दोस्तों मेरी कहानी का दूसरा भाग है जैसा की मैंने आपको बताया की मैं अंडरवियर नहीं पहनता हूँ रोजाना रात को लुंगी पहनकर सोता हूँ उस रात को भी लुंगी पहनकर सो गया | सुबह के पहर में मैंने सपना देखा की मैं पड़ोस में रहने वाली लड़की मोहिनी की चुदाई कर रहा हूँ इसलिए मेरा लंड शायद लुंगी में हिचकोले खा रहा था | कुछ देर पश्चात वह लोहे की गरम रोड की तरह तन गया | सपने में मोहिनी को चोदने की वजह से मेरी लुंगी पता नहीं कब खुल गई उसी दौरान शालू मेरे लिए चाय बना कर लेकर आई तब उसने मेरा 9″ लंबा और खूब मोटा खड़ा लंड देखा तो वह मुझे चाय देकर जगाना भूल गई और वहाँ खड़े होकर एकटक मेरा खड़ा लंड देखने लगी कुछ देर बाद मेरी पिचकारी छूट पड़ी| उस पिचकारी ने इतनी धार छोड़ीं की मेरे आस पास का सारा बिस्तर ख़राब हो गया| जब मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी छूट रही थी उसी दौरान शालू ने अपनी सहेलियों को भी बुलाकर मेरे लंड को झड़ते हुए दिखाया | बताते हैं की उन चारों ने मेरे लंड को खड़े होकर नज़दीक से भी देखा जो झड़ने के बाद भी टाइट और गरम था | लेकिन मुझे कुछ होश ही नहीं था | जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की मैं नीचे से बिलकुल नंगा हूँ और मेरी लुंगी खुली हुई एक ओर पड़ी हुई थी | मैं एकदम बिस्तर से खड़ा हुआ सीधे लुंगी बाँधने लगा | मुझे इतना भी नहीं पता था मेरा वीर्यपात हो चुका है और ज्यादातर गाढ़ा गाढ़ा वीर्य मेरी लुंगी पर लगा था | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मैं तो यह समझ रहा था मेरी लुंगी खुल गई है और घर में समझदार लड़कियाँ हैं कहीं वो सब मुझे न नंगा देखकर गलत फील न करें इसलिए जल्दबाज़ी में मैंने लुंगी उठाकर पहन ली | जब मैं लुंगी बाँध रहा था तभी शालू ने मुझे चाय के लिए आवाज़ दी | लुंगी बांधते हुए मैं चाय पीने उनके कमरे में पहुँचा तो शिखा, शांती और मोनिका ने मेरा स्वागत हँसते हुए किया साथ साथ शालू भी हँस रही थी पर मैं समझ नहीं पाया की ये चारों लड़कियाँ मुझे देखकर क्यों हँस रहीं हैं? मैं आप लोगों को उनका फिगर बताना तो भूल ही गया | वो सभी मॉडल की तरह लंबी और दुबली पतली सी थी उनका साइज़ होगा 34-24-36 हाँ मोहिनी जो मेरे घर के पीछे रहती थी है वो थोड़ी मस्त और गदराए बदन की मलिका थी उसके चूचे एकदम गोल और तने हुए थे जांघे मोटी और भरी हुई थी वो वास्तव में काम की देवी लगती थी जिस किसी की शादी उसके साथ होगी उसकी तो किस्मत ही खुल जायेगी और तो और दोनों मोटी जांघों के बीच एक छोटी सी एक अनछुई चूत जिस पर अभी तक झांटे भी नहीं उगी थी |े और हाइट करीब 5′ 6” की है | सच में एक ऐसा बम थी की 80-90 साल का बुड्ढे का भी लंड झटके मारकर खड़ा हो ही जायेगा | यह सोच ही रहा था की मोनिका ने लुंगी में लगे वीर्य की ओर इशारा करके कहा की जीजू यह क्या है? मैंने उसके कहने के अनुसार जब अपनी लुंगी देखी तो हड़बड़ी में मेरा लंड बाहर आ गया और मैं शर्म के मारे अपने कमरे में भाग गया | कुछ देर के बाद सब कुछ सामान्य हो गया पर मैं उन चारों से नज़रें नहीं मिला पा रहा था | वो चारों घर का काम खत्म करके नहा धोकर े कॉलेज चलीं गई और मैं भी अपने कॉलेज चला गया | सब कुछ सामान्य हो चुका था की एक दिन उनके कमरे में मोहिनी के साथ शिखा, शान्ती और मोनिका को मैंने बात करते हुए सुना वो चारों मेरे लंड के बारे में बात कर रही थी की विशु जीजू का लंड कितना बड़ा है | तभी शिखा बोली की जब भी विशु जीजू के लंड की घटना याद आती है तो पता नहीं मेरी चूत में से सफ़ेद गाढ़ा सा पानी सा रिसने लगता है | ऐसा मन करता है की विशु जीजू को नंगा करके उनके लंड से खूब जी भरके खेलूँ और उनका मस्त लंड अपनी चूत में लेकर खूब चुदाई करूँ मगर समझ नहीं आता की कैसे पहल करें क्योंकि विशु जीजू तो बहुत ही शर्मीले हैं तो सभी पाँचों ने मेरा लंड लेने की प्लानिंग की की आज कुछ भी हो जीजू के लंड से अपनी अपनी चूत का उद्घाटन करवा कर ही रहेंगी | इसलिए मोहिनी ने भी पढाई के बहाने आज रात को मेरे घर आने की बात कही और मेरा बलात्कार करने की करने की प्लानिंग करके वो अपने घर चली गई | प्लान के मुताबिक वो शाम को मेरे घर आई और चुदाई के बारे में मूक बातें होने लगी | शाम को खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में आकर कपड़े बदलकर जैसे ही पढ़ने के लिए बैठा तभी शालू, शिखा, मोनिका, शांती और मोहिनी मेरे कमरे में आईं और मुझसे पूछा की जीजू हमें ज़ूलॉजी समझ नहीं आ रही है कृपया हमें समझा सकते हैं | मैंने कहा – हाँ समझा सकता हूँ | कुछ देर तक ऐसे ही बातें होती रहीं उसके बाद मैंने पूछा की जूलोजी के कौन से चैप्टर में प्रॉब्लम है तो शिखा ने कहा की ह्यूमन रिप्रोडक्शन समझ नहीं आ रहा है वो समझा दीजिये| मेरी तो शर्म के कारण हवा टाइट होने लगी लेकिन लड़कियाँ पूरी तैयारी के साथ मुझसे चुदाई चाहती थी | पर पाँचों ही ऐसी अनजान बन रही थी की जैसे कुछ जानती ही नहीं लेकिन मेरा लंड लुंगी में खड़ा हो गया था और बाहर झाँकने लगा था | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उसके बाद सबसे पहले अंगों की चर्चा हुई अंगो की चर्चा में मेल ऑर्गन यानि की लंड की बात हुई तो मोनिका ने पूछा की जीजू शिश्न किसे कहते हैं और यह काम कैसे करता है? मैंने मैंने कहा समझाता हूँ और मैं उन्हें किताब की भाषा में समझाने लगा तो सभी ने कहा की हमें समझ नहीं आ रहा है इधर मेरा लंड खड़ा होकर मुझे परेशान कर रहा था | मैंने कहा की प्रैक्टिकल करके बताता हूँ यदि आप सभी तैयार हो तो | सभी ने कहा की ये ठीक रहेगा | जैसे ही उन सभी ने कहा तभी मैंने शिखा को पूछा की आप प्रैक्टिकल के लिए तैयार हो सोच लो | तो शिखा ने हाँ में सर हिला दिया | फिर मैंने अपनी लुंगी में से अपने लंड को निकाला जो अब तक लोहे की रॉड बन चूका था को शिखा के हाथ में पकड़ा दिया और बताया की इसे शिश्न,लिँग या लंड कहते हैं इसको लड़की की चूत में डालने को चुदाई कहते हैं और चुदाई के अंत में लंड में से जो रस निकलता है उसे वीर्य कहते हैं तो मोनिका बोली की जीजू आप क्या कह रहे हो समझ नहीं आ रहा है फिर मैंने सबका ध्यान अपनी ओर करके शिखा को लंड आगे पीछे करके हिलाने को कहा और मोनिका को एक रसोई से छोटी कटोरी लाने को कहा और उस कटोरी को अपने लंड के सामने लगाने को कहा| करीब 20 मिनट के बाद मेरे लंड ने बहुत ही तेज रफ़्तार से वीर्य की तेज धार क े साथ पिचकारी छोड़ी जो सीधी कटोरी में गिरी और कुछ बूंदें जमीन पर गिरी वीर्य निकलने के बाद भी मोनिका ने जब तक लंड नहीं छोड़ा जब तक वीर्य की एक एक बून्द नहीं निचुड़ गई | जब मैंने कटोरी की और देखा तो लगभग आधी कटोरी भर चुकी थी| मुझसे शांती ने पूछा की जीजू ये क्या है तो मैंने बताया की ये रस ही वीर्य कहलाता है| जो लड़की की चूत में जाने से बच्चा पैदा करता है | लेकिन यह तभी संभव है जब लड़की को महीना यानि की एम्. सी. न हो | यदि महीना आने के बाद लड़की की चुदाई होती है और चुदाई के दौरान वीर्य चूत में गिर जाता है तो लड़की माँ बनेगी अन्यथा नहीं |लड़की का माँ बनना ही ह्यूमन रिप्रोडक्शन कहलाता है तो बताओ आप में से कौन कौन महीने से होके चुकी हो या हो रही हो | तो सभी ने कहा की हम में से कोई नहीं है जिसे महीना आ रहा है या आने वाला है और न ही आ के चुका है | फिर मैंने सभी से कहा की जल्दी से अपने अपने सारे कपड़े उतारो आपके शरीर पर एक भी कपडा नहीं होना चाहिए | पाँच मिनट में ही सभी लड़कियाँ नंगी हो गई | मैंने सबसे पहले मोहिनी को अपने पास बुलाया तो मोहिनी ने मुझसे पूछा की मेरी छोटी सी चूत में आपका इतना बड़ा और मोटा लैंड कैसे घुसेगा| तो मैंने उसे समझाया की लड़की की चूत फ्लेक्सिबल होती है इसमें छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा लंड भी घुस जाता है हाँ यदि चूत बिना चुदी हो तो शुरू में बड़े लंड से थोडा दर्द होता है और बाद में बहुत मज़ा आता है| ये कहकर मैं उसे चूम चाट कर गरम करने लगा सबसे पहले मैंने उसे कान के पीछे किस किया उसके बाद गाल, होंठ पर किस किया उसके बाद मैं उसकी चूचियों पर किस करने लगा और अपने एक हाथ से उन्हें दबाने लगा| फिर उसके पेट पर होते हुए मैं उसकी चूत पर आ गया और मैंने उसकी अनछुई चूत पर एक चुम्बन जड़ दिया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर चुम्बन किया तो वो एकदम से सिहर गई | आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | उसके बाद मैं उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से सहलाता रहा और तब तक सहलाता रहा जब तक उसकी चूत ने पानी नहीं उगल दिया फिर मैंने मोहिनी को अपना लंड चूसने को कहा पर उसने मना कर दिया लेकिन शिखा बिना कहे ही तैयार हो गई और उसने अपने होठों से एक जोरदार चुंबन मेरे लंड के सुपाड़े पर कर लिया उसके बाद वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरा लंड उसके मुँह में जा नहीं पा रहा था |
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