मैने बेशर्म होकर उनके मुर्झाये लन्ड को अपने हाथों से पकडा और अपनी योनी मे सटाकर नीचे से उछली…..शायद लन्ड का टोपा अन्दर गया होगा कि मेरी योनी फक…फक….फक…फक कर बैठी और उनका लन्ड फिर से बाहर निकल गया। मेरी योनी अकेले ही अपने आप त्रप्त हो गई। वो बेचारे बहुत देर तक कोशिश करते रहे… ना ही उनके लन्ड मे कोई कडापन आया और ना ही मेरी योनी में घुस पाया। वो जोर से गुस्से मे चिल्लाए …..भैन्चोद इसको क्या हो गया.
Category: रहस्य और रोमांच
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जिस्म की उत्तेजना काफी प्रबल थी
अपने लंड को ज्यादा से ज्यादा उसकी चिकनी गीली चूत के अन्दर पेल रहा था !वो अपनी गांड को उठाकर चुदाई में मेरी बीवी की तरह मेरा पूरा सहयोग कर रही थी, जल्द ही वो चरम पर पहुँच गई। जैसे ही वो स्खलित हुई मैंने उसका मुँह हाथ से दबाकर बंद कर लिया, तुरंत बाद ही मेरे लंड ने भी वीर्य की पिचकारी छोड़ दी
चोदने वाली माल की जमके ठुकाई -2
मैंने एक मेडिकल स्टोर से कंडोम का पैकेट और वियाग्रा की गोलियाँ ले ली। अमूमन मैं वियाग्रा की गोली प्रयोग नहीं करता हूँ पर आज दो मस्त जवानियाँ ठंडी करनी थी और फिर अगर कुछ एक्स्ट्रा जोश साथ हो तो रंगीन रात और भी रंगीन हो जाती है। आज दिव्या को असली चुदाई का मजा देना था.
चोदने वाली माल की जमके ठुकाई -1
उसके पतले से शरीर पर जो चूची रूपी पहाड़ियाँ बनी हुई थी वो किसी की भी जान हलक में अटकाने के लिए काफी थी। उसकी कसी हुई टाइट टी-शर्ट में ब्रा में कसी चूचियों की गोलाइयाँ अपने खूबसूरत आकर को प्रदर्शित कर रही थी। पतला सा पेट और साइज़ के साथ मेल खाते मस्त कूल्हे… अगर कद को छोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर मस्त क़यामत थी
जिस्मानी होने की चाह हर किसी को होती है
सर्वेश लॉन में बैठा था. वो भाग कर उसकी बाहों में जा समाई, दोनों के होंठ मिल गए.. सर्वेश ने उसे गोद में उठाया और अंदर ले आया और धीरे से सोफे पर लिटा दिया. दोनों सोफे पर ही चिपट गये… कब उनके कपड़े उतर गए, कब दो शरीर एक हो गए… दोनों के चेहरे एक दूसरे के थूक से चमक रहे थे… दोनों की जीभें पूरे चेहरे पर घूम रहीं थी. सर्वेश ने पूरी गहराई तक जाकर उसकी चुदाई की थी
बुआ के लडके की चुदाई
मैं पहले भी एक भाई के लण्ड से चुद चुकी थी लेकिन इस बुआ के बेटे के चोदने के तरीके से मैं बिल्कुल मदहोश हो गयी थी और इतनी अच्छी चुदाई मेरी आज तक मेरे भाई ने भी नहीं की थी। उसका जोश इतना ज़्यादा था कि वो मुझे आधे घंटे से भी ज़्यादा समय से वो मुझे अलग-अलग स्टाइल में लेकर चोदता रहा। कभी घोड़ी बनाकर तो कभी मुझे अपने लण्ड पर बैठने को बोलते
खुद को नंगा कर गरम हो जाती और झड़ती
पतली कमर, केले के तने सी चिकनी और मखमल सी मुलायभ गोरी जांघें और जाँघों के बीच फ़ूली हुई गुलाबी रंगत लिए मेरी छोटी सी योनि जिस पर हल्के हल्के रोयें ही आए थे और योनि के बीच हल्का सा दिखाई देता गुलाबी दाना (क्लिटोरियस) ऐसा लगता था मानो पाव (डबल रोटी) को चाकू से बीच में से काटकर उसमें अनार दाना छुपा रखा हो, मांसल भरे हुए नितम्ब
गांड की गोलाइयों को देखकर मन विचलित-2
जिप खोलकर लंड को बाहर निकाल लिया और बड़े प्यार से सहलाने-चूमने लगी। मैं तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था बस, हर पल आनन्द बढ़ता ही जा रहा था, हम दोनों अपने होशोहवास खो चुके थे। एक घंटा कब निकल गया, पता ही नहीं चला, होश तब आया जब हेमा के नाख़ून हमारी पीठ और गर्दन पर जोरों से चुभ रहे थे
लाल लाल बिना बाल वाली चुत की चुदाई
मैं घुटने के बल बैठ कर अपनी पोजीशन पकड़ी और अपने लण्ड को सेट करके धक्का मारा, लेकिन लण्ड अन्दर न जाकर ऊपर निकल गया। फिर कावेरी ने अपने हाथ से अपनी चूत को थोड़ा सा फैलाया और मैंने लण्ड को धीरे से सेट करके अन्दर झटके से डाला। कावेरी एक बारगी तो चिल्ला उठी और मुझे धक्के देकर हटाने लगी और बोली- कमीने हट कमीने बहुत दर्द हो रहा है। लेकिन मुझे लगा कि मैं अपना लण्ड निकाल नहीं सकता हूँ, इसलिए मैं थोड़ा रूक कर उसके दूध के निप्पल को चूसने लगा।
सुहागरात मे तन्नाए हुए लंड की दास्ता
उस रात मैंने उसे एक बार और खूब चोदा और एक बार फिर उसकी गाण्ड मारी। उसको चोदते- चोदते कब सुबह होने को आई.. पता ही नहीं चला।
हम एक-दूसरे से लिपटे हुए कब सो गए.. कुछ भी पता नहीं चला। सुबह जब उठे.. तब 8 बज चुके थे। मेरी बड़ी साली आ चुकी थी और वो हम दोनों को नंगा एक-दूसरे की बाँहों में नंगा देख चुकी थी। मेरी सास की चूत और गाण्ड सूज कर पकौड़ा बन गई थी