दोस्तों आप लोगो ने मम्मी की गदरायी चूत भाग 1 में जो पढ़ा अब उसके आगे लिख रहा हु …. संदीप अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब सुषमा नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो संदीप दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है
सुषमा- संदीप ओ संदीप, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर सुषमा उसके कमरे मे जाती है और संदीप अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, सुषमा उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और संदीप कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- क्या है मम्मी, सोने दो ना
सुषमा- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, पूजा भी गई है,
संदीप- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
सुषमा- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
संदीप- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर संदीप अपने खेतो की ओर चल देता है,
खेतो के बीचो बीच पूजा काम कर रही थी जब उसकी नज़र संदीप पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा संदीप खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है संदीप बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
संदीप- अरे नही पूजा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
पूजा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा पूजा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने संदीप का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
पूजा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और पूजा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही संदीप झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा, और फिर ऐसा ही हुआ पूजा के जाते ही संदीप जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, पूजा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि संदीप उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, संदीप पूजा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने पूजा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे पूजा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर संदीप का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया, कुछ देर बाद पूजा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब संदीप जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, पूजा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी पूजा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- जल्दी से पूजा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
पूजा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी पूजा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही संदीप उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र पूजा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,
पूजा- मन ही मन मुस्कुराते हुए संदीप की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
संदीप- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
पूजा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर पूजा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर संदीप की आँखो के सामने आ जाता है और पूजा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर संदीप की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
पूजा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, संदीप क्या देख रहा था तू
संदीप- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
पूजा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और संदीप उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
पूजा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता संदीप तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
संदीप- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
पूजा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
संदीप- नही काकी बिल्कुल नही
पूजा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और पूजा फिर से अपनी एक टांग उठा कर संदीप के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर संदीप के मुँह के सामने आ जाती है, संदीप उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह पूजा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
पूजा- संदीप तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
संदीप- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
पूजा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
संदीप- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
पूजा- क्या देखना नही चाहता है तू
संदीप- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
पूजा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
संदीप- कोई जवाब नही दे पाता है
पूजा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और पूजा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत संदीप के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर संदीप का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
पूजा- संदीप का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर संदीप को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
संदीप- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
पूजा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर संदीप कोई जवाब नही देता है, तब पूजा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
संदीप- किसी को नही काकी
पूजा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
संदीप- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
पूजा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
संदीप- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
पूजा की नज़रे संदीप के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास संदीप की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि संदीप के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
पूजा- संदीप को अपने पास सटा कर, अच्छा संदीप तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
संदीप- कौन है
पूजा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही संदीप का लंड झटका मारने लगा और पूजा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
पूजा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- यह तुम क्या कह रही हो काकी
पूजा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है, तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
संदीप- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
पूजा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और संदीप आह करके पूजा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
पूजा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल संदीप तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
संदीप- पूजा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
पूजा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही संदीप के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ पूजा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,
पूजा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,
पूजा की बाते सुन कर संदीप का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह पूजा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
पूजा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और संदीप के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, संदीप मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह पूजा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, पूजा संदीप के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी पूजा पी नही जाती है, संदीप पूजा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी पूजा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे पूजा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,
पूजा- संदीप को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
संदीप का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह पूजा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,
पूजा- संदीप को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर पूजा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर संदीप के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
संदीप- पूजा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,
पूजा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
संदीप- हाँ काकी क्यो नही और फिर संदीप अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और पूजा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय संदीप कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर संदीप उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और पूजा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को संदीप के लंड पर मारने लगती है, संदीप खूब हुमच-हुमच कर पूजा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद संदीप पूजा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और पूजा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,
पूजा- हाय संदीप ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता संदीप तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर संदीप पीछे से पूजा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
पूजा- आह आह हाय संदीप तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को संदीप- हा काकी मे अपनी मम्मी को खूब रगड़-रगड़ कर चोदना चाहता हू, जब घर मे चलती है तो दिल करता है उसे जाकर अपनी गोद मे उठा कर खूब प्यार करू, उसका चेहरा इतना भरा हुआ और खूबसूरत है कि दिल करता है उसके गालो होंठो को खूब चुसू और उसकी चूत मे लंड पेलते हुए उसकी जीभ का रस खूब चुसू, मम्मी को जब भी चोदु उसकी रसीली जीभ को चूस्ते हुए उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डालु, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
और फिर संदीप पूजा काकी की चूत मे पीछे से अपना मोटा लंड कस कर पेल देता है और सतसट उसकी कमर पकड़ कर धक्के पर धक्के मारने लगता है, वह चोद पूजा काकी को रहा था लेकिन उसकी बंद आँखो के सामने उसकी मम्मी की गदराई जवानी नाच रही थी, उसके हर धक्के के साथ उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपनी मम्मी की गान्ड मार रहा है, वह चोद पूजा काकी को रहा था लेकिन उसकी कल्पना मे उसकी मम्मी उसके सामने पूरी नंगी होकर अपनी चूत उठा-उठा कर अपने बेटे को दिखाते हुए नाच रही थी, उसने अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब नचा-नचा कर चूत और गान्ड मतकते हुए देखा था, और उसके हर धक्को के साथ उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मम्मी नंगी नाचती हुई उसे अपनी चूत दिखा-दिखा कर कह रही हो ले बेटा चढ़ जा अपनी मा के नंगे बदन पर और खूब कर कर चोद दे मेरी चूत को,
उसके धक्के की रफ़्तार अपनी मम्मी की नंगे बदन की कल्पना से बढ़ती जा रही थी और वह खूब कस-कस कर सतसट अपने मोटे लंड को पूजा काकी को घोड़ी बना कर उसकी चूत मार रहा था, उधर पूजा काकी उस धमाकेदार चुदाई से पूरी तरफ मस्त हो चुकी थी, तभी संदीप की आँखो के सामने कल्पना मे उसकी मम्मी ने अपनी दोनो जाँघो को फैलाकर अपना मदहोश कर देने वाला भोसड़ा दिखाया तो संदीप अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी की मस्त चूत को खूब कस-कस कर चोदता हुआ एक दम से झाड़ गया और उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की फूली हुई चूत ने उसका सारा पानी पूजा काकी की चूत मे गिरवा दिया था, संदीप से चुदवाने के बाद पूजा अपने पेट के बल अपनी गान्ड उठाए हुए लेटी थी और संदीप उसके भारी भरकम चुतडो की गहरी दरार मे अपनी उंगलिया घुमा रहा था,
संदीप- काकी तुम्हारी मोटी गान्ड और इसका यह भूरा छेद कितना अच्छा लग रहा है,
पूजा- अरे बेटा जब अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार को फैला कर देखेगा तो खड़ा-खड़ा मूत देगा
संदीप- क्यो इतनी मस्त है क्या मम्मी की गान्ड
पूजा- अरे बेटा उसके गोरे-गोरे भारी भरकम चुतडो को चाटने और चोदने के लिए तो पूरा गाँव पागल है पर किसी को उसकी गान्ड की गहराई देखने का मोका नही मिला, तेरी मम्मी की जगह कोई चालू रांड होती तो अब तक सारे गाँव का लंड अपनी गदराई गान्ड मे ले चुकी होती, पर तेरी मम्मी पर हाथ रखने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई और तो और तेरा बाप भी उसे कहाँ ढंग से चोद पाता है, सच कहु उसे तेरे जैसे मोटे लंड की ठुकाई से ही राहत मिलेगी, तेरा मोटा लंड देख कर तो ऐसा लगता है जैसे इसे तेरी मम्मी को चोदने के लिए ही बनाया गया है,
संदीप- अपने दोनो हाथो से पूजा की दोनो गान्ड को फैला कर उसकी गुदा को सूंघ कर आह काकी कितनी मस्त गुदा है तुम्हारी मे अपना लंड एक बार इसमे भी डाल दू
पूजा- एक दम से पलट कर ना बेटा ना, मे अपनी गान्ड नही मरवाउंगी, तुझे ज़्यादा गान्ड मारने का मन कर रहा है तो जा कर अपनी मम्मी की गान्ड मार उसकी गान्ड है भी बहुत मोटी तेरा मोटा लंड सह लेगी, मे तो तेरा ये मूसल अपनी गान्ड मे लेकर मर ही जाउन्गि, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
संदीप- पर काकी मम्मी मुझे कहाँ अपनी गान्ड दे देगी तुम ही मार लेने दो ना,
पूजा- नही बेटे तेरा लंड तेरी मम्मी की गान्ड मे ही सही रहेगा, कोशिश करके देख ले शायद तुझसे अपनी चूत और गान्ड मरवाने के लिए राज़ी हो जाए,
संदीप- कुछ सोच कर, तो काकी तुम ही कोई उपाय बताओ ना
पूजा- बेटा मे क्या उपाय बताऊ, फिर भी मे कोशिश करूँगी चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले हमे बहुत देर हो गई है कोई इधर ही ना चला आ रहा हो,
पूजा का शक सही निकला और दूर से सुषमा आती हुई दोनो को दिखाई देती है, सुषमा को देख कर पूजा खेतो के बीच मे काम करने पहुच जाती है और संदीप इधर उधर के काम मे लग जाता है,
कुछ देर बाद तीनो पेड़ की छाया मे बैठ कर बाते करने लगते है, संदीप खाना खा कर बैठ जाता है तब सुषमा उसे कुछ देर झोपड़ी मे आराम करने को कह देती है और फिर जब संदीप झोपड़ी मे चला जाता है तब सुषमा अपने पल्लू से तेल की छ्होटी सी शीशी निकाल कर पूजा को देते हुए
सुषमा- ले पूजा पकड़ ये तेल और एक बार और कस कर मेरे पैरो की मालिश कर दे ना जाने क्यो इतना दर्द बना हुआ है उस समय तुझसे मालिश करवाई तो कुछ ठीक हो गया था पर अब तो जाँघो मे भी जकड़न महसूस हो रही है, ले ज़रा अच्छे से कस कर मालिश कर मे यही पेड़ के नीचे लेट जाती हू,
पूजा- मुस्कुराते हुए सुषमा की साडी को उसकी कमर तक कर देती है,
सुषमा- अरे क्या कर रही है पूरी नंगी कर दिया तूने कही संदीप बाहर आ गया तो वह देख लेगा
पूजा- अपने हाथो मे तेल भर कर उसकी गदराई जाँघो मे लगा कर मसल्ते हुए, अरे मालकिन देख भी लेगा तो क्या हुआ अब तुम्हारा संदीप भी कोई बच्चा नही रहा अब तो उसे भी तुम्हारे जैसी गदराई औरत को चोदने का मन करता होगा,
सुषमा- क्या अनब सनब बक रही है मेरे बेटे के बारे मे, चुपचाप मालिश कर आह हाँ यही सबसे ज़्यादा दर्द है
पूजा- मुस्कुराते हुए, मालकिन तुम्हारी मोटी जंघे खूब कस गई है लगता है बहुत समय से इन्हे किसी मर्द ने दबोचा नही है इसलिए खून बँध गया है इनमे,
सुषमा- अब इस बुढ़ापे मे कौन दबोचेगा मेरी जंघे
तभी पूजा सुषमा की चूत को सहला देती है और हाय मालकिन तुम्हारी चूत से तो पानी बह रहा है
सुषमा- थोड़ा शर्मकार मुस्कुराते हुए, हाँ रे जब तू इस तरह छुएगी तो पानी नही तो क्या बहेगा,
पूजा- एक बात कहु मालकिन
सुषमा- क्या
पूजा- अपने कभी घोड़े जैसा मोटा और लंबा लंड देखा है,
सुषमा- नही तो, क्यो तूने किसका देख लिया
पूजा- कुछ नही बस ऐसे ही पुंछ लिया
सुषमा- अब ज़्यादा नखरा ना छोड़ बता भी किसका देखा है तूने
पूजा हल्के से मुस्कुराते हुए समझ गई थी कि सुषमा की चूत बहुत चुदासी है उसने धीरे से अपने हाथ मे ढेर सारा तेल लेकर सुषमा की चूत को खूब फैला कर उसमे भर कर उसकी चिकनी चूत को मसल्ने लगी,
सुषमा- आह यह क्या कर रही है पूजा, अब बता भी दे तूने किसका मोटा लंड देखा है
पूजा- रहने दो मालकिन आप नाराज़ हो जाओगी
सुषमा- अरे नही रे मे भला तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू तू तो मुझसे हर तरह की बाते कर लेती है अब बता भी दे |
मित्रो कहानी पढ़ने के साथ साथ अपने विचार भी निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में लिखते जाये तो कहानी लिखने का मजा ही कुछ और होगा आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए और मस्तराम डॉट नेट के साथ मस्त रहिये |