मुझे होश आया ..और मैं अन्दर की ओर छुप गयी.. पापा बोले..अरे!! शर्मा क्यों रही है मैं तेरा बाप हूँ तुझे तब से देखता हूँ जब तू नंगी सारे घर में घूमती थी.. मैं धीरे से बोली.. खाना लगा दूं???? पापा बोले ?नहीं मैं तो खा के आया हूँ .. तू बिस्तर लगा दे मैं आराम करना चाहता हूँ.. मैं बोली?. अच्छा !!! और खिड़की के पास जा कर खड़ी हो गयी.. पापा बोले.. क्या हुआ? और मेरे पास आकर खड़े हो गए.. मैंने खिड़की की तरफ मुंह कर लिया और झुक कर बाहर झाकते हुए उनसे बोली ..पापा! बाहर तो बादल से हो रहे है .. लगता है बारिश होगी.. पापा मेरे करीब आ गए और उन्होंने मेरी गंद पर हाथ रख दिया.. और बोले.. हाँ लगता है आज जम कर बारिश होगी! इतना कह कर पापा मेरी गंद को धीरे धीरे दबाने लगे?.मैं तो जैसे सरे दिन का गुस्सा भूल कर मदमस्त हो गयी.. तभी पापा ने मेरी गंद के बीच में हाथ रखते हुए अपनी ऊँगली ठीक मेरी गांड के छेद पर दबायी?. मेरे तो सारे बदन में एक आग सी दौड़ गई .. पापा मेरी गंद पर हाथ फेरते हुए बोले ? बेटा तेरी माँ कहती है क़ि तू जवान हो गयी है .. तेरे लिए लड़का देख लूं.. आज मैं भी देखूंगा क़ि तू कितनी जवान हो गयी है? आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | यह कह कर उन्होंने मेरी ब्लाउज के ऊपर की खुली हुई पीठ पर धीरे से एक पप्पी ले ली? और मुझे छोड़ कर दुसरे कमरे की तरफ बढ़ गए? मैं भी आकर बिस्तर को लगा ने लगी,मैं दूसरा बिस्तर लगा ही रही थी क़ि पापा आ गए और बोले ..अरे.. ये दूसरा बिस्तर किसलिए ?? तू जब छोटी थी तो मेरे ही पास सोती थी? आज अपने पापा के साथ सोने में डर लगता है क्या??? मैंने भी चुप चाप अपने बिस्तर को समेट कर रख दिया?. पापा बोले ?बेटा तू लेट जा मैं अभी जरा फ्रेश हा के आता हु ??? मैं अकेली ही बेड पर लेट गयी मैंने सोचा ..आज तो जरूर कुछ करने वाले है.. यह सोच कर मैंने अपने ब्लाउज ऊपर के दोनों बटन खोल लिए?और अपना पेटीकोट भी घुटनो तक चढ़ा कर लेट गयी .. तभी पापा कमरे में आये ..मुझे देख कर वो मुस्कुराये..मैं उनकी आँखों में चमक साफ़ देख सकती थी.. वो मेरे पास आकर बैठ गए..और बोले.. रजनीबेटा!जरा ऊपर को सरको.. मैं जान्भूझ कर अपने पैरो को मोड़ कर उठी.. पेटीकोट ऊपर था इसलिए शायद पापा को मेरी मदमस्त चूत की एक झलक तो मिल ही गयी हो गी? तभी पापा ने अपना हाथ मेरी टांगो पर रख दिया? और बोले..रजनीतू तो सच में काफी बड़ी हो गयी है मैंने शर्म से आँखें बंद कर ली.. पापा ने धीरे धीरे मेरी जांघे सहलानी शुरू कर दी . मैं तो जैसे मस्त सी हो गयी.सहलाते सहलाते पापा ने अपना हाथ मेरी चूत की तरफ बढ़ा दिया..मेरी मस्त जांघो को देख कर वो भी मस्ताये से लग रहे थे? तभी पापा ने अपना हाथ बड़ा कर मेरी चूत के ऊपर रख दिया,,मुझे जोर से करंट सा लगा? पापा मेरी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगे..मैंने अपनी आँखे बंद कर ली? तभी पापा ने मेरे पेटीकोट का नाडा खोल दिया.. और मेरी पेटीकोट को नीचे से सरका कर अलग कर दिया ..अब मैं नीचे से बिलकुल नंगी अपने पापा के सामने थी . .पापा बोले..रजनीआँखे खोल!!! मैंने आँखे खोली और पापा की तरफ देखा..पापा ने झुक कर मेरे होंठो को चूम लिया?फिर पापा ने मेरे ब्लाउज को खोलना शुरू किया?.उसे भी उतारने के बाद तो जैसे वो पागल से हो गए और मुझे पागलो की तरह चूमने लगे..फिर उन्होंने मेरी चुचियो को अपने हाथों में भर लिया.. और उन्हें जोर जोर से दबाने लगे मुझे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था?..तभी पापा नीचे की ओर सरके और उन्होंने मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए? पहले तो धीरे धीरे फिर तेज तेज वो मेरी चूत को चूसने लगे..मैंने भी धीरे से अपनी टाँगे चौड़ी कर ली और मस्ती के मारे अपनी आँखे बंद कर ली? तभी पापा उठे और बोले..रजनीजरा उठ जा.. मैं उठ कर बैठ गयी..पापा बोले ले जरा इसे सहला दे.. मैंने अपने हाथों से पापा का लंड सहलाना शुरू कर दिया ?फिर पापा ने अपने नाडा खोल दिया और अपने कच्छे के साथ ही उसको उतार दिया?.मेरे सामने कमसे कम ७ इंच का तना हुआ लुंड था.. मैं सोचने लगी क्या माँ की तरह मैं भी इसे अन्दर ले पओंगी. तभी पापा बोले.. बेटा कोमल!इसे थोडा सा चूस दे ?. मैं तो चाहती ही यही थी मैंने उस प्यारे से लंड को अपने मूंह में भर लिया ?.और धीरे धीरे टॉफी की तरह चूसने लगी.. पापा के मुंह से सिस्कारियां निकल रही थी?तभी पापा बोले बेटा जोर जोर से चूस..इसे पूरा अन्दर लेले? मैं कोशिश करने के बाद भी उसे सिर्फ ४-५ इंच ही अन्दर ले पाई.. फिर मेरा मूंह दुखने लगा ? मैंने पापा की तरफ देखा ..पापा बोले ?चल अब तू लेट जा बेटा? मैं लेट गयी..फिर वो भी मेरी बगल में बनियान उतार कर लेट गए?उनका नंगा बदन जैसे ही मेरे नंगे बदन से टकराया मैं तो जैसे काँप सी उठी? फिर पापा ने मेरी चुचियों को बारी बारी चूसा.. और मेरे होंठो को चूसने लगे ?.अचानक ही पापा मेरे ऊपर आ कर लेट गए?आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |. और अपने लंड का एंगल मेरी चूत पर बैठाने लगे? मैं डर गयी और बोली?पापा ये तो काफी बड़ा है?. पापा बोले ??अरे! मेरा बच्चा ..तू रुक बेटा मैं अभी आया ? ये कह कर पापा उठ कर बराबर वाले कमरे में गए?और जब आये तो उनके हाथ में एक तेल की शीशी थी ? फिर तेल को पहले मेरी चूत पर लगा कर मसलने लगे और अपनी एक ऊँगली भी अन्दर सरका दी?.पहले एक, फिर दो उँगलियों को वो मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगे मैं तो जैसे पागल सी हो गयी थी?. तभी पापा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख लिया और बोले.. रजनी बेटा ले इसपर भी तेल लगा दे.. मैं भी उनके रोड जैसे सख्त लंड पर तेल लगाने लगी? फिर करीब १० मिनट बाद पापा फिर से मेरे ऊपर आ गए और अपने लंड को मेरी चूत से लगाया?.फिर धीरे से उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड सरका दिया .. मैं तो हैरान थी इतना बड़ा लंड इतने प्यार से मेरी चूत में घूसा जा रहा है?. फिर पापा ने धक्के मारने शुरे किये ?पहले धीरे ?फिर तेज ?आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी थी?पापा ने धक्को की स्पीड बढ़ा दी ?. मैं भी मस्त हो कर पापा से चिपट गयी.. करीब १/२ घंटे के बाद मैं और पापा एक साथ झडे,?पापा के गरम गरम वीर्य ने मेरी चूत को भर कर रख दिया?. मैं तो जैसे बेहोश सी हो गयी थी? झाड़ते समय ऐसा लग रहा था जैसे चूत से पानी नहीं मेरी जान निकल रही थी?? उस रात पापा ने मुझे पता नहीं कितने एंगल से चोदा ? और मैंने भी भरपूर सहयोग दिया?. करीब ५ बार हमने चुदाई का प्यारा सा गेम खेला?.. अगले दिन पापा ने छुट्टी लेली..और फिर से मेरी जम कर चुदाई की??? मम्मी के आने तक तो लगभग रोज़ ये सिलसिला चला?फिर मम्मी आ गयी तो भी मौका मिलते ही हम एक दुसरे को पूरा पूरा सुख देते रहे?? आज भी मैं अपने पापा की दूसरी बीवी बन कर उन्हें वो हर सुख देती हूँ जो वो चाहते है.
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प्यारे मस्तराम डॉट नेट के पाठको
मार्च महीने में मस्तराम डॉट नेट के पाठको की लिखी हुयी कहानियों में से आपलोगों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
मार्च 2016 की मजेदार कहानियाँ
मस्तराम डॉट नेट के पाठको से अनुरोध है की आप लोग कहानी पढ़ के अपने कमेन्ट से कहानी कैसी लगी जरुर लिखे और हम आप लोगो को मस्त मस्त चुदाई की कहानियाँ लिख कर आप लोगो का मनोरंजन करते रहेगे | धन्यवाद
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