गतांग से आगे ….
तुम्हे अपनी सुहागरात याद है निमेश हा जानेमन वह मे कैसे भूल सकता हू. तो चलो हम भी आज फिर से सुहागरात मना लेते है निमेश अरे डार्लिंग आज तो शादी की काफ़ी थकावट है हम कल अपनी सुहागरात मना लेंगे लेकिन सिमरन की चूत बहुत दिन से ना चुदने के कारण जल रही थी वह नही मानी और निमेश का लंड निकाल कर चूसने लगी निमेश भी सिमरन के दूध दबाने लगा फिर सिमरन ने जल्दी से सारे कपड़े उतार दिए निमेश भी अल्साता हुआ सिमरन के उपर आ गया और उसे चोदने लगा लेकिन जब सिमरन ने अपनी मस्त चूत से उसके लंड को दबोचना शुरू किया तो निमेश ज़्यादा नही ठहर सका और झरने लगा. सिमरन कस कस के लंड चाह रही थी लेकिन निमेश का लंड सिकुड चुक्का था और निमेश एक तरफ होकर लेट गया सिमरन कुछ ना बोली लेकिन उसकी चूत बहुत फदाक रही थी वह चुप चाप पड़ी रही और निमेश सो चुक्का था. आकृति अपने कमरे मे पड़ी पड़ी बोर होने लगी तो उसने सोचा की चलो किशन से बाते करेगे और वह किशन के कमरे की तरफ जाने लगी तभी उसने सोचा धीरे से देखती हू किशन क्या कर रहा है जब उसने खिड़की देखा तो दंग रह गई किशन उसकी पिंक कलर की और उसकी मम्मी की रेड कलर की पैंटी अपने हाथ मे लेकर बिस्तर पर पड़ा पड़ा बुरी तरह से चूम रहा था और बारी बारी से दोनो की पैंटी को सूंघ रहा था आकृति का दिमाग़ यह देख कर चकरा गया तभी किशन ने अपना पाजामा निकाला और पूरा नंगा हो गया उसका लॅंड 8 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा बिल्कुल मोटे डंडे की तरह तन कर खड़ा था आकृति अपने छोटे भाई का इतना मोटा लंड देख कर चकित रह गई और उसकी चूत मे सुरसूराहट होने लगी उसने पहली बार किशन का लंड देखा था उसे यकीन नही आ रहा था कि किशन का लंड इतना तगड़ा और मोटा होगा वह यह सोच कर सिहर गई कि अगर यह लंड मुझे चोदे तो मस्त कर देगा उसने अपनी चूत मे हाथ फैरना शुरू कर दिया इधर किशन ने दोनो पैंटी को हाथ मे लेकर सूंघते हुए लंड मुठियाना शुरू कर दिया. दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
सिमरन बिस्तर पर पड़ी पड़ी सोच रही थी कि आकाश आज बहू की चूत मार रहा होगा तभी उसे किशन के उस दिन के तंबू बने लंड का ख्याल आ गया और वह सोचने लगी कि किशन का लंड भी काफ़ी बड़ा दिखाई दे रहा था और मे तो उसे बच्चा ही समझ रही थी वह तो पूरा मर्द बन चुक्का है , कितना मोटा लंड लग रहा था उसका. सिमरन की चूत पनिया चुकी थी उससे रहा नही जा रहा था उसने सोचा चलो बाथरूम मे जा कर थोड़ा चूत रगड़ ले तो थोड़ी शांति मिलेगी यह सोच कर वह धीरे से बाहर आई तभी उसकी नज़र आकृति पर किशन के कमरे की खिड़की से अंदर झाँकते हुए पड़ी और उसके कदम वही रुक गये और वह छुप कर देखने लगी, आकृति किशन का मोटा लंड देख कर पानी पानी हो चुकी थी उसके पैर काँपने लगे थे उससे अब रहा नही जा रहा था उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसका अपना भाई उसकी पैंटी नही उसकी चूत सूंघ सूंघ कर अपना लंड हिला रहा है अपने भाई का लंड अपनी चूत मे लेने की कल्पना से वह सिहर उठी और उसकी चूत ने ढेर सारा रस छोड़ दिया, अब उससे खड़ा नही रहा जा रहा था और वह चुपचाप लोट कर अपने कमरे मे आ गई और दरवाजा बंद करके पूरी नंगी हो गई और मूतने के अंदाज मे बैठ कर अपनी चूत मे तेज़ी से उंगली डालने लगी और अपने भाई के लंड से चुदने की कल्पना कर के झड़ने लगी. आकृति के जाते ही सिमरन जल्दी से किशन की खिड़की के पास जा कर देखने लगी कि आख़िर आकृति इतनी देर से क्या देख रही थी जैसे ही सिमरन ने अंदर झाँक कर देखा किशन को नंगा अपना मोटा लंड सहलाते देख कर उसके रोंगटे खड़े हो गये इतना लंबा और मोटा डंडे जैसा लंड देख कर उसकी बर बहुत जोरो से खुजलाने लगी, तभी उसकी नज़र भी अपनी और आकृति की पैंटी पर पड़ी जिसको किशन बारी बारी से चूम रहा था और सूंघ रहा था सिमरन किशन के हाथ मे अपनी और अपनी बेटी की पैंटी देख कर सनसना गई और उसका ख्याल यकीन मे बदल गया कि वह अपनी ही मा को चोदना चाहता है और साथ मे अपनी बहन को भी चोदना चाहता है. यह देख कर सिमरन की मस्तानी बुर और ज़्यादा फूल गई और वह यह सोच सोच कर पागल हुई जा रही थी कि कैसे उसका अपना बेटा अपनी मा की पैंटी सूंघ रहा है और अपनी आँखे बंद करके अपनी खुद की मा को नंगी कर के चोदने की कल्पना कर रहा है. आकृति मन ही मन सोचने लगी कैसा मोटा खूटे जैसा लंड तना है मेरे बेटे का यह तो मेरी चूत फाड़ के रख देगा क्या बालिश्ट शरीर है मेरे बेटे का किशन ने अपनी मा की पैंटी अपने सीने से लगा कर खड़े खड़े अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और अपनी आँखे बंद कर ली. आकृति सोचने लगी ये अपनी आँखे बंद कर के ज़रूर मेरी ही कल्पना कर रहा है लेकिन क्या कल्पना कर रहा होगा यह सोच रहा होगा कि अपनी मा को नंगी करके इस खूटे जैसे मोटे लंड पर चढ़ा लेगा और और पीछे से मेरी गांड को दबोच दबोच के खूब कस कस के चोद रहा होगा. यह सोच कर सिमरन की चूत उसके रस से भीगने लगी और वह खड़ी खड़ी अपनी चूत मे उंगली डाल के तेज़ी से आगे पीछे करने लगी उसे ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा उसकी खूब कस कस के चूत मार रहा है वह अपने बेटे का लंड लेने के लिए पागल हुई जा रही थी और कस कस के अपनी चूत मे उंगली पेल रही थी और एक हाथ से अपने मोटे मोटे चुचो को दबा रही थी सिमरन की कमर खड़े खड़े ही हिलने लगी और वह मन ही मन चूत मे उंगली पेलते हुए बुदबुदाने लगी चोद मेरे बेटे चोद अपनी मा को पूरी नंगी करके के खूब कस कस के चोद खूब हुमच हुमच के चोद फाड़ दे अपनी मा की चूत को, बहुत प्यासी है तेरी मा की चूत, उधर किशन कस कस के लंड हिला रहा था और मन ही मन बोलता जा रहा था मेरी प्यारी मम्मी कितनी मस्त चूत है तेरी कितने मस्त चूतड़ है तेरे, खूब कस कस के तेरी चूत मारूँगा मम्मी चोद चोद के तेरा भोसड़ा फाड़ दूँगा हे मेरी नंगी मम्मी तू नंगी कितनी मस्त लगती है ले ले अपने बेटे का लंड अपनी चूत मे मेरे लंड पर चढ़ कर खूब चुद ले मेरी रानी और फिर ये सोचता सोचता किशन का पानी एक लंबी पिचकारी के साथ छूटने लगा उधर सिमरन की चूत ने भी ढेर सारा पानी छोड़ दिया. दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
काफ़ी देर तक संध्या और आकाश बात करने के बाद आकाश ने संध्या के गुलाबी गालो को अपने होटो से रगड़ना शुरू कर दिया और फिर संध्या के रसीले होंठो को अपना मूह खोल कर अपने होटो मे दबा कर चूसने लगा संध्या ने अपना बदन आकाश की बाँहो मे ढीला छोड़ दिया आकाश ने संध्या के होंठो को चूस्ते हुए थोड़ा संध्या के मूह को खोला और संध्या की रसीली जीभ को अपने मूह मे भर कर पीने लगा और एक हाथ से ब्लाउज के उपर से संध्या के मोटे मोटे गदराए चुचो को दबोचने लगा.. संध्या आह ..आह आकाश उसकी मोटी मस्त गोलैयो को दबाते हुए उसके नंगे पेट और कमर को अपने हाथो से दबाते हुए उसे थोड़ा अपने उपर खीच कर पीछे हाथ ले जा कर संध्या के मस्ताने चुतदो को दबाने लगा और दोनो चुतदो की दरार मे साडी के उपर से ही अपनी उंगली से मसलने लगा संध्या सिसकिया भरने लगी आकाश संध्या कितना भारी और मस्त जिस्म है तुम्हारा तुमने तो मुझे पागल कर दिया है और संध्या के ब्लाउस के बटन खोल कर उसकी ब्रा के उपर से ही उसकी मोटी चुचियो को दबाने लगा. फिर धीरे धीरे आकाश ने संध्या को पूरी नंगी कर दिया और उसके पूरे बदन को उपर से नीचे तक चूसने चाटने लगा उसने जब संध्या की चूत के उपर हाथ फेरा तो संध्या उससे चिपक गई किशन ने अपने कपड़े उतरे और संध्या के नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपका लिया और एक हाथ से मोटे मोटे चूचो और एक हाथ से संध्या के मोटे और भारी चूतादो को सहला सहला कर उसकी चूत से लेकर उसकी गांड की फैली हुई दरार मे अपना पूरा हाथ फेरने लगा, दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | संध्या लंड खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी तभी आकाश संध्या के उपर आके उसकी फूली हुई चिकनी चूत मे अपना लंड का निशाना लगा कर एक झटका मारा लंड आधा संध्या की चूत को भेदता हुया अंदर घुस गया संध्या दर्द से तड़प गई आकाश ने संध्या की चुचियो को मूह मे भर कर चूसना चालू कर दिया और दूसरी चुचि को हाथो से मसलने लगा और दूसरे झटके मे पूरा लंड अंदर पेल दिया . संध्या आह.आह करके कराहने लगी धीरे धीरे आकाश उसे चोदने लगा संध्या अपनी टाँगे पायला कर हर धक्का सहने लगी उस रात आकाश ने संध्या को दो बार चोदा. सुबह सुबह सिमरन ने संध्या का दरवाजा बजाया संध्या ने बाहर आई बेटी चाय बन गई है पी लो और आकाश को भी जगा दो, संध्या जी मम्मी और सिमरन वापस आ गई. आज संध्या की शादी को पूरा एक महीना हो चुक्का था लेकिन उसकी चूत की कसक और खुजली पूरी तरह ख़तम नही हो पाती थी वैसे भी संध्या काफ़ी ब्लू फ़िल्मे देख कर काफ़ी खुले तरीके से चुदवाना पसंद करती थी और खास कर उसकी एक इच्छा बहुत ज़्यादा थी कि उसका पति उसकी फूली चूत और गांड को नंगी करके खूब चूमे और चाते और अपना लंड खूब चूसाए मतलब संध्या को ओरल सेक्स फ़िल्मो मे देख देख कर काफ़ी अच्छा लगता था और वह शादी के पहले से ही ओरल सेक्स करने के लिए तरस रही थी लेकिन यहा उसका अरमान पूरा नही हुया क्यो कि आकाश सिर्फ़ सदा सिंपल सेक्स ही करता था और शर्म के मारे संध्या अपने पति को बोल भी नही पाती थी इस लिए महीना भर चुदने के बाद भी उसकी प्यास बढ़ती ही गई कम नही हुई…
कहानी जारी रहेगी … दोस्तों आप लोग मजे से पढ़ते रहिये मस्ताराम.नेट और आगे की कहानी अगले भाग में आप लोगो की प्रतिक्रिया मिलने के बाद प्रेषित करुगा | [email protected]