मेरी एक चहेती गर्ल फ्रेंड है जिसका नाम है देविका उसकी उम्र है 23 साल मेरे उसके साथ चोदा चोदी के सम्बन्ध है एक दिन मैंने उससे कहा की तुम अपने जीवन की एक घटना सुनाओ जो सच्ची हो और मजेदार भी उस ने कहा की मैं शादी के करीब करीब 6 महीने के बाद अपनी मौसी के घर गयी थी उस समय मेरा पति विदेश चला गया था उधर मौसा तो पहले ही विदेश में थे मेरे पहुचते ही मेरी मौसी बहुत खुश हो गयी.
मौसी मुझसे केवल 2 साल ही बड़ी थी हमउम्र होने के कारण मुझसे सहेलियों जैसा ही व्यवहार करती थी मैं भी उनसे खुल कर बातें करती थी एक दिन उन्हे अपनी ससुराल किसी जरूरी काम से जाना पड़ा घर मेरे सहारे छोड़कर वे 15 दिन के लिए चली गयी उनके जाने के बाद दूसरे ही दिन दोपहर में एक ख़त आया मैंने ख़त को पढ़ने लगी ख़त में लिखा था.
मेरी बुर चोदी भाभी , मुझे यहाँ रानीपुर में आए हुए 8 महीने हो चुके है लेकिन मैं तुमको बहुत याद करती हूँ तुम्हारे साथ बिताया हुआ एक एक पल मुझे बहुत याद आता है याद है न भाभी जब तुमने मुझे लंड पकड़ना सिखाया था वह लंड आपके बॉयफ्रेंड का था दोपहर के समय मैं जब नंगी आप के साथ लेती थी तो आपने कहा की मिनल तुम अपनी आँखें बंद करो मै तुमको एक उपहार देना चाहती हूँ.
मैंने आँखे बंद कर ली तब तुमने कहा की अपना हाथ खोल कर मेरे सामने बढाओ मैं उपहार तुम्हारे हाथ पर रख दूँगी तब तुम मूठी बंद कर लेना मैंने वैसा ही किया जैसे ही मैं मूठी बंद करने लगी मुझे लगा की मेरे हाथ में कोई डंडा है फिर तुमने कहा अब आँखे खोलो मैंने जैसे ही आँखें खोली तो देखा की एक आदमी मेरे सामने एकदम नंगा खड़ा है.
उसका लंड मेरी मूठी में है मैं यह देख कर दंग रह गयी तब तुने कहा यार यह मेरा दोस्त करन है मैं इससे अक्सर चुदवाती हूँ और आज मैं चाहती हूँ की तुम इसका लंड पकडो चूसो और अपनी चूत चुदवाकर जवानी का मज़ा लो मै वास्तव में लंड मुठियाने लगी फिर मुह खोल कर लंड चूसने लगी उस दिन मुझे लंड चूसने का खूब मज़ा मिला.
भाभी याद है न फिर तुमने उसका लौडा पकड़ कर मेरी चूत में घुसेड दिया था वह फचर फचर सटासट गचागच गचागच चोदने लगा फिर आपके कहने पर मैंने पीछे से भी चुदवाया उसने मेरी चुन्ची दबा दबा कर भरता बना दिया सच भाभी उस दिन चुन्ची मसलवाने में खूब मज़ा आया था सबसे बाद में झाड़ता हुआ लंड आपने मेरे मुह में घुसेड दिया और कहा तू सारा का सारा मॉल चाट ले इससे तेरी चूत कसी बनी रहेगी और चुन्ची बड़ी बड़ी होती जाएँगी.
इस चुदाई के बाद तुमने अपने पति यानी भाई साहब को भी मेरे सामने नंगा किया और मुझे भी मेरा हाथ पकड़ कर उनके लंड पर रख दिया उस दिन भी मैंने जी भर कर चुदवाया तब कुझे मालूम हुआ तुम लोग अपने अपने पति बदल बदल कर चुद्वाती हो इसके बाद तो कई लोगों का लंड मैंने तुम्हारे घर में पकड़े थे मुझे भी लंड पकड़ने और तरह तरह के लोगों से चुदवाने का चस्का लग गया.
अब शादी के बाद पहले तो मैं कई महीनो तक अपने पति से ही चुद्वाती रही पर धीरे धीरे मुझे पराये मर्दों के लंड याद आने लगे इसलिए सबसे पहले मैंने अपने पति को परायी बीवी को चोदने का मौका तलास किया और मुझे कामयाबी भी मिली अबतक मैं चार जोडों के साथ लंड बदल बदल कर चुदाई कर चुकी हूँ.
मेरे पति का लौडा भी तुम्हारे पति के लौडे जैसा है मैंने उनको सब बतला दिया है वह तुमको चोदने के लिए तैयार है हम लोग तो बाद में आयेंगे आज मैं आप के पास दो लड़के भेज रही हूँ इनके नाम है विक्रम और मिहिर तुम इन दोनों से चुद्वाकर मुझे बताना मैंने सुना है की दोनों के लंड बड़े मस्त है और दोनों चुदक्कड है क्योंकि मैंने इनको अभी तक देखा नही है ये दोनों इस्सी ख़त की कापी लेकर आयेंगें तब तुम समझ जाना तुम्हारी चुदासी सहेली मिनल और हां तेरी बुर को सलाम और भाईसाहब के लंड को चुम्मा.
इस चिट्ठी को पढ़कर मुझे मौसी की करतूतों का पता चल गया मैं समझ गयी की मेरी मौसी नीलू अपने अपने मर्दों की अदला बदली कर के चुद्वाती है मौसा को भी परायी बीविओं को चोदने की लत लग गयी है तभी अचानक मुझे ख्याल आया की मौसी तो है नही मैंने तो अकेली हूँ उसी समय मेरे मन में एक आईडिया आया की क्यों न मैं मौसी बन जाऊँ और इन दोनों लड़को का मज़ा उठा लूँ अरे कल तो शनिवार ही है.
मैं दूसरे दिन बन ठन कर तैयार ही बैठी थी की शाम को करीब ७.०० बजे वे दोनों आ गए घंटी बजते ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा की बाहर दो लड़के खड़े है एक काला और दूसरा गोरा मैंने उनको उंदर बैठाया और चाय नास्ता आदि करवाया. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा:- हां मैं ही हूँ.
विक्रम:- तो आपके लिए यह एक चिट्ठी है.
मैं चिट्ठी पढने का नाटक करने लगी क्यों की मुझे तो सब मालूम ही था मैंने कहा:- अच्छा तो तुम दोनों मुझे चोदने आए हो.
विक्रम :- हां मैडम मिनल तो आपकी बड़ी तारीफ कर रही थी हालाँकि मैंने अभी तक उनको देखा नही है मैंने कहा :- मेरे बारे क्या कह रही थीविक्रम:- कह रही थी की मिनल चूत चुदवाने में बड़ी उस्ताद है बड़े मज़े ले लेकर चुद्वाती है तुम दोनों को वह मस्त होकर बुर देगी.
मैंने पूंछा :- तुम दोनों एक साथ चोदोगे या अलग अलग.
मिहिर:- मैडम आप जैसे चाहे हम को दोनों तरीकों से मज़ा आएगा.
मैंने कहा: अच्छा पहले तुम दोनों मिल कर चोदना फिर अकेले अकेले मैं तुमको बतलाती रहूंगी अच्छा अभी कितनी बुर चोद चुके हो ?
मिहिर:- मैंने गिना नही पर १२ या १३ तो हो ही गयीं होगी.
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