दोस्तों ये कहानी सच्ची है मै और मेरी वाइफ चुदाई के बहुत शौक़ीन है | मैं में अपने पुरे परिवार के साथ जॉइंट फॅमिली रहता था मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ | मेरी उम्र ४० साल है और मेरी बीबी उषा की उम्र करीब ३६ साल है और हमारी शादी को १२ साल हो गया हो गया है मेरी बीबी आज भी खूबसूरत और सेक्सी दिखती है जब घर से निकलती है तो लोग उसके गदराई ज़िस्म को बहुत गन्दी नज़रों से घूरते हैं उषा को मैं स्कर्ट्स भी पहनने बोलता हूँ पर वो स्कर्ट पहनती तो हैं पर लॉन्ग स्कर्ट्स ज़्यदा पहनती हैं कहती है थोड़ा छोटा पहनती हूँ तो लोग घूरते हैं फिर भी मैं उसे कभी कभी पहना ही देता हूँ उसमे उषा और भी सेक्सी दिखती हैं ! हमारा सेक्स सम्बन्ध भी अभी भी ठीक ठाक हैं !!
एकदिन अचानक ऑफिस में मुझे पता चला मेरा उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में मेरा ट्रांसफर हो गया हैं उस शहर में हमारे कंपनी का एक छोटा सा वर्क शॉप हैं उसका मैनेजमेंट के लिए मेरा ही नाम रखा गया था ,बॉस बोले दो दिन के अंदर ही जाना होगा ? घर पर जब सबको पता चला तो कुछ उदाशी सा छा गया पर जाना तो होगा ही घर वाले बोले जयपुर से शिर्फ़ ३०० किलोमीटर दूर ही तो हैं | आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | सैटरडे आ जाया करना और संडे रात वापस चले जाना पर उषा बोली मैं भी जाउंगी तो घर वाले भी उषा के हां में हां मिलाया ,मैंने बोला ठीक हैं पहले मैं वहा जाकर कोई घर माकन ढूंढ लेते हैं फिर आ जाना तो उषा बोली साथ चलती हूँ |
मैं मिलकर ही ढूंढ लेंगे ,फिर क्या था एहि पक्का हो गया दो दिन बाद हम उस शहर में पहुच गए ,स्टेशन के पास ही एक होटल लिए और फिर फ्रेस होकर उषा को बोला चलो पहले ऑफिस चलते हैं फिर ऑफिस के पास ही कोई घर ढूंढते हैं दोपहर का टाइम था गर्मी बहुत था एक ऑटो वाले को एड्रेस बताया तो उसने जाने को तैयार हो गया पर बोला साहेब आने जाने का किराया लूंगा क्योंकि उधर से सवारी नहीं मिलता हैं मैं बोला अरे भाई मुझे भी वापस ही आना है बस कुछ देर रुक कर ,ऑटोवाला बोला ठीक है चलो !!
ऑटो में बैठे बैठे हम लोग शहर को देख रहें थे शहर में होटल के पास ही थोड़ा रौनक था और एक छोटा सा मार्किट था उसके बाद थोड़े दूर निकलते ही सड़के सुन शान सा लगने लगा फिर कुछ दूर बाद कुछ माकन दिखा करि १५ मिनट बाद ऑटो वाले एकदम सही अड्रेस पर ले आया यहाँ आस पास शिर्फ़ फैक्टरियां थी ये एक इंडस्ट्रीज एरिया था आस पास कोई घर या माकन नहीं था |
मेरी और मेरी वाइफ का चुदाई वाला शौक बाद चूका था |
कंपनी के लोगो से मिला करीब 10-१२ लेबर था और एक बुजुर्ग सा था जो यहाँ देखभाल करता था मुझे यहाँ प्रोडक्शन देखना था ,सब से मिलकर कल आता हूँ बोल कर ऑटो वाले से बोला भाई इधर तो रहने का कोई जगह नहीं है आस पास कोई घर किराये में दिला दो ऑटो वाला बोला चलो एक घर है मेरे नज़र में दिखाता हूँ वो ऑटो वाला थोड़ा गन्दा था और करीब ६०-६५ साल का होगा पर मुझे वो अच्छा लगा जो हमारी मदत तो कर रहा था थोड़े देर में वो हमें एक मोहल्ले में ले आया मोहल्ले में सड़क आदि कच्ची थी और वहा छोटे छोटे कुछ घर तो था पर सब घर थोड़े एक दूसरे से दूर दूर था फिर उसने एक घर के सामने ऑटो रोक कर बोला रुको मैं पूछ कर आता हूँ वो उस घर के अंदर गया और एक ४५ -५० साल की औरत के साथ बाहर आया तो हम ऑटो से नीचे उतर गए वो औरत पहले उषा को ऊपर से नीचे तक देखा उसके नज़र में एक अजीब सा चमक था ,फिर वो औरत बोली मेरा नाम पूजा हैं और सामने दिखाते हुए बोली वो मकान मेरी छोटी बाहें का है वो अब यहाँ नहीं रहती है अगर आपको पसंद हो तो किराये ले सकते हो ?
फिर ऑटोवाला चाभी लेकर हमें घर दिखाया घर छोटा था पर इस शहर के हिसाब से ठीक था उषा बोली अच्छा है हम दो ही तो हैं और कमरे भी ठीक हैं उषा को किचेन जायदा पसंद है आस पास का एरिया भी हरियाली था सौदा तये हो गया हमने उस औरत से किराया भी तये कर लिए और एडवांस देकर हम बोले अगले हफ्ते से रहने आऊंगा थोड़ा बहुत सामन भी तो लाना है हलाकि पलंग और चेयर टेबल सब था ही फिर भी किचेन का और बिस्टेर बगैरह ???
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करीब ८ दिन बाद हम कुछ जरुरत के सामान के साथ जयपुर से उस शहर में शिफ्ट हो गए मैं ऑफिस भी ज्वाइन कर लिया था ,एक दिन ऑफिस से लौट रहा था तो घर आने से पहले गली में कुछ गंदे टाइप के ३-४ लोग आपस में बाते कर रहा था तो मैंने सूना वो लोग किसी रंडी की बात कर रहे थे और बोल रहा था किसको कहा जाना हैं ,मैं घर आया तो उषा पानी चाय लेकर आई और पास बैठते हुए पुच्ची ऑफिस में क्या क्या हुआ फिर इधर उधर की बात करते रहे फिर मैंने बोला
मैं — उषा इस मोहल्ले में कुछ तो गरबर हैं शायद इधर कोई वेस्या बगैरह रहती है कुछ लोग आपस में गन्दी गन्दी बाते कर रहे थे
उषा– कुछ गरबर नहीं यहाँ सब गलत हैं ये मोहल्ला ही वेस्याओं के लिए जाना जाता हैं और वो पूजा जो है वो खुद ही एक वेस्या हैं मैं सब सुन चुकी हूँ
मैं — तूम्हे कौन बताया ?
उषा — मैं दोपहर को कुछ रासन का सामान लेने नुक्कड़ के दूकान में जा रही थी तो दो आदमी रास्ते में मुझसे पूछा नई आई हो क्या इस मोहल्ले में ? बुजुर्ग सा था दोनों तो मैंने बोला जी अभी कुछ दिन हुआ आई हूँ ,फिर एक ने बोला क्या रेट है तूम्हारा ,मैं बोली मैं समझी नहीं आप क्या पूछ रहे हो तो दुसरा बोला साली नई है ना इस लिए नखड़े कर रही है मैं गुस्से से बोली आपलोग को बात करना नहीं आता क्या ? फिर एक ने बोला साली ज़्यदा हवा में मत उड़ तुम यहाँ क्या करने आई होहमें पता है !
तो कभी कभी हमें भी खुश करदेना आखिर हम भी इसी मोहल्ले में रहते हैं और मोहल्ले वाले को डिस्काउंट भी देना चाहिए ,मैं गुस्से से कुछ बोलने ही वाली थी तभी दोना किसी को देख भाग गया मैं किसी तरह दुकान पर गई तो शायद दूकानदार उनलोगों को मेरे साथ बात करते देखा था दूकान वाला बोला बेटी आप नई आई हों यहाँ आपके पति आपके साथ है तो इस मोहल्ले में मकान क्यों लिया ? आप लोग तो अच्छे घर से हो फिर यहाँ क्यों लिया घर ?
उषा– मैं बोली अंकल क्या है इस मोहल्ले में ?
दुकानदार बोला बेटी ये शरीफो का जगह नहीं है यहाँ की बहुत सारी औरतें सब वेस्या है इसलिए लोग तुम्हे भी गलत ही समझते हैं ,, बेटी आपको यहाँ मकान कौन दिलाया है तो मैंने उन्हें बताया एक ऑटो वाला लेकर आया था और पूजा जी से मिलाया था तो पूजा जी ही वो घर दिलाई थी फिर अंकल हंसने लगे और बोले अरे बेटी वो पूजा भी गलत औरत हैं उसने जान बुझ कर कुछ सोच कर ही तुमलोग को घर दिया होगा ये सब सुन मैं वहाँ से सीधे घर आ गई
मैं — उषा की बात सुन कर पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा नहीं आ रहा था फिर मैंने उषा से पूछा तुम ही बोलो क्या करना चाहिए कहो तो कही और घर ढूंढ लेते हैं पूजा से बोलता हूँ मरे पैसे और डिपोसिट वापस करने को !!
उषा — वो एकदम से तो पैसे देने से रही ,और फिर जल्दी में घर ढूंढना भी मुश्किल हैं ,अभी एहि रहती हूँ ? आप टेंशन मत लो मैं देख लुंगी !
उषा के बात से मुझे कुछ अच्छा लगा फिर मैं उसे बोला
मैं– यहाँ रहोगी तो ये लोग फिर तुम्हे गन्दी गन्दी बाते कहेगा और तुम्हे भी वेस्या और रंडी समझेगा
उषा — किसी के कहने से क्या फर्क पड़ता है और जिसे जो समझना है समझे
मैं — फिर पूजा तो तुमसे भी वेस्या गिरी करवाएगी फिर उसे क्या कहोगी ?
उषा — पूजा आपके आने से पहले मेरे पास आई थी और मुझे बहुत कुछ बोली
मैं — क्या बोली पूजा ?
उषा — बोली देखो तुम अब सब जान चुकी हो मुझे मालूम है वो दूकान वाला जब तुम्हे बोल रहा था तो मेरा एक आदमी उधर ही खड़ा था उसने मुझे सब बता दिया है ,देखो उषा हम लोग यहाँ जो भी करते हैं कुछ की जरुरत है और कुछ अपनी मस्ती के लिए करती हैं और आजकल तो ये सब एक फ़ैसन हो गया है इसमें कोई गलत बात नहीं है जिसे मजा लेना है ले जिसे नहीं लेना मत ले ! किसी के साथ जोरदाबस्ती नहीं करना चाहिए ,तुम नहीं चाहती हो तो इस मोहल्ले में कोई तुम्हे हाथ भी नहीं लगा सकता हैं ये मेरा वादा हैं और अगर तुम्हे भी मजे लेना हो तो बता देना तुम्हे खूब मजे दिलाऊंगा और मजे के साथ कुछ कमाई भी होती रहेगी बोलो क्या करना है ??? मैं उसे कुछ नहीं बोली और वो चली गई ,फिर आप आ गए !!
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मैं — मैं कुछ देर चुप रहने के बाद बोला उषा देखो मैंने तूम्हे हमेशा खुश देखना चाहता हूँ और मैंने तुम्हे पूरी छूट भी दे रखा हैं और तुम मुझे भी जानती ही हो की मैंने जो भी अभी तक किया है सब तुम्हे बता देता हूँ ! इसलिए मुझसे हमेशा खुल कर बात करना हमारा प्यार आज भी उतना ही है जो पहले था ! मैंने कई बार दूसरी औरत के साथ मजे किये है पर तुमसे कुछ छुपाया नहीं है तो तुम भी मुझसे सब बातें शेयर करना इससे हमदोनो का प्यार और अटूट रहेगा !!
उषा — जानती हूँ और आप पर पूरा भरोशा करती हूँ आप बिलकुल बेफिक्र रहे मैं आपसे कुछ भी नहीं छुपाऊँगी मुझ पर यकीन करना ??
अगले दिन मैं अपने समय से ऑफिस चला गया और पुरे दिन ये सोचता रहा क्या उषा किसी और से सेक्स का मजा लेगी ?क्या पूजा उसे भी अपने साथ मिला लेगी पर जब उषा कल बोल रही थी की उसे कोई दो आदमी वेस्या समझ कर उसका रेट पूछा तो पता नहीं क्यों मुझे इस बात से बुरा नहीं लगा एक अजीब सा गुड़गुड़ी होने लगा था ! आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरी बीबी को लोग रंडी समझा पता नहीं मुझे ये सब अच्छा लगा !
ऑफिस से मैं २ बजे ही निकल गया काम में मन नहीं लग रहा था मैं घर आ गया तो देखा घर में ताला लगा हैं मेरा दिल धड़कने लगा और सोचने लगा उषा कहा गई होगी कुछ सोच मैं पूजा के घर के तरफ चल दिया ये सोच की शायद उषा उसके घर हो ,मैंने दरवाज़ा के पास पहुच कर बेल बजाया कुछ देर बाद दरवाज़ा खुला तो देखा पूजा थी मुझे देख वो थोड़ा सकपका गई और बोली आप आज जल्दी आ गए ? मैंने बोला हां थोड़ा सर दर्द था इसलिए आ गया ,मैंने उससे पूछा उषा यहाँ हैं क्या ?
तो पूजा घबराते हुए बोली ह ,,हूं ,. हैं ,मैं उसे भेजती हूँ आप रुको मैं वही खड़ा रहा पूजा अंदर चली गई करीब ३-४ मिनट बाद उषा घबराते हुए आई और बोली आ..प ..प आप इत..इतना जल्दी आ गए ?उषा स्कर्ट्स और टॉप पहन रखी थी उसके बाल भी बिखरे पड़े थे मुझे देख उषा बहुत दर गई थी !!
मैं बोला क्यों नहीं आना चाहिए था ? उषा न. नहीं मेरा मतलब था आप मुझे फ़ोन भी नहीं किये वरना मैं खाना बना कर रखती ! मैं बोला अगर तुम बिजी हो तो मुझे चाभी दे दो मैं घर जाता हूँ ,उषा बोली कैसी बात कर रहे हो चलो चलती हूँ !! हम घर आ गए मैं उससे कुछ नहीं बोला वो बोली आप बैठो मैं चाय बना लाती हूँ वो किचेन में गई मैं सोचने लगा जरूर कुछ और बात है वरना उषा इतनी घबरा क्यों रही है पूजा के घर कुछ तो हुआ है जो उषा बताने में डर रही है शायद पूजा के घर पर कोई और था जिस वजह उषा कुछ घबरा रही है ! उषा चाय लेकर आई और मेरे सामने बैठते हुए बोली आपकी तबियत तो ठीक हैं ना ?
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मैं — हां ठीक हैं तुम बोलो पूजा के घर क्या करने गई थी ?
उषा — बस अभी १० मिनट पहले ही गई थी और आप आ गये
मैं — अरे ठीक हैं कोई बात नहीं गई थी तो क्या हुआ मैं कहा कुछ बोल रहा हूँ जो तुम इतना घबरा रही हो ये बोल मैं उषा के तरफ देखने लगा उषा नज़रे निचे झुकाये बैठी थी मेरे बोलते ही वो चौक गई
उषा — न.. नाह नहीं मैं घबरा नहीं रही हूँ बस यूँ ही
मैं — सच बोलोगी तो मुझे ख़ुशी होगी पर अगर नहीं बताना चाहती हो तो मैं तुमसे दुबारा नहीं पूछुंगा ,पर ये सच है उषा वहाँ तूम्हारे और पूजा के अलावे और भी कोई था जो तुम बताना नहीं चाहती हो कोई बात नहीं ? उषा काफी देर चुप रही फिर डर डर कर बोली
उषा — मुझसे गलती हो गई है आप माफ़ करदेना ?
मैं — देखो मैंने पहले भी बताया हैं हम एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपायेंगे और जो भी हुआ है मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है मैंने तुम्हे पूरी छूट दे रखा हैं मैं तो तुम्हे खुद ही बोला हूँ लाइफ का पूरा मजे लेना चाहिए ,अब तो बताओ मुझे बुरा माहि लगेगा मेरे इतने कहने के बाद उसके अंदर एक साहस आ गया
उषा — आपके ऑफिस जाने के बाद मैं छत पर कपडे सुखाने डालने गई तो देखी दो आदमी पूजा के घर पर बाइक से आया और दोनों अंदर चला गया मैं समझ गई ये लोग पूजा का आशिक होगा मई नीचे आकर नहाने बाथरूम में गई और बाथरूम में शिर्फ़ पेट्टी कोट में थी इतने में बेल बजा तो मैं समझी पूजा ही आई होगी क्योंकि पूजा बोली थी तुम्हे आज किसी से मिलाउंगी मैं पेटीकोट ऊपर से बाँधी और दरवाज़ा खोली देखी दरवाज़े पे एक आदमी करीब ५५-६० साल का होगा वो मुझे उस हॉल में देख कर कहने लगा वाकई तुम बहुत हसीन और लाजवाब हो ,मैं बोली कौन है आप और क्या चाहिए ? उसने बोला नाराज़ मत हो मेरी जान तुम्हे देखने ही तो आया हूँ क्या मस्त जवानी है तूम्हारी ,मैं बोली आप बत्तमीज़ी कर रहे हो जाओ यहाँ से मैं दरवाज़ा बंद करने लगी तो उसने धक्का देते हुए बोला अरे क्या कर रही हो मुझे पूजा ने भेजा है |
आपके पास क्यों नाराज़ होती हो ,मैं बोली ठीक है बताओं क्या काम हैं ? उसने बोला पूजा बुला रही है आपको चलो मेरे साथ मैं बोली ठीक है आप जाओ मैं आती हूँ तो वो बोला अब तो साथ लेकर ही जाऊंगा ,मैं बोली मैं कपडे चेंज करके आती हूँ फिर उसने बोला रहने दो ना इसी तरह हसीन दिख रही हो क्यों चेंज कर रही हो ,मैं बोली प्लीज आप जाओ मैं आती हूँ वो माना नहीं बोला नहीं साथ ही चलो मैं बोली ठीक है आप रुको इधर ही ,मैं जैसे ही अंदर आने लगी वो भी अंदर आ गया और मुझे पीछे से बाँहों में पकड़ कर बोला तुम ने आज मेरा होंश उड़द दिया है कहा थी इतने दिनों से मैं तो तुम्हे देखते ही तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ मैं उसके बाँहों से छूटने की बहुत कोशिश की पर वो कस के पकड़ रखा था मैं बोली प्लीज़ छोड़ दो मुझे मैं किसी की बीबी हूँ मैं उन जैसी औरत नहीं हूँ , तो वो बोला किन जैसी हो तुम |
मैं बोली मैं वेस्या नहीं हूँ , तो उसने कहा तो बनजाओ जाओ ना वेस्या तुम्हे पाने के लिए लोग पागल हो जायेगा और अच्छी कीमत भी देगा नहीं नहीं मुझे नहीं बनना , फिर वो मुझे पीछे से चूमने लगा मैं कुछ कर नहीं पा रही थी फिर वो बोला बताओं तो सही तुम्हार कीमत क्या होनी चाहिए ,मैं बोली मुझे नहीं पता ,तो उसने बोला ठीक है मैं आज तुम्हारी कीमत लगाता हूँ फिर वो मेरे सीने में हाथ लगाने लगा मैं पूरी तरह उसके गिरफ्त में थी अब मैं भी बहकने लगी थी वो बोला पेटीकोट उतारों फिर तुम्हारी कीमत लगाता हूँ मैं बोली नहीं प्लीज़ ऐसा मत करों मुझे छोड़ दो ,उसने बोला देखो जायदा नखड़े मत करों प्यार से बोल रहा हूँ जो वही करों वरना तुम सोच भी नहीं सकती हो तुम्हारे साथ क्या क्या होगा हमलोग बहुत गलत आदमी है तुमको कहा से कहा पंहुचा दूंगा तुम सोच भी नहीं सकती हो ,इसलिए प्यार से जो कह रहा हूँ वही करो तो तुम्हे भी मजा आएगा और हमें भी !!
मैं उसकी बात सुन डर गई और बोली प्लीज़ मुझे बर्बाद मत करों हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दो वो नहीं माना और मुझे बोला देख कुतिया बहुत होगया अब सीधी तरीके से बोल रहा हूँ दुबारा नहीं बोलूंगा
अपनी पेटीकोट उतार और पूरी नंगी हो जा पहले मैं तुझे पूरा नंगा देखना चाहता हूँ फिर तेरी जिस्म के साथ खेलूंगा आज तुझे पता चल जायेगा मर्द किसे कहते है तुझे पूरा सुख दूंगा तू भी मस्त हो जाएगी और तू एकदम रंडी की तरह मेरा साथ दे फिर दोनों को ही मजा आएगा ,तू देखना रंडी बनकर तुझे कितना आनंद मिलेगा चल बहुत हो गया फटाफट नंगी हो जा !!
मैं सोचने लगी अब कोई फायदा नहीं है ये नहीं मानेगा और अगर इसकी बात नहीं सुनी तो ये बहुत कुछ कर सकता है इसलिए इसकी बात मान लू और इसके अलावा मेरे पास कोई और रास्ता भी नहीं था !! मैं बोली ठीक है आप जैसा बोलोगे मैं करुँगी |
उसने कहा सबसे पहले अपना पेटीकोट उतार और दोनों हाथ ऊपर उठा कर मेरे सामने खड़ी हो जा |
मैं क्या करती धीरे धीरे पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी नाड़ा खोलने के बाद मैं पकड़ रखी थी उसने बोला अब तू दोनों हाथ से पेटीकोट को पकड़ कर ऊपर सर के ऊपर ले जा और फिर जब तक मैं न बोलू वैसे ही पकड़ रख और मेरे बोलते ही तू पेटीकोट छोड़ देना |
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मैं क्या करती उसकी बात मानने के अलावा मैंने पेटीकोट को सर तक उठा दी तो नीचे से पेटीकोट एकदम पूरा जांग से भी ऊपर उठ चूका था वो मेरे जांगो को शहलाने लगा मैं तो उसे देख भी नहीं पा रही थी फिर उसने कहा चलो छोड़ दो मैं जैसे ही छोड़ी पेटीकोट नीचे फर्श में जा गिरा और मैं उसके सामने पूरी नंगी दोनों हाथ उठाये नज़रें झुकाये खड़ी थी आज एक गैर सामने आपकी बीबी पूरी नंगी खड़ी थी फिर उसने अपने मोबाइल निकाल कर मेरा नंगे बदन का विडियो बनाने लगा और बोला जा थोड़ा चल कर दिखा वो जो कहता गया |
मैं करती रही फिर उसने मेरी ज़िस्म को बिस्तर में लेटा कर नोचता रहा और मुझे सब तरीके से उसने लुटा गंदे से गन्दा काम करवाया जो मैं आपको बता नहीं सकती मैं अब लूट चुकी थी इसलिए उसने कहा अब तुम एक रांड हो और अब तुम रोज़ धंदा करोगी पूजा के साथ मिलकर रहना वो तुम्हारे लिए रोज़ ग्राहक बुलायेगा और अगर नखरे की ना तो ये जो तुम्हारी चुदाई का विडियो बनाया है वो नेट पर डाल दूंगा इसलिए बोल रहा हूँ पूजा जो बोले वही करना आजसे तुम एक वेस्या हो और अभी पूजा के घर चलो वहाँ मेरा एक दोस्त भी आया हुआ है उसे भी खुश करों |
दोस्तों कहानी जारी है अगले भाग में पढ़िए मेरी बीवी की आगे की चुदाई | मेरी और मेरी वाइफ का चुदाई वाला शौक भाग -2