गतांग से आगे ….
यह बिल्कुल अज़ीब सवाल था पर मैं बोला- भाभी आप बहुत अच्छी लगती हो और प्यारी भी !
भाभी बोली-
क्या मेरे पैर सहलाना अच्छा लगता है?
मैंने कहा- हाँ !
भाभी ने अपनी साड़ी उठा दी और बोली- लो मिंटु सहलाओ !
और मेरा हाथ पकड़ कर टांगों पर रख दिया। मैं सहलाने लगा, दोनों टांगों को सहलाते हुये काफ़ी देर हो गई। भाभी मुस्कुरा रही थी मुझे मजा आ रहा था और मेरी तेज़ी बढ़ गई थी।
भाभी ने पूछा- क्युं मिंटु बाबु ! कभी मन करता है कि अपनी भाभी को नंगी देखो।
मैंने जवाब दिया- भाभी करता तो है और कभी कभी आपको नहाते हुए जीने पर से झांक कर देखा है।
भाभी शरमा गई और बोली- हाय दैया ! तुमने मुझे नंगा देखा है और मुझे मालूम नहीं चला? यह कैसे हुआ?
मैंने कहा- अरे, कुछ दिखा ही नहीं था ! बस आप पेशाब के लिये बैठी और मैंने देख लिया ऊपर से कुछ नहीं दिखा था।
भाभी बोली- क्या तुम मुझे नंगी देखना चाहते हो सही में? तुम्हारी भाभी इतनी सुंदर है?
मैंने शरमाते हुये कहा- जी भाभी।
भाभी बोली- पहले मुझसे कहो तो कि भाभी आप मुझे अपना नंगा शरीर दिखा दो तो मैं दिखा देती तुम मेरा कुछ छीन थोड़े ही लोगे। मैंने कहा- सच भाभी जी ! क्या आप मुझे नंगी हो कर दिखा सकती हो? क्या आप अपने कपड़े मेरे सामने उतार देंगी? सही में प्लीज़ भाभी ! मैं आपको नंगी देखना चाहता हूं, क्या मैं आपको नंगी कर सकता हूं ? प्लीज़ भाभी प्लीज़ ! मैं आपको नंगी करना चाहता हूँ।
भाभी खिलखिला का हँस दी और बोली- अरे मेरे भोले मिंटु देवर ! तुम कहो तो लो टांगें छोड़ो ! चलो करो अपनी शीतल भाभी को नंगी।
बस इतना सुनना था कि मैं भाभी से लिपट गया और उनके सीने से चिपक गया। भाभी ने मुझे अपने सीने से चिपटा लिया और मेरा चेहरा अपने सीने में दबा कर बोली- जैसे चाहे भाभी को देखो और नंगा करो पर तुमको कसम है चोदना नहीं।
मैंने कहा- चोदना क्या होता है ?
भाभी बोली- वो भी सिखाऊंगी ! अभी सिर्फ़ नंगा करो और सहलाओ। बस और मज़ा लो।
मैंने भाभी की साड़ी उतार दी, भाभी ब्लाउज और पेटीकोट में थी। दूध सा सफ़ेद रंग और नीले पेटीकोट और ब्लाउज में भाभी मैचिंग में थी। फिर मैंने भाभी का ब्लाऊज का हुक खोला- एक, दो, तीन, चार, फिर आखरी पांचवां और मुझे बीच की लकीर दिखी। दो पहाड़ियों के बीच खाई मस्त लग रही थी। अंदर काली अंगिया नेट वाली थी जिसमें से चूचियाँ बाहर छलक रही थी। मस्त नज़ारा था ! और खूबसूरती लाजवाब थी।
भाभी घूम गई और बोली- चलो, जल्दी से ब्रा का हुक तो खोलो।
और मैंने हुक खोल दिया। भाभी ने बिना घूमे ब्रा उतारी और मुझे दे दी। मैंने ब्रा पकड़ी और उसको टटोलने लगा। भाभी ने मुड़ कर देखा तो हँस पड़ी बोली- मेरे भोले राजा, इसमें कुछ नहीं है जो भी है मेरे पास है ! लो देखो ! आओ देखने की चीज़ है। दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
और मेरे सामने दो गोल गोल लडडू जैसे मस्त सफ़ेद सुंदर गोरे प्यारी चूची दिख रहीं थी जो कसी हुई थी और एकदम अकड़ी हुई थी, जरा भी लोच नहीं था। 35 साल की भाभी पूरी मस्त थी।
मैंने उनकी तरफ़ हाथ बढ़ाया तो भाभी बोली- नहीं पहले पेटीकोट तो खोलो यार।
मैंने पेटीकोट का नाड़ा बाहर निकाला जिसमें कुछ बाल खिंचे, भाभी बोली- आराम से निकाल ! नहीं तो बाल टूट जायेंगे।
मैंने नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे फिसल गया और भाभी एकदम निर्वस्त्र मेरे सामने थी सामने से बाल ज्यादा थे और उनकी बुर नहीं दिख रही थी। भाभी एकदम दूध जैसी थी बस उनके चुचूक हल्के भूरे थे वरना बेदाग भाभी एकदम अंग्रेज़ी फ़िल्म की हीरोईन लग रही थी।
मेरा लंड एकदम तन चुका था, मैं अपना लंड कस के पकड़े था और दबा रहा था।
भाभी बोली- मेरे पास आओ।
मैं भाभी के पास गया तो भाभी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे नंगा कर अपने से चिपका लिया और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मैं लेटा था कि मेरा लंड ने धार मार दी जो भाभी की झांटों पर गिरी।
भाभी बोली- लो, तुम तो अभी ही निकल लिये और जगह भी देख कर मारी है।
और भाभी अपने ब्लाऊज से मेरा लंड और झांटें साफ़ करने लगी और साथ साथ मेरा लंड दबा रही थी। अभी मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि भाभी ने मेरा लौड़ा पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया।मेरा पारा चढ़ गया और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। भाभी मेरा लंड चूसती रही, 15 मिनट 20 मिनट लगातार चूसते चूसते मेरा लंड एक बार फिर उनके मुँह में झड़ गया।
भाभी बोली- थोड़ा रोका तो करो सब मेरे मुँह में कर दिया।
मैंने कहा- भाभी, आप ऐसा कर रही हो, मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा है ! क्या मैं आपका लंड चूस सकता हूँ।
भाभी बोली- धत्त ! औरतों के लंड नहीं बुर होती है ! और उसको चूसना है तो लो चूस लो ! पर पहले क्या मेरा दूध पियोगे?
मैंने शरमाते हुए कहा- हाँ। दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
फिर भाभी मेरे पास लेट गई और अपनी चूची मेरे मुँह में दे दी। मैं लगातार बड़ी बड़ी चूची चूसता रहा।
भाभी बोली- देवर जी, जरा मुझे सहलाओ तो !
और मैं उनके शरीर को अपने हाथों से रगड़ने लगा। मैं इतनी तेज़ी से दबा रहा था और सहला रहा था कि कभी कभी भाभी हिनहिनाने लगती- और तेज़ मिंटु और तेज़।
मैं लगातार उनकी चूची चूस रहा था कि भाभी ने मेरा हाथ अपनी बुर पर रखा और बोली- अब इसको रगड़ डालो !
मैं लगातार उनकी चूची चूस रहा था कि भाभी ने मेरा हाथ अपनी बुर पर रखा और बोली- अब इसको रगड़ डालो !
मैं बुर रगड़ने लगा, भाभी मस्त होने लगी, आवाज़ें निकालने लगी आऽऽ आऽऽऽआ ऊऊऽऽऊऊ ईईईऽऽऽऽईईईइ ! मेरे उंगली करो ! मिंटु उंगली डालो बुर बुर में ! जल्दी करो ! कस के करो ईईऽऽ॥ ईईईईईआआआ आआआअ ईईईईईए ! कस के रगड़ो ! नोचो ना ! काट डालो।
मैं लगातार उंगली कर रहा था और 15 मिनट की उंगली चुदाई ने उनको झाड़ दिया और मेरा हाथ उनके झड़ने से गीला हो गया। भाभी ने मेरे होंठों पर चूमा और पूछा- मज़ा आया?
मैंने कहा- बहुत ज़्यादा, भाभी क्या मैं आपकी पप्पी ले सकता हूँ?
भाभी बोली- और क्या ले लो ! जितनी चाहे और जहाँ चाहे।
मैंने तुरंत भाभी के होंठों को चूमना शुरू किया लगातार उनको चूमता रहा। 15 मिनट में फिर एक बार झड़ गया और इस बार भाभी बोली- धत्त पगले ! तू जब-तब धार मार देता है ! तेरा इंतजाम करना पड़ेगा।
और भाभी बोली- जब भी किसी को किस करते हैं तो उसको चूस कर करते हैं !
और भाभी ने मेरे होंठों को दो मिनट चूसा और बोली- ऐसे !
तो मैंने कहा- मैं भी ऐसे पप्पी लूंगा !
और मैंने तुरंत भाभी के होंठों पर अधिकार किया और पूरा 5 मिनट चूसा। जब छोड़ा तो भाभी बोली- अबे, ऐसे नहीं किया करो, सांस रुक जायेगी !
मैंने कहा- पर भाभी मुझे अच्छा लगा है।
भाभी हँस दी और बोली- मज़ा आ गया। अब तो मुझे तंग नहीं करोगे ? जब प्यार करना हो, दिन में आ जाना और मुझे नंगा कर प्यार करना ! चलो अब पढ़ाई करते हैं।
मैंने कहा- भाभी यह तो बताइये कि चोदा कैसे जाता है ?
तो भाभी बोली- यह जो बुर है इसमें जो ये लंड तुम्हारे पास है, उसको धक्के से अंदर किया जाता है और फिर लगातार धक्के मार कर जो धार तुम मारते हो उसको अंदर गिरा देते हैं उसको चोदना या चुदाई कहते हैं।
मैंने कहा-
क्या भाई साहब भी ऐसे ही चोदते हैं?
भाभी बोली- और क्या। दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |
मैंने कहा- भाभी, मैं भी तुमको चोदूँगा प्लीज़ !
भाभी बोली- नहीं, अभी नहीं ! अभी ऐसे ही प्यार से काम चलाओ ! ऐसे मज़ा आता है या नहीं?
मैंने कहा- आता है !
तो भाभी बोली- बस लो बुर को चाटो और पढ़ो !
मैंने 5 मिनट बुर चाटी और फिर हमने कपड़े पहने और भाभी मुझको चूची चुसा चुसा के पढ़ाने लगी और मैं रोज़ उनसे ऐसे ही पढ़ने लगा। कभी चूची चूसते हुये, कभी सहलाते हुये, कभी बुर में उंगली करते हुये, कभी गांड़ में उंगली करते हुये कभी लंड चुसाते हुये, कभी किस करते हुये और मैंने एक दिन उनको चोदा भी ! पर उस चुदाई को अगली कहानी में | अभी सिर्फ़ मेरी शुरुआत को पढ़िये | मैं आंटी और लौंडियों का दीवाना हूँ पर मस्त मोटी भाभी और आंटी मेरी कमजोरी है। मुझे दूध पीना और गाण्ड मारना अच्छा लगता है।
दोस्तों अभी और भी कई अन्टियो और भाभियों को चोद चूका हु | वैसे भाभी या आंटी को चोदने में जो मज़ा है वो कुवारी लड़की को चोदने में नहीं मिलता है | मैंने ए आजमाया है |
तो दोस्तों मेरी कहानी कैसी लगी जरुर बताना |