मैने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए तो वो 2 मीं ही झड़ गयी. अब उसकी चूत एक दम गीली हो गयी और मेरा लंड तोड़ा आराम से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा. मैने अपनी स्पीड तोड़ा तेज कर दी तो उसने भी बहुत ही तेज़ी के साथ मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिया. मैने धक्के लगते हुए उसकी चुदाई करता जा रहा था. थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द एक दम कम हो गया तो वो और तेज और तेज कहने लगी. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. 5 मीं और चुदने के बाद वो दूसरी बार झड़ गयी लेकिन मैं रुका नहीं. मैं उसे उसी स्पीड में चोद्ता रहा. अब वो पुर जोश में आ चुकी थी और अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत से छाप छाप की आवाज़ आ रही थी और मेरे ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाने की वजह से धाप धाप की आवाज़ भी हो रही थी. 10-15 मीं तक और चुदने के बाद जब वो तीसरी बार झड़ने लगी तो मैं भी उसके साथ ही साथ झड़ गया. लंड का सारा जूस उसकी चूत में निकल जाने के बाद भी मैं थोड़ी देर तक उसके उपर लेता रहा और उसके होठों को चूमता रहा और वो मेरी पीठ को सहलाती रही. थोड़ी देर बाद मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उस से पूछा चतोगी इसे. वो बोली अब तुम ही मेरे सब कुछ हो. तुम्हें केवल कहने की ज़रूरत है. तुम जो भी कहोगे मैं सब करूँगी. बस केवल तुम मुझे ये मज़ा देते रहना. इतना कह कर उसने मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया. मेरा लंड चट चट कर सॉफ कर देने के बाद वो बोली अब मैं नाश्ता बनाने जाती हूँ. मैने कहा अभी तो मैं तुम्हारी चूत को चट कर सॉफ करूँगा. उसके बाद तुम नाश्ता बना लेना. मैने उसकी चूत को चट चट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद वो किचन में नाश्ता बनाने जाने लगी. वो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैने पूछा क्या हुआ तो वो बोली बहुत दर्द हो रहा है. मेरी चूत भी सूज गयी है. मैने कहा अभी तो तुमने 2 बार ही चुडवाया है. जब तुम कम से कम 4-5 बार और चुद्व लॉगी तब ये दर्द नहीं होगा. वो बोली मैं तो अब तुम्हारी हो गयी हूँ, जब चाहो चोद दो, मैं माना नहीं करूँगी. उसके बाद वो एक दम नंगी ही बहुत ही धीमी चल से नाश्ता बनाने किचन में चली गयी. मैं बेड पर ही लेता रहा. मैं अभी भी बहुत ज़्यादा जोश में था. मैं अपना लंड सहलाने लगा. किचन में नाश्ता बनते हुए उसे 20-25 मीं हो चुके थे और मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था. मैं किचन में गया तो वो मेरी बाहों से लिपट गयी. उसने अपना हाथ मेरे गले में दाल दिया और बोली अब क्या है. मैने कहा फिर से चोदना है. वो बोली तो चोदो ना. मैने कहा तुम अपने हाथों को मेरे गले में डाले हुए ज़ोर से पकड़े रहना. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | वो बोली ठीक है और उसने अपना हाथ ज़ोर से पकड़ लिया. मैने उसकी एक टाँग को ज़मीन से उठा कर अपने कमर के पास कर लिया और अपना लंड उसकी चूत में दाल दिया. कहदे होने की वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में नहीं घुसा. मैने उसे खड़े खड़े ही चोदना शुरू कर दिया. वो बहुत ही ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. वो मेरे होठों को चूमती रही. लगभग 10 मीं चुदने के बाद वो झड़ गयी लेकिन मैं रुका नहीं. मैं उसे छोड़ता रहा और लगभग 20 मीं तक चोदने के बाद झड़ गया. मेरे साथ ही साथ वो भी दूसरी बार झड़ गयी. उसके बाद मैने उसकी टाँग को छ्चोड़ दिया. वो खड़ी हुई तो उसकी चूत से मेरे लंड का जूस ज़मीन पर गिरने लगा. इस बार उसने बिना मेरे कुछ कहे ही मेरे लंड को चट चट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद वो बोली अब तो मैं नाश्ता बना सकती हूँ. मैने कहा हां, अब तुम नाश्ता बनाओ, मैं बेडरूम में जाता हूं. उसके बाद मैं बेडरूम में चला गया. 5 मीं बाद वो नाश्ता ले कर आई. हम दोनो ने नंगे ही बेड पर बैठ कर नाश्ता किया. उसके बाद मैने उसे पकड़ लिया और उस से चिपक कर बेड पर लेट गया. हम दोनो थोड़ा थक चुके थे, कब नींद लग गयी, पता ही नहीं चला. जब मेरी नींद खुली तो दोपहर के 2 बाज रहे थे. इस कहानी का शीर्षक ” और नौकरानी की चूत फ़ैल गयी” मैने ऋचा को जगाया और अपना लंड चूसने को कहा. वो बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगी. जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने उसे कुतिया की तरह हो जाने को कहा. वो तुरंत ही कुतिया की तरह हो गयी. मैं उसके पिच्चे आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैने अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बीच रख दिया. फिर मैं उसकी कमर को पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत में घुसने लगा. थोड़ी देर तक तो कुछ नहीं बोली लेकिन जब मेरा लंड उसकी चूत में 5″ तक घुस गया तो वो बोली अब दर्द हो रहा है. मैने और ज़्यादा लंड घुसने की कोशिश नहीं की और धक्के लगते हुए उसे चोदने लगा. 5 मीं की चुदाई के बाद वो झड़ गयी. जब उसकी चूत एक दम गीली हो गयी तो मैने एक बहुत ही जोरदार धक्का लगा दिया. इस धक्के से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी लेकिन उसने मुझे रोका नहीं. मैने पूरा लंड उसकी चूत में डालते हुए बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. 2 मीं में ही उसका दर्द जाता रहा और वो शांत हो गयी. मैं धक्के लगता रहा और थोड़ी देर बाद वो और ज़ोर से और ज़ोर से कहने लगी. मैने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी तो 5 मीं में ही वो फिर से झड़ गयी. उसकी चूत से छाप छाप की आवाज़ होने लगी. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गया था और बहुत ही तेज़ी के साथ उसे चोद रहा था. लगभग 10 मीं तक और चुदने के बाद वो तीसरी बार झड़ गयी. मैने पूछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली इतना मज़ा आ रहा है की मैं बता नहीं सकती. तुम खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगते हुए मुझे चोद्ते रहो. मैं बहुत ही ज़ोर ज़ोर से धक्के लगता हुआ उसे छोड़ता रहा. पुर रूम में धाप धाप की आवाज़ हो रही थी. लगभग 15 मीं तक और चोदने के बाद मैं झड़ गया तो ऋचा भी मेरे साथ ही साथ चौथी बार झड़ गयी. झड़ते समय भी मैने अपनी स्पीड नहीं कम की तो उसकी छूट से फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी. 2 मीं में जब मेरा लंड एक ढीला हो गया तो मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और ऋचा उसे चाटने लगी. उसने मेरे लंड को चट चट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद मैने भी उसकी चूत को चट चट कर सॉफ कर दिया. भाभी 10 दीनो के बाद वापस आई. उन 10 दीनो में मैने ऋचा को तरह तरह की स्टाइल में 64 बार चोदा. उसकी चूत अब एक दम चौड़ी हो चुकी थी. अब मैं उसकी चाहे जिस स्टाइल में चुदाई करता लेकिन उसके मूह से कोई आवाज़ नहीं निकलती थी. वो खूब मज़े ले लेकर मुझसे चुडवाटी थी. भाभी के आने के बाद ऋचा उनसे आँख नहीं मिलती थी. मैं भी भाभी से निगाहें नहीं मिला पता था. भाभी को हम दोनो पर कुछ शक हो गया. एक दिन जब भैया ऑफीस चले गये तो भाभी ने ऋचा से कहा अब तू मुझसे निगाहें नहीं मिला पति, क्या बात है. वो बोली, कुछ भी तो नहीं. भाभी ने कुछ तो ज़रूर है. क्या तुम्हें केयूर ने कुछ कहा या उसने तुम्हारे साथ कुछ बदमाशी की. ऋचा ने कहा, नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. भाभी ने मुझे पुकारा तो मैं उनके पास आ गया. भाभी ने मुझसे कहा, क्या बात है, तुम भी मुझसे नज़रें चुराते हो. मुझसे कोई ग़लती हो गयी क्या. मैने कहा, नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है. भाभी ने कहा, कुछ तो ज़रूर है. तुम और ऋचा दोनो ही मुझसे नज़रें चुराते हो. लगता है मेरे ना रहने पर तुम दोनो ने कुछ गड़बड़ की है. सॉफ सॉफ बता दो, नहीं तो मैं तुम्हारे भैया से कह दूँगी. ऋचा डर गयी और वो भाभी का पैर पकड़ कर रोने लगी. उसने सारी बात भाभी को बता दी. भाभी ने ऋचा को चुप करते हुए कहा, तुम दोनो जवान हो. जवानी के जोश में ऐसा हो जाता है. ऋचा तुम नहीं जानती की मैं भी बहुत सेक्सी हूँ. मैं भी जब जवान थी तो मेरा मन भी करता था. लेकिन मेरे घर वालो ने मुझे कभी अकेला नहीं छ्चोड़ा नहीं तो मेरे साथ भी ऐसा कुछ हो सकता था. अब ये बात तुम किसी और से मत कहना. ऋचा चुप हो गयी. उसके बाद भाभी ने मुझसे कहा, क्यों देवर जी, कैसा रहा 10 दिन, मज़ा तो आया. मैं कुछ नहीं बोला. अब तुम दोनो मुझसे शरमाना छ्चोड़ो और मैं जो कहती हूँ वो करो नहीं तो मैं तुम्हारे भैया से सब बता दूँगी. ऋचा ने कहा आप जो भी कहेंगी हम सब करने को तय्यार हैं. लेकिन आप भैया से कुछ मत कहना. भाभी ने कहा ठीक है, मैं कुछ नहीं कहूँगी. भाभी ने ऋचा से कहा, अब तुम्हें केयूर से मेरे सामने चुड़वाना पड़ेगा. ज़रा मैं भी देखूं की मेरा देवर तुम्हें किस तरह से चोद्ता है और तुम किस तरह से चुड़वति हो. ऋचा ने कहा मुझे शरम आती है. भाभी ने कहा, ठीक है, मत चुद्वओ, मैं भैया से कह दूँगी. ऋचा पहले से ही डारी हुई थी. वो मेरे पास आई और मेरे पॅंट को खोल कर उतरने लगी. पॅंट उतरने के बाद जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो भाभी बोली, वा क्या लंड पाया है तुमने. इसे देख कर तो मुझे भी कुछ कुछ होने लगा है. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसके बाद ऋचा ने भी अपनी शलवार उतार दी. भाभी ने कहा, तुम दोनो बाकी के भी कपड़े उतार दो और एक दम नंगे हो जाओ. हम दोनो ने शरमाते हुए अपने बाकी के भी कपड़े उतार दिए और एक दम नंगे हो गये. भाभी ने मुझसे कहा, चलो अब शुरू हो जाओ. जिस तरह से तुमने मेरे ना रहने पर ऋचा को चोदा था उसी तरह चोदना. ऋचा बेड पर लेट गयी और मैं उसके उपर 69 की पोज़िशन में हो गया. ऋचा ने मेरा लंड मूह में ले लिया और चूसने लगी और मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में ऋचा जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी. मेरा लंड भी अब तक एक दम टाइट हो चुका था. मैं ऋचा के उपर से उठा और उसकी टाँगों के बीच आ गया. भाभी मुस्कुराते हुए देख रही थी. उन्हें भी जोश आने लगा था और वो अपनी चूत को सहलाने लगी. मैने ऋचा की टाँगों को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा बीच में रख दिया. फिर उसके पैरों को पकड़ कर एक ज़ोर का धक्का लगाया. ऋचा के मूह से आ सी निकली और मेरा लंड उसकी चूत में 5″ तक घुस गया. मैने फिर से एक धक्का लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. उसके बाद मैने एक दम आँधी की तरह ऋचा को चोद्नना शुरू कर दिया. इस कहानी का शीर्षक ” और नौकरानी की चूत फ़ैल गयी” भाभी अपनी चूत को सहलाते हुए ध्यान से देख रही थी. मैने लगभग 20-25 ताल ऋचा को चोदा और झड़ गया. ऋचा भी 2 बार झड़ चुकी थी. भाभी ने मुझसे कहा, देवर जी, तुम तो बहुत ही अच्च्ची तरह से चोद्ते हो. तुमने ऋचा का पानी 2 बार निकल दिया. तुम्हारे भैया तो मेरा पानी कभी कभी ही निकल पाते हैं क्यों की वो बहुत जल्दी ही झड़ जाते हैं. मैने ऋचा की चूत से जैसे ही अपना लंड बाहर निकाला तो भाभी ने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं जब तक कुछ कह पता वो मेरा लंड अपने मूह में लेकर चूसने लगी. मैं चुप रह गया. थोड़ी देर बाद भाभी ने ऋचा से कहा, ऋचा, तुम मेरी चूत को चॅटो. ऋचा भाभी की चूत को चाटने लगी. भाभी पहले से ही जोश में थी. ऋचा ने भाभी की चूत को थोड़ी देर तक ही चटा था की वो झड़ गयी. ऋचा ने अपना मूह हटा लिया तो भाभी ने कहा मेरी चूत का सारा जूस चट लो. ऋचा ने भाभी की चूत के जूस को चट लिया तो भाभी ने कहा अब तुम मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मस्लो. ऋचा ने भाभी की बूब्स को मसलना शुरू कर दिया तो भाभी भी ऋचा के बूब्स को मसालने लगी. भाभी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. 15 मीं में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो भाभी ने मेरा लंड अपने मूह से बाहर निकल दिया. उसके बाद वो बोली, देवर जी, अब तुम मेरे सारे कपड़े उतार दो. मैने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए तो वो एक दम नंगी हो गयी. उनका संगमरमर सा गोरा बदन आज मैं पहली बार देख रहा था.
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