तू भी एक बार बाबाजी से चुद जा

गतांग से आगे ….  दर्द का अहसास कम हो रहा था. मस्ती दोनो बहनों पर हावी हो रही थी. चीखो के जगहा सिसकारियों ने ले ली थी. दोनो बहनें बड़बड़ा रही थी, ` हां बाबाजी मज़ा आ रहा हाइपर ज़रा धीरे चोदो. आआअहह. …बाबा जी आआआ. पूरा जा रहा है . हाआन रामदास तुम आदमी हो की जानवर. कैसे चोद्ते हो. पर आहह ऐसे ही, ऐसे हीईई….. हन्न्न…. ऐसे ही चोदो. साले कितना मोटा है तेरा…..बाबाजी ठीक ही कहते थे….. साले तू नेहा की तो फाड़ ही देता. आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नारया…… ..ज़रा लंबे लगाओ.आआहहस्वँ ई जी आआहह क्या मस्त चला लाए हूऊ……. आआअहहस्वँ ईज़ी रशमी को ज़बरदस्त चोदो. कोई हसरत ना रह जाए.` उधर रशमी चिल्ला रही थी, ` डीडीिईई…. म्ज़ा आआआअ…. गया मेरपयारी दीदी……क्या स्वरग की सैर करवाई है……बाबाजी तो मस्त चोद रहे हैं आआआआ…. बाबाजी …बाबाजी …..करो बाबाजी ज़ोर से करो…..हाए ये क्या हो रहा है…….बाबाजी ….प्लीज़ बाबाजी …….चोदो. …जैसे मेरी दीदी को चोदा था……..आआहह हौर नेहा ज़ोर ज़ोर से चूतड़ उछालने लगी. बाबाजी समझ गये की लड़की गयी. उन्हों-ने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी. टाइट चूत ने उन्हें भी मस्त कर दिया. उन्हों-ने भी मज़ा लेने का मंन बना लिया. नेहा चिल्ला रही थी, ` बाबा जी ज़ोर से चोदो आज तो कमाल हो गया. है दीदी अब हमेशा चुदवाउन्गि बाबाजी ……बाबाजी. …..स्वाआआआअ म्म्म्मीईज्ज्ज्जीइ. …. ..आआआआ आआआ`. उधेर बाबाजी भी झाड़ गये,`आबीयेयेयीयायग गग्ग्घगया ….. चंदा तुम्हारी बहन बड़ी सेक्सी है…….आआअहह हह`. चंदा और रामदास की कुश्ती जारी थी. चंदा उचक उचक कर चुदवा रही थी. पूरी चूत लंड से भरी हुई थी. नेहा चंदा के पास आ कर बैठ गयी और चुदाई देखने लगी रामदास का मोटा लंड जब बाहर निकलता था तो चूत की स्किन भी बाहर आ जाती थी. दोनो मस्ती में ज़बरदस्त चुदाई कर रहे थे | आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |.. दुनिया से बेख़बर. नेहा ने बाबाजी की तरफ देखा जो नंगे लेटे हुए थे. नेहा नें उनका लंड चूसना शुरू कर दिया. अब वो भी चंदा की तराहा लंड की प्यासी थी. बाबाजी से दोबारा चुदने के लिए तैयार पिंकी, सुबू`और ननद की चुदाई नेहा और चंदा चुद चुकी थी.नेहा तो एक बार बाबाजी क़ा वीर्य पी भी चुकी थी. चंदा रामदास का मोटा लंड ले कर निहाल हो चुकी थी. हालाँकि उसकी चूत में जलन हो रही थी, फिर भी वो बोली ,` बाबा जी आप का चेला तो मस्त चुदाई करता है.एक बात बतायए बाबा जी ऐसे कितने तीर हैं आप के पास. बाबाजी हंस दिए,` हां एक तीर है, विप तीर, विप लोगों के लिए.` ` उसकी क्या ख़ासियत है बाबा जी ?` `वो चुदाई महीने में एक बार करता है, और जब करता है तो जल्दी झाड़ता नहीं. जब झाड़ता है तो चूत वीर्य से भर जाती है.और वीर्य चूत से बाहर आने लगता है.और सब से बड़ी बात तो ये है की झड़ने के बाद भी उसका लंड खड़ा रहता है, जब तक वो चाहे, यही उसकी ख़ासियत है.` चंदा बोली ,` बाबाजी आप के चेले तो एक से बढ़ कर एक हैं, आप उसे ले कर आईए.` ` ठीक है सुबू, तुम्हारी और नेहा की चुदाई से में बहुत खुश हूँ, अगली बार में उसे ले कर आऊंगा. उसके चुदाई का एक महीने का बनवास भी अगले महीने ख़तम होने वाला है- अच्छा अब चलते हेँ.` चंदा नें बाबाजी को एक जोरदार किस दिया और अलविदा कहा.नेहा भी बाबाजी के लंड के ख़यालों में थी. अगले दिन पिंकी आ गयी.वो 2 महीने में एक बार आती थी.घर में खुशी का महॉल था. चंदा भाभी बहुत खुश थी. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |..  चंदा की उदासी उस-से देखी नहीं जाती थी.वो अपने भाइयों के बारे में जानती थी और किसी भी तराहा चंदा को खुश देखना चाहती थी.पिंकी हॉस्टिल में रहती थी और खुले दिमाग़ की लड़की थी. एक बाय्फ्रेंड भी था. जब मूड होता था चुदवाने से भी पीछे नहीं हट-थी थी. सेक्स टॉयस भी यूज़ करती थी और जब मंन करता था रुब्बुर का लंड चूत में खूब लेती थी. इस बार वो भाभी के लिए भी एक रुब्बुर का लंड ले कर आई थी.नेहा कॉलेज जा चुकी थी.पिंकी आ कर चंदा के पास आ कर बैठ गयी और बोली, ` भाभी इस बार आप बड़ी खुश हो, चेहरा भी दमक रहा है. बताओ ना भाभी क्या बात है ?` ` अर्रे कुछ नही रे.` मगर पिंकी से छुपा नहीं पाई और शर्मा गये. पिंकी सोचने लगी की ऐसा नूर , ऐसी खुशी तो केवल चुदाई से ही आ सकती है, क्या भाभी नें किसी से चुदाई करवानी शुरू कर दी है ? पिंकी नें पूछने का मंन बनाया और बात शुरू की.` नहीं भाभी कुछ तो है. में आप की ननद भी हूँ और सहेली भी, आप के दरद को जानती हूँ. मुझे अपने भाइयों के बारेमें पता है. ` फिर वो धीरे से बोली , ` भाभी में आप के लिए रुब्बुर का लंड ले कर आई हूँ, जब चाहो क्रीम लगा कर अंदूर डाल लो` ` अर्रे पिंकी ये कैसी बात कर रही हो, मुझे तो समझ नही आ रहा`. `अर्रे भाभी शरमाना कैसा, एक बात बताऊं, मेरा एक बाय्फ्रेंड है, जो कभी कभी मुझे चोद्ता है, और अगर मेरा मंन चुदाई का करता है और वो वहाँ नहीं होता तो में रुब्बुर के लंड से काम चला लेती हूँ.` ` पिंकी तू तो बड़ी शरारती हो गयी है.` ` हां भाभी और में दिल से चाहती हूँ की आप भी कुछ शरारती बनें. ` फिर भाभी के पास आ कर बोली,` भाभी मुझे आप की खुशी में एक मस्त राज लग रहा है, और अगर ये सच है तो में बहुत खुश हूँ` ` राज कैसा, चंदा नें नज़रें चुरा कर पूछा.` ` भाभी अब चुपाओ मत, मेरा ख्याल है की आप नें चुदाई करवाई है और वो भी मस्त.` चंदा को जैसे शॉक लगा. उसने पिंकी की आँखों में देखा, उसे वहाँ सच में ही प्यार और खुशी दिखाई दी.` चंदा नें पिंकी को बाहों में भर लिया और सारी बात बता दी. `हाई भाभी , नेहा भी ?` पिंकी बोली, ` फिर तो भाभी आप मुझे भी चुदवाओ, प्लीज़.` ` अर्रे इसमें प्लीज़ की कोई बात नहीं है. शायद ये तेरी किस्मत है की इस मंगल वार को बाबाजी अपनें एक और चेले के साथ आ रहे हैं. मगर तू तो मंगल तक चली जाएगी.` ` नहीं भाभी अब तो में चुदवा कर ही जाऊंगी….. ……… .. पिंकी बोली`भाभी अब तो में चुदवा कर ही जाऊंगी.` और पिंकी नें दो दिन की छुट्टी ले ली.` भाभी जिस तरहा के लंड आप नें बताए हैं, वाइज़ लंड से तो में ज़रूर चुदना चाहूँगी.` मंगलवार आ गया, बाबाजी का इंतेज़ार हो रहा था. नेहा नें भी छुट्टी लेली थी. 11 बजे के करीब बाबाजी आ गये, और चंदा की तरफ देख कर बोले, ` ये है वो वीआइपी तीर गुरु. केवल नाम का ही गुरु नहीं, चुदाई का भी गुरु. औरत को पूरा मज़ा देने के लिए महीने में केवल एक बार चुदाई करता है.` चंदा ने देखा गुरु भी बाबाजी और रामदास की तरह सुन्दर था. लेकिन रामदास का एक और रूप वो देख चुकी थी.एक वाहशी चुड़दकड़ का. वो बात अलग है की उसकी चुदाई नें उसे मस्त कर दिया था सुबूकी आँखों के आगे रामदास की चुदाई घूम गई जो उसनें पीछे से की थे, लगता था जैसेचूत फॅट ही जाएगी. बाबा जी नें पिंकी की तरफ देख कर कहा , ये कौन है? ` `बाबाजी ये मेरी ननद है, कॉलेज में पढ़ती है छुट्टियो में घर आई है ये भी आपसे चुदवाना चाहती है आपको कोई ऐतराज तो नही `नहीं मुझे कोई ऐतराज़ नहीं. ` बाबाजी अनुभवी थे, स्मझ गये की लड़की चुदाई मजबूरी में नहीं, मज़े के लिए करवा रही थी, यानी खूब मज़ा देगी. बाबाजी के चेलों ने कपड़े उतार दिए. उनके लंड खड़े हो गये थे.पिंकी की नज़र रामदास के लंड से हट नही रही यही. चुदवाना चंदा भी उस-से चाहती थी पर पिंकी का मॅन देख कर वो बाबाजी की तरफ मूड गयी.पर बाबाजी नें कहा ,` चंदा आज तुम गुरु से चुदवाओ. में नेहा को चोदुन्गा जिस-से इसकी चूत रामदास का लंड लेने लायक हो जाए. और हां तुम सब जितना मज़ा लेना चाहो लेलो फिर अंत मे गुरु तुम सब को एक एक बार फिर चोदेगा.` सब बात को समझ गयी और सब नें कपड़े उतार दिए. उनके नंगे जिस्म और चिकनी चूते तीनों मर्दों को मस्त कर रही थे. उनके लंड फंफनाने लगे, जैसे फॅट जाएँगे. रामदास का लंड तो जैसे लंबा ही होता जा रहा था. नेहा बाबाजी की बाहों में चली गये , चंदा नें गुरु का लंड अपने हाथों में ले लिया और पिंकी रामदास का लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी.रामदास का लंड पिंकी के मुँह में जा नहीं रहा था.पिंकी नें रामदास को नीचे लिटा दिया और उसके लंड पर बैठ गयी. एक हाथ से लंड पकड़ कर चूत में लेने की कोशिश की मगर लंड मोटा था, अंदर नहीं जा पाया. पर पिंकी की ये हरकत रामदास को गरम करने के लिए काफ़ी थे. उसने पिंकी के कंधे पकड़े और नीचे से उचक कर एक जोरदार धक्का लगाया, और पूरा लंड पिंकी की चूत को चीरता हुआ अंदर घुसेड दिया. आआआअ….. .मररर… .गइई. मैईएन…..फाड़ दी मेरी चूत……. …भाभी मुझे बचाओ…… बाबाजी.. …..आआहह. …..रामदास नहीं ……प्लीज़. …..नाआअ. करूऊओ. नहियियैआइयैयीन. ……निकालूऊओ ओ….हहााआ ईई…. मर …..गइईए. मगर नरायण नहीं रुका. चंदा नें पिंकी की तरफ देखा और उसे अपनी चुदाई याद आ गयी. सोचने लगी, ये पिंकी अभी चिल्ला रही है अभी मस्त हो जाएगी. सुबुको गुरु पीछे से चोद रहा था, बिना रुके धक्के लगा रहा था. चंदा गरम थी. चूत मे आग लग रही थी. आप लोग यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |.. मुँह से आवाज़ें निकल रही थी,`…..हाँ …..गुरु… ..ज़ोर से ….क्या चुदाई है…….वाह …उरू….तुम ….भी….. आआहह. ….बाबाजी. ….आ आप्प्प्प. और आआप …के चेलए……क्या. ….खूओब. …हैं ….अरे…. .पिंकी… म्ज़ा आना शुरू हुआ की नही……. .आह…… .हाआअँ भाभी……. .आअब्ब्ब्ब. …..आआ. ..रहा है……ये रामदास …….बड़ा. ….जालिम है. नेहा बाबा जी का लंड पा कर निहाल थी. बस एक ही बात बोल रही थी….हाआअँ बाबाजी….. .छोड़ो… …चिॉडो. ….ज़ोर …..से छोड़ो. सारे कमरे में सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी.जल्दी ही सब को मज़ा आ गया. कमरा सिसकारियों की आवाज़ों से भर गया. केवल गुरु की ही आवाज़ नही थी. अब पार्ट्नर बदल गये. गुरु पिंकी को चोदने लगा. बाबाजी चंदा की चोदने लगे. चंदा के जहाँ में तो रामदास का लंड था. मगर कुछ बोली नहीं. नेहा बाबाजी से चुदवाने के बाद सोच रही थी की रामदास का लंड और मस्ती देगा. उसने सोच रामदास भी बाबाजी की तराहा आराम से चोदेगा. खैर चुदाई का दूसरा दौर शोरू हो चुका था. गुरु और पिंकी मस्त थे. चंदा और बाबाजी एक दूसरे में सामने की कोशिश कर रहे थे. रामदास नेहा को पीछे से चोदने की तैयारी कर रहा था. नेहा की कमर कस कर पकड़ कर उसने एक वहशियाना धक्का लगाया और उसका लंड चीरता हुआ नेहा की चूत मे घुस गया. नेहा दरद के मारे चीख उठी. `बाबाज्वी दीदी मुझे बचाओ, में मर जाऊंगी….. .ये रामदास मुझे मार देगा. पर किसी को उसकी चीखें सुन-ने की फ़ुर्सत नहीं थी. रामदास चोद्ता रहा. नेहा की चूत फूल कर छोटे गुबारे जैसी हो गयी. सब मस्त थे. सब झड़ने को थे. कमरा चीखो सिसकारियों से गूज़ रहा था.एक और दौर चुदाई का ख़तम हो गया. अब रामदास चंदा की तरफ मूड गया. बाबाजी पिंकी को चोदने लगे. गुरु नेहा की तरफ बढ़ा की वो घबरा गयी. उसकी चूत दुख रही थी. मगर यहाँ हर कोई केवल चुदाई के बारे में सोच रहा था. गुरु नें लंड धीरे से नेहा की चूत पर रखा. चूत विर्य से भरी पड़ी थी. लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया. चुदाई का ये दौर भी ख़तम हो गया. गुरु नें बाबाजी की तरफ देखा, और बाबाजी नें सर हिला कर इज़ाज़त देदी और कहा,` अब आखरी चुदाई होने वाली है. सब गुरु के वीर्य का टेस्ट करेंगी, लेकिन साथ ही सेक्स का भी मज़ा लेंगी. चंदा रामदास के लंड पर बैठेगी, और पिंकी मेरे लंड पर. नेहा आज और लंड लेने के लायक नहीं है. इस तराहा तीनों गुरु का लंड चूसेंगी और गुरु का कमाल देखेंगी. सब तैयार हो गये. बड़ी मुश्किल से चंदा ने रामदास का लंड अपनी चूत में लिया. पिंकी बाबाजी के लंड से मस्त थी. नेहा अपनी सूजी हुई चूत में उंगली कर रही थी. एक बार फिर चुदाई का दौर शुरू हो गया. चुदाई के साथ चुसाइ भी चालू थी. लड़किया मस्त थी. आअन्न्न्नह. ……ग्लग. ……हुउऊन्न्ञणणन् न…….हम म्‍म्म्मम…..ग्लग. ……आआअहह ……रामदास. ….स अली…….. .ग्लग…. …बाबाजी. …..अहगलुग .. ..ऊउउउउउउउह एयायाययीयीयियी. …….ग्लग आबीयेएयययेया. और सारे झड़ गये. अब गुरु की बारी थी. एक जोरदार आवाज़ के साथ उसके लंड में से ढेर सारा वीर्य बाहर निकल पड़ा. इतना वीर्य! तीनो देविया एक दूसरे को देखने लगी ओए गरम गरम क्रीम चाटने लगी. लेकिन ये क्या ये तो निकलना बंद ही नहीं हो रहा था . तीनो फिर मस्ता गयी. कमरा फिर सिसकारियों ओए चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था……………!!!!!!!!!!!!! फरक ये था की इस बार इसमें गुरु की आवाज़ भी शामिल थी समाप्त……………

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गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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