मित्रो अपने अभी तक माँ और बहन की चूत चाट कर चुदाई भाग 2 अब उसके आगे ….. शशांक ने मन में ठान लिया था कि आज मोम को सब कुछ सॉफ सॉफ बता देगा उसकी नज़रों में उसका अपनी माँ के लिए आकर्षण कोई पाप नहीं था यह तो उसका प्यार था उसकी माँ से नहीं बल्कि एक सुंदर-सुगढ़ और सेक्सी औरत से जो उसकी माँ भी थी , पर एक औरत पहले माँ के आँचल को वो दाग भी नहीं लगने देगा अगर उसकी माँ की औरत ने उसे स्वीकार किया तो ठीक , वरना उसकी किस्मेत उस ने
आज सर पर कफ़न बाँध लिया था चाहे इधर यह उधर
शशांक नपे तुले कदमों से मोम के कमरे में प्रवेश करता है मोम बड़े सहज ढंग से अपनी नाइटी को अछी तरह समेटे पलंग पर अढ़लेटी थी हमेशा की तरह पीठ टीकाए और पैर सामने की ओर बड़े टरतीब से फैलाए
उसकी इस सुगढ़ता में भी एक अलग ही आकर्षण था
शशांक उसके पैर के पास , चेहरा मोम की ओर किए चूप चाप बैठ जाता है
” अरे बेटा वहाँ उतनी दूर क्यूँ बैठा है आ मेरे पास आ ” और शशांक को अपने बगल बिठा लेती है
” हां बोलिए मोम आप कुछ कहना चाहती थी ना ? ” शशांक की आवाज़ में एक आत्म विश्वास था एक दृढ़ता थी शांति उसकी ऐसी आवाज़ से काफ़ी प्रभावीत होती है पर उसे आश्चर्य भी हुआ वो तो सोची थी बेचारा
डरा सहमा सा होगा पर यह तो बिल्कुल निडर और बेधड़क है शांति ने सावधानी से काम लेने की सोची.
” अरे कुछ नहीं बेटा मैं देख रही हूँ तू आज बड़ा परेशान सा लग रहा था खाना भी ठीक से नहीं खाया तबीयत तो ठीक है ना.? ” शांति ने उस से पूछा
” कुछ नहीं मोम मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है खाना मैने बिल्कुल पेट भर के खाया , और खाना तो बहोत टेस्टी था मोम बल्कि आप बताइए आप की तबीयत ठीक है ना आप के सर में दर्द था ”
अब तक शशांक काफ़ी आश्वश्त हो चूका था और बड़ी कॉन्फिडॅंट्ली उस ने मोम को जवाब दिया
शांति को कुछ समझ में आ रहा था मामला उतना सीधा नहीं जितना वो समझती थी अगर शशांक उसे सिर्फ़ सेक्स की भावना से देखता होता तो उसके बात करने का लहज़ा इतना स्पष्ट और आत्मविश्वास से भरा नहीं
होता बात कुछ और ही है पर फिर किचन में जो हादसा हुआ वो क्या था ? शांति सोच में पड़ गयी पर बात तो करना था शांति ने चूप्पि तोड़ी
” हां शशांक अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ तुम ने कितने प्यार से मेरा सर दबाया अच्छा यह बता तू हमेशा मेरी ओर एक टक क्या देखता रहता है बेटा मैं क्या कोई अजूबा हूँ ?? ” शांति ने अपने प्रश्न की दिशा को
सही रास्ते पर मोड़ने की कोशिश करते हुए पूछा
” हा हा हा !! मोम आप भी ना कैसी बातें करती हो आप और अजूबा ??? आप अजूबा नहीं मोम आप नायाब हो कम से कम मेरी नज़रों में ” शशांक ने बेधड़क जवाब दिया
” अच्छा नायाब ? पर किस मामले में ”
” हर मामले में ” उस ने फ़ौरन जवाब दिया
“फिर भी कुछ तो बता ना मेरी ईगो ज़रा बूस्ट होगी ” मोम ने उसे उकसाया
शशांक फिर हंस पड़ा मोम के ईगो वाली बात से ” क्या क्या बताऊं मोम आप की हर बात नायाब है ” शशांक ने मोम की आँखों में देखते हुए कहा
” अरे कुछ तो बता ना बेटा मैं भी तो सूनू प्लीज़ ” शांति ने ” प्लीज़ ” में काफ़ी ज़ोर देते हुए कहा
” ह्म्म्म्मम ठीक है पहला नंबर तो आप की पर्सनॅलिटी का है कितना आकर्षक है अभी भी आप की फिगर इतनी अच्छी है आप ने कितने अच्छे से अपने आप को मेनटेन कर रखा है दूसरी बात आप की सुंदरता
तीसरी बात आप हमेशा कितना खुश रहती हो आपके चेहरे पे हमेशा मुस्कुराहट रहती है चौथी बात आप की नाक कितनी शेप्ली है आप के चेहरे की सुंदरता को चार चाँद लगा देता है पाँचवी बात ”
” बस बस बस बाप रे बाप इतनी पैनी नज़र है तुम्हारी ” शांति ने हंसते हुए शशांक के मुँह पर हाथ रख उसे चूप करती है “इतनी बात तो तेरे पापा ने भी नहीं बताई मुझे आज तक “” नहीं मोम अभी और भी सुनिए मैने यह सब बात आप को एक औरत की तरह देख कर बताया आप मेरे लिए सुंदरता की देवी हैं ” ह्म्म्म पर बेटा अगर तुम मुझे एक देवी की तरह देखते हो तो फिर किचन में तुम ने अपनी देवी का अपमान कर दिया ना ” शांति ने बड़ी टॅक्टफुली शशांक की ही बात पकड़ते हुए असली मुद्दे पर आ गयी
” हां मोम मैं समझता हूँ मुझ से बड़ी ग़लती हुई पर मैं क्या करूँ आप की पूरी पर्सनॅलिटी ऐसी है कि मुझे हर तरह से प्रभावीत करती है मेरा दिल , मेरा दिमाग़ मेरा एक एक अंग उस से प्रभावीत हो जाता है आप
एक संपूर्ण औरत हैं और सब से बड़ी बात मैं आप से बेइंतहा प्यार करता हूँ बेइंतहा ”
शशांक मोम की आँखों में झाँकता हुआ कहता है उसकी ओर एक तक देखता रहता है बिना पलक झपकाए और फिर एक दम से चूप हो जाता है शांति भी उसके दो टुक जवाब से सन्न रह जाती है थोड़ी देर तक रूम
में सन्नाटा छा जाता है दोनों की धड़कनों की आवाज़ भी सॉफ सुनाई देती है
शांति समझ जाती है कि मामला सही में उतना आसान नहीं था शशांक उस पर मर मिटा है यही बात अगर उस से किसी और ने कही होती तो यह उसके औरत होने की बहोत बड़ी उपलब्धी होती उसके औरत
होने का कितना बड़ा सम्मान होता पर यही बात उसके बेटे के मुँह से उफफफ्फ़ मैं क्या करूँ शांति एक बड़े चक्रव्यूह में फँसी थी उसके चेहरे से परेशानी झलक उठती है वो उसे डाँट फटकार कर चूप कर सकती
थी पर वो अब तक शशांक की बातों से जान गयी थी कि डाँटने से बात और भी बीगड़ सकती है कहीं शशांक कुछ कर ना बैठे उस पर जुनून सवार था अपनी मोम का
पर कुछ तो करना ही था शांति ने शशांक के चेहरे को अपने हाथों से थामते हुए अपनी ओर किया , उसकी आँखों में देखते हुए कहा दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
” पर बेटा मैं तुम्हारी माँ हूँ क्या कोई अपनी माँ से इस तरह प्यार करता है ??.”
शांति की आवाज़ में एक माँ की ममता , प्यार , दर्द और विवशता भरी थी
” मैं जानता हूँ मोम पर मैने कहा ना आप के दो रूप हैं एक मोम का और दूसरा एक औरत का मैं आप की औरत से प्यार करता हूँ एक मर्द की तरह मैं भी तो एक मर्द हूँ ना माँ ”
शशांक की आवाज़ में कितना दर्द ,कितनी कशिश और तड़प थी शांति भी आखीर एक औरत थी , समझ सकती थी
जिस तरह बिना किसी हिचकिचाहट ,बिना किसी रुकावट , जितने सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों और जितनी सहजता से शशांक अपनी बात कहता जा रहा था शांति दंग थी वो महसूस कर सकती थी कि शशांक जो भी कह रहा
है यह उसके दिल की गहराइयों से निकली आवाज़ है
शांति की मुश्किल बढ़ गयी थी वो बहोत बड़े पेश-ओ-पेश में थी
उसकी बातों ने उसे झकझोर दिया था
पर वो एक व्याहता औरत और माँ भी थी जो उसे इस हद तक जाने को रोक रहा था वो बहोत परेशान हो जाती है
” मोम तुम परेशान मत हो ” शशांक शांति की परेशानी समझता था ” देखो तुम यह मत समझना कि मुझ पर कोई जुनून सवार है बिल्कुल नहीं मोम मैं पूरे होश-ओ-हवास में हूँ आप के लिए मेरा प्यार सिर्फ़ सेक्स
नहीं एक पूजा है मैं आप की इज़्ज़त पर कभी भी आँच नहीं आने दूँगा आप मुझे एक औरत का प्यार नहीं दे सकतीं मत दीजिए पर मुझे मत रोकिए मेरी जिंदगी मेरी शांति मेरा सब कुछ मत छीनिए प्लीज़
आप का प्यार मेरा सहारा है जब तक आप के अंदर की माँ आपके अंदर की औरत को इज़ाज़त नहीं देती ,,मैं आप को शर्मिंदगी का एक भी मौका नहीं दूँगा बिलीव मी एक भी मौका नहीं दूँगा पर मुझे कभी
मत कहना कि मैं आप से प्यार नहीं करूँ कभी नहीं आइ लव यू आइ लव यू मोम आइ लव यू ”
और वो फूट पड़ता है उसकी आँखों से आँसू की धार बहती है फफक फफक के रोता है शशांक बच्चों की तरह
शांति के अंदर की औरत शशांक की हालत पर रो पड़ती है इतना प्यार उफफफफफफफ्फ़ कितनी अभागन है यह औरत उसे ले नहीं सकती दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
पर एक माँ अपने बेटे की हालत पर बहोत दूखी हो जाती है उसे गले लगाती है ” मत रो बेटे , मत रो समय का इंतेज़ार करो बेटा समय बड़ा बलवान है सब ठीक करेगा ”
दोनों माँ बेटे आँसू बहा रहे हैं बेटा अपने प्यार की मजबूरी पर माँ अपने बेटे की हालत पर
और एक औरत बस मूक दर्शक है सन्न है क्योंकि शांति की औरत उसकी माँ और पत्नी की छवि के अंदर जाने कब से दबी पड़ी है कभी उठ पाएगी ?????????
आज शशांक ने शांति की औरत की बेबसी और लाचारी को ललकार दिया था
शशांक अपने आँसू पोंछता है मोम के चेहरे को अपने हथेली से थामता है और उसके माथे को चूमता हुआ कहता है ” मोम आप का आँचल मैला नहीं होगा विश्वास रखो ” वो उठ ता है और बाहर निकल जाता है
शांति के होश-ओ-हवस गूं हैं अपने बेटे का अपने पर प्यार देख कहाँ तो वो अपने बेटे को समझना चाहती थी पर वाह रे बेटा उस ने तो उसे ही प्यार का पाठ समझा दिया अच्छी तारेह काश वो भी उसे प्यार कर
पाती काश दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
शांति को एक गाना याद आता है ” ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन” कितना सटीक गाना था यह उसकी मजबूरी पर
तभी बाहर कार के हॉर्न की आवाज़ आती है शांति की तंद्रा भंग हो जाती है शायद शिव आ गये थे
वो बीस्तर से उठ ती है हाथ मुँह धो कर वापस आ जाती है एक पत्नी के रूप में
अपने पति का इंतेज़ार करती है जैसे ही शशांक बाहर आता है उसकी नज़र बाहर दरवाज़े पर खड़ी शिवानी पर पड़ती है अपनी भवें सीकोडता हुआ उसे देखता है
” तू यहाँ क्या कर रही है ??” थोड़े गुस्से से उस से पूछता है पर शिवानी की आँखों में भी आँसू छलकते देख चूप हो जाता है
” मैने सब कुछ देखा भी और सुना भी भैया आप सच में कितना प्यार करते हो ना मोम से ??इतना तो शायद मैं भी नहीं कर पाऊँ कभी किसी से ”
” हां मेरी गुड़िया मैं बहोत प्यार करता हूँ बहोत ” अभी भी शशांक का चेहरा थोड़ा उदासी लिए होता है
” कम ओन भैया चियर अप आप क्या सोचते हैं मोम चूप बैठेंगी कभी नहीं आप देखना आप को आप का प्यार मिलेगा और भरपूर मिलेगा ” शिवानी ने अपने प्यारे भैया का मूड ठीक करने को आँखों से आँसू पोंछ
मुस्कुराते हुए कहा
” आर यू शुवर शिवानी ? उफ़फ्फ़ अगर ऐसा हो गया तो मेरी जिंदगी के वो पल सब से हसीन पल होंगे तेरे मुँह में घी शक्कर ” शशांक ने आहें भरते हुए कहा
” अरे बिल्कुल होगा भैया और हंड्रेड परसेंट होगा आख़िर मेरे ही भैया हो ना आप और मेरी चाय्स भी कोई ऐसी वैसी थोड़ी ना होती है जिस पर मैं मरती हूँ वो जिस पर मारे उस की तो खैर नहीं और एक बात भैया
मुझे अपने मुँह में घी शक्कर नहीं चाहिए कुछ और ही चाहिए ” शिवानी अपने भैया के गालों पर पिंच करते हुए एक बड़ी शरारती मुस्कान चेहरे पे लाते हुए बोलती है
शशांक उसकी इस बात पर उसे आँखें फाड़ कर देखता है और उसके गालो पे हल्की सी चपत लगाता है
” तू भी ना शिवानी कुछ भी बोल देती है ” फिर हँसने लगता है और अपने गालों को जहाँ उस ने पिंच किया था , सहलाता है और थोड़ा झुंझलाते हुए कहता है
“अरे बाबा तू कैसे बोलती है यार मेरी समझ में तो कुछ नहीं आता ”
” अब सब कुछ क्या यहीं खड़े खड़े बताऊं ?? पापा आते ही होंगे चलो तुम्हारे कमरे में मैं बताती हूँ मेरे भोले भैया ” और शिवानी उसका हाथ थामे उसे घसीट ती हुई उसी के कमरे में ले जाती है
शिवानी अंदर घूस्ते ही झट पलंग पर लेट जाती है और शशांक के लिए जगेह बनाते हुए उसे भी अपने पास आने का इशारा करती है पर शशांक उसके बगल में लेटने की बजाए एक कूर्सी खींच पलंग से लगाते हुए उसकी
बगल बैठ जाता है शिवानी उसकी ओर देखते हुए थोड़ा मुस्कुराती है और मन ही मन सोचती है :
” आख़िर कब तक अपने आप को बचाओगे भैया ? जब मेरे छूने से ही तुम्हारे अंदर इतना तूफान आ सकता है के तुम बाथरूम के अंदर तूफान के झोंके शांत करो फिर यह तूफान मेरे अंदर शांत होने में देर नहीं ”
” अरे क्या सोच रही है चल जल्दी बता ना ”
” बताती हूँ बाबा बताती हूँ देखो मोम कोई ऐसी वैसी औरत तो हैं नहीं के तुम ने बाहें फैलाई और वो तुम्हारी बाहों के अंदर घूस जायें ? हां मैने जितना देखा और सुना तुम दोनों की बातें मोम को तुम ने हिला दिया
है उनको सोचने पर मजबूर ज़रूर कर दिया है ”
” अच्छा ?? पर यार शिवानी तुम इतनी छोटी सी प्यारी सी गुड़िया तुम्हें इतना सब कैसे पता हो जाता है “शशांक ने उस की ओर हैरानी से देखा
” ह्म्म्म्मम भैया आप भी तो मोम की नज़र में एक बच्चे हो फिर भी आप ने अपनी बातों से साबित कर दिया ना के आप भी एक मर्द हो अब बच्चे नही ??” शिवानी ने करारा जवाब दिया शशांक को
शशांक फिर से हैरान हो जाता है और उसकी आँखों में शिवानी के लिए प्रशन्शा झलकती है ” बात तो तू पते की करती है अब मेरी गुड़िया भी लगता है औरत बनती जा रही है ”
शशांक की इस बात से शिवानी की आँखों में चमक आ जाती है , और मन ही मन फिर सोचती है
” लगता है अब इस औरत को यह मर्द जल्दी ही अपनी बाहों में लेगा बस तू तैय्यार रह ”
” लो तू फिर कहाँ खो गयी शिवानी मोम सोचने पर मजबूर हैं ? क्यूँ हाउ डू यू से दट ?”
” अरे भोले भैया जब मोम तुम से गले लग रो रहीं थी उन्होने क्या कहा था ???”
” क्या कहा था ? शिवानी मैं तो बस सिर्फ़ बोलता जा रहा था मुझे कुछ होश नहीं वो क्या बोल रही थीं कुछ याद नहीं उन्होने क्या बोला बता ना प्लीज़ ”
शिवानी लेटे लेटे ही खीसकते हुए शशांक के बिल्कुल करीब आ जाती है और अपने हाथ उसके जांघों पर रखते हुए कहती है
” याद करो उन्होने कहा था ना ‘ बेटा समय बड़ा बलवान है सब ठीक करेगा ??’ ”
” हां यार कहा तो था मोम ने ” शशांक याद करते हुए बोलता है फिर अचानक उसे मोम की इस बात की गहराई समझ में आती है और वो खुशी से चिल्लाता हुआ बोल उठता है
” ओह गॉड ओह गॉड ! ओह शिवानी मैं सही में कितना बेवकूफ़ हूँ कितनी बड़ी बात कही मोम ने शी नीड्स टाइम शी जस्ट वांट्स मी टू हॅव पेशियेन्स वेट आंड उफ़फ्फ़ शिवानी मान गये यार तू सही
में गुड़िया नहीं तू तो मेरी फ्रेंड , फिलॉसफर , गाइड है यार माइ बेस्ट फ्रेंड ”
और वो अपनी कुर्सी से उठता हुआ शिवानी को गले लगा लेता है उसके गाल चूम लेता है बार बार गले लगाता है और गाल चूमता है और बोलता जाता है “उफफफफ्फ़ ,,इतनी सी बात मुझे समझ नहीं आई ”
भैया के इस बादलव से शिवानी कांप उठ ती है उसका रोम रोम खुशी से झूम उठ ता है और भैया से लिपट ते हुए उसकी आँखों में झान्कति है और बोलती है
” भैया देखा ना समय कितना बलवान होता है मैने भी वेट आंड वाली पॉलिसी अपनाई और आज मेरी सब से प्यारी चीज़ मेरी बाहों में है बस तुम भी ऐसा ही करो ”
” यस शिवानी यस यस यू अरे सो राइट ” शशांक भी उसकी आँखों के अंदर झाँकता हुआ कहता है.
शिवानी अपनी आँखें बंद किए शशांक के सीने पर अपना सर रखे उस पर हाथ फिराते हुए भर्राई आवाज़ में कहती है :
” बस भैया तुम भी वेट करो , बी पेशेंट मोम को टाइम दो ”
शशांक शिवानी का चेहरा अपने हाथों से उपर उठाता है और कहता है
” हां शिवानी “.के स्विम्मिंग ट्रंक की उभार
उसकी मोम की जांघों के बीच चूत से टकराता हैं , वो स्ट्रोक लगाए जा रहा है जैसे जैसे स्ट्रोक लगाता है ,उसका उभार शांति की चूत से घिसता जाता है , शांति आनंद विभोर है उसके सारे शरीर में सीहरन हो
रही है वो कांप रही है किलकरियाँ ले रही है ” हां हां मेरे बेटे हाँ मुझे किनारे ले चलो मुझे बचा लो ”
शशांक के स्ट्रोक्स ज़ोर पकड़ते है जैसे जैसे किनारा नज़दीक आता है स्ट्रोक्स और ज़ोर और ज़ोर पकड़ते जाते हैं शांति की चूत और तेज़ घीसती जाती है शशांक के उभार से शांति जोरों से चीख उठ ती है ”
शशाआआआआआंक ” उस से और भी चीपक जाती है उसकी मुलायम चूचियाँ शशांक के कठोर सीने से लगी हुई एक दम सपाट हो जाती हैं उसके चूतड़ शशांक के उभार पर बार बार उछाल मारते हैं वो हाँफ रही है
पैर और जंघें थरथरा रही हैं… तो दोस्तों आप लोग अपनी प्रतिक्रिया कमेंट में देते रहिये कहानी कैसी है अब आगले भाग में पढ़िए और मस्तराम डॉट नेट पे मस्त रहिये …. आप लोग ये कहानी निचे दिए गए whatsapp के icon पर क्लिक करके अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते है |