उसके बाद मैने भाभी को सीधा लेटा दिया और पूरे शरीर के एक एक उभार को देखने, महसूस करने लगा. भाभी के दोनो दूध पूरे गोल और कसे हुए सीधे आसमान की तरफ देख रहे थे,मानो किसी मस्जिद के गुंबद हों जैसे.मैं बड़े ही हल्के हाथ से दोनो दूधों के चारों ओर हाथ घुमा लगा और महसूस करने लगा.फिर धीरे से निपल के ऊपर हाथ ले जाकर उसे उंगली से धीरे धीरे रगड़ने लगा.
भाभी – आपके हाथो में जादू है पूरा शरीर तय्यार हो जाता है.
मैं – ये जादू नहीं प्यार है, जो आप महसूस कर रहे हो.
भाभी – पहले क्यों नहीं मिले आप
मैं – जब मिले तब ही सही, मिले तो.
बातें करते करते में भाभी के पूरे शरीर को नाप रहा था.उनके पेट,कमर, नाभि,दूध,जांघें, हर एक भाग हर एक कटाव पर बड़े ही हल्के हल्के हाथ फिरा रहा था और उन्हे महसूस कर रहा था.
भाभी – मत करो मैं फिर तय्यार हो जाउन्गि
मैं – तो हो जाओ ना (ये कहते हुए मैने भाभी का हाथ नीच अपने लंड पर ले गया भाभी ने फिर उसे कस के पकड़ लिया और एक गहरी साँस ली) आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
भाभी – ये तो फिर तय्यार हो गया कितना गरम और कड़ा हो गया है
मैं – ये भी तो गरम हो रही है.(मैने भी नीचे हाथ डाल कर भाभी की चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया.)
भाभी – ये शैतानी करता है ना इसलिए ( भाभी मेरे लंड को हिलाते हुए बोली)
मैं – इसे इनको देखकर मस्ती चढ़ती है.हमेशा मुझे घूरते रहते है. (मैने भाभी के एक दूध को दबाते हुए कहा)
भाभी – ये आपको घूरते है कि आप.हमेशा यहीं नज़रें टिकी रहती है.
मैं – आपको कैसे पता.
भाभी – मुझे देखोगे तो मुझे पता नहीं चलेगा क्या.मैने बहुत बार आपको इन्हे घूरते हुए देखा है,और उन नज़रों का ही जादू है जो मैं आज आपके साथ ऐसे हूँ.
मैं – तो फिर इतने दिन परेशान क्यों किया.
भाभी – मैने कहाँ परेशान किया आप ही ने देर लगाई.
मैं – मुझे इतना परेशान किया अब मैं पूरा हिसाब लूँगा (ये कहते हुए मैं भाभी के ऊपर फिर से चढ़ गया और लंड अंदर डालने की क़ोस्शिश करने लगा)
भाभी – किसी काम का नहीं छोड़ोगे क्या?
मैं – थक गयी क्या
भाभी – थॅकी? आज तो पूरा शरीर लक हो गया.कब से प्यासी थी प्यार की.
मैं – मैं तो आपको जब से प्यार कर रहा हूँ आप ने मुझे कहाँ किया.
भाभी – अच्च्छा तो अभी तक क्या कर रही थी
मैं – वो तो मेरे प्यार का जवाब दे रही थी
भाभी – तो मैं अलग से कैसे प्यार करूँ
मैं – वो आप सोचो
फिर भाभी ने मुझे कस के गले लगा लिया और अपने ऊपर से उतार का बगल में लेटा दिया और चूमने लगी पहले गालों को फिर छाती पर फिर नीचे सरकते हुए मेरे लंड तक पहुँच गई अब मेरा लंड भाभी के दोनो दूधों के बीच में था और भाभी अपने दोनो हाथो से अपने दूधों को चिपका कर मेरे लंड को बीच में रख कर आगे पीछे करने लगी. फिर मेरे सूपदे के ऊपर चारों तरफ अपनी जीभ चलाने लगी बीच बीच में दाँत भी गढ़ा देती.फिर अपनी जीभ से पूरे लंड में ऊपर से नीचे फेरने लगी मेरा लंड इतना ज़्यादा टाइट हो गया था मानो उसे एक दो इंच और बढ़ना हो.भाभी अब मेरे अंडों तक पहुँच गयी थी एक एक कर मेरे दोनो अंडे मूह में ले रही थी.मेरा पूरा लंड अब भाभी के थूक से चमक रहा था.भाभी उसे हाथ से पकड़ कर मूठ मारने लगी.
भाभी – ऐसे ही निकाल दूं . आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं – ऐसे कैसे
भाभी – हिला हिला के
मैं – नहीं अब तो जो करेगा अंदर जा के ही करेगा
भाभी – फिर अंदर जाओगे
मैं –हां,नहीं जाऊं क्या?
भाभी – किसीने रोका है क्या
ये सुन के तो मैं मस्त हो गया मैं तुरंत भाभी के ऊपर आ गया और चूचियो (दूधों) के ऊपर बैठ गया और मैने अपना लंड भाभी के मूह में दे दिया भाभी बड़े ही प्यार से मेरे सूपदे पर अपनी जीभ फेरने लगी.भाभी के हाथ मेरे अंडों को सहला रहे थे.फिर भाभी ने मुझे नीचे कर दिया और खुद ऊपर आ गई अब भाभी के दोनो हाथ मेरी जांघों पर चल रहे थे और मूह मेरे लंड पर ठीक वैसे ही जैसे मैं भाभी की चूत चाट रहा था.कुच्छ देर चूसने के बाद भाभी भी अपने को रोक ना सकीं और अपनी चूत मेरी तरफ कर दी 69.मैने बिना देर किए भाभी की चूत में अपना मूह डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. भाभी घुटने मोड़ कर मेरे ऊपर आ गयी जिससे उनकी चूत थोड़ी सी खुल गयी और मैं आराम से अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा.भाभी भी पूरे जोश के साथ एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर चूस रही थी तभी मुझे लगा कि मेरी छ्छूट होने वाली है मैं “ बोला भाभी मेरा निकलने वाला है”
भाभी – निकाल दो मैं भी झड़ने वाली हूँ | आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
और थोड़ी ही देर मे मैने अपना लावा छ्चोड़ दिया.भाभी ने पूरा वीर्य अपने मूह में भर लिया और उसके बाद भी सूपदे को मूह में लेकर एक एक बूँद खींचने की कॉसिश करने लगी, जैसे पेप्सी चूस्ते है.कुच्छ ही देर में भाभी ने भी पानी छ्चोड़ दिया पानी छ्चोड़ते समय भाभी ने अपनी चूत मेरे मूह पे रख दी और दोनो जांघों से मेरे चेहरे को दबा दिया,मेरे मूह में भी भाभी का पानी आ गया.फिर भाभी सीधी हो के मुझसे चिपक गयी कुच्छ डी ऐसे ही चिपके रहने के बाद मुझसे बोली.
भाभी – मैने पहली बार आपका रस पिया है
मैं – कैसा टेस्ट था
भाभी – बहुत अच्च्छा
मैं – आपका पानी भी बहुत टेस्टी है
फिर हम दोनो एक दूसरे को सहलाते हुए कब सो गये पता ही नहीं चला.शाम को 4 बजे हमारी नींद खुली हम फटा फॅट उठे और तय्यार हो गये,क्यों कि भाई के आने का टाइम हो रहा था.
दोस्तो कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राहुल