अब मैने और सुभास दोनो ने ही रितिका को एक आदमी बूब्स पर और एक आदमी चूत पर अदला बदली करके लगे रहे चूस्ते और चाटते रहे.सुभास बोला अंकल जी कोई क्रीम है तो ले आओ.मैने बोला लाता हूँ.मैं जैसे ही उठा तो रितिका ने पहली बार सुभास से बात करते हुए पूछा,क्रीम किस लिए,इस पर सुभास बोला लाने तो दो तब बताउन्गा.मैं तो समझ गया था कि इसका प्लान पीछे से गान्ड मारने का है.
जैसे ही मैं वापिस आया मैने देखा उसने रितिका की दोनो टाँगें उपर की हुई हैं और अपना लंड डालने वाला है.उसने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा रितिका बोली प्लीज़ धीरे से करना तुम्हारा काफ़ी बड़ा है.इस पर वो बोला तुम्हारे पापा से भी बड़ा.तो वो फिर मुस्कुरा गयी. सुभास बोला ओके जान धीरे ही करूँगा.और उसने वास्तव में आराम से ही किया और रितिका से बीच बीच मे पूछता भी रहा कि कोई तकलीफ़ हो तो बता देना.रितिका को सुरू में थोड़ा सा दर्द हुआ मगर वो उसका लंड भी झेल गयी,थोड़ी देर बाद जब वो झड़ने वाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और खुद बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और रितिका से अपने उपर आने को बोला.रितिका उसके उपर सवार हो गयी.
रितिका अब सुभास के उपर घुड़ सवारी कर रही थी.सुभास ने रितिका को सुभास ने मेरी तरफ इशारा किया कि अंकल जी थोड़ा क्रीम लगाओ पीछे आप तो आकर खड़े हो गये.ये सुनकर रितिका रुक गयी और बोली नही पीछे से नही.इस पर सुभास बोला अच्छा ये बताओ मैने तुम्हें दर्द होने दिया,बोलो.रितिका बोली नही,फिर विश्वास करो तुम्हें बहुत मज़ा आएगा,तुम्हें तकलीफ़ ना हो इसलिए तो ये क्रीम मगाई है. वो बोली प्लीज़ पीछे से रहने दो, तुम्हारा बहुत मोटा है,मुझे दर्द होगा ये पीछे से अंदर नही जाएगा तुम्हारा तो सुरू सुरू में आगे से भी हल्का हल्का दर्द कर रहा.सुभास बोला,क्यूँ जब अंकल जी आगे से लेते हैं तो दर्द नही होता.रितिका बोली पापा के उससे दर्द नही होता,उनका तुम्हारे से कम मोटा है.सुभास ने उसे मनाने; के लिए तरीका अपनाया ओर बोला अच्छा अगर ऐसा है तो अपने पापा से ही करा लो.वो बोली ठीक है.और सुभास ने उसे अपने उपर बैठी हालत में ही लिटा लिया और अपने दोनो हाथों से उसके दोनो चुतड़ों को पकड़ कर उसकी गान्ड को खोल दिया.सुभास मुझसे बोला लो अंकल जी लगाओ कीम और छेद को नरम करो आपकी लड़की को तो आपका ही लंड पसंद है. मैं धीरे धीरे उसकी गान्ड पर राउंड राउंड करके क्रीम लगाने लगा.और करीब 15 मिनिट तक उसकी गान्ड में सुभास के बताए रितुसार क्रीम लगाई(सुभास से उस दिन मैने गान्ड के छेद को लंड के लिए तैयार करने का तरीका सीखा वो इस खेल का पुराना खिलाड़ी था) पहले एक उंगली और बाद में दो उंगलियों से भी क्रीम लगाई.जब उसकी गान्ड के छेद में दो उंगली जाने लगी तो मुझे विस्वास हो गया कि अब रितिका थोड़ा बहुत दर्द झेलकर मेरा लंड ले ही लेगी.
सुभास बोला अंकल जी अब सुरू भी करो और मैने जैसे ही रितिका की गान्ड पर लंड रखा वो बोली पापा आराम से करना.मेरे बोलने से पहले ही सुभास बोला क्यूँ जानेमन अपने पापा पर भी भरोसा नही.तो वो बोली पापा ने पहले भी बहुत दर्द कराया था इसलिए बोल रही हूँ.इस पर सुभास बोला तो मैं करूँ.रितिका बोली नही तुम तो बिल्कुल नही मरना है क्या मुझे तुम्हारा तो बहुत मोटा है.और तभी मैं बोला ठीक है बेटी में आराम से करूँगा.लेकिन मैने जैसे ही उसकी गान्ड के छेद पर लंड को रखकर जैसे ही थोड़ा अंदर किया वो चिल्लाई आआआआआआआअ और सुभास की पकड़ से छुटकर उठने की कोशिस करने लगी.सुभास बोला अंकल जी आराम से करो आपकी ही बेटी है. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
रितिका भी बोली पापा आप बहुत ज़ोर से लगाते हो धीरे से करो.मैने सोचा कि इससे आराम से कैसे होगा.मैं बोला ठीक है.मैने दुबारा से उसके छेद पर लंड रखा.इस बार सुभास ने मेरी तरफ़ आँख मार्कर इशारा किया.मैं समझ गया कि वो बोल रहा है कि झटके से डाल दो.मैने वैसा ही किया निशाना लगाया और एक दम सारा लंड अंदर.रितिका काँप गयी और चिल्लाने लगी आआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.मुझे छोड़ूऊऊऊऊऊऊ,सुभास बोला अंकल थोड़ा धीरे करो इतनी ज़ोर से करोगे तो लगेगी ही.रितिका बोली पापा आप बहुत बुरे हो,आप से तो ये अच्छा है कम से कम इतनी ज़ोर से तो नही करता पहले भी आपने ऐसा ही किया था.इस पर मैं बोला बेटा पहली बार में थोड़ा दर्द होता ही है,अब आराम से करूँगा. और धीरे धीरे शुरू हो गया.इस तरह से मैने उसको पीछे से चोदा और सुभास भी आगे से लगा रहा.इसके बाद मैं और सुभास दोनो ही झाड़ गये.और रितिका से अलग होकर बेड पर पड़ गये.रितिका बीच में और हम दोनो उसके लेफ्ट राइट मे.सुभास ने रितिका को फिर से अपनी तरफ घुमा लिया और अपने से चिपका लिया.रितिका को भी उससे चिपकने मे अब कोई संकोच नही हो रहा था. सुभास ने उसके कान में कुछ कहा.तो वो बोली नही तुम्हारा नही झेल पाउन्गि.अब मुझमें ताक़त नही रही.मैं समझ गया कि वो रितिका की गान्ड की बात कर रहा है.सुभास उससे बहुत रिक्वेस्ट कर रहा था,सुभास बोला मुझ पर भरोसा करो कल आ जाना.मैं दे दूँगी.प्लीज़ आज रहने दो.सुभास पता नही कैसे उसकी बात मान गया और बोला, ओके जान जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.और वो बोला ठीक है 11बज गये हैं.जब तुम दोगि ही नही तो फिर मैं चलता हूँ यहाँ रुकने का क्या फ़ायदा.और फिर वो चला गया. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसके जाने के बाद मैने गेट बंद किया और रितिका के पास आकर बोला.बेटी कैसी है.रितिका मुझसे गुस्सा थी बोली आपको मेरी चिंता कहाँ आप इतनी ज़ोर से करते हो,कितनी ज़ोर से लगाई है,अभी तक दर्द हो रहा है आपसे तो वो दूधवाला अच्छा है ना तो दर्द दिया और देखो मेरी बात मानकर चला भी गया.मुझे मेरी बेटी ने चुप कर दिया था वो किसी हद तक ठीक ही कह रही थी.रितिका फिर बोली देखना कल वो कितने प्यार से करेगा और दर्द भी नही देगा.
अगले दिन सुभास फिर आया और पूरी रात रुका.उसने मेरी बेटी को जमकर चोदा आगे और पीछे दोनो तरफ से.वो सेक्स का माहिर खिलाड़ी था,उसने मज़ा भी लिया और रितिका को दर्द भी नही होने दिया.रितिका ने मुझे उसके सामने ही बोला पापा इसे कहते हैं सेक्स और सेक्स का मज़ा.आपकी तरह नही.मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई क्यूंकी ये बात उसने उस दूधवाले सुभास के सामने बोली थी और ये सुनकर सुभास को शायद बहुत गर्व हुआ था.
मेरी बीवी सुषमा ँका मुझको 3 दिन बाद फोन आया मैं उस समय रितिका के साथ सेक्स ही कर रहा था.मेरी बीवी बोली पापा, मम्मी और एक हफ्ते रुकने के लिए बोल रहे हैं क्या रुक जाउ.तो मैने कहा कोई परेशानी नही है रितिका के होते कोई परेशानी नही है वो पूरा ख़याल रख रही है.सब कुछ टाइम टाइम से सब दे देती है.फोन काटने के बाद रितिका ने पूछा कि पापा क्या क्या टाइम से देती हूँ तो मैं बोला आदमी को जिस्म की भूख सबसे ज़्यादा होती है वो तो तुम अपनी माँ से भी ज़यादा पूरी कर रही हो.रितिका मुस्करा दी. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | जब तक मेरी बीवी सुषमा मायके से वापिस नही आई, सुभास और मैं रितिका को जमकर चोद्ते रहे.इसके बाद जब मेरी बीवी वापस आई तो उसने जब उस दूध वाले को घर में दूध देते देखा तो काफ़ी गुस्सा हुई उसको उसके कॅरक्टर के बारे में पता था मेरी बीवी उसका दूध बंद करने को बोली लेकिन रितिका के कहने पर कि माँ ये अच्छा दूध लाता है.हमें तो दूध से मतलब ऐसा कहा तो मेरी बीवी ने उसकी बात मान ली. इसके बाद सुभास और मुझे रितिका को चोदने का मौका नही मिल पा रहा था.मेरी बीवी सुषमा दिन में घर से बाहर कहीं नही जाती थी और रात को मैं अपनी बीवी के साथ और रितिका अपनी बहन के साथ सोती थी.
इसके बाद सुभास ने मेरी मदद से मेरी बड़ी बेटी निशा जोकि रितिका से थोड़ी कम खूबसूरत थी ,को भी फसाया ताकि रितिका को चोद सके.क्या हुआ नेक्स्ट स्टोरी लास्ट पार्ट में लिखूंगा.ओके बाइ रेस्पॉन्स ज़रूर देना.