नौकर के मोटे लौड़े पर बैठ गयी मेरी बीवी

दोस्तों मेरी शादी करीब तीन साल पहले अर्चना से हुई थी.. अर्चना की उम्र २७ साल की है और अर्चना एक सेक्स आइटम है. उसकी हाईट करीब ५.४ इंच है और जब वो घधरा चोली पहनती है.. तो बिल्कुल करीना कपूर की तरह दिखती है. अर्चना की आखों में हमेशा चुदाई की प्यास रहती है और हम रोज रात को चुदाई करते है.. लेकिन रोज चुदाई की वजह से उसकी चूत पूरी तरह खुल चुकी है.. इसलिए वो अब मेरे लंड से पूरे मज़े नहीं कर पा रही थी क्योकि मेरा लंड उसकी चूत के मुकाबले थोडा पतला है और अब वो मेरी चुदाई से संतुष्ट नहीं लग रही थी.. लेकिन उसने मुझसे कभी नहीं कहा और ना ही कभी अहसास दिलाने की कोशिश की.. लेकिन में समझ गया था कि वो मन ही मन चुदाई की आग में जल रही है.
दोस्तों यह बात पिछले महीने की है.. जब हम अपने गावं गये हुए थे और वहाँ पर हमारा एक घर भी है.. जिसकी देखभाल प्यारेलाल नाम का एक नौकर करता था. उसकी उम्र करीब 45 साल की थी.. वो एक पहलवानी शरीर का उँचा और भारी भरकम आदमी था.. क्योंकि वो अपनी जवानी में कुश्ती लड़ता था और आज भी कसरत करता है. वो सुबह पाँच बजे उठ जाता और करीब एक घंटा कसरत करता.. वो छत पर ही एक छोटे से कमरे में रहता था.
दोस्तों वो गर्मियों के दिन थे और हम लोग छत पर सो रहे थे. तभी अचानक सुबह सुबह मेरी नींद खुली और मैंने देखा कि प्यारेलाल छत पर अपने कमरे के सामने कसरत कर रहा था और उसने लंगोठ पहनी हुई थी और कसरत करते समय बीच बीच में उसकी नज़र मेरी पत्नी के ऊपर जा रही थी और उसके कपड़े नींद में पूरी तरह अस्त व्यस्त थे. दोस्तों शायद रात की चुदाई के बाद वो अपने कपड़े भी ठीक नहीं कर पाई थी.. उसके बड़े बड़े बूब्स आधे से ज्यादा बाहर झलक रहे थे और उसकी कमर गांड तक पूरी नंगी दिख रही थी.. उसका खुला हुआ जिस्म हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.
तो यह सब देखकर प्यारेलाल का लंड खड़ा हो गया और उसकी लंगोठ से बाहर आ गया था. उसका लंड करीब 10 इंच बड़ा और 5 इंच मोटा था. दोस्तों ऐसा मोटा तगड़ा लंड किसी भी औरत की चूत को फाड़ देने के लिए बहुत था. तभी मेरी नज़र अपनी पत्नी पर पड़ी.. तो वो भी चोरी चोरी उसके लंड को घूर रही थी और सोने का नाटक कर रही थी और फिर प्यारेलाल की कसरत ख़त्म हो गयी और वो अपने कमरे में चला गया. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर मेरी वाईफ ने उठने का नाटक करते हुए मुझे जगाया और बोली कि चलो उठो जी सुबह हो गयी है.. नीचे चलते है और नीचे जाकर उसने मुझे चाय बनाकर दी और किचन में काम करने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद हल्की हल्की बारिश होने लगी और मेरी वाईफ छत पर कपड़े उतारने चली गयी.. क्योंकि कल शाम को उसने कपड़े छत पर सूखने डाले थे. तभी मेरे मन में ख्याल आया कि अर्चना उसके लंड को घूर रही थी और यह बात सोचकर मेरे लंड में पता नहीं क्यों उत्तेजना होने लगी और मैंने सोचा कि वैसे भी वो प्यासी है और वो बहुत अच्छी तरह प्यारेलाल से अपनी चुदाई करवा सकती है.. लेकिन मेरी उससे यह बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.. क्योंकि वो बहुत पतिव्रता और शरमीली स्वभाव की थी और अचानक मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया.. तो वो पूरा उत्तेजित हो गया था और हल्की हल्की बारिश से मेरा मन उमंग से भर गया और में रोमेंटिक मूड में छत पर गया.. लेकिन मुझे अर्चना छत पर कहीं भी नहीं दिखी.
फिर मैंने सोचा कि शायद वो बेडरूम में कपड़े रखने चली गयी होगी और में बेडरूम की तरफ जाने लगा. फिर अचानक से मुझे प्यारेलाल की उत्तेजना भरी आवाज़ सुनाई दी और में छत पर बने बाथरूम की तरफ गया. फिर मैंने देखा कि अर्चना बाथरूम के बाहर खड़ी होकर अंदर झाँक रही थी और अंदर से प्यारेलाल की उत्तेजक आवाजें आ रही थी और अचानक मैंने सुना कि वो अर्चना के नाम की मुठ मार रहा था और अर्चना भी कपड़ो के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी. फिर में नीचे आ गया और थोड़ी देर बाद वो भी नीचे आ गयी और अर्चना ने मुझसे कहा कि बारिश के कारण में उत्तेजित हो गयी हूँ और उस समय हम दोनों ही मूड में थे और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और उत्तेजना से फूल भी चुकी थी.. हमने जबरदस्त चुदाई की और थककर सो गये. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर जब थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली.. तो मुझे अर्चना कहीं भी दिखाई नहीं दी और में उसे देखने छत पर गया. फिर मैंने देखा कि अर्चना बाथरूम में नहा रही थी और प्यारेलाल उसे बाहर से झाँककर अपना लंड सहला रहा था.. यानी कि अब आग दोनों तरफ बराबर की लग चुकी थी. तभी अचानक से अर्चना ने दरवाजा खोला और प्यारेलाल घबराकर अपने रूम में भाग गया और में भी अपने बेडरूम में आ गया और अर्चना भी मेरे पीछे पीछे बेडरूम में आ गयी.. लेकिन वो थोड़ी सी घबराई सी लग रही थी.
फिर जब मैंने उससे पूछा तो वो कुछ नहीं बोली.. सिर्फ इतना बोली कि वो बारिश से बचने के लिए भागकर सीड़ियों से उतर कर आई हूँ.. इसलिए मेरी सांस फूल रही है.. लेकिन दोस्तों में जानता था कि वो साफ साफ झूठ बोल रही है और मुझे यह भी अहसास हो गया था कि जल्दी ही कुछ ना कुछ होने वाला है और फिर में अर्चना और प्यारेलाल पर नज़र रखने लगा. फिर वो दोनों दिनभर एक दूसरे से नज़र नहीं मिला रहा थे. रात को बारिश और भी तेज़ हो गयी और मेरा ड्रिंक करने का मूड था. फिर मैंने ड्रिंक के लिए अर्चना को भी मेरा साथ देने को कहा. दोस्तों वो वैसे कभी ड्रिंक नहीं करती.. लेकिन उस दिन मेरे कहने पर मान गयी.
दोस्तों वो शायद मुझसे कुछ कहने के लिए हिम्मत जुटाने की कोशिश कर रही थी और में ओवर ड्रिंक होने का नाटक करने लगा. उसने एक पेग पीने के बाद मुझसे कहा कि वो बारिश में भीगना चाहती है. फिर मैंने उससे कहा कि हाँ तुम जाओ और भीग सकती हो.. मुझे थोड़ी ज़्यादा हो गयी है.. तो में तुम्हारे साथ नहीं जा सकता.
दोस्तों में जानता था कि अब उसके मन में क्या चल रहा है और वो छत पर गयी और बारिश में भीगने लगी. फिर में भी चुपचाप उसके पीछे पीछे चला गया.. वो पूरी तरह भीग चुकी थी और उसकी आँखो में चुदाई का सुरूर आ गया था और अब ड्रिंक भी अपना काम करने लगी थी और उसके कपड़े भीगकर उसके बदन से चिपक चुके थे. फिर प्यारेलाल उसे अपने कमरे की खिड़की से देख रहा था और फिर वो थोड़ी देर बाद दरवाज़ा खोलकर बाहर आया और उसने पीछे से अर्चना को अपनी बाहों में भींच लिया और अर्चना भी उत्तेजना से भरकर पलटी और उससे लिपट गयी.
फिर प्यारेलाल और अर्चना उस तेज़ बारिश में छत पर लेट गये और अर्चना उससे लिपटकर पागलों की तरह किस करने लगी और करीब 15 मिनट तक वो एक दूसरे के अंगो से खेलते रहे. फिर प्यारेलाल ने उसे गोद में उठा लिया और अपने रूम में ले जाने लगा.. तो अर्चना ने उसे कुछ इशारा किया और प्यारेलाल ने उसे झट से नीचे उतार दिया और अर्चना कमरे की तरफ आ रही थी और में भागकर नीचे की तरफ गया और सोने का नाटक करने लगा. फिर वो कमरे में आई और मुझे सोता हुआ देखकर वापस चली गयी और करीब 5 मिनट के बाद में वापस ऊपर गया.. लेकिन मुझे वो दोनों छत पर नहीं दिखे और में दबे पैर प्यारेलाल के कमरे की खिड़की पर पहुँचा. फिर मैंने देखा कि प्यारेलाल उल्टा बेड पर लेटा हुआ था.. लेकिन फिर भी मुझे अर्चना दिखाई नहीं दी और में बाथरूम में देखने के लिए जैसे ही मुड़ा.. तो वैसे ही मुझे अर्चना की हल्की सी चीख सुनाई दी और वो कह रही थी.. प्लीज प्यारेलाल थोड़ा धीरे मुझे इतना ज़ोर से चुदने की आदत नहीं है.. तो प्यारेलाल बोला कि मेडम तुम्हारा पति बहुत ढीला होगा.. क्योंकि सेक्स का असली मज़ा तो औरत को तकलीफ़ और दर्द में चोदने में आता है.
फिर में तुरंत खिड़की पर वापस गया और ध्यान से देखा.. तो मुझे अर्चना के पैर की साईड दिखाई दी और अर्चना प्यारेलाल के चौड़े शरीर में पूरी समा गयी थी और वो दिखाई भी नहीं दे रही थी. वो प्यारेलाल के नीचे नशे और सेक्स की खुमारी में मछली की तरह तड़प रही थी और प्यारेलाल उसके निप्पल को चूस रहा था और बीच बीच में काट भी रहा था.. जिससे अर्चना सिसककर चीख उठती. फिर प्यारेलाल ने उसके बदन से पूरे कपड़े निकाल दिए थे और दोनों एक दूसरे के नंगे जिस्मों को मसल रहे थे. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
अर्चना : आह्ह्हहह प्यारेलाल कुछ करो प्लीज और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज.. मेरी प्यास बुझा दो.
प्यारेलाल : ऐसे नहीं मेडम आपको पहले पूरा रंडी बनाऊंगा.. फिर चोदूंगा और तभी आप मेरे लंड को बर्दाश्त कर पाएँगी और एक बात.. में चुदाई सिर्फ़ अपनी शर्तों पर करता हूँ.. आपको मेरी सारी बातें माननी पड़ेगी.
अर्चना : तुम जो चाहो करो.. लेकिन प्लीज एक बार मेरी प्यास बुझा दो.. में कब से प्यासी हूँ. मेरे पति मेरी आग ठंडी नहीं कर पाते.
प्यारेलाल : में उठता हूँ.. तुम अब मेरा लंड चूसो.
अर्चना : छीईईई भला कोई पेशाब करने की जगह को भी मुहं में लेता है क्या?
प्यारेलाल : हाँ में जो कहता हूँ.. चुपचाप तुम वो करो और अब उसकी आवाज़ में सख्ती थी.
फिर प्यारेलाल उठ गया और अब उसका पूरा तना हुआ लंड मुझे साफ साफ दिख रहा था.. वो बहुत विशालकाय था.. जो किसी जानवर के लंड के समान दिख रहा था और मेरे लंड से चार गुना बड़ा था. फिर में मन ही मन अर्चना पर तरस खा रहा था कि वो इसे कैसे झेल पाएगी और अर्चना को लंड मुहं में लेने से बहुत नफ़रत थी. मेरे कई बार समझाने पर भी उसने कभी मेरा लंड मुहं में नहीं लिया था.. लेकिन आज अर्चना मजबूरी में उसका लंड मुहं में लेने की कोशिश करने लगी.. लेकिन उसका टोपा इतना मोटा था कि वो उस पर एक आफत बनती जा रही थी और अर्चना के मुहं में उसका टमाटर जितना बड़ा और काला टोपा अंदर नहीं जा रहा था.. इसलिए वो उसे चाटने लगी. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर प्यारेलाल का लंड धीरे धीरे उत्तेजना से और भी फूल गया और वो अर्चना के बाल पकड़कर उसका सर अपने लंड पर दबाने लगा.. जिससे उसका टोपा और आधा लंड उसके गले तक समा गया.. जिसकी वजह से अर्चना की आँखों में आँसू आ गये.. लेकिन प्यारेलाल ने बिल्कुल भी रहम नहीं दिखाया और अपने लंड को करीब 15 मिनट तक अंदर बाहर करने के बाद अर्चना के मुहं को अपने वीर्य से भर दिया और जब तक सारा वीर्य अर्चना ने पी नहीं लिया.. तब तक उसने अपना लंड अंदर ही रहने दिया और फिर उसने उसे लंड को चाटकर साफ करने को कहा.
प्यारेलाल : मेडम ठीक तरह से चाटकर साफ करिए.. क्योंकि इस वीर्य में बहुत दम होता है और हमारे बुजुर्ग कहते है कि आदमी का वीर्य गरम और झड़ने के बाद का पेशाब एक दूसरे के लिए पीना बहुत ज़रूरी होता है. वीर्य को पीने से औरत निरोगी और जवान रहती है.. क्योंकि यह सबसे ताकतवर पानी होता है.. परंतु वीर्य किसी नशा करने वाले व्यक्ति का नहीं होना चाहिए और ठीक उसी तरह संभोग या चुदाई से पहले होने वाला पेशाब पुरुष को स्फूर्ति ताक़त और लंबी उम्र देता है और एक बात.. औरत का वीर्य आदमी के लंड को बड़ा और मजबूत बनाता है.. परंतु औरत का वीर्य संभोग या झड़ने के बाद उसकी चूत में ही लगा रह जाता है.. इसलिए बिना किसी संकोच के एक दूसरे के पेशाब को पीना चाहिए..
अर्चना : तो क्या तुम अब मेरा पेशाब पियोगे? और उसका चेहरा अब शरम से लाल पड़ गया था.
प्यारेलाल : हाँ बिल्कुल.. अब तक करीब 35-40 औरतो को चोदकर उन्हे माँ बना चुका हूँ और मैंने उनके पेशाब को पी पीकर अपने लंड को मजबूत बनाया है. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर प्यारेलाल, अर्चना के दोनों पैरों को फैलाकर अपनी जीभ से उसे चाटने लगा. दोस्तों मैंने कभी अर्चना की चूत को नहीं चाटा था और वो जोश से पागल हुई जा रही थी और उत्तेजना के मारे वो तड़प रही थी. तभी उसका पूरा शरीर हवा में उठकर अकड़ने लगा और जीवन में पहली बार वो इतनी उत्तेजित थी.
अर्चना : आअहह उईईइ माँ प्यारेलाल प्लीज अपना मुहं हटाओ.. उफ्फ्फअफ में तो गयी.
फिर प्यारेलाल उसे चाटकर ज़ोर ज़ोर से चूसकर उसका सारा जूस पीता रहा और अर्चना करीब एक मिनट तक झड़ती रही और वो कुछ देर बाद एकदम शांत होकर लेट गई.. प्यारेलाल उसकी शेव्ड चूत पर फिर भी जीभ घुमा रहा था.
अर्चना : प्यारेलाल में कभी भी ऐसे नहीं झड़ी और आज तुमने मुझे एक औरत होने का अहसास दिलाया है.. हर औरत अपनी चुदाई एक रंडी की तरह करवाना चाहती है और आज से में तुम्हारी रांड हूँ.. लेकिन अब मुझे छोड़ो.. मुझे पेशाब जाना है.. क्योंकि उसके बाद तुम्हे मेरी चूत की प्यास बुझानी है.
प्यारेलाल : मैंने पहले ही कहा है कि मुझे तुम्हारा पेशाब पीना है.. आप पेशाब करती जाओ में उसे पीता हूँ.. लेकिन थोड़ा कंट्रोल करते हुए धीरे धीरे छोड़ना.
अब फिर से प्यारेलाल ने उसकी चूत पर जीभ फेरना शुरू किया और अर्चना ने बहुत कोशिश की.. क्योंकि उसे प्यारेलाल के सामने पेशाब करने में शरम आ रही थी.. लेकिन उत्तेजना में वो अपने आप पर काबू नहीं कर पाई और अब उसकी चूत से पानी बहना चालू हो गया और प्यारेलाल ने सारा पानी पी लिया और अब तक प्यारेलाल का लंड फिर से एकदम टाईट हो चुका था और अब उसकी चुदाई की बारी थी. दोस्तों अर्चना तो पहले से ही बहुत जोश में थी.. तो प्यारेलाल ने उसे पलंग के कोने की तरफ खींचा और बहुत सारा तेल अपने लंड पर लगा लिया और अब अर्चना के चेहरे पर चुदाई की उम्मीद के साथ साथ थोड़ा सा डर भी था. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
अर्चना : प्लीज प्यारेलाल थोड़ा धीरे धीरे डालना.. क्योंकि तुम्हारा यह लंड बिल्कुल घोड़े जैसा है.. तो मुझे बहुत दर्द होगा.
प्यारेलाल : हाँ ठीक है.. लेकिन तुम समझ लो कि आज दूसरी सुहागरात है और वैसे भी सुहागरात में तो चूत पर बिल्कुल भी रहम नहीं किया जाता.
अर्चना : प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो और कितना तड़पाओगे मुझे? चोदो मुझे अब में तुम्हारी रंडी हूँ और आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.
फिर प्यारेलाल अपने लंड का टोपा अर्चना की चूत पर घुमाने लगा.. अर्चना की चूत पर बेसब्री साफ दिख रही थी और उसकी चूत उत्तेजना में बार बार फैल रही थी और प्यारेलाल ने दो बार टोपा घुसाने की कोशिश की.. लेकिन वो असफल रहा.. क्योंकि उसके लिए अर्चना एक कुँवारी चूत थी और अब अर्चना ने अपने हाथों से चूत को फैलाया और प्यारेलाल ने एक जोरदार धक्का मारते हुए टोपा अंदर डाल दिया और कमरे में जैसे कि एकदम भूचाल सा आ गया. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.. आआआहह उफफफफफ्फ़ बाहर निकालो प्लीज में मर गयी.. बाहर निकालो. प्यारेलाल बहुत दर्द हो रहा है.. वरना में मर जाउंगी.. प्लीज प्यारेलाल फिर से डाल लेना.. लेकिन अभी एक बार निकाल लो प्लीज और अर्चना की चूत उसके टोपे के अंदर जाते ही पूरी तरह फैल चुकी थी और चूत से कुछ खून की बूंदे टपक रही थी.. लेकिन अर्चना को प्यारेलाल ने दबोच रखा था और वो अपना सर दर्द के मारे यहाँ वहाँ पटक रही थी और ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.
फिर प्यारेलाल ने उसके होंठ पर अपने होंठ रखते हुए कहा कि थोड़ा सब्र करो.. सब ठीक हो जाएगा और प्यारेलाल के शरीर के दबाव के कारण और उसके लंड पर तेल लगे होने के कारण लंड धीरे धीरे अंदर फिसल रहा था और अब अर्चना के चेहरे पर दर्द के साथ साथ कामुकता और चुदने की लालसा थी और उसे ड्रिंक के कारण थोड़ा सा नशा भी बर्दाश्त करवा रहा था.
फिर प्यारेलाल ने धीरे धीरे धक्को से लंड 5 इंच तक घुसा दिया था और लंड अंदर, बाहर होने से अर्चना की चूत एक बार झड़ चुकी थी.. तो प्यारेलाल उसी तरह उसे 15 मिनट तक चोदता रहा. फिर वो बोली कि प्यारेलाल प्लीज फाड़ डालो मेरी चूत को.. मुझे रंडी की तरह चुदवाना है और रंडी पर कभी कोई रहम नहीं होता.. प्लीज जमकर चोदो मुझे.
फिर प्यारेलाल ने अपना लंड पूरा बाहर निकाला और ज़ोर से धक्का देकर लंड अर्चना की चूत में डाल दिया और लंड 8 इंच तक अंदर चला गया.. तो अर्चना की चूत में से पानी और खून की धार बह निकली और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.. हे भगवान में मर गयी.. मेरी चूत में घोड़े का लंड घुस गया है.. यह तेरा लंड मेरे गर्भाशय में घुस गया है.. मेरी चूत में ऐसा दर्द हो रहा है.. जैसे में कोई बच्चा पैदा कर रही हूँ. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर जब मैंने देखा तो चूत पूरी तरह लंड पर एकदम टाईट थी और अंदर बाहर होने पर वो भी लंड के साथ बाहर आ रही थी. उसकी चूत का दाना लंड के आस पास से एकदम गोल हो गया था. फिर वो बोली कि अभी और अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ बचाओ मुझे और कितना बाकी है? तो वो बोला कि बस रानी एक, दो धक्के और देने है.. उसके बाद तुम दूसरी दुनिया में पहुंच जाओगी. फिर वो बोली कि नहीं अब और नहीं.. आज पूरा मत घुसाना तुम और वैसे भी तुम मेरा भोसड़ा फाड़ चुके हो.. लेकिन प्यारेलाल नहीं माना और उसने दो चार धक्को में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया. फिर अर्चना बोली कि प्यारेलाल प्लीज मुझ पर थोड़ा रहम करो.. में तुम्हारे लंड को नहीं झेल पा रही हूँ और मुझे ऐसा लग रहा.. जैसे कोई बच्चा मेरे पेट में लात मार रहा हो.
फिर प्यारेलाल ने अब चुदाई तेज़ कर दी और अर्चना लगातार झड़ रही थी.. बिस्तर पर खून और पानी का गोला बन गया था और वो कम से कम 4 बार झड़ चुकी थी और प्यारेलाल को चोदते हुए 45 मिनट हो चुके थे और अर्चना अब मदहोश हो चुकी थी और कमर हिलाकर धक्के का जबाब दे रही थी. फिर प्यारेलाल उसे चोदते हुए गोद में उठाकर खड़ा हो गया.. बारिश और शराब अर्चना पर मदहोशी बड़ा रही थी और उसकी चूत के रस से प्यारेलाल के अंडकोष और जांघे भीग चुकी थी और प्यारेलाल उसे बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे कर रहा था.
फिर प्यारेलाल ने डॉगी स्टाईल में होने को कहा और अर्चना को 15 मिनट तक डॉगी स्टाईल में चोदता रहा.. अर्चना की मादक चीखे उसका उत्साह बड़ा रही थी. जब उसने अपना लंड बाहर निकाला तो डॉगी स्टाईल में अर्चना की चूत मेरे सामने थी और उसका गर्भाशय साफ साफ नज़र आ रहा था और चूत इतनी खुली थी.. जैसे अभी उसने कोई बच्चा पैदा किया हो और चुद चुदकर उसकी चूत भोसड़ा बनकर कुतिया की चूत की तरह हो गयी थी और वो ठीक तरह से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.
फिर प्यारेलाल ने उसे लेटाया और फिर से अपना लंड चूत में घुसा दिया. फिर वो कहने लगी कि प्यारेलाल प्लीज अब बस हो गया.. जल्दी करो में अनगीनत बार झड़ चुकी हूँ और अब प्लीज मुझे अपना वीर्य दे दो. मेरी चूत में तुम्हारा वीर्य मुझे एक बच्चा देगा और मुझे तुम्हारा जैसा बलशाली बच्चा चाहिए. फिर प्यारेलाल ने अपनी स्पीड और बड़ा दी और फिर वो अपनी मंज़िल तक आ गया और उसने तेज तेज झटके के साथ अपना सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया और वो दोनों एक दूसरे से लिपटकर एक दूसरे को किस कर रहे थे.. अर्चना इस चुदाई से बहुत तृप्त नज़र आ रही थी और फिर में कुछ देर बाद नीचे आ गया और फिर मेरे आने के कुछ देर बाद अर्चना लड़खड़ाते कदमों से कमरे में आई और नीचे गिरकर वहीं पर सो गयी.
फिर सुबह जब मैंने उससे चुदाई के लिए कहा.. तो उसने कहा कि उसे पीरियड आ गये है.. लेकिन सच में जानता था और में एकदम चुप रहा.. लेकिन दोपहर को उसके पेट में बहुत दर्द था. फिर में उसे अपने एक फ्रेंड डॉक्टर के यहाँ पर ले गया और चेकअप के बाद मैंने अकेले में उससे पूछा.. तो डॉक्टर ने कहा कि उसके गर्भाशय में सूजन है और उसने मुझे एक हफ्ते तक सेक्स ना करने की सलाह दी. मस्तराम डॉट नेट पर और भी मस्त मस्त हजारो कहानिया है |
फिर दूसरे दिन अर्चना ने मुझसे माफी माँगी और कहा कि मुझे पता है कि आपको सब मालूम है.. उस दिन मैंने आपको खिड़की के पास देख लिया था.. लेकिन प्लीज आप मुझे माफ़ कर दीजिए.. उस दिन मुझसे शराब के नशे में यह सब हो गया. फिर मैंने उसे समझाया और कहा कि में जानता हूँ. तुम सेक्स की भूखी थी.. इसलिए उस दिन मैंने तुम्हे ड्रिंक ऑफर किया था.. क्योंकि में भी यही चाहता था.. तो अर्चना ने खुशी से मुझे चूम लिया और एक हफ्ते के बाद अर्चना तीन बार और प्यारेलाल से चुदी और फिर हम शहर आ गये. अब जब भी अर्चना को सेक्स की कमी महसूस होती है.. में उसे गाँव में घुमाकर लाता हूँ और वो प्यारेलाल से मिलकर बहुत खुश हो जाती है और अपनी चूत को चुदवाकर शांत करवाती है. समाप्त

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