प्रेषक: निरहू देशी
हाय! दोस्तों मेरा नाम निरहू देशी है और मैं गाजीपुर का रहने वाला हूँ, मैं मस्तराम डॉट नेट का रेगुलर पाठक हूँ. मैं आज अपना भी चुदाई का एक्सपीरियंस शेयर करने का रहा हूँ.
बात उस समय की है जब मैं क्लास 12 वी में था. मैं टूशन पढने एक पड़ोस की दीदी के पास जाता था उसनका घर मेरे घर से थोड़ी दूर पर था. तो प्रतिदिन मैं साइकिल से उनके घर जाता था. जो दीदी मुझे ट्यूशन पढ़ाती थी उनका नाम सोनल था और कद 5.2 होगा.. उनका रंग सांवला था और बूब्स काफी बड़े थे, हमेशा वो पटियाला सलवार सूट पहनती थी, तो एक दम बाहर दिखते रहते थे. वो ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी थी और शादी के लिए उनके घर वाले लड़का ढूंढ रहे थे मैं उसकी गांड के साइज़ का दीवाना था. वो मुझको अकेले अपने बेडरूम में ट्यूशन पढ़ाती थी वो बेड पर बैठती थी और मुझको चेयर पर बैठने को कहती थी, मैं मन लगा कर पढता था पर जब वो टॉयलेट करने जाती थी तो मेरा लोडा खड़ा हो जाता था.
वो मुझको राजा कहती थी रोज मेरी क्लास मजे से चल रही थी अक्सर हम मूवी की बात करते थे, फेशन की बात करते थे, अक्सर उनको फ़ोन कॉल्स आते रहते थे, उनका एक बॉय फ्रेंड था जो की शादी शुदा था और उसके बच्चे भी थे पर अक्सर वो फ़ोन पर उसी से बाते करती थी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
रोज की तरह जब मैं उनके साथ पढ़ रहा था तभी उनका कॉल आया और वो मुझे कुछ सवाल देकर चली गयी.
जब मैंने सारे सवाल पुरे कर लिए तो मैंने उनको उनको आवाज दी पर कोई रिप्लाई नहीं आया.
मैं थोड़ी देर बैठा रहा और फिर अन्दर जाकर देखा तो कोई नहीं था. वहां से आते वक़्त देखा तो टॉयलेट का दरवाजा खुला था और स्सीई सीईई की आवाजो के साथ सोनल दीदी की फ़ोन पर बात सुनाई दे रही थी.
मैंने अन्दर झांक के देखा तो दंग रह गया, देखा की सोनल दीदी अपनी सलवार में एक हाथ डाल के उंगली कर रही थी और अजीब सा मुंह बना रही थी. मुझे देख कर वो डर गयी और अपना हाथ बाहर निकाल कर गुस्से से बोली तुमको सवाल दिए थे हुए या नहीं? मैंने बोला हाँ हो गए तो वो बोली चलो बैठो वहाँ मैं आती हूँ.
कुछ देर के बाद वो आ गयी.
फिर बार पूछने लगी तुमने क्या देखा मैं मना कर रहा था पर उसने मुह खुलवा ही लिया.
मैंने बोला की आप सलवार में खुजली कर रही थी वो हसने लगी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
वो जोश में थी तभी मेरे सवाल चेक करने लगी तो कुछ सवाल गलत थे उसने बोला पापा को बता देगी, मैं माफ़ी मांगने लगा बोला अब से आप जो बोलोगी वो करूँगा बस इस बार छोड़ दो उसने प्रॉमिस करवाया की किसी को नहीं बताऊंगा.
मैंने कर दिया प्रॉमिस, फिर उसने बोला अगर बचना है पापा से तो जैसा बोलती हूँ वैसा करो..
मेरे ओके बोलते ही वो अपने बेड पर घोड़ी बन गयी और सलवार खोल कर गांड मेरी तरफ कर दी.
मेरा लोडा एकदम टाइट हो गया था बोली पेंटी को नीचे करो, मैंने पेंटी नीचे की और देखा की उनकी फटी हुई काली चूत से रस टपक रहा है. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
और चूत के साइड में बाल थे.
मैंने बिना देर किये उनकी चूत में अपना मुह डाल के चूसने लगा.
वो घोड़ी बनी हुई थी और अपना सर पिलो से छिपा लिया था, उसकी बड़ी गांड ओह्ह गॉड मैं चाट रहा था.. चूत को तो वो बोल रही थी चाट ले राजा तेरी दीदी की जवानी. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं उसकी चूत चाटते जा रहा था और वो अजीब से मुह बना रही थी.
तब ही वो अपना रस छोड़ने लगी और मैं धीरे धीरे करके पीता गया.
वो थक चुकी थी बोली बस हो गया, अब नहीं..
पर मुझे तो जोश चढ़ा और उसके साइड में लेट कर अपनी बीच की उंगली उसकी गांड में डाल दी वो आह्ह्ह्ह आउच की आवाजे करने लगी.
मेरी एक उंगली उसकी गांड की गहराईयों में थी और मैं उसको स्मूच कर रहा था.
कभी उसकी जीभ चूसता तो कभी उसके मुह में थूक देता.
मेरा लोडा 7 इंच का और 2.5 इंच मोटा है, मैंने जैसे ही निकला वो पागलो की तरह हिला हिला कर चूसने लगी.
उसके बाल खुल चुके थे और वो एकदम नंगी थी.
फिर मुझे शावर में चोदने का आइडिया आया, हम उसके बाथरूम में गए, मैंने उसको अपनी एक टांग दीवार पर रखने की बोला, उसने अपनी एक टांग वाल पर राखी और मैं उसके नीचे से आकर एक बार फिर उसकी चूत चाट ने लगा जोरो से वो थक चुकी थी.. फिर अचानक से चूत चाटते वक़्त उसकी सुसु निकल गयी.
मैंने गुस्से में उसे नीचे पटक के टाँगे फैला दी और एकदम जोर से चूत पे गया उसकी आह्ह निकल गयी.
फिर अपना लोडा 7.2 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा लोडा उसकी चूत पर रगड़ने लगा वो जोश से सिसकियाँ भर रही थी और अपने होंठ चबा रही थी.
तभी झटके से अपना लोडा एक बार में अन्दर डाल दिया.
वो चिल्लाई अह्ह्ह… बाबू… उम्म्म… उम्म्म्माआआ.. कितना मोटा है बस्स्स! उम्म्म्म…
लंड का सुपाड़ा अन्दर था और उसकी आँख से आंसू आ रहे थे.
तभी दूसरा झटका मारा और लोडा उसकी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया.. वो पागल हो गयी और चिल्लाने लगी.. तभी मैंने झटके मारने चालू कर दिए, मेरा लोडा उसकी चूत को चीरते हुए उसके पेट तक जा रहा था और मैंने उसके दोनों हाथों को कस के पकड़ रखा था.. धीरे धीरे उसे मजा आने लगा वो फुल मूड में ठुकवाने लगी.
मैंने उसके दोनों हाथ छोड़ दिए अब मेरा लोडा उसको चोद रहा था जोर से और वो अपनी चूत रगड़ रही थी, ऊपर से अन्दर चूत की गहराईयों तक जा रहा था. सट सट सट सट सट सट सट सट सट सट सट फिर आवाज आ जाती उईमाआआआअ.. मर गयी..
मुझे उसके बदन की खुशबु मदहोश कर रही थी, फिर चोदते चोदते मैं उसके बूब्स पिने लगा वो पागल ही हो गयी.. बोली और ठोको मैं झड़ने वाली हूँ.. अह्ह्ह्ह… बाबू.. उम्म्म्म…. फिर जब वो झड़ने वाली थी, तो मैंने जोर का झटका लगा दिया और वो झड गयी और हलकी सी ब्लीडिंग हुई.
पर मैं ठहरा पैदाईशी कमीना इतनी जल्दी न झड़ने वाला था लोडा उसकी गांड में डाला और 8/10 झटको के साथ में ही सारा पानी छोड़ दिया. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर हम लोग कुछ देर तक सोये रहे, फिर मैं घर चला गया और अगले दिन मुझे शर्म आ रही थी, उनके सामने आने में पर मैं गया और वो भी शर्म से पानी पानी हो रही थी.
अगले दिन से पढाई की बात कम और चुदाई की बात ज्यादा होने लगी.. बात करते करते जब जोश चढ़ता तो रोज अलग अलग स्टाइल से चुदाई कर देता और कुछ ट्रिक्स और स्टाइल का इन्वेंशन करता था. भाई लोगो आपको ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना