गतांग से आगे …. रूम में, मुझे छोड़ कर सब नंगे थे और मेरी पैंट भी जो उन्होंने उतार दी थी, उसमें से मेरा छोटा सा लण्ड मुरझाया सा लटका हुआ था..
अब करीम ने नीतू को कस के पकड़ लिया, शायद उसका होने वाला था वो ज़ोर से चिल्लाया – रु चि का का का का का आ आ आ आ आ आ आ.. | मे रा रा रा, हो ने वा ला है ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. |
उसे देख कर, सब हंस रहे थे..
फिर उसने नीचे से ही नीतू को कस कर, अपने सीने से चिपका लिया और ज़ोर ज़ोर धक्के मारने लगा।
अंशुल ने, लकी को मेरे आगे से हटने को कहा.. वो चाहता था की मैं यह नज़ारा, अपनी आँखो से देखूं..
फिर करीम ढेर सारा माल, नीतू की चूत में ही छोड़ने लगा..
कम से कम, एक मिनट तक करीम ने उसे ऐसे ही चिपकाए रखा आर फिर नीतू की चूत में से, करीम का माल बाहर आने लगा..
मुझे अहसास हुआ की नीतू भी झड़ गई है और उसका भी पानी बाहर आ रहा है।
मैंने ऐसा नज़ारा, पहली बार देखा था.. ..
नीतू के पूरे शरीर पर पसीना आ रहा था.. लेकिन, फिर थोड़ी देर में वो मस्ती से अपनी गाण्ड ऊपर नीचे करने लगी..
लकी और अंशुल, दोनों मुझे ही देख रहे थे और ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे।
अब अंशुल बोला की देख बे, मादार चोद.. | लड़की को कैसे चोद्ते हैं.. |
फिर, करीम ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और खिसक कर बेड के किनारे लेट गया.. उसकी जगह, देव नीतू के नीचे आ गया..
उसने प्यार से, नीतू को घुमाया और नीतू बड़े प्यार से घूम गई.. जैसे साली, मेरी बीवी ना हो कर उनकी रखैल हो.. करीम ढेर सारा माल, नीतू की चूत में ही छोड़ने लगा..
कम से कम, एक मिनट तक करीम ने उसे ऐसे ही चिपकाए रखा आर फिर नीतू की चूत में से, करीम का माल बाहर आने लगा..
मुझे अहसास हुआ की नीतू भी झड़ गई है और उसका भी पानी बाहर आ रहा है।
मैंने ऐसा नज़ारा, पहली बार देखा था.. ..
नीतू के पूरे शरीर पर पसीना आ रहा था.. लेकिन, फिर थोड़ी देर में वो मस्ती से अपनी गाण्ड ऊपर नीचे करने लगी..
लकी और अंशुल, दोनों मुझे ही देख रहे थे और ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे।
अब अंशुल बोला की देख बे, मादार चोद.. | लड़की को कैसे चोद्ते हैं.. |
फिर, करीम ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और खिसक कर बेड के किनारे लेट गया.. उसकी जगह, देव नीतू के नीचे आ गया..
उसने प्यार से, नीतू को घुमाया और नीतू बड़े प्यार से घूम गई.. जैसे साली, मेरी बीवी ना हो कर उनकी रखैल हो..
अब नीतू की चूत सामने की तरफ थी और गाण्ड नीचे।
देव नीचे से ही, नीतू की गाण्ड में उंगली करने लगा, तब तक अंशुल ने मेरे सामने ही मेरी बीवी की चूत में अपना लण्ड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा..
विनोद भी, नीतू की चुचि मुंह में लेकर चूसने लगा.. जबकि, अविनाश ने अपना लण्ड नीतू के हाथ में दे दिया.. जिसे, नीतू प्यार से हिलाने लगी..
फिर उसके बाद देव ने अंशुल को इशारा किया और अपना लण्ड नीतू की गाण्ड में डालने लगा..
नीतू की गाण्ड, पहले से वीर्य से भीगी थी.. लेकिन, फिर भी उसे देव का लण्ड अंदर लेने मैं थोड़ी दिक्कत थी पर एक बार भी, नीतू ने देव से कुछ नहीं कहा और ना ही उसे रोका.. बल्कि, अपनी गाण्ड हिला हिला कर पूरा लण्ड अंदर घुसेडवा लिया.. बस, नीतू के चेहरे पर थोड़ी देर के लिए थोड़ा तनाव सा दिखा पर लण्ड अंदर घुसते ही, वो नॉर्मल हो गई..
मैंने आज तक नीतू की गाण्ड नहीं मारी थी.. वैसे गाण्ड तो क्या मैं तो उसकी चूत भी, ठीक से नहीं मार पाया था..
अब फिर अंशुल ने अपना लण्ड नीतू की चूत में डाल दिया और फिर देव और अंशुल दोनों, धक्के लगाने लगे।
2 मिनट बाद, दोनों ने अपनी पूरी रफ़्तार बड़ा दी.. जिससे, लकी और अविनाश भी किनारे से हट गये..
बस थोड़ी थोड़ी देर में, वो मेरी बीवी की चुचि मसल देते और बीच बीच में मेरी बीवी उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगती।
अब नीतू को जबरदस्त मस्ती छा रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेनी लगी…
पूरा रूम, उसकी चीखों से गूंजने लगा.. ..
वो चिला रही थी – फाड़ दो, मेरी चूत.. | मार लो, मेरी गाण्ड.. | आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…। ऊ ई ई ई ई ई ई माआ आअ.. | मर गाइई ई ई ई ई ई ई ई ई.. | मज़ा आ गय्आ आअ.. | साले, एक रात में ही, रंडी बना दिया.. | कुतिया बना के, चोद डाअला आा आ रे.. | आ आआ.. |
नीतू के मुंह से “रंडी, कुतिया” जैसे शब्द सुन कर, मुझे भी जोश आने लगा।
नीतू के चेहरे से पसीना टपक रहा था और लण्ड अंदर बाहर जाने की “पक पक” की आवाज़ें आ रही थीं।
फिर लगभग 15 मिनट बाद, देव उसके अंदर ही झड़ गया.. |
थोड़ी देर के लिए, अंशुल भी रुक गया और फिर वो दुबारा धक्के लगाने लगा..
थोड़ी देर बाद, वो भी झड़ गया.. |
दोनों ने, अपने लण्ड बाहर निकाल लिए, नीतू की गाण्ड और चूत दोनों से वीर्य टपक रहा था।
दोनों ने, उसे बेड पर ही ऐसे बैठा दिया जैसे लोग “संडास” करते वक़्त बैठते हैं.. जिससे, उसके अंदर से वीर्य बाहर आने लगे.. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर अंशुल ने नीतू से कहा, जिसे सुनकर मेरी तो गाण्ड ही फट गई.. कविता अपने पति को अपना माल नहीं चटाऔगी.. | जाओ, अपने पति के मुंह पर अपनी यह अनोखी क्रीम लगा कर आओ.. | जिसके लिए, इस चुतिए की मां की इतनी गालियाँ खाई थीं.. |
फिर नीतू उठ कर मेरे पास आई.. उसकी पूरी जाँघ से ले कर, उसके घुटने तक वीर्य चू रहा था..
वो, बिल्कुल मेरे पास आ कर खड़ी हो गई।
अब जा के, मैंने नीतू को करीब से देखा.. उसके पूरे चेहरे, चुचि और जाँघो पर लव मार्क्स थे.. उसके बालों तक में, वीर्य सूखा सा चिपका हुआ था.. बल्कि, पूरा बदन, जैसे वीर्य से सना हुआ था..
फिर, अंशुल ने नीतू से मुझे अपनी गाण्ड दिखाने को कहा।
नीतू, मेरी तरफ अपनी गाण्ड करके मूड गई..
अंशुल के इशारे से, वो थोड़ा नीचे झुकी.. जिससे, उसकी गाण्ड बिल्कुल मेरे सामने आ गई..
उसकी गाण्ड, बिल्कुल खुल चुकी थी.. उसके चुतड़ पर थोड़े थोड़े नाख़ून के निशान भी नज़र आ रहे थे.. शायद, गाण्ड मारते हुए थोड़ी “छी छी” भी बाहर आ गई हो..
तभी नव्या उठी और नीतू की चूत और गाण्ड के नीचे, अपना हाथ लगा कर वीर्य पोछने लगी।
थोड़ी ही देर में, नव्या की पूरी हथेली वीर्य से भर गई..
नव्या ने पहले हथेली प्यार से खुद सूँघी, फिर नीतू को भी सूँघाई और फिर मेरी नाक के पास लगा दी..
बहुत ही, “मादक महक” थी.. | .. |
आदमी का वीर्य और औरत का पानी मिलकर, जो निर्माण करते हैं, ज़रा सोचिए उसकी महक कैसी होगी और फिर उसमें औरत की छी छी और पेशाब की भी महक भरी हुई हो, तो कहने ही क्या..
फिर उसके बाद, नव्या ने अपनी हथेली चाट ली..
अब नीतू की गाण्ड में, अंदर तक उंगली घुसेड कर इधर उधर घूमने लगी.. जैसे लोग जैम की डिब्बी में से उंगली से जैम निकालते हैं..
फिर जब नव्या ने उंगली निकाली तो उसमें थोड़ा थोड़ा वीर्य लगा हुआ था।
मुझे यह देख कर, घिन आने लगी..
नव्या ने अपनी उंगली, मेरी नाक पर सूँघाई और फिर नीतू के मुंह में डाल दी..
जिसे, नीतू ऐसे चाट गई जैसे उंगली पर जैम लगा हुआ हो।
यह देख कर, सब हँसने लगे। नव्या ने अपनी उंगली, मेरी नाक पर सूँघाई और फिर नीतू के मुंह में डाल दी..
जिसे, नीतू ऐसे चाट गई जैसे उंगली पर जैम लगा हुआ हो।
यह देख कर, सब हँसने लगे। आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैं समझ गया की अब मेरी नीतू आम लड़की नहीं रही, वो पूरी रंडी बन गई है.. फिर अंशुल ने, उसे अपने पास बुला लिया और नीतू बेड पर चढ़ गई.. अब दुबारा अविनाश और लकी आगे पीछे से, उसे चोदने लगे..
इतने में, अंशुल ने नीतू के मुंह में अपना लण्ड ठूंस दिया.. जिसे, वो प्यार से चूसने लगी..
विनोद ने, अंशुल को इशारा किया और खुद अपना लण्ड नीतू के मुंह में घुसा कर हिलाने लगा।
तभी अंशुल को कुछ और शरारत सूझी और उसने अविनाश को हटाया, जो नीतू की चूत मार रहा था और फिर अंशुल ने नीतू की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.. जबकि, लकी नीतू की गाण्ड मार रहा था..
फिर अंशुल ने अपनी रफ़्तार बड़ा दी, वो कुछ खास तरह से उंगली कर रहा था.. जिसका, नतीज़ा भी जल्दी ही आ गया.. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अब विनोद भी, अपना लण्ड निकाल कर किनारे खड़ा हो गया। जिसके लण्ड को, एक हाथ से नीतू ने पकड़ रखा था। जबकि, अविनाश के लण्ड को नीतू ने दूसरे हाथ से हिला रही थी। बीच-बीच में, नीतू दोनों के लण्ड चूस भी लेती..
फिर थोड़ी ही देर में, नीतू का जिस्म अकड़ने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मचलने लगी.. ..
अचानक से, उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा, जिसे नव्या अपने मुंह में लेने की कोशिश करने लगी..
फिर, नव्या ने अपनी हथेलियों से चुल्लू बनाकर, थोड़ा पानी मेरे पास ले आई और बोली की यह तुम्हारी “बीवी की मस्ती का पानी” है.. | दुनिया में, बहुत कम औरतों को ही, यह सुख मिलता है.. | वो भी अंशुल जैसे अनुभवी चोदु के कारण, वरना ज़्यादातर औरतों को तो ज़िंदगी भर यह सुख मिल ही नहीं पाता.. |
इसके बाद, दुबारा विनोद और अविनाश अपने अपने काम में लग गये.. अंशुल भी, थक कर किनारे ही लेट गया..
वैसे भी, सुबह के 4:30 हो गये थे..
इधर, नव्या भी मेरे पास ही बैठ गई और मेरे लण्ड को हाथ में ले कर हिलाने लगी।
अपनी बीवी की चुदाई देखकर, मेरा लण्ड भी खड़ा होने लगा था.. वैसे भी, अब वो मेरी बीवी नहीं, बल्कि “सड़क की रंडी”, बन चुकी थी..
उसकी सिसकारियाँ सुनकर, मेरे लण्ड में भी खून दौड़ने लगा..
अचानक, नव्या ने मेरा छोटा सा लण्ड अपने मुंह में ले लिया..
वो लोलीपोप की तरह, मेरा लण्ड चूसने लगी।
पहली बार, कोई लड़की मेरा लण्ड चूस रही थी, क्यूंकी नीतू ने मुझे हर बार मना कर दिया था।
आज मेरी बीवी, किसी और मर्द का लण्ड चूस रही थी और एक दूसरी लड़की, मेरा लण्ड चूस रही थी।
फिर नव्या मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत में ले लिया।
नव्या की चुचियाँ, मेरे मुंह के पास थीं.. लेकिन, मेरे मुंह पर टेप लगा हुआ था इसलिए, मैं उसे चूस नहीं सकता था..
फिर, मेरे लण्ड पर उछलते हुए नव्या ने कहा की तुम्हारी बीवी “हाइपर सेक्स” के नशे में है, जो मैंने उसे शुरुआत में खिलाई थी.. |
इस के कारण, औरत इतनी चुदासी हो जाती है की वो अच्छा बुरा सब भूल जाती है.. लेकिन, तुम परेशान ना हो वो ठीक हो जाएगी और तुम्हारे अंदर भी कोई कमी नहीं है.. | सिर्फ़ विश्वास की कमी है.. | जिसके कारण, जल्दी झड़ जाते थे.. | पर, मैं तुम्हे सब सीखा दूँगी.. |
यह कह कर, उसने मुझे चूमा और अपनी रफ़्तार बड़ा दी।
असल में, मुझे उस रंडी नव्या पर बहुत गुस्सा आ रहा था.. क्यूंकी, उसने मेरी सीधी साधी बीवी को रंडी बना दिया था..
सच कहूँ तो मैं उसकी चूत फाड़ डालना चाहता था.. इसीलिए, ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा.. अब रूम में, मेरी बीवी के साथ नव्या भी चिल्ला रही थी – आ आ आ आ आ.. | उू उउ.. | और, चोदो और, चोदो.. | मार लो, मेरी… फाड़ दो, मेरी चूत हा ई या आ आ उ आ या आ उंह.. | क्या चो द र हा है.. |
और, नव्या ने चिल्लाते हुए, मेरे मुंह से टेप हटा दिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसेड दी, जिसे मैं चाटने लगा।
अब मुझ पर भी सेक्स का नशा चढ़ गया था.. इस लिए, मैं भी मज़े लेने लगा..
तभी करीम उठा, जो सबसे किनारे बैठा था।
वो हम दोनों के पास आया और नव्या की गाण्ड पर अपनी थूक लगाने लगा।
फिर, थोड़ा थूक अपने लण्ड पर लगाया और नव्या की गाण्ड में, अपना लण्ड पेल दिया।
अब नव्या और मेरी बीवी, दोनों के दोनों छेदों में लण्ड थे..
तभी अंशुल भी खड़ा हुआ और बोलने लगा की हाँ दोस्तो, ऐसे ही.. | इन दोनों रंडियों को चोदो.. |
फिर, वो मेरे सोफे के पीछे आ गया और अपना लण्ड नव्या के मुंह में डाल दिया और बोला – जब नीतू के तीनों छेद में लण्ड है तो अपनी नव्या कैसे छूट जाए.. |
फिर उसने मुझसे कहा – क्यूँ बे साले, मज़ा आ रहा है, असली चुदाई का.. |
बात तो सच थी, मैं घर पर तो नीतू की चूत में 2 मिनट में ही झड़ जाता था.. लेकिन, यहाँ मैं तबा तोड़ नव्या की चूत चोद रहा था..
फिर अंशुल ने, मेरे हाथ भी खोल दिए।
पहले, मैं सोच रहा था की हाथ खुलते ही अंशुल की गर्दन दबा दूँगा.. लेकिन, अब मेरी बाहों में नव्या का शरीर था.. जिसे, मैंने कस कर पकड़ लिया..
फिर अंशुल का इशारा पा कर, करीम ने मेरे पैरों को भी खोल दिया।
अब मैं आराम से, नव्या की चूत में सही से लण्ड डाल सकता था…
दोनों के मुंह में, लण्ड ठुसने के कारण वो दोनों चिला नहीं पा रही थी.. सिर्फ़ गून गून की आवाज़ आ रही थी.. जिसे, हम लोग एंजाय कर रहे थे..
ऐसे ही, 10 मिनट के बाद, एक एक कर सबका वीर्य निकल गया.. |
आज पहली बार, मुझे असली चुदाई का एहसास हुआ और मैं थक कर सोफे पर निढाल गिर गया, करीम और अंशुल भी सोफे पर ही पसर गये.. कहानी जारी है ….
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