प्रेषक: सुनील
मित्रो आप लोगो ने अभी तक चाची और उनकी बेटी भाग 1 में जो पढ़ा अब उसके आगे लिख रहा हु मज़ा लीजिये और अपने लड़के अपने लौड़े को हाथ में ले ले और लड़किया अपनी चूत में अंगुली या तो कोई मोटा लम्बा बैगन या मुली या गाजर या तो बीयर की बोतल अपनी चूत में डाल के हिलती रहे और तब कहानी पढ़ने का असली मज़ा आएगा ……….. चाची ने इस तरह की भाषा में मेरे साथ पहले कभी बात नहीं की थी और इस वक्त उनका गुस्सा देख कर मैंने डरते-डरते बताया कि, “कल रात को जब चाचा आपको प्यार कर रहे थे, उस समय मैंने आपको देखा था और पता नहीं…आप उस समय इतनी सुंदर लग रही थीं कि बाथरूम में जा कर आपकी पैंटी और ब्रा लेकर अपने बिस्तर पर आ गया और आपकी पैंटी और ब्रा को सूँघते हुए और चाटते हुए अपने हाथ से मैंने खूब मुठ मारी।”
इस पर चाची ने एक चाँटा और मारा और बोलीं, “बहनचोद मुझे तो तूने नंगा देख लिया चुदवाते हुए… अब तू अपने कपड़े उतार के मेरे समने पूर नंगा हो के दिखा… मैं देखूँ तो सही आखिर तेरी लुल्ली है या लंड!”
उस समय चाची की चूचियाँ देख कर मेरा लंड पूरा तना हुआ था। मीना चाची ने आगे बढ़ कर अपने लिये एक सिगरेट जलाई और मेरा पायजामा खोल दिया और मेरा सढ़े आठ इंच लम्बा और ढाई इंच मोट लौड़ा मीना चाची की आँखों के सामने झूलने लगा। मीना चाची की आँखें फैल गयीं और वोह बस इतना ही बोली, “मादरचोद! इंसान का लंड है की घोड़े का… अभी तक कहाँ पर छुपा के रखा था… पहले क्यों नहीं दिखाया… इस लंड को देख कर तो कोई भी औरत नंगी हो कर अपनी चूत उछाल- उछाल कर चुदवायेगी!” दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ये बालते-बालते मेरे लंड को चाची ने अपने हाथ में ले लिया और बड़े प्यार से अपना हाथ आगे-पीछे करते हुए उसे देखने लगी। दोस्तों पहली बार जब कोई औरत आपका लंड पकड़ती है और जो मस्ती बदन में चढ़ती है वोह मैं आपको बता नहीं सकता। मेरी ज़िंदगी में वोह पहली औरत का स्पर्श था जो मेरे लंड को मिल रहा था, और वो भी उस औरत का जिसको याद कर-कर के मैं कितनी बार मुठ मार चुका था। इस से पहले कि मैं कुछ बोल पाता, मेरे लंड से पिचकारी निकली और मीना चाची के होंठों और नंगी चूचियों पर जा कर पसर गयी।
मीना चाची अब बड़े प्यार से बोलीं, “माँ के लौड़े! बहनचोद! तू तो एकदम चूतिया निकला… मैं तो समझ रही थी की मेरी ब्रा खोल कर और मुझे पैंटी में देख कर शायद तू मेरे साथ जबर्दस्ती करके मेरी चुदाई करेगा… पर मुझे तू माफ कर दे, जब तूने मुझे अपनी बाहों में लेकर चोदा नहीं तो मैंने गुस्से में तेरी पिटाई कर दी… पर क्या करूँ इतने साल हो गये हैं मेरी चूत को ठंडा हुए… रोज़ अपने आप ही वाइब्रेटर डाल कर ठंडी करती हूँ पर असली मर्द से चुदने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती है! आज जब मैं सुबह तेरे कमरे में गयी और अपनी पैंटी और ब्रा से तेरा मुँह ढका पाया तो मैं समझ गयी की तू मेरे सपने देख कर मुठ मारता है… इसी बहाने से मैंने आज तुझे मसाज के लिये बुलाया था, पर तेरा घोड़े जैसालंड देख कर तो मैं पागल हो गयी हूँ… ऐसे लंड के तो मैं सिर्फ़ सपने ही देखती थी… और तू भी अब चूत लेने के लिये तैयार है… चल आज से सपने देखना बंद कर… और बता अपनी चाची की चूत चोदेगा?” दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मेरे तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गयी। मैं पहले तो हक्का बक्का खड़ा रहा और बाद में मैंने कुछ झिझकते हुए उन ही के अंदाज़ में कहा, “चाची! जब से मेरा लंड खड़ा होना चालू हुआ है तब से मैंने सिर्फ़ आपको याद कर के मुठ मारी है… मैं हमेशा ही आपको सपने में बिना कपड़ों के नंगी, सिर्फ़ ऊँची हील्स वाली सैंडल पहने हुए इमैजिन करता था और आपके मोटे चूतड़ और चूचीयों को इमैजिन करता था, मैंने मुठ तो बहुत मारी है पर मुझे चोदना नहीं आता, तुम बताओगी तोमैं बहुत प्यार से मन लगा कर तुमको चोदूँगा!”
चाची बोलीं, “सुनील अब तेरा लंड देखने के बाद ही मैं तो तेरी हो गयी और चुदाई तो मैं खूब सीखा दूँगी… पर तुझे मेरी हर बात माननी होगी और अगर तूने मुझे मस्त कर दिया तो मैं तुझे जो तू इनाम माँगेगा तुझे दूँगी… और ध्यान रहे ये बात किसी को मालूम नहीं होनी चाहिए!” दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अब हम दोनों के बीच कोई शरम या पर्दा नहीं रह गया था। चाची ने कहा, “आज से तू और मैं जब भी अकेले होंगे… तू मुझे सिर्फ़ मीना बुलाना और अब मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरे होंठ चूसते हुए मेरे चूतड़ मसल!”
मैंने भी इतने दिनों की मुठ मारने के बाद मिला चाची का नंगा बदन अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया और नंगी मीना चाची को अपनी बाहों में भर कर उनके नरम-नरम होंठों को अपने मुँह से चूसने लगा। बता नहीं सकता कि मैं उससमय किस जन्नत में था, और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनकी पैंटी में डाल कर उन मतवाले चूतड़ों को दबाने लगा। जब मैं पेटीकोट के उपर से दबा रहा था, मुझे उस समय ही मालूम हो गया था कि मीना चाची के चूतड़ बहुत ही तगड़े और मस्त हैं, और अब जब उनके नंगे चूतड़ पकड़े तो हाथों में कुछ ज्यादा ही जान आ गयी और मैं कस-कस कर मसलने लगा।
मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ रखा था जिस से उनकी माँसल चूचियाँ मेरे सीने से लग कर मुझे गुदगुदा रही थी। थोड़ी देर एक दूसरे को चूसने के बाद मीना चाची मुझ से अलग हुई और अपनी अलमारी खोल करव्हिस्की की बोतल निकाल कर बोली, “जब तक सोनिया वापस नहीं आती तेरी चुदाई की क्लासिज़ चालू और अब तू हफते भर मेरी क्लास अटेंड करेगा!” दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
इतना कह कर मीना चाची ने दो ग्लास में शराब डाली और दो सिगरेट जला लीं और एक मुझे देते हुए कहा, “जो मैं बताऊँ वैसे ही करना!”
“लेकिन चाची मैंने कभी स्मोक या ड्रिंक नहीं की है!” मैं थोड़ा हैरान होते हुए बोला।
“मादरचोद… नहीं की है तो आज कर ले… चुदाई भी तो तूने पहले कभी नहीं की है… मज़ा आयेगा.. बिलीव मी!” चाची बोली।
उसके बाद मीना चाची एक हाथ में व्हिस्की का ग्लास और एक में सिगरेट पकड़ कर मेरे सामने आई और बोली, “बहन के लौड़े! तू मुझे हाई हील के सैंडलों में इमैजिन करता है ना, चल अब अपने हाथों से मेरे पैरों में सैंडल पहना और फिर मेरा पेट चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और पीछे से मेरी गाँड के छेद में उंगली डाल और धीरे-धीरे से अपने मुँह से मेरे पेट को चूमते हुए मेरी बूर के ऊपर ला कर मेरी चूत को अभी सिर्फ़ ऊपर से ही चूस। मैं तुझ से नाचते हुए अपनी चूत चुसवाँऊगी, बाद में जब तू अपनी ड्रिंक और सिगरेट खतम कर लेगा तब तुझे बताऊँगी की औरतें अपनी चूत का पानी मर्दों को कैसे पिलाती हैं।”मैं तो उस समय कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था। मैं तो बार-बार यही सोच रहा था की मैं कोई सपना तो नहीं देख रहा हूँ। जिस औरत को नंगा देखना और चोदना मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मकसद था वो ही औरत मेरी बाहों में नंगी मुझ से चुदवाने के लिये मचल रही है। खैर, मैंने मीना चाची के आदेश अनुसार उनके गोरे-गोरे नरम पैरों को चूम कर उनको चार इंच ऊँची पेन्सिल हील्स वाले सैण्डल पहनाये। आज तक मैं चाची के सैक्सी सैण्डलों को चूम-चूम कर और अपने लंड पे रगड़-रगड़ कर मुठ मारता था पर आज वही नंगी चाची के सैण्डलों में बँधे पैरों को मैं चूम रहा था और इस का सीधा असर मेरे लंड पे हो रहा था।फिर मैं मीना चाची के बताय तरीके से उनको अपनी बाहों में भर कर चूमने और पैंटी उतारने लगा। मीना चाची अपने चूतड़ हिला-हिला कर अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी रही थी और जब मेरे होंठ मीना चाची की चूत के उभार पर टच हुए तो मीना चाची ने कस कर मेरा सर पकड़ा और चूत के उभार पर दबा दीया। वो मीठी-मीठी सितकारियाँ भरने लगी और बोली, “सुनील तुझे मैं ज़िंदगी का इतना प्यार दूँगी की जब तू अपनी बीवी को चोदेगा तो हमेशा मेरी ही चूत याद करेगा!”मैं भी मन लगा कर मीना चाची की चूत की दरार पर और उभार पर जीभ फेरने लगा। थोड़ी देर बाद मीना चाची के चूतड़ों में एक कंपन आया और मेरा सर जोर से दबाते हुए अपनी चूत का पानी बहार छोड़ दिया। उसके बाद मेरी बगल में बैठ गयी और बोली, “सुनील! आज पहली बार ऐसा हुआ है की मैं अपनी चूत चुसवाते हुए झड़ी हूँ!” दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मीना चाची की आँखें शराब और ओरगैज़्म के कारण नशीली हो रही थी। उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और चोंकते हुए बोली, “हाय-हाय सुनील! यह क्या हाल कर रखा है तूने अपने लंड का… तन कर एक दम फटने को हो रहा है… मेरेप्यारे सुनील! लंड को इतना नहीं अकड़ाते की लंड फट ही जाये और वैसे भी आज से यह लंड अब सिर्फ़ मेरा है… चल थोड़ा तेरे लंड को ढीला कर दूँ… फिर तुझे आराम से अपनी चूत का पानी पिलाऊँगी!”
इसके बाद मीना चाची ने मुझे एक छोटा सा पैग और दिया और एक-एक सिगरेट जला कर मेरे बदन से चिपट गयी, और मुझे खींच कर बिस्तर पर टाँगें सीधी कर के पीठ के सहारे बिठा दिया और बोली, “चल अब तू आराम से अपनी ड्रिंक और सिगरेट पी…!” और फिर मेरा लंड पकड़ कर कहा, “मैं लंड की ड्रिंक और सिगरेट बना कर पीयुँगी… और तेरी मस्ती निकले तो निकाल दियो मेरे मुँह में… लंड चूसना किसे कहते हैं अब मैं तुझे वो बताऊँगी!”
इतना कह कर मीना चाची ने अपने रसीले होंठ मेरे लंड के सुपाड़े पर रख दिए जो कि तन कर एक दम लाल टमाटर की तरह हो रहा था और फिर धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुँह के अंदर जीभ फिराते हुए सरकाने लगी। मुझे नहीं मालूम औरतों को लंड चूसते हुए कैसा लगता है पर मैं इतना बता सकता हूँ की कोई भी मर्द मादरचोद अपना लंड चुसवाने के बाद बिना चूत लिये रह नहीं सकता, चाहे उसे उसके लिये कुछ भी क्यों ना करना पड़े। मेरे उपर तो उस समय मीना चाची के नंगे बदन का नशा, व्हिस्की का नशा, सिगरेट का नशा और मीना चाची से लंड चुसवाने का नशा ऐसा छाया हुआ था की जैसे मैं किसी और दूसरी दुनिया में हूँ। ये चारों ही नशे ज़िंदगी में पहली बार मैं अनुभव कर रहा था।पहले तो मीना चाची बड़े प्यार से अपना मुँह उपर नीचे सरका-सरका कर मुझे लंड चुसाई का मज़ा देने लगी। मेरा पूरा लंड मीना चाची के मुँह में समा नहीं पा रहा था पर वो बहुत तबियत से मेरी आँखों में आँखें डाल कर चूस रही थी। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल था। मैने मीना चाची का सिर कस कर अपने हाथों में पकड़ लिया और हाथ से उनका सिर उपर नीचे करने लगा और नीचे से अपने चूतड़ उछाल- उछाल कर मीना चाची के मुँह में ही शाट देने लगा और जब मैं झड़ा तो मैंने कस कर मीना चाची का सिर पकड़ कर नीचे से एक शाट लगाया जिस से मेरा लंड सीधा मीना चाची के गले में जा कर फँस गया और उस समय मेरा पूरा साढ़े आठ इंच और ढाई इंच मोटा लौड़ा जड़ तक मीना चाची के मुँह में घुसा हुआ था और मेरी झाँट के बाल मीना चाची की नाक में घुस रहे थे। जब मैं शाट लगा कर मीना चाची के गले में अपना लंड फँसाकर झड़ रहा था उस समय मीना चाची बूरी तरह छटपटा रही थी और मुझ से दूर जाने की कोशीश कर रही थी पर मैंने भी कस कर उन का सिर पकड़ा हुआ था और जब तक मेरे पानी की आखिरी बूँद नहीं निकली, मैंने मीना चाची का सिर नहीं छोड़ा।
मीना चाची वाकय में बहुत चूदास औरत थी। इतनी तक्लीफ होने के बाद भी मेरे लंड का सारा पानी चाट-चाट कर पी गयी और एक भी बूँद बाहर नहीं गिरने दी। मीना चाची ने मेरा झड़ा हुआ लंड अपने मुँह से बाहर करा तो मैं बोला,“चाची आई एम सारी! पर यह मेरा पहली बार था इसलिये मैं अपने आप को कंट्रोल बाहर कर पाया!”
मीना चाची ने मेरे होंठ चूमते हुए कहा, “डार्लिंग तू सिर्फ़ मुझे मीना बोल… और मादरचोद मैं इसी तरह तो अपन बदन रगड़वाना चाहती हूँ… कसम से आज पहली बार लंड चूसने का असली मज़ा मिला है। ऐसा प्यारा और तगड़ा लंड हो तो मैं ज़िंदगी भर चूसती रहूँ!”
लंड चुसवाने के बाद मैं भी थोड़ा सा मस्त हो चूका था। मैंने कहा, “क्यों मीना चा… मेरा मतलब सिर्फ़ मीना… तुम्हारा इतना चुदास बदन है… तुमने शादी से पहले किसी से चुदवाया या नहीं?”
मीना चाची बड़े दुख से बोली “अरे नहीं रे, मेरे पास अपनी चूत फड़वाने के और नए-नए लंड लेने के मोके तो बहुत थे पर मैंने सोचा हुआ था के मैं अपनी चूत सुहाग रात वाले दिन ही अपने हसबैंड को दूँगी। पर मुझे क्या पता था की मेरीकिस्मत में ऐसा गांडू लिखा हुआ है। अगर मुझे पता होता तो मैं शादी से पहले जम कर अपनी चूत का मज़ा उठाती। तेरे चाचा का सिर्फ़ पाँच इंच लम्बा और एक इंच मोटा है और बस पाँच-छ: धक्के में ही झड़ जाता है और गांडू की तरह मेरी चूचियों पर उल्टा लेट कर सो जाता है!” इतना कह कर मीना चाची बिस्तर से उठीं और अलमारी से नौ इंच लम्बा वाइब्रेटर लेकर आयी और बोली, “अभी तक तो मेरा असली हसबैंड ये ही है जिस से मैं अपनी चूत की आग बुझाती हूँ। तेरे चाचा के अलावा तू पहला लड़का है जिस से मैं अपना नंगा बदन चुदवाऊँगी… बस तू मेरा साथ मत अलग करना!”
मीना चाची कहते-कहते बहुत भावुक हो गयी थीं। मैंने मीना चाची को अपनी बाहों में भर लिया और एक दम फ़िल्मी डाय़लोग मारते हुए बोला, “मीना डार्लिंग आज से मैं तुम्हारे जिस्म की भूख को शाँत करूँगा और जब तुम कहोगी उसी समय अपना लंड तुम्हारी सेवा में हाज़िर कर दूँगा! आज से तुम्हारे दुख के ओर वाइब्रेटर के दिन बीत गये। आज से तुम सिर्फ़ इस असली लंड का मज़ा लो…!” और इतना कह कर मीना चाची को दबा दबा कर उसके रसीले होंठ चूसने लगा।
मीना चाची की चूचियों का दबाव पाकर और उनकी मस्त मोटी-मोटी जवानी सीने से लगा कर मेरा लंड फिर से पूरा तन गया था। मीना चाची बोली, “भोसड़ी के! तेरा लंड है की मस्त गन्ना… देख तो सही कैसे खड़ा हो कर लहरा रहा है!”
मैंने कहा, “मीना यह तो फिर से तुम्हारे होंठों को ढूँढ रहा है चुसाने के लिये।”
मीना चाची बोली, “सुनील! गन्ना तो मैं अबकी बार अपनी चूत में ही चूसूँगी, पहले तो मुझे अपनी सिगरेट और ड्रिंक आराम से पीने दे और तू अपनी ड्रिंक मेरी चूत से निकाल कर पी… आ जा सुनील आज तुझे औरतों की चूत पीना सिखा दूँ!”
इतना कह कर मीना चाची अपने चूतड़ आराम से बिस्तर पर टिका कर बैठ गयी और अपनी दोनों टाँगें खोल कर पैंटी में कसी हुई चूत की मछलियों को दिखाने लगी। जब भी मैं मीना चाची और सोनिया की पैंटी सूँघता था तो बहुत ही मादक खुशबू आती थी। मैं भी देखना चाहता था की आखिर वो आती कहाँ से है। दोस्तों आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
इतने में मीना चाची बोलीं, “चल मादरचोद! मेरी टाँगें और जाँघें चूमते हुए मेरी पैंटी उतार और मेरी चूत में अपना मुँह लगा कर ऐसे चूस जैसे आइसक्रीम चूसता है और फिर अपनी जीभ को मेरी दरार के अंदर डाल और खूब घुमा-घुमा कर मेरी चूत को अंदर तक चाट, याद रहे चूसाई और चटाई तब तक चलती रहे जब तक मैं तुझे मना नहीं करूँ और इस दौरान अगर मेरी चूत से मेरी मस्ती निकले तो उसे अपनी ड्रिंक समझ कर चाट कर पी जाना!”
बड़ा ही सैक्सी सीन था। मीना चाची बिल्कूल नंगी, सिर्फ़ पैंटी और सैक्सी सैंडल पहने, एक हाथ में ड्रिंक और एक हाथ में सिगरेट लेकर स्मोक कर रही थीं। उनके मस्त मम्मों पर उनके भूरे-भूरे निप्पल ऐसे दिख रहे थे कि जैसे कह रहे हों किआजा… आज जी भर के मज़ा ले ले… बहुत मुठ मार ली तू ने… और फिर चाची ने अपनी चिकनी मस्त टाँगों को फैला दिया। मैंने भी झुकते हुए मीना चाची की मस्त जाँघों को बारी-बारी चूमते हुए खूब चाटा, और फिर मस्ती में पहली बार मीना चाची की पैंटी के उपर से ही उनकी चूत की दरार को चाटने लगा। मेरे होंठ मीना चाची की चूत पर लगते ही मीना चाची मस्ती में आ गयी और बोली, “सुनील अब जल्दी से मेरी पैंटी उतार के मेरी मस्त जवानी चूस ले,मदरचोद इतना मज़ा दूँगी कि किसी औरत ने आज तक किसी मर्द को नहीं दिया होगा!”
मेरे प्यारे दोस्तों मेरी आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिये मस्तराम.नेट (mastaram.net) और भी मस्त मस्त चुदाई की कहानिया लिखता रहुगा आप लोगो को मेरी ये रियल कहानी कैसी लग रही है प्लीज कमेंट जरुर कीजिये |