हम दोनों ने पहले बार एक दूसरे को ऐसे छुआ था | मैंने फिर कार स्टार्ट कर दी और मैडम से पूछा की मैडम आप तैयार हो ? हाँ, मुझे सिर्फ गिअर संभालना है ना ? जी मैडम, आज के दिन आप सिर्फ गिअर ही सीखो | कार चलने लगी, क्युकी मेरा हाथ स्टीरिंग पर था और मैडम मेरी गोद में, इसीलिए मेरी बांहे मैडम के चुचो को बार बार छु रहा था, और मैडम के चुचे थे भी काफी बड़े | मैडम को थोडा अजीब सा लगा इसीलिए वो मेरी जांघों पे ना बैठ कर मेरे घुटनों के पास खिसक गयी | जेसी ही मै कार को मोड़ता, तभी मैडम की पूरी चूची मेरे बांहों को छु जाता | मैडम वेसे गिअर सही बदल रही थी | क्यों सागर, मैं ठीक कर रही हू ना ? एक दम सही है मैडम, मैडम आप अभी थोडा स्टीरिंग भी संभालो | ठीक है क्युकी मैडम मेरी गोद में काफी आगे होकर बैठी थी इसी लिए स्टीरिंग सँभालने में उन्हें तकलीफ हो रही थी | मैडम आप थोडा पीछे खिसक जाइए तभी आपसे स्टीरिंग सही चलेगा | आब मैडम मेरी जांघों पे बैठ गयी | मैडम थोडा और पीछे हो जाईये | और कितना पीछे होना पड़ेगा जितना हो सके उतना हो जाइये ठीक हैं अब मैडम पूरी तरह से मेरे लंड के उपर बैठी हुई थी | मैंने अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया और स्टीरिंग संभालना सिखाने लगा | जब भी कार मुडती तो मैडम की गांड मेरे लंड में धस जाती | मैडम के चुचे इतने बड़े थे की वो मेरे हाथों को छु रहे थे | मैं जान बुझ के उनके चुचो को चूता रहा | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैडम अब एक्सेलेरेटर भी आप संभालिए कहीं कार फिर से कंट्रोल के बहार हो गयी तो ? मैडम अब तो मैं बैठा हू ना ? मैडम ने फिरसे पूरा एक्सेलेरेटर दबा दिया तो कार ने फिरसे एक दम से रफ़्तार पकड़ ली | इस पर मैंने एक दम से ब्रेक लगा दी तो कार भी उसी वक्त रुक गयी | मैडम को झटका लगा तो वो स्टीरिंग में घुसने लगी | इस पर मैंने मैडम के चुचो को अपने हाथो से पकड़ कर मैडम को स्टीरिंग में घुसने से बचा लिया | कार रुक गयी थी और मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे | मैडम बोली – मैंने कहा था ना की में फिर कुछ गलती करुँगी ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे ) कोई बात नहीं, कम से कम गिअर तो बदलना सीख लिया ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे ) शायद मुझे स्टीरिंग संभालना कभी नहीं आएगा ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे ) एक और बार ट्राई कर लेते हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे ) ठीक हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे ) मैडम ने मुझसे एहसास दिलाने के लिए की मेरा हाथ उनके चुचो पे है , मैडम ने अपने चुचो को हल्का सा झटका दिया तो मैंने अपने हाथ वहा से हटा लिया | मैंने कार फिरसे स्टार्ट की | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पे रख लिया और मैंने अपने हाथ उनके हाथो पे रख दिया | मैडम एक्सेलेरेटर मै ही संभालूँगा, आप सिर्फ स्टीरिंग संभालिए यही में कहने वाली थी कुछ देर तक मैडम को स्टीरिंग मैं मदद करने के बाद में बोला मैडम अब में स्टीरिंग से हाथ उठा रहा हू, आप अकेले ही संभालिए ठीक है , अब मुझे थोडा अपने उपर भरोसा है, लेकिन तुम अपने हाथ तैयार रखना कहीं फिर से वेसा ना हो जाये | मैडम मेरे हाथ हमेशा तैयार रहते हैं मैंने फिर अपने हाथ स्टीरिंग से हटा के मैडम के छाती पे रख दिया, मैडम को पकड़ने के बहाने से, मुझे एक पाल के लिए लगा की मैंने हाथ रखा वो भी सीधे मैडम के छाती पे, आज मुझे मैडम से गलिया सुनने को मिलेगा, मगर ऐसा कुछ भी ना हुआ | सागर मुझे कास के पकड़ना, कहीं ब्रेक मारने पर में फिर से स्टीरिंग में ना घुस जाऊ | हा मैडम, कास के पकड़ता हूँ | मैंने फिर मैडम के छाती को कास के पकड़ने के बहाने दबा दिया, और उसी के कारण मैडम के मुह से अह्ह्ह निकल गया | सागर मेरे ख्याल से आज के लिए इतना सीखना काफी है | ठीक है मैडम मैडम फिर मेरी गोद से उठ कर बाजु वाली सिट पर बैठ गयी, और हम फिर मैडम के घर चल दिए | ठीक है मैडम, मै अब चलता हू | रोटी खा के जाना नहीं मैडम, मैंने मम्मी को बोल को कहा है की में खाने के वक्त आ जाऊंगा ठीक है, तोह कल दस बजे आओगे ना ? पक्का मैडम, मै अगले दिन दस बजे पहुच गया | पड़ने के बाद हम फिर से कार सिखने उसी जगह में आ गए | तोह सागर आज कहाँ से शुरू करेंगे ? मैडम मेरे ख्याल से से आप पहले स्टीरिंग में ठीक हो जाइये, उसके बाद कुछ करेंगे | ठीक है, कल जेसे ही बैठने है क्या ? हा मैडम, आज मैडम ने सिल्क की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी | मैडम आज सीधे आकार मेरे लौडे पर बैठ गयी | आज मैडम की सलवार थोड़ी टाईट थी और मैडम की गांड से चिपकी हुई थी | हमने कार चलानी शुर कर दी | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पर रख लिया, और मैंने भी अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया | आज मैडम की गांड मेरे लोडे पर बार बार हिल रही थी | कुछ देर के बाद मैंने कहा मैडम अब मैं अपने हाथ स्टीरिंग से हटा रहा हू | हाँ, अपने हाथ स्टीरिंग से हटा लो | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने हाथ स्टीरिंग से उठा कर सीधे मैंने मैडम के चुचो पे रख दिया………..वह मज़ा आ गया आज मैडम ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, इसीलिए आज मैडम के चुचे काफी नरम थे | मैंने फिर मैडम के चुचो को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया | मैडम की सिल्क की सलवार में उनके चुचे को दबाने में मज़ा आ रहा था | मैडम ने अचानक अपनी टाँगे खोल दी और उसी के कारण उनकी चुत मेरे लंड पर आ गया | मैंने फिर जोश में आके मैडम के कमीज़ में हाथ डाल दिया और उनके चुचो को दबाने लगा | मैडम, मज़ा आ रहा है क्या ? अह्ह्ह किसमे ? कार चलने मैं | हाँ, कार चलने में मज़ा आ रहा है | मैडम, अब आपको स्टीरिंग संभालना आ गया | ह्म्म्म अब मैंने अपना दूसरा हाथ भी मैडम के कमीज़ में डाल दिया और दूसरे चुचे को दबाने लगा | अह्हह्ह सागर तुम आह्ह्ह येह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो ? मैडम आपको कार चलाना सिखा रहा हूँ | सागर तुम्हारे हाथ कार के स्टीरिंग पे होना चाहिए था | पर मैडम, आपका स्टीरिंग सँभालने में जादा मज़ा आता हैं | तुम्हे मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए……….और वेसे भी में एक काली और मोटी औरत हू, तुम्हे मुझे क्या अच्छा लगेगा ? मैडम आपकी एक एक चीज़ अच्छी हैं | सागर में थोड़ी थक गयीं हूँ, पहले तुम कर रोक लो, वो देखो आगे थोड़ी झाडिया हैं कार वहा ले चलो | जी मैडम, मैंने कार झाडियो में जा कर रोक ली | बस थोड़ी देर आराम कर लेते हैं, हाँ तो सागर तुम्हे इस मोटी और काली औरत में क्या अच्छा लगा ? मैडम ,एक बात बोलूं ? हाँ बोलो मैडम, आपके संतरे बहुत अच्छे हैं क्या, संतरे मै क्या कोई पेड हू जो मुझमे संतरे लगे हैं ? मैडम यह वाले संतरे ( मैडम के चुचो को दबाते हुए ) आह्ह्ह ह्ह्ह्हाआअ मैडम आपके खरबूजे भी बहुत अच्छे हैं | क्या खरबूजे, मुझमे खरबूजे कहाँ हैं ? मैडम, मेरे बोलने का मतलब है आपकी गांड | झूट, मेरी गांड तो बहुत चौड़ी और मोटी हैं | यह कहकर मैडम खड़ी हो गयी और अपने सलवार निचे करदी | मैडम ने पेंटी नहीं पहनी हुई थी | देखो ना, कितनी बड़ी हैं मेरी गांड | मैं तो मैडम की गांड देखते रह गया, मैडम की गांड मेरे मूह के पास थी | मै मैडम की गांड पे हाथ फेरने लगा | मैडम, आपके गांड की महक बहुत अच्छी हैं | यह कह कर में मैडम की गांड पे किस करने लगा | फिर उसके बाद मैंने मैडम की गांड की दरार पे जीभ मारने लगा | ओह सागर…… येह्ह्ह क्या कर रहे हो | मैडम मुझे खरबूजे काफी पसंद हैं | ओह्ह…… और क्या क्या पसंद है तुम्हे ? बबल गम ! क्या…..बबल गम वो कोंसी जगह है ? जवाब में मैंने मैडम की चुत दबाने लगा | ओह्ह सागर…….बबल गम को दबाते नहीं है | मैडम…….इस हल में मैं बबल गम नहीं खा सकता | सागर पीछे सिट पे आओ, वहा पे आराम से खा सकते हैं | फिर हम दोनों पिछले सिट पर आ गए, मैडम ने अपनी टाँगे खोल ली और अपनी चुत पे हाथ रख कर बोली सागर यह रही तुम्हारी बबल गम | मैंने मैडम की चुत चाटने लगा | मैडम सिट पे लेती हुई थी, मेरी जीभ मैडम की चुत पे और हाथ मैडम की चुचो को दबा रहे थे | मै करीब दस मिनट तक चुत पे जीभ मरता रहा | सागर क्या तुम्हारी पेंसिल छिली हुई है ? क्या मतलब ? बुद्धू, मेरे पास शार्पनर है और तुम्हारे पास पेंसिल | जी मैडम, मेरा पेंसिल को छिल दीजिए | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | लेकिन पहले तुम अपनी पेंसिल तो दिखाओ मैंने अपनी जींस उतार दी, मैंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी | मैंने अपना लंड लिया और मैडम के मुह के पास ले गया तो मैडम ने उसे अपने मुह में ले लिया, और फिर जोर जोर से उसे चूसने लगी | कुछ देर तक चूसते रही और फिर बोली सागर तुम्हारी पेंसिल काफी अच्छी हैं | मैडम, क्या आपका शार्पनर भी अच्छी क्वालिटी की है ? यह तो पेंसिल छिलने के बाद ही पता चलेगा | तो मैडम, में अपनी पेंसिल छिल लूँ क्या ? हाँ सागर, जस्ट डू ईट ………………..फक मी हार्ड………..चोद दे मुझे……….. मैंने अपना लोडा मैडम की चुत में डाल दिया और धक्के देने लगा | ओह्ह्ह्ह सागर……मेरे जान…तुम्हारी पेंसिल एक दम मेरे चुत के लिए हैं………… आआह्ह्ह्ह्ह्ह एक दम सही ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और करो और और करो……ह्म्म्म्म्म्म सागर मेरे संतरो को भी दबाव……इन्हें तुम्हारी काफी जरुरत हैं | मैडम, आपकी चुत मारने में काफी मज़ा आ रहा हैं | आया.ह्ह्ह्ह…….सागर मेरे बच्चे अपनी मैडम के संतरो से जूस तो पीओ…….. फिर मैंने धक्के देने के साथ साथ मैडम के निप्पल को मुह में लेकर चुस्त रहा…………..कुछ देर बाद मैडम के चुचो में से दूध निकलने लगा और में उसे पिता रहा | आईएइइइइइइइइ सागर.और तेज और तेज और और और धक्का लगाओ और लगाओ आज अच्छी तरह ले लो मेरी….मेरे दूध को भी अच्छी तरह से पि लो …….और तेज करो |आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने तेज तेज धक्के देना शुरू कर दिया | करीब १५ मिनट बाद आ ऊह्ह्ह्ह्ह समीईर तेज और तेज में आने वाली हू ह्म्म्म्म्म्म्म ओह्ह्ह ऐईईईईइ मै और मैडम फिर एक साथ ही झड गए | आ आ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्हह्ह आई लव यु सागर….मज़ा आ गया | जी मैडम, आपका शार्पनर गज़ब का हैं | तुम्हारी पेंसिल भी कमाल की हैं | मैडम मै आपके पीछे वाले शार्पनर को भी इस्तेमाल करना चाहता हू | पीछे वाला शार्पनर………… मैंने कभी नहीं इस्तेमाल करवाया हैं | लेकिन मुझे तोह करने दोगी ना ? पक्का, लेकिन बाकि का काम घर चल कर | और फिर अभी तोह मुझे कार सिखने में कुछ दिन और लगेगा | तबसे मै और मैडम हर मोके पर चुदाई करते और मैडम से पड़ते वक्त हम दोनों बिकुल नंगे होते थे | दोस्तों कहानी की प्रतिक्रिया जरुर देना |
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