अपनी बीवी को दोस्त से चुद्वाकर बाप बना

प्रेषक: राकेश

दोस्तों ये मेरी सच्ची कहानी है जो मै लिखने जा रहा हु | खैर जो भी है आप लोगो को मज़ा जरुर आएगा और मस्तराम डॉट नेट को तो लगभग कभी जानते है | मै और मेरी बीवी हमेशा मस्तराम डॉट नेट पर कहानिया पढ़ते रहते है तो अब मेरी कहानी पर चलते है मेरा नाम राकेश है और मेरी शादी, 4 साल पहले हुई थी। मेरी बीवी बहुत सुंदर है, जिसका नाम प्राची है.. उसकी फिगर – 36 28 36 है.. मेरे सभी दोस्त, मुझे बहुत रविन्द्र मानते हैं की मुझे इतनी सुंदर बीवी मिल गई। लेकिन, मेरी एक समस्या है.. असल में, मेरा लण्ड केवल “3.2 इंच” का है और बहुत पतला है.. इसलिए, मैं शुरुआत में शादी नहीं करना चाहता था.. मेरी माँ ने बहुत सारे रिश्ते दिखाए.. लेकिन, अपनी कमज़ोरी के कारण मैंने सारे रिश्ते ठुकरा दिए.. पर, जब मैंने प्राची की फोटो देखी तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाया.. मुझे लगा की मैं बेकार मैं डर रहा हूँ, शादी के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन, सुहागरात वाले दिन ही, मैं उसे संतुष्ट नहीं कर पाया। मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन मेरी बीवी बहुत समझदार थी और उसने मुझसे कहा की अब आप ही मेरे पति हैं और मुझे कोई समस्या नहीं.. लेकिन, समस्या यहीं ख़तम नहीं हुई.. शादी के 2.5 साल बीतने पर भी जब बच्चा नहीं हुआ तो मेरी मां ने प्राची को कोसना शुरू कर दिया.. जिससे, वो बहुत अपसेट रहने लगी.. मैं अपने घर में अकेला लड़का हूँ और घर से दूर, प्राची के साथ रायगढ़ में रहता हूँ। जब भी, मैं प्राची के साथ घर जाता तो मेरी मां प्राची को ही बुरा भला कहती.. जिससे, वो अक्सर उदास रहने लगी.. उसकी इस हालत से, मैं भी बहुत दुखी था क्यूंकी मुझे पता था की प्राब्लम मुझ में है, ना की मेरी प्राची में। एक दिन ऑफीस में, मेरे एक पुराने दोस्त प्रमोद ने मुझसे मेरी समस्या पूछी तो मैंने उससे कहा की मेरे स्पर्म में समस्या है.. !! इसलिए, हमारे बच्चे नहीं हो रहे.. !! (मैंने उसे शरम के कारण, अपने छोटे लिंग के बारे में नहीं बताया।) प्रमोद ने मुझसे कहा की मैं चाहू तो टेस्ट ट्यूब बेबी कर सकता हूँ पर उसमें बहुत खर्चा आएगा.. !! लेकिन, उसके पास एक और सस्ता और आसान रास्ता है.. !! मेरे पूछने पर, उसने बताया की वो एक ग्रूप को जानता है जो स्पर्म डोनेट करते हैं.. !! लेकिन, अगर कोई चाहे तो वो सेक्स करके भी प्रेग्नेंट कर सकते हैं.. !! इसमें, किसी डॉक्टर की कोई फीस भी नहीं लगेगी.. !! मुझे उसकी बात सुनकर, बहुत गुस्सा आया पर उसने कहा की तुम्हारी मर्ज़ी है.. !! कोई ज़बरदस्ती, थोड़े ही है.. !! मैंने तो केवल सलाह दी है.. !! अगर, मंज़ूर हो तो हाँ बोल देना.. !! मुझे उसकी बात अच्छी नहीं लगी.. लेकिन, मेरे पास कोई रास्ता भी नहीं था क्यूंकी मेरे पास टेस्ट ट्यूब करने के पैसे नहीं थे.. मैंने सोचा एक बार प्राची से बात करके देखता हूँ.. लेकिन, जैसी मुझे उम्मीद थी, मेरी बीवी बहुत गुस्सा हुई.. उसने कहा की मैं “पतिव्रता नारी” हूँ.. !! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | किसी और के साथ सेक्स करने से पहले, अपनी जान दे दूँगी.. !! मैं उसकी बात सुन कर, बहुत खुश हुआ की मुझे कितनी अच्छी बीवी मिली है.. पर, इधर घर से मां ने फोन कर कर के परेशान कर दिया था। फिर, एक दिन प्राची की मां का फोन आया.. उन्होंने, बताया की मेरी मां ने तलाक़ देने की धमकी दी है.. !! प्राची की मां ने भी मेरी मां को उल्टा सीधा सुनाया की मेरी लड़की में तो कोई खराबी नहीं, ज़रूर तुम्हारा लड़का ही नामर्द होगा.. !! उस दिन, प्राची बहुत रोई.. आख़िर, मुझे लगा की प्रमोद का आइडिया मान लेने में ही समझदारी है। इसलिए, मैंने प्राची को खूब समझाया उससे कहा की पुराने समय में जब राजा महाराजा के लड़के नहीं होते थे तो वो भी ऋषियो की मदद से बच्चे कर लिया करते थे और किसी को पता भी नहीं चलता था। काफ़ी समझाने बुझाने के बाद, आख़िरकार प्राची मान ही गई.. मैंने प्रमोद को भी बता दिया। उसने एक नंबर दिया और कहा की मैं इस पर कॉल कर लूँ.. मैंने उस नंबर पर कॉल किया और अपने घर का पता दे दिया। शाम को, एक खूबसूरत हटा कटा लड़का घर आया। उसने कहा की पहले कुछ ओपचारिकता करनी होंगी, उसने मेरी बीवी की फोटो माँगी। फोटो देख के, वो बहुत खुश हुआ। उसने प्राची की खूबसूरती की तारीफ़ की। उसके बाद, उसने कहा की आपकी बीवी का “एच आइ वी” टेस्ट करना होगा। उसने अपने बैग में से, एक “एच आइ वी टेस्ट की कीट” निकाली और प्राची को बुलाने को कहा। मैंने प्राची को बुलाया.. लेकिन, वो बहुत शरमा रही थी.. उसने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी.. जिसमे, वो बहुत मस्त लग रही थी, एक दम अप्सरा जैसी.. वो लड़का तो थोड़ी देर, उसे देखता ही रह गया। फिर, उसने मेरी बीवी की उंगली से थोड़ा ब्लड लिया और अपनी कीट में डाला.. थोड़ी ही देर में, वो खुश होते हुआ बोला की कोई समस्या नहीं है। फिर उसने एक अग्रीमेंट पर साइन करने को कहा.. जिसपे, लिखा था की हम अपनी मर्ज़ी से सेक्स कर रहे हैं। उसने कहा की हो सकता है की आप बाद में हम पर लीगल केस कर दें.. !! मुझे उसकी बात काफ़ी प्रोफेशनल वाली लगी और मैंने और प्राची ने उस पर साइन कर दिए। फिर, उसने कुछ लड़कों के फोटो दिखाए की आप इसमें से किसी को भी पसंद कर लें.. !! यह सारे के सारे, बिना किसी रोग के लड़के हैं और अच्छे घरों से हैं.. !! सारे फोटोस के आगे, उनका नाम, उम्र आदि लिखी थी। मैंने प्राची को, वो फोटो दिखानी चाही.. लेकिन.. . थोड़ी ही देर में, वो खुश होते हुआ बोला की कोई समस्या नहीं है। फिर उसने एक अग्रीमेंट पर साइन करने को कहा.. जिसपे, लिखा था की हम अपनी मर्ज़ी से सेक्स कर रहे हैं। उसने कहा की हो सकता है की आप बाद में हम पर लीगल केस कर दें.. !! मुझे उसकी बात काफ़ी प्रोफेशनल वाली लगी और मैंने और प्राची ने उस पर साइन कर दिए। फिर, उसने कुछ लड़कों के फोटो दिखाए की आप इसमें से किसी को भी पसंद कर लें.. !! यह सारे के सारे, बिना किसी रोग के लड़के हैं और अच्छे घरों से हैं.. !! सारे फोटोस के आगे, उनका नाम, उम्र आदि लिखी थी। मैंने प्राची को, वो फोटो दिखानी चाही.. लेकिन, उसने शरमाते हुए मना कर दिया.. पर, जब में फोटोस देख रहा था तो मैंने ध्यान दिया की वो भी चोर निगाह से, फोटोस देख रही थी.. फिर, मैंने ही एक लड़के को पसंद कर लिया.. जिसका, नाम “सुभास” था.. अब उस लड़के ने पूछा की आप की बीवी के पीरियड्स, कितने दिन पहले हुए थे क्यूंकी उसके बीच के दिन ही कन्सीव करने के लिए अच्छे होते हैं.. !! मेरी बीवी ने धीरे से, मुझे बताया की लगभग 10 दिन पहले.. !! इस पर, वो बोला तो ठीक समय है.. !! आप कभी भी आ सकती हैं.. !! हमने अगले दिन, शाम का प्रोग्राम सेट कर लिया क्यूंकी अगले दिन शनिवार था.. उसने मुझे एक पता दिया, जो एक पोश कॉलोनी में किसी बंगले का था। (हम अपने बिस्तर पर, यह सब नहीं करना चाहते थे।) अगले दिन, मैंने अपनी बीवी को फुल बॉडी वैक्स करने की सलाह दी, जो उसने मान ली। मुझे अहसास हुआ की मेरी बीवी को भी अब मज़ा आ रहा है.. लेकिन, मुझे उस पर पूरा भरोसा था.. शनिवार शाम को, हम दिए गये पते पर पहुँच गये.. वो, बहुत सुंदर बंगला था। हम लोग, ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ गये। वहाँ, पहले से एक लेडी बैठी थी.. उसका नाम “वंदना” था और वो 28-29 उम्र की होगी.. वंदना, मेरी बीवी को पास ही पड़ी डाइनिंग टेबल पर ले गई। वो दोनों, कुछ बातें करने लगीं। वंदना, प्राची को कुछ समझा रही थी.. शायद, होसला रखने को बोल रही हो.. फिर, वंदना उठ के मेरे पास चली आई। वंदना ने कहा की घबराने की बात नहीं है.. !! हम यह बात अपने तक रखेंगे और वैसे भी हम पहले नहीं हैं और भी कपल ऐसी ही प्राब्लम पर आते हैं.. !! फिर वंदना ने कहा की मैंने सुभास को बुलाया है.. !! तुम एक बार, उससे बात कर लो.. फिर, थोड़ी देर सुभास और प्राची आपस में बातें कर लेंगें.. !! अगर, सब कुछ सही लगे तो ही आगे का प्रोग्राम करेंगे.. !! थोड़ी देर में, सुभास भी आ गया। वो फोटो से भी ज़्यादा सुंदर था.. उसने मुझसे हाथ मिलाया.. लेकिन, मुझे बड़ी शरम आ रही थी.. फिर, वो मेरी बीवी से बातें करने लगा। थोड़ी देर में, मैंने देखा की प्राची और सुभास दोनों काफ़ी खुल कर बातें कर रहे थे.. हालाँकि, मैं बातें सुन नहीं पा रहा था.. लेकिन, मुझे लगा की प्राची एक सुंदर और स्मार्ट लड़के के साथ, काफ़ी खुश है.. मुझे अपनी मजबूरी पर रोना आने लगा.. तभी, वंदना ने मेरा हाथ पकड़ कर कहा की परेशान ना हो, बस एक दिन की बात है.. !! फिर, सब कुछ भूल जाना और एक खुशनुमा शादीशुदा लाइफ बिताना.. !! उसके बाद, वंदना ने प्राची को बुलाया और उससे पूछा की सुभास कैसा लगा.. !! ?? प्राची ने, शरमाते हुए हाँ कर दी (मुझे अपनी शादी का टाइम, याद आने लगा।) वंदना ने खुश होते हुए, प्राची को एक गोली दी और बोली की यह खा लो.. !! इससे स्पर्म कन्सीव करने की क्षमता बढ़ जाएगी.. !! प्राची ने फ़ौरन, वो गोली खा ली.. फिर, वंदना प्राची को एक रूम में ले गई पर उसने मुझे वही बैठने को कहा क्यूंकी फिर प्राची को शरम आती रहती.. मैं भी उसकी बात मान कर वहीं बैठ गया पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था। फिर, वंदना प्राची को रूम में छोड़ कर, वापस आकर मेरे पास बैठ गई और सुभास को अंदर जाने का इशारा कर दिया। सुभास ने अंदर से रूम बंद कर लिया.. .. थोड़ी ही देर बाद, मेरी बीवी की सिसकारियों की आवाज़ें बाहर तक आने लगीं.. जिन्हें सुन कर, मुझे पसीना आने लगा.. मैं बेचेनी से उठ कर, इधर उधर घूमने लगा। मैं प्राची के पास, अंदर जाना चाहता था.. लेकिन, रूम अंदर से बंद था.. फिर, वंदना ने मुझे अपने पास बैठाया। थोड़ी देर बाद, वो मेरे लिए कोल्ड ड्रिंक ले आई। मैंने वो पी ली पर मुझे वो बड़ी अजीब सी लगी। मुझे लगा की मेरी हालत की वजह से, ऐसी लग रही है। फिर थोड़ी देर बाद, मुझे नशा आने लगा। वंदना ने मेरा सिर अपने कंधे पर रख लिया, मुझे कुछ सुकून मिला और मैं गहरी नींद में सो गया.. .. रात के 3 बजे, मेरी नींद खुली तो देखा की मैं वही सोफे पर पड़ा हुआ था और सामने वाला रूम, जिसमें प्राची थी वो खुला हुआ था। मुझे लगा की शायद काम पूरा हो गया हो.. इसलिए, मैं प्राची को देखने के लिए अंदर चला गया.. पर, मेरा सिर घूम रहा था और पैर लड़खड़ा रहे थे.. मैं जैसे तैसे, रूम में घुसा पर वहाँ कोई नहीं था। सिर्फ़, एक डबल बेड पड़ा था जिसकी बेडशीट अस्त व्यस्त थी। बेड शीट पर खून और वीर्य के धब्बे पड़े थे.. लेकिन, प्राची का कुछ आता पता नहीं था। मैं रूम से बाहर आ गया और इधर उधर घूमने लगा। मैं प्राची.. !!दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  प्राची.. !! चिल्लाना चाहता था.. लेकिन, सिर चकराने के कारण चिल्ला नहीं पा रहा था.. फिर, मुझे ऊपर से कुछ आवाज़ें आईं और मैं लड़खड़ाते हुए, सीडीयों से ऊपर चला गया जहाँ एक रूम था.. जिसका, दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था.. मैंने जैसे ही रूम का दरवाजा खोला तो मेरी गाण्ड फट गई.. रात के 3 बजे, मेरी नींद खुली तो देखा की मैं वही सोफे पर पड़ा हुआ था और सामने वाला रूम, जिसमें प्राची थी वो खुला हुआ था। मुझे लगा की शायद काम पूरा हो गया हो.. इसलिए, मैं प्राची को देखने के लिए अंदर चला गया.. पर, मेरा सिर घूम रहा था और पैर लड़खड़ा रहे थे.. मैं जैसे तैसे, रूम में घुसा पर वहाँ कोई नहीं था। सिर्फ़, एक डबल बेड पड़ा था जिसकी बेडशीट अस्त व्यस्त थी। बेड शीट पर खून और वीर्य के धब्बे पड़े थे.. लेकिन, प्राची का कुछ आता पता नहीं था। मैं रूम से बाहर आ गया और इधर उधर घूमने लगा। मैं प्राची.. !! प्राची.. !! चिल्लाना चाहता था.. लेकिन, सिर चकराने के कारण चिल्ला नहीं पा रहा था.. फिर, मुझे ऊपर से कुछ आवाज़ें आईं और मैं लड़खड़ाते हुए, सीडीयों से ऊपर चला गया जहाँ एक रूम था.. जिसका, दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था.. मैंने जैसे ही रूम का दरवाजा खोला तो मेरी गाण्ड फट गई.. क्यूंकी, रूम में मेरी बीवी एक बेड पर थी और चार आदमी उसे चोद रहे थे.. .. दूसरी तरफ, वंदना भी सोफे पर एक लड़के से चुद रही थी.. जबकि, एक आदमी किनारे, एक सिंगल सोफे पर बैठा ड्रिंक कर रहा था.. मैंने पूरी ताक़त लगते हुए चीखा की यह क्या हो रहा है… अचानक से, रूम में हड़बड़ाहट सी फैल गई और प्राची के साथ लगे दो लड़के मेरे पास आ गये। मैंने देखा की उनमें से एक “प्रमोद” ही था। मैं समझ गया की मेरे साथ धोका हुआ है.. लेकिन, तब तक वंदना को चोदने वाले और ड्रिंक पीने वाले लड़के ने भी मुझे घेर लिया.. फिर उन्होंने मेरे हाथ पाँव पकड़ लिए और फिर रस्सी से बाँध कर, वहीं सोफे पर पटक दिया। अब मेरे हाथ-पावं बँधे थे और मुंह पर भी टेप चिपका दिया। फिर, उन लोगों ने वंदना को थप्पड़ मारा की साली, कैसी दवाई थी की जो 4 घंटो में ही जाग गया.. !! मैं समझ गया की वंदना ने कोल्ड ड्रिंक में कोई दवाई मिलाई थी.. जिससे, मुझे नशा हो गया था.. मैंने इधर उधर नज़र डाली तो देखा की रूम में कई कैमरे लगे हुए थे.. यानी, मेरी बीवी की चुदाई की पूरी शूटिंग हो रही थी.. पर सबसे हैरानी इस बात की थी, प्राची चुदने में ऐसे व्यस्त थी जैसे कुछ हुआ ही ना हो। अब प्रमोद मेरे पास आया और बोला की सॉरी भाई, तेरी बीवी इतनी मस्त थी की साली को पहले ही दिन से चोदने का प्लान बना रहा था.. !! फिर उसमें से एक ने, मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और बोला की ज़रा इस चूतिए का लण्ड तो देखें की इतनी मस्त बीवी की चूत अभी तक इतनी टाइट कैसे है.. !! फिर, जैसे ही उन्होंने मेरे लण्ड को देखा तो सब हँसने लगे। अब प्रमोद बोला की साले, मुझे तो पहले से ही शक़ था.. !! फिर सब के सब मुझे छोड़ कर, प्राची के पास इकठ्ठा हो गये। प्राची, सुभास का लण्ड अपनी चूत में डाले हुए कूद रही थी.. प्रमोद जा के उसके पीछे बैठ गया और उसकी गाण्ड में, एक उंगली डालने लगा। प्राची को इस पर और मज़ा आने लगा, वो प्यार से घूमी और “संदीप, आई लव यू” कहने लगी। अचानक से, उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ी। शायद, चुदाई के नशे में अभी तक उसे मेरे वहाँ होने का पता ही नहीं था.. वैसे भी जब मैं रूम में घुसा था तो प्राची की पीठ मेरी तरफ थी.. मुझे देखते ही, वो सकपका गई पर संदीप ने उससे कहा की टेन्षन ना लो.. !! वो कुछ नहीं करेगा.. !! तुम बस, हमारे साथ मज़े करो.. !! और संदीप दुबारा उसकी गाण्ड में, ज़ोर से उंगली करने लगा। जब संदीप ने, उंगली निकाली तो उसमें वीर्य लगा हुआ था.. यानी, मेरी प्राची की गाण्ड पहले ही, चुद चुकी थी.. मुझे रोना आ रहा था पर मेरी बीवी चुदवाने में मस्त थी। फिर, बाकी लड़के जिनका नाम रविन्द्र, विनोद, सुनील और देव था, वो भी मेरी बीवी को इधर उधर से सहलाने लगे। उनके बीच से, मुझे बस अपनी बीवी की चूत दिखाई दे रही थी.. जिसमें सुभास का बड़ा सा लण्ड, अंदर बाहर जा रहा था.. रूम में, मुझे छोड़ कर सब नंगे थे और मेरी पैंट भी जो उन्होंने उतार दी थी, उसमें से मेरा छोटा सा लण्ड मुरझाया सा लटका हुआ था.. अब सुभास ने प्राची को कस के पकड़ लिया, शायद उसका होने वाला था वो ज़ोर से चिल्लाया – रु चि का का का का का आ आ आ आ आ आ आ.. !! मे रा रा रा, हो ने वा ला है ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !! उसे देख कर, सब हंस रहे थे.. फिर उसने नीचे से ही प्राची को कस कर, अपने सीने से चिपका लिया और ज़ोर ज़ोर धक्के मारने लगा। प्रमोद ने, रविन्द्र को मेरे आगे से हटने को कहा.. वो चाहता था की मैं यह नज़ारा, अपनी आँखो से देखूं.. फिर सुभास ढेर सारा माल, प्राची की चूत में ही छोड़ने लगा.. कम से कम, एक मिनट तक सुभास ने उसे ऐसे ही चिपकाए रखा आर फिर प्राची की चूत में से, सुभास का माल बाहर आने लगा.. मुझे अहसास हुआ की प्राची भी झड़ गई है और उसका भी पानी बाहर आ रहा है। मैंने ऐसा नज़ारा, पहली बार देखा था.. .. प्राची के पूरे शरीर पर पसीना आ रहा था.. लेकिन, फिर थोड़ी देर में वो मस्ती से अपनी गाण्ड ऊपर नीचे करने लगी.. रविन्द्र और संदीप, दोनों मुझे ही देख रहे थे और ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे। अब संदीप बोला की देख बे, मादार चोद.. !! लड़की को कैसे चोद्ते हैं.. !! फिर, सुभास ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और खिसक कर बेड के किनारे लेट गया.. उसकी जगह, देव प्राची के नीचे आ गया.. उसने प्यार से, प्राची को घुमाया और प्राची बड़े प्यार से घूम गई.. जैसे साली, मेरी बीवी ना हो कर उनकी रखैल हो.. सुभास ढेर सारा माल, प्राची की चूत में ही छोड़ने लगा.. कम से कम, एक मिनट तक सुभास ने उसे ऐसे ही चिपकाए रखा आर फिर प्राची की चूत में से, सुभास का माल बाहर आने लगा.. मुझे अहसास हुआ की प्राची भी झड़ गई है और उसका भी पानी बाहर आ रहा है। मैंने ऐसा नज़ारा, पहली बार देखा था.. .. प्राची के पूरे शरीर पर पसीना आ रहा था.. लेकिन, फिर थोड़ी देर में वो मस्ती से अपनी गाण्ड ऊपर नीचे करने लगी.. रविन्द्र और संदीप, दोनों मुझे ही देख रहे थे और ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे। अब संदीप बोला की देख बे, मादार चोद.. !! लड़की को कैसे चोद्ते हैं.. !! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर, सुभास ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और खिसक कर बेड के किनारे लेट गया.. उसकी जगह, देव प्राची के नीचे आ गया.. उसने प्यार से, प्राची को घुमाया और प्राची बड़े प्यार से घूम गई.. जैसे साली, मेरी बीवी ना हो कर उनकी रखैल हो.. अब प्राची की चूत सामने की तरफ थी और गाण्ड नीचे। देव नीचे से ही, प्राची की गाण्ड में उंगली करने लगा, तब तक संदीप ने मेरे सामने ही मेरी बीवी की चूत में अपना लण्ड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा.. विनोद भी, प्राची की चुचि मुंह में लेकर चूसने लगा.. जबकि, सुनील ने अपना लण्ड प्राची के हाथ में दे दिया.. जिसे, प्राची प्यार से हिलाने लगी.. फिर उसके बाद देव ने संदीप को इशारा किया और अपना लण्ड प्राची की गाण्ड में डालने लगा.. प्राची की गाण्ड, पहले से वीर्य से भीगी थी.. लेकिन, फिर भी उसे देव का लण्ड अंदर लेने मैं थोड़ी दिक्कत थी पर एक बार भी, प्राची ने देव से कुछ नहीं कहा और ना ही उसे रोका.. बल्कि, अपनी गाण्ड हिला हिला कर पूरा लण्ड अंदर घुसेडवा लिया.. बस, प्राची के चेहरे पर थोड़ी देर के लिए थोड़ा तनाव सा दिखा पर लण्ड अंदर घुसते ही, वो नॉर्मल हो गई.. मैंने आज तक प्राची की गाण्ड नहीं मारी थी.. वैसे गाण्ड तो क्या मैं तो उसकी चूत भी, ठीक से नहीं मार पाया था.. अब फिर संदीप ने अपना लण्ड प्राची की चूत में डाल दिया और फिर देव और संदीप दोनों, धक्के लगाने लगे। 2 मिनट बाद, दोनों ने अपनी पूरी रफ़्तार बड़ा दी.. जिससे, रविन्द्र और सुनील भी किनारे से हट गये.. बस थोड़ी थोड़ी देर में, वो मेरी बीवी की चुचि मसल देते और बीच बीच में मेरी बीवी उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगती। अब प्राची को जबरदस्त मस्ती छा रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेनी लगी… पूरा रूम, उसकी चीखों से गूंजने लगा.. .. वो चिला रही थी – फाड़ दो, मेरी चूत.. !! मार लो, मेरी गाण्ड.. !! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…। ऊ ई ई ई ई ई ई माआ आअ.. !! मर गाइई ई ई ई ई ई ई ई ई.. !! मज़ा आ गय्आ आअ.. !! साले, एक रात में ही, रंडी बना दिया.. !! कुतिया बना के, चोद डाअला आा आ रे.. !! आ आआ.. !! प्राची के मुंह से “रंडी, कुतिया” जैसे शब्द सुन कर, मुझे भी जोश आने लगा। प्राची के चेहरे से पसीना टपक रहा था और लण्ड अंदर बाहर जाने की “पक पक” की आवाज़ें आ रही थीं। फिर लगभग 15 मिनट बाद, देव उसके अंदर ही झड़ गया.. !! थोड़ी देर के लिए, संदीप भी रुक गया और फिर वो दुबारा धक्के लगाने लगा.. थोड़ी देर बाद, वो भी झड़ गया.. !! दोनों ने, अपने लण्ड बाहर निकाल लिए, प्राची की गाण्ड और चूत दोनों से वीर्य टपक रहा था। दोनों ने, उसे बेड पर ही ऐसे बैठा दिया जैसे लोग “संडास” करते वक़्त बैठते हैं.. जिससे, उसके अंदर से वीर्य बाहर आने लगे.. फिर प्रमोद ने प्राची से कहा, जिसे सुनकर मेरी तो गाण्ड ही फट गई.. रूचि अपने पति को अपना माल नहीं चटाऔगी.. !! जाओ, अपने पति के मुंह पर अपनी यह अनोखी क्रीम लगा कर आओ.. !! जिसके लिए, इस चुतिए की मां की इतनी गालियाँ खाई थीं.. !! फिर प्राची उठ कर मेरे पास आई.. उसकी पूरी जाँघ से ले कर, उसके घुटने तक वीर्य चू रहा था.. वो, बिल्कुल मेरे पास आ कर खड़ी हो गई। अब जा के, मैंने प्राची को करीब से देखा.. उसके पूरे चेहरे, चुचि और जाँघो पर लव मार्क्स थे.. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

उसके बालों तक में, वीर्य सूखा सा चिपका हुआ था.. बल्कि, पूरा बदन, जैसे वीर्य से सना हुआ था.. फिर, संदीप ने प्राची से मुझे अपनी गाण्ड दिखाने को कहा। प्राची, मेरी तरफ अपनी गाण्ड करके मूड गई.. संदीप के इशारे से, वो थोड़ा नीचे झुकी.. जिससे, उसकी गाण्ड बिल्कुल मेरे सामने आ गई.. उसकी गाण्ड, बिल्कुल खुल चुकी थी.. उसके चुतड़ पर थोड़े थोड़े नाख़ून के निशान भी नज़र आ रहे थे.. शायद, गाण्ड मारते हुए थोड़ी “छी छी” भी बाहर आ गई हो.. तभी वंदना उठी और प्राची की चूत और गाण्ड के नीचे, अपना हाथ लगा कर वीर्य पोछने लगी। थोड़ी ही देर में, वंदना की पूरी हथेली वीर्य से भर गई.. वंदना ने पहले हथेली प्यार से खुद सूँघी, फिर प्राची को भी सूँघाई और फिर मेरी नाक के पास लगा दी.. बहुत ही, “मादक महक” थी.. !! .. !! आदमी का वीर्य और औरत का पानी मिलकर, जो निर्माण करते हैं, ज़रा सोचिए उसकी महक कैसी होगी और फिर उसमें औरत की छी छी और पेशाब की भी महक भरी हुई हो, तो कहने ही क्या.. फिर उसके बाद, वंदना ने अपनी हथेली चाट ली.. अब प्राची की गाण्ड में, अंदर तक उंगली घुसेड कर इधर उधर घूमने लगी.. जैसे लोग जैम की डिब्बी में से उंगली से जैम निकालते हैं.. फिर जब वंदना ने उंगली निकाली तो उसमें थोड़ा थोड़ा वीर्य लगा हुआ था। मुझे यह देख कर, घिन आने लगी.. वंदना ने अपनी उंगली, मेरी नाक पर सूँघाई और फिर प्राची के मुंह में डाल दी.. जिसे, प्राची ऐसे चाट गई जैसे उंगली पर जैम लगा हुआ हो। यह देख कर, सब हँसने लगे। वंदना ने अपनी उंगली, मेरी नाक पर सूँघाई और फिर प्राची के मुंह में डाल दी.. जिसे, प्राची ऐसे चाट गई जैसे उंगली पर जैम लगा हुआ हो। यह देख कर, सब हँसने लगे। मैं समझ गया की अब मेरी प्राची आम लड़की नहीं रही, वो पूरी रंडी बन गई है.. फिर संदीप ने, उसे अपने पास बुला लिया और प्राची बेड पर चढ़ गई.. अब दुबारा सुनील और रविन्द्र आगे पीछे से, उसे चोदने लगे.. इतने में, संदीप ने प्राची के मुंह में अपना लण्ड ठूंस दिया.. जिसे, वो प्यार से चूसने लगी.. विनोद ने, संदीप को इशारा किया और खुद अपना लण्ड प्राची के मुंह में घुसा कर हिलाने लगा। तभी संदीप को कुछ और शरारत सूझी और उसने सुनील को हटाया, जो प्राची की चूत मार रहा था और फिर संदीप ने प्राची की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.. जबकि, रविन्द्र प्राची की गाण्ड मार रहा था.. फिर संदीप ने अपनी रफ़्तार बड़ा दी, वो कुछ खास तरह से उंगली कर रहा था.. जिसका, नतीज़ा भी जल्दी ही आ गया.. अब विनोद भी, अपना लण्ड निकाल कर किनारे खड़ा हो गया। जिसके लण्ड को, एक हाथ से प्राची ने पकड़ रखा था। जबकि, सुनील के लण्ड को प्राची ने दूसरे हाथ से हिला रही थी। बीच-बीच में, प्राची दोनों के लण्ड चूस भी लेती.. फिर थोड़ी ही देर में, प्राची का जिस्म अकड़ने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मचलने लगी.. .. अचानक से, उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा, जिसे वंदना अपने मुंह में लेने की कोशिश करने लगी.. फिर, वंदना ने अपनी हथेलियों से चुल्लू बनाकर, थोड़ा पानी मेरे पास ले आई और बोली की यह तुम्हारी “बीवी की मस्ती का पानी” है.. !!दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  दुनिया में, बहुत कम औरतों को ही, यह सुख मिलता है.. !! वो भी संदीप जैसे अनुभवी चोदु के कारण, वरना ज़्यादातर औरतों को तो ज़िंदगी भर यह सुख मिल ही नहीं पाता.. !! इसके बाद, दुबारा विनोद और सुनील अपने अपने काम में लग गये.. संदीप भी, थक कर किनारे ही लेट गया.. वैसे भी, सुबह के 4:30 हो गये थे.. इधर, वंदना भी मेरे पास ही बैठ गई और मेरे लण्ड को हाथ में ले कर हिलाने लगी। अपनी बीवी की चुदाई देखकर, मेरा लण्ड भी खड़ा होने लगा था.. वैसे भी, अब वो मेरी बीवी नहीं, बल्कि “सड़क की रंडी”, बन चुकी थी.. उसकी सिसकारियाँ सुनकर, मेरे लण्ड में भी खून दौड़ने लगा.. अचानक, वंदना ने मेरा छोटा सा लण्ड अपने मुंह में ले लिया.. वो लोलीपोप की तरह, मेरा लण्ड चूसने लगी। पहली बार, कोई लड़की मेरा लण्ड चूस रही थी, क्यूंकी प्राची ने मुझे हर बार मना कर दिया था। आज मेरी बीवी, किसी और मर्द का लण्ड चूस रही थी और एक दूसरी लड़की, मेरा लण्ड चूस रही थी। फिर वंदना मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत में ले लिया। वंदना की चुचियाँ, मेरे मुंह के पास थीं.. लेकिन, मेरे मुंह पर टेप लगा हुआ था इसलिए, मैं उसे चूस नहीं सकता था.. फिर, मेरे लण्ड पर उछलते हुए वंदना ने कहा की तुम्हारी बीवी “हाइपर सेक्स” के नशे में है, जो मैंने उसे शुरुआत में खिलाई थी.. !! इस के कारण, औरत इतनी चुदासी हो जाती है की वो अच्छा बुरा सब भूल जाती है.. लेकिन, तुम परेशान ना हो वो ठीक हो जाएगी और तुम्हारे अंदर भी कोई कमी नहीं है.. !! सिर्फ़ विश्वास की कमी है.. !! जिसके कारण, जल्दी झड़ जाते थे.. !! पर, मैं तुम्हे सब सीखा दूँगी.. !! यह कह कर, उसने मुझे चूमा और अपनी रफ़्तार बड़ा दी। असल में, मुझे उस रंडी वंदना पर बहुत गुस्सा आ रहा था.. क्यूंकी, उसने मेरी सीधी साधी बीवी को रंडी बना दिया था.. सच कहूँ तो मैं उसकी चूत फाड़ डालना चाहता था.. इसीलिए, ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा.. अब रूम में, मेरी बीवी के साथ वंदना भी चिल्ला रही थी – आ आ आ आ आ.. !! उू उउ.. !! और, चोदो और, चोदो.. !! मार लो, मेरी… फाड़ दो, मेरी चूत हा ई या आ आ उ आ या आ उंह.. !! क्या चो द र हा है.. !! और, वंदना ने चिल्लाते हुए, मेरे मुंह से टेप हटा दिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसेड दी, जिसे मैं चाटने लगा। अब मुझ पर भी सेक्स का नशा चढ़ गया था.. इस लिए, मैं भी मज़े लेने लगा.. तभी सुभास उठा, जो सबसे किनारे बैठा था। वो हम दोनों के पास आया और वंदना की गाण्ड पर अपनी थूक लगाने लगा। फिर, थोड़ा थूक अपने लण्ड पर लगाया और वंदना की गाण्ड में, अपना लण्ड पेल दिया। अब वंदना और मेरी बीवी, दोनों के दोनों छेदों में लण्ड थे.. तभी संदीप भी खड़ा हुआ और बोलने लगा की हाँ दोस्तो, ऐसे ही.. !! इन दोनों रंडियों को चोदो.. !! फिर, वो मेरे सोफे के पीछे आ गया और अपना लण्ड वंदना के मुंह में डाल दिया और बोला – जब प्राची के तीनों छेद में लण्ड है तो अपनी वंदना कैसे छूट जाए.. !! फिर उसने मुझसे कहा – क्यूँ बे साले, मज़ा आ रहा है, असली चुदाई का.. !! बात तो सच थी, मैं घर पर तो प्राची की चूत में 2 मिनट में ही झड़ जाता था.. लेकिन, यहाँ मैं तबा तोड़ वंदना की चूत चोद रहा था.. फिर संदीप ने, मेरे हाथ भी खोल दिए। पहले, मैं सोच रहा था की हाथ खुलते ही संदीप की गर्दन दबा दूँगा.. लेकिन, अब मेरी बाहों में वंदना का शरीर था.. जिसे, मैंने कस कर पकड़ लिया.. फिर संदीप का इशारा पा कर, सुभास ने मेरे पैरों को भी खोल दिया। अब मैं आराम से, वंदना की चूत में सही से लण्ड डाल सकता था… दोनों के मुंह में, लण्ड ठुसने के कारण वो दोनों चिला नहीं पा रही थी.. सिर्फ़ गून गून की आवाज़ आ रही थी.. जिसे, हम लोग एंजाय कर रहे थे..दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

ऐसे ही, 10 मिनट के बाद, एक एक कर सबका वीर्य निकल गया.. !! आज पहली बार, मुझे असली चुदाई का एहसास हुआ और मैं थक कर सोफे पर निढाल गिर गया, सुभास और संदीप भी सोफे पर ही पसर गये.. जबकि उधर विनोद, सुनील, देव और रविन्द्र मेरी बीवी के साथ बेड पर पड़े थे और मेरी बीवी के शरीर को सहला रहे थे। फिर वंदना भी उठ कर, उनके बीच में चली गई और मेरी बीवी के ऊपर लेट गई। अब दोनों, अपने में ही मज़े ले रही थी.. ना जाने, उनमें इतना सेक्स करने के बाद भी इतनी ताक़त, कहाँ से बची थी.. वंदना, अपने गाण्ड और चूत में से लण्ड निकाल निकाल कर, कभी खुद चाटती तो कभी प्राची को चटाती। फिर वंदना ने अपनी चूत में से वीर्य को निकाल कर, प्राची के मुंह में डाला और बोली की इसे पूरा पी जा.. !! यह, तेरे असली पति की मलाई है.. !! फिर वंदना अपनी चूत ही प्राची के मुंह पर ले के बैठ गई और प्राची मस्ती से उसकी चूत चाटने लगी। वंदना के बैठने से मेरा वीर्य उसकी चूत से बाहर आने लगा, जो सीधा प्राची के मुंह में जा रहा था। दोनों, बहुत देर तक ऐसे ही खेलती रहीं.. फिर, दोनों थक के सो गईं.. मुझे भी नींद आ गई। सुबह 11 बजे, जब मेरी नींद खुली तो देखा की वंदना चाय बना लाई थी। उसने प्यार से, मेरे लण्ड को मुंह से चूमा.. रूम में और कोई मर्द नहीं था, सिर्फ़ प्राची बिस्तर पर पड़ी सो रही थी.. अब वंदना ने मुझेसे कहा की देखो जो होना था हो गया.. !! अब इसे एंजाय करो.. !! वैसे भी, कल रात की पूरी रिकॉर्डिंग इन लोगों के पास है.. !! फिर तुम दोनों ने खुद साइन करके भी दिया है.. !! इसलिए, कोई बेवकूफी ना करना.. !! तुम्हारी बीवी की कोई ग़लती नहीं है.. !! वंदना ने मुझे एक गोली देते हुए बोला की यह अपनी बीवी को खिला देना, जिससे इसे बच्चा नहीं होगा और अब तुम आराम से अपनी बीवी को चोद कर, उससे अपना बच्चा कर सकते हो.. !! अब यह तुम्हारी ज़िम्मेदारी है की तुम अपनी बीवी का होसला बड़ाओ क्यूंकी वैसे भी तुम ही ज़िद करके अपनी बीवी को यहाँ लाए थे.. !! तुम मर्द से खुद तो कुछ होता नहीं, बस अपनी बीवियों को कोसते रहते हो.. !! इसलिए, उसे प्यार से समझना की इसमें उसकी कोई ग़लती नहीं.. !! वैसे भी, कल तुमने भी मेरी चूत मारी थी.. !! …याद है, ना.. !! …यह कह कर उसने मुझे आँख मार दी.. मैं भी इस पर मुस्कुरा दिया… असल में, मुझे बहुत संतुष्टि थी की मैं “नामर्द” नहीं हूँ.. !! आगे वंदना ने कहा की अगर, तुम चाहो तो यह सब कंटिन्यू कर सकते हो और रोज मेरी चूत भी मार सकते हो… उसने मुझे बताया की वो असल में सुभास की बीवी है और तो और संदीप, रविन्द्र और देव की बीबी भी यह सब करती हैं और तो और सुनील की तो सग़ी बहन और उसकी गर्लफ्रेंड भी यहाँ आती है.. !! तुम चाहो तो, उन सबको भी ऐसे ही चोद सकते हो.. !! मैंने और किसी को तो नहीं देखा था, लेकिन संदीप की बीवी अनीता से मिला था जो बहुत मस्त माल थी.. इसलिए, मुझे लगा की जब सब कुछ हो ही चुका है तो अब एंजाय ही किया जाए.. फिर वंदना बाहर चली गई और मैंने प्राची को प्यार से उठाया। वो उठते ही, मुझसे चिपक कर रोने लगी.. उसके पूरे शरीर पर वीर्य चिपका हुआ था जो पपड़ी जैसा हो गया था,। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | पूरा बेड भी वीर्य और पेशाब के धब्बो से, सना हुआ था। प्राची के बाल बिखरे हुए थे, जो वीर्य के कारण आपस में चिपक गये थे। मैंने उसे प्यार से सहलाया और सारी बात समझाई.. फिर, प्रेग्नेन्सी रोकने वाली दवाई भी खिला दी.. अब हम दोनों नंगे ही नीचे चले गये, जहाँ डाइनिंग टेबल पर सब नंगे ही बैठे हुए थे और रविन्द्र की गोद में वंदना बैठी थी, जिसके ऊपर मक्खन रख कर सुनील ब्रेड में लगा लगा कर सबको खाने को दे रहा था। हम दोनों को देख कर, संदीप चिल्ला कर बोला – आ जा, मेरे भाई.. !! बोलो, क्या फ़ैसला है तुम्हारा.. !! मैंने तेरी बीवी को चोदा चाहे तो मेरी बीवी को चोद के बदला ले ले.. !! वैसे भी, मेरी बीबी तेरी बड़ी तारीफ़ करती है की भाई साब कितने सीधे हैं.. !! यह सुनकर, मेरे दिमाग़ में अनीता को चोदने का मन होने लगा और मैंने ज़ोर से हाँ कह दी.. तब सुभास मेरे पास आया और बोला – राकेश भाई, कल तुमने मेरी वंदना को मस्त चोदा.. !! अपनी तारीफ़ सुन कर, मैं खुश होने लगा। तभी विनोद ने मेरी बीवी का हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लिया। वैसे, मैं तो नंगा ही नीचे आ गया था लेकिन मेरी बीवी ने एक तोलिय लपेट लिया था क्यूंकी उसे शरम आ रही थी और उसके कपड़े नीचे वाले रूम में ही पड़े थे। फिर, हम सबने नाश्ता किया। अब तक प्राची भी सब से खुल चुकी थी। संदीप ने कहा – भाइयो, प्राची जी को रात वाला पूरा टेप दिखाओ की कैसे हमने रूचि की पहली बार गाण्ड फाड़ डाली थी और रुचि कैसे दो-दो लण्ड ले के चूस रही थी.. !! यह सब सुनकर रूचि भी शरमाने लगी और मुझे हँसी आने लगी। फिर, मैंने संदीप से पूछा की तुम कल अनीता को क्यूँ नहीं लाए.. !! तो उसने जावब दिया की भाई, अगर उन सबको ले आते तो सब लण्ड लेने के लिए आपस में ही लड़ने लगती और फिर पहली बार प्राची की पूरी चुदास भी तो मिटानी थी.. !! क्यूँ, प्राची अभी मिटी की नहीं तेरी चुदास.. !! यह सुन कर प्राची भी हंस दी। तब, वंदना बोली की कल की चुदाई के बाद तो रूचि की चुदास और बढ़ गई होगी.. !! क्यूँ, है ना रूचि.. !! अब रूचि ने भी वंदना को जवाब दिया – हाँ, सो तो है.. !! कल जितना मज़ा आया, वो तो अब हर रात को चाहिए.. !! यह सुनकर हम सब हँसने लगे और संदीप ने अनीता को फोन कर वहीं बुला लिया और मुझे आँख मार कर कहा – ले भाई, ले ले मुझसे बदला.. !!

समाप्त.. .. ..

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गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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