प्रेषक: राज
दोस्तो, मेरी एक कमज़ोरी है के मैं किसी को कभी दुखी नहीं देख सकता और वो भी मेरी वजह से।
मैंने उसे अपने बाहों में लिया और कहा – देखो, रोना मत… मुझे अच्छा नहीं लगता, किसी के आँख में मेरे कारण आँसू आए… ठीक है, थोड़ा इंतेज़ार करो… मैं वसीम से बात करके आता हूँ… उसके बाद, तुम्हारी हर तमन्ना पूरी कर दूँगा…
ये कह कर मैं वसीम के पास गया और उस से कहा – यार, ये गुलबदन तो मान ही रही है और चाहती है के अभी के अभी, मैं उसे चोदूँ… अब तू ही मुझे इस मुसीबत से निकाल सकता है… क्यूंकि, अभी मुझे भैया के पास जाना होगा… उनसे बात करनी है, पापा ने जो कहा है… उस दिन तो बता नहीं सका… आज जाकर बताना है, सब लोगों के शहर आने की बात…
वसीम ने कहा – तू फोन पर बात कर ले ना, भैया से… फिर, बाद में हम दोनों जाकर घर ढूढ़ेंगें और भैया को दिखा देंगे… मगर, अभी तू जाकर पहले गुलबदन की ज़िद पूरी कर… वरना, वो मुझे भी घर में रहने नहीं देगी… क्यूंकि, तेरे पास जाने से पहले वो मेरे पास आई थी और मुझ से कहा तुझ से बात करने के लिए… मगर, मैंने उसे तुझ से सीधे बात करने के लिए भेज दिया…
फिर क्या था, मुझे वसीम की बात माननी पड़ी.. !!
मैं उस के पास गया और उसे बाहों में लेकर कहा – चलो, आज तुम्हें भी देख लेते हैं… कितनी गरमी भरी है, तुम्हारे अंदर…
मैं उसे गार्डेन में, जो गेस्ट हाउस था वहां लेकर गया।
अंदर जाते ही, गुलबदन मुझ से लिपट गई।
मैंने उसे किस किया और बेड पर लिटा दिया।
फिर, उसके ऊपर चढ़ के उसके लिप्स को चूसने लगा और साथ ही साथ, उसके चूचियों को कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगा.. !!
गुलबदन भी सलमा, नीलोफर और गुलनार से कम नहीं थी… …
उसकी चूचीयाँ अपनी मां के तरहा, बड़ी बड़ी थीं.. !! .. !!
रंग गोरा, उसके ऊपर लाल रंग का ड्रेस ग़ज़ब ढा रही थी।
वो भी, अब तक चुदाई में एक्सपर्ट हो गई थी.. !! इस लिए, मेरा पूरा साथ दे रही थी.. !!
वो, मेरे पीठ को सहाल रही थी और अपने बड़े बड़े नाख़ून से पीठ को नोंच रही थी।
हम दोनों ज़ुबान बाहर निकाल के, एक दूसरे की ज़ुबान को चाट रहे थे।
उसकी आँखों में, हवस की झलक दिखाई दे रही थी.. !!
बड़े बड़े बूब्स होने के कारण, उसको मसलने में बहुत मज़ा आ रहा था।
फिर, मैंने उसके टी-शर्ट को उतार दिया.. !! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था तो उसकी बड़ी बड़ी नंगी चूचीयाँ, फाटक से मेरे सामने निकल आईं.. !!
मैं उसे देख कर, अपने आप को रोक नहीं पाया और उसके ऊपर टूट पड़ा।
एक चूची को मैंने चूसना शुरू कर दिया और दूसरे को हाथ से दबा रहा था.. !!
गुलबदन, मेरे बालों को सहाल रही थी।
उसके मुँह से – ष्ह उम्म्म्म म म म म म मा आ… कितने दिनों के बाद, जाकर के मेरा सपना पूरा हुआ… छोड़ना नहीं, आज जी भर के चोदो मुझे… फाड़ डालो, मेरी चूत को… कब से, ये तड़प रही थी तुम्हारे लिए… मेरे अंदर लगी, आग को बुझा दो… अहह ओह…
मैं भी पागलों की तरहा, उसके दोनों बूब्स को चूसने में लगा था.. !! क्या मुलायम बूब्स थे, साली के.. !! उठने का मन ही नहीं कर रहा था.. !!
गुलबदन ने मेरे शर्ट को उतार दिया और अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गाड़ा रही थी।
मैं बूब्स चूसते चूसते, उसकी नाभि को चाटने लगा।
वो, मेरे बालों पर हाथ फेर रही थी.. !!
उसकी नाभि का छेद, बाकी सब से बड़ा था.. !! जिस को, जीभ से चोदने में मज़ा आ रहा था.. !!
एक हाथ से, मैं उसके बूब्स को दबा रहा था.. !! दूसरे हाथ से, चूत को ऊपर से सहला रहा था.. !!
उसकी चूत से पानी निकल रहा था…
फिर, मैंने उसके लोवर को खोल दिया.. !! अंदर, उसने लाल रंग की पैंटी पहनी थी.. !! शायद, उसने बहुत दिन से अपनी चूत के बालों को साफ नहीं किया था जो गीली चूत में पैंटी के ऊपर से दिखाई दे रहे थे।
वो मुझे पीठ के बल लिटा कर, मेरी जीन्स को उतारने लगी.. !!
अंदर, मैंने चड्डी पहन रखी थी.. !! जिस के अंदर से मेरा लण्ड फड़ फड़ा रहा था.. !! बाहर, निकलने को…
तब तक मेरा लण्ड पूरा खड़ा नहीं हुआ था।
गुलबदन ऊपर से ही, मेरे लण्ड को हाथ से हिलाने लगी और ऊपर चढ़ के मेरे जिस्म पर किस करने लगी.. !!
मैं भी उसकी पीठ को सहला रहा था.. !!
उसने अपने आप पैंटी खोल दी और मेरे चड्डी को भी निकाल फेंका तो मेरा मोटा सा लंड उसके सामने हिचकोले मार रहा था। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
गुलबदन, मेरे लंड को देख कर रह नहीं पाई और उसके ऊपर टूट पड़ी।
लण्ड के ऊपर के स्किन को नीचे किया और उस गुलाबी हिस्से को चाटने लगी तो मेरे जिस्म में करेंट सा दौड़ गया.. !! क्यूंकि, उसकी ज़ुबान बहुत गरम हो गई थी.. !! जिस से, मेरे लण्ड को बहुत मज़ा आ रहा था.. !!
वो मेरे लण्ड पर ऐसे जीभ चला रही थी, जैसे कोई शहद को चाटता है…
फिर, वो मेरे लण्ड को मुँह के अंदर घुसा कर चूसने की कोशिश करने लगी.. !! लेकिन, उसका मुँह छोटा था.. !! इस लिए, मेरे लण्ड को अंदर लेते ही, उसकी सांस फूल जाती थी और वो उसे बाहर निकाल देती थी.. !!
मगर, वो भी तो सलमा की ही बेटी थी और लण्ड चूसने में उस्ताद थी.. !! .. !! इस लिए, वो बार बार लण्ड को मुँह के अंदर ज़्यादा से ज़्यादा देर तक रख कर चूसने की कोशिश करने लगी.. !! .. !!
मैंने उसकी गाण्ड को मेरी तरफ कर दिया था और उसकी चूत के दाने को दो उंगली के बीच मसल रहा था.. !! जिस से, उसके अंदर और भी जोश भर जाता था.. !!
कुछ देर बाद, उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।
उसकी मुँह से स्लूप स्लूप… चुप चुप… की आवाज़ निकल रही थी.. !! जब, वो मेरे लण्ड को चूस रही थी.. !!
गुलबदन के चूत में, बहुत ही काले और लंबे घने बाल थे। जिसे देख कर, मैं पागाल हुआ जा रहा था। क्यूंकि, मुझे चूत में ऐसे बाल बहुत मस्त लगते हैं और वैसे भी आज कल, चूत ज़्यादातर चिकनी ही होती है।
जब मैंने अपने दोस्त की मां और बहन को चोदा था, उन दोनों की चूत में भी घने काले बाल थे। ये बात, मैं अपनी दूसरी कहानी में विस्तार से बताऊंगा। आप लोग, पढ़िएगा ज़रूर.. !!
मैंने जब अपनी भाभी को चोदा था तो उनकी चूत में भी थोड़े थोड़े बाल थे, पर उनकी बहन ऋचा के चूत में बाल नहीं थे.. !!
मुझे चूत के बालों से खेलना, बहुत झकास लगता है…
चुदाई के टाइम, मैं उन बालों को खींचता रहता हूँ.. !! जिस से, लड़कियों को दर्द भी होता है और वो और ज़्यादा गरम हो जाती हैं.. !!
तो मैंने जैसे बताया के गुलबदन की चूत, काले घने बालों से ढकी हुई थी।
मैंने उन बालों को हाथ लगाया तो वो बहुत ही मुलायम थे।
फिर, मैंने बालों को हटाया तो मुझे उसकी रस भरी गुलाबी चूत दिखाई दी.. !!
ये बड़ी बात थी.. !! क्यूंकी, इतनी लड़कियों को चोदने के बाद.. !! मैंने, सिर्फ़ एक दो गुलाबी चूत ही देखी थीं.. !!
ये तो आप भी जानते हैं की चूत ज़्यादातर काली या भूरी हो जाती है, चुद चुद, कर…
खैर, गुलाबी होने के साथ साथ, उसकी चूत फूली हुई थी.. !!
मैंने चूत के दाने को दो उंगली से मसल दिया तो गुलबदन चीख पड़ी – ही ई ई ई ई अहह…
मैं उसकी चूत के धार पर उंगली चला रहा था.. !!
चूत के मुँह को खोलता और बंद करता तो गीली होने के कारण, उसमें से पुच पुच… की आवाज़ निकल रही थी।
ऐसा करने से, गुलबदन बहुत गरम हो गई तो उसके चूत का मुँह अपने आप खुलता बंद होता और ढेर सारा पानी निकलता.. !! दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ये देख कर, मेरी हालत खराब होने लगी…
गुलबदन को मैंने झट से बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत को चूसने लगा।
साथ ही साथ, मैं उसकी चूत में उंगली चला रहा था।
इस हरकत से, गुलबदन बहुत गरम होने लगी.. !!
उसके मुँह से – ष्ह अहह ओह… और सब्र नहीं होता… जल्दी से, लण्ड घुस द ऊ ऊ ऊओ मेरई ई ई ई चुत त्त् तत्त मी ई ई ई… यआ आ आअ…
उसकी गाण्ड एक जगह टिक नहीं पा रही थी.. !!
मेरे चूत चाटने से उसके अंदर करेंट दौड़ रहा था और चूत में बहुत ज़्यादा गुदगुदी हो रही थी।
वो मेरे सिर को पकड़ के, अपनी दोनों जांघों के बीच चूत में ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी.. !!
उसके मुँह से लगातार, सेक्सी आवाज़ें निकल रही थीं…
उसकी साँसें, तेज़ चलने लगी थीं.. !! दिल की धड़कन, भी तेज़ हो गई थी.. !!
वो चिला चिला के, कह रही थी – जल्दी से चोद… ओह अहह…
कुछ देर बाद, वो बहुत ज़ोर से चिल्ला के झड़ गई और ढेर सारा पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया.. !! .. !!
वो पानी, बहुत गरम था…
मैंने उसकी चूत के बालों को दोनों साइड से, खींच कर रखा था।
गुलबदन उठ के बैठ गई तो मैं नीचे खड़ा हो गया और उसके मुँह के अंदर, फिर से लण्ड डाल के चूसवाने लगा.. !!
वो बड़े मज़े से, लण्ड और टटो को चूसने लगी.. !!
उस टाइम, गुलबदन बिल्कुल छीनाल लग रही थी… …
मैंने उसके सिर को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से उसके मुँह को चोदने लगा.. !! .. !!
मैं लण्ड को, गले तक ले जाता था.. !! जिस से, उसकी साँसें फूल जाती और उल्टी आ जाती तो फाटक से बाहर निकाल के, फिर से गले तक डाल के चोदता रहता.. !!
उसका मुँह बहुत गरम था.. !! जिस कारण, मेरा लण्ड एकदम से लोहे की रोड जैसा कड़क बन गया.. !!
फिर, मैंने उसे गोदी में उठाया और अपने लण्ड पर बिठा दिया… …
मैं नीचे खड़ा था और तेज़ रफ़्तार से, उसकी चूत में लण्ड पेल रहा था।
गुलबदन चिल्ला रही थी – अहह… ओह या आ आ… उसने मुझे कस के पकड़ रखा था.. !!
मैं उसके कान और गले को काट रहा था। दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
गीली चूत में, मेरा लण्ड उसकी चूत के पूरा अंदर तक घुस जाता था।
ऐसे ही, मैंने उसे 5-10 मिनट तक चोदा.. !! .. !!
फिर, उसे नीचे खड़ा कर दिया और उसकी एक टाँग को उठा के मेरे कंधे पर रख दिया।
उसके बाद, मैंने अपने लण्ड को पकड़ के उसकी गीली फ़ुद्दी में घुसा दिया।
मैंने उसकी जांघ को और बाल को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. !!
ऐसे चोदने में, बड़ा मज़ा आता है.. !! क्यूंकि, लण्ड पूरा अंदर तक घुस जाता है और भीतर की दीवार से टकराता है.. !! जिस से, लड़की को बहुत दर्द होता है.. !! साथ ही साथ, मज़ा भी आता है.. !!
क्या है के आप जब किसी को चोद रह होते हैं तो जब तक वो दर्द से तड़पति नहीं, उसे भी मज़ा नहीं आता.. !!
दोस्तों मजा लेते रहिये और आगे की कहानी अगले भाग में तब तक के धन्यवाद मेरे गुरु जी के मेल पर आप मेल कर के बता सकते है आप लोगो को ये कहानी कैसी लगी Email: [email protected]