हाई दोस्तों, जैसा की आप लोग जानते है मेरा नाम राजा बाबु है और मैंने ऐसी अतरंगी हरकत की है की शायद आपने उसके बारे में कभी सोच भी ना होगा | मैं पानीपत (डेल्ही ) में सुखद जीवन – यापन कर रहा था और माता – पिता के साथ ही वहीँ के फ्लैट में रहता था | वैसे तो मैं अकसर एक दम शांत रहा करता था पर जब बात आई की कुछ दिनों के लिए मेरे पिता बाहर जा रहे थे तो ना जाने मेरे अंदर कुछ अजब सी चुदक भर गयी | मैंने दुनिया की हर चीज़ के मज़े लेना चाहता था और धीरे – धीरे मैंने दारु से धुम्रपान हर वो हरकत की जो कोई ना करता | कसर रह गयी थी तो बस एक चुत मारने की, मैंने बहुत कोशिश की एक लड़कियों को पटाने की ताकि उससे अपनी हवस निकाल सकूँ पर किसी भी आस – पास की लड़की ने मुझे घास तक नहीं डाली | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मुझे बहुत अजीब – अजीब लगने लगा बस मेरी हालत इतनी बुरी गयी के कैसे भी किसी ना किसी लड़की की चुत मुझे मारनी ही थी |मै इंटरनेट पे चुदाई के विडीयो देख रहा था कुछ ही पल में मेरे रूम के दरवाजे की ओर कोई आ रहा था तो मैंने देखे की मां आई हुई थी | मैंने उदास होकर पी.सी बंद कीया मां ने मुझसे पैसे मांगे जिसपर जैसे ही मैंने मां को हवस की नझर से देखा तो वो मस्त मोटे चुचों वाली मेरी मां थी जिनकी गांड किसी गाडी के डिक्की की तरह निकली हुई थी | जब मैंने उनके ब्लाउस के उप्पर से दिख रहे उनके चुचों के बीच के गलियारे को देखा तो मेरा भेजा सटक गया | मैंने तभी उनसे कहा
मैं – क्या हुआ मां. क्या चाहीये
मां – बेटा वो कुछ पैसे चाहीये थे बडी जरूरत, गांव मे तेरी मौसी बहोत बीमार है उसे दवाईयो के लिए पैसे
भिजवाने है ।
मैं – अच्छा बोलो .कितना चाइये . .??
मां – १००० रुपैये . . ! !
मैं – मैं चाहूं तो आपको १०,००० दे सकता हूं पर आप एक काम करे तो .??
मां – हाँ बोलो क्या काम है . .??
मै कूछ देर चुप रहा और हीम्मत जूटा के बोला।
मैं – मुझे आपको नंगी कर के चोदना है . . ! !
मां – दीनेश तुम होश मे तो हो तुम्हे पता भी है तुम क्या कह रहे हो ।
मैं – पुरे होश मे कह रहा हूं मां , तुम्हे पैसों की जरूरत है और मुझे तुम्हारी सोच लो.
मां – मुझे नही चाहीये तेरा पैसा मुझसे गलत काम करवाना चाहता है कुत्ते।
मैं – मै आपकी बात का बुरा नही मानूंगा, पर आपको भी जरूरत है, मौसी की हालत बहोत खराब है, सोच लो
मां कुछ घंटो की बात है, मै कभी आपको कीसी चीज की कमी नही होने दूंगा।
मां अपना पल्लू मुंह पे पकडे रोने लगी कुछ देर बाद उसने आंसू पोछ लिए
मां – पर बेटा अगर किसी को पता चला तो . ??
मैं – आप वो चिंता मत करो बस आज दिल खोल के मुझे खुश कर दो और मै आप को कीसी चीज की कमी
नही होने दूंगा पैसा, कपडे, गहने जो आपको चाहीये वो ला दुंगा | मां सीर झुकाये खडी थी। मैंने वक्त ना बर्बाद करते हुए उन्हे अपने बिस्तर पर ले गया और जाते ही उनके ब्लाऊस के ऊपर से ही चुचों को भींचते हुए उनके होठों को चूसने लगा | मैंने अब मां की साड़ी खोल दी और फटाफट उनके ब्लाउस और पेटीकोट को भी खोल दिया | मां ने कोई ब्रा नहीं पहना हुआ था | अब उनके मस्त नंगे आम जैसे चुचे मेरे सामने थे | मैं उनके चूचकों को साथ मस्ती में खेलने लगा | मैंने मां को नीचे लिटा दिया और उप्पर लेटकर उनके चुचों को चुसने लगा साथ ही अपने लंड की सख्ती को उनकी चुत के उप्पर मह्सुस कराने लगा | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मां आंखे बंद कर लेटी हुई थी। मैंने मां की काली पैंटी को नीचे खींचते हुए उनकी की रसीली चुत की फांकों के बीच अपने मुंह को रख लिया और अपनी जीभ लहराने लगा जिसपर मां “उई सससस उईम्म्म्माआआअ ईउईम्म्माआआअ” करके सिसकियाँ भरने लगी | कुछ देर बाद मैंने मां की चुत में अपनी चारों उँगलियों को अंदर – बाहर करना शुरू कर दिया जिससे मां की चुत पूरी गीली हो गई । मैने तभी मेरी पैंट में से मेरा लंड निकाल मां के हथेली पर थाम दिया और मां अपने हाथों से लंड रगड़ने लगी और धीरे- धीरे मेरे लंड को मसलते हुए अपने मुंह में डाल चूसने लगी | मैंने अब खुद मां को बाजू में लिटाया और मां की टांगों के बीच में अपने लंड को घुसाते हुए उनकी चुत तक पहुंचा डाला |मेरे धक्कों में मेरा लंड मां की चुत में फिसल कर पूरा का पूरा जाने लगा | कुछ देर बाद मैंने उन्हे अपने उप्पर बिठाया और अपने लंड को उसकी चुत में टिकाते हुए अपने उप्पर बिठाकर कुदाने लगा | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | अब तो मैं सांतवें आसमान पर आ गया था पुरे जोश में मां की चुत में अपने लंड को बराबर आगे – पीछे कर जमकर चोदने लगा | मां भी अपने शरीर के इस हवस का मज़े लेते हुए कूद – कूद कर मेरे लंड को लेती हुई सिसकियाँ भर रही थी | जैसे ही जब मैं अपनी चरम सीमा पर पंहुचा मैंने अपने मुठ की पिचकारी मां की चुत में ही छोड़ दी | मां और मैं अब हाँफते हुए एक – दूसरे के बाजू में लेटे रहे और आखिर मैं नंगी मां के चूतडों को मसलते हुए चाटने लगा और जैसे – तैसे अपने आप को ठंडा किया | मैं बटवे को खोल के १५०० रुपैये मां को दिए और चुम लिया कहा आय लव यू मां, कीसी भी चीज की जरूरत पडे मुझे बताना बस मेरी प्यास बुझाती रहना मां और आज तक मैं मां को ३००० रुपैये हर महीने देता हूं गहने नई साडीयां दे कर चोदता हुआ आ रहा हूँ और कई बार उसे खूश कर के मां की मस्तानी गांड भी मार चुका हूं | कैसी लगी मेरी कहानी कृपया कमेंट बॉक्स में लिख दे |