शशांक की जीभ मोम के मुँह में है वहाँ भी चाट ता है | मोम उस से चीपकि है , लंड के धक्कों के साथ अपनी चूतड़ भी उछालती है | उफफफफ्फ़ दोनो एक दूसरे को महसूस कर रहे हैं पूरी तरह , अंदर से भी बाहर से भी फिर मोम , शशांक से और ही चीपक जाती है .बिल्कुल उसके अंदर समान जाने की कोशिश में जुटी है | शांति के चूतड़ झटके खाते हैं उछलते हैं और शशांक को जाकड़ कर उसके लंड को अंदर लिए लिए झड़ती जाती है झड़ती जाती है शांति शशांक का लंड भी मोम के रस से नहला उठ ता है और वो भी झाड़ता जाता है , चूत के अंदर ही अंदर झटके खाता हुआ दोनों किचन के प्लॅटफॉर्म पर एक दूसरे से चीपके हैं शांति की टाँगें शशांक के चूतड़ो को जकड़े है , शशांक की बाहें शांति की कमर से जकड़ी हैं दोनों हाँफ रहे हैं एक दूसरे को चूम रहे हैं चाट रहे हैं फिर सब कुछ शांत हो जाता है
सिर्फ़ दोनों की साँसें और दिल की धड़कनें आपस में बातें कर रही हैं जाने कब तक काफ़ी देर तक शांति और शशांक एक दूसरे में खोए रहते हैं एक दूसरे से लिपटे एक दूसरे की साँसों ,दिल की धड़कनों और जिस्मों को आँखें बंद किए महसूस करते रहते हैं
तभी शिवानी के कमरे से कुछ आहट सुनाई पड़ती है , शांति चौंक पड़ती है और शशांक को अपने से बड़े प्यार से अलग करती है
” उम्म्म मों क्या तुम से अलग होने का जी ही नहीं करता ” शशांक बोलता है
” बेटा , जी तो मेरा भी नहीं करता पर क्या करें ” और वो खड़ी हो जाती है अपनी नाइटी ठीक करती है .शशांक से अलग होते हुए कहती है “लगता है शिवानी उठ गयी है उसे जोरो की भूख लगी होगी तुम भी हाथ मुँह धो कर आ जाओ मैं भी बाथरूम से आती हूँ , फिर हम सब साथ डिन्नर लेंगे ” शांति , शशांक के गालों को चूमते हुए बाहर निकल जाती है शशांक भी अपने रूम में चला जाता है फ्रेश होने जैसे बाहर निकलता है बाथ रूम से , उसके कमरे में शिवानी आ धमकती है
” सो हाउ वाज़ दा शो भाय्या ?” एक शैतानी से भरी मुस्कान होती है उसके चेहरे पर
” जस्ट ग्रेट शिवानी आंड थॅंक्स फॉर एवेरितिंग , तुम्हारे बिना यह सब पासिबल नहीं था ”
” थॅंक्स क्यूँ भैया .प्यार में हमेशा लेते नहीं कभी कुछ देना भी चाहिए है ना ? अपने लिए तुम्हारा प्यार मोम से शेअर करती हूँ किसी और से थोड़ी ना आख़िर वो मेरी भी मोम हैं ना .आइ टू लव हर सो मच हम सब के लिए कितना करती हैं हम उन्हें इतना भी नहीं दे सकते .? ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है ” वाह वाह क्या बात है आज तो शिवानी बड़ी प्यारी प्यारी बातें कर रही है प्यार और मोहब्बत की .अरे कहाँ से सीखा यह सब ?” शशांक की आँखों में शिवानी के लिए प्यार और प्रशन्शा झलकते हैं
” तुम्हीं से तो सीखा है भैया ”
” मुझ से ??? ह्म्म्म वो कैसे .??”
शिवानी कुछ बोलती उसके पहले ही शांति की आवाज़ सुनाई पड़ती है दोनों को अरे बाबा कहाँ हो तुम दोनों खाना कब से लगा है ठंडा हो जाएगा जल्दी आ जाओ. शिवानी की बात अधूरी रह जाती है | अब चलो भैया पहले खाना खा लें फिर बातें करेंगे , देर हुई तो मोम चिल्ला चिल्ला के सारा घर सर पे उठा लेंगी | शशांक इस बात पर जोरदार ठहाका लगाता है और फिर दोनों हंसते हुए बाहर निकलते हैं डाइनिंग टेबल की ओर खाना खाते वक़्त कुछ खास बात नहीं होती .सब से पहले मोम उठ ती हैं और रोज की तरह शिवानी को बर्तन समेटने की हिदायत दे अपने कमरे में चली जाती हैं उनको सोने की जल्दी थी |
” भैया तुम चलो मैं बस आई “शिवानी बर्तन समेट ते हुए बोलती है
” जल्दी आना शिवानी ” कहता हुआ शशांक अपने कमरे की ओर चल देता है
अपने कमरे में आ कर शशांक लेट जाता है और शिवानी के बारे सोचता है ” आज कल कितना चेंज आ गया है इस लड़की में कैसी बड़ी बड़ी बातें करती है कल तक तो सिर्फ़ हाथ चलाती थी आज दिल और दिमाग़ भी चला रही है ” और उसके होंठों पे मुस्कुराहट आ जाती है दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
तभी शिवानी भी आ जाती है और शशांक को मुस्कुराता देख बोलती है
” ह्म्म्म्मम यह अकेले अकेले किस बात पर इतनी बड़ी मुस्कान है भैया के चेहरे पर ? ”
शशांक की नज़र पड़ती है शिवानी पर उस ने बहोत ही ढीला टॉप और लूज़ और पतला सा पाजामा पहेन रखा था
टॉप के अंदर उसकी चूचियाँ उछल रही थी उसकी ज़रा सी भी हरकत से इतने दिनों में उसकी चूचियों की गोलाई काफ़ी बढ़ गई थी पतले से पाजामे के अंदर उसकी लंबी सुडौल टाँगें और मांसल जंघें बाहर झलक रही थी
शशांक की नज़र थोड़ी देर इन्ही चीज़ों के मुयायने में अटक जाती है
” अरे भैया क्या देख रहे हो . सारी रात तो पड़ी है देख लेना ना जी भर चलो ना पहले अपनी अधूरी बात हम पूरी कर लें ??” कहते हुए शिवानी उसके बगल बैठ जाती है , शशांक उसके और करीब आ जाता है और
अपनी टाँग उसकी कूल्हे और जाँघ से चिपकाता हुआ लेटा रहता है
” ह्म्म्म्म तो बात शूरू करें ? पर तू यह बता के तेरी किस बात का मैं जवाब पहले दूं आते ही सवालों की बौछार कर दी तुम ने ” शशांक पूछता है
” तुम भी ना भैया बस बात टालो मत तुम बस चूप रहो मैं बोलती हूँ मैं बोल रही थी ना के मोम से तुम्हारा प्यार शेअर करना मैने तुम्ही से सीखा है मैं बताती हूँ कैसे .बस चूप चाप कान खोलो और सुनो
और यह अपने हाथों की हरकत बंद रखो ?” और शशांक का हाथ जो उसकी मुलायम और गुदाज़ जांघों को सहला रहे थे अपने हाथ में लेते हुए हटा देती है बड़े प्यार से ” ओके बाबा ओके चलो सूनाओ अपनी राम
कहानी ” शशांक उठ बैठ ता है और पीठ सिरहाने से टीकाए उसकी ओर ध्यान से देखता है
” देखो तुम किस तरह हम दोनों के बीच अपना भर पूर प्यार लूटा रहे हो ? कम से कम मुझे तो ज़रा भी एहसास नहीं होता के तुम मुझे कम और मोम को ज़्यादा प्यार करते हो .तुम में हम दोनों के लिए बे-इंतहा प्यार
है भैया बेशुमार इतना बेशुमार प्यार जो तुम ने मुझे दिया मैं क्या मोम से शेअर नहीं कर सकती इस से मेरे लिए तुम्हारा प्यार तो कभी कम नहीं होगा ना ?? ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
शशांक फिर से शिवानी की बातों से हैरान रह जाता है इतनी बड़ी बात और इतना बड़ा दिल जब की ज़्यादातर औरतें इतनी दरिया दिल नहीं होतीं किसी से भी अपना प्यार बाँट नहीं सकती
” ओह माइ गॉड शिवानी आइ आम इंप्रेस्ड पर शिवानी इतना भरोसा तुम्हें मुझ पे है ??”
” हां भैया मुझे अपने से ज़्यादा आप पर भरोसा है मैं अगर कभी बहेक भी गयी तो मुझे पूरा यकीन है आप मुझे संभाल लोगे ” शिवानी एक तक शशांक की ओर देखते हुए बोले जा रही है
” पर क्यूँ शिवानी ??”
” भैया आप के साथ इतने दिनों से कॉलेज जाती हूँ , वापस घर आती हूँ और फिर आप को कॉलेज में भी देखती हूँ लड़कियाँ आप पर मरती हैं आप की एक नज़र को तरसती हैं पर आप ने आज तक किसी की ओर
आँख उठा कर नहीं देखा .आप चाहते तो एक से एक मुझ से भी ज़्यादा स्मार्ट और सुंदर लड़कियाँ आप की गर्ल फ्रेंड्स होतीं पर इन सब को दर किनार कर दिया आप ने और चुना सिर्फ़ मुझे और मोम को क्या मैं
समझती नहीं .अब अगर मैं आप पर विश्वास नहीं करूँ तो फिर इस दुनिया में किसी पर भी विश्वास करना ना-मुमकिन है .”
शशांक अवाक़ रह जाता है अपनी कल तक गुड़िया जैसी बहेन की बातें सुन उसकी आँखें भर आती हैं
पर उसकी इन बातों ने एक बड़ा सा सवाल खड़ा कर दिया जिसका जवाब किसी के पास नहीं था ना उसके पास ना शिवानी के पास आखीर इस बे-इंतहा प्यार का अंत क्या होगा ?? आखीर कब तक हम इसे निभाएँगे
कब तक ??? दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
शशांक इस सवाल से परेशान हो जाता है .और अपने इस प्यार की बे -बसी पर आँसू बहाता हुआ शिवानी की तरेफ एक टक देखता रहता है .
शिवानी उसकी आँखों में आँसू देख चौंक जाती है .
” अर्ररीईईईई? यह क्या भैया क्या मैने कुछ ग़लत कहा ??आप रो क्यूँ रहे हो ??”
शशांक अपने आँसू पोंछता है और बोलता है
” नहीं शिवानी तुम ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा बस इसलिए तो मैं रो रहा हूँ बहेना ”
” मेरी तो कुछ समझ में नहीं आता भैया मैं तो समझी थी आप खुश हो जाओगे पर यहाँ तो बात उल्टी ही हो गयी ”
” शिवानी .तू जान ना चाह ती है ना मेरी आँखों में आँसू क्यूँ हैं ?? ”
” बिल्कुल भैया ” भैया की आँखों में आँसू देख उसकी आवाज़ भी रुआंसी है
” तो सून क्या तुम ने कभी सोचा है मेरे और तुम्हारे इस बे-इंतहा प्यार का नतीज़ा क्या होगा ?? मेरे और मोम के बीच तो कोई खास प्राब्लम नहीं किसी की भी अपनी जिंदगी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता .पर तुम क्या
जिंदगी भर मुझे ही प्यार करती रहोगी तुम्हारी अपनी जिंदगी भी है ना शिवानी क्या तुम शादी नहीं करोगी ? कब तक हम दोनों यह आँख मिचौली का खेल खेलते रहेंगे शिवानी कब तक बोलो ना बहेना कब
तक ?????”
शिवानी अपने भैया की बात से ज़रा भी परेशान नहीं होती चेहरे पे शिकन तक नहीं आती
शशांक फिर से हैरान हो जाता है अपनी बहेन के रवैय्ये से
” क्यूँ तुम्हारे पास है इसका जवाब ?शिवानी बोलो ना क्या जवाब है तुम्हारे पास ??”शशांक शिवानी के कंधों को झकझोरता हुआ पूछता है
शिवानी शशांक के हाथों को अपने कंधों से अलग करती है उसकी तरफ देखती है थोड़ी देर
और फिर जब उसे जवाब देती है शशांक के पास उसके जवाब का कोई भी जवाब नहीं
उसे इतना तो समझ आ गया शिवानी के जवाब से शिवानी अब गुड़िया नहीं उसने समझ लिया है प्यार एक आग का दरिया है गुड़िया का खेल नहीं !!! शशांक के सवाल से शिवानी ज़रा भी विचलित नहीं हुई थी
बिल्कुल वैसे भाव थे उसके चेहरे पर जैसे उसे इस सवाल का इंतेज़ार था .और जवाब भी उसके पास तैय्यार था
उस ने कहा ” हां भैया शादी ज़रूर करूँगी इस शादी से हमारा प्यार और भी मजबूत हो जाएगा हमारी दूरी भी मिट जाएगी हां बिल्कुल मिट जाएगी ” शिवानी शशांक को एक टक देखे जा रही थी
शशांक उसकी शादी करने की बात से बहोत खुश हो जाता है पर दूरी मिटने वाली बात से थोड़ा चौंक जाता है
शिवानी भाँप लेती है शशांक का चौंकना और फिर बोलती है
“भैया इसमें चौंकने वाली क्या बात है , क्या तुम चाहते हो मैं हमेशा कुँवारी ही रहूं ? ”
“”अरे नहीं शिवानी तू जानती है अच्छी तरह मैं ऐसा कभी नहीं चाहता मैं जानता हूँ तुम भी मोम की तरह अपने पति और मेरे बीच अच्छी तरह ताल मेल बना सकती हो .प्यार बाँट सकती हो .पर यह तुम्हारी दूरी
कम होनेवाली बात से ज़रा चौंक गया था ”
” हां भैया दूरी तो कम होगी ही ना क्योंकि मैने सोच लिया है शादी मैं तुम से ही करूँगी सिर्फ़ तुम से .” शिवानी का चेहरा बिल्कुल शांत था उसकी आवाज़ में एक दृढ़ता थी एक निश्चय था जो काफ़ी सोच
विचार के बाद ही आता है .
शशांक पर मानों बिजली गिर गयी थी पहाड़ टूट पड़ा था
” किययाया ?? क्या कहा तुम ने ज़रा फिर से बोल तो ? मैने ठीक सुना ना ?? ” उसकी आवाज़ में अधीरता , घबडाहट और आश्चर्य के भाव कूट कूट कर भरे थे आवाज़ कांप रही थी
: ” हां भैया तुम ने बिल्कुल ठीक सूना मैं शादी तुम से ही करूँगी वरना मैं जिंदगी भर कुँवार रहूंगी . ” शिवानी का चेहरा बिल्कुल वैसा ही था कोई बदलाव नहीं भाव शून्य
” मुझ से शादी करेगी तू अरे कुछ समझ भी आता है तुझे क्या बक रही है ”
इस बार शिवानी चूप है कुछ नहीं बोलती बस शशांक की ओर देखती रहती है उसकी आँखों में अपने लिए असीम प्यार , तड़प और चाहत की झलक दीखाई देती है शशांक को
शशांक समझ जाता है इसे इतनी आसानी से समझाना मुश्किल है
वो उसके करीब जाता है उसका चेहरा अपने हाथ में बड़े प्यार से थाम लेता है उसके बाल सहलाता है और बोलता है
” देख शिवानी मैं समझता हूँ तेरे दिल का हाल पर बहेना यह कैसे संभव है .अगर यह हो सकता था तो क्या मैं नहीं चाहता तुझ से शादी करना ? शादी की बात छुपाई नहीं जा सकती ना शिवानी सारी दुनिया को
मालूम हो जाएगा आपस में सेक्स की बात छुप सकती है पर शादी की बात? तुम ही बताओ ना ?” शशांक बड़ी नर्मी और प्यार से समझाता है शिवानी को दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
” ह्म्म्म्म तो इसका मतलब हुआ भैया, कि अगर शादी की बात भी अगर किसी तरह छुपाई जा सके तो तुम मुझ से शादी करोगे ?? ” शिवानी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आती है उसे एक बड़ी धीमी और
पतली सी रोशनी की किरण झलकती है
पर शशांक एक बड़ी द्विविधा में फँस जाता है वो कुछ नहीं बोल पाता , चूप रहता हुआ शिवानी की इन बातों का उसके पास कोई जवाब नहीं
” बोलो ना भैया प्लीज़ बोलो ना तुम चूप क्यूँ हो गये ? ” शिवानी उसकी ओर बड़ी हसरत लगाए देखती है
” तू समझती क्यूँ नहीं बहेना ? आख़िर हम सगे भाई बहेन हैं ना ” शशांक बोलता है पर उसकी आवाज़ खोखली है उसमें कोई भी दृढ़ता नहीं कोई वज़न नहीं
” भैया जब तुम सग़ी बहेन को चोद सकते हो उसकी चूचियों से खेल सकते हो उसकी चूत में अपना लंड डाल सकते हो फिर शादी क्यूँ नहीं कर सकते ? क्या तुम्हारा प्यार सिर्फ़ वासना है मेरे शरीर से खेलने का सिर्फ़
एक बहाना है ??”
” शिवानी तू क्या बक रही है यार तेरा दिमाग़ तो सही है ना ” शशांक झल्लाता हुआ बोलता है .
” भैया मेरा दिमाग़ आज ही तो सही है वरना आज तक तो मैं पागल की तरह तुम्हें कुछ और ही समझ बैठी थी ” उसकी आँखों में अब वो प्यार और तड़प नहीं वरन एक बहोत ही निराशा की झलक दीखती है शशांक
को जैसे अपनी जिंदगी से हताश हो गयी हो उसकी ऐसी हालत देख शशांक कांप उठ ता है
और आखरी दाँव चलाता है
” देख शिवानी मोम की तू कितनी इज़्ज़त करती है और प्यार भी है ना ?”
शिवानी हां में अपना सर हिलाती है
” तो फिर तू भी जैसे मोम अपने पति और मेरे बीच अपना प्यार बाँट सकती है तू क्यूँ नहीं ?? शिवानी प्लीज़ समझो ना मेरी बात इसमें सब की भलाई है ” शशांक गिड़गिडाता हुआ बोलता है
” भैया मैं मोम की इज़्ज़त करती हूँ और उनके इस रवैय्ये की भी प्रशन्शा करती हूँ पर मेरे मुझमे और उनमें एक बड़ा फ़र्क है ”
आज शिवानी पूरी तरह तैयार थी उसके पास शशांक की हर बात का जवाब था.
” क्या फ़र्क है शिवानी .??”
” मोम ऑलरेडी शादी-शुदा हैं , बच्चे हैं .उनके पास कोई चारा नहीं पर मेरी तो शादी नहीं हुई है ना और शयाद मोम को भी अगर तुम उनकी शादी से पहले मिलते ना भैया तो वो भी वोही करतीं जो मैं करना चाह रही
हूँ . जब मेरे पास तुम्हारे जैसे मर्द से शादी का ऑप्षन है मैं किसी और से शादी सिर्फ़ नाम के लिए क्यूँ करूँ क्यूँ मैं जिंदगी भर एक दोहरा जीवन बीताऊं क्यूँ बोलो ना भैया क्यूँ ?”
” उफफफफ्फ़ पर यह ऑप्षन कहाँ है शिवानी तेरे पास हम कैसे शादी कर सकते हैं ? सारी दुनिया हम पे थूकेगी ”
” मैं जानती हूँ भाय्या ,,अचही तरह जानती हूँ बस मुझे सिर्फ़ तुम्हारी हां चाहिए .तुम इस लिए डरते हो ना कि सारी दुनिया को ना मालूम हो अगर हम कोई ऐसा उपाय सोच लें यह ऐसा कोई रास्ता निकल आए तब
तो तुम्हें कोई ऐतराज़ नहीं ना ? हां और एक बात मोम और तुम्हारे बीच मैं नहीं आऊँगी .मैं अपना प्यार सिर्फ़ उन से बाँट सकती हूँ और किसी से नहीं बोलो ना भैया प्लीज़ ?” अब शिवानी गिड्गिडा रही थी
शशांक के सामने
उफफफ्फ़ इतना प्यार इतना तड़प शशांक ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी यह इतनी नटखट बहेन भी इतनी बड़ी बड़ी बातें कर सकती है
शिवानी की बातों ने उसे झकझोर दिया था उसके सारे तर्कों को टुकड़े टुकड़े कर दिया था उनकी धहाज़्ज़ियाँ उड़ा दी थीं .
शिवानी की बातें उसकी खोखली मान्यताओं का मज़ाक उड़ा रही थीं
” भैया प्लीज़ जवाब दो भैया प्लीज़ ”
शशांक से अब और नहीं रहा जाता उसकी बहेन की बातें उसे हथोडे की तरह चोट कर रही थीं वो तिलमिला उठा था .भला उसकी इतनी हिम्मत कहाँ कि इस प्यार की झोली को खाली जाने दे बहेन आज अपनी लाज़
को दर किनार कर उसके सामने खड़ी थी प्यार की भीख माँग रही थी उसकी लाज़ तो बचानी ही है ना
वो हां में अपना सर हिलता है .
शिवानी खुशी से झूम उठ ती है मानों उसे स्वर्ग मिल गया हो
शशांक से लिपट जाती है शिवानी उसकी आँखों से आँसू की धारा फूट ती है फफक फफक कर रोती है
” मैं जानती थी भैया मैं जानती थी . ”
थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे से लिपटे रहते हैं एक दूसरे की गर्मी और प्यार को अपने में समा लेने की कोशिश में हैं
शिवानी धीरे से अलग होती है अपने आँसू पोंछती है और शशांक से बोलती है
” भैया तुम्हें भगवान पर भरोसा है ना ??”
शशांक फिर हां में सर हिलाता है
” तुम देखना अगर हमारा प्यार सच्चा है ना तो भगवान ज़रूर कोई ना कोई रास्ता निकालेंगे ज़रूर तुम विश्वास करो ”
और तभी दरवाज़े पर किसी के होने की आहट आती है
दोनों चौंक पड़ते हैं , दरवाज़े की ओर देखते हैं
सामने मोम खड़ी थीं !!!!!! मोम को सामने देख दोनों के चेहरे पे हवाइयाँ उड़ने लगीं दोनों सकते में आ गये
मों के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वो बिल्कुल चुप थीं , धीरे धीरे नपे तुले कदमों से आगे बढ़ती गयीं
जब वो पास आईं दोनों फिर से अवाक़ रह गये उनकी आँखें फटी की फटी रह गयीं मोम की आँखों से आँसुओ की अवीरल धारा फूट रही थी आँसू बहे जा रहे थे आँखों से लगातार निकल निकल कर गालों से होते हुए उनकी नाइटी भींगती जा रही थी उनकी तरफ से आँसू रोकने की कोई कोशिश नहीं थी आँसू बस बहे जा रहे थे शांति उन दोनों के बीच खड़ी हो जाती है शिवानी और शशांक को अपने गले से लगाती है और अब फूट पड़ती है .उसकी हिचकियाँ निकल जाती हैं .शिवानी और शशांक अभी भी भौंचक्के से मोम को देख रहे थे पर उनकी आँखों में आँसू देख उनका डर मिट गया था .पर आश्चर्यचकित ज़रूर थे मोम के इस रूप को देख तभी मोम कहती हैं ” हां बेटी तू ने बिल्कुल ठीक कहा मैं भी वोही करती जो तुम अभी कर रही हो हां शिवानी बिल्कुल वोही करती थोड़ी देर बाद अपने आप को अलग करती है और आँसू पोंछती है , उन दोनों के बीच एक कुर्सी खींच बैठ जाती है और कहती है शिवानी बेटा तेरा प्यार देख मेरा दिल भर आया .तू अपना सब कुछ लूटाने को तैय्यार है अपना सब कुछ मैने सब कुछ देखा और सुना मैं काफ़ी देर से तुम दोनों की बातें सुन रही थी पर शिवानी तुम शशांक को ग़लत मत समझो बेटी वो भी हम दोनों को उतना ही प्यार करता है मैं जानती हूँ अगर तुम किसी और से शादी कर भी लेती ना वो हम दोनों के लिए सारा जीवन कुर्बान करने को तैय्यार बैठा है शिवानी .वो कभी किसी और से शादी नहीं करता उसका प्यार समझो .”शिवानी एक दम से सकते में आ जाती है मोम की बाते सुन कर और भैया को अपनी बड़ी बड़ी आँखों से एक सवालिया नज़र से देखती है शशांक बोलता है ” हां शिवानी मोम ठीक कह रही हैं मेरे जीवन में जब तुम दोनों हो मुझे किसी और की ज़रूरत ना आज है ना कभी होगी हां शिवानी ” दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
शिवानी शशांक से लिपट जाती है और अपना चेहरा उपर करते हुए शशांक से बोलती है ” भैईय अगर माफ़ कर सको तो मुझे माफ़ कर दो मैने जाने क्या क्या कह दिया उफफफ्फ़ मैं अभी भी कितनी ना समझ हूँ भैया
शशांक उसके चेहरे को अपने हाथ से थामता हुआ कहता है ” माफी कैसी शिवानी .वो सब बातें तुम्हारा गुस्सा यह घृणा नहीं थी बहेना .वो भी तुम्हारा प्यार था जो तुम्हें इस हद तक ले आया था मैं समझता हूँ ”
“भैया मैं कहती थी ना अगर मैं भटक भी जाऊंगी तो आप मुझे संभाल लोगे ?? देखा ना आप ने मुझे संभाला ना ”
” हां बेटी शशांक जैसे मर्द बिरले ही होते हैं .हम दोनों खूश नसीब हैं हमें इस जन्म में ही ऐसा प्यार करने वाला नसीब हुआ वरना लोग तो जान जन्मान्तर तक सच्चे प्यार के लिए भटकते रहते हैं , मैं तो अब इस जन्म
में शशांक को पति के रूप में अपना नहीं सकती पर तू किस्मेत वाली है तेरे पास यह विकल्प अभी भी है .”
दोनों फिर से भौंचक्के हो कर मोम की तरफ देखते हैं .मोम यह क्या बोल रही हैं ????
थोड़ी देर तक कमरे में सन्नाटे की गूँज भर जाती है उनके लिए प्यार अब इस हद तक पहून्च चूका था जहाँ सेक्स सिर्फ़ शारीरिक भूख मिटाने का एक वजह नहीं रह जाता उनके लिए सेक्स अपनी ज़ज़्बातों का एहसास दिलाने का एक ज़रिया बन जाता है जहाँ बातों का सहारा काफ़ी नहीं था उनके लिए प्यार अब अपनी पराकाष्ठा पर था जहाँ प्यार अपने आप का संपूर्ण समर्पण था .और इस हद तक पहूंचने के बाद सेक्स सिर्फ़ भूख नहीं रह जाती बल्कि एक मात्रा भाषा रह जाती
है एक दूसरे को इस हद तक एहसास दिलाने की जहाँ तन , मन और मश्तिश्क सब मिल जाते हैं कुछ भी बाकी नहीं रहता और एक दूसरे के लिए कुछ ही करने की हिम्मत आ जाती है .
शांति अपने को इस मनोस्थिति में होने का प्रमाण उन दोनों को देती है .खुद अगर इस प्यार को खूल कर जीवन पर्यंत भोग नहीं सकती तो अपनी बेटी को क्यूँ इस से वंचित रखें
और वो सन्नाटे को तोड़ती हुई बोलती है
” देखो तुम दोनों मेरी बातें ध्यान से सुनो , और जैसा मैं बोलूं वैसा ही करो मैने तो जितना मेरी किस्मत में था शशांक का प्यार अपनी झोली में भर लिया पर जब शिवानी के पास इस प्यार को खूल कर भोगने का
रास्ता है तो वो क्यूँ ना भोगे .?”
” ओह मोम यह कैसे हो सकता है ?” दोनों एक साथ पूछ बैठ ते हैं
” हो सकता है बच्चों, हो सकता है ” और फिर शिवानी की तरफ देखती है ” शिवानी तुम ने कहा था शशांक से भगवान ज़रूर कोई रास्ता निकलेंगे.? रास्ता दिखाई देता है मुझे ”
” वो कौन सा रास्ता है मोम ??” शशांक पूछता है
” यहाँ तो मुमकिन नहीं .यहाँ मतलब अपने देश में यहाँ कभी ना कभी कोई हमें जान ने वाला मिल सकता है तुम दोनों बाहर चले जाओ और वहाँ शादी कर लो रही शिव की बात तो बच्चों समय बड़ा बलवान है
.कुछ दिनों के बाद उसे भी यह रिश्ता मंज़ूर हो ही जाएगा मैं धीरे धीरे उसे समझाऊंगी और तब हम अपना यहाँ का कारोबार समेट कर तुम्हारे साथ आ जाएँगे पर यह बाद की बात है हां पर एक बात का
ख़याल हमेशा , जीवन भर रखना मेरे और शशांक के बारे शिव को कभी पता नहीं चलना चाहिए वो मुझ से बहोत प्यार करता है पता नहीं वो इसे झेल पाएगा या नहीं ”
और शांति चुप चाप बाहर निकल जाती है .अपना प्यार पीछे छोड़ते हुए अपनी बेटी को सौंपते हुए
शिवानी और शशांक चुप हैं वो समझते हैं मोम पर क्या बीट रही होगी पर एक आशा थी ना शायद मोम और डॅड भी उनके पास आ जायें ???
उस रात शिवानी फिर से अपना प्यार मोम से बाँट ती है शशांक मोम के पास जाता है शायद आखरी बार .यह रात शांति के लिए एक यादगार रात हो जाती है उसके जीवन भर का सहारा पता नहीं उसे फिर कभी
शशांक का प्यार नसीब हो या नहीं ???
उस रात शशांक के वीर्य और मोम की चूत के रस से उन दोनों के आँसू भी मिल जाते हैं उनका मिलन उस रात संपूर्ण मिलन हो जाता है .शायद कभी ना भूलने वाला दोनों एक दूसरे का एहसास पूरी तरह अपने में समेट
लेते हैं .शशांक अगले दिन से ही अपने आगे की पढ़ाई के लिए यूके की यूनिवर्सिटीस में अप्लाइ करना शूरू कर देता है कुछ दिनों के बाद उसे शफ्ल्ड यूनिवर्सिटी से आक्सेप्टेन्स लेटर मिल जाता है शशांक जाय्न कर लेता है वहाँ
शिवानी अपना ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर वो भी उसके पास चली जाती है अपने प्यार के पास .जहाँ उनके बीच संबंधों की कोई रुकावट नहीं . जहाँ ” ना जन्म का हो बंधन ” पूरी तरह सार्थक हो जाता है शांति अपना प्यार बाँट लेती है अपनी बेटी से वो जानती है ना प्यार बाँटने से कम नहीं होता मित्रो पाठको यहाँ पर ये कहानी ख़तम होती है जल्द ही मिलेंगे एक ओर नई कहानी के साथ तब तक पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट पर मस्त मस्त कहानिया |