हेल्लो दोस्तों,
मेरा नाम राजीव है मै आज एक और मस्त कहाँ मस्ताराम.नेट के माध्यम से आप लोगो के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा करता हूँ मेरी पिछली कहानियो की तरह ये भी पसंद करेगे | मित्रो पड़ोस में एक लड़की थी निधि, उसे तो मैंने खूब चोदा, चोद चोद के उसकी चूत को भोसड़ा बना दिया अब २ लंड आराम से जा सकते है और उसकी एक और बहन थी अस्मिता जिसे इसके बारे में कुछ पता नहीं था, क्यों की उसकी शादी हो चुकी थी और वो अलग घर में रहती थी | निधि के साथ पहला सेक्स करने के बाद वो मुझे अकसर अपने घर बुलाया करती थी, किसी न किसी बहाने से, और फिर हम मिलके चुदाई करते थे | एक दिन क्या हुआ की उसने मुझे अपने घर बुलाया और हम चुदाई खत्म कर के उठे ही थे की उसकी बड़ी बहन अस्मिता आ गई। निधि ने मुझे उनसे मिलवाया। जैसे ही मैंने अस्मिता को देखा तो बस देखता रह गया, वेसे तो मैंने उसे बहुत बार देखा था मगर इतने करीब से कभी नहीं देखा था । क्या माल थी उसका शारीर और उसकी बड़ी बड़ी गांड देखकर तो मैं दंग रह गया, लम्बी स्कर्ट में एकदम मस्त आइटम लग रही थी। मेरा मन तो किया की इसे अभी लिटा के इसकी गांड को पहले चोद दू, मगर उसके बारे में कुछ पता न था इसी लिए सिर्फ हाथ मिला के चला गया | अगले दिन मैंने निधि को मेसेज किया और थोड़ी बहुत चैटिंग करने के बाद मैंने बोल दिया- मुझे तुम्हारी बहन अस्मिता को चोदना है । पहले तो निधि थोड़ा गाली लिख के भेजी, पर मैंने मना लिया, निधि बोली- अगली बार जब तुम आओगे तो मैं अस्मिता को बुला लूंगी। उस दिन से मैं अस्मिता की गांड के सपने लेता रहा और रात रात भर हिलाता रहा उसके नाम का । तीन दिन बाद निधि ने अपने घर खाने पर मुझे और अस्मिता को बुलाया। जैसे ही मैं निधि के घर गया, अस्मिता और निधि एक दुसरे से बातें कर रही थे और एसा लगा रहा था कि जैसे मेरा ही इंतज़ार चल रहा हो घर में | अस्मिता ने गुलाबी रंग की लम्बी स्कर्ट पहनी थी, जिसमे वो कोई हूर परी लग रही थी । बातों बातों में पता लगा कि अस्मिता के पति भी ज्यादातर बिज़नस टूर पर रहते हैं और अस्मिता के मुकाबले काफी मोटे हैं तो मैं अंदर ही अंदर सोचने लगा की इसका पति मोटा है मतलब इनके बिच जादा सेक्स नहीं होता होगा,इसका मतलब अस्मिता को भी सेक्स के प्यास तो रहती होगी। फिर हमने कुछ बातें की और उसके बाद हम तीनों ने ड्रिंक लिया और हल्का गाना चला दिया। थोड़ा सा सरूर होने के बाद मैंने गाना थोड़ा तेज़ कर दिया और निधि को डांस करने के लिए बोला। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | हम डांस करने लगे, बीच-बीच में ड्रिंक भी लेते रहे। फिर निधि बोली- तुम अस्मिता के साथ डांस करो, मैं कुछ बनाकर लाती हूँ, भूख बहुत लगी हें| मैंने कहा- ठीक है। अस्मिता भी थोड़ा नशे में आ गई थी। पहले तो हम नार्मल डांस कर रहे थे, फिर मैंने हिम्मत दिखा कर अस्मिता को कमर से पकड़ कर डांस करना शुरू किया। अस्मिता का शारीर भरा हुआ और टाईट था, कमर में हाथ डालते ही मेरा तो मन किया कि गांड को खा जाऊ अस्मिता की। डांस के साथ साथ मैंने अस्मिता को एक और ड्रिंक और पिला दिया, इस बार ड्रिंक थोड़ा ज्यादा था। इतने में निधि भी आ गई और फिर हम तीनों डांस करने लगे। कभी मैं निधि को गले लगा लेता तो कभी निधि अस्मिता को, तो कभी अस्मिता को मैं। निधि तो जानती थी कि आज मुझे अस्मिता के साथ सेक्स करना है इसलिए अस्मिता को सेक्स के लिए तैयार भी करना था। निधि डांस करते करते अस्मिता और मुझे चूम लेती थी। धीरे धीरे मैंने भी निधि और अस्मिता को चूमा जिसका अस्मिता ने कोई भी विरोध नहीं किया जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई।निधि बोली- तुम लोग डांस करो, मैं खाना लगा देती हूँ टेबल पे । मैं अस्मिता के साथ डांस करता करता, उसको चूमता रहा। मुझे लगा कि अस्मिता गर्म हो रही थी और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, जिसका एहसास अस्मिता को हो रहा था। डांस करते करते कभी मैं उसको उल्टा करके बाहों में ले लेता जिस कारण अस्मिता की गांड में मेरा लंड छू जाता और मेरे शारीर में बिजली सी दौड़ पड़ती । निधि मुझे किचन से देख रही थी। उसने मुझे इशारा किया कि तुम शुरू करो। मैंने हिम्मत करके अस्मिता का चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होटों पर होंट रख दिए। अस्मिता ने भी मेरा पूरा साथ दिया। अस्मिता के होंट चूसते चूसते मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया जिसका उसने कोई एतराज़ नहीं किया। डांस करते करते मैं अस्मिता को बिस्तर पर ले गया और उसको लिटा कर खुद उसके ऊपर लेट गया और चूमता रहा। चूमते-चूमते मैं एक हाथ अस्मिता की चुत पर फेरने लगा और उसकी स्कर्ट ऊपर करने लगा। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | अब अस्मिता भी गर्म हो चुकी थी क्यों की उसको भी मेरे कामो का मज़ा मिल रहा था , वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैं खड़ा हुआ और अपनी शर्ट उतार दी और अपनी पैंट भी और दोबारा उसके ऊपर लेट गया, ताकि मज़ा अच्छे से लिया जाये और दिया जाये ।अस्मिता ने स्कर्ट ऊपर कर ली थी और दोनों टांगें खोल ली और मैं उसके ऊपर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत पर लग रहा था। फिर मैंने अस्मिता की स्कर्ट उतार दी, ताकि प्यार में कोई रुकावट न हो ।जैसे ही अस्मिता की लम्बी स्कर्ट उतारी, अस्मिता का गोरा बदन मेरे सामने था और अस्मिता ने गुलाबी रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। सेक्स बम्ब लग रही थी वो। उसके बड़े बड़े मम्मे देख कर में दंग रह गया और ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। ज्यादा देर न करते हुए मैंने अस्मिता की ब्रा और पैंटी उतार दी, अपने आपको भी नंगा कर दिया और दोबारा अस्मिता के ऊपर लेट कर उसे चूमने लगा और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा। धीरे धीरे उसके मम्मों को चूसते हुए मैं उसकी चूत तक आ गया। अस्मिता की चूत एक दम गुलाबी थी, ऐसा लगा रहा था कि जैसे में किसी भारतीय नहीं बल्कि किसी विदेशन की चुदाई करने वाला हूँ। मैं अस्मिता की चूत चाटने लगा। अस्मिता के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। फिर मैंने अस्मिता को उल्टा कर दिया और उसकी कमर पर चूमते हुए उसकी गांड पर काट दिया, जिसके कारण वो थोड़ा चिल्लाई। आवाज़ सुनकर निधि भी रसोई से आ गई, वो तो हमको वहीं से देख कर कपड़े उतार चुकी थी। निधि मेरे पास आकर खड़ी हो गई। अब मैं अस्मिता की चूत चाट रहा था और निधि की चूत में ऊँगली कर रहा था, दोनों को एक साथ मज़ा आ रहा था मगर गांड मेरी फट रही थी क्यों की मै मज़े नहीं ले पा रहा था दोनों के चक्कर में । पूरे घर में सिसकारियाँ सी गूँज रही थी जो मुझे और गरम कर रही थी। मैंने अस्मिता को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड चाटने लगा। अस्मिता की गांड का छेद निधि की गांड से बड़ा और गुलाबी था। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | जिसको देख कर मैं पागलों की तरह चाटने लगा। फिर मैंने निधि को भी लिटा दिया और उसकी चूत और गाण्ड चाटने लगा। थोड़ी देर चाटने के बाद मैंने अस्मिता को घोड़ी बनाया और उसकी चूत के छेद पर लण्ड रख कर पेल दिया। जिसके कारण मुझे और अस्मिता को दोनों को हल्का दर्द हुआ। उसके बाद में अस्मिता की चुदाई करने लगा और ऊँगली उसकी गांड में डालने लगा। निधि अस्मिता के मम्में चूस रही थी। जैसे ही मेरा निकलने को हुआ, मैं लण्ड बाहर निकाल कर चूत चाटने लगा अस्मिता की। फिर अस्मिता के मुँह में मैंने अपना लंड डाल दिया और चुसाने लगा। थोड़ी देर चुसाने की बाद मैंने निधि और अस्मिता को घोड़ी बना दिया और अस्मिता की गांड में लंड डाल दिया और तेज़ तेज़ चुदाई करने लगा। कभी अस्मिता की गांड में डालता तो कभी निधि की। मेरे सामने एक ब्लू फिल्म का सीन घूम रहा था। दोनों की गांड मारने में और देखने में बड़ा मजा आ रहा था।थोड़ी देर चुदाई करने के बाद जब मैं झड़ने लगा तो मैंने दोनों को सीधा कर दिया और दोनों के चुतद आपस में जोड़ दिए और दोनों के मम्मों पर वीर्य गिरा दिया। फिर दोनों ने मेरे वीर्य को अपने मम्मों पर रगड़ा और फिर खड़ी हो गई। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मैंने अस्मिता को गले लगाकर चूमा और फिर झुक के उसकी चुत को चाटा | फिर निधि बोली- चलो, अब खाना खा लो, अब बहुत चुदाई हो चुकी । हम तीन घर मै अकेले थे तो कपड़ो की जरुरत नहीं पड़ी इसी लिए हम तीनों ने नंगे ही एक साथ खाना खाया और उसके बाद मैंने रात वहीं गुजारी। रात में दो बार और अस्मिता के साथ सेक्स किया निधि थोड़ी जल्दी सो गई थी। उस दिन से आज तक कभी निधि और कभी अस्मिता के साथ सेक्स करता हूँ। अब तो अस्मिता अपने घर भी बुला लेती है |
कभी-कभी दोस्तों कहानी कैसी लगी जरूर बताना | समाप्त