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Mastram Ki Hindi Sex Stories | hindisexstories.autocamper-service.ru Ki Antarvasna Stories | मस्ताराम की हिंदी सेक्स कहानियां

मकान मालिक की साली बेटी और बहु की चुदाई-2

मित्रो आप लोगो ने “मकान मालिक की साली बेटी और बहु की चुदाई भाग 1” में अभी तक जो पढ़ा अब उसके आगे लिख रहा हु  मीना अब फिर से रीमा के कमरे में सोने लगी मौसी और मकान मालिक अलग अलग कमरे में सोते पर दोनों के बीच का दरबाजा खुला रहता एक दिन रात में किचेन के बगल वाले कमरे से कुछ आवाज आ रही थी मैं कान लगाकर सूना तो पता चला कि मकान मालिक अपनी साली कि चुदाई कर रहे है तब मैं चुपचाप खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया और अंदर के नज़ारे देखने लगा मकान मालिक और मौसी एक दम से नंगे होकर चुदाई में ब्यस्त थे और यह नज़ारे देखने को कई दिन मिला वैसे काका सा जवान साली कि प्यास बुझाने में कामयाब नहीं होते थे , अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मौसी चली गई साथ में उनके मीना भी चली गई ,मीना कि इच्छा नहीं थी जाने कि पर मौसी के आग्रह के कारण चली गई |
अब घर में मैं ,रीमा भाभी ,मकान मालिक और और रीमा भाभी के पति [इन्हे आगे भइआ कहुगा] रीमा भाभी के अकेला होने के कारण मकान मालिक ने भैया को ऊपर के कमरे में एक दिन ले आये ,मैं कभी कभी भैया के पास भी नीचे के कमरे में बैठता था उनसे बाते करता था ओ भी मुझे पसंद करते थे क्योकि मैं उनकी हां में हां मिलाता था कारण ये था कि उनकी पुरी बाते समझ नहीं आती थी ओ जब बोलते थे तो उनकी जुबान लड़खड़ाती थी इस कारण प्यूरी बात समझ नहीं आती थी भैया को खुस रखने के लिए मैं हां में हां मिला देता था | मई का महीना था गर्मी बहुत जोरो से पड़ रही थी मैं छत पर सोता था रात में मकान मालिक भी छत में ही सोते थे रीमा भाभी का लड़का मेरे से खूब घुल मिल गया था इस कारण रीमा भाभी कभी कभी उसे भी मेरे पास सुला देती थीजब ओ ज्यादा परेसान करता तो ,रीमा का लड़के को मैं रोज टॉफी ,चाकलेट आदि खिलाता रहता इस कारण ओ मेरे साथ बहुत घुला मिला था | मेरी इस समय पर सेकण्ड डूटी थी ४ बजे से रात के बारह बजे तक और मकान मालिक रात में १२ बजे से सुबह ८ बजे तक कि डूटी में थे मैं एक दिन रात को कंपनी से आया फ्रेस हुआ और छत पर सोने चला गया पर रात में १ बजकर ३० मिनट पर प्यास लगी तो मैंने आया तो देखा कि रीमा के कमरे कि लाइट जल रही थी तो मैं दरवाजे के गैप से झाकने लगा अंदर का नजारा देखा तो खुस हो गया भाभी और भैया चुदाई कि तैयारी में ब्यस्त थे मैं चुपचाप देखने लगा भैया बेड पर नंगे पड़े हुए थे भाभी भी निर्वस्त्र बैठी थी और भैया को किस कर रही थी भइआ भी लार बहाते हुए भाभी को जीभ से चाट रहे थे चाट कम रहे थे लार ज्यादा बहा रहे थे और बाए हाथ से भाभी के सेक्सी जिस्म पर हाथ घुमा रहे थे स्तन भी पर भाभी के बूब्स दिखाई नहीं दे रहे थे ,भाभी का पिछवाड़ा दिखाई दे रहा था , रीमा भैया के लण्ड को पकड़ कर खिला रही थी तो भैया का लण्ड तनकर खड़ा हो गया तो रीमा भाभी ने लैंड को घुसड लिया और अपने चूतड़ो को ऊपर नीचे करने लगी भाभी ने १० -१२ बार चूतड़ो को ऊपर नीचे किया होगा इसके बाद भाभी चकरी कि तरह लण्ड के ऊपर घुमाने लगी अपने चूतड़ो को पर इतने में भैया का लण्ड सुसुक कर बाहर निकल आया चूत से तो भाभी लूस लण्ड को फिर से घुसाने कि कोशिस करने लगी पर लण्ड तो सिथिल होकर लूज पड़ गया और नहीं घुसा तो भाभी चुपचाप खड़ी हो गई और नफ़रत से भैया कि तरफ हुए उनका कपड़ा फेक दिया और भाभी कपड़ा पहनने लगी तो भैया ने लड़खड़ाती जुबान से बोला कि क्यों तेरा नशा [नशा से मतलब सायद संभोग संतुष्टी से होगा ] उतर गया क्या तो भाभी ने कुछ नहीं कहा और बोली कि आप तो कपडे पहन लो इसके बाद भैया बाए हाथ कासहारा लेते हुए बड़ी मुस्किल से उठे बिस्तर से और कपडे पहनने लगे भाभी ने कपडे पहनने में मदद किया जब कमरे ली लाइट बंद हो गई चुपचाप अपने कमरे के दरबाजे को लगाया और ऊपर छत पर सोने चला आया अगले दिन सुबह ६ बजे भाभी छत पर आई और अपने लड़के को मेरे पास से उठा कर ले गई जाते जाते मेरे को कंधे पकड़ कर हिलाया और जगा दिया और बोली कि उठो सुबह हो गई | आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
सुबह ६ बजाकर ३० मिनट पर मैं नीचे आया और ब्रश करने लगा तो भाभी ने कहा कि भैया को नीचे उतार दो महेंद्र , तो मैं भैया को बड़े मुस्किल से नीचे उतार कर उनके कमरे तक छोड़ दिया , ऊपर आने के बाद भाभी से पूछा कि क्यों भैया नीचे क्यों चले गए वापस तो भाभी ने कहा कि सुबह घूमने नहीं जा पाते है रोज रोज सुबह सुबह कौन उतारे उन्हें नीचे तो मैंने कहा कि मुझे बोल दिया करे मैं उतार दू तो, भाभी ने कहा कि आप रात में १ बजे सोते ही हो सुबह सुबह ५ बजे आपको क्यो डिस्टर्ब करू , तो मैंने कहा कि नहीं भाभी जी आप तो उठा दिया करे मैं बाद में भी सो सकता हु , इतना सुनते ही भाभी मेरे ऊपर खुस हो कर बोली कि कितने अच्छे हो आप और मुस्कुरा कर चली गई | माकन मालिक मण्डी में सब्जी लेने गए हुए थे उस समय पर , ९ बजे के आसपास मैं मेरे बिस्तर पर बैठ कर पेपर पढ़ रहा था कि भाभी नहा कर गीले वदन एक पतली सी साड़ी में लिपटी हुई बाहर hindisexstories.autocamper-service.ru dot net ki mast sex stories (mastaram.net) (5)निकली और गैलरी में बधी हुई रस्सी पर कपडे डालने लगी भाभी एक एक अंग कि बनावट ,कसावट साफ़ दिखाई दे रही थी बड़ी बड़ी मदमस्त जवानो कि तूफ़ान समेटे हुए सुन्दर से बूब्स कसी हुई जांघे , एक सब मैं चुप चाप देखता रहा भाभी बड़े आराम से घूम घूम कर कपडे डाल रही थी मैं जानबूझकर बाहर निकला तो मुझे देखकर शर्माते हुए कमरे के अंदर चली गई फिर कुछ देर बाद गाउन पहन कर निकली तो मैंने सॉरी भाभी कहा तो बोली किस बात कि सॉरी तो मैंने बताया कि आप इस हालत में थी और मैं बाहर आ गया तो मुस्कुरा कर बोली कि तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा चलता है इतना तो और हसने लगी मैं थैंकू बोला | भाभी १० बजे अपने लड़के के साथ निकली [लड़के को एक झूला घर में छोड़ कर जाती है और साम को वापस आते समय लेती आती है ] आज बहुत बन ठन कर भाभी निकली ,बहुत सेक्सी लग रही थी आज तो मैं तारीफ़ के लिए कह दिया भाभी जी आज बहुत सुन्दर लग रही है आप तो ओ खुस होकर बोली सुक्रिया और मेरी तरफ तिरछी नजर से देखते हुए हलकी से मुस्कान बिखेर कर चली गई | मैं जब रात में डूटी से आया तो देखा कि मेरे पलंग पर गद्दा और मच्छरदानी नहीं है मैं सोच में पड़ गया कि कहा गई , भाभी के कमरे में झांक कर देखा तो भाभी कि खुर्राटों कि आवाज आ रही थी तब मैं फ्रेस होकर छत पर जाकर देखा तो मेरा गद्दा तकिया मच्छरदानी के साथ लगा हुआ था और बिस्तर अस्त ब्यस्त था जैसे कोई सोया हुआ हो ,मैं बिस्तर पर लेट गया और सोने का लगा पर आँखों के आगे भाभी का सेक्सी जिस्म नाच रहा था ,भाभी कि तिरछी चितवन ,हलकी हलकी मुस्कान मुझे भाभी कि तरफ आकर्षित कर रही थी ,मैं ये सब सोच ही रहा था कि किसी के पर के पायल कि झुन झुन सुनाई दिया देखा तो भाभी लड़के को गोद में उठाये हुए आ रही थी मैं सोने का नाटक करते हुए आँखे बंद कर लिया भाभी ने मच्छरदानी को उठाया और लड़के को मेरे पास सुलाकर चली गई | मेरी आँखों से नीद कोसो दूर थी मैं पानी पीने के बहाने नीचे गया धीरे से दरवाजा खोला और भाभी के कमरे कि तरफ देखा तो लाइट जल रही थी तो मैं दरवाजे के गैप से झाकने लगा तो देखा कि भाभी एक दम से बिस्तर पर् नंगी तकिये में टेका लगाए हुए बैठी थी और हाथ में एक मोटी सी लम्बी सी मूली थी जिस पर कंडोम चढ़ा रखा था और मूली को धीरे धीरे चूत में डालकर आगे पीछे कर रही थी और एक हाथ से अपने स्तनो को बार बार दबा रही थी भाभी लगातार ५ मिनट तक मूली से खुद को चोदती रही और मैं देखता रहा मेरा भी लौड़ा खड़ा हो गया तो भाभी की चुदाई देख देख कर मुठ मारने लगा उधर भाभी जोर जोर से मूली को अंदर बाहर कर रही है और इधर मैं उन्हें देख देख कर मुठ मार रहा था उधर भाभी जी हलकी हुई और इधर मैं हल्का हुआ भाभी ने कपडे पहने और सो गई और मैं छत में आकर सो गया | और सुबह जल्दी उठा क्योकि कंपनी में आज के दिन सुबह जाना था डूटी पर कोई मसीन खराब हो गई है जिसे कोई इंजीनिएर सुधार नहीं पा रहा था इस कारण कंपनी ने सुबह सुबह ही फोन करके बुला लिया, मैं को ६ बजे कंपनी से निकला तो सीधे बाजार से सब्जी लेने चला गया तो वहा भाभी मिली सब्जी लेते हुए तो मैंने पूछ लिया कि काका सा तो सुबह सब्जी लाये थे ना तो भाभी बोली कि लाये थे पर मूली टमाटर भूल गए थे तो मैंने हस दिया और धीरे से बोला कि आपको मूली बहुत पसंद है ना तो मेरे तरफ अजीब नजर से देखने लगी और फिर नजरे नीची कर लिया सरमाते हुए चलने लगी तो मैंने बोला कि भाभी आइये छोड़ देता हु आपको ,मैं भी घर चल रहा हु ,तो भाभी मेरे साथ बाइक में बैठ गई सब्जी मंदी में बहुत भीड़ थी बार ब्रेक मारता तो भाभी कि चुचिया बार बार मेरे पीठ से टकराती तो अजीब से सनसनाहट लगता सरीर में और मजे भी आ रहे थे मैं जान बूझकर भी बार बार ब्रेक मारता तो भाभी भी बड़े आराम से चुचिया घिस देती भीड़ से बाहर निकला तो रस्ते में भाभी ने कहा कि आपको कैसे पता कि मुझे मूली पसंद है ,तो मैं बोला कि भाभी सा एक साल से ज्यादा हो गए आपके माकान में रहते बहुत कुछ जान चुका हु अब तो फिर से इठलाते हुए भाभी बोली कि बताओ जानते हो तो मैं बिना संकोच किये बोल दिया कि आप तो रात में भी मूली खाती है और दिन में भी तो भाभी ने मेरे कंधे पर एक हलकी से चपत मारी और बोली कि तुम भी तो खाते हो साम को मूली ,तब मैं पलट कर बोला कि भाभी सा आप तो रात में खाती हो मूली और हँसने लगा | घर कि रोड पास आ गई इस कारन मैंने भाभी को बोला कि आप उतर जाओ यही, नहीं तो मोहल्ले वाले तरह तरह कि बाते करेगे तो भाभी बोली बहुत समझदार हो पंडित जी और फिर उतर गई बाइक से मैं चला आया घर,कुछ देर बाद भाभी भी घर आ गई और मुस्कुराते हुए अंदर कि तरफ चली गई |
९ मई को सुबह -सुबह पेपर पढ़ रहा था मकान मालिक अभी तक नहीं आये हुए थे मैंने पेपर में देखा कि मीना का १२ वी का रिजल्ट आया मीना फ़ास्ट क्लास में पास हो गई ये बात भाभी को बताया तो ओ खुस होकर लिपट गई मेरे से और मेरे गाल को चूम लिया और बोली कि यह मीना के जीवन का अच्छा रिजल्ट है इसके पहले मीना कभी भी फर्स्ट क्लास नहीं आई भाभी इतनी खुस थी कि मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि ये अपनी ननद के रिजल्ट से इतनी खुस हो सकती है ,भाभी ने मीना को फोन करके बताया तो मीना ने बात किया बहुत खुस लग रही थी मीना और बोल रही थी कि आपकी बहुत याद आती है ,भाभी ने फोन लिया और खुस होकर बोली कि आज से आप हमारे साथ ही खाना खायेगे ये मेरा वादा रहा और एक बात बोली भाभी ने जो चाहो माँग लो पंडित जी आपको दुगी मेरे पास हुआ तो तो मैं कुछ नहीं बोला सिर्फ इतना ही कहा कि ‘भाभी जी ये तो मेरा फ़र्ज़ था ‘ इसमें मागने जैसी कोई बात नहीं है ,तो भाभी बोली कि ये तो आपका बड़प्पन है पंडित जी | कुछ देर बाद काका साहब आये तो भाभी ने उनसे बताया [रीमा काका साहब से दूर से ही घुघट में रह कर बहुत ही धीमी आवाज में बात किया करती थी ] काका सा भी बहुत खुस हुए और बोले कि बेटा आज से हमारे घर में खाना खाया करना [काका साहब ने पहली बार बेटा कहा है इसके पहले पंडित जी ही कहते थे ]आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अकेले परेसान होते हो मैं कुछ नहीं बोला मैंने सोचा कि अभी ये भावनाओ में बह रहे है ज्यादा नजदीकिया अच्छी नहीं होगी ये सोचा कर मैं मन ही मन फैसला कर लिया कि खाना इनके य़हां नहीं खाउगा ज्यादा मिठास में कीड़े पड़ जाते है ,उस दिन तो मैंने खाना खा लिया पर अगले दिन मैंने खाना खाने से मना कर दिया सभी बाते कहते हुए तो माकन मालिक और बहभी दोनों बहुत खुस हुए और बोले कि बहुत समझदार लड़के हो आप |
मई कि ही बात थी मैं रात में १२ बजकर २५ मिनट पर छत में सोने के लिए गया तो देखा कि बगल के बिस्तर पर [ काका सा रात के ११.३० तक छत में बाद में बिस्तर को छोड़कर डूटी चले जाते है ] भाभी अपने लड़के के साथ सोई हुई थी बगल में मेरा भी बिस्तर लगा हुआ था जो भाभी ही लगा देती है साम को मैं भी जाकर सो गया रात में १ बजे लड़का रोने लगा तो भाभी उठी और मच्छरदानी के अंदर घुसे हुए मच्छरो को मारने लगी [मच्छरदानी में छेड़ होने के कारण मच्छर घुस जाते है ] और कुछ बड़बड़ाने लगी तो मैंने पूछ लिया कि क्या हुआ भाभी तो बोली कि मच्छर काट रहे है तो मैं बोला कि इसे [लड़के ] मेरे पास सुला दीजिये तो भाभी ने लड़के को सुला दिया पर भाभी को भी मच्छर काट रहे थे तो मैं बोला कि भाभी आप इस बिस्तर में आ जाइये मैं उसमे सो जाता हु तो भाभी ने कहा कि नहीं रहने दो तो मैं भाभी से आग्रह करके बोला कि आप जाइये इस बिस्तर में और मैं उठकर बाहर निकला गया भाभी मेरे बिस्तर में सो गई बच्चे के साथ और मैं कुछ देर बाद नीचे चला आया और दरवाजा खोल कर एक दरी जमीन में बिछाया और सोने का प्रयास करने लगा पर नीद नहीं आ रही थी गर्मी के कारण , रात के २ बजे होगे रीमा भाभी नीचे आई और बोलि की आप नीचे क्यों आ गए तो मैं कुछ नहीं बोला चुप रहा तो भाभी ने कंधे को पकड़ कर हिलाया और फिर से बोली कि नीचे क्यों आ गए चलो ऊपर ही सो जाओ [अब मेरा धैर्य जबाब दे दिया] तब मैं भाभी के हाथ को पकड़ कर खीच लिया और बिस्तर में गिरा कर किस कर लिया गालो का और बूब्स को दबा दिया तो भाभी ने कहा कि ये क्या कर रहे हो ,कोई देख लेगा तो ,तब मैं कुछ नहीं कहा और फिर से किस कर लिया और कान में धीरे से बोला कि इतनी रात में कोई नहीं देख रहा है भाभी ,मत तड़पाओ अब और मैं भाभी के बूब्स को दबाने लगा तो भाभी ने कोई बिरोध नहीं किया और बैठ गई मेरे बिस्तर पर तो मैं भाभी को लिटा लिया बिस्तर में तब भाभी ने कहा कि दरवाजा तो लगा लो, मैं जल्दी से उठा और दरबाजा लगाने लगा तो बोली कि यहाँ नहीं और उठकर अपने कमरे में चली गई मैं भी पीछे पीछ चला गया ,अंदर जाते ही मैंने दरवाजा लगा दिया और भाभी से लिपट गया और लगा बूब्स दबाने लगा तो भाभी भी लिपट गई मेरे से मैं भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिया और साड़ी को खीच कर जिस्म से अलग कर दिया ,ब्लाउज को भी उतार दिया अब भाभी सर्फ ब्रा और पेटीकोट में मेरे सामने खड़ी थी मैं भाभी को जोर जोर से किस करने लगा भाभी भी मेरे पीठ पर हाथ घुमाने लगी तब मैं धीरे से ब्रा के हुक खोल दिया तो भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्रा के बंधन से आजाद हो गए और समुद्र में भरे पानी कि तरह सुन्दर सुन्दर बूब्स हिलोरे लेने लगी मैं बूब्स को हलके हलके चूसना सुरु कर दिया बूब्स के निप्पल को जीभ से सहलाने लगा तो भाभी भी गर्म पड़ने लगी तो मैंने भाभी का पेटीकोट का नाडा खोल दिया तो पेटीकोट सरक कर नीचे गिर गया और भाभी अब पेंटी में रह गई मैं भाभी कि सुन्दर सुन्दर जांघो को सहलाने लगा और भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और मैं भाभी के बूब्स को खिलाने लगा और जीभ को चूसने लगा और एक हाथ से भाभी कि जांघो को सहलाने लगा फिर धीरे से पेंटी के नीचे हाथ दाल कर चूत को सहलाने लगा बिलकुल चिकनी चूत थी लगता है आज ही सेविंग किया है भाभी अब बार बार अपनी जांघो को इधर उधर घुमाने लगी कभी मेरा हाथ पकड़ती तो कभी सर पर हाथ घुमाती , मैं भाभी कि पेंटी को भी उतार दिया अब भाभी एक दम से नंगी मेरे सामने पडी हुई है मैं भी सभी कपडे उतार कर नंगा हो गया और भाभी के पास लेट गया और भाभी को फिर से किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा भाभी भी मेरी पीठ पर हाथ घुमाती कभी सर के बाल सहलाती अब मैं उठा और भाभी कि चूत को चाटने लगा जीभ को चूत के अंदर घुसा देता और हिलाता अब भाभी के मुह से उ उ उ उ अ अ अ अ अ आ सीईए सी से सी सी आह आह आह कि आवाज निकलने लगी और बिस्तर में बिन पानी कि मछली कि तरफ तड़पने लगी मेरा लण्ड तन कर खड़ा था घोड़े कि तरह सरपट दौड़ने के लिए घोड़े को अच्छा मैदान चाहिए और ओ मैदान आज मिल गया भाभी ने अब मेरे लण्ड को पकड़ लिया और टल्ले मारने लगी लण्ड पर मैं चूत को चूसता रहा अब भाभी से नहीं रहा गया ओ बहुत दर्म हो गई सम्भोग के लिए पर मैं उन्हें और गर्म करना चाहता था पर भाभी नहीं मानी और उठकर बैठ गई और लण्ड को पकड़ कर चूत में घुसाने लगी मैं चूत के पास लण्ड ले गया और हल्का से छुआया चूत में ओह  क्या मख्खन कि तरह चूत हो गई थी इतने में भाभी ने अपने चूतड़ो को खिस काया और लण्ड को चुत में घुसा लिया और चूतड़ो को हिलाने लगी मैं भी धीरे धीरे धक्के देने लगा कुछ देर बाद मैंने मेरी जांघो को फैला दिया तो भाभी मेरी जांघो पर चढ़ गई पूरा लण्ड अंदर घुस गया भाभी मेरे सीने से चिपक गई तो मैं भाभी कि चुचियो को चूसता जाता और और धक्के देते जाता भाभी अपने घुटनो के बल खड़ी होकर ऊपर नीचे करने लगी और मैं भाभी कि चुचिया चूसता रहा ४ मिनट तक भाभी ऊपर नीचे करती रही फिर भाभी थक गई उनकी चुदाई कि रफ़्तार कम हो गई मैं समझ गया कि ये थक गई तब मैं भाभी को पीठ के बल कुछ से तरह से लिटा दिया और झटके मारने लगा रीमा बड़े प्यार से झटके खाने लगी प रीमा ने अपने दोनों हाथो को मेरे कमर के ऊपर डाल कर पकड़ लिया और मेरे जीभ को प्रेम से चुस्ती रही और मैं झटके मारते रहा लगातार भाभी के मुह से उ उ उ उ आ अह अह अह अह अह अह अह अह ऎसी सी सी सी उ उ उई म उई उई आ आह आहा सी कि आवाज निकलती रही मैं जोर से जोर से झटके मारने लगा कमरे में फट फट कि आवाज गुजने लगी लगातार ७ मिनट तक झटके खाने के बाद भाभी कि चूत ने पानी छोड़ दिया और भाभी सिथिल पड़ गई मैं समझ गया भाभी निपट गई तब मैं जल्दी जल्दी झटके मारा और ढेर सारा वीर्य भाभी कि चूत में उड़ेल दिया और कुछ देर तक लण्ड को घुसेड़े हुए भाभी के ऊपर लेटा रहा तब भाभी गालो को चूमते हुए बोली कि अब उठोगे भी या यू ही पड़े रहोगे तो मैं उठा और भाभी भी उठी ,जैसे ही उठी तो उनकी चूत से वीर्य बहने लगा और जांघो से होते हुए नीचे गिरने लगा तो भाभी बोली कि कितना भर रखा है अंदर उड़ेल दिया पूरा का पूरा तो मेंहसने लगा और भाभी की बूब्स को दबा दिया और गालो में किस कर लिया ,भाभी नंगी ही बाथरूम में चली गई मैं भी उनके पीछे पीछे बाथरूम में घुस गया दोनों ने साथ साथ पेसाब किया ,अभी भी मेरा लण्ड तना हुआ खड़ा है ,भाभी ने देखा तो हाथ से पकड़ कर बोली चल अब बैठ जा बहुत थका लिया फिर हम दोनों कमरे में आये घड़ी देखा तो रात के ३ बजकर २० मिनट हो रहे थे हम दोनों छत पर चले गए और एक साथ एक ही मच्छरदानी में सो गए तो सुबह ६.३० बजे नीद खुली हलकी हलकी धुप निकल आई थी भाभी उठी और झुककर [जिससे कोई देख नहीं ले कि ये छत पर सोती है] नीचे चली आई | मैं भी ७ बजे तक नीचे आ गया कुछ देर भाभी अपने लड़के को गोद में उठाकर ले आई जो अभी तक सो रहा है |
तीन दिन बाद सन्डे आया काका साहब दोस्तों के साथ पास के ही शहर में अपने दोस्तों के साथ करीब ३० किलोमीटर दूर शंकर जी का प्रसिद्ध मंदिर है वहा दर्शन करने चले गए साथ में अपने पोते [मकान मालिक पोते को जान से भी ज्यादा चाहते है] को भी ले गए क्योकि मोहल्ले कि कई महिलाये भी जा रही थी मोहल्ले कि ओरतो ने भाभी को बोला तो भाभी ने कहा दिया कि मैं जाने लायक नहीं हु मंदिर इस कारन नहीं जाऊगी ये सभी सुबह ९ बजे ही निकला लिए | अब घर में सिर्फ मैं और भाभी थे भैया है तो ओ ऊपर आ ही नहीं सकते है ,भाभी ९.३० बजे बाथरूम मे नहाने घुसी तो उस समय मैं देख रहा था भाभी ने पूरा दरवाजा नहीं लगाया बाथरूम का थोड़ा सा खुला था दरवाजा मैं समझ गया कि भाभी को आज बाथरूम में चोद सकता हु ,मैं सावधानी रखते हुए चैनल गेट का ताला बदल कर दुसरा लगा दिया जिससे मकान मालिक आ भी जाए तो ऊपर नहीं आने पाये बाथरूम से नाहने के आवाज आने लगे तब मैं बाथरूम का दरवाजा धीरे से खोला तो भाभी चौक गई और बोली कि क्या कर रहे है बंद करो दरवाजा कोई देख लेगा तो गजब हो जायेगा तब मैंने मुह में उगली रखा और धीरे से बोला कि चुप रहिये भाभी मैंने ताला बदल दिया है गेट का कोई नहीं आयेगा तो भाभी बोली कि बहुत नटखट हो चलो हटो नहा लेने दो मुझे तब मैं मुस्कुराते हुए बोला कि भाभी आपके कन्धे में मैल जमी है साफ कर दू क्या तो भाभी ने बोला नहीं रहने दो जाओ मैं नहा लू लेट हो रही हु ,और मुस्कुरा दिया तब मैं बाथरूम में घुस गया और साबुन लेकर भाभी के कंधे और पीठ में लगाकर घिसना सुरु कर दिया और धीरे से भाभी के स्तनो पर भी साबुन लगा दिया और स्तनो को भी सहलाने लगा हलके हलके हाथ से जब स्तनो में साबुन लग गया तो स्तन इतने चीकने हो गए कि हाथ से पको तो बार बार फिसल रहे थे ओह इतना मस्त लग रहा था उस समय जब स्तनो कि मालिश करने लगा जैसे जन्नत की सैर कर रहा हु कुछ ही देर में स्तन एक दम से कठोर हो गए भाभी को भी मजा आने लगा तो बैठे बैठे ही मेरे लण्ड को टटोलने लगी तब मैं लुंगी उतार कर टांग दिया तब भाभी ने मेरी चढ्ढी भी खीच कर उतार दया तो मैं झुक कर भाभी को किस करने लगा तब भाभी उठकर खड़ी हो गई और अपने हाथ में साबुन लगाकर मेरे लड में लगाने लगी अब मैं भाभी कि बूब्स में साबुन लगा लगा कर स्तनो कि मालिस करने करने लगा और भाभी मेरे लण्ड पर साबुन लगा लगा कर लण्ड को खिलाने लगी ,मैं भाभी के पुरे बदन को साबुन लगाकर चीकना कर दिया और भाभी को अपनी बाहो में लेने लगातो भाभी किसी मछली कि तरह बार बार फिसल रही थी तब मैं भाभी को पीछे कि तारफ से पकड़ लिया और इसी फिसलन के बीच में भाभी
को हलका सा झुका दिया और साबुन लगा लण्ड को भाभी कि चूत में हल्का सा पूस किया तो पूरा का पूरा लण्ड सप से घुस गया भाभी ने बाथरूम में लगी फर्सी [संगमरमर के पत्थर का टुकड़ा जो लेट्रीन सीट और बाथरूम को लग करताहै] को पकड़ कर झुक गई और मैं पीछे से धक्के मार मार कर चोदने लगा और भाभी बड़े मजे ले ले कर झटके खाने लगी मस्त मस्त चिकनी चुचियो को मसलते रहा और जोर जोर से झटके मारते रहा ५ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद भाभी ने बोला कि घुटने दर्द करने लगे क्योकि बाथरूम कि फर्स चुभ रही थी तब मैं भाभीको खड़ा कर दिया और सावर चला कर पुरे वदन का साबुन धो दिया और फिर भाभी को पकड़ कर उठा लिया भाभी ने अपने दोनों जांघो को को मेरे कमर मेंफसा लिया और अपने सुन्दर सुन्दर नाजुक हाथो को मेरे गले में डाळ कर जोर से पकड़ लिया तब मैं भाभी की कमर और चूतड़ो कोपकड़ कर हवा में लहरा लहरा कर चोदने लगा और लगातार ४ मिनट तक हवा में उछाल उछाल कर भाभी को चोदता रहा भाभी मेरे से ऐसे लिपटी थी जैसे नाग नागिन सम्भोग के समय लिपट जाते है ,मैं भाभी को नंगी ही बाथरूम से उठाकर बैडरूम में ले आया और बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और फिर घुटनो को मोड़ कर खड़ा कर दिया भाभी घुटनो को सहारा बना कर मुझे चोदने लगी भाभी अब जोर जोर से आ अ अ अ अ अ अ आहा अह आगाह आहा ह सी सी सी उई उई उई उई उई उउउउउउउउउउउ आआआआआआ आआआआआआ उई माँ उई माँ करती रही प्यूरी ताकत लगाकर मेरे पेट में अपने चूतड़ो को फट फट पटक पटक कर छोड़ने लगी भाभी थके नहीं ली लिए मैं पीछे से भाभी के चूतड़ो को पकड़ कर ऊपर नीचे करने में मदद करने लगा इस तरह से भाभी करीब ४ मिनट बाद सुस्त पड़ कर रुक गई मैं समझ गया भाभी झर चुकी है भाभी मेरे ऊपर से उठकर बेड पर बैठ गई ,मेरे तने हुए लड को देखा और बोली कि ये तो अभी तक गुस्साया हुआ है और हाथ से पकड़ कर खिलाने लगी तब मैं बोला कि चलो पीछे घूम जाओ आज दुसरी जगह पर घुसेड़ता हु तो भाभी तुरंत ही तैयार हो गई और घोड़ी कि तरह टाँगे करके चूतड़ो को ऊपर कि तरफ उठा दिया और भाभी कि गाड़ में [चूत में नहीं] लण्ड डालने लगा तो बोली कि ये क्या कर रहे हो नहीं जायेगा तुमहरा इतना मोटा तो मैं बोला कि रुको तो सही थोड़ दर्द होगा पर एक बार चला जायेगा तो बहुत मजा आयेगा ,तब मई थूक लगाकर लण्ड को धीरे धीरे घुसाने लगा पर घुस नहीं रहा था तो मैं तेल कि सीसी निकाला और भाभी कि गाड़ में तेल डालकर चिकनीकर लिया और लण्ड में भी तेल लगा लिया और धीरे से झटका दिया तो लण्ड घुस गया पर भाभी ने जल्दी से लण्ड को बाहर निकाल दिया और कराहने लगी और बोली कि बहुत जालिम हो,फाड़ोगे क्या और गुस्सा होकर लेट गई बेड पर तब मैं हाथ जोड़ कर माफी मागा इतने में ध्यान बट जाने के कारण मेरा लण्ड शांत पड़ गया तो भभ फिर से खिलाने लगी और बोली कि लो कर लो जल्दी से फि फिर जाउ नहाने तो मैं बोला कि आप नहा लो फिर कभी कर लेगे कहा भाग रही हो आप तो हसने लगी और उठकर चली गई बाथरूम में नहाने लगी मैं भी मेरे काम से लग गया कुछ देर में भाभी बाथरूम से नहा कर निकली एक टावेल लपेट कर और अपने बेड रूम में घुस गई तो मैं भी पीछे से कमरे में घुस गया और भाभी को पकड़ लिया पीछे से किस करने लगा ,बूब्स को दबाने और फिर टावेल को खीच कर बिस्तर पर रख दिया और भाभी को किस करने लगा तो भाभी ने कहा कि ‘ क्या कर रहे हो ‘ तो मैं कुछ नहीं बोला और किस करता रहा तो भाभी बोली कि चलो फटाफट निपट लो तुम मेरी तो अभी इच्छा नहीं है अभी अभी तो तुमने किया है, तुम ‘ हलके नहीं हुए इस कारण फिर से आ गए और इतना कहते हुए विस्तर लेटने लगी तो मैं रोका और बोला आप इसी तरह खड़े रहिये आपको फिर से इच्छा पड़ जायेगी तो भाभी बोली कि क्यों खड़े खड़े ही करोगे क्या तो मैं बोला कि आप तो बस खड़े रहो और देखो क्या क्या कैसे कैसे करता हु तो ओ हँसने लगी तो मैं घुटनो के बल खड़ा हो कर भाभी कि साफ़ ,सुन्दर ,चिकनी चूत को चाटने लगा भाभी मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी मैं भाभी कि चूत को जीभ लगा लगा कर अंदर तक चाटने लगा २ मिनट बाद भाभी अपनी जांघो को आपस में सटाने लगी तब मैं समझ गया कि भाभी को इच्छा पड़ गई है बस अब इन्हे गर्म करना है मैं फिर से चूत को चाटने लगा बीच बीच में अगुठा घुसेड़ कर भाभी को गरम करने लगा मेरी कोशिस रंग लाइ भाभी ने ली जोर कि अगड़ाई और बेड पर बैठ गई तो मैं रस पीने लगा पूरी पूरी जीभ भाभी कि चूत के अंदर डाल देता और फिर चूत के न्द्र ही जीभ को घूमाने लगता भाभी अब जोर जोर से मेरे सर पर हाथ घुमाने लगी और आह आह आह आह आह आ अ अ अ अ आए आ आ उ उ उ उ उ उ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आहा सी सी सी करने लगी और बोली कि अब नहीं तड़पाओ ‘ मैं समझ गया की भाभी अब मस्त तैयार पड़ गई चुदाने के लिए तब मैं लण्ड के ऊपर कंडोम चढ़ाया सुपाड़े के चमड़ी पीछे किया बिना [मैं समझ गया था भाभी इस बार ज्यादा समय लेगी स्खलित होने में इस कारण लण्ड कि चमड़ी नहीं खिसकाया जिससे ज्यादा देर तक भाभी को चोद सकू] और लण्ड को घुसेड़ दिया ‘ भाभी तकिया का सहारा लेकर बैठ और मैं खड़े खड़े चोदने लगा भाभी कि दोनों टांगो को पकड़ लिया दोनों हाथो से और झटके मारने लगा भाभी बडप्यार से झटके खाने लगी भाभी बार बार अपने स्तनो को अपने ही हाथो से मसलने लगी ओ उस समय भाभी के मुह से आह आह आह आह आह आ अ अ अ अ आए आ आ उ उ उ उ उ उ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आहा सी सी सी अ अ अ अ अ आए अ अ आ आ आआआआआअ उउउउउउऊऊऊऊऊ सीईईईईई ओग ऑफ़ ऑफ़ ऑफ़ कि आवाजे निकालने लगी ७ मिनट तक लगातार झटके मारने के बाद भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया और भाभी कि एक टांग को पकड़ कर हाथ से ऊपर उठा लिया और जोर जोर से झटके मारने लगा भाभी बड़े मादक अंदाज में मेरी तरफ देखती और किस करती बार कभी कभी जीभ को ओठो को चूसने लगी भाभी बार बार उठकर चिपक जाती मेरे से तब मैं भाभी कि चुचियो को खूब चूसता भाभी बड़े मस्त अंदाज में छुड़ा रही थी और बार बार मेरे सर पर हाथ घुमाती और उफ़ फु आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ फु आह आहा सी सी सी अ अ अ अ अ आए अ अ आ आ आआआआआअ उउउउउउऊऊऊऊऊ सीईईईईई कि आवाजे निकलती कुछ देर बाद भाभी कि दोनों टांगो को ऊपर उठा दिया
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गुरु मस्तराम

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