गतांग से आगे …..
कि ये निशान कैसे आ गये ओर वो भी लिपीसटिक के ओर फिर वो सोचेंगे कि हम दोनो के सिवा तो घर मैं कोई भी लेडी नही है सो हो सकता है कि वो हमारे रूम की तरफ भी आएँ कि हम क्या कर रही हैं ये सब उनके मन मैं हमारे खिलाफ शक का बीज़ बोने के लिए है ताकि वो सोचें कि कहीं ये दोनो ही ऐसा तो नही कर रही. वो बोली भाभी आप तो बहुत ही गजब की चीज़ हो लगता है कि आप ने बहुत लंड खाए हैं पहले तो मैने कहा कि नही दीदी लेकिन जितनी उतावली आप हो रही हैं आप ने ज़रूर लगता है कि बहुत खाए है तो वो बोली नही भाभी एक बाबूजी के लंड को पाने की तमन्ना की है ओर लगता है कि वो अब आप की वजह से पूरी हो जाएगी लेकिन भाभी एक बात पूछूँ मैने कहा कि पूछो तो वो बोली के भाभी जो तुम्हारा प्लान है उसे तो तुम अकेली भी पूरा कर सकती थी घर पे किसी और को तो क्या मुझे भी पता नही चलता कि आप ने क्या किया है फिर आप ने मुझे क्यो बुला लिया तो मैने कहा कि दीदी पहले मेरा इरादा भी अकेले मज़ा लेने का था लेकिन जब मैने पहले दिन बाबूजी का लंड देखा तो मैं सारी रात प्लान बनाती रही उसे पाने का ओर प्लान मैने बना भी लिया था अकेले ही मज़ा लेने का लेकिन फिर मैने सोचा कि जिसने मुझे उकसाया और ये बताया कि मेरे घर पे इतना बड़ा लंड है ओर मेरे मन मे उसके लिए लालसा भड़काई मैं उसे तो भूल ही रही हूँ.अगर मैं अकेली ही मज़ा ले लूँगी तो ये ठीक नही होगा मैने सोचा कि ये आप का एहसान चुकाने का अच्छा मौका है वो बोली कि कौन सा एहेसान चुकाने का तो मैने कहा कि यही कि आप ने मुझे बाबूजी के लंड के बारे मैं जानकारी दी ओर मेरे मन मैं उसे पाने की ख्वाइश पैदा की अब मैं भी तसली पा सकूँगी और तुमसे कह सकूँगी कि सिर्फ़ आप ही नही हैं | दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | जिसने बड़े लंड से मज़ा लिया है बल्कि मैं भी आप के बराबर ही 11इंच के लंड से चुद चुकी हूँ. मेरी बातें सुन के वो बोली कि भाभी मैं आप को बहुत चाहती थी लेकिन आज वादा करती हूँ कि अगर आप मेरी जान भी माँगोगी तो मैं दे दूँगी आप मेरे बारे मैं इतना सोचती हैं.मैने उसे कहा कि दीदी आप कैसी बातें करती हो आप आख़िर ननद हो मेरी मैं आप के बारे मैं नही सोचूँगी तो किस के बारे मैं सोचूँगी. फिर वो बोली की वो तो ठीक है भाभी लेकिन ये बताओ कि अभी आगे प्लान क्या है बाबूजी को पटाना कैसे है अभी तो मैने उसके कान मे अपना सारा प्लान सुना दिया जिसे सुनकर वो मेरी गालो को चूमने लगी और बोली कि भाभी गजब की चीज़ हो आप मैने कहा की ठीक है अभी सो जाओ ओर वो सो गई.लेकिन मेरी आँखों मैं नींद नही थी ओर मैं अपने प्लान के मुताबिक वेट कर रही थी क्यो की मुझे यकीन था कि बाबूजी जब उठेंगे तो हमारे रूम की तरफ ज़रूर आएँगे और मैं ये देखना चाहती थी कि वो आते हैं या नही इस लिए मैं डोर के की होल मे आँखे लगा के बैठी थी और करीब 12.30 बजे बाबूजी उठे ओर मेरी सोच के मुताबिक वो हमारे रूम की तरफ आए और डोर से कान लगा कर कोई आहट सुनने की कोशिश करने लगी लेकिन दीदी सो गई थी और मैं कोई आहट करने वाली नही थी और 10 मिंट रुकने के बाद वो आपने रूम मैं वापिस चले गये ओर मैं भी सो गई लेकिन मन ही मन मैं बहुत खुश हो रही थी क्यो कि सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था.(आप सोच रहे होंगे के मैने अपनी ननद को साथ मे शामिल क्यो किया वो इस लिए क्यो कि मैं बाबूजी को ये शो करवाना चाहती थी कि उनकी बेटी मुझ से ज़यादा उतावली है किसी से सेक्स करने के लए मुझे तो वो इस्तेमाल कर रही है जब कि मैं अपनी ननद को इस्तेमाल कर रही थी) नेक्स्ट सुबह हम उठी और घर के काम मे लग गई जब मैं बाबूजी को चाइ देने गई तो वो मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे थे मैं समझ गई कि ये सब रात की वजह से है और मैने ये बात दीदी को बता दी और जब वो बाबूजी के पास गई तो वो उसे भी उन्ही नज़रों से घूर रहे थे ये दीदी ने बताया मुझे मैं समझ गई कि उनके मन मे हमारे खिलाफ शंका का बीज जन्म ले चुका है और ये ही हमारी सफलता के लिए ज़रूरी भी था. बाबूजी खाना खाने के बाद शॉप पे चले गये थे मैं | दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | और दीदी घर पे थी दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी मैने कारण पूछा तो बोली कि भाभी क्यो अंजान बन रही हो ये सब आप की ही वजह से है क्यो की आप के ही कारण मुझे बाबूजी के लंड के दर्शन हुए ओर उसे चूसने का सोभाग्य मिला है मैं तो ये सोच कर खुश हो रही थी की जब वो मेरे अंदर जाएगा तो मुझे कितना मज़ा आएगा. कुछ देर हम यू ही बातें करते रहे और फिर शाम हो गई तो मैने कोई 6 बजे के करीब रुचिता दीदी को बुलाया और आगे के प्लान पे काम करने को कहा तो उन्होने झट से मेरे बेडरूम के डोर का शीशा तोड़ दिया हमारे यहाँ डोर मे हाफ प्लाइ और हाफ शीशा लगा हुआ था जो हमने तोड़ दिया रात को अंदर कुछ ना दिखे इस लिए हर शीशे के आगे परदा लगा हुआ था. हमने काँच वहाँ से उठा दिया जब रात को बाबूजी आए तो दीदी ने सब से पहले बाबूजी से ये ही कहा कि कल एक शीशा लगाने वाले को भेज दीजिएगा वो मुझसे सफाई करते हुए शीशा टूट गया है बाबूजी बोले कि ठीक है फिर मैने उन्हे खाना दिया और फिर 10 बजे गोलिओं वाला दूध पिला दिया और फिर मैने और दीदी ने जी भर के बाबूजी के लंड को 20 मिंट तक चूसा और फिर मैने दीदी से कहा क्या आज आप को पता है ना कि हमने क्या करना है तो वो बोली कि याद है और फिर मैने बाबूजी के लंड पे अपनी लापिसटिक के किस के निशान छोड़ दिए और हम दोनो बाबूजी का लोवर नीचे ही छोड़ कर अपने रूम मे आ गई हम दोनो को आज नींद नही आ रही थी ओर हम लोग बाबूजी के उठने का इंतज़ार कर रही थी और कोई 12.30 बजे के करीब बाबूजी उठे और हमने देखा कि वो हमारे रूम की तरफ ही आ रहे हैं आज हमने रूम मे नाइट बल्ब जलता हुआ छोड़ रखा था और हमे पता था कि बाबूजी परदा हटा के शीशा टूटा हुआ होने की वजह से अंदर ज़रूर देखेंगे जब बाबूजी हमारे रूम के नज़दीक आ गये तो मैने धीरे से कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं ये मैने बिल्कुल धीरे से कहा लेकिन इतनी आवाज़ ज़रूर थी कि बाबूजी के कानो तक पहुँच जाए. बाबूजी रूम मे झाक रहे थे पर्दे को थोड़ा सा सरका के हम दोनो ने डोर की तरफ देखना ही बंद कर दिया था ताकि बाबूजी आराम से खड़े हमारा तमाशा देखते रहें मैने कहा कि दीदी ये आप क्या कर रही हैं | दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | दीदी मेरी बूब्स को सहला रही थी वो बोली कुछ नही भाभी बस नींद नही आ रही है तो मैने कहा कि आप ने मेरी नींद को खराब कर दिया वो बोली मैने क्या किया और वो फिर मेरी बूब्स को सहलाने लगी तो मैं उठ के बैठ गई और बोली कि दीदी क्या बात है वो बोली भाभी एक बात पूछूँ सच सच बताना मैने कहा कि पूछो तो वो बोली भाभी भैया भी यहाँ पे नही हैं और तुम्हारे जीजा भी नही हैं क्या तुम्हारा मन नही करता कुछ करने को मैं तो मरी जा रही हूँ सो सोच रही हूँ कि तुम से ही दिल बहला लूँ तो मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं तो वो बोली कि भाभी अगर अभी कोई मरद सामने आ जाए तो मैं तो उसी के आगे टाँगे फैला दूँ सच मैं मेरा तो इतना मन कर रहा है तो मैने कहा कि दीदी धीरे बोलो कहीं बाबूजी उठ गये और उन्होने तुम्हारी बातें सुन ली तो हमारी खैर नही.वो बोली की भाभी डरो मत पहली बात तो बाबूजी रात को उठते ही नही हैं क्यो कि मैं उनकी आदत जानती हूँ कि वो रात मे आपने रूम मे से बाहर नही निकलते और अगर निकल भी आए तो हम कोन सी कोई दूसरी दुनिया की बात कर रहे हैं जो बाबूजी सुन लेंगे. बाबूजी का कौन सा मन नही करता होगा पता नही मा के बिना वो भी कितना तड़पते होंगे उनका भी तो मन करता ही होगा मैने कहा कि दीदी ये आप कैसी बातें कर रही हैं आज तो वो बोली कि भाभी आज मेरा मन बहुत मचल रहा है आज प्लीज़्ज़ आप ही मुझे मसल दो मेरे बूब्स को सहलाओ ओर मेरे बूब्स को चूस्लो वरना मैं सारी रात तड़पती रहूंगी. बाबूजी वहीं पे खड़े हमारी बातें सुन रहे थे मैने कहा कि दीदी आप तो मेरा भी मूड खराब कर रही हैं मुझे भी आप उनकी याद दिला रही हैं तो वो बोली कि भाभी आओ आज मैं आप के बूब्स को मसलती हूँ आप मेरे बूब्स मस्लो और फिर उसने मेरी नाइटी उपर उठा दी और नीचे से मेरे 36 साइज़ के बूब्स बाहर निकल आए तो वो बोली कि हाई भाभी ये तो बहुत ही प्यारे लग रहे हैं तो मैने कहा कि इन्ही पे तो मरते हैं दीदी आप के भाई साहिब और वो मेरे बूब्स को मसलने और चूसने लगी तो मेरे मूह से सिसकियाँ सी निकलने लगी तो मैने भी उसकी नाइटी उपर करदी तो उसके भी 38साइज़ के बूब्स बाहर आ गये और मैने कहा कि दीदी आप के बूब्स देख के कई मनचले सीटी बजाते होंगे तो वो बोली कि दीदी इन्ही की वजह से तो तुम्हारे जीजू मुझे हर रोज 2 बार तो ज़रूर ही चोद्ते हैं तभी तो मुझे जल्दी भेजते नही हैं यहाँ पे. मैने कहा सच बताना कि क्या आप को लड़के छेड़ते भी हैं क्यू कि आप की फिगुर बहुत ही गजब की है तो वो बोली कि हाँ जब मैं बाजार जाती हूँ तो मैने चोर आँखों से देखा है कि कई लड़के मुझे देखते ही अपने लंड को सहलाने लगते हैं तो मैने कहा कि आप का मन नही करता उनसे चुदने का तो वो बोली कि करता तो है लेकिन मैं उनकी उमर के हिसाब से जानती हूँ की उनके लंड का साइज़ 7 या 8 इंच से ज़यादा नही होगा ओर तुम्हारे जीजू का 9.5इंच का है तो मैं अगर चुदवाना चाहती हूँ तो 10 या 11इंच के लंड से चुदवाना चाहती हूँ इससे छोटे से नही तो मैने कहा कि दीदी आप तो हो ही इतनी कमाल कि अगर मैं लड़का होता तो अभी चोद देता आप को. फिर दीदी ने कहा कि तुम कोन सी कम हो अगर मैं लड़का होता तो सारी रात तुम्हारी चूत से लंड नही निकालता बहुत मज़े से चोद्ता तुम्हे हम आपस मे यू ही बातें कर रही थी और एक दूसरे के बूब्स को सहला रही थी तभी मैने चोर आँखों से देखा कि बाबूजी आँखे फाड़ फाड़ कर हम दोनो के बूब्स को निहार रहे थे और हमारी बातें सुन रहे थे हम अपनी तरफ से तो ये शो कर रही थी कि हम बहुत धीरेबातें कर रही हैं लेकिन इतनी आवाज़ ज़रूर थी कि बाबूजी हमारी बातें पूरी सुन सकें. फिर दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए अब मैं रूम मैं बिल्कुल नंगी थी और दीदी मेरे बूब्स सहला रही थी मेरी चूत को भी दूसरे हाथ से सहला रही थी
कहानी जारी है ….. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गए पेज नंबर पर क्लिक करे …..