गतांग से आगे …..
मेरे मूह से सिसकियाँ निकल रही थी. फिर दीदी ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया अब मेरी हालत अजीब सी हो रही थी मेरे मुँह से किलकरियाँ सी चूत रही थी और दीदी पूरे ज़ोर से मेरी चूत को चाट रही थी और मेरी चूत मे अपनी जीब घुमा रही थी. ओर मैं सिसक रही थी | दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दिदीईईइ यी आपप्प्प्प क्याआआआआआआ कर रायियैयियी हययेयैयिन्न्न. ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआईईईई म्म्म्ममाआआअ उउउउउईईईईईई म्म्माआआआआअ और दीदी पूरे मज़े से मेरी चूत चाट रही थी फिर दीदी ने मुझे कहा कि अब तुम मेरी चूत चॅटो और मैने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी और फिर दीदी सिसकने लगी वो बॉलीभाभी आप तो कमाल की चूत चाटती हो इतनी बढ़िया तो कभी तुम्हारे जीजू ने भी मेरी चूत नही चॅटी फिर तो तुम भैया का लंड भी बड़े मज़े से चुस्ती होगी तो मैने कहा कि हाँ दीदी वो तो मुझे कई बार कहते हैं कि कुसम मेरा दिल तो कई बार करता है की तुम्हे चोदु ना बस सारी रात तुम मेरा लंड ही चुस्ती रहो और कई बार तो मैं 3 3 घंटे भी उनका लंड चुस्ती हूँ ओर फिर दीदी ने दुबारा से मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी मेरे मुख से सिसकियाँ निकलने लगी हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मैईईईईईईईईईईईईईई मार्र गािईईईईईईईईईईई डीईईईईईईईययड्डिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआअप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प नीईएए कैसी आग लगा दी है प्ल्ज़ अब इसे शांत भी कर दीजिए चाहे अपनी उंगली से ही भुजा दीजिए वो बोली कि भाभी काश कि अभी भैया और तुम्हारे जीजू यहाँ आ जाए और हमे जी भर के चोदे तो मैने कहा कि दीदी अभी तो मैं मरी जा रही हूँ अभी तो यहाँ पे कोई भी मरद आ जाए और मुझे चोद कर मेरी प्यास भुजा दे तो मैं सारी रात उससे चुदवाने को तैयार हूँ अगर कोई आज या कल मैं भी मुझे चोद दे तो भी मैं सारी रात उससे चुद जाउंगी हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई दडिईईयययद्ड्द्डिईइ माइईईईईईईईईईईईई मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर राहहीी हूओन्न मैं क्या करूँ और फिर हम दोनो 69 के पॉज़ मे आ गई ओर एक दूसरे के चूत चाटने लगी ओर फिर हम दोनो ही खलास हो गई तो मैने कहा की दीदी आप ने तो बहुत तंग किया है आज मुझे. है मेरी चूत तो अभी भी लंड को तरस रही है. दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | वो बोली कि हाँ भाभी दो चूत हैं जो लंड को तरस रही हैं और इस घर मैं उनकी प्यास भुजाने वाला या उनकी फरियाद सुनने वाला कोई लंड नही है कैसी विडंबना है.मैने कहा कि काश मुझे कोई खड़ा हुआ लंड दिख जाए तो मैं तो चूम लूँ उसे और जी भर के चुदवाउ उससे. यू ही बातें करती हुई हम दोनो लेट गई और सोने का नाटक करने लगी तो मैने देखा कि बाबूजी अपने रूम की तरफ जा रहे हैं तो मैं और दीदी भी उठ गई ओर जल्दी से नंगी ही उनके पीछे उनके रूम की तरफ चल पड़ी. दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | हमने दिन मे ही बाबूजी के रूम की एक खिड़की खुली छोड़ कर उसका परदा इस तारहे से कर दिया था ता कि हम अंदर का नज़ारा देख सके जब हमने अंदर देखा तो बाबूजी बेड पे बैठे हुए थे और उन्होने अपना 11इंच का तना हुआ लंड आपने हाथ मे पकड़ रखा था और उसे हिला रहे थे. दीदी ने मेरे कान मे कहा कि भाभी मैं अंदर जा रही हूँ मैं अब नही रह सकती बाबूजी से चुदे बिना मेरे मूह मे पानी आ रहा है उनका खड़ा हुआ लंड देख कर मैं नही रह सकती चुदे बिना भाभी देखो ना बाबूजी का लंड भी चूत के लिए तड़फ़ रहा है ओर उन्हे मूठ मारनी पड़ रही है लेकिन मैं उसे आपने रूम मे ले गई ओर उसे समझाया की अगर तुम अब बाबूजी के सामने गई तो बाबूजी समझ जाएँगे के ये हमारी चाल थी उन्हे फसाने की हमे खुद उनके पास नही जाना है बल्कि ये करना है कि वो हमे चोदने को तड़प उठें और तुम ये क्यू भूल रही हो कि वो मूठ भी तो हमारा नाम ले कर ही मार रहे होंगे ओर फिर मैने दीदी को समझा भुजा कर सुला दिया. मैने दीदी को करीब 4 बजे फिर उठा दिया कपड़े तो हम लोगों ने पहने हुए ही नही थे दीदी ने पूछा कि अब क्या करना है तो मैने उसके कान मे सारी बात समझा दी और खुद बाबूजी के रूम की तरफ गई और देखा कि वो सो रहे हैं मैने जान बूझ कर किचन मे से एक गिलास ले कर नीचे गिरा दिया और अपने रूम मे भाग कर आ गई मेरे अंदाज़े के मुताबिक बाबूजी उठे ओर किचॅन मे गये और वहाँ देखा कि एक गिलास नीचे गिरा हुआ है ओर सोचा कि कोई बिल्ली गिरा गई होगी ओर फिर वो हमारे रूम की तरफ आने लगे उन्हे आता हुआ देख कर मैं ओर दीदी फिर शुरू हो गई और एक दूसरे के बूब्स सहलाने लगी और चूत चाटने लगी एक दूसरी की.बाबूजी पर्दे के पीछे खड़े हुए सब देख ओर सुन रहे थे.
मेरे प्यारे चाहने वाले अभी कहानी बाकी है |
आगे की कहानी भी जल्दी ही पोस्ट करुगी तब तक आप लोग अपना जवाब देना ना भूले | आप मुझे मेल भी कर सकते है मेरी मेल आई डी है :[email protected]