प्रेषिका : स्नेहा
हेल्लो , मेरा नाम स्नेहा है. मैं अपनी पहली चुदाई की दास्तान लिख रही हूँ. उस समय मेरी उमर 18 साल की थी. मेरे घर पर मयंक नाम का एक नौकर रहता था. उसकी उमर लगभग 42 साल थी. वो देहात का रहने वाला था और बहुत ही ताकतवर था. उसका बदन किसी पहलवान जैसा था. मेरे मम्मी पापा उस पर बहुत विश्वास करते थे. जब कभी मेरे मम्मी पापा बाहर जाते तो मुझे उसके साथ घर पर अकेला छोड़ जाते थे.
एक दिन मेरे मम्मी पापा 4-5 दिनो के लिए बाहर चले गये. घर पर मैं और मेरा नौकर ही रह गये थे. शाम को उसने खाना बनाया और मुझे खिलाने के बाद खुद खाया. रात के 9 बज रहे थे. वो और मैं बैठ कर टीवी देख रहे थे. कुच्छ देर बाद मुझे नींद आने लगी और मैने टीवी बंद कर दिया. मैने अपने बेड पर सो गयी और वो हमेशा की तरह मेरे बेड के पास ही ज़मीन पर सो गया. रात के 2 बजे मैं बाथरूम जाने के लिए उठी तो मेरी निगाह उस पर पड़ी. उसकी धोती हट गयी थी और उसका लंड धोती के बाहर बाहर निकला हुआ. वो लगभग 9″ लंबा और बहुत मोटा था. वो गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था. मैं खुद को रोक नहीं पे और बड़ी देर तक उसके लंड को देखती रही. मैने कभी इतना लंबा और मोटा लंड नहीं देखा था. मैं जवान तो थी ही, उसका लंड देख कर मुझे जोश आ गया और मैने मन ही मन उस से चुदवाने की ठान ली. मैं बाथरूम से वापस आ कर लेट गयी और सोचने लगी कि उस से कैसे चुदवाया जाए. मेरे मन में एक ख़याल आया और मैं सो गयी.
सुबह हुई तो मयंक ने मुझे जगा दिया और चाय बनाने चला गया. थोड़ी देर बाद उसने मुझे बेड टी ला कर दी. मैं चाय पीने के बाद फ्रेश होने बाथरूम चली गयी. बाथरूम से नहा कर निकलने के बाद मैं बाथरूम के बाहर ज़मीन पर लेट गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. मैने केवल एक टवल लपेट रखा था. मयंक दौड़ा हुआ आया और मुझे देख कर बोला क्या हुआ बेबी. मैने कहा मैं नहा कर निकली तो मेरा पैर सरक गया और मैं गिर पड़ी. मैं उठ नहीं पा रही हूँ. तुम मुझे सहारा दे कर बिस्तर तक ले चलो. मयंक ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सहारा दिया लेकिन मैं खड़ी नहीं हो पा रही थी. वो मुझे गोद में उठा कर बेड पर ले जाने लगा तो मेरी टवल नीचे गिर गयी और मैं एक दम नंगी हो गयी. वो मुझे उसी तरह उठा कर बेड पर ले गया. उसकी आँखों में एक चमक सी आ गयी. मैं समझ गयी कि अब मेरा काम बन जाएगा.
बेड पर लिटाने के बाद उसने मेरी टवल मेरे उपर डाल दी और बोला, “कहाँ चोट लगी है बेबी.” मैने अपने घुटनो की तरफ इशारा कर दिया. वो जा कर आयोडेस्क् ले आया और बोला, “लाओ, आयोडेस्क लगा दूं.” मैने कहा, “ठीक है, लगा दो.” उसने मेरे घुटनो पर से टवल को उपर कर दिया और आयोडेस्क मलने लगा. उसके हाथ फिराने से मुझे जोश आने लगा. मैने कहा, “थोड़ा और उपर भी लगा दो, वहाँ भी चोट लगी है.” उसने मेरा टवल थोड़ा और उपर कर दिया और मेरी जाँघो पर भी मालिश करने लगा. मैं और जोश में आ गयी. मैने देखा कि वो एक हाथ से कभी कभी अपने लंड को भी मसल देता था. उसको भी जोश आ रहा था. मालिश करते हुए वो धीरे धीरे और उपर की तरफ हाथ बढ़ने लगा. मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपनी आँखें बंद कर ली. वो अपने हाथों से मेरी चूत से केवल 4″ की दूरी पर मालिश कर रहा था. मेरी चूत अभी भी टवल से धकि हुई थी. मैं उस से चुदवाना चाहती थी, इस लिए मैने कुच्छ नहीं कहा. वो धीरे धीरे अपना हाथ और उपर की तरफ बढाने लगा. थोड़ी ही देर में मेरी चूत पर से टवल हट गयी और वो मेरी चूत को निहार रहा था. मालिश करते हुए बीच बीच में वो अपनी उंगली से मेरी चूत को भी टच करने लगा.
उसका लंड धोती के अंदर पूरी तरह तन चुका था. थोड़ी देर तक वो मेरी चूत को उंगली से टच करते हुए मेरी मालिश करता रहा. मैं और जोश में आ गयी. मैने उसे रोका नहीं. उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने अपने दूसरे हाथ से मेरी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. मैने कहा, “तुम ये क्या कर रहे हो.” वो बोला, “कुच्छ भी तो नहीं. मुझे ये अच्छा लग रहा था, इस लिए मैं इसे छू कर देख रहा था.” मैने कहा, “मुझे भी अच्छा लग रहा है, तुम ऐसे ही मालिश करते रहो. थोड़ा उस पर भी मालिश कर देना.” वो समझ गया और बोला, “ठीक है, बेबी.” वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी जांघों पर मालिश करता रहा. थोड़ी देर बाद उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. मेरे मूह से सिसकरी निकलने लगी. मैने एक दम मस्त हो गयी थी और मैने उसे रोका नहीं.
उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने कहा तुम्हारा बदन बहुत खूबसूरत है. मैं देखना चाहता हूँ. मैने कहा देख लो. उसने टवल हटा कर फेंक दिया. मैं कुच्छ नहीं बोली. अब मैं बिल्कुल नंगी थी और मयंक एक हाथ से मालिश करता रहा और दूसरे हाथ की उंगली को मेरी चूत के अंदर बाहर करता रहा. मैं जानती थी कि वो एक मर्द है और अपने सामने एक नंगी और कुँवारी लड़की को देख कर ज़्यादा देर बर्दास्त नहीं कर पाएगा.
वो मुझे चोदेगा ज़रूर और मैं उस से चुदवाना भी चाहती थी. थोड़ी देर बाद उसने अपनी उंगली मेरी चूत से निकाल ली और मेरी चुचियाँ मसल्ने लगा. मैं कुच्छ नहीं बोली. उसने मालिश करना रोक दिया और अब अपने दूसरे हाथ की उंगली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. थोड़ी ही देर में मेरी चूत से पानी निकल पड़ा. उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैं अब जोश से एक दम बेकाबू हो रही थी. वो मेरी चूत को चाटने और चूसने लगा. उसका एक हाथ अभी भी मेरी चूचियों पर था और वो उसे मसल रहा था. मेरे मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी. कुच्छ देर तक मेरी चूत को चूसने के बाद वो हट गया और अपनी धोती खोलने लगा. धोती खुलते ही उसका मोटा और लंबा लंड बाहर आ गया. उसने अपना कुर्ता भी उतार दिया. अब वो बिल्कुल नंगा था. वो मेरे करीब आ गया और अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैं एक दम जोश में थी और उसके बिना कुच्छ कहे ही मैने उसके लंड पर अपनी जीभ को फिराना शुरू कर दिया. वो आहें भरने लगा. मैने उसका लंड मूह में ले कर चूसना चाहती थी. उसका लंड बहुत मोटा था और मेरे मूह में थोड़ा सा ही गया. वो बोला, “बेबी, चूसो इसे.” मैं उसका लंड चूसने लगी. थोड़ी देर तक चूसने के बाद उसका लंड एक दम टाइट हो गया. उसने अपना लंड मेरे मूह से निकाल लिया और मेरे पैरों के बीच आ गया. मैं समझ की गयी अब मेरी मन की मुराद पूरी होने वाली है.
लेकिन मैं उसके लंड के साइज़ को देख कर घबडा भी रही थी. उसने मेरी चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए. मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसने मेरी टाँगो को पकड़ कर फैला दिया. अब उसने अपने लंड की टोपी को मेरी चूत के बीच में रखा और धीरे धीरे अंदर दबाने लगा. मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से चीख निकल गयी. वो बोला थोड़ा बर्दाश्त करो बेबी, अभी कुच्छ देर में तुम्हारा दर्द ख़तम हो जाएगा और तुम्हें खूब मज़ा आएगा. वो अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे घुसाने लगा.
मैं फिर चिल्लाने लगी तो वो रुक गया. थोड़ी ही देर मे जब मैं शांत हो गयी तो उसने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाले बिना मुझे चोदने लगा. थोड़ी ही देर में मुझे मज़ा आने लगा और मैं आहें भरने लगी. उसने जब देखा कि मुझे मज़ा आ रहा है तो उसने एक धक्का तेज लगा दिया. मैं फिर से चीख उठी. उसका लंड मेरी चूत में थोड़ा और अंदर घुस गया. वो उतना ही लंड मेरी डाल कर मुझे चोद्ता रहा. थोड़ी देर बाद जब मैं फिर शांत हुई तो उसने फिर एक ज़ोर दार धक्का लगा दिया. उसका लंड मेरी चूत में और ज़्यादा घुस गया. वो मुझे इसी तरह चोदता रहा. मैं जैसे ही शांत होती वो एक धक्का तेज मार देता था और उसका लंड मेरी चूत में और ज़्यादा घुस जाता था. 10-15 मिनिट तक चोदने के बाद ही वो मेरी चूत में झाड़ गया. इस बीच मैं भी 2 बार झाड़ चुकी थी.
उसका लंड अभी तक मेरी चूत में केवल 6″ तक ही घुसा था और 3″ अभी भी बाकी था. उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरे मूह के पास कर दिया. मैं उसे चूसने लगी. थोड़ी ही देर में उसका लंड फिर से तन गया. उसने मुझे अब घोड़ी की तरह कर दिया और मेरे पीछे आ गया. उसने मेरी चूत को फैला कर बीच में अपने लंड को फसा दिया और बोला, “अभी तक मैने तुम्हें बहुत आराम के साथ चोदा है. अब तुम कितना भी चिल्लाओ, मैं कोई परवाह नहीं करूणा.” उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और एक जोरदार धक्का मारा तो उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. मैं चिल्लाने लगी लेकिन उसने कोई परवाह नहीं की और बहुत ही ताक़त के साथ धक्का मारने लगा.
मेरी चूत में बहुत तेज दर्द होने लगा. मैं पसीने से एक दम तर हो गयी. वो रुका नहीं और पूरी ताक़त के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर बाद उसने अपना पूरा का पूरा 9″ लंबा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. फिर वो 2 मिनिट के लिए रुका और बोला, “अब जाकर तुम्हारी चूत ने मेरा पूरा लंड खाया है.” अब मैं इसे चोद चोद कर एक दम ढीला कर दूँगा. 2 मिनिट तक रुके रहने के बाद उसने अपने हाथों से मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और मेरी चुदाई करने लगा. मुझे अभी भी बहुत दर्द हो रहा था. लगभग 10 मिनिट की चुदाई के बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा.
वो मुझे बड़ी बेदर्दी से चोद रहा था. लगभग 30 मिनिट की चुदाई के बीच मैं 4 बार झाड़ चुकी थी पर वो रुकने का नाम नही ले रहा था. वो अभी झाड़ा नहीं था. उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी गान्ड के छेद पर रख दिया. मैं डर के मारे थर थर काँपने लगी. मैने उस से बहुत मिन्नत की मेरी गान्ड को छोड़ दो, लेकिन वो माना नहीं. उसका लंड मेरी चूत के पानी से के दम गीला था. उसने मेरी गान्ड में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. मैं दर्द से तड़पने लगी लेकिन वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था. वो बोला अब मैं तुम्हारी गान्ड के छेद को भी चौड़ा कर दूँगा. मैं चिल्लाती रही और वो मेरी गान्ड में अपना लंड घुसाता रहा. 5 मिनिट की कोशिश के बाद आख़िर उसने अपना 9″ का पूरा लंड मेरी गान्ड में घुसा ही दिया. मैं अभी भी चिल्ला रही थी और रो रही थी लेकिन वो रुक नहीं रहा था और तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गान्ड में अंदर बाहर कर रहा था.
उसने लगभग 20 मिनिट तक मेरी गान्ड मारी लेकिन वो झाड़ा नहीं. मैने पूछा, “और कितनी देर चोदोगे मुझे.” वो बोला, “मेरी उमर 42 साल है. मैने बहुत चुदाई की है. मेरा दोबारा इतने जल्दी नहीं झड़ने वाला. अभी तो मैने तुम्हें लगभग 45 मिनिट ही चोदा है और अभी लगभग 30 मिनिट और चोदुन्गा, तब जा कर मेरे लंड से पानी निकलेगा.” मैं घबडा गयी. मैने कहा तुम अब रहने दो, बाद में अपनी इच्च्छा पूरी कर लेना. वो नहीं माना. उसने अपना लंड मेरी गान्ड से बाहर निकाला और मेरी चूत में घुसा दिया.
चूत में लंड घुसाने के बाद उसने बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनिट बाद ही उसने मेरी चूत से लंड को निकाल कर वापस मेरी गान्ड में डाल दिया और चोदने लगा. वो इसी तरह हर 5 मिनिट के बाद मेरी चूत और गान्ड की चुदाई करता रहा. लगभग 25-30 मिनिट तक इसी तरह चोदने के बाद वो बोला, “मैं अब झड़ने वाला हूँ. तुम बताओ कि मेरे लंड का पानी कहाँ लेना चाहती हो, अपनी चूत में या गान्ड में.” मैने कहा, “तुम मेरी गान्ड में ही पानी निकाल दो, चूत में तो तुम पहले भी निकाल चुके हो.” उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर वापस मेरी गान्ड में डाल दिया और मेरी गान्ड मारने लगा. उसके झड़ने का वक़्त नज़दीक आ गया था और वो अब एक तूफान की तरह मेरी गान्ड में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था.
थोड़ी ही देर में उसके लंड से पानी निकलना शुरू हुआ और मेरी गान्ड एक दम भर गयी. पानी निकल जाने के बाद वो हट गया. मेरी चूत और गान्ड कयी जगह से कट गयी थी. बिस्तर पर भी ढेर सारा खून लगा था. मेरी चूत एक दम डबल रोटी की तरह सूज गयी थी. मेरी चूत और गान्ड में दर्द बहुत हो रहा था लेकिन मुझे जो मज़ा इस चुदाई से मिला उसके आगे यह दर्द कुच्छ भी नहीं था. उसने कहा तुम्हारी चूत में दर्द बहुत हो रहा होगा तो मैने अपना सिर हां में हिला दिया. वो किचन से पानी गरम करके ले आया और मेरी चूत को सेकने लगा और बोला इस से दर्द कम हो जाएगा. कुच्छ देर तक सिकाई के बाद मेरा दर्द बहुत हद तक कम हो गया.
अब तक सुबह हो चुकी थी. मैं बाथरूम जाना चाहती थी पर उठ नहीं पा रही थी. मैने उस से कहा मैं बाथरूम जाना चाहती हूँ लेकिन उठ नहीं पा रही हूँ. वो मुझे गोद में उठा कर बाथरूम ले गया. मैने उस से कहा तुम बाहर जाओ मुझे नहाना है.
वो बोला, “मुझे भी नहाना है. हम दोनो साथ ही नहाते हैं.” उसने मेरे सारे बदन पर साबुन लगाया और अपने बदन पर भी. नहाने के बाद वो मुझे गोद में ही उठा कर बिस्तर पर ले आया. वो मेरे बदन को देखने लगा. मेरे बदन की खूबसूरती उसे बर्दास्त नहीं हुई और वो फिर से जोश में आ गया. उसका लंड फिर तन गया तो मैं घबडा गयी. उसने मेरे मना करने के बाद भी मुझे घोड़ी बना कर फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार उसने केवल मेरी चूत की ही चुदाई की. उसने इस बार मुझे लगभग 1 1/2 घंटे तक चोदा तब कहीं जा कर उसके लंड से पानी निकला. इस दौरान मैं 4 बार झाड़ चुकी थी. चुदाई ख़तम होने के बाद मैने उस से कहा, “मैं चल नहीं पा रही हूँ. मेरे मम्मी पापा आ जाएँगे तो क्या जवाब दूँगी.
” वो बोला, “तुम पहले नाश्ता कर लो. मैं अभी बाज़ार से दवा ले आता हूँ.” कुच्छ देर बाद हम ने नाश्ता कर लिया तो बाज़ार चला गया. 1 घंटे के बाद वो एक क्रीम और कुच्छ गोलियाँ ले कर आया. उसने मुझे दवा खिला दी और मेरी चूत पर क्रीम लगाने लगा. क्रीम लगाने के बाद वो खाना बनाने चला गया. 1 घंटे के बाद मेरा सारा दर्द ख़तम हो गया. खाना बन जाने के बाद उसने मेरी थाली में साथ ही साथ खाना खाया. रात हुई तो उसने मुझे फिर चोदना शुरू कर दिया. इस बार वो रुक रुक कर मुझे चोद रहा था. जब वो झड़ने वाला होता तो हट जाता और कुच्छ देर आराम करता. थोड़ी देर आराम करने के बाद वो फिर से मुझे चोदने लगता. इसी तरह वो बिना झाडे मुझे पूरी रात चोद्ता रहा. सुबह को ही उसने अपनी चुदाई पूरी की और मेरी चूत में ही झाड़ गया. पूरी रात में मैं 8 बार झाड़ चुकी थी.
मम्मी पापा के आने तक उसने मुझे 6 बार चोदा. मैने जब कुच्छ दिनो बाद अपने एक बॉय फ्रेंड से चुदवाया तो मुझे मज़ा तो आया लेकिन मयंक की चुदाई जैसा नहीं. मेरा बॉय फ्रेंड मुझे 10-15 मिनिट ही चोदने के बाद झाड़ गया. अब मैं पूरी तरह समझ गयी कि उसकी 6 बार की चुदाई नये और जवान लड़कों से 24 बार चुदवाने के बराबर थी.
और भी अपनी कहानिया मै भेजुगी थोडा टाइम तो लगेगा न तब तक लगे रहिये मस्तराम डॉट नेट पर और पढ़ते रहिये मस्त मस्त कहानिया |