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दूसरी माँ से बदला-5

प्रेषक: राज

मैंने वसीम से हंसते हुए कहा – यार, तुम तो जानते हो के मैं ड्रिंक नहीं करता… तू कहता है तो चल, तू ड्रिंक कर मैं तेरे साथ बैठता हूँ…
ये सब सुनकर, गुलनार भी हमारे साथ हॉल में बैठ गई।
मैं और गुलनार, एक साथ सोफे पर बैठे।
मैं गुलनार की गोद में सिर रख कर लेटा था और वसीम हमारे सामने बैठे कर ड्रिंक कर रहा था।
गुलनार, मेरे सिर को सहला रही थी और बात करते करते, बीच बीच में मेरे माथे को चूम रही थी।
वसीम – तुम लोगों का क्या हुआ… ?? अब तक, कितनी बार चुदाई हो चुकी है… ??
मैं – अरे नहीं यार, हमारा कुछ खास नहीं हुआ… अभी तक तो, बस एक बार ही चोदा है…
वसीम – क्या कह रहा है, भाई… अभी तक एक ही बार चोदा है और बाकी टाइम सो गये थे, क्या…
गुलनार – क्या बात कर रहे हो… ?? आपके, इस एक बार में ही हम दोनों की हवा टाइट हो गई है… भैया, आप सही कहते थे, ये तो चुदाई में एकदम एक्सपर्ट है… आप सोच भी नहीं सकते, इस एक बार में मेरी चूत और गाण्ड दोनों फाड़ दी आपके दोस्त ने… अभी तक दर्द कर रही है, मेरी चूत… इन्होने, इस एक बार में अभी मुझे 20-25 मिनट तक चोदा है…
वसीम – अरे वाह!! क्या बात है… मैंने तुझे कहा था, मेरा दोस्त चुदाई में कितना एक्सपर्ट है… तुझे, विनय से चुदवा के बहुत मज़ा आएगा…
हम तीनों ने इसी तरह, लगभग 1:30 घंटे बैठ कर बातें की।
फिर गुलबदन कमरे से आते हुए बोली – क्या हुआ… आज सोना नहीं है, क्या… ??
ये सुनते ही, वसीम ने हमसे गुड नाइट बोला और उसके साथ रूम में चला गया।

इधर, हम दोनों कुछ और देर तक वहां बैठे.. !!
कुछ देर बाद, हम दोनों रूम में आ गए।
गुलनार ने कहा – विनय, मुझे भी नींद नहीं आ रही है… चलो ना, बैठ कर फिल्म देखते हैं…
मैंने भी हामी भर दी।
फिर हम दोनों बैठ कर, एक अच्छी सी ब्लू फिल्म देखने लगे।
गुलनार, मेरी बाहों में सिर रख कर फिल्म देख रही थी।
कुछ देर बाद, हम दोनों फिर से गरम होने लगे.. !!
हमने, सारे कपड़े उतार दिए और नंगे फिल्म देखने लगे…गुलनार, अब मेरे लण्ड को पकड़ के सहला रही थी.. !!
मैं उसके बूब्स को दबा रहा था.. !! लिप्स पर, उंगली फेर रहा था.. !!
फिर, कुछ 15-20 मिनट बाद, गुलनार नीचे जा के मेरे लण्ड को चूसने लगी।
कुछ ही देर में, हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए.. !!
मैं गुलनार की चूत में उंगली घुसा कर, उसके दाने को चूस रहा था।
15-20 मिनट के बाद, मैंने गुलनार को अपने लण्ड पर बैठा दिया.. !! फिर, धीरे धीरे गुलनार ऊपर नीचे होने लगी.. !!
फिर क्या था, एक बार और शुरू हो गया – हमारा चुदाई का प्रोग्राम…
इस बार, मैंने गुलनार की चूत और गाण्ड को हर स्टाइल में चोदा।
करीब, आधे घंटे से ज़्यादा देर तक मैंने गुलनार को चोदा और अपना सारा मूठ मैंने उसकी गाण्ड में भर दिया।
इस तरहा, हमने चुदाई करते करते रात बिताई और कब सो गये, पता नहीं चला।
सुबह के 10 बजे, हमारी नींद खुली.. !!
हम चारों, घर आने के लिए तैयार होने लगे तभी सलमा का फोन आया के वो भी नीलोफर के साथ, वहां आ रही है तो हम लोग घर के लिए ना निकलें।
ये सुनते ही, गुलबदन और गुलनार खुशी से उछल पड़ीं.. !!
मैंने बाहर आकर, ललन से कहा के हम लोग नहीं जा रहे हैं और सलमा और नीलोफर जी भी कुछ ही देर में, यहाँ पहुँच जाएँगीं तो तुम हम सब के खाने का इंतज़ाम कर देना…
कुछ देर बाद, ललन की बीवी हमारे लिए नाश्ता लेकर आ गई।
हमने नाश्ता किया और वसीम और मैं बाते करने बैठ गये।
गुलबदन और गुलनार, दोनों एक साथ मिलकर ललन के घर चले गये।

फिर कुछ देर बात, सलमा और नीलोफर आ गए.. !! वो दोनों आते ही, वसीम के गले लग गये.. !!
मैं – क्या हुआ… ?? तुम दोनों, ऐसे अचानक यहाँ… सब कुछ, ठीक है ना…
सलमा – कुछ नहीं, वो घर को पैंट करने वाले आ गये और मुझे पैंट से एलर्जी है… इस लिए, मैनेजर को घर का चाबी देकर, हम लोग यहाँ आ गए…
वसीम – तो ठीक है… वैसे, यहाँ भी मुझे कुछ काम था… जिसे, मैं बाद में करने की सोच रहा था… मगर, अब तो सब लोग आ गए हैं तो मैं वो काम भी करवा ही देता हूँ…
वसीम ने बाहर जाकर ललन से कुछ मज़दूर बुलाने को कहा और वो खुद सबके साथ काम में लग गया।
मैं भी, उसके साथ था.. !!
ऐसे ही पूरा दिन निकल गया…
शाम को, जब घर आए तो सलमा ने कहा – वसीम, मैनेजर का फोन आया था की वहां कुछ दिक्कत आ रही है…
वसीम ने कहा – ठीक है… मैं और विनय, चले जाते हैं… जब सब काम, ख़तम हो जाएगा तो आप लोग आ जाना…
लण्ड की प्यासी, गुलबदन और गुलनार भी हमारे साथ जाने के लिए ज़िद करने लगीं.. !! तो सलमा ने कहा की तुम दोनों को भी तो पैंट से प्राब्लम है… इसलिए, तुम दोनों नहीं जा सकते… चुपचाप, यहीं पर रहो…
नीलोफर बोली – दीदी, मुझे पैंट से प्राब्लम नहीं है… इस लिए, मैं इनके साथ जाती हूँ… वहां, इनका ख़याल रखने वाला भी कोई नहीं है… मैं इन दोनों को खाना बना दूँगी…
इस पर सलमा मान गयी।
फिर, सलमा ने वसीम को दूसरे कमरे में बुला कर उस से कहा के इतने दिन तक, मैं तुमसे बिना चुदवाए कैसे रहूंगी… जाने से पहले, एक बार तो चोद दो और अगर मौका लगे तो बीच बीच में आकर, मेरी चूत की आग बुझा जाया करना…
वसीम ने सलमा को जमकर चोदा…
मैं गुलनार और गुलबदन के साथ, दूसरे बेड रूम में बैठा बातें कर रहा था।
तभी, नीलोफर ने गुलनार को आवाज़ दी तो वो वहां से उठकर चली गई।

गुलबदन, मुझे अकेले पाते ही मेरे ऊपर टूट पड़ी और मैं बेड पर गिर गया.. !!
गुलबदन मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे चेहरे पर, बेतहाशा किस करने लगी.. !!
मैंने उसे रोका तो उसने कहा – कब से तुमसे चुदवाने की सोच रही हूँ, विनय… मगर, तुम हो के मुझे घास नहीं डालते… आज, चान्स मिला है तो तुमको मुझे चोदना ही पड़ेगा…
मैंने गुलबदन को पकड़ के नीचे बेड पर पलट दिया और कहा – देखो, अभी सही टाइम नहीं है… कोई भी, कभी भी आ जाएगा… कुछ ही देर में, हम लोग यहाँ से निकलने भी वाले हैं… मुझे ऐसे टेंशन में और जल्दी जल्दी चोदने में, मज़ा नहीं आता… अगर, मैं ठीक सोच रहा हूँ तो तुम भी नहीं चाहोगी के मैं तुम्हें यूँही जल्दबाज़ी में चोद के, तुम्हारी हसरात पर पानी फेर दूँ… इसलिए, मौका लगने पर मैं तुम्हें जमकर चोदूंगा, जिस से हम दोनों को बहुत मज़ा आएगा… तो, अभी के लिए जानेमन, अपने आपको रोक लो और काबू रखो, अपनी जवानी पर…
मैंने कुछ देर उसकी चुचियों को दबाया और उसके होंठों को किस किया और फिर मैं वहां से चला गया।
जैसे ही घर की पैंटिंग का काम ख़तम हुआ सलमा, गुलबदन और गुलनार तीनों फार्म हाउस से आ गए। आते ही, गुलबदन ने मुझे पकड़ा और कहा – अब तो मैं घर आ गई हूँ, चलो ना रूम में… मैंने इतने दिन से अपने आपको, तुम्हारे लिए रोक के रखा है… अब मुझ से बर्दाशत नहीं होता… जल्दी से मुझे चोद के, मेरी चूत की आग को बुझाओ…
मैंने उसे कहा – ठीक है, आज रात को, तुम्हारी ये तमन्ना पूरी कर दूँगा…
ऐसा कह के, मैं वसीम के पास गया और बोला – यार, बहुत दिन हो गये मैं घर नहीं गया… अब तो सब लोग आ गए हैं, इस लिए मैं घर जाना चाहता हूँ… दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ये सुनते ही वसीम का चेहरा उतर गया.. !! क्यूंकि, वो नहीं चाहता था के मैं उस से दूर जाऊं.. !! वो मुझ से, अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता था.. !!
वसीम मेरे लिए पूरी दुनियाँ को छोड़ सकता था.. !! मगर, इस बार वो मुझे कुछ नहीं कह पाया.. !!
मैं जैसे ही घर के लिए निकलने लगा तो एक एक करके सब लोग मेरे पास आए और मुझे रुकने के लिए कहने लगे।
सलमा मेरे पास आई और बोली – विनय, मुझे नीलोफर ने सब कुछ बता दिया है… तुम क्यूँ जा रहे हो, ये भी तो तुम्हारा ही घर है और वसीम तुमसे बहुत प्यार करता है इस लिए वो बहुत दुखी है…
मैं समझ गया के उसको मेरे पास, वसीम ने ही भेजा है।
मैंने कहा – देखो आंटी, अभी मेरा घर जाना ज़रूरी है… इतने दिन हो गये, एक ही शहर में रहते हुए मैं घर नहीं गया…
मेरे मुँह से आंटी सुनते ही, सलमा ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और कहा – आंटी नहीं, सलमा… तुम्हारा दोस्त, वसीम भी तो मुझे नाम से ही बुलाता है… इस लिए, तुम भी मुझे सलमा कह के बुलाना…
उन सब ने मिलकर मुझे बहुत रोकने की कोशिश की मगर मैं रुका नहीं तो वसीम खुद मुझे गाड़ी में घर तक छोड़ने के लिए आया।
मेरा घर, वसीम के घर से थोड़ा ही दूर था।

घर जाते ही, मुझे भैया ने कहा के पापा ने तुम्हें गाँव बुलाया है… तो, कल सुबह तुम्हें गाँव जाना होगा… एक काम करना, अपने साथ अपनी भाभी और ऋचा को भी ले जाना…
फिर अगले दिन सुबह मैं, भाभी और ऋचा गाँव के लिए निकल गये।
जैसे मैंने पहले बताया था के भाभी के प्रेग्नेंट होने के बाद, मैं ऋचा को चोदा करता था।
भाभी ने मुझे गाड़ी में कहा – देवर जी, इतने दिन तक कहाँ थे… ?? मेरी बहन को बहुत तरसया है, तुमने… अभी इसकी सारी ज़िद, तुम्हें पूरी करनी पड़ेगी… ये तुम्हारा सज़ा है…
मैं भी भाभी की कोई भी बात नहीं टालता हूँ, इस लिए मैंने कहा – भाभी, आपका हुक्म सर आखों पर…
फिर, मैं ऋचा के करीब जा के बैठ गया।
उसने मुझसे बात नहीं की तो मैंने उससे कहा – देखो, अब तुम्हें छोड़ के कभी नहीं जाऊंगा… अब तो मुस्कुरा दो, मेरी जान…
ऐसी ही बहुत सारी बातें करने के बाद, फाइनली ऋचा मान गई। उसने मेरी तरफ देखा और हँसी।
कुछ देर बाद, हम लोग गाँव पहुँच गये।
घर जाते ही, पापा ने ऑर्डर सुना दिया के अब हम लोग भी जा के शहर में रहेंगे… इस लिए, तुझे एक बड़ा सा घर देखना होगा…
पापा की बात सुनकर, मैं खुश हो गया और थोड़ा दुखी भी हुआ क्यूंकि अगर सब लोग वहां रहेंगे तो मे अपनो मनमानी नहीं कर पाउँगा.. !! मगर, क्या करें ये तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश था, मानना तो पड़ेगा.. !!
रात को, मैंने ऋचा को अकेले बुला कर अपने कमरे में जम कर चुदाई की.. !! इस काम में, भाभी ने भी हमारी मदद की.. !!
रात को, मैंने उसे 2 बार चोदा।
मेरा तो और भी चोदने का मन था.. !! मगर, ऋचा 2 बार में ही थक गई.. !! इसीलिए, मुझे अपने आप को रोक के चुप चाप सोना पड़ा.. !!
सुबह होते ही, वसीम का फोन आया और उसने मुझे तुरंत आने के लिए कहा।
मैंने उस से कहा के पापा, अभी जाने नहीं देंगे… तो उसने, बोला – मैं जानता था तू यही कहेगा… इसलिए, साले मैंने पहले से ही अंकल से बात कर ली है और उन्होने हाँ भी कह दिया है… इसीलिए, फटाफट तू वहां से आ जा और ये मत कहना के अभी आने के लिए कोई गाड़ी नहीं है क्यूंकि मैंने तेरे लिए गाड़ी भेज दी है… जल्दी से, तैयार हो ज़ा… गाड़ी, पहुँचती होगी…
मैं क्या कहता। बस, फटाफट रेडी हो गया।
मेरे जाने की बात सुनते ही, ऋचा मेरे कमरे में दौड़ के आई और मेरे बाहों मे चिपक गई और रोने लगी।
उसने मुझे, जाने से मना किया।
मैंने भी उस से कहा के कल रात को जब में तुम्हें और चोदना चाहता था तो तुमने मना कर दिया… अब, भुक्तो उसकी सज़ा…
ये सुनते ही उसने कहा – आज के बाद, कभी नहीं मना करूँगी… जब तक तुम चाहो और जैसे चाहो, मुझे चोद सकते हो… मैं नहीं रोकूंगी, तुम्हें… पर मत जाओ, प्लीज़…
फिर मैंने, उसे समझाया – पगली, मैं तो मज़ाक कर रहा था… क्या करूँ, मैं भी जाना नहीं चाहता… मगर, मेरे दोस्त ने बुलाया है और वैसे भी एक बड़ा घर ढूढ़ना है, मुझे… उसके लिए तो, टाइम लगेगा…
इतना कहकर, मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स को दबाया।
फिर, गाड़ी आ गई तो मैं जल्दी से निकल गया, शहर के लिए। शहर जाते ही, वसीम के ऑफीस गया और उस से पूछा के क्या हुआ… ?? सब ठीक है, ना… ?? तूने मुझे इतना जल्दी क्यूँ बुलाया… ??
उसने कहा – यार, एक काम के सिलसिले में, आज ही हमें शिमला के लिए निकलना है… तू तो जानता है के मैं तेरे बगेर कहीं भी नहीं जाता तो कैसे तुझे नहीं बुलाता.. !!
मैंने पूछा – और कौन जाएगा, हमारे साथ… ??
तो वसीम ने कहा के, सलमा जाएगी, हमारे साथ…
फिर वसीम ने, शिमला की 3 फ्लाइट की टिकट बुक कीं और हम ऑफीस से घर आ गए।
मुझे देखते ही, सब लोग खुश हो गये.. !! मगर, मेरे जाने की बात सुन के नीलोफर, गुलबदन और गुलनार का चेहरा उतर गया और वो सब भी साथ में चलने की ज़िद करने लगे.. !!
मगर, मैंने किसी तरहा उन तीनों को मना लिया।
जल्द ही, सारी पैकिंग ख़तम करके मैं, वसीम और सलमा एयरपोर्ट के लिए निकल गए।
वहां से हम फ्लाइट से, शिमला पहुँच गये।
वसीम ने, पहले से ही होटल बुक करके रखा था तो होटल की गाड़ी एयरपोर्ट के बाहर, हमारा इंतज़ार कर रही थी।
हम लोग, वहां से निकल के होटल में आ गए।
वसीम ने, 2 कमरे बुक किए थे.. !! एक मेरे लिए और एक सलमा और अपने लिए.. !!
होटल पहुँचते ही, वसीम अपने क्लाइंट के साथ बिज़ी हो गया।
मैं अपने कमरे में अकेला था तो सलमा मेरे कमरे में आई।
मैंने पूछा – क्या हुआ… ??
उसने बताया के वो अकेली कमरे में बोर हो रही थी।

मैंने आपको, पहली स्टोरी में सलमा के बारे में बताया था…
सलमा, दो जवान लड़कियों की माँ होने के बाबजूद बहुत ही “सेक्सी लेडी” है.. !!
उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और उसकी गाण्ड तो मानो, लण्ड को पुकार रही हो उसमें घुसने के लिए.. !!
इस उम्र में भी, सलमा का बदन काफ़ी टाइट था.. !! रंग गोरा और ज़्यादा मोटी नहीं थी, वो.. !!
उसे देख कर, किसी भी बूढ़े का सोया हुआ लण्ड खड़ा होकर वीर्य की पिचकारी मारने लगेगा.. !!
मैंने पहले भी सलमा की चूत, बूब्स और गाण्ड देखी है.. !! जब, वसीम ने उसे ज़बरदस्ती चोद चोद के फाड़ दिया था.. !!
सलमा, मेरे पास आकर मेरे साइड में लेट गई और टीवी देखने लगी।
हम दोनों में ढेर सारी बातें होने लगी।
उसने मुझे बताया के कैसे वसीम के पिताजी ने उसे पहली बार फार्महाउस में चोद के, उसकी चूत की सील तोड़ी थी और उसकी गाण्ड फाडी थी.. !!
उसने बताया के उस वक़्त वो, ऐसी चुदाई से बेहोश हो गई थी क्यूंकि उसकी चूत से बहुत सारा खून निकल गया था.. !! गाण्ड भी, सूज गई थी.. !!
ऐसी सेक्सी बातें करते करते, हम दोनों गरम होने लगे।
मेरा तो लण्ड पैंट के अंदर से ही, हिचकोले खाने लगा.. !!
सलमा ने मुझसे कहा के वसीम ने मुझे बताया है की तुम बहुत अच्छी तरहा से और देर तक चोदते हो…
मैंने कहा – वो तो अपने अपने और उस वक़्त के स्टेमना पर निर्भर करता है…
फिर सलमा और मैं, एक दूसरे के और पास आ गए.. !! .. !!
मैंने जानबूझ कर, उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया।
उसने फट से मेरे हाथ को अपनी जाँघ के ऊपर रख दिया और मेरे पैंट के ऊपर हाथ रख के दबाने लगी।
मैं भी बिना पीछे हटे, उसकी जाँघ को सहलाने लगा।
उस वक़्त, सलमा ने एक काली रंग की साड़ी पहनी थी।
फिर, मैंने उसके मुँह पकड़ा और लिप्स को किस करने लगा.. !!
सलमा ने भी अपनी जीभ निकाल के, मेरे मुँह में डाल दी।
मैंने उसकी ज़ुबान को मुँह में ले कर, चूसना शुरू कर दिया.. !!
धीरे धीरे, उसके मुँह से गरम साँसे निकलने लगीं।
मैंने सलमा के साड़ी के पलू को थोड़ा नीचे सरका दिया तो उसके दोनों बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज के ऊपर से ही, साफ दिखाई देने लगे।
उसे देख कर, मैं अपने आपको रोका नहीं सका और ऊपर से ही उसकी चुचियों को मसलने लगा.. !!
सलमा, सेक्स के मामले में एक्सपर्ट थी।
उसने फ़ौरन, मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मैंने भी उसके ऊपर के सारे कपड़े उतार फेंकें तो उसकी दोनों चुचियाँ आज़ाद हो गईं.. !!
क्या मस्त बूब्स थे, साली के।
कोई भी देख कर, पागल हो सकता है.. !!
अब मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी चुचियों को चूसने लगा।
पहले से ही, उसके निप्पल कड़क हो गये थे.. !!
बारी बारी से, मैंने उसके दोनों बूब्स को चूसा।
सलमा, नीचे से मेरे लण्ड को पैंट के ऊपर से ही दबा रही थी.. !!

औरतों को चोदने का एक बड़ा फ्यादा होता है.. !! क्यूंकि, वो पहले से ही चुदाई के मामले में एक्सपर्ट होती हैं.. !! वो, जानती हैं के कैसे मर्द को खुश किया जाए.. !!
फिर, सलमा ने मेरे पैंट को खोल दिया।
अब मैं, सिर्फ़ चड्डी में था.. !!
मैंने भी उसकी साड़ी और पेटीकोट को निकाल फेका।
अब वो मेरे सामने, सिर्फ़ छोटी सी पैंटी में थी.. !!
उसे इस हालत में देख कर कोई नहीं कह सकता था के वो, दो बड़ी जवान लड़कियों की माँ है।
अभी भी साली, 20-22 साल की लौंडिया दिख रही थी।
वो ज़्यादा मोटी नहीं थी.. !! उसका पेट एकदम सपाट था.. !! गोल-गोल नाभि, लिए हुए.. !!
अब, हम दोनों के जिस्म में पैंटी और चड्डी ही थी.. !!
अब मैंने उसके बूब्स को चूसते चूसते, एक हाथ उसकी चूत में डाला तो पैंटी बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
मैंने पहले ही बताया है के इन चारों (सलमा, नीलोफर, गुलबदन और गुलनार) में एक बात समान है की इनकी चूत से बहुत पानी निकलता है.. !! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मैंने जब पैंटी के अंदर हाथ डाला तो देखा के उसकी चूत बहुत गरम थी।
फिर, मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया।
सलमा, अभी भी अपनी चूत के बालों को शेविंग करती है.. !! इसलिए, उसकी चूत एकदम साफ थी.. !!
साली की चूत क्या फूली हुई थी.. !! देखते ही, मुँह से लार टपकने लगी.. !!
मैंने एक अजीब चीज़ देखी के सलमा की चूत का जो दाना (क्लाइटॉरिस) था, वो लंबा और मोटा था।
जैसे ही, मैंने उसको हाथ लगाया वो अपने आप हिलने लगा।
जब मैंने सलमा को इसके बारे में पूछा तो उसने बताया जब वो ज़्यादा गरम हो जाती है, चूत से पानी निकलने लगता है तो ये हिलने लगता है…
मैं उसे हाथ में लेकर मसलने लगा तो सलमा के मुँह से – अहह स्स्स्स्स् स्सस्स य आ आ आ आअ म्म मम म म म म म म म म महह हह हहह हहह हहह ह… जैसी सेक्सी आवाज़ें, निकलने लगीं।
अब वो मेरे पैंट को निकाल के, लण्ड को पकड़ के हिलाने लगी.. !!
लण्ड हाथ में लेते ही, सलमा ने कहा – वसीम का लंबा है… मगर, तुम्हारा तो बहुत मोटा है… इसे चूत में लेने में, बड़ा मज़ा आएगा…
मैंने उसकी चूत का मुँह को खोला और उसमें उंगली रगड़ने लगा।
जब मैं सलमा की चूत को उंगली से चोद रहा था, मेरा हाथ चूत में ऐसा चल रहा था जैसे मखन में चाकू चल रहा हो.. !! क्यूंकि, सलमा की चूत से जो पानी निकल रहा था वो बहुत गाड़ा और फिसलन वाला था.. !!
फिर मैं चूत के दाने को मुँह में ले के, चूसने और काटने लगा।
मेरी इस हरकत से, सलमा चिल्लाने लगी – अहह उंह उम्ह्ह्ह म्म्म्महह… तुम्हारी ज़ुबान तो वाइब्रटर से भी तेज़ चलती है… उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… ओह, क्या लग रहा है एह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… ऐसा कहते कहते, वो छटपटाने लगी.. !!
मैं और ज़ोर से चूसने और उंगली से चोदने लगा।
ऐसा करने से चूत से पानी का फावरा फूट पड़ा.. !!
सलमा, दोनों जांघों से मेरे सिर को दबाने लगी और हाथ से सिर को सहलाते सहलाते, चूत में दबाने लगी।
मैं और तेज़ी से आवाज़ निकाल के चूसने लगा तो सलमा बैठ गई और मेरे सिर को वहां से निकाल के मुझसे चिपक गई।
मैं उसके होंठों को किस करने लगा.. !!
सलमा ने मेरे कान को काट लिया और कहने लगी – नीलोफर, सही कह रही थी… तुम सब से अलग हो और तुम्हारे चुदाई का तरीका, ख़तरनाक है… मैं तो अभी से पागल होने लगी हूँ… इस तरहा तो कभी वसीम ने क्या, उसके पिता ने भी मुझे नहीं चोदा है… कहाँ थे, इतने दिनों तक तुम… मुझे पहला पता होता तो तुम से रोज़ चुदवाती…
अब, मैं उसके होंठों को काटने लगा।
फिर, सलमा ने मुझे लेटा दिया और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी.. !!
मैंने मदहोशी में कह दिया – एक बात कहना चाहता हूँ… … आप के घर की चारों लड़कियाँ, लण्ड चूसने में एक्सपर्ट हैं.. !!

मेरा लण्ड मोटा है, इसलिए पहले पहले पूरा मुँह के अंदर लेते ही उसकी सांस फूल जाती थी तो वो रुक रुक के चूस रही थी।
मैंने उससे कहा के वो सिर्फ़ मेरे लण्ड के सूपाडे को चूसे.. !! मगर, उसने कोशिश कर कर के पूरा का पूरा लण्ड, मुँह के अंदर डाल लिया और चूसने लगी.. !!
जिससे, मुझे और मज़ा आने लगा।
मैंने उस से कहा के अपनी चूत को मेरे मुँह की तरफ रखे तो वो घूम गई।
फिर, मैंने उसकी चूत में से थोड़ा पानी लेकर उसकी गाण्ड के छेद में लगा दिया। साली की गाण्ड, क्या मस्त है।
फिर, मैंने उसकी गाण्ड मे उंगली घुसाई और एक साथ चूत और गाण्ड दोनों को उंगली से चोदने लगा.. !!
बीच बीच में, मैं उसके चूत के दाने को चूसता.. !! जिस से, सलमा तिलमिला उठती.. !!
कुछ देर बाद, सलमा ने कहा – अब मुझ से, संभाला नहीं जाता… जल्दी से, लण्ड को मेरे चूत में घुसा के मुझे चोदो… वरना, मैं पागल हो जाउंगी…
मैंने उसे, अपने लण्ड के ऊपर बैठने को कहा तो वो मेरे लण्ड पर धीरे से बैठ ही रही थी के मैंने नीचे से एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी फ़ुद्दी में घुसा दिया.. !!
सलमा, अभी इसके लिए तैयार नहीं थी तो वो चीख पड़ी और उसके आँखों से आँसू निकल गये।
वो, मुझसे लिपट गई।
मुझे ऐसे ही लड़कियों को बिना चेतावनी दिए, चोदने में मज़ा आता है.. !!
फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ा और रुका नहीं, दनादन पेलने लगा।
चोदते चोदते, मैंने उसकी मुँह में जीभ को डाल दिया तो वो चूसने लगी।
मैं उसकी गाण्ड के दोनों चुत्तडों को दबा रहा था और दना दन चांटे मार रहा था।
ऐसे ही कुछ देर चोदने के बाद, मैंने उसे गोद में उठा लिया और खड़े होकर चोदने लगा.. !!
सलमा, बिल्कुल मुझसे चिपकी हुई थी।
फिर, मैंने उसे पीठ के बल बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत को बेड से थोड़ा बाहर निकाला और नीचे खड़े होकर दोनों पैरों को उपर उठा के हाथ में पकड़ के लण्ड को चूत में डाल दिया.. !!
ऐसे ही, मैंने उसे चोदना स्टार्ट किया।
इस पोज़िशन में लण्ड एकदम सीधा अंदर तक जाता है और तेज़ी से चुदाई करने में आसानी होती है।
मैं चोदते चोदते, लण्ड को पूरा बाहर निकाल के ज़ोर से अंदर घुसा रहा था.. !!
सलमा झड़ती जा रही थी और चूत से सारा पानी निकल के फर्श पर गिर रहा था।
लगातार 20 से 25 मिनट तक, मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा.. !!
फिर, सलमा ने कहा के अब ऐसे सहन नहीं हो रहा है… चूत के अंदर, दर्द होने लगा है…
तो, मैंने उसे उसी पोज़िशन में उल्टा घोड़ी बनाया और गाण्ड में थूक लगा के लंड को पेल दिया।
इस तरहा चोदते चोदते, मैं उसकी दोनों चुचियों को भी मसल रहा था और गाण्ड में थप्पड़ मार रहा था.. !!
मैंने उस से पूछा के वो मेरे वीर्य को कहाँ लेना चाहेगी… चूत में या गाण्ड में…  कुछ देर बाद, मैं सलमा को बेड में सीधा लिटा के उसके सीने पर बैठ गया और लण्ड को, उसके मुँह में डाल के चुसवाने लगा।
फिर, मैं उसकी चूत में लण्ड को घुसा कर, चोदने लगा.. !!
मैंने उसकी चुचियों को चूस चूस के लाल कर दिया.. !!
मुँह में उंगली डाल देने से, वो उसे भी चूसने लगती थी।
उसके मुँह से – आह आ आ आअ… उई मा… आ आ आ आ आ आआ अ चोद ई ईई हूऊऊऊ ओ मम्म्म मममम… की आवाज़ निकल रही थी।
सारे कमरे में, सेक्सी आवाज़ें गूँज रही थीं.. !!
उसकी चूत से भी “फ़च फ़च” का साउंड निकल रहा था।
मैं उसकी आँखों में आँखें डाल के, चोद रहा था।
फिर 15-20 मिनट के बाद, मेरा माल निकलने लगा.. !!
जैसे ही वीर्य की एक बूँद उसकी चूत के अंदर गिरी तो उसने मुझे कस के पकड़ लिया और चिल्लाने लगी – आाहूऊऊऊ आ आ आहह… ऐसा लग रहा है, किसी ने चूत के अंदर गरम एसिड डाल दिया हो…
मैं ज़ोर के झटके मार मार के झड़ रहा था।
मैंने सारा का सारा वीर्य, सलमा की चूत में डाल दिया और जब तक लण्ड से आखरी बूँद गिरना नहीं ख़तम हुई, तब तक उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था.. !!
मैं भी, उसे पकड़ के झड़ रहा था.. !!
फिर मेरा लण्ड सिकुड़ने तक, मैं उसके ऊपर लेटा रहा।
10-15 मिनट बाद, मैंने उसकी चूत से लण्ड को निकाला तो फक की आवाज़ के साथ, ढेर सारा वीर्य और पानी निकलने लगा… दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं उसकी साइड में लेट गया।
सलमा, मेरे सिने में सिर रख कर मुझसे चिपक के लेटी रही।
कुछ देर बाद, उसने कहा – मैंने वसीम के पिता, वसीम और सुहाग रात के दिन एक बार अपने पति से चुदवाया है… मगर, किसी ने भी मुझे ऐसे नहीं चोदा… तुमने तो मेरी चूत और गाण्ड की धज़ियाँ उड़ा के रख दी… दोनों ही, बहुत दर्द कर रहे हैं… उस रात, जब वसीम ने मुझे ज़बरदस्ती चोदा था तब ऐसा ही दर्द हुआ था… (मेरे सिने पर, किस करते करते) तुम तो चोदने में एक्सपर्ट हो… किसी की भी, जान निकाल दोगे… मैं सोच रही हूँ, अगर दो ज़बान लड़कियों की माँ होते हुए मेरी ये हालत है तो जब तुमने गुलनार को चोदा तो उसकी क्या हालत हुई होगी… उसकी तो सील भी नहीं टूटी थी… वो तो बेहोश हो गई होगी…
मैंने कहा – जानेमन, तुम अपनी बेटी को कम मत समझना… वो, तुमसे भी बड़ी खिलाड़ी है… चुदाई से पहले ही, उसने पेन किल्लर खा रखी थी… मगर, एक बात है तुम सब एक जैसे हो, जिसे चोदने के लिए कोई भी पागल हो जाएगा… और तुम तो अभी भी, 16 साल की लड़की की तरह ही चुदवाती हो…
ये सुनते ही सलमा ने मेरे चेहरे को किस किया और कहने लगी – मुझसे वादा करो के रोज़ दिन में कम से कम, एक बार तुम मुझे चोदा करोगे… क्यूंकि, तुम्हारा एक बार चोदना पाँच बार चोदने के समान है… अभी तो, इस एक बार में ही मैं थक गई हूँ… वसीम भी मुझे रोज़ चोदता है… मगर, वो ज़्यादा देर तक चूत नहीं चाटता है और ना ही अलग अलग पोज़िशन में चोदता है… वो तो, 10-15 मिनट में ही झड़ जाता है…
मैंने कहा – अगर, तुम सभी को मैं रोज़ दिन रात चोदने लगा तो मेरी भी हालत वसीम की तरहा हो जाएगी और मेरी जान निकल जाएगी… इसीलिए, सलमा रोज़ तो नहीं मगर हफ्ते में 3-4 बार तुम्हें ज़रूर चोदूंगा… क्यूंकि, मुझे भी तुम्हें चोदने में बहुत मज़ा आया… अब चलो, फ्रेश हो जाओ… वसीम आता होगा, मीटिंग ख़तम करके… उसके आने से पहले से ही, हम दोनों रेडी हो जाते है और फिर एक साथ खाना खाएँगे.. !!
मैंने सलमा को किस किया और बाथरूम में जा के फ्रेश हो के आ गया।
उसके बाद, सलमा भी अपने कमरे में जा के साड़ी चेंज करके आ गई.. !!

फिर, हम दोनों टीवी देखते देखते वसीम का इंतज़ार करने लगे।
सलमा, मेरी बाहों में सिर रख कर टीवी देख रही थी।
मैं उसकी उंगलियों में अपनी उंगलियों को क्रॉस करके, हाथ को चूम रहा था।
सलमा ने कहा – आज रात, मैं तुम्हारे कमरे में रहूंगी और पूरी रात तुमसे चुदवाउंगी…
मैंने कहा – अगर, रात भर मैं तुम्हें चोदूंगा तो वसीम क्या करेगा… उसे भी तो चोदना है, तुम्हें… इसीलिए, तो बाकी सबको छोड़ के तुम्हें साथ लाया है…
ऐसे, बात करते करते पता ही नहीं चला के कब वसीम कमरे में आ गया है।
उसने आते ही, हमें इस पोज़ में देख कर ताली बजाई.. !!
उसकी ताली की आवाज़ सुन के, हम दोनों चौंक गये।
फिर वसीम ने कहा – वाह यार, मज़ा आ गया… तुम दोनों, ऐसे बहुत मस्त लग रहे हो… बिल्कुल, पति पत्नी के जैसे दिख रहे हो… ऐसा लग रहा है के जैसे नया शादी शुदा जोड़ा, हनीमून पर आया हो और रोमांस में लगा हो… मैं खामखा कबाब में हड्डी बन गया… तो सलमा, अभी तक सिर्फ़ बातें ही हो रही हैं या मेरे दोस्त के लण्ड का मज़ा भी लिया… नहीं लिया है, तो ले लो… तभी, तुम्हें पता चलेगा के असली चुदाई क्या होती है… क्यूँ बे साले, चोदा के नहीं अभी तक…
मेरे बोलने से पहले ही सलमा बोल पड़ी – सही कह रहे हो, वसीम… अभी 10-15 मिनट ही हुए हैं, हमें चुदाई ख़तम किए हुए… विनय तो चोदने में माहिर है… इसने मेरी चूत और गाण्ड की धज्जियां, उड़ा के रख दी हैं… पूरे एक घंटे से ज़्यादा देर तक चोदा है और मेरी जान निकाल दी… पता नहीं, ये इतने देर तक कैसे चोद लेता है… मगर, मुझे बड़ा मज़ा आया…
फिर, मैंने बीच में सलमा को रोक कर कहा – यार, आज क्या ऐसे ही बातें करके पेट भरना है… बहुत ज़ोरो की भूख लगी है और तुम भी तो भूखे हो… इसीलिए, पहले कुछ खाने को ऑर्डर करो… फिर, बाद में दोनों मिलकर मेरी जितनी तारीफ़ करना है, कर लेना… उस के लिए पूरी रात पड़ी है…
ये सुनते ही, वसीम ने कहा – सही कह रहा है, साले… भूख तो लगी होगी क्यूंकि इतनी मेहनत से सलमा को जो चोदा है… सलमा, तुम्हें जो कुछ भी पसंद है जल्दी से हम सब के लिए ऑर्डर कर दो… तब तक, मैं थोड़ा फ्रेश हो लेता हूँ…
इतना कहने के बाद, वसीम मेरे ही कमरे में फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाने लगा।
तो मैंने कहा – यार, तूने फालतू में दो कमरे बुक किए… हम तीनों तो, एक ही कमरे में रह जाएँगे…
वसीम ने कहा – अगर मुझे पता होता के तुझे यहाँ आकर सलमा के साथ चुदाई करने में कोई प्राब्लम नहीं है तो मैं एक ही कमरा बुक करता… मगर, तू तो साले पहले बड़े नखरे करता था और सलमा से बात करने में भी हिचकिचाता था… इसलिए, मैंने 2 कमरे बुक किए… चल अब जो होना था, हो गया… मैं नाह के आता हूँ…
फिर, सलमा ने खाने का ऑर्डर दिया।

दोस्तों मजा लेते रहिये और आगे की कहानी अगले भाग में तब तक के धन्यवाद मेरे गुरु जी के मेल पर आप मेल कर के बता सकते है आप लोगो को ये कहानी कैसी लगी Email: [email protected]

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