नौकरी चाहिये तो चुदाना पड़ेगा-19

प्रेषक: राज

मित्रो आप लोगो ने नौकरी चाहिये तो चुदाना पड़ेगा पार्ट 18 में जो पढ़ा अब उसके आगे लिख रहा हु :

जय कुछ कहता उससे पहले विजय बोल उठा, “मुझे तो कुँवारी चूत चोदने में मज़ा आता है।”

“विजय तुम चुप बैठो। पिछली बार हम तुम्हारी बात मान चुके हैं। अब जय की बारी है।” मैंने जवाब दिया।

“और हमारा क्या, तुम हमसे नहीं जानना चाहोगे कि हमें क्या पसंद है?” राम और श्याम साथ-साथ बोले।

“नहीं! मैं जरूरी नहीं समझता!” मैंने थोड़ा गुस्से में कहा।

“दीदी! तुम ही जीजाजी को समझाओ ना।”

प्रीती हँसते हुए बोली, “तुम लोग राज का बुरा मत मानो। ये मज़ाक कर रहा है। आखिर जय और विजय इस घर के दामाद हैं, इसलिये उनका स्थान पहले है।”

“तो क्या हुआ? हम भी तो इनके साले हैं।” वो कहावत भूल गयी क्या, “सारी खुदाई एक तरफ जोरू का भाई एक तरफ?” राम ने कहा।

“हाँ तुम दोनों ठीक कह रहे हो। मैं तो मज़ाक कर रहा था। ऐसा है पहले जय की पसंद देख लेते हैं, फिर तुम दोनों की”, मैंने कहा।

“मेरा तो सपना है कि एक माँ की चुदाई उसकी बेटी के साथ करूँ!” जय ने कहा।

“अच्छा सपना है…. मैं भी यही ख्वाहिश रखता हूँ”, राम ने कहा।

“और मैं तो विजय की तरह किसी कुँवारी चूत को चोदना चाहुँगा।”

थोड़ी देर सोचने के बाद मैं बोला, “ठीक है! मैं सब इंतज़ाम कर लूँगा। मैं एक जोड़ी माँ बेटी की भी ले आऊँगा जिसे तुम लोगों ने नहीं चोदा होगा।”

आगले दो दिन मैं अपने बचे हुए काम पूरा करने में लगा हुआ था। तीसरे दिन आयेशा ने मुझसे कहा, “सर मैंने सुना ही कि शनिवार की रात को आपके यहाँ एक पार्टी है?”

“हाँ है!” मैंने जवाब दिया, “किसने बताया तुम्हें।”

“विजय ने!” आयेशा ने कहा, “क्या मुझे नहीं बुलायेंगे?”

“नहीं मैं तुम्हें नहीं बुला सकता क्योंकि ये सिर्फ़ माँ-बेटी की पार्टी है”, मैंने जवाब दिया।

मेरी बात सुनकर वो उदास हो गयी। मैंने उसे अपने पास खींचा और कहा, “आयेशा समझने की कोशिश करो….. वैसे भी तुम्हारी चुदाई तो होती रहती है।”

“कहाँ होती है…. देखिये ना”, कहकर उसने मेरा हाथ अपनी चूत पे रख दिया। मैंने देखा कि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।

“आयेशा, मेरी जान! पार्टी के अलावा जो तुम कहो मैं करने को तैयार हूँ”, मैंने उसे बाँहों में भरते हुए कहा।

“आप सच कह रहे हैं? मुकर तो नहीं जायेंगे?” उसने मेरे होंठों को अपने होंठों के बीच लेते हुए कहा।

“ना नहीं कहुँगा, तुम कह कर तो देखो।”

“तो आज पूरा दिन मुझे इस सोफ़े पर चोदते रहिये!” आयेशा ने कहा।

“मेरा बहुत काम पेंडिंग पड़ा है….. इसलिये पूरा दिन तो नहीं, हाँ! दो बार तुम्हारी चुदाई करूँगा और फिर तुम छुट्टी लेकर विजय और दूसरों से चुदवाने जा सकती हो”, मैंने कहा।

“ठीक है, जब आपकी यही मरज़ी है तो……” उसने थोड़ा निराश होते हुए कहा।

जब मैं दूसरी बार उसकी चूत में अपना लंड डाल रहा था उसी वक्त फोन कि घंटी बजी। मैं फोन उठाना चाहता था पर आयेशा ने मुझे रोक दिया।

“डार्लिंग! जरूरी फोन भी हो सकता है”, मैंने कहा।

“इस समय मेरी चूत से जरूरी कोई काम नहीं है! बस मुझे इसी तरह चोदते जाइये”, आयेशा ने अपने कुल्हे उछालते हुए कहा, “हाँ सर! इसी तरह जोर से अपना लंड घुसाते रहिये।” फोन दो चार बार बज कर बंद हो गया।

ऑफिस के दरवाजे पर हल्की सी दस्तक हुई और नसरीन ऑफिस में आ गयी। “सर! आपको डिस्टर्ब करने के लिये माफी चाहती हूँ पर एम-डी आपको अर्जेंटली बुला रहे हैं।”

“कह दो कि ये नहीं आ सकते”, आयेशा ने झल्लाते हुए कहा, “तुम देख नहीं सकती कि ये बीज़ी हैं।”

“नहीं नसरीन! तुम ये मत कहना। कहना कि जैसे ही मुझे काम से फ़ुर्सत मिलेगी मैं आ जाऊँगा”, मैंने कहा। फिर मैंने आयेशा से कहा, “क्या तुम चाहती हो कि मैं अपनी नौकरी से हाथ धो बैठूँ?” बदले में वो शरारत से मुस्कुरा पड़ी। थोड़ी देर में एम-डी मेरे केबिन में आया। “मुझे पहले ही समझ जाना चाहिये था कि तुम चुदाई में व्यस्त हो, इसलिये समय नहीं मिल रहा”, एम-डी हँसा, “राज! मुझे मिस्टर खोसला के साथ हुई तुम्हारी मीटिंग की डिटेल्स चाहिये।”

“क्या आपने वो रिपोर्ट देखी नहीं?” मैं चौंक पड़ा था। फिर आयेशा की ओर देखते हुए मैंने पूछा, “मैंने तुम्हें मिस्टर खोसला की रिपोर्ट डिकटेट करायी थी, वो कहाँ है?”

“अगर आपने डिकटेट करायी होती तो मैं उसे टाईप ना कर देती। मैं अपने काम में पूरी तरह पाबंद हूँ”, आयेशा अपनी बात पे जोर देती हुई बोली।

करीब दस मिनट के बाद एम-डी ने कहा, “नसरीन इसकी डेस्क पूरी तरह देख चुकी है….. वो वहाँ नहीं है।”

“आयेशा! ये तुमने क्या किया, जरा अपने दिमाग पे जोर दो”, मैंने फिर कहा।

“मैं कैसे सोचूँ…. जब एक लंड मेरी चूत को इतनी जोर से चोदे जा रहा है”, आयेशा ने शिकायत की।

“आयेशा या तो अपने दिमाग पे जोर दो नहीं तो मैं तुम्हारी चूत को चोदना बंद कर दूँगा”, मैंने उसे धमकाते हुए कहा।

“नहीं सर! ऐसा मत करना, मुझे याद आ रहा है….. मैंने वो रिपोर्ट मीना मैडम को दी थी”, आयेशा ने कहा।

“सर आपको तकलीफ हुई….. उसके लिये माफी चाहता हूँ”, मैंने एम-डी से कहा।

“मिस्टर खोसला दो बजे ऑफिस आने वाले हैं, कांट्रैक्ट साइन करने कि लिये, मैं चाहता हूँ कि उस समय तुम भी वहाँ मौजूद रहो”, एम-डी ने कहा और केबिन के बाहर चले गये।

शनिवार कि सुबह ही रूही, फातिमा और आर्यन के साथ मेरे घर पहुँच गयी। एक दूसरे को नमस्ते करने के बाद आर्यन ने लड़कियों को अपनी बाँहों में ले लिया, “आओ मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम लोग पूरे हफ़्ते क्या मिस करती रही हो।” हँसते और खिलखिलाते हुए वो लड़कियाँ आर्यन को बेडरूम में घसीट के ले गयीं।

लड़के भी पीछे नहीं थे। “फ़ातिमा खाने से पहले क्या तुम एक स्पेशल कॉकटेल पीना पसंद करोगी जिसमें हमारे लंड का पानी मिला हो?” उन्होंने दूसरे बेडरूम की ओर इशारा करते हुए कहा। “हाँ फिर तो मज़ा आ जायेगा”, फातिमा चहकते हुए बोली।

“आर्यन को तो अब एक ही शौक रह गया है, चोदना, चोदना और सिर्फ़ चोदना। जबसे तुम लोग गये हो, आबिदा और सलमा, दोनों रात में उसके साथ सोती हैं। वो रात को तो उनको चोदता ही है पर दिन में जब भी मौका मिलता है अपना लंड उनकी चूत में पेल देता है”, रूही ने आर्यन की ओर देखते हुए कहा।

“मज़े करने दो उसे! क्या शुक्रवार को सायरा आयी थी?” प्रीती ने पूछा।

“हाँ आयी थी। आर्यन उसका इंतज़ार कर रहा था और जैसे ही वो आयी उसे अपने कमरे में ले गया। वो शाम को घर जाने के समय ही बाहर आयी”, रूही ने हँसते हुए जवाब दिया।

“फिर उसके काम का क्या हुआ?” प्रीती ने पूछा।

“मैं ये बर्दाश्त नहीं करती कि काम बाकी पड़ा रहे। उसका काम आबिदा और सलमा को करना पड़ा”, रूही ने जवाब दिया।

“क्या उन्हें बुरा नहीं लगा?” प्रीती ने पूछा।

“नहीं… वो दोनों आर्यन से बहुत मोहब्बत करती हैं। आबिदा से तो मुझे ये भी पता चला कि सायरा की तीन छोटी बहनें हैं। और जब वो बड़ी हो जायेंगी तो सायरा पहली बार आर्यन से ही उनकी चुदाई करवायेगी”, रूही ने जवाब दिया।

“क्यों ना खाने के पहले ड्रिंक्स और थोड़ी चुदाई कर ली जाये?” मैंने रूही से पूछा।

“मुझे तो लग रहा था कि तुम पूछोगे ही नहीं”, रूही हँसते हुए बोली।

जब हम रूही की चुदाई कर चुके थे तो रूही ने पूछा, “क्या तुम्हारे एम-डी आ रहे हैं?”

“हाँ! वो आ रहे हैं। मैंने उन्हें तुम्हारे बारे में बताया था। वो तुम्हें चोदने की फ़िराक में है”, मैंने जवाब दिया।

“अगर वो तुम्हें चोदे तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?” प्रीती ने पूछा।mast chudasi bhbhi ki kahani (hindisexstories.autocamper-service.ru (11)

“नहीं! बुरा क्यों लगेगा? मैं तुम्हारे एम-डी को बरसों से जानती हूँ। वो कई सालों से मेरे पीछे पड़ा हुआ है। जब भी मैं अपने शौहर के साथ क्लब में उससे मिलती तो वो मुझे छेड़ने से बाज़ नहीं आता था। पर अब जब कि मैं बेवा हो चुकी हूँ तो मैं भी उससे चुदवाना चाहुँगी”, रूही ने जवाब दिया।

“उससे चुदवाकर तुम्हें पछतावा नहीं होगा। एम-डी जानता है कि औरतों को खुश कैसे किया जाता है”, प्रीती ने हँसते हुए कहा।

“उम्मीद है ऐसा ही होगा! उसे चुदाई की काफी प्रैक्टिस है”, रूही बोली।

पार्टी रात को सात बजे शुरू होने वाली थी। साढ़े छः बजे दरवाजे की घंटी बजी। “इस समय कौन हो सकता है?” प्रीती ने पूछा।

“आयेशा ही होगी!” मैंने जवाब दिया।

“मैंने तो सोचा था कि तुम उसे नहीं बुलाने वाले हो!” प्रीती ने कहा।

“पहले मैं उसे नहीं बुलाना चाहता था। पर जो खेल आज की रात के लिये मेरे दिमाग में है, उसके लिये एक लड़की कम पड़ रही थी….. सो मैंने उसे बुला लिया”, मैंने प्रीती को समझाया। “कैसा खेल?” रूही ने उत्सुक्त में पूछा।

“उसके लिये तुम्हें थोड़ा इंतज़ार करना होगा”, मैंने आयेशा को अंदर लेते हुए कहा।

हमेशा की तरह आयेशा बहुत ही सुंदर लग रही थी। उसने बहुत ही अच्छा मेक-अप किया हुआ था और आसमानी नीले रंग का बहुत ही सैक्सी सलवार-कमीज़ और उससे मैचिंग सफ़ेद रंग के हाई-हील के सैंडल पहन रखे थे। “आओ आयेशा! तुम्हारा स्वागत है”, प्रीती ने कहा। “मेरे करीब तो आओ जरा ताकि मैं तुम्हें अच्छी तरह निहार सकूँ।”

एक प्यारी मुस्कान के साथ आयेशा प्रीती के सामने एक मॉडल की तरह खड़ी हो गयी। “बहुत सुंदर लग रही हो…… एक दम किसी अप्सरा की तरह”, प्रीती ने उसे गले लगाते हुए कहा, “लेकिन तुम्हारी आँखें सुर्ख क्यों हैं, क्या तुम रोती रही हो?”

उसकी आँखों में तुरंत ही आँसू आ गये और उसने गर्दन हिला दी, “हाँ!”

“क्या हुआ…..? बताओ मुझे”, प्रीती ने पूछा।

“उन्हें सब मालूम पड़ गया है! ऑफिस में क्या होता है और आपके घर पर क्या-क्या होता है”, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।

“ओह गॉड! फिर तो तुम्हारे अब्बा ने जमकर डाँट लगायी होगी तुम्हें?” मैंने कहा।

“हाँ! उन्होंने जरूर मेरी ठुकाई की होती अगर अम्मी ने उन्हें रोक ना दिया होता”, आयेशा ने नज़रें झुकाते हुए कहा।

“तुम्हारी अम्मी ने उन्हें रोका???” मैं आगे कहना चाहता था कि आयेशा हँस पड़ी, “सर! ये मगरमछी आँसू थे। पर ये सच है कि उन्हें सब पता चल गया है।”

“आयेशा थोड़ा सीरियस होकर सब सच-सच बताओ”, मैं थोड़ा जोर से बोला।

“सर! जब मैंने अब्बा से आज की रात को आने के लिये उनकी इजाज़त चाही तो वो मुझ पर बरस पड़े। कहने लगे कि वो सब जानते हैं कि वहाँ ऑफिस में और आपके घर पर क्या होता है।”

“वो इतना गुस्से में थे कि फिर अम्मी को बीच में आना पड़ा और उन्होंने सब उन्हें शुरू से बता दिया।”

“पर तुम्हारी अम्मी को कैसे पता चला?” प्रीती ने पूछा।

“जब एक महीने मुझे महावारी नहीं हुई थी तो उन्हें शक हो गया था। तब मैंने अम्मी से कहा था कि वो सच कह रही हैं, और मैंने उन्हें बताया कि कैसे प्रीती जी ने मेरा खयाल रखा था। तब अम्मी ने मुझसे कहा कि जो हो चुका है वो वापस नहीं आ सकता….. बस मैं एक बात का खयाल रखूँ कि घर की बदनामी ना हो।”

“बस फ़िर क्या था…… मैं तुरंत तैयार हुई और यहाँ चली आयी। सॉरी मैं थोड़ा जल्दी ही आ गयी।” आयेशा ने अपनी कहानी पूरी करते हुए कहा।

हम लोग बातों को और आगे बढ़ाते कि दरवाजे की घंटी बजी। “रुको मैं देखता हूँ”, कहकर मैं दरवाजे की ओर बढ़ा।

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैंने रूही को प्रीती से कहते सुना, “मैं अभी दो मिनट में आती हूँ।”

मैं एम-डी और उनके परिवार को अंदर लेकर आ गया। साथ ही अनिता और मीना भी आ गये। इस तरह सभी मेहमान आ चुके थे। आपस में परिचय और स्वागत के बाद एम-डी ने मुझसे पूछा, “राज! रूही कहाँ है?”

“हाय राजू! मैं तुम्हारे पीछे खड़ी हूँ”, रूही ने कहा।

“हाय रूही मेरी जान!” एम-डी ने उसे गले लगाते हुए कह।, “तुम पहले से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत और जवान लग रही हो।”

“तुम पहले से जरूर थोड़े उम्र में बड़े लग रहे हो पर आज भी कोई भी औरत तुम्हारी ख्वाहिश कर सकती है”, रूही ने जवाब दिया।

“दोस्तों! इससे पहले कि हम बातचीत का दौर आगे बढ़ायें, क्यों ना हम सब अपने कपड़े उतार कर एक दूसरे से घुल मिल जायें”, मैंने घोषणा करते हुए कहा।

सब लोग अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गये और ड्रिंक्स पीते हुए आपस में बातें करने लगे। औरतों ने सिर्फ अपने ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहने हुए थे।

रूही के नंगे बदन को अपनी गिरफ़्त में लेकर एम-डी ने उसके मम्मों को मसल दिया। “रूही! आज मैं तुम्हें दिल भर के चोदूँगा। याद है मैंने तुमसे कहा था कि एक दिन मैं तुम्हें जरूर चोदूँगा।” “उन दिनों का तो मुझे पता नहीं कि तुम मुझे चोद पाते कि नहीं……. हाँ! आज जब मैं बेवा हो गयी हूँ तो जिससे मेरा मन करे उससे चुदवा सकती हूँ”, कहकर रूही ने जोर से एम-डी के खड़े लंड को भींच दिया, “आज मैं तुम्हारे लंड से एक-एक बूँद निचोड़ लूँगी।”

“राज कह रहा था कि तुम्हारी चूत काफी कसी हुई और गरम है!” एम-डी ने उसके मम्मों को मसलते हुए कहा।

“चोद कर खुद देख लो!” रूही हँसते हुए उसके लंड को और रगड़ने लगी।

“रूही! क्या तुम उस लड़की को जानती हो जो आयेशा से बात कर रही है?” एम-डी ने पूछा।

“वो मेरी बेटी फातिमा है”, रूही ने जवाब दिया।

“क्या उसकी भी चूत तुम्हारी चूत की तरह गरम है?” एम-डी ने पूछा।

“उसकी भी चूत को चोद के देख लो…..” रूही ने हँसते हुए जवाब दिया।

“हाँ! मैं चोद के जरूर देखूँगा। लेकिन पहले तुम्हारी चूत को और फिर तुम्हारी बेटी की चूत को”, एम-डी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसलते हुए कहा।

“फातिमा! जरा यहाँ तो आना”, रूही ने आवाज़ लगायी। फातिमा अब तक काफी शराब पी चुकी थी और ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में लड़खड़ाती उनके पास आयी। रूही ने उसका परिचय कराया, “इनसे मिलो! ये हमारे परिवार के पुराने जान पहचान वालों में से हैं और तुम्हारी सहेली रजनी के अंकल भी….. मिस्टर राजू।”

“सलाम सर!” फातिमा ने थोड़ा सा सर झुका कर उसे सलाम किया।

“मेरे पास आओ!” एम-डी ने कहा, “जरा तुम्हारे बदन की गरमाहट को महसूस करने दो।” फिर एम-डी ने फातिमा की चूचियों को जोर से मसलते हुए कहा, “तुम्हारी चूचियाँ कितनी भरी भरी हैं। लगता है कि तुम्हें चोद कर मुझे काफी आनंद आयेगा।”

“उम्मीद करती हूँ कि आपके लंड में इतना पानी हो कि वो हम दोनों की चूत कि प्यास बुझा सके”, कहकर फातिमा ने एम-डी के लंड को जोर से मसल दिया।

“प्लीज़ सब लोग मेरी बात पर ध्यान दें……” मैंने जोर से चिल्लाते हुए कहा, “आज की पार्टी का थीम है माँ-बेटी। पहले मैं आप सबसे उन चूतों का परिचय करा दूँ जो आज की रात माँ-बेटी की जोड़ी बन कर आयी हैं। पहली जोड़ी है मिली और टीना की!” कमरे में जोर की ताली बजने लगी।

“दूसरी जोड़ी है योगिता और रजनी की, तीसरी है अनिता और मीना की, और आखिरी है रूही और फातिमा की। उसके बाद हमारे बीच हैं, दो सगी बहनें, अंजू और मंजू और उनका साथ दे रही हैं मेरे सालों की बीवियाँ सिमरन और साक्षी। और आखिर में है मेरी बीवी प्रीती और और सुंदर आयेशा। प्लीज़ सब इनका जोर से ताली बजा कर स्वागत करें।”

कमरे में जोर की तालियों की गड़गड़ाहट गूँज पड़ी। शराब पानी की तरह पी जा रही थी और सब नशे और मस्ती में चूर थे। “आज की रात हम एक खेल खेलेंगे। हर मर्द अपने पसंद की जोड़ी चुनेगा। वो जोड़ी को अदल-बदल नहीं कर सकता”, मैंने कहा।

“मैं रूही और फातिमा को चुनता हूँ!” एम-डी थोड़े उतावले स्वर में बोला।

“सर! आप थोड़ा सब्र कीजिये। आपकी बारी बाद में आयेगी। पहली बारी जय की है। माँ -बेटी की जोड़ी को इस पार्टी में बुलाया जाये, ये सुझाव उसका था और इसलिये पहला हक उसका बनता है। जय के चुनने के बाद उम्र को महत्व दिया जायेगा। जय तुम किसे चुनना चाहोगे?” मैंने कहा।

“एम-डी को अपनी पसंद लेने दो! मैं अनिता और मीना को चुनता हूँ”, जय ने उन दोनों को अपनी बाँहों में भरते हुए कहा।

एम-डी के बाद मैं ही उम्र में बड़ा था। सो मैंने मिली और टीना को अपनी बाँहों में भर लिया। उसके बाद पसंद चलती रही और परिणाम ये था कि राम ने योगिता और रजनी को चुना। श्याम ने अंजू और मंजू दोनों बहनों को। विजय ने अपने आपको सिमरन और साक्षी के साथ कर लिया। आर्यन अपनी पुरानी दो प्रेमिकाओं, प्रीती और आयेशा को पाकर खुश था।

“राज तुमने ये नहीं बताया कि खेल क्या है?” अनिता ने जय के लंड को अपने ग्लास में डालकर शराब में नहलाते हुए पूछा।

मेरे लिविंग रूम के कोने में बने बार की तरफ इशारा कर मैंने कहा, “जो भी चाहे बार से ड्रिंक ले सकता है। जी भर कर पीजिये और मैं खेल और उसके नियम आप सबको १५ मिनट बाद बताऊँगा। सो प्लीज़ आप सब इंजॉय करें और १५ मिनट का इंतज़ार।” राज तुमने ये नही बताया कि खेल क्या है?” अनिता ने ज़य के लंड को प्यार से मसल्ते हुए पूछा.

मेरे लिविंग रूम के कोने मे बने बार की तरफ इशारा कर मेने कहा.”जो भी चाहे बार से ड्रिंक ले सकता है.में खेल और उसके नियम आप सब को 15 मिनिट बाद बताउन्गा.सो प्लीज़ आप सब एंजाय करें और 15 मिनिट का इंतेज़ार.” आज मेरे घर मे एक पार्टी थी.मेने एक खेल रखा था और सब उसके नियम सुनने को बैचेन थे.

15 मिनिट हो चुके थे.दोस्तों अब जो खेल मेने रखा है प्लीज़ सब ध्यान से उसके नियम सुन ले.” में सबका ध्यान अपनी और आकर्षित कर बोला.”दीवार पर लगी घड़ी मे इस समय 7.30 बजे है.ठीक 8.15 पर बार बंद हो जाएगा.और 8.15 से 9.00 के बीच हर मर्द को अपनी औरतों की जोड़ी को एक बार ज़रूर चोद्ना है.ठीक 9.00 बजे औरतों को अपने अपने मर्द का लंड चूसना है.जिस जोड़ी की औरत अपने मर्द का पानी पहले छुड़ाने में कामयाब होगी वो ही इस खेल की विजेता होगी.कोई सवाल है किसी के दिल मे?

“क्या हम औरतों की चुदाई एक बार से ज़्यादा बार नही कर सकते?” संजू ने पूछा.

तुम्हारा दिल चाहे उतनी बार तुम उनको चोद सकते हो पर तुम्हारी जोड़ीदार औरतों को ही तकलीफ़ होगी तुम्हारा पानी छुड़ाने मे.” मेने जवाब दिया.

पहले किसको चोद्ना है मा को या बेटी को?” राम ने पूछा.

इसकी कोई पाबंदी नही है.ये तुम लोग आपस मे तय कर सकते हो.” मेने उसकी बात का खुलासा किया.

नही में इस बात से सहमत नही हूँ.” मिली ने मेरे लंड को चूमते हुए कहा,उम्र के हिसाब से अहमियत बड़ों को पहले मिलनी चाहिए.क्या सब मेरी बात को मानते है.”सबने उसकी बात का समर्थन किया.

तो ठीक है जो बड़े है पहले वो चुदाई करेंगे.” मेने कहा.

क्या जीतने वाले को इनाम भी मिलने वाला है.अगर हां तो वो क्या है?” निशा ने पूछा.

इनाम ये है कि जीतने वाली आज अपना चुदाई का कोई भी ख्वाब पूरा कर सकती है.” मेने कहा ,और कोई सवाल.

“क्या लंड चूसने के भी कोई नियम है.” अनिता ने पूछा.

नही उसके कोई नियम नही है,सिर्फ़ इतना की लंड चूस्ते वक़्त औरतें अपने हाथों का इस्तेमाल नही करेंगी.” मेने कहा,और कुछ पूछना है किसी को.

“हां बार वापस कब खुलेगा?” विजय ने पूछा.

जैसे ही ये खेल कोई जीत लेगा.” मेने जवाब दिया.

“वैसे बार अभी खुला है.”मम्मी.” संजू रूही के पास पहुँचा.

हां बेटा तुम ड्रिंक ले सकते हो पर ज़्यादा मत लेना.” रूही ने संजू के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा.

क्या तुमने पहले कभी शराब पी है?” निशा ने संजू से पूछा.

नहीं आज से पहले कभी नहीं पी पर आज पीने वाला हूँ.” संजू ने कहा.चलो बियर पीते हैं मेरा भी ये पहला मौका है.

” निशा संजू को घसीट कर बार की ओर ले गयी.कितनी अच्छी जोड़ी है दोनो की.” मेने रूही के कान में कहा.

हां मे भी यही सोच रही थी.” रूही ने जवाब दिया.जब हम सब ड्रिंक करते हुए आपस मे बातें कर रहे थे तो एमडी ने कहा,राज में तुम्हे बता सकता हूँ कि आज कौन जीतेगा.

“कौन?” मेने पूछा.

मैं अपने पैसे अनिता पर लगा सकता हूँ.मेरी जिंदगी मे कई औरतों ने मेरा लंड चूसा पर अनिता का लंड चूसने का अंदाज़ ही निराला है.वो एक नपुंसक के लंड मे भी जान डाल सकती है.” एमडी ने हंसते हुए कहा.

पर सर मिली,रूही और प्रीति भी किसी से कम नही है.मुझे लगता है कि स्पर्धा काफ़ी नज़दीकी होगी.” मेने कहा.

अनुभवी इंसान की बात को मानना सीखो हमेशा फ़ायदे में रहोगे.” एमडी ने अपनी छाती पे हाथ ठोकते हुए कहा.

ठीक 8.15 बजे सात खड़े लंड सात गीली हुई चूतो मे घुस गये और एक साथ सात आवाज़े “आआआआआअहह” की कमरे मे गूँज पड़ी.थोड़ी ही देर मे कमरे का महॉल गरमा गया.चारों तरफ से सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी,ओह हााआआं चूऊऊदो मुझीईई.” कोई कह रहा था,हाआाआअँ जोर्र्र्र्र्र्ररर से और जोर्र्र्र्र्ररर से डाआआअलो हाआआं और जोर्र्र्रर से.”कुछ देर बाद सिसकारिया बड़बड़ाहट मे बदल गयी,रक्क्क्कक्नया मत्त्त्त चोद्द्द्द्द्द जऊऊ और जोर्र्र्ररर से मेरााआ छूटनीईईई वाला है.” और मर्दों ने एक ज़ोर की `आआआआअहह” कहकर अपना पानी उनकी चूत मे छोड़ दिया.जैसे ही सब मर्दों का लंड दुबारा खड़ा हुआ उन्होने बेटियों की चूत मे अपना लंड घुसा चोद्ने लगे.थोड़ी देर मे सब औरतों की चुदाई एक बार हो चुकी थी.सब मर्द अपनी उखड़ी सांसो को संभाले आराम कर रहे थे सिवाई संजू के, निशा चलो एक बार फिर से चुदाई करते है.तुम्हारा तो सपना कोई होगा नही.

“सच कहूँ तो एक नही कई है.और में आज उनमे से अपने एक सपने को ज़रूर पूरा करूँगी.” निशा ने जवाब दिया.

निराश होता हुआ संजू प्रीति के पास पहुँचा,प्रीति चलो चुदाई करते है.”अभी नही,में नही चाहती हूँ कि निशा इस खेल में हर जाए.” प्रीति ने जवाब दिया.

जैसे सब बैठे है वैसे ही तुम भी बैठ जाओ और 9.00 बजने का इंतेज़ार करो.” कहकर निशा ने संजू को एक कुर्सी पर बिठा दिया.ठीक 9.00 बजे औरतों की जोड़ी मे सबसे छोटी थी वो अपने मर्दों का लंड चूसने लगी,

निशा ज़रा धीरे चूसो तुम्हारे दाँत मुझे चुभ रहे है.” संजू ने दर्द से सिसकते हुए कहा.

संजू अपना मुँह बंद रखो,मेरे हिसाब से निशा सही ढंग से चूस रही है.” प्रीति ने उसे डाँटते हुए कहा.

नीलम मेरे लंड को चूस रही थी.उसे भी लंड चूसने का अनुभव नही था इसलिए उसके भी दाँत मेरे लंड पर चुभ रहे थे.थोड़ी देर बाद सब बड़ी औरतों ने छोटी लड़कियों का स्थान ले लिया.

“शुक्रिया भगवान” संजू ने एक गहरी सांस ली.”निशा तुमने तो मेरे लंड को चबा ही डाला था.

“मेने अनिता को कहते हुए सुना,मीना कैसा चल रहा है?

“वैसे तो ठीक है पर खड़ा नही हो रहा.” मीना ने जवाब दिया.

लाओ इसके लंड को मुझे चूसने दो.” अनिता ने कहा,में इसके लौडे को थोड़ी देर मे ऐसा कर दूँगी कि ये कमरे के चारों और पिक्खरी मारता रहेगा.” थोड़ी देर में ज़य के मुँह से सिसकारियाँ फुटनी शुरू होगआई,हााआअँ चूऊऊओसो आईसस्स्स्ससे ही ओह हन्णन्न् ज़ोर सीईई उ.’

वैसे तो मिली भी काफ़ी अच्छी तरह चूस रही थी पर ज़य के चेहरे से लग रहा था कि वो लोग बाज़ी मार ले जाएँगे.ओह अनीता मेरााा छोओओओओट्णे वाला हाईईईई.” जाई ज़ोर से चिल्लाया,हााआ ज़ोर सस्स्ससे चूऊवसो हाआआं आईसस्स्स्स्ससे ही हाआाआअँ मेरााआअ छूउटा.” उसका शरीर आकड़ा और उसके लंड ने अपने वीर्य की पिचकारी अनिता के मुँह मे छोड़ दी.खुशी से झूमते हुए अनिता ने ज़य के लंड को अपने से निकाला और मीना और ज़य को अपनी बाहों मे भर लिया,हम जीत गये हम जीत गये.”जब सब मदों का पॅनिक छूट गया तो सभी औरतें अनिता को बधाई देने लगी

.”एमडी सही कह रहा था,लगता है हम सब को तुमसे ट्यूशन लेना पड़ेगा.अब बताओ तुम अपना कौन सा सपना पूरा करना चाहोगी.?”

मेरा एक सपना है जिसके बारे मे में हमेशा सोचती रहती थी किंतु…….” अनिता कहने जा रही थी पर में बीच मे बोला,

अनिता तुम अपना समय लो और सोच कर बोलो.हम खाना खाने के बाद तुम्हारा सपना ज़रूर पूरा करेंगे.तब तक लिए बार खुला है और जो लोग ड्रिंक्स लेना चाहे ले सकते है.

“राज मुझे मालूम है कि में क्या करना चाहती हूँ मुझे सोचने की ज़रूरत नही है.” अनिता हंसते हुए बोली.

खाना खाने के बाद सब ये जानने को उत्सुक थी कि अनिता का वो ऐसा कौन सा सपना है जिसे वो पूरा करना चाहती है.सब अनिता के पास इकट्ठा हो गये,मेरा हमेशा से सपना रहा है कि मुझे 5 मर्द मिल कर चोदे और मेरे शरीर को अपने वीर्य से नहला दे,आज मे अपना ये सपना पूरा करूँगी.” अनिता ने कहा.

क्या 5 मर्द वो कैसे?” अंजू ने पूछा.

सीधी सी बात है,एक मेरी चूत में एक मेरी गांद में और एक मेरे मुँह में.बाकी बचे दो वो या तो मेरे हाथों से या मेरी चुचियों के बीच.” अनिता ने बताया.

ठीक है तुम अपने साथी चुन सकती हो?” मेने अनिता से कहा…… मित्रो और आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए और कमेंट कर के हमें बताईये आपको ये कहानी कैसी लगी |

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