मेरी कहानी आज से तीन साल पहले की है, एक बार मैंने एक बस स्टैंड पर एक लड़की को देखा।
मैंने उससे पूछा- आप दिल्ली की हो?
उसने कहा- हाँ ! आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर हम उस बस से ऑफ़िस तक गये। ऐसे ही लगातार २ साल हो गये। एक दिन मैंने पूछा- कहीं घूमने चलते है।
उसने कहा- ठीक है, हम लोग ऊटी चल सकते हैं !
मैने झट से ट्रॅवेल एजेंट को फोन करके दो टिकेट बुक करा दिए।
बस में बैठते ही धीरे से उसका हाथ अपने हाथ में रख लिया और सहलाने लगा।
मेरा हाथ सहलाना उसको भी अच्छा लग रहा था। अभी तक बस में बाकी लोग सो चुके
थे, मैं हिम्मत करके अपना हाथ उसकी चूचियों तक ले गया। और धीरे धीरे मसलने
लगा, वो मुस्कुरा रही थी। मैंने सोचा बस काम बन गया और सुबह तक हम लोग ऊटी
पहुच गये। आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मेरा हाथ सहलाना उसको भी अच्छा लग रहा था। अभी तक बस में बाकी लोग सो चुके
थे, मैं हिम्मत करके अपना हाथ उसकी चूचियों तक ले गया। और धीरे धीरे मसलने
लगा, वो मुस्कुरा रही थी। मैंने सोचा बस काम बन गया और सुबह तक हम लोग ऊटी
पहुच गये। आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर अपने होटल के कमरे मे जाके मैंने उसको गले से लगा लिया, वो गरम हो
रही थी, धीरे से मैं उसे कम्बल के अंदर ले गया और धीरे धीरे उसके टॉप को
उतार दिया, और जीन्स को भी अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी ही पहनी थी, उसकी
गुलाबी रंग की पैन्टी मुझे पागल कर रही थी, मैने धीरे से अपना लण्ड निकाल
के उसके हाथ पर रख दिया।
रही थी, धीरे से मैं उसे कम्बल के अंदर ले गया और धीरे धीरे उसके टॉप को
उतार दिया, और जीन्स को भी अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी ही पहनी थी, उसकी
गुलाबी रंग की पैन्टी मुझे पागल कर रही थी, मैने धीरे से अपना लण्ड निकाल
के उसके हाथ पर रख दिया।
वो बोली- इतना बड़ा ! और इतना गरम !
मैने कहा- जान सिर्फ़ आपके लिए है !
मैं शहद घर से ले के गया था। मैं उसके चुचूकों पर शहद लगा कर चूसने लगा।
फ़िर उसकी चूत में भी शहद भर दिया और अपने लण्ड पर भी शहद लगा लिया।
फ़िर उसकी चूत में भी शहद भर दिया और अपने लण्ड पर भी शहद लगा लिया।
अब वो मेरा लौड़ा चूस रही थी और मैं उसकी फ़ुद्दी चाट रहा था।
अचानक उसने कहा- प्लीज़ ! अब मुझे चोद दो !
वो पागलों की तरह मेरा लण्ड चूस रही थी और अब उससे सहन नहीं हो रहा था। वो मेरा लण्ड ले के अपनी चूत में रगड़ने लगी।
मैंने कहा- ज़रा रुको जान ! आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने अपने आप उसकी चूत के छेद में अपना लण्ड लगाया और एक झटके में ही
अन्दर डाल दिया। मैंने पहले से टीवी की आवाज़ तेज कर रखी थी, वो दर्द से
चिल्ला रही थी और मैं उसे पागलो की तरह उसे चोद रहा था, वो मुझे नोच रही
थी। यह सिलसिला लगातार ३ दिन तक चला।
तीन दिन में कम से कम मैंने २० बार चुदाई की और एक बार तो उसकी गाण्ड भी मारी।
तो कैसी लगी मेरी कहानी आप लोगों को
अन्दर डाल दिया। मैंने पहले से टीवी की आवाज़ तेज कर रखी थी, वो दर्द से
चिल्ला रही थी और मैं उसे पागलो की तरह उसे चोद रहा था, वो मुझे नोच रही
थी। यह सिलसिला लगातार ३ दिन तक चला।
तीन दिन में कम से कम मैंने २० बार चुदाई की और एक बार तो उसकी गाण्ड भी मारी।
तो कैसी लगी मेरी कहानी आप लोगों को