मस्ताराम के सभी पाठको को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम आकाश है, मैं मुंबई का रहने वाला हू और मैं 4 साल से मस्ताराम डॉट नेट का नियमित पाठक हू | वैसे तो ये कहानी काफ़ी शॉर्ट है, लेकिन मैं फिर भी ये कहानी आप लोगों से शेर करना चाहता हू |
ये कहानी मेरे और मेरी सग़ी भांजी के बीच का है और 6 महीने पुरानी बात है| पहले मैं अपनी भांजी के बारे बता डू, वो अभी जवानी के दहलजी पे कदम रखा रही है |
आप सब साँझ गये होंगे के उसकी उमरा क्या है और उसके बूब्स उभर रहे है, आप सब ज़यादा बोर ना करते हू सीधा कहानी पर आता हूँ|
कहानी के सुरुवत काफ़ी दीनो पहले से ही बुत इस बाइक राइड के बारे बताता हू , सीन कुछ इस प्रकार था की मेरे कज़िन भाई के शादी थी और शादी पूरी हो चुकी थी |
गाव के बारे आप सब जानते हो के वाहा आत्म मिलना कितना मुश्किल है, तो घरवालो ने बोला की जीजा जी के साथ उनके घर चला जा वही से शहर चले जाना और पैसे निकल के लाना |
और मेरी भांजी भी उस शादी मे थी एग्ज़ॅम होने कारण वो और मेरी दीदी सीधा मुंबई से मेरे घर आ जाती है. शादी ख़तम होने के बाद उनको अपने घर जाना होता है तो मेरी दीदी वो ऑटो से घर पहले ही चली जाती है और मेरे भांजी और मैं वही पर रहते है मेरे जीजा नही गये होते है सो मैं उसके साथ जाने की तैयारी करने लगता हू और उसी समय जीजा बोलते है की मेरी भांजी के साथ ले लेते है |
तो अब एक बाईक पर जीटा जो ड्राइव कर रहे थे और फिर मेरी भांजी और फिर मैं, बाइक स्टार्ट होती है और मेरे दिमाग़ का शैतान जाग जाते है और उस का समय का फ़ायदा उठा ने के बारे सोचता हूँ|
जर्नी शुरू हुआ अभी 10 मिनिट हू होते है की मैं अपना लेफ्ट हाथ उसके पेट पर रखता हू और उसे सहलाने लगता हू और अपना राइट हाथ उसके राइट बूब पे ले जाता हू |
और जर्नी थोड़ी लंबी थी और तोड़ा सुनसना इलाक़े से जाता था और मैं पूरा फ्यदा उठाया. लेफ्ट हॅंड से अपनी असे पकड़ा हू की एसा जाहिर हो रहा था और जीजा को लगा की मैं मेरी भांजी को पकड़ा हू |
लेफ्ट हैण्ड उसे अपनी ओर खीच और अपने लंड के करीब ले आया हो राज़ी ख़ुसी वो आ गई, फिर मैं उसके गले पे किस करता कभी बूब्स को सहलाता एसा लग रहा था की ये पल बस यही ठहरा जाए |
उसके बूब्स को धीरे धीरे डब रहा था और उसकी सास और तेज हो रही थी ,पर उसने अपनी सासों पे कंट्रोल किया, और उस पल का मज़ा ले रही थी. उसके छोते बूब्स दबाने का मज़ा ही कुछ और था.
बूब दबाने पे उसके शरीर मे हरकत हो रही थी, जिस कारण मुझे दर लग रहा था कही जीजा को पता ना चले.असे ही आधा रास्ता काट गया और घर आ गया |
अब घर आने का बाद मैं पूरी तरह से शांत नही हुआ था सो मैं टाय्लेट मे जा के मूठ मारी तब जाके आराम मिला मुझे.इस कहानी को मैं अपनी को यही समाप्त करता हू | कुछ आगे होगा तो शेयर करूँगा |
आप सभी का धन्यवाद और इ मेल करके स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताना. मेराइ मेल आई डी है [email protected]