मेरी बहन और अंकल के मजे

प्रेषक: रहमान

 हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रहमान है और आज मैं आप लोगों को अपनी बहन आशिया की स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. सब से पहले मैं अपना और अपनी फॅमिली का इंट्रोडक्षन दे दूं. मेरी फॅमिली मे 4 मेंबर्ज़ हैं, पापा, मम्मी, मेरी बड़ी बहन आशिया और मैं, मेरी एज 18 है और मैं इंटर पार्ट 2 का स्टूडेंट हूँ, मेरी बहन की एज 23 साल है और उसने बी.कॉम किया है और वो आज कल ऐक प्राइवेट कंपनी मे पर्सनल सेक्रेटरी की जॉब करती है, पापा ऐक बॅंक मे जॉब करते हैं जब के मम्मी पूरी हाउस वाइफ हैं.

मेरी बहन अपनी जॉब की वजा से काफ़ी बोल्ड ड्रेसिंग करती है यानी वो ट्राउज़र्स टी-शर्ट्स और जीन्स पहनती है और कमीज़ शलवार सूट अगर पहनती है तो वो टाइट फिटिंग का होता है और बड़े गले का. मम्मी पापा को आशिया की ड्रेसिंग पर कोई अतरहमाऩ नही था. मेरी बहन परदा भी नही करती है इस लिए आते जाते मोहल्ले के बदमाश लड़के आशिया को छेड़ते थे जिस की आशिया को कोई परवाह नही थी बालके वो अक्सर लड़कों के छेड़ने पर मुस्करा देती थी, वैसे आशिया का फिगर भी कमाल का है और वो खूबसूरत भी बोहत है, उनका रंग गोरा था बॉल काले और लंबे थे, कमर पतली और भरे भरे गोल गोल चूतर उस पर कयामत उनके बूब्स जो के ऐक दम तने हुए और उठे हुए थे जो दिखने मे बोहत सेक्सी लगते थे यू समझे के आशिया दिखने मे बोहत सेक्सी लगती है और जो कोई भी ऐक नज़र उनको देखता तो देखता ही रह जाता है. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …

मेरी मोहल्ले के लड़कों से दोस्ती थी और जब वो लोग आशिया के बारे मे गंदी गंदी बाते करते तो मैं उनसे लड़ पड़ता था तो वो लोग मुझे बोलते थे के जब तेरी बहन को कोई अतरहमाऩ नही है तो तू कॉन होता है अतरहमाऩ करने वाला, मैं फिर भी उनसे लड़ता था के तुम लोग मेरी बहन को बदनाम कर रहे हो तो वो लोग हंसते थे और बोलते थे के तेरी बहन ऐक रंडी है और हम सब तेरी बहन को चोद चुक्के हैं इस लिए तो तेरी बहन हमारी बातों पर मुस्करती है. मैं उन लोगों की बात पर कभी यकीन नही करता था और समझता था के वो लोग सिर्फ़ मुझे गुस्सा दिलाने के लिए और अपनी थरक पूरी करने के लिए ऐसा बोलते हैं. अब मैं आता हूँ स्टोरी की तरफ, ऐक बार पापा को अपने बॅंक की तरफ से चंद दिनो के लिए शहर से बाहर जाना था, फिर जब शाम मे पापा घर आए तो उनके साथ ऐक 75 या 80 साल का ऐक बुड्ढ़ा आदमी भी था पर वो अपनी ड्रेसिंग से कोई अमीर आदमी लगता था और उस आदमी की सेहत भी बोहत अछी थी, पापा ने उस आदमी का इंट्रोडक्षन करवाया के ये मेरे बॅंक मॅनेजर हैं शाहिद साहिब और मैं इनके साथ कल सुबह की फ्लाइट से जाउ गा, इनका घर दूर है इस लिए आज रात ये हमारे घर ही रहेंगे . हमारा घर डबल स्टोरी है, निचले वाले फ्लोर पर ड्रॉयिंग रूम, टीवी लॉंच, डिन्निंग रूम और मम्मी पापा का बेडरूम है जब के उपर के फ्लोर पर मेरे और आशिया के बेडरूम के अलावा 2 रूम्स और भी हैं जो सिर्फ़ गेस्ट्स के लिए हैं के कोई आए तो उनको इन रूम्स मे ठहराया जाय, तो मम्मी ने पापा के बॅंक मॅनेजर शाहिद साहिब (शाहिद साहिब की उमर बोहत ज़ियादा है इस लिए मैं उनको शाहिद अंकल के नाम से लिखूंगा) के लिए उपर के फ्लोर पर ऐक कमरा सेट कर्दिआ. पापा फ्रेश होने चले गये जब के मम्मी खाना बनाने के लिए किचन मे, मैं भी उनको हेलो कर के अपने बेडरूम मे आ गया पढ़ाई के लिए क्यूँ के मेरे एग्ज़ॅम करीब थे और शाहिद अंकल के साथ ड्रॉयिंग रूम मे सिर्फ़ आशिया बैठी थी.

तकरीबन घंटा भर तक मैं ने पढ़ाई करी फिर मैं नीचे आने लगा, अभी मैं सीढ़ियों पर ही था के मुझे आशिया चाय की ट्रॉल्ली लेकर ड्रॉयिंग रूम मे जाती हुई नज़र आई, मैं अभी उपर ही था इस लिए आशिया मुझे ना देख सकी और फिर मैं जब तक नीचे उतरा आशिया ड्रॉयिंग रूम मे जा चुक्की थी, मैं ने भी सोचा था के मैं भी जाकर उनके साथ बैठ जाउ ये तो अछा नही होगा के मेहमान घर मे आया है और मैं अपने कमरे मे घुसा हुआ हूँ. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …

अभी मैं ड्रॉयिंग रूम के गेट पर ही था के मुझे आशिया शाहिद अंकल के आगे झुकी हुई नज़र आई, जो पोज़िशन इस वक़्त आशिया की थी वो देख कर मैं बाहर ही रुक गया और साइड मे छुप कर अंदर देखने लगा, आशिया चाय का कप हाथ मे पकड़े हुए शाहिद अंकल के सामने झुकी हुई थी, आशिया ने हमेशा की तरहा खुले गले का शलवार सूट पहना हुआ था, झुकने की वजा से उनका दुपट्टा फिसल कर उनके पैरों मे गिर पड़ा था और बड़े गले से झुकने की वजा से आशिया के बड़े बड़े बूब्स आधे से ज़ियादा कमीज़ से नज़र आ रहे थे और शाहिद अंकल की नज़रे मुसलसल आशिया के बूब्स पर ही थी जब के आशिया को पता था के शाहिद अंकल कहा देख रहे हैं इस लिए वो मुस्करा रही थी और अपने बूब्स के जलवे शाहिद अंकल को दिखा रही थी, फिर जब आशिया बोली तो मैं हेरात से पागल होगया, आशिया मुस्कराती होई बोली, अगर आप ने दिल भर कर मेरे बूब्स को देख लिया हो तो चाय पकड़ लो मैं कब तक इसी तरहा खड़ी रहूंगी जी. शाहिद अंकल आशिया की बात सुनकर मुस्कराए और बोले, अभी ऐसे ही खड़ी रहो जान-ए-मन जब तक मेरा सही से खड़ा नही हो जाता. शाहिद अंकल की बात सुनकर मैं और हेरान हुआ के अभी उन्हे हमारे घर मे आए हुए 1 घंटा ही हुआ था और वो आशिया को जान-ए-मन कह कर मुखातिब कर रहे थे. बाजी मुस्कराई और बोली, पहले चाय ले लो फिर दिल भर कर देखते रहिए गा मेरे बूब्स को. शाहिद अंकल बोले, मेरा तो दूध पीने को दिल चाह रहा है और तुम चाय पीला रही हो, ये ग़लत बात नही है क्या? बाजी मुस्करा कर बोली, दूध भी पिला दूँगी पहले आप ये चाय पी लो. शाहिद अंकल ने बाजी के हाथ से चाय का कप लेकर टेबल पर रख दिया, बाजी सीधी होने लगी तो शाहिद अंकल ने खींच कर बाजी को अपनी गौद मे बिठा लिया और उनके बूब्स को दबाने लगे, और बोले, मेरी जान अभी पिला नही रही तो दिखा दो, बाजी ने मुस्करा कर खुद से अपने होन्ट शाहिद अंकल के होंटो से मिला दिए और उनका ऐक भरपूर किस लेकर बोली, अभी मैं दिखा भी नही सकती क्यूँ के कोई आ सकता है, पूरी रात आप की होगी रात मे आप चाहे मेरा दूध पिए या जो दिल आप का चाहे मेरे साथ करो पर रात तक इंतिज़ार करो. शाहिद अंकल ने कस कर बाजी के बूब्स को दबाया तो बाजी की सिसकारी निकल गई, शाहिद अंकल ने बाजी को किस किया और बोले, ठीक है जानेमन तुम कहती हो तो ठीक है पर रात का मुझे बेसब्री से इंतिज़ार रहे गा. शाहिद अंकल ने बाजी को फिर से किस किया और बाजी उनकी गौद से उठ गई. मैं ने अब अंदर जाना मुनासिब नही समझा और वापिस अपने कमरे मे आगया.

कमरे मे आकर मैं सोचने लगा के मुहल्ले के लड़के आशिया के बारे मे जो कुछ बोलते हैं वो सब ठीक है, मुझे आशिया और शाहिद अंकल की हरकते देख कर गुस्सा नही आया था, अपनी बहन की खूबसूरती पर तो मैं खुद मरता था और मैं कई बार अपनी बहन के नाम की मूठ लगा चुक्का था, अब मुझे रात का इंतेज़ार था, और्र अब मैं अपनी बहन का असली रूप तो देख ही चुक्का था और्र अब मैं उनको चुदवाते हुए भी देखना चाहता था. फिर मैं रात के खाने तक कमरे मे ही रहा इस दोरान मैं ने आशिया के नाम की मूठ भी मार ली थी. खाने के बाद चाय का दोर चला और बाते भी हुई तो मैं कुछ देर उनके साथ बैठा रहा फिर पढ़ाई का बहाना कर के अपने कमरे मे आगया, अब मुझे शिद्दत से अम्मी अब्बू के सोजाने का इंतिज़ार था. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …

मेरा और आशिया को रूम बराबर मे था इस लिए जब आशिया अपने रूम मे आई तो मुझे पता चल गया और्र अब मैं सोचने लगा के क्या आशिया शाहिद अंकल के पास जाएँगी या शाहिद अंकल आशिया के रूम मे आएँगे . मैं दुवा माँगने लगा के काश शाहिद अंकल आशिया के रूम मे आ जाएँ क्यूँ के अगर शाहिद अंकल आते तो मैं बोहत आसानी से आशिया के रूम मे झाँक सकता था वो इस तरहा से के मेरे रूम का और आशिया के रूम का ऐक कंबाइन डोर था जिस के की होल से मैं आसानी से उनके रूम मे झाँक सकता था जब के आशिया शाहिद अंकल के रूम मे चली जाती तो मुझे थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था. फिर आख़िर कार मेरी दुवा क़बूल हुई और मुझे आशिया के डोर पर हल्की सी दस्तक सुनाई दी, दस्तक की आवाज़ सुनकर मैं ख़ुसी से उछल पड़ा, मैं ने जल्दी से आकर कंबाइन डोर के की होल से आँख लगा दी, अंदर का मंज़र देख कर मेरी आँखे खुली की खुली रह गई, अंदर आशिया सिर्फ़ ब्रेज़ियर और अंडरवेर मे थी और वो ऐक सेक्सी नाइटी पहन रही थी, इतनी देर मे फिर दस्तक हुई तो बाजी ने नाइटी पहन कर जाकर दरवाज़ा खोल दिया. दरवाज़े की तरफ का मुझे नज़र नही आरहा था जब के आवाज़ मे सॉफ सुन सकता था, मुझे शाहिद अंकल की आवाज़ सुनाई दी, जानेमन काफ़ी देर लगी दरवाज़ा खोलने मे, बाजी की सेक्सी मे डूबी होई आवाज़ सुनाई दी, देर मैं आप के लिए नाइटी पहन रही थी मैं ने सोचा आप का ऐक अलग स्टाइल से इस्तक़्बाल करू, शाहिद अंकल की आवाज़ आई, ये नाइटी तो कुछ देर मे उतर ही जाएगी तो पहनने का किया फ़ायदा? आशिया बोली, मैं चाहती थी के मेरी ये नाइटी आप ही उतारे, मुझे बेचैनी हो रही थी के ये दोनो जल्दी से बेड पर आओ ताकि मैं उनको देख भी सकू. फिर मुझे दरवाज़ा बंद होने और किस करने और उहह आहह की आवाज़े सुनाई दी, शायद शाहिद अंकल आशिया को किस करने के साथ साथ उनके बूब्स भी दबा रहे थे जिस की वजा से उनकी सिसकारियाँ निकल रही थी.

थोड़ी देर बाद शाहिद अंकल आशिया को अपनी गौद मे उठाए बेड तक आए और उन्हो ने आशिया को बेड पर लिटा दिया, आशिया को लिटा कर उन्हो ने बड़े प्यार से आशिया की नाइटी को उतारा, अब आशिया सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे शाहिद अंकल के सामने थी, फिर शाहिद अंकल ने आशिया की ब्रा और पॅंटी भी उतार दी, अब आशिया बिल्कुल नंगी थी, शाहिद अंकल खड़े होकर आशिया को देख रहे थे, आशिया मुस्करा कर बोली, ऐसे क्या देख रहे हैं आप? शाहिद अंकल बोले, तुम्हारा जिस्म बोहत खूबसूरत और सेक्सी है, आहह मैं कितना खुश नसीब हूँ के मुझे आज रात के लिए तुम जेसी लड़की मिली है. आशिया ने शाहिद अंकल का हाथ पकड़ कर खींचा तो वो आशिया के उपर गिर पड़े, आशिया बोली, सिर्फ़ मेरे जिस्म को देखते ही रहेंगे या प्यार भी करेंगे? शाहिद अंकल बोले, तुम्हे प्यार तो मैं पूरी रात करूँगा, ये कह कर वो आशिया को किस करने लगे, जब के मैं अपना लंड मसलते हुए अंदर झाँकता रहा. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …

अब शाहिद अंकल बुरी तरहा से बालके किसी पागल कुत्ते की तरहा आशिया के बूब्स को चूम और चाट रहे थे जब के आशिया के मुँह से मस्ती के आलम मे आआहह अहह उहह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआहह उईईईईईईइमाआआआआआआ जेसी आवाज़े निकल रही थी. काफ़ी देर तक शाहिद अंकल ने आशिया के बूब्स को चॅटा फिर वो आशिया की चूत को चाटने लगे तो आशिया बुरी तरहा से सिसकने और तड़पने लगी, और थोड़ी देर बाद ही बगैर चुदवाये ही फारिग होगई. आशिया जज़्बाती लहजे मे कहने लगी, आप और कितना मुझे तड़पेंगे अब मुझे चोद भी डालिए. शाहिद अंकल मुस्कराते हो उठ कर बैठे और बोले, तुम्हारी चुदाइ तो मैं बोहत ज़ोरदार तरीके से करूँगा पहले तुम मेरे लंड को तो प्यार कर लो. आशिया सिसक कर बोली, तो आज़ाद करिए ना अपने लंड को बेचारा कब से मेरे प्यार के लिए तड़प रहा होगा.

फिर शाहिद अंकल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए तो मैं शाहिद अंकल का लंड देख कर हेरान रह गया, शाहिद अंकल का लंड कोई 10 तो लंबा होगा और 3 इंच तक मोटा. शाहिद अंकल का लंड देख कर तो हेरान आशिया भी हुई थी, वो कहने लगी, उफफफ्फ़ इतना बड़ा और मोटा लंड आज तो मेरी चूत का हाल खराब होने वाला है. शाहिद अंकल मुस्कराए और बोले, मेरी जान अब जो भी हो तुम्हे बर्दाश्त करना होगा, आशिया बोली, उफ़फ्फ़ तो मैं ने कब इनकार किया है. फिर शाहिद अंकल लेट गये और आशिया उठ कर बैठ गई, लेटे से शाहिद अंकल का लंड किसी पाइप की तरहा सीधा खरा होगया था, आशिया ने उनके लंड को पकड़ लिया और अपनी ज़ुबान से उनका लंड चाटने लगी. काफ़ी देर वो शाहिद अंकल के लंड को चाट्ती रही फिर उन्हो ने शाहिद अंकल के लंड को मुँह मे ले लिया और वो शाहिद अंकल का लंड कुलफी की तरहा चूसने लगी. आशिया उनका लंड अपने मुँह मे अंदर बाहर कर रही थी पर शाहिद अंकल का बड़ा और मोटा लंड सही से और पूरा उनके मुँह मे नही जा रहा था मगर आशिया कोशिश कर के जितना हो सकता था अपने मुँह मे ले रही थी.

फिर शाहिद अंकल ने अपना लंड ज़्यादा चूसने से मना किया और उठ कर बैठ गये और बोले, जानेमन तय्यार हो जाओ अब मैं तुम्हे चोदुन्गा. आशिया बोली, मैं तो चुदवाने के लिए उस वक़्त से तय्यार हूँ जब आप घर आए थे अगर उस वक़्त अम्मी अब्बू नही होते तो मैं उसी वक़्त नंगी हो जाती आप से चुदवाने के लिए. शाहिद अंकल बोले, तुम मुझ से किस स्टाइल मे चुदवाना चाहो गी? आशिया मुस्कराई और बोली, हर उस स्टाइल मे जिस मे चोदने मे आप को मॅज़ा आए, शाहिद अंकल मुस्कराए और बोले, वाह ये हुई ना बात, मैं तुम्हे सब से पहले डोगी स्टाइल मे चोदना चाहता हूँ. आशिया बोली, आप का हुकुम सिर आँखों पर, फिर आशिया बेड से नीचे उतरी और अपने चारों हाथ पैरों पर खड़ी होगई. शाहिद अंकल उठ कर अपने घोटनो के बल उनके पीछे बैठ गये और बोले, क्या मैं क्रीम लगाउ फर्स्ट टाइम मे बोहत दर्द होता है. आशिया बोली, नही क्रीम ना लगाएँ और फिकर ना करें मैं पहले से ही चुदी हुई हूँ आप बेफिकर होकर मुझे चोदिये. शाहिद अंकल बोले, यानी मुझ से पहले ही कोई और तुम्हे चोद चुक्का है, आशिया मुस्कराई और बोली, मुझे चोदने वालों की लंबी लिस्ट है इस लिए अफ़सोस ना करें के आप पहले मुझे नही चोद सके. शाहिद अंकल बोले, ह्म्‍म्म्म वैसे भी तुम जेसी लड़की जिस को मिले गी कॉन पागल होगा जो तुम्हे ना चोदे, फिर भी क्रीम लगा लेता हूँ मेरा लंड बोहत मोटा और लंबा है दर्द तो होगा ना. आशिया सिसकारी लेकर बोली, उफफफफफ्फ़ आप ऐसे ही अपनी पूरी ताक़त से मुझे चोदिये मुझे दर्द देने वाली चुदाई बोहत पसंद है. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है … शाहिद अंकल बोले, अगर ऐसी बात है तो संभलो फिर, ये कह कर शाहिद अंकल ने अपना लंड आशिया की चूत मे फँसाया और उनकी कमर को पकड़ कर ज़ोरदार झटका मारा, पहले ही झटके मे शाहिद अंकल का तकरीबन आधा लंड आशिया की चूत मे घुस्स गया जब के आशिया के हलक़ से ज़ोरदार चीख निकल गई आआआआहह. शाहिद अंकल हँसे और बोले, अभी से चीख पड़ी जानेमन अभी तो मेरा आधा ही लंड गया है, ये कह कर उन्हो ने फिर झटका मारा और इस बार उनका पूरा का पूरा लंड मेरी बहन की चूत मे घुस्स गया, इस बार आशिया के मुँह से निकलने वाली चीख पहले से ज़ियादा ज़ोर दार थी, आआहह अहह उहह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फ आआआआआआहह दीदी और मम्मी की चुदाई हॉट कहानी (hindisexstories.autocamper-service.ru (6)उईईईईईईइमाआआआआआआ, शाहिद अंकल ने इसी पर बस नही किया और वो अब कस कस कर झटकों पर झटके मार रहे थे जब के आशिया बुरी तरहा से चीख रही थी और रो रही थी, उन के मुँह सेआआहह अहह उहह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआहह उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई माआआआआआआ की आवाज़ निकल रही थी. शाहिद अंकल ज़ोर ज़ोर से झटके मारते हुए बोले, तुम्हे तो दर्द देने वाली चुदाई पसंद हैं तो क्यूँ रो रही हो? आशिया रोते हो बोली,  फफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आप का लंड बोहत बड़ा और मोटा है इतने बड़े और मोटे लंड से मैं ने आज तक नही चुदवाया इस लिए बोहत दर्द हो रहा है. शाहिद अंकल हँसे और बोले, बर्दाश्त करो मेरी जान बर्दाश्त करो, ये कह कर वो और ज़ोरदार झटके मारने लगे जब के आशिया तड़पति और चीखती रही, ये मेरी ज़िंदगी की पहली लाइव चुदाई थी इस लिए मुझे देखते हुए बोहत माज़ा आरहा था, जोश मे आकर मैं भी नंगा हो चुक्का था और अपने लंड को बुरी तरहा से मसल रहा था और अपनी बहन की चुदाई को पूरी तरहा से एंजाय कर रहा था, जितना आशिया चीख रही थी उतना ही मेरा दिल कर रहा था के शाहिद अंकल और ज़ोर से मेरी बहन को चोदो. शाहिद अंकल को मुसलसल झटके मारते हो 25 मिनिट्स हो चुक्के थे जब के इस दोरान आशिया 2 बार फारिग हो चुक्की थी, फिर शाहिद अंकल ने अपना लंड आशिया की चूत से निकाला तो आशिया निढाल हो कर गिर पड़ी और लंबे लंबे सांस लेने लगी, शाहिद अंकल का लंड उसी तरहा तन कर खड़ा हुआ था और उस पर कुछ खून भी लगा होवा था, शाहिद अंकल आशिया को अपना लंड दिखाते हुए बोले, देखो जानेमन मैं ने तुम्हारी चूत को फाड़ दिया है और खून निकाल दिया है, आशिया ने शाहिद अंकल को देखा और बोली, आप ने तो अभी से मेरा ये हाल किया है रात भर मे तो आप मेरा पता नही किया हाल करेंगे. शाहिद अंकल मुस्कराए और बोले, हा तुम्हारी हालत अभी से खराब हो गई है पर मेरा तो पूरी रात तुम्हे चोदने का प्रोग्राम है और ये प्रोग्राम तुम ने ही बनाया था के पूरी रात मेरी होगी और मैं जिस तरहा चाहूँगा तुम्हे चोदुन्गा, आशिया इस बार मुस्कराई और बोली, हा इस बात से मैं कब इनकार कर रही हूँ, चाहे मेरी हालत केसी भी हो मैं आप को चोदने के लिए मना नही करूँगी, आप ने जिस तरहा मुझे चोदना है चोदिये. शाहिद अंकल मुस्करा कर बोले, ह्म्म तो फिर उल्टी हो जाओ अब मैं तुम्हारी गंद मारना चाहता हूँ, आशिया उल्टी होती हुई बोली, 25 मिनिट्स की चुदाई मे मेरी चूत का हशर नशर हो गया है अब देखो मेरी गंद का क्या हाल होता है. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है … शाहिद अंकल ने आशिया के चूतर को थोड़ा उठा कर अपना लंड उनकी गंद मे घुसाया और झटका मारा, पहले झटके मे उनका 3 इंच तक लंड अंदर गया पर आशिया बोहत ज़ोर से चीखी, शाहिद अंकल फिर झटका मारा और उनका आधा लंड गंद मे चला गया, आशिया फिर चीखी, शाहिद अंकल ने फिर झटका मारा और चोथे झटके मे अपना पूरा लंड आशिया की गंद मे घुस्सा दिया. अब शाहिद अंकल खूब कस कस कर झटके मार रहे थे, जब के आशिया ज़ोरदार तरीके से आआहह अहह उहह उऊहह ओह ऊओफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ फ आआआआआआहह कर रही थी. शाहिद अंकल ने 30 मिनिट्स तक आशिया की गंद मारी फिर अपना लंड उनकी गंद से निकाल लिया जो अभी तक उसी तरहा तना हुआ था, आशिया शाहिद अंकल का लंड देख कर बोली, आख़िर फारिग हो गया आप का लंड? शाहिद अंकल मुस्करा कर बोले, अभी कहाँ मेरी जान पहली बार मे मेरा लंड 2 घंटे से पहले कभी फारिग नही होता. आशिया बोली, उफफफफफफफ्फ़ इतनी लंबी टिम्मिंग. शाहिद अंकल बोले, हा मैं ने नोजवानी से कुछ ऐसी मेडिसिन का इस्तेमाल किया है के मेरी टिम्मिंग क़ुदरती तोर पर इतनी होगई है. अब शाहिद अंकल लेट गये और उन्हो ने आशिया को अपने उपर बिठा लिया और नीचे से झटके मारने लगे. शाहिद अंकल के झटके बोहत ज़ोरदार थे और आशिया उनके झटकों से काफ़ी ऊँचा उछल रही थी, इस पोज़ीशन मे शायद उनको मॅज़ा आरहा था क्यूँ के इस बार उनकी चीखे कम और सिसकारियाँ ज़ियादा तेज़ थी, उछलने से आशिया के फुटबॉल जेसे बड़े बड़े मम्मे बुरी तरहा से हिल रहे थे जो दिखने मे बोहत अच्छे लग रहे थे. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …इस पोज़ीशन मे शाहिद अंकल ने मेरी बहन को 45 मिनिट्स तक चोदा, फिर उन्हो ने आशिया को लेटा कर उनकी टाँगे उठा ली और अपना लंड उनकी गंद मे डाल कर ढापा धप झटके मारने लगे. शाहिद अंकल को चोदते हुए 2 घंटे हो चुक्के थे इस लिए वो और तेज़ी से झटके मारने लगे फिर उन्हो ने अपना लंड तेज़ी से आशिया की गंद से निकाला और अपने लंड की मनी की धार आशिया के मुँह पर मार दी, काफ़ी सारी मनी आशिया के मुँह मे गई और काफ़ी सारी मनी उनके चेहरे को खराब कर गई. सारी मनी निकल जाने के बाद शाहिद अंकल ने अपना लंड आशिया के मुँह मे दे दिया जिस को आशिया चूसने लगी. जब आशिया ने उनकी सारी मनी चाट ली तो शाहिद अंकल ने आशिया को अपनी गौद मे उठाया और बाथरूम मे ले गये. थोड़ी देर बाद वो उसी तरहा आशिया को उठा कर लाए और बेड पर लिटा दिया, बाजी भीगी हुई थी यानी उन्हो ने अछी तारह से बाजी को नहला दिया था, शाहिद अंकल फिर उनको चूमने लगे और बोले, कॉन था तो खुश नसीब जिस ने पहली बार तुम्हे चोदा था और कॉन कॉन खुश नसीब तुम्हे चोद चुके हैं, आशिया कहने लगी, जब मैं पहली बार चुदी उस वक़्त मेरी उमर 9 साल थी उस वक़्त हमारे घर मे ऐक नोकर था जिस का नाम शरीफ दीन था उमर उस वक़्त उनकी कोई 55 या 60 साल होगी और मैं उनको शार्फ़ो बाबा बोलती थी, शार्फ़ो बाबा हमारे बोहत पुराने नोकर थे, जब से मैं ने होश संभाला था वो उस वक़्त से हमारे घर मे मुलाज़िम थे, शार्फ़ो बाबा मुझ से बोहत प्यार करते थे और मैं भी, जब मैं छोटी थी तो वो हमेशा मुझे अपनी गौद मे बिठा कर खिलाते थे पर जब जब मैं उनकी गौद मे बैठती थी मैं ने हमेशा ऐक सख़्त सी चीज़ अपने चूतर मे चुभति हुई महसूस की थी, वक़्त के साथ साथ उनका प्यार मेरे लिए चेंज होता गया और वो मेरे बदन को भी सहलाने लगे थे, मुझे उनका ये अंदाज़ बुरा नही लगता था इस लिए मैं ने कभी उनको मना नही किया, फिर जब मैं 9 साल की हुई तो ऐक दिन जब घर मे मम्मी पापा नही थे उन्हो ने मुझे चोद दिया. शुरू के दिनो मे तो उनके डर की वजा से किसी से कुछ ना कह सकी फिर मुझे भी चुदाई मे मज़ा आने लगा और मैं रोज़ ही शार्फ़ो बाबा से चुदवाति रही फिर जब मैं 14 साल हुई तो उनका इंतेक़ाल होगया, इन 5 सालों के दोरान शार्फ़ो बाबा ने मुझे हर रोज़ चोदा था, रोज़ रोज़ की चुदाई से मुझे भी चुदवाने की आदत होगई थी इस लिए जब शार्फ़ो बाबा नही रहे तो मुझे कोई और ढूढ़ना पड़ा अपनी चुदाई करवाने के लिए, उस वक़्त मैं 7थ क्लास मे पढ़ती थी, फिर मैं जिस टीचर के घर ट्यूशन पढ़ने जाती थी मैं ने उनको खुद मोका दिया और फिर मेरे ट्यूशन टीचर मुझे रोज़ चोदने लगे, 8थ क्लास तक पहुचि तो मेरा फिगर और लड़कियों से बोहत अछा होगया था और मुझे कई लड़के लाइन मारने लगे थे जो मुझे अछा लगता था, उसी दोरान ऐक दिन स्टॅफरुम मे मुझे मेरे क्लास टीचर ने बुलाया और मुझे चोद दिया, मैं आदि तो थी इस लिए मैं ने खुशी खुशी चुदवाया, अब मेरी ट्यूशन के साथ साथ स्कूल मे भी छुदाई होने लगी, क्लास टीचर के हाथों स्कूल मे मेरी चुदाई और टीचर्स से ना छुपी रह सकी और मैं ऐक के बाद ऐक कर के स्कूल के सभी टीचर्स से चुद गई. जब मैं 9थ तक पहुचि तो मुझे सारे टीचर्स, प्रिन्सिपल वैसे प्रिन्सिपल के अलावा स्टाफ के सभी मेंबर्ज़ जो के 7 अफ़राड थे सब मुझे कई बार चोद चुक्के थे, अक्सर मेरी चुदाइ स्कूल टाइम ख़तम होने के बाद होती थी जिस की वजा स्कूल के वॉचमन भी मेरी चुदाई के बारे मे जानते थे और मुझे कई बार चोद भी चुके थे, उस के अलावा अक्सर फ्री पीरियड मे कभी मैं टीचर्स से स्टॅफरुम मे चुदवा रही होती थी कभी वॉशरूम मे तो कभी प्रिन्सिपल साहिब के रूम मे मेरी चुदाइ का प्रोग्राम रखा जाता था. फिर चुदाई के बारे मे बाय्स स्टूडेंट्स को भी पता चल गया और्र फिर मुझे चोदने वालों मे कई बाय्स स्टूडेंट्स भी शामिल होगये, मेरी क्लास मे 22 बाय्स स्टूडेंट्स थे और वो सब ही कई कई बार मुझे चोद चुके थे उसके अलावा भी मुझे दोसरि क्लास के कई स्टूडेंट्स ने बोहत बार चोदा. जब मैं मेट्रिक कर के स्कूल से निकली तो पूरी तरहा से रंडी बन चुक्की थी, फिर मैं कॉलेज पहुचि तो वाहा भी मेरी खूब चुदाई हुई, हमारे मुहल्ले मे कई बदमाश लड़के हैं जो आते जाते मुझ पर आवाज़े कसते थे, ऐक दिन मुहल्ले के कुछ लड़के मुझे पकड़ कर ऐक घर मे ले गये और उस दिन मुझे मुहल्ले के हर बदमाश लड़के ने चोदा, उस के बाद उन्हो ने मेरी चुदाई की बाते और लोगों को भी बताई जिस से मुहल्ले मे ही मुझे चोदने वालों मे इज़ाफ़ा होता रहा, अब ये हाल है के मुहल्ले का तकरीबन हर लड़का और आस पास के मुहल्ले के कई लड़के मुझे चोद चुक्के हैं, इस के अलावा जहा मैं जॉब करती हूँ वाहा भी मेरे बॉस के अलावा मॅनेजर और दोसरे 5 लोग और मेरी चुदाई करते हैं. और अब ऑफीस मे तो ये हाल है के मैं ऑफीस मे काम कम करती हूँ और चुदाई मेरी ज़ियादा होती है. मुहल्ले के लड़को और आदमियों को भी मैं खुश इस लिए रखती हूँ के उन्हो ने आज तक ये बात किसी औरत और मेरे घर वालों को पता नही चलने दी है इस लिए मैं पूरी आज़ादी और उनकी मर्ज़ी के मुताबिक उन लोगों से चुदवाति हूँ. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …आशिया अपनी चुदाई की बाते बता कर खामोश हुई तो शाहिद अंकल बोले, वाह तुम ने अच्छी अच्छी रंडियों को भी पीछे छोड़ दिया है चुदवाने के मामले मे, बड़ी हिम्मत है तुम्हारे अंदर जो इतना चुदवा लेती हो. आशिया मुस्कराई और बोली, मैं तो आज भी शार्फ़ो बाबा के लिए दुवा करती हूँ के ना वो मुझे रोज़ चोद चोद कर मुझे चुदाई का आदि बनाते ना मुझ मे चुदाई की इतनी भूक पैदा होती और ना मैं इतना चुदवा पाती. शाहिद अंकल का लंड फिर से तय्यार हो चुक्का था तो वो कहने लगे, तेरी बातों से मेरा लंड फिर से तय्यार होगया है तो होजाय छुदाई का ऐक और राउंड. आशिया हँसी और बोली, हा क्यूँ नही मेरा तो काम ही यही है. फिर शाहिद अंकल ने उनको दोबारा से डोगी स्टाइल मे खड़ा होने को बोला, आशिया ने फॉरन हुकुम की तामील करी और शाहिद अंकल फिर से मेरी बहन को चोदने लगे.

आशिया की दास्तान सुनकर मैं हेरान तो बोहत हुआ था साथ साथ मेरे दिल मे अपनी बहन को चोदने की ख्वाइश भी ज़ोर पकड़ गई थी, और मैं ने सोचा था के मैं भी बोहत जल्द ही अपनी बहन को चोद लूँगा. फिर मैं ने कुछ 2 घंटे और अपनी बहन की चुदाई देखी फिर मैं ने टाइम देखा तो 4:30 हो चुक्के थे, शाहिद अंकल का अभी और चोदने का मूड था पर मुझे नींद आरहि थी इस लिए मैं आकर अपने बिस्तर पर लेट गया और जल्द ही सोगया. शायद ये मेरी थरक ही थी जो मैं ज़ियादा नही सो पाया और मैं उठ गया. टाइम देखा तो सुबह के 6 बज रहे थे, मैं ने आकर फिर झाँका तो शाहिद अंकल अभी तक लगे हुए थे यानी उन्हो ने अपनी बात को सच साबित किया के वो पूरी रात मेरी बहन को चोदेन्गे . 6:30 तक शाहिद अंकल ने आशिया को चोदा फिर वो उन्हे लेकर बाथरूम मे घुस्स गये. फिर उनकी वापिसी 7 बजे हुई, वो दोनो नहा कर निकले थे. वो दोनो आधे घंटे तक नहाए थे यानी नहाने के दोरान भी उन दोनो ने सेक्स किया होगा. फिर शाहिद अंकल ने अपने कपड़े पहने और आशिया को किस कर के उनके कमरे से चले गये जब के आशिया भी कपड़े पहन कर लेट गई. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है …

फिर मैं ने भी बाथरूम जाकर आशिया के नाम की मूठ मारी और नाहया. मैं 8 बजे नीचे उतरा तो शाहिद अंकल अम्मी अब्बू के साथ डिन्निंग टेबल पर बैठे थे, अब्बू और शाहिद अंकल तय्यार थे शायद उनको नाश्ते के फॉरन बाद ही निकलना था, थोड़ी देर बाद ही आशिया भी वाहा आगई. शाहिद अंकल ने मुस्करा कर फिर सब की नज़र बचा कर आशिया को आँख मारी तो आशिया मुस्करा दी, फिर इत्तेफ़ाक़ से आशिया को जगा भी शाहिद अंकल के बराबर ही मिली. नाश्ते के दोरान मैं ने नोट किया के बार बार आशिया के चेहरे पर मुस्कराहट आराही है, मैं ने गोर किया तो शाहिद अंकल का ऐक हाथ डिन्निंग टेबल के नीचे था शायद वो नाश्ते के दोरान ही आशिया की चूत से छेड़ छाड़ कर रहे थे. नाश्ता ख़तम होने के बाद अम्मी नाश्ते के बर्तन लेकर किचन मे चली गई जब के अब्बू भी पॅकिंग को देखने के लिए अपने बेडरूम मे चले गये. मैं ने बहाने से उठ कर बाहर आगया, फिर थोड़ी देर बाद मैं ने अंदर झाँका तो शाहिद अंकल ने आशिया को लिपटा लिया था. आशिया मुस्करा कर कह रही थी, नाश्ते के दोरान भी आप को मस्तियाँ सूझ रही थी और आप बार बार मेरी चूत पर चुटकियाँ ले रहे थे. शाहिद अंकल ने आशिया को किस किया और बोले, जानेमन ऐक रात तुम्हे चोद कर मॅज़ा तो बोहत आया पर दिल नही भरा अभी भी दिल कर रहा है के तुम्हे यही चोदना शुरू कर दूं. आशिया मुस्कराई और बोली, दिल तो मेरा भी नही भरा आप से चुदवा कर पर किया करें अब मोका नही है वरना मैं खुद नंगी हो चुक्की होती. शाहिद अंकल बोले, अभी तो मैं जा रहा हूँ पर कोई मोका बनाउन्गा तुम्हे चोदने के लिए. फिर शाहिद अंकल आशिया के मम्मों को दबा दबा कर उन्हे किस करते रहे फिर उन्हो ने छोड़ दिया कही अम्मी या अब्बू ना आ जाए. फिर कुछ देर बाद शाहिद अंकल अब्बू के साथ चले गये जब के आशिया तबीयत खराबी का बहाना बना कर सोने चली गई, जब के मैं अपनी बहन की चुदाई के बारे मे सोचता हुआ कॉलेज आगया और सोचने लगा के ऐसा क्या करूँ के आशिया मुझ से भी चुदवा लें. अब देखिए आगे क्या होता है कॉन कॉन आशिया को चोद्ता है और मेरा नंबर कब तक आता है.
दोस्तो आप को ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त रहमान 
समाप्त

मस्तराम डॉट नेट के पाठको कृपा करके कमेंट तो कर दो आप लोगो की प्रतिक्रिया का मै बेसब्री से इन्तेजार कर रहा हु |

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गुरु मस्तराम

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त मस्ताराम, मस्ताराम.नेट के सभी पाठकों को स्वागत करता हूँ . दोस्तो वैसे आप सब मेरे बारे में अच्छी तरह से जानते ही हैं मुझे सेक्सी कहानियाँ लिखना और पढ़ना बहुत पसंद है अगर आपको मेरी कहानियाँ पसंद आ रही है तो तो अपने बहुमूल्य विचार देना ना भूलें



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