मेरा नाम शालिनी है और मैं कोलकाता से हु. मेरा पोस्ट ग्रेजुएशन चल रहा है. मैं एम्. कॉम में पढ़ती हु. मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है. मेरा साइज़ ३४डीडी – २६ – ४० है. मेरे बॉयफ्रेंड को मेरा फिगर काफी पसंद है. ये कहानी तब की है, जब मैं १st इयर में थी. मतलब आज से ४ – ५ साल पहले की. मैंने अपने अपनी दोस्त सोनाली और अपने एक और दोस्त अभि की सेटिंग करवाई थी और सोनाली को अभि से चुदवाया था. कुछ दिन बाद, मुझे अभि ने कॉल किया और मिलने के लिए हमारे घर के पास वाले मॉल में बुलाया. मैं उस से मिलने गयी, वहां जैसे ही पहुची. वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगा और जैसे ही मैं उसके पास गयी. वो मुझसे फ़्लर्ट करने लगा और बोला – क्या माल लग रही है? चल बाथरूम में.. यहीं काम कर लेते है. मैंने उसे बोला – अबे चल, पहले कुछ खिला और काम की बात कर ये फालतू बातें बंद कर.
उसने ओके मेम बोला और हम लोग ऊपर रेस्ट्रोरेन्ट में गये. उसने आर्डर दिया और हम बात करने लगे. तब उसने मुझे बोला, कि उसने अपने बेस्ट फ्रेंड को मेरे और सोनाली के बारे में बताया. मैंने उसे धीरे से गन्दी गाली दी, जो मैं आप लोगो को यहाँ नहीं बता सकती और बोला – क्या जरूरत थी उसको बताने की. वो बोला – ऐसे ही बोला. देख तेरे बोलने पर मैंने सोनाली के से सेक्स किया. अब तुम्हे मेरी बात मानी पड़ेगी. एक काम करना होगा. मैंने उससे पूछा – कैसा काम? तब वो बोला – मैंने तेरी पिक्चर उसे दिखाई, उसे तुझसे सेक्स करना है. मैं उसे हाँ बोल चूका हु. अब तू बोल कैसे करना है? मैंने उसे बोला – अबे भोसड़ी के. तुझे क्या लगता है, मैं किसी के साथ भी सेक्स करुँगी? वो बोला – डार्लिंग ऐसे नहीं.. बट तू उससे एक बार मिल और एक बार कर ले, प्लीज. तू जो बोलेगी, मैं तुझे दूंगा. लम्बी बहस के बाद, मैंने उसे हाँ बोल दिया और चेयर पर बैठ गयी और उसने जय को कॉल किया और होटल आने के लिए बोला. hindisexstories.autocamper-service.ru
हम भी कुछ देर बाद मॉल से निकल गये और हम स्टेशन के पास वाले होटल पहुचे. अभि ने रूम बुक किया और वो रूम में चला गया. रूम में पहुच कर उसने मुझे कॉल किया और रूम नंबर बता दिया. मैं जैसे ही रूम में गयी, मैंने अभि को देखा. वो टीशर्ट निकाला हुआ था और मेरा ही वेट कर रहा था. मैंने उसे बोला – ओये बात तो जय के साथ करने की तय हुई थी. तू क्यों कपड़े निकाल कर बैठा है. वो बोला – यार, जय के आने तक हम मज़े करते है. मैंने उसे ऊऊह्ह्ह्हूऊऊ बोला और हम किस करने लगे. वो तो टोपलेस था ही. किस करते – करते उसने मेरे भी कपड़े निकाल दिए. फिर मेरी ब्रा भी निकाल दी और मेरे बूब्स दबाने लगा. वो काफी जोर – जोर से मेरे बूब्स दबा रहा था. मेरे मुह से आवाज़ निकल रही थी. बट वो सुनने को तैयार ही नहीं था. मैंने उसे ज़रा धीरे से करने को कहा, बट वो और जोर से दबाने लगा तो अब वो मेरे बूब्स चूस भी रहा था. उस दिन शायद उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वो मुझे किस करे या मेरे बूब्स को चुसे. बट मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
क्योंकि जितने जोर से वो मेरे बूब्स दबा रहा था और उसके बाद जो मुझे फीलिंग आ रही थी. वो मुझे उस दिन पहली बार महसूस हुई थी. फिर वो मुझे लिप्स पर टाइट किस करने लगा. वो मुझे कुछ भी बोलने का मौका नहीं दे रहा था. तभी उसका फ़ोन बज गया. वो जय का कॉल था. अभि ने हेलो बोला और उसे होटल का नाम और रूम नंबर बोला और फ़ोन को रख दिया. तब तक मैं हांफ रही थी और जोर – जोर से सांसे ले रही थी. तभी अभि बोला – क्या हुआ? ऐसे क्यों कर रही है? मैंने उसे गाली देते हुए बोला – कि सांस तो लेने दे. मार ही डालेगा क्या? उसने ओके बोला और मुझे रिलैक्स करने के लिए बोला. मैंने उसे मजाक में थैंक्स बोला. हम लेट गये थे. १० -१५ मिनट बाद, बेल बजी. अभि बेड से उठते हुए बोला, जय आ गया, मेरी जान. अब तेरी ख़ैर नहीं होगी. दोनों मिलकर चोदेंगे तुझे. मैं शौकेड हो गयी. मुझे लगा था, कि केवल जय ही मेरे साथ सेक्स करेगा और मुझे अकेले के साथ सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं थी. बट मैंने कभी दो लोगो के साथ सेक्स नहीं किया था.
मैं लेटी थी, तभी जय और अभि मेरे पास आये. मैं खड़ी हुई और टोपलेस हालत में ही जय से हाथ मिलाया. मैंने उसे अपना नाम बताया. मैंने जितनी फ्रेंक थी.. वो उतना ही नेर्वेस लग रहा था. तब अभि ने बोला – चिल कर यार.. टेंशन मत ले. फिर मैंने भी उसे बोला. फिर वो थोडा ठीक हुआ और मैंने उसके हाथ में एक बेग देखा और उससे पूछा, कि बेग क्यों लेकर आये हो? कुछ घर का सामान है क्या? अभि बोला – साली, ये तेरे लिए है. सरप्राइज है तेरे लिए. मैंने टॉप पहनते हुए कहा – सालो, तो दिखाओ ना. तभी उसने बेग में से सिगरेट, माचिस, व्हिस्की और बियर की बोटेल निकाली. मैंने उसको थैंक्स बोला, क्योंकि सारी चीज़े मेरे फेवरेट ब्रांड की थी. फिर हमने पार्टी शुरू की और मैंने सबसे पहले सिगरेट का पैकेट उठाकर स्मोकिंग चालू की. मुझे स्मोकिंग बहुत पसंद है. उसके बाद उन दोनों ने भी की और हम तीनो ने मिलकर सारी बियर और व्हिस्की ख़तम कर डाली और हम तीनो मिलकर बहुत मस्ती कर रहे थे. अब तक जय भी मेरे साथ काफी फ्रेंक हो चूका था और हम बात करते – करते अच्छे फ्रेंड बन गये थे.
बुत हम तीनो को बहुत नशा हो गया था. क्योंकि हम तीनो मे से किसी को भी ज्यादा पीने के आदंत नहीं थी. हम सभी साल में एक – दो बार ही पीने वाले लोग थे. इसलिए हमे कुछ ज्यादा ही नशा हो गया था. हम डोल रहे थे. तभी जय मेरे पास आया और मेरे बालो में हाथ घुमाते हुए बोला, आई लाइक यू एंड योर नेचर. उधर से अभि भी बोला – डार्लिंग आई वांट टू फक यू नाउ. फिर जय ने भी वही रिपीट कर दिया. मैंने अपनी बाहे फैला दी और मुस्कुराते हुए कहा – आ जाओ दोनों. प्लीज कम एंड फक मी. दोनों मेरे पास बेड पर आ गये. जय ने मेरा टॉप निकाला और अभि ने मेरा पेंट निकालने की कोशिश की बट उससे मेरा पेंट निकल नहीं पाया. तभी अभि मेरा टॉप उतार कर मेरे बूब्स को देखते हुए बोला – यार क्या बूब्स है तेरे. पहले कभी ध्यान से नहीं देखे. लेकिन, अब तो नज़र हटाने का मन ही नहीं कर रहा. वो मेरे बूब्स को सहलाने लगा, मैंने दोनों को बोला – हरामखोरो, अपना पहले खोलो. दोनों मेरे कपडे के पीछे पड़े हो.तब जय ने फटाक से अपनी टीशर्ट निकाली और पेंट को भी खोल दिया.
फिर उसने अंडरपेंट भी निकाल दी. उसने जैसे ही अंडरपेंट नीचे की. मैंने उसका लंड देखा. वो बहुत ही बड़ा था और मोटा भी. मैंने अभि को बोला – अरे, इसका लंड तो बहुत ही मोटा है. साले, तुमने मुझे कभी बताया क्यों नहीं? वो बोला – मुझे भी अभी ही पता चला है. मैंने उसका लंड देखा नहीं था साली, इसलिए नहीं बताया था. यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । मैंने ओके बोला और जय का लंड अपने हाथ में ले लिया और मैंने उसे बोला – यार, ये बहुत ही मोटा है. मैं इसे नहीं ले पाउंगी. मुझे डर लग रहा है, सॉरी. तब अभि बोला – एक बार लेके देख, मज़ा आ जायेगा तुझे. फिर पछतायगी ऐसे लंड के लिए. मैं नशे में थी इसलिए शायद ओके बोल दिया. मैंने भी अब अपनी पेंट उतारी और पेंटी भी. अब हम तीनो हो न्यूड थे. हम तीनो में जय सबसे हैण्डसम लग रहा था. उसका फिगर काफी स्मार्ट था और हेल्थ भी अच्छी थी. मैं उसे देख कर ही उसपर फ़िदा हो चुकी थी. हम दोनों एक दुसरे को देख रहे थे और अभि मेरी पुसी को रब कर रहा था. मुझे काफी अच्छा लग रहा था और फिर जय थोडा तिरछा होके लेट कर मुझे किस करने लगा.
वो मुझे काफी स्मूथ किस कर रहा था. उसके साथ किस करने में मुझे एक अलग ही मज़ा आ रहा था, जप अभि के साथ कभी नहीं आया था और वो मेरे बूब्स को देखते हुए बोला – कैसे संभालती हो इन्हें? मैंने कहा – जैसे तुम अपना मोटा लंड सँभालते हो… वैसे ही मैं इन मोटे बूब्स को संभालती हु. तब वो मुझे बोला – वैरी स्मार्ट और मुझे किस करने लगा. वो एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा. मैंने उसे रोकते हुए बोला, क्या मैं तुम्हारा लंड हाथ से सहला सकती हु? उसने बोला – व्हाई नोट! और वो मेरे पेट पर बैठ गया. क्योंकि अभि मेरी चूत तब चाट रहा था और मैं भी झड़ने वाली थी. मैंने जय का लंड जोर से पकड़ लिया और बोली – मैं झड़ने वाली हु. अभि बोला – डार्लिंग झड़ जा. मैं जय के लंड को हाथ में लेकर महसूस कर रही थी, कि इसे चूत में डलवाते हुए कितना दर्द होगा? वो मुझे काफी मोटा लग रहा था. तभी मैं झड़ गयी और मैंने धीरे – धीरे जय के लंड को हाथो से छोड़ दिया. तभी जय ने अपने लंड को मेरे मुह के पास लगाया और मुझे मुह में लेने के लिए बोला. मैंने मुह में ले लिया.
उसका मोटा लंड मेरे मुह में जा ही नहीं रहा था. बड़ी तकलीफ हो रही थी. मेरा मुह दर्द करने लगा था बट वो मेरे मुह से लंड को बाहर नहीं निकाल रहा था. कुछ देर बाद ही, वो झड़ने वाला था. उसके पहले उसने लंड को मेरे मुह से निकाला और मेरे बूब्स पर अपना सारा माल गिरा दिया. अब जय भी शांत हो गया था. अब सिर्फ अभि ही झडना बाकी रहा गया था. मैंने उसे बोला – तू कब झाड़ेगा? तब उसने अपना लंड मेरे हाथ में दिया और मैंने जैसे ही उसके लंड को हाथ में लिया, तो वो पूरा गिला हो गया. उसका लंड झड़ने से पहले ही काफी पानी छोड़ रहा था. मैंने उसके लंड को थोडा सा ही हिलाया और वो भी झड गया. अब हम तीनो झड़ चुके थे और तीनो ही शांत हो गये थे. मैंने जय से एक सिगरेट मांगी. उसने मुझे एक दी और पीने लगी. कुछ देर बाद, जय अपना खड़ा लंड लेकर बेड पर आया और मेरे दोनों पेरो को अलग किया और जोर से एक धक्का मारा. मैं जोर से चिल्लाई.
मैंने बोली – अबे, चूत में डालने से पहले बोलना तो था. सिगरेट तो मुह से निकाल लेती. एकदम धक्के से मेरे गले में सिगरेट का धुआ चोक हो गया था और चूत में भी बड़ा लंड था. दोनों ही जगह बहुत दर्द हो रहा था. मैंने चिल्ला रही थी और उसको रुकने के लिए बोल रही थी. लेकिन, जय तो मेरी चुदाई पर तुला हुआ था. ना तो वो धीरे कर रहा था और ना ही रुक रहा था. मेरा ये हाल देखकर अभि ने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया और अन्दर – बाहर करने लगा.यह कहानी देसीएमएमस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे रहे । अब मेरे मुह से बहुत ही कम आवाज़े निकल पा रही थी. मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था. वो अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और मुझे और भी दर्द हो रहा था. अभि ने मेरे दोनों हाथ पकड़ रखे थे. मैं चाह कर भी नहीं हिल पा रही थी. जय का ७ इंच लम्बा और शायद २ इंच मोटा लंड लेने की हालत में मेरी पुसी नहीं थी. कुछ देर बाद, उसने और स्पीड बढाई. मुझे लगा, कि अब वो झड़ने वाला है बट ऐसा कुछ हुआ नहीं. क्योंकि वो एकबार झड चूका था और अब वो जल्दी झड़ने वाला नहीं था. धीरे – धीरे मेरी चूत अब उसके लंड की शेप में आ रही थी.
अब अब मुझे मज़ा आ रहा था और अभि अब मुझे अपना लंड मेरे मुह से निकाल के किस कर रहा था और मेरे बूब्स दबा रहा था और जय मेरी चूत को उठा – उठा के चोद रहा था. अब मैं उसके लंड को एन्जॉय कर रही थी. तब मैंने अभि को साइड किया और जय को बेड पर लेटने के लिए बोला. मैं उसके ऊपर बैठ गयी. जय का लंड मैंने धीरे – धीरे अपनी चूत पर रखा और धीरे से अन्दर डाल दिया. अब मैं ऊपर थी और जय नीचे था. अब मैं शॉट्स मार रही थी. मुझे काफी मज़ा आ रहा था शॉट्स मारने में. मैं भी पुरे जोश में आ चुकी थी, तभी मैंने अपनी चूत में गरम बुँदे महसूस की. मैं समझ गयी, कि जय झड़ गया है और मैं अपनी स्पीड बढाई और उसके लंड में से आखिरी बूंद निकलने तक स्पीड रखी और फिर मैं जय के साइड में ही बेड पर लेट गयी. उसके बाद हमने और सेक्स किया. क्योंकि हम लोग का जब तक नहीं उतरता, तब तक घर नहीं नहीं जा सकते थे. इसलिए जय और अभि ने मुझे उस दिन गांड खोल कर चूत फाड़ के मेरी चुदाई की और मुझे मज़ा भी दिया. नशे के कारण, मुझे दर्द का ज्यादा अहसास नहीं हुआ. वरना उस दिन चुदाई में मुझे बहुत मुश्किल होती.