दूसरी माँ से बदला-2

प्रेषक: राज
नीलोफर, वहां से सीधा वसीम के कमरे में गई, जहाँ वसीम नंगा ही सो गया था..
उसने वसीम को उठाया और बोला की तुमने ये ठीक नहीं किया…
वसीम तो गुस्से में ही था, उसने नीलोफर के गाल पर एक ज़ोर का तमाचा मारा और बोला – चुप, बहन की लौड़ी… अगर बुरा लग रहा है, तो निकल जा मेरे घर से… नहीं तो, चिंता मत कर… बहुत ही जल्द, तेरी भी बारी आएगी… उस वक़्त में तुझे बताऊँगा, मैं क्या क्या कर सकता हूँ और कितना बड़ा कमीना हूँ… समझी… चल निकल, यहाँ से…
ये सुनकर नीलोफर के पैर काँपने लगे और वो, वहां से चली गई…
10 बजे, मैंने वसीम के घर जाकर डोर बेल बजाया तो नीलोफर ने दरवाजा खोला…
वो, बहुत घबराई हुई सी थी…
उसने मुझे अपने साथ, सलमा के कमरे में बुलाया।
मुझे पहले तो थोड़ा अजीब लगा तो मैंने मना कर दिया। लेकिन, वो मेरे पैरों पर गिर गई तो मैं बिना कुछ कहे, उसके पीछे चला गया..
वसीम अभी तक सो रहा था और सलमा की दोनों बेटियाँ स्कूल जा चुकीं थीं…
मैं जैसे ही कमरे में घुसा तो नीलोफर ने दरवाजा बंद कर दिया तो मैंने नीलोफर से कहा – ये क्या कर रही हो… ??
आज तक नीलोफर, सलमा या उसकी दोनों बेटियों में से किसी ने भी मुझसे बात नहीं की थी..
नीलोफर ने फिर से मेरे पैर पकड़ लिए और बोली – बचा लीजिए, हम सबको..
मैंने उसे ऊपर उठाया और पूछा की किससे बचाऊँ… ??
तो उसने कहा – “आपके दोस्त वसीम से”…
ये सुनते ही, मैंने पूछा – क्यूँ… ?? क्या किया, वसीम ने… ??
उस वक़्त सलमा सो रही थी और नीलोफर ने उसके उपर, एक रज़ाई डाल दी थी..
लेकिन समझ आ रहा था की वो, अंदर बिना कपड़ो के ही रज़ाई में सो रही थी…
नीलोफर ने सलमा के जिस्म से रज़ाई हटा दी…
मैं उसके बदन को देख कर चीख पड़ा और अपनी आँखे बंद कर लीं…
नीलोफर ने कहा – देखिए, आपके दोस्त की करतूत…
क्यूंकि सलमा बहुत गोरी थी तो इसीलिए वसीम ने, जो उसके पूरे बदन का भरता बना दिया था। वो, बिल्कुल साफ साफ दिखाई दे रहा था…
उसका पूरा बदन “लाल और नीला” हो गया था..
फिर नीलोफर ने मुझे, उसके जिस्म की सारी जगह दिखाई। (चूत, गाण्ड, बूब्स, सभी।)
सलमा के दोनों बूब्स फूल के वॉटरमेलन, जितना बड़ा हो गया था.. ..
उसकी दोनों निपल्स, सूज के नींबू जीतने हो गये थे.. ..
फिर मैंने उसकी चूत देखी.. अभी भी, उसकी चूत का मुँह खुला हुआ था.. जिसमे कम से कम दो लण्ड तो आराम से घुस सकते थे और चूत सूज कर कूपा हो गई थी..
चूत खुली होने के कारण, अंदर तक दिखाई दे रहा था..
अभी भी, थोड़ा थोड़ा खून निकल रहा था।
ठीक यही हालत, गाण्ड की भी थी.. ..
उसका भी छेद, सूज गया था!!!
फिर, मैंने नीलोफर से पूछा – ये सब आख़िर कैसे हुआ… ??
तो उसने मुझे रात की सारी बात बताई, जिसे सुन कर मेरे भी होश उड़ गये.. क्यूंकि वसीम, बहुत ही संत किस्म का लड़का था। कॉलेज में, अगर उसे कोई छेड़ दे तो वो तब भी उसे कुछ नहीं कहता था।
बल्कि, कभी कभी मैं गुस्सा होता था तो वो मुझे समझता था। लेकिन, आज उसके ये शैतानी रूप देख कर, मुझे भी हैरनी हुई..
मैं समझ गया के अब तक उसकी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ है, उस से वो बहुत ज़्यादा “डिस्टर्ब” हो गया था..
नहीं तो, जिस लड़के को अगर कोई एक तमाचा भी मार दे तो वो तब भी कुछ नहीं कहेगा और आज वो इतने गुस्से में है की किसी का खून भी कर सकता है…
मैं तो ये सब देख के और सुन के, दंग रह गया था..
फिर, मैंने नीलोफर और सलमा को वसीम के “संत नेचर” के बारे में बताया तो वो लोग, यकीन नहीं कर रहे थे..
जब मैंने उन दोनों को सारी बात बताई तो सलमा समझ गई के उससे कितनी बड़ी भूल हुई है..
वो, मेरे सामने फूट फूट कर रोने लगी और कहा के वो, इस भूल का प्राश्चित ज़रूर करेगी..
उसने कहा के आगे से उस घर में वसीम जो कहेगा, वही होगा और घर के सभी लोगों को वसीम की बात माननी पड़ेगी।
मैंने उनसे कहा के मैं वसीम को समझाने की कोशिश ज़रूर करूँगा।
ये सब सुन के उन दोनों ने कहा के हम सब आपको बहुत ही ग़लत समझते थे.. लेकिन, आज आपकी बातें सुनकर हमारी नज़रों मे आपकी इज़्ज़त बढ़ गई है… अब आप जो कहेंगे, हम वही करेंगे..
फिर मैं वहाँ से, वसीम के कमरे में गया और उसको उठाया।
मैंने वसीम से कहा – यार, तुमने कल रात कैसे इतना बड़ा कांड कर लिया, मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है की तू वही वसीम है, जिससे मैंने दोस्ती की थी…
उसने मुझे कहा के वो जानता है की उसने ग़लती की है.. लेकिन, अब वो पीछे नहीं हटेगा।
मेरे समझाने से वो कुछ तो समझ गया और बोला की आज के बाद वो, उनमे से किसी को नहीं मारेगा, ना ही कोई तकलीफ़ पहुँचायेगा.. मगर, वो अपना बदला लेके ही रहेगा.. ..
उसके बाद, में वसीम को सलमा के कमरे में लेके गया और उसे सलमा की हालत दिखाई, तो उसे भी बुरा लगा..
फिर उसने डॉक्टर को फोन कर के बुलाया, उसके इलाज़ के लिए।
उसके बाद डॉक्टर रोज़ आके सलमा के सारे जख्मों को ड्रेसिंग करने लगे..
सलमा को ठीक होने के लिए, 10 से 15 दिन लग गये…
सलमा, ठीक हो गई तो एक रात को वो खुद ही वसीम के कमरे में गई और उस से माफी माँगी…
सलमा ने वसीम को, अपनी बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगी और बोली – मैं आज से तुम्हारी हूँ… तुम मेरे साथ, जो चाहो वो कर सकते हो… …
ऐसे में वसीम, कहाँ पीछे हटने वाला था!! !!!
उसने उसे बेड पर लिटके, उसके कपड़े उतारने चालू कर दिए..
उसकी चुचियों को मसलने और चूसने लगा.. मगर, इस बार पूरा मज़ा लेते हुए..
उस दिन, उसने सलमा को रात भर चोदा!!!
उसके बाद, तो वो सलमा को लगभग हर रात चोदता रहा… …
वो, दोनों बिल्कुल “पति पत्नी” की तरह रहने लगे..
ये बात, नीलोफर को पता चलनी ही थी..
और तो और, उसने एक दिन उन दोनों को रात में चुदाई करते हुए देख लिया..
फिर क्या था, जवान तो वो थी ही… वो भी, गरम हो गई और चुदने के लिए तरसने लगी.. ..
इस बीच वसीम ने मुझे सारी बात बताई के कैसे वो रोज़ सलमा को चोदता है।
उसने मुझे कहा के मैं भी आके उसके साथ उसके घर में रहने लगूँ और उसकी दोनों बहन या मौसी, जिसको चाहे पटा लूँ और मज़े लूँ…
मगर, मैंने उसे मना कर दिया और कहा के – यार, अगर कभी मुझे इसकी ज़रूरात पड़ी तो मैं ज़रूर तेरे घर पर आ जाऊंगा… क्यूंकी मैं अपनी प्रेमिका के साथ बहुत खुश था.. ..
इधर, सलमा को नीलोफर के ऊपर थोड़ा शक हुआ के वो किसी लड़के के चक्कर में पड़ी है.. ..
एक दिन, नीलोफर उस लड़के से फोन पर बात कर रही थी के अब वो, बिना चुदाई के नहीं रह सकती और वो लड़का उसे जहाँ लेजा कर चोदना चाहे, वो आ जाएगी.. ..
किसी से भी चुदने से उसे ऐतराज़ नहीं था क्यूंकि उसे तो बस अपनी चूत की खुजली को मिटाने के लिए, एक लण्ड की ज़रूरत थी…
ये सुन के, सलमा दंग रह गई!!! बात ये भी थी की अगर कहीं बाहर जा के नीलोफर, किसी से चुदने लगी तो उसकी बदनामी होगी… नाम उसका, वैसे भी कम खराब नहीं था…
सलमा ने रात को वसीम से चुदते चुदते ये बात उसे बताई तो वसीम ने कहा के वो नीलोफर को समझाएगा के वो ये सब बंद कर दे… लेकिन, सलमा ने उसे ये सब करने के लिए मना कर दिया क्यूंकि नीलोफर आज तक किसी से नहीं चुदी है…
वो, दिखने में भी बहुत ही खूबसूरात है तो कहीं चूत की आग के चलते, कुछ ग़लत कम ना कर बैठे…
फिर, सलमा के दिमाग़ में एक आइडिया आया!!
उसने वसीम से कहा के वो अगर, नीलोफर को चोदे तो उसे कहीं बाहर जाके चुदाई नहीं करना पड़ेगा… घर की बात, घर में ही रह जाएगी और नीलोफर को अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए एक लण्ड भी मिल जाएगा और इसमे किसी की बदनामी भी नहीं होगी… दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
वसीम क्यूँ मना करता, वो तुरंत मान गया क्यूंकि उसे तो एक लड़की की “कुँवारी चूत” को फाड़ने का, मज़ा मिलेगा…
लेकिन, वसीम ने सलमा से कहा – क्या, नीलोफर इस के लिए राज़ी हो जाएगी..
तो सलमा ने कहा – ये सब, तुम मुझ पर छोड़ दो… मैं उसे तुमसे चुदने के लिए तैयार कर लूँगी…
दूसरे दिन सुबह, जब नीलोफर बाहर जाने के लिए निकली तो सलमा ने उसे कहीं भी जाने के लिए मना कर दिया.. ..
ये सुन कर, नीलोफर को बुरा लगा और वो अपने कमरे में जा के रोने लगी।
फिर सलमा ने उसके कमरे में जा के उससे, उस लड़के के बारे में पूछा तो नीलोफर घबरा गई..
फिर सलमा ने कहा – देख नीलोफर, मुझे तेरे और उस लड़के के बारे में सब पता है की तू उससे चुदना चाहती है… मैंने तुमको फोन पर, उस लड़के से बात करते हुए सुन लिया था… ये सुन के नीलोफर, डर के मारे चुप हो गई..
सलमा ने उस से पूछा के क्या वो उस लड़के से प्यार करती है या वो लड़का उससे प्यार करता है, तो इस पर नीलोफर ने उसे सारी बात बताई के कैसे वो वसीम को और सलमा को रोज़ रात में चुदाई करते हुए देखती है और इससे उसकी चूत मचल उठी है… उसने कहा की अब उससे भी बर्दाशत नहीं होता और वो भी, किसे से चुदना चाहती है… उस लड़के से वो प्यार नहीं करती, उसे तो बस उसके साथ चुदाई करके, चूत की प्यास बुझानी है..
जैसे ही, सलमा ने उसकी बात सुनी तो उसने नीलोफर से कहा के ऐसा है तो उसे कहीं बाहर जा के चुदने की ज़रूरात नहीं है क्यूंकि जब घर में ही, उसे एक “तगड़ा लण्ड” मिल जाएगा…
नीलोफर कुछ नहीं समझी और पूछा – दीदी, घर में कहाँ से, मुझे लण्ड मिलेगा…क्यूंकि हमारे घर में तो बस एक ही लड़का है और वो वसीम है जो की तुम्हें चोदता है तो मैं कैसे उससे चुद सकती हूँ… ??
ये सुन कर, सलमा ने उसे कहा – मैंने वसीम को मना लिया है, तुम्हारी चुदाई करने के लिए और वो मान भी गया है… आज रात, जब गुलबदन और गुलनार सो जाएँ, तो चुप चाप तू वसीम के कमरे में आ जाना… मैं वहाँ, तेरा इंतज़ार करूँगी…
ये सुन कर नीलोफर खुश हो गई और उसने उस लड़के को फोन कर के कह दिया की उसके (नीलोफर के) घर वालों ने उसे उससे बात करते, सुन लिया है इसलिए अब वो आइन्दा, उसे फोन ना करे…
फिर रात को खाना खाने के बाद, सब लोग अपने अपने कमरे में चले गये, सोने के लिए…
घर बहुत ही बड़ा था.. लेकिन, फिर भी नीलोफर गुलनार और गुलबदन के कमरे में ही, उनके साथ सोती थी..
ठीक रात के 12 बजे, जब गुलबदन और गुलनार सो गये तो नीलोफर चुप चाप उठ कर वसीम के कमरे में चली गई।
वहां पहले से ही, सलमा और वसीम का प्रोग्राम चालू था!!!
जैसे ही नीलोफर अंदर गई तो सलमा ने उठ कर दरवाजा बंद कर दिया।
उसने नीलोफर को, वसीम के पास जाने के लिए कहा तो नीलोफर थोड़ा शरमाई क्यूंकि एक तो वो कुँवारी थी.. दूसरे, उसने पहले कभी वसीम से बात नहीं की थी और आज सीधे चुदवाने चली आई.. ..
फिर सलमा ने नीलोफर का हाथ पकड़ कर, वसीम के साइड में बिठा दिया। अब वसीम ने नीलोफर को, अपनी तरफ खींचा और उसके नरम नरम गुलाबी होंठों को चूसने लगा…
कुछ देर बाद, नीलोफर भी गरम होने लगी और उसने भी वसीम का बराबर साथ दिया..
वसीम उसे किस करते करते, उसकी बूब्स को मैक्सी के ऊपर से ही दबाने लगा…
सलमा साइड में बैठ के, ये सब देख रही थी।
फिर वसीम ने उसके कपड़े उतरना शुरू कर दिया तो सलमा भी वसीम के पास आकर, उसके कपड़े उतारने लगी… …
नीलोफर ने जान बुझ कर अंदर कुछ नहीं पहना था तो मैक्सी उतारते ही, वो बिल्कुल “नंगी” हो गई… !!
सलमा सुंदर थी, इसमें कोई शक नहीं पर नीलोफर “जवान” थी.. ..
नीलोफर की चुचियाँ, सलमा से आधी भी नहीं थीं पर एकदम कसी हुईं थीं…
जहाँ सलमा के निप्पल, दो बच्चियां होने के कारण बड़े बड़े थे.. वहीं, नीलोफर के एकदम छोटे छोटे.. ..
खास बात ये थी की उसके निप्पल “गुलाबी” थे.. जहाँ सलमा के, भूरे..
ग़ज़ब की गोलाई लिए हुए थे, उसके दूध… !!
एकदम गोरे और कसे हुए… …
वसीम कुछ देर तक उसके दूध देख कर, मंत्रमुग्ध हो गया.. .. !!
इधर, सलमा ने वसीम के सारे कपड़े उतार दिए और वो खुद भी अपने कपड़े उतारने लगी…
अब तीनों ही, एक दूसरे के सामने नंगे खड़े थे..
वसीम की नज़र, अब नीलोफर की चूत पर पड़ी!!
उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे.. ट्रिम किए हुए..
एकदम छोटी सी बच्ची जैसी चूत थी, उसकी..
उसकी चूत की फाँकें, एकदम चिपकी हुई थीं… !!
एक “अक्षत योवन” उसके सामने, बिल्कुल निर्वस्त्र खड़ा था… …
नीलोफर का बदन एकदम गोरा था, कहीं कोई, दाग ना निशान!!
दूध सी गोरी चूत पर ट्रिम किए हुए हल्के काले बाल और गोल गोल चुचियों पर गुलाबी रंग के निप्पल, अब तक वसीम को मदहोश कर चुके थे…
तभी नीलोफर पीछे मूडी, जिससे उसकी गाण्ड के दर्शन भी हो गये..
“मटके सी चिकनी गाण्ड” देख कर, वसीम से अब काबू नहीं हुआ और उसके लण्ड ने पानी छोड़ दिया.. ..
नीलोफर के हुस्न ने, वसीम का पूरी तरह “कतल” कर दिया.. ..
सलमा भी कहीं ना कहीं, नीलोफर का बदन देख कर, उसकी तारीफ किए भी ना रह सकी.. ..
एक बार लण्ड से पानी छूटने के बाद, अब वसीम ने नीलोफर को बेड पर लिटा दिया और उसकी नरम नरम चुचियों और कड़क गुलाबी निप्पल को एक के बाद एक चूसने लगा.. !!!
चुदाई की आग में जलती, नीलोफर के मुँह से फ़ौरन सिसकारियाँ निकलने लगीं।
वो – म्म्म्महह.. इस्स.. आँह… उंह… करने लगी…
अब सलमा ने नीलोफर का हाथ पकड़ कर, वसीम के लण्ड पर रख दिया तो नीलोफर धीरे धीरे, वसीम के लण्ड को सहलाने लगी…
इस पर वसीम का लण्ड तूफ़ानी रफ़्तार से, फिर से खड़ा होने लगा।
वसीम, तो जैसे अब नीलोफर के हुस्न को खा जाना चाहता था..
वो अब नीलोफर के सपाट पेट पर छोटी सी गोल नाभि से हो कर उसकी कुँवारी चूत की तरफ मुँह बढ़ाने लगा… …
उसने नीलोफर की दोनों टांगें फैला दी तो उसे उसकी गुलाबी चूत साफ साफ दिखाई देने लगी।
नीलोफर ने सलमा के कहने पर आज ही अपनी चूत के बालों को ट्रिम किया था..
अब शांत खड़ी सलमा ने नीलोफर की दोनों चुचियों को सहलाना शुरू कर दिया और उसके मुँह में जीभ घुसा कर, नीलोफर की जीभ को चाटने लगी..
वसीम ने जैसे ही, नीलोफर की चूत की दोनों होंठो को रगड़ा तो वो मस्त हो गई…
उसकी चूत, पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी… !! अब वसीम ने धीरे धीरे नीलोफर की चूत के दाने को, आहिस्ता आहिस्ता रगड़ना शुरू किया तो नीलोफर फिर से सिसकारियाँ भरने लगी..
नीलोफर की चूत कुँवारी होने के कारण, उसका छेद बहुत ही छोटा था और उसका गुलाबी रंग दिख रहा था।
अब वसीम का लण्ड, पूरा खड़ा हो गया था और वसीम के काबू में नहीं था…
उसने नीलोफर को लण्ड चूसने के लिए कहा। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
नीलोफर ने आज से पहले एक दो बार वसीम के लण्ड को दूर से ही सलमा की चुदाई करते हुए देखा था।
उसका लण्ड ज़्यादातर, सलमा की चूत में या उसके मुँह में ही रहता था।
मगर, आज अपने हाथ में पकड़ के देख कर, नीलोफर बुरी तरह डर गई थी…
मैंने जैसे पहले ही कहा है की वसीम का लण्ड बहुत बड़ा और मोटा था.. जिसको, अगर एक रंडी भी देख ले तो वो भी घबरा जाएगी.. ..
पता नहीं, उसका लण्ड इतना बड़ा कैसे हो गया था।
नीलोफर ने अब सलमा के कहने पर, उसके लण्ड के ऊपर की चमड़ी को नीचे किया और उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी..
सलमा ने अब उसे पूरा लण्ड, अपने मुँह में घुसा कर चूसने के लिए कहा तो नीलोफर ने लण्ड को मुँह में तो घुसा लिया पर उसे खाँसी आने लगी।
लण्ड इतना बड़ा था के उसको कभी सलमा भी अपने मुँह मे पूरा नहीं घुसा सकी, तो बिचारी नीलोफर क्या चीज़ थी.. ..
फिर, नीलोफर जितना हो सके लण्ड को मुँह में घुसा के, ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी…
वसीम और नीलोफर, फिर 69 के पोज़िशन पर आ गए… !!
अब सलमा, वसीम के गाण्ड के छेद को चाट रही थी और अपने भोसड़े में उंगली कर रही थी..
वसीम, पूरी मदहोशी में नीलोफर की चूत को चाटने लगा…
नीलोफर बहुत जल्दी ही, वसीम के मुँह में झड़ गई।
फिर शुरू हुआ, 3 लोगों का “एक ज़बरदस्त चुदाई प्रोग्राम।”
अब वसीम उठ के नीलोफर की दोनों टाँगों के बीच बैठ गया…
सलमा ने वसीम के लण्ड को पकड़ के, नीलोफर की चूत के छेद में सटा दिया…
फिर सलमा ने अपने हाथों से, जितना हो सका नीलोफर की चूत को खोल दिया ताकि वसीम का लण्ड आराम से चूत में घुस जाए… ..
अब सलमा ने, वसीम को धक्का देने का इशारा किया तो वसीम ने एक ज़ोर का झटका मारा।
नीलोफर की चूत का छेद बहुत ही छोटा था, इसीलिए लण्ड फिसल गया…
बहुत कोशिश के बाद, जब वो कामयाब नहीं हुआ तो… …सलमा जा के तेल की शीशी ले आई..
उसने वसीम के लण्ड की तेल से अच्छी तरह मालिश की..
फिर उसने, नीलोफर की चूत में भी तेल की मालिश की और ढेर सारे तेल से, नीलोफर की चूत को भर दिया।
अब नीलोफर की चूत, तेल से लपालप भर गई।
सलमा ने फिर से नीलोफर के चूत को पूरी तरह खोल दिया और वसीम को आहिस्ता से, लण्ड घुसाने के लिए कहा..
वसीम अपने लण्ड को हाथ से पकड़ के, धीरे से नीलोफर की चूत के अंदर डालने लगा..
नीलोफर की चूत तेल से लपालप होने से, बहुत चिकनी हो गई थी.. ..
इस कारण फक का साउंड करते हुए, वसीम के लण्ड का टोपा अंदर घुस गया तो नीलोफर चीख पड़ी – मा मामा मामामाररररररररररर गाआआआआाआआइईईईई… मांहहह ह हह ह ह ह ह… आआआआआहहहहहहहह हहहहहह… निकालूऊऊऊओ ज़ाआाआाअल्दी सीईईई…
तभी सलमा, तुरंत नीलोफर की चुचियों दबाने लगी और उसके मुँह में अपनी जीभ घुसेड दी ताकि नीलोफर की आवाज़ बाहर तक ना सुनाई पड़े…
नीलोफर की चीख इतनी तेज़ निकल रही थी की सलमा को डर था, उसकी दोनों बेटियाँ कहीं उठ ना जाए…
डर तो वसीम भी गया, थोड़ा रुक गया और हाथ से नीलोफर के चूत के दाने को सहलाने लगा!!!
आज उस पर हैवान नहीं, वासना सवार थी…
कुछ देर बाद, जब नीलोफर शांत हुई तो उसने एक और झटका मारा तो लण्ड आधे से ज़्यादा चूत में घुस गया… इस बार नीलोफर ने और ज़ोर से चिल्लाया – उम्म्म्मममममा.. अहह… बाआआआआआआआआचाआााऊऊऊ… बचाओओओओओओ… छोडडडडडड दे, हरामीईईई… आ ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह…
इधर, सलमा उसकी चुचियों को सहलाती रही…
फिर वसीम ने, बिना रुके और एक और धक्का मारा तो लण्ड पूरा का पूरा घुस गया… !!
इस बार वसीम का लण्ड, उसकी सील को तोड़ते हुए बच्चेदानी से जाकर टकराया और खून का फवारा फुट पड़ा… …
नीलोफर बेहोश हो गई.. ..
ये देख कर वसीम थोड़ा घबरा गया और अपने लण्ड को निकालने लगा क्यूंकि उसने आज तक, कभी किसी लड़की की चूत नहीं फाडी थी।
वसीम जैसे ही लण्ड निकालने लगा तो सलमा ने उसे रोक लिया और बोली – जब कोई लड़की पहली बार, किसी मर्द से चुदवाती है तो ऐसा होता है… जब तुम्हारे पिता ने, पहली बार मुझे चोदा था तो मैं भी बेहोश हो गई थी… जबकि, उनका लण्ड तुमसे काफ़ी छोटा था… मगर, तुम्हारा तो लोहे की रोड जितना बड़ा और मोटा है… तुम अगर, किसी रंडी को को भी चोदो तो उसकी भी हालत खराब हो जाएगी… फिर ये तो “एक कसी हुई कुँवारी चूत” है… इस को तो बेहोश होना ही था… तुम रूको, मैं इसे पानी पिलाती हूँ…
फिर सलमा ने नीलोफर के मुँह पर पानी छिड़का और उसे थोड़ा पानी पिलाया..
तब जा के नीलोफर की जान पर जान आई।
होश संभालते ही नीलोफर ने वसीम के आगे हाथ जोड़े और बोली – प्लीज़ मुझे छोड़ दो… मुझे नहीं चुदवाना… किसी से भी, नहीं चुदवाना… मैं जिंदगी भर, कुँवारी रहूंगी… मुझे जाने दो… प्लीज़…
तब सलमा ने, उसे समझाया – मेरी प्यारी बहना, ये तो हर लड़की के साथ होता है… घबरा मत, कुछ देर बाद तुझे भी मज़ा आने लगेगा…
मगर नीलोफर नहीं मानी..
वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और वो उठने की कोशिश करने लगी तो सलमा ने उसे ज़ोर से पकड़ लिया…
वो ज़ोर ज़ोर से, उसकी चुचियों को चूसने लगी।
वसीम भी धीरे धीरे, लण्ड को बाहर भीतर करने लगा.. ..
नीलोफर चिल्लाती रही.. लेकिन, इस बार वसीम नहीं रुका..
वो, उसे चोदता रहा… … दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
थोड़ी देर बाद, जब उसका दर्द कम हुआ तो वो भी पीछे से गाण्ड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी।
उसे दर्द तो हो रहा था.. मगर, अब मज़ा भी आने लगा था.. ..
अब सलमा भी गरम होने लगी..
वो नीलोफर के मुँह पर, अपनी चूत को खोल के बैठ गई और उसे चाटने को बोली तो नीलोफर खूब मज़े ले ले कर अपनी बहन की चूत चाटने लगी..
थोड़ी देर बाद, नीलोफर अकड़ने लगी तो सलमा उठ गई और नीलोफर ज़ोर से चीखते हुए झड़ गई…
उसके मुँह से बस लंबी लंबी सिसकारियाँ निकल रही थीं – आआआआअ आआआआआ आआआआअराआाहहआ चोदनाआआआआआआआ… चोद मुझे… आ आ ऊऊ आआआआ… फाड़ दे मेरी चूत… सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्ईईईईईई… आँह माँ… चोद चोद चोद चोद चोदद ददद ददददद ददददद दद…
ये सुन कर, वसीम उसे और तेज़ी से चोदने लगा.. ..
ज़्यादा तेल और चूत रस के कारण चूत से पाचक पाचक की आवाज़ निकल रही थी।
अब सलमा भी काफ़ी गरम हो गई थी तो वसीम ने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल के अंदर बाहर करने लगा।
सलमा भी अब सिसकारियाँ भर रही थी – आआआअहह उन्ह म्म्म्ममम हह आह उन्मह… 10-15 मिनट चोदने के बाद, वसीम भी झड़ने वाला था तो उसने नीलोफर से पूछा की क्या करूँ तो नीलोफर ने उसे चूत में ही झड़ने के लिए कहा।
सलमा कुछ कहती, उससे पहले वसीम ज़ोर से झड़ गया और सारा वीर्य नीलोफर की चूत में ही छोड़ते हुए, उसके ऊपर ही लेट गया… …
दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ लिया, जब तक वसीम का सारा मूठ उसकी चूत में नहीं गिर गया।
करीब 1-2 मिनट तक, थोड़ा थोड़ा करके वसीम का माल चूत में गिर रहा था..
करीब 10 मिनट के बाद, वसीम उठा और लण्ड को खींचा तो फक के आवाज़ के साथ ढेर सारा खून और मूठ लेके उसका लण्ड निकल पड़ा।
दर्द के कारण, नीलोफर उठ नहीं पा रही थी…
मगर बेचारी सलमा, अभी भी प्यासी थी.. !!!
उसने तुरंत ही वसीम के लण्ड को पकड़ा और अपने मुँह में डाल के चूसने लगी…
दो बार निकल जाने के कारण, इस बार वसीम का लण्ड आसानी से खड़ा नहीं हुआ…
सलमा उसके लण्ड को चूसती रही… सहलाती रही… मूठ मारती रही…
तब जाकर, 15 मिनट में वसीम का लण्ड फिर से लोहे की तरह तन गया…
सलमा ने उसे कहा – अब संभाला नहीं जाता.. जल्दी से, अपने लंड को डाल डो मेरी चूत में और इसकी प्यास बुझे दो.. तुम दोनों की चुदाई देख कर, मेरी चूत फटने को आ गई है..
वसीम ने भी देर ना करते हुए, एक ज़ोर का धक्का मार के सलमा की चूत में अपना लण्ड पेल दिया और उसे तूफ़ानी रफ़्तार से चोदने लगा।
अबकी बार वसीम ने सलमा को, पूरे 20 से 25 मिनट तक चोदा…
क्यूंकी ये वसीम का तीसरी बार था, इस बीच उसने उसकी गाण्ड भी मार ली…
सलमा भी 2 बार झड़ चुकी थी तो उसके मुँह से भी सिसकारियाँ निकल रहीं थीं – अहह ऑश यहह उन्ह… एम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्महह…
कुछ देर बाद, वसीम भी उसकी चूत में ही झड़ गया और चूत को अपने वीर्य से भर दिया।
नीलोफर उनकी साइड में लेटे हुए, ये चुदाई का कार्यक्रम देख रही थी…
वो फिर से गरम होने लगी थी..
जब वसीम ने, सलमा के चूत से अपना लण्ड निकाला तो नीलोफर ने उसे पकड़ लिया और बोली – मुझे फिर से चुदवाना है…
सलमा ने ये सुनते ही कहा – आज के लिए बस इतना ही क्यूंकि ये तेरा पहली बार है और एक बार की चुदाई में, तेरी चूत का भरता बन गया है… अगर तू और चुदवायेगी तो चूत फट जाएगी और तुझे बहुत तकलीफ़ होगी…
लेकिन, नीलोफर नहीं समझ रही थी तो सलमा उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसाने लगी तो वो फिर से चिल्लाने लगी…
फिर सलमा ने उसे कहा – अब समझी, मैं क्या कह रही थी… तुझे इतना तगड़ा लण्ड, घर में ही मिल गया है… तू ठीक हो जा, फिर जब चाहे चुदवा सकती है… पहली बार चुदाई के बाद चूत को दो तीन दिन आराम देना पड़ता है, गुड़िया…
इधर, वसीम बाथरूम में जाकर फ्रेश होने लगा..
भले ही वो लड़का था पर तीन बार निकलने के कारण, उसकी हालत खराब हो गई थी..
उधर, सलमा ने नीलोफर की चूत को डेटोल से साफ किया और उसे एक पेनकिल्लर खिला दिया।
अब मुश्किल ये थी की नीलोफर को अपने कमरे तक कैसे पहुँचाया जाए, क्यूंकि वो चलना तो दूर की बात है ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
फिर, वसीम ने उसे गोद में उठाया तो सलमा बाहर चेक करने लगी की कहीं उसकी बेटियाँ तो नहीं जाग रही हैं।
लेकिन वो दोनों, अपने कमरे में आराम से गहरी नींद मे सो रही थीं।
वसीम ने नीलोफर को उसके कमरे में ले जाकर बेड पर सुला दिया और उसको एक ज़ोरदार किस दे के, अपने कमरे में आ के सो गया..
रात बहुत हो चुकी थी…
सलमा भी नीलोफर के साथ, उसके कमरे में ही सो गई.. जब सुबह हुई तो नीलोफर का दर्द थोड़ा कम हो गया था.. लेकिन, फिर भी वो लंगड़ा के चल रही थी.. !!
उसे लंगड़ाता हुआ देख, गुलबदन ने पूछा की क्या हुआ मासी… ?? आप, ऐसे क्यूँ चल रही हैं… ?? तो नीलोफर से पहले सलमा ने उसे बताया के वो बाथरूम में गिर गई थी, इसीलिए ऐसी चल रही है…
2-3 दिनों में नीलोफर, ठीक हो गई।
फिर क्या था, रोज़ रात को वसीम सलमा और नीलोफर को जम के चोदता था।
सलमा को डर था के कहीं दोनों बहनें “प्रेग्नेंट” ना हो जाए.. इसी डर से, वो दोनों “गर्भ निरोधक दवाएँ” खाते थे और वसीम से चुदाई का आनंद उठाते थे। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
उनके घर की स्थिति, अब सामान्य हो गई थी।
वो लोग, हँसी खुशी रहने लगे… !!
वसीम सब के लिए, अक्सर कोई ना कोई गिफ्ट लाता था।
मैं भी, जब उसके घर जाता था तो हम सब मिलके हँसी मज़ाक करते थे।
ऐसे ही, 1.5 साल बीत गये…
मेरा भी उनके घर आना-जाना, थोड़ा कम हो गया था क्यूंकि उस वक़्त मैं अपने भैया और भाभी के साथ रहता था।
वहां मुझे मजबूरी में भाभी को चोदना पड़ा, मगर सिर्फ़ अपने परिवार की इज़्ज़त के खातिर…
ये एक अलग कहानी है, जो आपको अगली बार सुनाऊंगा..
सलमा की दोनों बेटियाँ, बहुत खूबसूरत थीं… !!
मेरी नज़र हमेशा, उन दोनों पर थी।
सोचता था के उन्हें एक दिन ज़रूर चोदूंगा और उनकी “कुँवारी चूत” का उद्घाटन मेरे लण्ड से ही करूँगा..
मगर मेरा सपना, सपना ही रह गया।
वसीम, सलमा और नीलोफर का रूम ऊपर था और गुलबदन और गुलनार का बेड रूम नीचे था…
एक दिन वसीम, सलमा और नीलोफर “मस्त चुदाई” कर रहे थे तो उस दिन वो लोग ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गये थे तो इसी कारण उनकी चुदाई की आवाज़ नीचे तक आ रही थी..
उस दिन कमरे में पानी ख़तम हो जाने के कारण, गुलनार किचन में पानी लेने गई।
जैसे ही वो हॉल में आई तो उसे कुछ अजीब तरहा की आवाज़ें सुनाई दी तो वो पहले डर गई।
फिर उसने ध्यान से सुना तो वो आवाज़ ऊपर वसीम के कमरे से आ रही थी।
गुलनार, फ़ौरन ऊपर आ गई और वसीम के कमरे में झाँक कर देखा तो उसके होश उड़ गये…
उसने देखा की जिसको वो बड़ा भाई मानती है, वही उसकी माँ और मासी को जम के चोद रहा था… …
ये देख के, उसे थोड़ा अजीब लगा।
वो भाग के अपने कमरे में आई और गुलबदन को सारी बातें बताई तो गुलबदन ने कहा के उसे पहले से ही सब कुछ मालूम है।
उसने बताया के जिस दिन मासी, लंगड़ा के चल रही थीं तो वो कोई बाथरूम में नहीं गिरी थीं… बल्कि, वसीम भैया ने उन्हें चोदा था इसलिए वो ऐसे चल रही थीं..
उसने रात को, उन लोगों को चुदाई करते हुए देख लिया था.. लेकिन, वो डर के मारे गुलनार को कुछ नहीं बता पाई के कहीं वो किसी को ना बता दे..
तभी गुलनार ने कहा के मुझे अभी समझ में आया के भैया जो हम से इतनी नफ़रत करते थे, अचानक कैसे प्यार करने लगे..
उसने गुलबदन से कहा के चल जा के देखते हैं, कैसे भैया माँ और मासी को चोदते हैं…
फिर वो दोनों, वसीम के कमरे में जा के चुपके से देखने लगे..
देखते देखते, उन दोनों की चूत भी गीली हो गई और अपने आप ही उनका हाथ चूत को सहलाने लगा.. क्यूंकि, अब वो भी जवान हो चुकी थीं.. !!!
उनकी उम्र अब तक, लगभग 18 साल हो गई थी…
फिर वो दोनों, अपने कमरे में आ गयीं और एक दूसरे को ही चूमने लगीं।
अपनी अपनी, चुचियों को मसलने लगीं।
जल्द ही, वो दोनों पूरे कपड़े उतार के, एक दूसरे की चूत में उंगली डाल के चुदाई करने लगीं…
जब उनका पानी निकल गया तो वो शांत होके सो गईं.. ..
अब जब भी उन्हें मौका मिलता तो वो उन तीनों को चुदाई करते हुए देखतीं और फिर अपने कमरे में आ के उंगली, कंगा वगेरह चूत में डाल के एक दूसरे की चूत की खुजली मिटाते थे..
ये तो अब, रोज़ का काम हो गया था।
अब वो दोनों, वसीम को “वासना और हवस की नज़र” से देखने लगीं।

एक दिन, उन दोनों ने ज़िद की वो फिल्म देखना जाना चाहतीं हैं तो सलमा ने उनको मना कर दिया।
फिर वो दोनों वसीम के पास गयीं और कहने लगीं के भैया आप माँ से बोलो ना, हमें फिल्म देखने जाने दें… तो वसीम ने सलमा से कहा के अगर ये दोनों जाना चाहते हैं तो मैं इनको ले के जाता हूँ… तो सलमा मान गई।
फिर ये तीनों, फिल्म देखने चले गये।
वसीम ने फिल्म के, 3 सीट बुक किया।
अब फिल्म चालू हो गई…फिल्म पुरानी और अच्छी नहीं होने के कारण, सिनेमा हॉल में कम लोग थे।
ये लोग जहाँ बैठे थे, उनके आस पास कोई नहीं बैठा था…
फिल्म में, काफ़ी सारे “बोल्ड सीन” थे..
सीन देख कर, दोनों ही वसीम से चिपक गईं।
ये सब देख कर, वसीम को भी गर्मी चढ़ने लगी।
उसने भी धीरे धीरे, उन दोनों की जांगों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
उन दोनों को भी मस्ती चढ़ने लगी…
धीरे धीरे, उन दोनों ने अपनी टांगें फैला दी तो वसीम आहिस्ता से ड्रेस के ऊपर से ही, बारी बारी उनकी चूत को सहलाने लगा.. !!!

दोस्तों मजा लेते रहिये और आगे की कहानी अगले भाग में तब तक के धन्यवाद मेरे गुरु जी के मेल पर आप मेल कर के बता सकते है आप लोगो को ये कहानी कैसी लगी Email: [email protected]

 

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गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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