मा ने मेरा लंड सहलाया और वो और भी कड़ा हो गया. नीता दीदी ने अपना हाथ मा की कमीज़ में डाल कर उसकी चुचि को सहलाना शुरू कर दिया. मेरी मा सुजाता का जिस्म आप वासना से गुलाबी होने लग चुका था. नीता दीदी भी बहुत सेक्सी अंदाज़ से माँ को किस कर रही थी. “मा, राकेश तुझे भी उसी तरह प्यार करेगा जिस तरह मुझे कर चुका है. बहुत प्यारा है मेरा भाई….तेरा बेटा…..हमारा ख्याल रखेगा….हमारा मर्द राकेश….हम दोनो इसकी बन के रहेंगी…और ये हमारा….ना मेरा …ना तेरा…मा और बेटी का एक मर्द…एक यार..एक लंड…..जो मेरा भी है और तेरा भी!!!!!”
मा का चेहरा और गुलाबी हो गया. शायद शरम और वासना का मिला जुला असर था.”हां बेटी, जिसको जमाई बनाया था वो तो धोका दे गया. अब अपने खून पर ही भरोसा है मुझे. राकेश मेरा बेटा भी है और दामाद भी और पति भी….हे भगवान मेरे प्यार भरे परिवार को किसी की नज़र ना लगे. हां राकेश, मेरे बेटे, तेरा लंड तेरे बाप से भी बड़ा है और मोटा भी…मुझे यकीन है तुम इस से हम मा बेटी दोनो को संतुष्ट रखोगे. तेरे लंड का स्पर्श मेरे अंदर एक जवाला भड़का रहा है. मेरे अंदर की औरत को जगा रहा है. मुझे कोई आपत्ति नहीं अगर नीता मुझे भी तेरा प्यार बाँटने के लिए राज़ी है. मेरे बेटा जैसा मस्त जवान हमारे लिए बहुत है. जो मन मे आए कर ले तू बेटा!” आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |मैं उठ खड़ा हुआ और मा की कमीज़ उतारने लगा. मैने मा के बालों का जुड़ा भी खोल दिया. नीता दीदी ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट उतार दिया. नीता दीदी का गोरा जिस्म प्यार और शराब के नशे से बहुत गुलाबी हो रहा था.”मा, नीता दीदी को चोद चुका हूँ मैं. तुझे चोद कर आज की रात यादगार बनाना चाहता हूँ. सुजाता कहूँ तो कोई एतराज़ तो नहीं होगा? मुझे यकीन है कि नीता दीदी को भी जलन ना होगी अगर मैं आप दोनो को चोदु!!!” नीता ने अपनी पॅंटी उत्तरते हुए कहा”राकेश, मेरे भाई, मा बेटी में कैसी जलन? घर का माल घर में ही तो रहेगा. और वैसे भी सुजाता की मर्ज़ी से ही हमारा मिलन संभव होगा. तेरा जितना हक अपनी बहन पर है, उतना ही अपनी मा सुजाता पर होगा. मैं तुम दोनो को चुदाई करते देख कर मा से कुछ सीख लूँगी. क्यों मा?”
“ठीक है बेटी. मुझे भी आज 20 साल के बाद लंड नसीब हो रहा है और वो भी अपने बेटे का. सच बेटा, तेरा लंड बिल्कुल तेरे बाप जैसा है, बस मोटा थोड़ा अधिक है. आज अपनी मा को वो सुख दे दो जो तेरा बाप देता था. नीता बेटी, चुदाई का सब से पहला कदम है मर्द का लंड सहलाना, मुठियाना, इस से प्यार करना, इसको चूमना, चाटना. जो मैं करती हूँ तू भी वैसे ही करना. जितना मज़ा राकेश को आएगा, उतना ही तुझे और मुझे भी आएगा.” मा ने मेरा लंड अपने गरम हाथों में ले लिया और उप्पेर नीचे करने लगी. उसने मेरे सूपदे पर ज़ुबान फेरी तो नीता दीदी के मूह से आह निकल गयी. नीता अब मा की हर हरकत गौर से देखने लगी. मेरा लंड बेकाबू हो रहा था. नीता दीदी ने मा की नकल करते हुए मेरे लंड पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी. ड्रॉयिंग रूम में ये सब करना मुझे आरामदायक नहीं लग रहा था. मैने दोनो से कहा,”हमको बेड पर चलना चाहिए. यहाँ मज़ा नहीं आएगा. मुझे लगता है कि मा के बेड पर चला जाए. उसी बेड पर जहाँ मा को पहली बार पापा ने चोद कर गर्भवती किया था, उसी बेड पर बेटा भी अपनी प्यारी मा की चुदाई का महुरत करना चाहता है!!क्यों क्या विचार है सुजाता?” आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मा के चेहरे पर एक खास मुस्कान उभर आई. आज मा का चेहरा ऐसे चमक रहा था जैसे किसी नई नवेली दुल्हन अपनी पहली चुदाई की प्रतीक्षा कर रही हो. हम तीनो पूरी तरह से नंगे हो कर मा के बेडरूम की तरफ बढ़ गये. जब मा आगे आगे चल रही थी तो मुझे उसकी गांड बहुत उतेजक लग रही थी. सुजाता मेरी मा के चूतड़ बहुत सेक्सी थे. “एक दिन सुजाता के मखमली नितंभों के बीच से उसकी गांड ज़रूर चोदुन्गा” मैने अपने आप से वादा किया! “तुम दोनो बिस्तर पर चलो, मैं एक लास्ट पेग बना कर लाता हूँ” मैने कहा और पेग बनाने लग पड़ा. शराब के नशे को वासना ने दोगुना बढ़ा दिया था. मैने तीन बड़े पेग बनाए और मा के रूम में जा घुसा. बिस्तर पर जो नज़ारा था देख कर दिल खुश हो गया. मेरी मा और बहन दोनो एक लेज़्बीयन 69 की पोज़िशन में साइड बाइ साइड लेटी हुई थी. सुजाता की चूत पर नीता के होंठ और नीता की चूत पर सुजाता के होंठ थे. मैं समझ गया कि दोनो औरतें छुड़ासी हो रही हैं. नीता दीदी की जीभ सुजाता की चूत की फांकों को चूस रही थी और मा अपनी बेटी की चूत का रस चाट रही थी. मैने ग्लास टेबल पर रखे और नज़दीक जा कर मुझ से ना रहा गया और मैने एक उंगली मा की गांड में धकेल डाली. सुजाता को इस बात की कोई उम्मीद नहीं थी और हाड़ बदाहट में उसने नीता की चूत को काट खाया. ‘उई…मा ये क्या…मर गयी!!!!” नीता दीदी छुट पटा पड़ी. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मा ने अपना मूह नीता दीदी की चूत से हटा लिया और बनावटी गुस्सा दिखाती हुई बोली,”सॉरी बेटी, ये साला राकेश मदर्चोद शरारत कर रहा था. इसने मेरी गांड में उंगली डाल दी थी जिसस के लिए मैं तैयार नहीं थी” मैने मा के नितंभ पर किस किया और बोला” कोई बात नहीं सुजाता रानी, अब गांड तो तभी स्पर्श करूँगा जब तू तैयार होगी, अपने मदर्चोद बेटे से गांड मरवाने के लिए. तब तक नीता दीदी को भी तैयार करो. सच कहूँ तो मेरा विचार तुम दोनो को अपनी पत्नी बनाने का है, अगर तुम दोनो चाहो तो! मैं जीजा और बाप दोनो का फ़र्ज़ निभाना चाहता हूँ. तुम्हारी दोनो की गांड है है ही बहुत सेक्सी!!!”
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