जीजा साली – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Sun, 18 Mar 2018 10:13:48 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2015/10/cropped-mastaram-dot-net-logo-red-32x32.png जीजा साली – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 होली में जीजा ने मेरी चुत खोली | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/holi-me-jija-ne-meri-chut-kholi.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/holi-me-jija-ne-meri-chut-kholi.html#respond Thu, 01 Mar 2018 13:01:13 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12103 होली में जीजा ने मेरी चुत खोली, जीजू ने मुझे चोदने के लिए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया. जीजू बोले कि मैं इसी ब्रांड वाले कंडोम से तेरी दीदी को भी चोदता हूँ इसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में लगा दिया और मुझे चोदने को हुए जीजू के पहले धक्के में उनका लंड आधा ही मेरी चूत में गया था कि मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी

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जीजा साली मस्त चुदाई होली में। मेरे प्यारे दोस्तों, मेरा नाम है काजल और मैं गुजरात में रहती हूँ. होली का दिन आ गया तो मुझे मेरी पिछली होली याद आ गई सोची आप सभी से अपनी पिछली होली की कहानी शेयर करू आप सभी को ये कहानी पसंद आएगी ऐसी उम्मीद के साथ मैं आज आप सभी को ये कहानी बताउंगी. मैं दिखने में बहुत ही सेक्सी हूँ और मेरा फिगर 36-30-38 का है. मैं आज आप सबको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ कि कैसे मेरे जीजू ने मुझे चोदा. मेरे जीजू बहुत स्मार्ट हैं और वो मुझे बहुत अच्छे लगते हैं. हम दोनों के बीच में गंदे मजाक चलते रहते हैं. जब भी दीदी के साथ जीजू मेरे घर आते हैं, तो हम दोनों एक-दूसरे से गंदे मजाक करते हैं. मुझे पता था कि जीजू मुझे चोदना चाहते हैं क्योंकि मैं जब भी बाथरूम में नहाती थी और बाथरूम से बाहर आती थी, तो जीजू बाथरूम में जाकर मेरी ब्रा और पेंटी में मुठ मारते थे और मैं ये बात जानती थी.

जीजू मुझे चुदासी नज़रों से देखते थे. मैं भी अपने जीजू को पसंद करती थी. लेकिन वो तो मुझे चोदना चाहते थे इसलिए वो मेरी चूची और गांड को खूब देखते थे. जीजू जब भी आते थे तो मुझसे गले लगते थे और मेरी चूची को दबा देते थे. ये सब मुझे भी बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन मैं और जीजू एक-दूसरे से मजाक कर रहे थे और उस दिन जीजू ने मुझसे बोला- काजल तुम बहुत सेक्सी हो.
यह कह कर जीजू ने मेरी चूची को दबा दिया. मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं भी गर्म हो गई थी. मेरे विरोध न करने पर तो जैसे जीजू को खुली छूट मिल गई थी. इसके बाद जब भी जीजू को मौका मिलता था, वो मेरी चूची दबा देते थे और मैं अपने जीजू को सेक्सी वाली स्माइल देती थी.

हम दोनों के बीच में अब सेक्स की बातें खुल कर होने लगी थीं. एक दिन मैं अपने कमरे में सो रही थी, तभी जीजू मेरे कमरे में आए और मेरी चूची को दबाने लगे. मैंने उस दिन मैक्सी पहनी हुई थी और इसके अन्दर कुछ नहीं पहनी थी. अन्दर से मैं पूरी नंगी थी. जीजू मैक्सी के ऊपर से मेरी चूची पूरी दम से दबा रहे थे. कुछ पल बाद मेरी चूची दबाते दबाते जीजू ने अपना हाथ मेरी मैक्सी के अन्दर डाल दिया. अब उन्होंने मेरी चूची को अच्छे से पकड़ा और दबाने लगे. इससे मैं बहुत गर्म हो गई थी और मेरी चूत से पानी निकलने लगा था.

तभी जीजू मेरी मैक्सी को ऊपर करने लगे और मेरी चूत को सहलाने लगे. मैं सोने का नाटक कर रही थी, मुझे चुत में उंगली करवाना बहुत अच्छा लग रहा था. मैं कुछ ही देर में एकदम गर्म हो गई थी.
जीजू ने मेरे कान में बोला- काजल उठो, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ.

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चूंकि मैं भी जीजू से चुदवाना चाहती थी. मैं उठ गई तो जीजू ने मेरी मैक्सी निकाल दी.
मैं जीजू से बोली- मुझे नींद आ रही है.
जीजू- अभी चोद लूँ फिर सो जाना रानी.
मैं जीजू के सामने के एकदम नंगी थी, मैं बोली- अगर ये बात दीदी को पता चल गई तो?
जीजू बोले- काजल, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हें चोदना चाहता हूँ, तुम मेरी हो जाओ, मैं तुम्हारी दीदी से ज्यादा तुम्हें प्यार करता हूँ और तुम्हें खुश रखूँगा.

इसके बाद जीजू भी नंगे हो गए और मुझे किस करने लगे. मैं भी जीजू को किस करने लगी. इस वक्त सभी लोग सो रहे थे. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. उसके बाद जीजू मेरी चूची से खेलने लगे और मेरी चूची को दबाने लगे.

कुछ पल बाद जीजू मेरी चूत को चाटने लगे.
मैं जीजू से बोली- जीजू मैं बिना कंडोम के नहीं चुदवाऊंगी.
वो बोले- रानी मैं कंडोम खरीद कर लाया हूँ… तुम्हारी दीदी को भी कंडोम लगाकर ही चोदता हूँ.
मैं कुछ नहीं बोली.

जीजू बोले- काजल तुम अपनी दीदी से भी ज्यादा सेक्सी हो और तुम्हारी चूची और गांड तुम्हारी दीदी से भी ज्यादा बड़ी हैं.
जीजू ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोला तो मैं अपने जीजू का लंड चूसने लगी. अब मेरी कामुकता एकदम चरम पर थी और मुझसे रुका नहीं जा रहा था.

जीजू ने मुझे चोदने के लिए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया. जीजू बोले कि मैं इसी ब्रांड वाले कंडोम से तेरी दीदी को भी चोदता हूँ.
इसके बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में लगा दिया और मुझे चोदने को हुए. जीजू के पहले धक्के में उनका लंड आधा ही मेरी चूत में गया था कि मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी.
जीजू ने मेरे होंठ बंद किए और मुझे धीरे धीरे चोदने लगे.

मुझे भी जीजू से चुदवाने में मजा आने लगा. जीजू मुझे मस्ती से जल्दी जल्दी चोदने लगे. मैं भी खूब गांड उठा कर जीजू के लंड से अपनी चुत चुदवा रही थी. मुझे जीजू के लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था. जीजू मुझे धकापेल चोद रहे थे और मेरे कमरे में ‘आह आह..’ की आवाजों का शोर भर गया था. मैं कामुक सिसकारियाँ लेकर चुदवा रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह आह जीजू और चोदो आह..’

मैं जीजू से खूब मस्ती से चुदवा रही थी. करीब दस मिनट बाद हम दोनों चुदाई करते-करते झड़ गए.

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उसके बाद जीजू और मैं एक दूसरे को किस करने लगे और नंगे एक दूसरे से गले मिलने लगे. कुछ देर चुम्मा-चाटी के बाद जीजू मेरी चूत को फिर से चाटने लगे. मैं भी फिर से गर्म होने लगी. जीजू मेरी चूत को बहुत अच्छे से चाट रहे थे. मैं पैर फैला कर चुत चुसाई का मजा ले रही थी.

उसके बाद जीजू ने मुझे घोड़ी बना दिया. ये डॉगी स्टाइल मेरे जीजू का सबसे अच्छा स्टाइल है. वो मुझे डॉगी स्टाइल में बहुत मस्त चोदते हैं. मुझे चुदाई में सबसे अच्छा चुत चटवाना लगता है और मैं अपने जीजू से खूब चुत चटवाती हूँ. जब पीछे से मेरी चूत में लंड डाल कर जीजू मुझे चोदने लगे तो मैं एकदम से गनगना गई और अपने जीजू का लंड अपनी चूत में लेकर चुदवाने लगी.

मुझे पीछे से चुत चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था. जीजू भी अपना लंड मेरी चूत में डालकर मुझे तेजी से चोद रहे थे. साथ ही वे मेरी चूचियां भी मसल रहे थे.
हम दोनों चुदाई करते-करते झड़ गए. उस रात मैंने और जीजू ने दो बार जमकर चुदाई का मजा लिया.

जीजू मुझसे बोले- काजल, तुम्हारी गांड बहुत अच्छी है, तुम्हारी गांड तो तुम्हारी दीदी से भी बड़ी है. अबकी बार जब मैं आऊंगा तो तुम्हारी गांड जरूर मारूँगा.
इसके बाद जीजू ने मुझे सुबह शॉपिंग करवाई.

यह बात दीदी को भी नहीं पता है कि मैं अपने जीजू से चुदवाती हूँ.

मैं और जीजू रात भर एक-दूसरे से बात करते हैं. अब जब भी दीदी कहीं बाहर जाती हैं तो मैं और जीजू एक दूसरे से मोबाइल पर सेक्स चैट करते हैं. जीजू मुझे बहुत प्यार करते हैं और जब भी आते हैं, मेरे लिए कुछ न कुछ लेकर आते हैं.

जब भी जीजू को मौका मिलता है, वो मुझे किस करते हैं और मेरी चूची को दबाते हैं. कभी-कभी तो हम लोग होटल में जाकर चुदाई कर लेते हैं.

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जीजा ने मेरी कोरी गांड मे तेल लगा के चोदा – Audio Sex Story | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jija-ne-meri-kori-gand-me-tel-lga-ke-choda-audio-sex-story.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jija-ne-meri-kori-gand-me-tel-lga-ke-choda-audio-sex-story.html#respond Thu, 18 Jan 2018 15:56:53 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11716 यह कहानी मेरी सेक्सी आवाज में मेरे जीजा के साथ चुदाई की मेरे जीजाजी ने कैसे मेरी गांड में तेल भर के अपने मोटे लौड़े को घुसाया आप खुद सुन ले और डाउनलोड भी कर सकते है |

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हेल्लो कैसे है आप लोग यह मेरी सच्ची कहानी है जो की मेरे जीजा ने मेरी कोरी गांड मे तेल लगा के चोदा था मेरी गांड सूज गयी थी मेरी गांड में भी तो खुजली होती थी अब आप खुद ही सुन ले मेरी कहानी को मेरी सेक्सी आवाज में और अगर पसंद आये तो मेरी कहानी को अपने दोस्तों से शेयर करना ना भूले |

जीजा ने मेरी कोरी गांड मे तेल लगा के चोदा – Audio Sex Story

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तो मेरे प्यारी भाइयो अगर आपके मेरी गर्म चुत गर्मागर्म कहानी पसंद आई तो मेरी स्टोरी को चाहे तो डाउनलोड करें या कैसे भी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि मै और भी आगे की जो घटना है जल्दी से आपको बताऊँ |

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जीजा का मोटा लौड़ा मेरी चुत के लिए ही बना है – ऑडियो सेक्स स्टोरी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/audio-sex-story/jija-ka-mota-lauda-meri-chut-ke-liye-hi-bna-hai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/audio-sex-story/jija-ka-mota-lauda-meri-chut-ke-liye-hi-bna-hai.html#respond Wed, 17 Jan 2018 16:55:53 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11713 मैंने जीजा से कैसे चुदवाया अपनी चुत की चुदाई करवाई मेरे जीजा जी कैसे बन गये मेरे चुत के दीवाने आप सुने मेरी आवाज में और शेयर करें |

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प्रेषिका नीलिमा,

हेल्लो कैसे है आप सब आज मै आप सभी को अपनी चुदाई की सच्ची कहानी सुना रही हूँ वो भी अपनी आवाज में मै जीजा के लंड की दीवानी हूँ जब से जीजा ने मेरी चुत का दरवाजा खोला है तब से मै जीजा के लौड़े की दीवानी हो गयी हूँ | मेरी चुत में जीजा के नाम की खुजली होती रहती है | जीजा ने मुझे एसे चुदाई की लत लगा दी की मै क्या बताऊँ आप सभी को आप मेरी ये कहानी सुन कर खुद ब खुद झड़ जायेंगे |

मेरी चुदाई की ये सच्ची घटना अब आप सभी के सामने पेश कर रही हूँ आशा करती हूँ आप सभी बड़े ही चाव से सुनेंगे मेरी ये चुदाई की कहानी अगर आप सभी को मेरी ये चुदाई की कहानी पसंद आये तो मेरी इस कहानी को डाउनलोड कर ले या तो जैसे भी आप को इच्छा हो शेयर कर देवे ताकि मुझे शांति मिले मेरी चुत की गर्मी थोड़ी कम होगी |

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तो मेरे प्यारी भाइयो अगर आपके मेरी गर्म चुत गर्मागर्म कहानी पसंद आई तो मेरी स्टोरी को चाहे तो डाउनलोड करें या कैसे भी अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि मै और भी आगे की जो घटना है जल्दी से आपको बताऊँ |

आपकी प्यारी नीलिमा !

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अनु की बारात सुमित के साथ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/anu-ki-barat-sumit-ke-sath.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/anu-ki-barat-sumit-ke-sath.html#respond Wed, 22 Nov 2017 06:44:32 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11064 अपने बॉयफ्रेंड सुमित, फिर पड़ोसी अंकल, और फिर दोनों पंडितो और फिर अपने बड़े जीजाजी राजेश से चुदवाने के बाद अबतक मुझमे चुदासी बढ़ गयी थी | फिर 2010 में सुमित की जॉब लग गयी और उसने मुझसे शादी करने को कहा,दोनों जीजाजी का लण्ड लेते लेते मेरी चूत और इक्षाएं दोनों फ़ैल गयी थीं

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कैसे हैं मस्तराम की मस्त दुनिया के सभी मस्तानो को अनुराधा (29) के दोनों स्तनों का प्रणाम । मेरी पिछली दो कहानियां मस्तियों की कीमत चुकाई,जाने कितनो से अपनी चूत चुदवाई 27 सितम्बर 2017, अनुराधा 69 इन 2009 6 अक्टूबर 2017 और ग़लतफ़हमी दूर हुई अनुराधा चूर हुई 4 नवम्बर 2017 और जीजाजी के लण्ड की दीवानी आपकी अनु रानी 9 नवम्बर 2017 को मस्तराम डॉट नेट पर प्रकाशित हुईं । जिन्होंने इन्हें पढ़ा है उनके लिए आगे का क्रम लेकर आई हूँ । अगर आपने इन्हें अभी तक नही पढ़ा है तो कहानी के लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं ।
खैर अब सीधे कहानी पर आती हूँ ।

अपने बॉयफ्रेंड सुमित, फिर पड़ोसी अंकल, और फिर दोनों पंडितो और फिर अपने बड़े जीजाजी राजेश से चुदवाने के बाद अबतक मुझमे चुदासी बढ़ गयी थी | फिर 2010 में सुमित की जॉब लग गयी और उसने मुझसे शादी करने को कहा,दोनों जीजाजी का लण्ड लेते लेते मेरी चूत और इक्षाएं दोनों फ़ैल गयी थीं और सुमित की 6 की लुल्ली में मुझे सन्तुष्टि भी नही मिलती थी पर वो था तो मेरा प्यार और मुझसे बहुत प्यार भी करता था । तो एक दिन मैंने उसे घर पर बात करने बुलाया,बहुत समझने पर भी मेरे पापा शादी के लिए तैयार नही हुए ।

तो उन्हें मनाने के लिए मैंने खाना पीना छोड़ दिया । इस वजह से मेरी तबियत बिगड़ गयी और मुझे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा फिर जब मैं अस्पताल से लौटकर आगयी तो सबने बहुत समझाया पर मैं नही मानी,तभी एक दिन बड़ी दीदी और जीजाजी मुझे देखने आये दीदी ने मुझे बहुत समझाया पर मैं नही मानी फिर जीजाजी ने सबसे

बोला कि-: वो मुझे समझाते हैं और ऐसा बोलकर उन्होंने सबको रूम से बाहर निकालकर दरवाज़ा बन्द कर दिया ।

और मेरे पास आकर बैठ गए तो मैंने बोला जीजाजी मैं नही मानने वाली मुझे सुमित से ही शादी करनी है, तो जीजाजी ने मुझसे

बोला-: हाँ जानेमन जानता हूँ,और मैं तुम्हारी मदत करने को भी तैयार हूँ,!

तो मैं बोली-: सच जीजाजी?

जीजाजी-: हाँ जानेमन वादा करता हूँ तुम्हारी शादी सुमित से ही होगी!

मैं-: पर पापा?

जीजाजी-: मैं उनको मना लूँगा तुम परेशान मत हो ।

मैं-: थैंक यू जीजाजी

जीजाजी-: थैंक यू से कुछ नही होता जानेमन मुझे भी तुमसे एक वादा चाहिए,

मैं-: वो क्या जीजाजी ??

जीजाजी मेरे करीब लेट गए और मेरे दूधों को टीशर्ट के ऊपर से ही दबाते हुए  जीजाजी बोले-: मैं तुम्हारी शादी सुमित से करवाने में मदत करूँगा,पर बदले में तुम वादा करो कि ज़िन्दगी भर जब भी मेरा मन करेगा तुम मुझे अपने दूध पिलाओगी,(तभी उन्होंने एक हाथ मेरी लेगी में डाल दिया और मेरी चूत को सहलाते हुए बोले) यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और जब भी मौका लगेगा मुझसे चुदवाओगी,  जीजाजी की बातें सुनकर ख्याल आया कि सच में जीजाजी कितने चालू हैं मेरी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते हैं,पर मैं भी चुदक्कड़ हो गयी थी और जीजाजी का लण्ड मुझे भी पसन्द था,तो

मैंने कहा-: हाँ जीजाजी मुझे भी आपके लण्ड से चुदने में बहुत मज़ा आता है,वादा जब भी मौका लगेगा आपसे चुदवाउंगी भी और आपको दूध भी पिलाऊंगी और मैंने जीजाजी के लण्ड को पेंट के ऊपर से सहला दिया
बस इतना सुनकर जीजाजी ने मुझे किस करना शुरू करदिया,और फिर मेरी टीशर्ट ऊपर करके मेरे दूध पीने लगे । मैं बहुत कमज़ोर हो गयी थी पर चुदाई करवाने की इक्षा में मेरी चूत से पानी आने लगा, तो मैंने जीजाजी का लण्ड बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी,तभी जीजाजी ने मुझसे लण्ड चूसने को बोला तो कमज़ोरी के कारण मैंने मना करदिया तो उन्होंने अपनी पेंट और अंडरवेयर उतारी और अपनी दोनों टाँगे मेरे दोनों और क्रॉस करके मेरे मुंह में अपना लण्ड घुसा दिया और मेरा मुंह चोदने लगे ।

जिस दामाद को मेरे घरवालों ने अपनी छोटी बेटी को समझाने भेजा था वही नंगा होकर मेरे ऊपर चढ़ा था और मेरे मुंह में अपना लण्ड घुसा रहा था,और दरवाज़े के बाहर सब यही समझ रहे थे कि हम दोनों अंदर बातें कररहे हैं । फिर जीजाजी ने मेरी लेगी उतारी और मेरे दोनों पैर ऊपर करके मुझपर चढ़ गए और लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे चोदने लगे…. आआह…. आह…. ऊओह… मज़ा भी आरहा था 42 साल के जीजाजी से चुदने में फिर जीजाजी मेरी चूत में झड़ गए और हम दोनों ने कपड़े ठीक करलिये ।

फिर जीजू ने मुझसे बोला कि मैं अच्छे से रहूँ खाउँ पियूँ बाकी वो देख लेंगे । फिर जीजाजी ने दरवाज़ा खोला और सबको बोला कि उसको थोडा टाइम दो और थाली लगा के लाओ ।

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फिर जीजू थाली लेकर आये और मुझे खाना खिलाया । घरवालों की नज़रों में वो हीरो बन गए,  फिर अगले 2 दिन और जीजू हर रात मेरे कमरे में आते और मुझे खूब चोदते । फिर वो चले गए और मुझसे बोलगये कि बिलकुल नॉर्मल रहूँ |

फिर 2 महीने बाद बड़े जीजाजी ने छोटे जीजाजी की मदत से पापा को मना लिया और फिर मेरी और सुमित की शादी होगई । । फिर मैं सुमित के साथ बैंगलोर आगयी । सुमित यहाँ एक कम्पनी में सर्विस इंजीनियर था । हमारी ज़िन्दगी अच्छी चलने लगी ।

मैं खूब घूमती और सारे शौक पूरे करती सुमित खूब कमाता और मुझे चोदता भी । पर जब भी मुझे बड़े लण्ड की तलब लगती तो मैं मायके चली जाती और जीजाजी को किसी बहाने से बुला लेती और खूब चुदती । वर्ष 2013 की बात है मेरी शादी हुए ढाई साल होगये थे पर अभी तक सुमित और मैंने बच्चे नही किये थे । करीब साल भर होगया था मुझे मायके गए तो मेरे दोनों जीजाजी का बहुत मन हो रहा था मुझे चोदने का तो मैंने उन दोनों से वीडियो कालिंग शुरू कर दी,सुमित के ऑफिस जाने के बाद मैं पूरी नंगी होकर जीजाजी को वीडियो काल करती और उनको खूब ललचाती और तड़पाती,मैं उन्हें इतना गर्म करदेती की वो अपना बीज निकाल के ही मानते ।

अब वासना की आग भड़कने लगी और दोनों जीजाजी और मैं उसमे जलने लगे, फिर हम तीनों को एक तरकीब आई । हमने एक प्लान बनाया और दोनों जीजाजी कुछ काम का बहाना करके बेंगलुरु आगये । और हमारे घर रुके । फिर क्या रोज़ सुमित सुबह ऑफिस चले जाते और उनके जाने के बाद दोनों जीजाजी मुझे पूरा नंगा कर के पूरे घर में जगह जगह चोदते,सारी दोपहर हम चुदाई करते मेरी चूत और गांड में मेरी बड़ी बहनो के लण्डों के पानी से भर जाती ।

जब थक जाते तो दोनों मुझे बीच में लिटा लेते और मेरे एक एक दूध को मुंह में लेलेते और मैं बीच में लेटी उनके मूसल लण्डों को फेंटती । फिर एक चुदाई का दौर और होता और फिर मेरी चूत और गांड में झड़ के तीनो साथ नहाते और फिर वो दोनों घर से बाहर चले जाते और सुमित के आने के बाद लौटकर आते । ताकि उसे भी शक न हो ।

फिर ये रोज़ की कहानी हो गयी,सुमित के जाते ही दोनों मुझपर टूट पड़ते और कभी किचिन में तो कभी ड्रॉयिंग रूम में मुझे जमकर चोदते । मैंने उन दोनो से माँ बनने की इक्षा जताई तो दोनों मान गए और मैंने गर्भनिरोधक दवा लेना बन्द करदी और दोनों से खूब चुदती । और अपने जिजाओं का बीज अपनी चूत में लेती । फिर जिजाजियों के जाने का दिन नज़दीक आगया ।

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जिस दिन उनके जाने का प्लान था उसकी एक रात पहले मैने सुमित के दूध में नींद की दवा मिला दी । जब वो सो गया तो रात में मैं जिजाजियों के पास हाल में आगयी और उस रात उन दोनों ने हाल में मुझे नंगा करके खूब चोदा और सुबह फिर वो जल्दी निकल गए । यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  सुमित को कुछ पता नही चला फिर करीब 25 दिन बाद मुझे पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूँ, तो मैंने सुमित को खूब उत्तेजित किया और उसे कॉन्डम लगाये बिना चोदने पर मजबूर क्र दिया और सारा पानी अपनी चूत में ले लिया ।

फिर 8.5 महीने बाद मुझे एक बेटा हुआ । जो बिलकुल बड़े जीजाजी जैसा लगता था । सब समझते कि ये सुमित का बच्चा है पर सच्चाई तो सिर्फ हम तीनों को पता थी । खैर वक़्त अपनी रफ़्तार से गुज़रता रहा जब मेरा बेटा 8 माह का हुआ तो बड़े जीजाजी किसी काम के बहाने बेंगलुरु आये और 3 दिन रुके और सुमित के जाने के बाद रोज़ मेरी गांड मारते और मेरे दूधों का दूध पीते ।

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फिर वो वापिस चले गए । और उसके बाद जब भी मौका मिलता मैं  मायके आकर अपने जिजाजियों से खूब चुदवाती । फिर बच्चे के होने के बाद मेरा मायके जाना थोडा कम भी हो गया । इसके बाद सुमित के बॉस मिस्टर चटर्जी के साथ मेरा अफेयर हो गया और कुछ ही समय बाद हम दोनों में सेक्स सम्बन्ध भी बन गए । अब ये हाल था कि मेरे पति ऑफिस जाते और चटर्जी मेरे घर आजाते और मुझे पूरा नंगा करके खूब चोदते ।

उन्हें मेरे दूध और मेरा फिगर बहुत पसन्द आता । और मेरे लण्ड चूसने के तो वो कायल थे । जैसे ही सुमित ऑफिस पहुँचता तो वो उसे किसी काम में उलझा के बहाने से मेरे घर आजाते और मुझसे खूब लण्ड चुसवाते और चोदते । और मेरे अंदर पानी छोड़ते ।

उनका काला लण्ड कुछ 8 का था जो मेरी चूत की जड़ तक पिचकारियाँ छोड़ता । कभी मै भी होटल में उनके साथ चली जाती और मज़े से चुदाई करवाती । बदले में वो मुझे महंगे महंगे गिफ्ट देते और मेरे पति को प्रमोशन भी दिया । अब ये सिलसिला चल निकला चटर्जी हफ्ते में 2-3 दिन ज़रूर मुझको चोदने आता और पानी मेरी चूत में छोड़ता ।

खैर मैं दवा लेती थी तो मैंने कभी उसे मना नही किया । पर पिछले दिनों दीवाली के वक़्त मेरी तबियत कुछ खराब हो गयी तो डॉ. ने मुझे बुखार की दवा के साथ गर्भनिरोधक दवा लेने को मना किया । तो मैंने नही ली इसके बाद एक दिन चटर्जी मिलने आये तो मुझे खूब चोदा और मेरी चूत अपने बीज से भर दी । पर मैं भूल गयी कि मुझे दवा लेनी है । और जबतक याद आया देर हो चुकी थी ।

फ़िलहाल मैं डेढ़ माह गर्भ से हूँ और ये बच्चा चटर्जी का ही है । अब समझ नही आरहा क्या करूँ । अब तो सुमित को फिर से चूतिया बनाना पड़ेगा । खैर ये मेरी इस कड़ी की आखिरी कहानी है ।

आप सबके प्यार के लिए शुक्रिया । मस्तराम की मस्त दुनिया के मस्तानों को मेरी मस्त चूत का अलविदा । ।

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जीजाजी के लण्ड की दीवानी आपकी अनु रानी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jijaji-ke-land-ki-diwani-apki-anu-rani.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jijaji-ke-land-ki-diwani-apki-anu-rani.html#respond Thu, 09 Nov 2017 04:33:53 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10874 मेरी दोनों बहनो के मर्दों के बीच मैं नंगी लेती हुई थी और वो दोनों मेरे एक एक दूध को पी रहे थे और मेरी चूत सेहला रहे थे कि मैं भी अपने हाथ बढ़ाकर उन दोनों के मूसल लण्ड अपने हाथों से फेंटने लगी। फिर दुबारा चुदाई शुरू हुई।

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कैसे हैं मस्तराम की मस्त दुनिया के सभी मस्तानो को अनुराधा (29) के दोनों स्तनों का प्रणाम । । मेरी पिछली दो कहानियां “मस्तियों की कीमत चुकाई,जाने कितनो से अपनी चूत चुदवाई” 27 सितम्बर 2017, “अनुराधा 69 इन 2009” 6 अक्टूबर 2017 और “ग़लतफ़हमी दूर हुई अनुराधा चूर हुई” 4 नवम्बर 2017 को मस्तराम डॉट नेट पर प्रकाशित हुईं । जिन्होंने इन्हें पढ़ा है उनके लिए आगे का क्रम लेकर आई हूँ । अगर आपने इन्हें अभी तक नही पढ़ा है तो यहाँ पर जाकर पढ़ सकते हैं । खैर अब सीधे कहानी पर आती हूँ ।
अपने बॉयफ्रेंड सुमित,फिर पड़ोसी अंकल,और फिर दोनों पंडितो और फिर अपने बड़े जीजाजी राजेश से चुदवाने के बाद अबतक मुझमे चुदासी बढ़ गयी थी । अब जब भी सुमित मुझसे मिलने आता तो मैं उससे और भी ज़्यादा मज़े लेकर सेक्स करति पर उसका लण्ड कुछ 6″ का ही था और जीजाजी और दोनों पण्डितों के लण्ड कुछ 8-9 इंच के लम्बे और कुछ 2.5″मोटे थे,
तो इतने मोटे लण्डों से चुदने के बाद सच कहूँ सुमित के लण्ड में अब वो मज़ा नही आता था पर वो प्यार था मेरा और उसका भी हक़ था मुझपर,तो मैंने उससे कभी कोई बात नही कही, और जब वो मुझे अपनी लुल्ली से चोदता तो मैं बहुत दर्द वाले एक्सप्रेशन बनाकर चुदती और ऐसे दिखाती जैसे की वो मुझे खूब अच्छे से चोदता है और सन्तुष्ट करता है ।
पर ऊपर वाला जानता है कि अब सुमित से चुदते वक़्त भी मेरे मन में जीजाजी के मूसल लण्ड का ख्याल रहता था । खैर फिर जब जीजाजी आते तो हम खूब सेक्स करते,एक बार तो मेरी तबियत खराब थी हल्का बुखार था उसी वक़्त किसी परिचित की शादी थी तो जीजाजी और दीदी वगैरह भी आये थे रात के वक़्त कुछ 10 बजे मै अपने कमरे में रज़ाई ओढ़े सो रही थी  और बाकी सब टीवी देख रहे थे तभी जीजाजी का मेसेज मेरे फोन पर आया तो मैंने टीवी की आवाज़ का बहाना  बनाकर अपने रूम का दरवाज़ा बन्द करलिया फिर मौका देखकर जीजाजी बाहर घूमने के बहाने निकल गए फिर मेरे कमरे का जो दरवाज़ा बरामदे में खुलता था उससे मेरे कमरे में आगए और फिर दरवाज़ा बन्द कर लिया अब बाहर हाल में बैठे सब टीवी देख रहे थे और मैं और जीजाजी कामवासना में डूबने के विचार में थे जीजाजी मेरे करीब आये और जैसे ही उन्होंने मेरी रजाई हटाई तो मुझे देखकर दंग रह गए मैं पूरी नंगी रजाई ओढ़े लेटी थी |

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जीजाजी का मेसेज मिलते ही चूत से पानी छूट रहा था तो पूरी नंगी होकर लेट गयी थी बस फिर क्या जीजाजी ने बिना देर किये अपना लोवर उतारा और चढ़ गए मेरे ऊपर और घुसा दिया लण्ड मेरी चूत में,आह…!! बुखार में भी मज़ा आगया,अब वो 40 साल का मर्द  मुझ 22 साल की लड़की को भरे बुखार में बड़ी बेरहमी से चोदने लगा । । आह… प्राण निकले जा रहे थे पर मज़ा भी बहुत आरहा था फिर उन्होंने झटके तेज़ करदिये तो मैंने बोला जीजू बाहर निकालना मैं अभी दवा नही खा रही हूँ,तो उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाला और मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया बुखार में वो अमृत भी मुझे कड़वा सा लगा,फिर जीजू चुपचाप उसी दरवाज़े से बाहर निकल गए । फिर यही क्रम चलने लगा,एक बार तो रात में अँधेरे का वक़्त था लाइट चली गयी थी तो सभी चांदनी रात में छत पर बैठे थे गर्मी बहुत थी तो मैं नहाने चली गयी नहाकर मैंने बिना ब्रा के टी शर्ट पहन ली और नीचे स्कर्ट पहनकर मैं भी छत पर जा रही थी कि तभी जीजू ने मुझे अँधेरे में अकेला देखकर पकड़लिया,
और मुझे छत पर जाने वाली सीढ़ियों के नीचे खाली जगह में लेगये और मेरी टीशर्ट ऊपर करके मेरे दूध पीने लगे,तो मैं भी उनका लण्ड सहलाने लगी तभी जीजू ने मेरी स्कर्ट ऊपर करके अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया सब छत पर बैठे गप्पे मार रहे थे और यहाँ सीढ़ियों के नीचे उनका 40 साल का दामाद उसकी 22 साल की साली को चोद रहा था । जीजू ने इतनी ज़ोर से चोदा कि मज़ा आगया और मेँ दुबारा पसीने पसीने होगई, फिर जीजू ने पानी मेरी चूत में छोड़ दिया,जिसे मैंने कपड़े से साफ़ किया और फिर हम दोनों छत पर चले गए ।
सबकुछ यूँ ही चलता रहा और किसी को कुछ पता नही चला । आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर 2010 में मेरी तबियत कुछ ज़्यादा खराब होगई फिर मुझे कमज़ोरी आगयी,तो बड़े जीजाजी ने घरवालों को मुझे भोपाल में दिखाने की सलाह दी क्योंकि मेरे घर में कोई ज़्यादा पढ़ा लिखा नही है तो माँ के आग्रह पर बड़े जीजाजी राजेश और छोटे जीजाजी विलास दोनों मुझे लेकर जबलपुर से भोपाल आगये और फिर हमने एक होटल में एक कमरा लिया फिर वहां के एक अस्पताल में गए जहाँ डॉ. ने कुछ टेस्ट लिख दिए फिर हमसबने खाना खाया और होटल आगये । हम तीन लोग थे तो मैं बिस्तर पर सो गयी और दोनों जीजा नीचे । रात करीब 3 बजे बड़े जीजाजी मेरे होंठों को चूमने लगे तो मेरी नींद टूटी कमरे में घोर अँधेरा था,और छोटे जीजाजी भी थे तो मैंने बहुत मना किया  पर बड़े जीजाजी नही माने और फिर उन्होंने मुझसे लण्ड चुसवाया फिर मेरे मुंह में ही झड़ गए और जाकर अपनी जगह सो गए । अगले दिन दोपहर को छोटे जीजू को कुछ काम था तो वो कहीं चले गए तो बड़े जीजाजी ने वक़्त न गंवाते हुए दरवाज़ा लॉक किया और मुझे पूरा नंगा किया और खुद भी नंगे होगये और फिर पूरे होटल के कमरे में मुझे अलग अलग आसनों में चोदा ।
मैं आई तो इलाज करवाने थी पर लगता है जीजाजी तो बस हनीमून पर आये थे । मुझे खूब चोदने के बाद हम दोनों ने साथ में नहाया फिर जीजाजी ने मेरी टीशर्ट ऊपर करवा ली और हम दोनों लेट गए और जीजाजी मेरे दूध पीते पीते सोगये और उनसे दूध चुसवाते चुसवाते मैं भी सो गयी । फिर शाम को हम सब खाना खाने गए और आकर सो गए । अगले दिन फिर रिपोर्ट्स लेकर डॉ. को दिखाने गए तो उसने कुछ और टेस्ट लिख दिए जिनकी रिपोर्ट 7 दिन बाद आनी थी तो हम सब फिर शाम को खाना खाके फ़िल्म देखने चले गए वहां बड़े जीजू ने मेरे खूब दूध दबाये,सच ऐसा लगने लगा था जैसे कि ये 40 साल का आदमी मुझे सिर्फ मौज मस्ती करने ही साथ लाया था,खैर फ़िल्म पूरी होने के बाद हम सब होटल आगये ।
फिर सब सोगये रात क़रीब 2 बजे अचानक मुझे मेरे कम्बल में हरकत महसूस हुई मैंने जागकर देखा तो दंग रह गयी बड़े जीजू पूरे नंगे होकर मेरे कम्बल में घुसकर मेरे दोनों ओर पैर किये मुझपर चढे थे और उनका नंगा लण्ड ठीक मेरे मुंह के ऊपर लटक रहा था मैं उत्साह और अचम्भे में थी,क्योंकि छोटे जीजू भी हमसे कुछ ही कदम पर सो रहे थे
मैंने बड़े जीजाजी को हटने को कहा तो उन्होंने बोला-:”अरे साली साहिबा चिंता न करो विलास(छोटे जीजू) को मैंने धोखे से नींद की दवा दे दी थी अब वो नही उठेगा,”!! तो मुझे थोड़ी राहत मिली फिर भी अजीब लग रहा था पर बड़े जीजाजी नही माने मुझे उनका लण्ड फेंटना पड़ा, फिर जीजाजी मुझे नंगा करने लगे उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिए पर मैंने खुद को कम्बल से ढँक लिया और जीजाजी कम्बल में घुसकर मेरी बिना बालों वाली चूत चाटने लगे  और मैं अपने मुंह में उनका लण्ड लेकर चूसने लगी ।
कम्बल के अंदर 69 की पोजीशन में मुझपर और सुरूर चढ़ने लगा तो मैंने जीजाजी से चुदाई की इक्षा जताई पर छोटे जीजू की उपस्थिति मुझे कुछ असहज कररही थी तो मैंने खुद उनको चेक करने की सोची मैं उनके पास गयी और उनको हल्का सा हिला के देखा, जब कोई हरकत नही हुई और मुझे एहसास हुआ की वो सो रहे हैं तो मैं वापिस बेड की तरफ आई और नंगे लेटे हुए जीजाजी के लण्ड पर जा बैठी और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी आह बिलकुल निडर होकर, नीचे मुझसे कुछ ही दूरी पर मेरे 36 साल के छोटे जीजू सो रहे थे और मैं 22 साल की लड़की ऊपर बिस्तर पर अपने 40 साल के बड़े जीजाजी के नंगे लण्ड पर पूरी नंगी होकर पागल चुदैलों की तरह उसपर उछल रही थी ।

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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‌कैसे हैं मस्तराम की मस्त दुनिया के सभी मस्तानो को अनुराधा (29) के दोनों स्तनों का प्रणाम । । मेरी पिछली दो कहानियां “मस्तियों की कीमत चुकाई, जाने कितनो से अपनी चूत चुदवाई, 27 सितम्बर 2017, और “अनुराधा 69 इन 2009” 6 अक्टूबर 2017 को मस्तराम डॉट नेट पर प्रकाशित हुईं । जिन्होंने इन्हें पढ़ा है उनके लिए आगे का क्रम लेकर आई हूँ । अगर आपने इन्हें अभी तक नही पढ़ा है तो मस्तराम डॉट नेट पर जाकर पढ़ सकते हैं । खैर अब सीधे कहानी पर आती हूँ । अपने बॉयफ्रेंड सुमित,फिर पड़ोसी अंकल, और फिर दोनों पंडितो से चुदवाने के बाद भी मैं प्रेग्नेंट नही हुई । तो मुझे भी शक हुआ कि आखिर क्या बात है जो इतनी घनघोर चुदाई के बाद भी मेरी कोख में बीज नही ठहरा, खैर मेरे लिए तो ये अच्छी बात ही थी क्योंकि मैं भी 21 साल में माँ नही बनना चाहती थी और फिर मुझे अभी अभी तो चुदाई का चस्का लगा था तो कुछ दिन तो मज़े करना चाहती थी ।

इसलिए मैंने एक लेडी डॉक्टर से परामर्श कर कुछ गर्भ निरोधक दवा लेनी शुरू कर दी । अब जब भी सुमित और मैं चुदाई करते तो मैं हर बार उसका बीज अपनी कोख में लेती और एहसास करती स्त्री होने के उस परम् सुख का जो मुझे अत्यधिक उत्तेजित कर देता । खैर अब ये सब सिलसिला चलता रहा जब भी सुमित को छुट्टी मिलती वो रात में मेरे घर आ जाता और रात भर मैं अपनी चूत की खुजली मिटवाती । सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था पर फिर मेरी बड़ी दीदी के गांव में अच्छे स्कूल न होने की वजह से उनके बच्चे हमारे यहां रहकर पढ़ाई करने लगे वो क्या आये मेरी तो जैसे चूत पर ही ताला लग गया,अब सुमित से मिलना मुश्किल हो गया ऊपर से आये दिन बड़े जीजाजी हमारे घर आते जाते तो मुझे और खीज आती । ऐसे ही वक़्त गुज़रने लगा और मैं अपनी चूत में गाजर मूली चलाकर काम चलाने लगी लगभग 8 महीने बीत गए न तो लण्ड नसीब हुआ न कुछ,फिर गर्मियों की छुट्टी हुई तो दोनों दीदियाँ अपने बच्चों ।

को लेकर आ गयीं । बड़ी दीदी सविता के पति राजेश(40वर्ष) और सरिता दीदी के पति विलास(34वर्ष) जीजू थे । कुछ दिन बाद जब गर्मियों की छुट्टियों खत्म होने को आयीं तो दोनों जीजू दीदियों को लिवाने घर आये । तो माँ के आग्रह पर वो दोनों ही7-8 दिन के लिए रुक गए । तभी कुछ उसी समय की बात है,रात का वक़्त था सभी सो रहे थे मैं बाथरूम जाने को उठी तो मेरी नींद उड़ सी गयी तो मैं यूँही आधी नींद में लेटी हुई थी कि तभी 2 लोग अचानक सीढ़ियों से उतरे उनमे एक औरत और एक आदमी था दोनों आकर नीचे हॉल में बिछे बिस्तरों पर आकर लेट गए । मुझे लगा की दीदी जीजू ही होंगे शायद रात में नींद नही आ रही होगी । फिर मैं भी सो गयी । फिर अगले दिन हम सब बरगी बाँध घूमने गए और खूब मज़े किये फिर रात में सबके सोने के बाद अचानक मुझे किसी के फुसफुसाने की आहत हुई मैंने देखा कि 2 साये चुपचाप छत की ओर जा रहे हैं मैं समझ गयी की आज तो मेरी बहन चुदने वाली है पर मैं अब तक ये नही समझपा रही थी की ये बड़े जीजू दीदी है या सरिता दीदी जीजू हैं…

‌खैर इतने दिनों से मैंखुद प्यासी थी तो सोचा ज़रा live चुदाई भी देखि जाये । फिर में भी उनके पीछे दबे पाँव चल दी ऊपर छत पर एक कमरा था स्टोर रूम जैसा उसकी लाइट जल रही थी मैंने दरवाज़े को हल्का धक्का दिया तो वो अंदर से बन्द था फिर मैंने पीछे की और बने रोशनदान में से झाँका तो देखा की सरिता दीदी हरे रंग की साड़ी को कमर तक उठाये और अपने लाल रंग के ब्लाउज़ को खोले कुतिया बनी चुद रही हैं और उन्हें चोदने वाला कुत्ता था सरिता दीदी और मेरा बड़ा जीजा राजेश जो कि सिर्फ बनियान और लुंगी में थे और अपनी साली को कुतिया के पोज़ में धकाधक चोदे जा रहे थे अब 40 के आदमी को 27 साल की चूत मिल जाये तो उसकी तो लॉटरी ही निकल पड़े खैर उनकी चुदाई चोरीछुपे और ज़ोरदार तरीके से जारी थी जीजाजी का काला लण्ड जब सरिता दीदी की गोरी चूत मेसे निकलता तो ऐसा लगता कि एक सफ़ेद गाय को कोई काला भैंसा चोद रहा हो ।

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मेरी ग़लतफ़हमी दूर होगई,मैं अबतक समझ रही थी कि दीदी और जीजाजी साथ में चुदाई कररहे होंगे पर ये दोनों तो चालू आइटम निकले । सरिता दीदी मज़े से अपनी बड़ी बहन के पति का लण्ड खा रही थीं और बड़े जीजाजी अपनी 27 साल की साली को चोद रहे थे । अभी सरिता दीदी की डिलेवरी हुए बस कुछ 7-8 महीने ही हुए थे तू जब जीजाजी ने उनको पीछे से चोदते चोदते उनके दूधों को पकड़ा तो उनमे से दूध निकलने लगा तो जीजाजी सरिता दीदी से बोले-:वाह सरिता इतने मस्त दूधों का दूध पीने की कबसे ख्वाहिश थी मेरी पर कभी सोचा न था की मुझे ये मौका मिलेगा, तो दीदी बोलीं-: जीजाजी आपने मेरे पति का क़र्ज़ चुकवाया और मेरी लड़की के इलाज का खर्चा भी उठाया,फिर रिश्ते में भी आप मेरे जीजा लगते हैं क्या मै आपकी इतनी सी ख्वाहिश पूरी नही करसकती ।

दीदी जीजाजी की स्पेशल चुदाई

तब मुझे समझ आया की दीदी अपनी चूत से जीजाजी के एहसानो का बदला चुका रही हैं । फिर तभी जीजाजी ने दीदी को गोद में बिठालिया और उनके दूधों से टपकती दूध की बूंदों को पीने लगे और दीदी उनके लण्ड पर ऊपर निचे होती रही फिर जीजाजी ने दीदी को लिटाया और उनके ऊपर आकर चोदने लगे फिर कुछ देर बाद जब उनका बीज निकलने वाला हुआ तो उन्होंने झटके तेज़ करदिये तो दीदी बोलीं की बाहर निकाल लीजिये जीजू कहीं मैं पेट से न होजाऊँ, तो जीजाजी ने जल्दी से अपना लण्ड निकला और दीदी के दूधों के बीच रख दिया और दीदी अपने दोनों दूधों से रगड़कर उनके लण्ड को हिलाने लगी फिर जीजाजी के लण्ड से पिचकारी निकली जो दीदी के गले पर और चेहरे पर लगगयी ।

मैं समझ गयी कि अब ये लोग बाहर आने वाले हैं तो मैं भी जल्दी से नीचे आगयी और आकर अपनी जगह पर लेट गयी कुछ ही देर में जीजाजी और दीदी आकर अपनी अपनी जगह लेट गए । आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  अपने बड़े जीजाजी का मूसल लण्ड देख मेरी चूत बहने लगी और मैं भी चादर में हाथ डाल अपनी मुनिया को सहलाने लगी और जीजाजी के मूसल लण्ड की कल्पना करते करते सोचने लगी कि क्यों न मैं भी जीजाजी का लण्ड लेकर मज़े लेलूँ? पर क्या ये सही रहेगा? बस यही असमंजस में खोयी खोयी मेरी नींद लगगयी और मैं सोगयी । अगले दिन मैंने बहुत सोचा फिर ख्याल आया की जीजू अभी भी तो अपनी एक साली को ही चोद रहे हैं और दीदी भी अपनी मर्ज़ी से अपनी बड़ी बहन के पति से चुद रही हैं |

जब वो गलत नही है तो मेरा उनसे चुदना कैसे गलत हो सकता है । बस फिर मैंने उनपर डोरे डालना शुरू करदिया,अब जब भी मैं उनके आसपास होती तो अपना दुपटटा हटा देती और आपने दूधों की झलक उनको दिखती वो भी धीरे धीरे चोर नज़रों से मेरे दूधों को ताड़ने लगे फिर कभी आते गुज़रते ऐसा मौका आता की हम दोनों एक दुसरे से टच होते हुए गुज़रते तो मैं अपनी गांड या दूध जीजाजी से टच करदेती ।

तो वो भी रोमांचित होकर रह जाते । फिर एक दिन शाम की बात है कुछ 6-7 बज रहे थे हम सब बहने जीजाजी वगैरा हॉल में बैठे गप्पे लगा रहे थे लाइट थी नहीं और लालटेन जल रही थी ।

जीजा का मोटा बॉस जैसा लंड

मैं जानबूझकर जीजाजी के आगे खड़ी हो गई और अँधेरे का फायदा उठाकर अपनी गांड जीजू के लण्ड पर पेंट के ऊपर से रगड़ने लगी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद जीजाजी का लण्ड भी खड़ा हो गया और मुझे उनका लण्ड महसूस होने लगा मैंने भी अँधेरे का फायदा उठाकर अपना एक हाथ पीछे किया और पेंट के ऊपर से जीजू का लण्ड पकड़कर मसलने लगी जीजाजी भी मेरी गांड पर हाथ फेरना लगे, सभी लोग बातों में लगे थे और अँधेरे का असली फायदा हम दोनों उठा रहे थे । अभी सुरूर चढ़ना शुरू ही हुआ था की कमबख्त लाइट आगयी और हमे अलग होना पड़ा । फिर सब नॉर्मल होगया और हम अपने अपने काम में लग गए ।

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रात करीब 9 बजे सब खाना खा रहे थे तो सरिता दीदी का का 8 महीने का बेटा रोने लगा तो मैंने उसे गोद में उठालिया और घुमाने लगी फिर मुझे एक तरकीब आई,मैंने उसे अपने साथ लिया और ज़ोर से बोली-:”भैय्यू चलो अपन छत पर घूमने चलते हैं खूब मस्ती करेंगे जैसे शामको कररहे थे”!! मेरी बात सुनकर जीजू समझ गए की ये इशारा उनके लिए ही था ।

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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जीजा ने ट्राई मारा साली की जवानी को | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jija-ne-try-mara-sali-ki-jawani-ko.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/jija-ne-try-mara-sali-ki-jawani-ko.html#respond Tue, 24 Oct 2017 11:49:25 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10659 जीजा ने ट्राई मारा साली की जवानी को, क्योकि जीजा को अपनी साली के जवानी पे संदेह था छोटे छोटे छातियो और मुनिया को कमजोर समझाने वाले जीजा को जब अपनी गरम जवानी का दर्शन कराया तो उन्हें अहसास हुआ की ये साली अब बड़ी हो चुकी है

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कम उमर से ही मेरी सहेली ने मुझे यौन शिक्षा में अपनी सहपाठी बन कर सेक्स की नॉलेज दिया करती थी। मैं चूत, लण्ड, चूचियों के बारे में सब जानने लग गई थी। उसके कम्प्यूटर पर अकसर चुदाई के सीन भी देखती रहती थी। मोमबत्ती से मजा लेना मेरी सहेली ने मुझे सिखा दिया था।

उन्हीं दिनों दीदी को देखने एक लड़का आया हुआ था। बड़ा ही सुन्दर और बेहतरीन जिस्म का मालिक था वो। वो तो मेरी दीदी को देखते ही उस पर फ़िदा हो गया था। मैं भी दीदी की तरह ही सुन्दर दिखती थी। उसकी नजर मुझ पर भी पड़ी। उसकी टेढ़ी नजर मैं तुरन्त पहचान गई।

पापा ने उसे हमारे गेस्ट-रूम में ठहराया था। होने वाले जीजू को खाना देना, नाश्ता देना मेरा ही काम था। मुझे छोटी जान कर वो कभी कभी मुझे अपनी तरफ़ खींच कर प्यार भी कर लेता था। उसके इस व्यवहार से मुझे बहुत आनन्द आता था।

एक बार सवेरे जब मैं जीजू को नाश्ता देने गई तो मेरा दिल धक से रह गया। जीजू स्नान घर का दरवाजा खोले शावर में स्नान कर रहे थे। वो बिल्कुल नंगे थे। उनका मोटा और लम्बा लण्ड, सुपारा बाहर निकला हुआ, नीचे खड़ा हुआ झूम रहा था। उसका जिस्म गोरा और मांसल था। कसरती लगते थे वो ! आह ! कितना प्यारा लण्ड था !!! मैंने जिन्दगी में वास्तविक लण्ड पहली बार रूबरू देखा था। अचानक मेरी तन्द्रा टूटी और मैंने अपने कदम बाहर खींच लिये। अब बाहर से मैंने दरवाजा खटखटाया। अन्दर बाथरूम का दरवाजा बन्द होने की आवाज आई।

“नाश्ता लाई हूँ !”

जीजू की आवाज आई,”अन्दर आजा नव्या, वहीं रख दे !” जीजू की आवाज ही मुझे सेक्सी लगने लगी थी।

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मैं अन्दर आ गई और जीजू के बाहर निकलने का इन्तज़ार करती रही। मेरे मन में तो बस उनका लण्ड ही बस गया था। मैंने अपनी आँखें बन्द कर के अपनी चूत दबा ली।

“क्या हो गया नव्या? बड़ी बेताब लग रही हो?” जीजू ने मुझे चूत दबाते देख लिया था।

“बस जीजू, कुछ देख लिया था और अब उसे लेने की इच्छा होने लगी है।” मैंने सोचा कि उस समझ में नहीं आयेगा।

पर वो तेज था, उसे क्या पता था कि मैं तो इस मामले में दीदी से भी आगे हूँ।

“हमें बताओ, हमारी साली को क्या चाहिये? हम देंगे !”

“बस जीजू आप ही दे सकते हो !” और मैंने एक रहस्मयी मुस्कान से उसे देखा।

वो शायद अन्दर चडडी नहीं पहने थे। उसका पाजामा लण्ड की जगह से उभरा हुआ था। मैं पकड़ी गई उसके लण्ड को निहारते हुये। सच पूछो तो वो मुझे ही निहार रहे थे। वो मेरे से चिपक कर बैठ गये। मैने भी कसर नहीं छोड़ी ! उसकी जांघों से सट कर उसके लिये चाय निकालने लगी। तभी उनकी एक बांह हमेशा की तरह मेरी कमर से लिपट गई और वो मुझे प्यार करने लगे। मेरी नजरें तो अब बदल चुकी थी, मैंने मौके का फ़ायदा उठाया। मैंने उनके होंठों पर चूम लिया।

भला वो कहाँ पीछे रहते, उन्होंने तो अपने होंठ मेरे होंठों से ही चिपका दिये।

मैं तो अपने होश ही खो बैठी। मुझे एक सुनहरा अवसर मिल रहा था। मैंने मौका हाथ से जाने नहीं दिया। इस पार या उस पार ! बस मेरा नन्हा सा नासमझ दिमाग यही सोच पाया।

मैंने उनके पजामे में हाथ डाल दिया, कड़क लण्ड को मैंने पकड़ लिया।

वो हतप्रभ से रह गए। उन्हें भी शायद लण्ड पर एक मीठा सा सुखद अहसास हुआ होगा।

“नव्या, तुम कितनी शरीर हो, कितनी मस्त हो !” जीजू के स्वर में वासना का पुट था।

उनका हाथ मेरी छोटी छोटी छातियों के उभार पर आ गया। मैंने भी अपने नीम्बू सामने की ओर उभार दिये। मेरी चूचियाँ उन्होंने धीरे से सहला दी। मेरे मुख से एक सिसकारी निकल पड़ी।

“जीजू, मैंने आपका लण्ड देख लिया था, बस वही चाहिये !” मैंने वासना से भर कर कहा।

मैंने उनका लण्ड ऊपर-नीचे कर के मुठ सा मारा।

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“देख नव्या, मजाक नहीं करना, माना कि जीजा साली का रिश्ता ऐसा ही होता है, पर बस मजाक को मजाक ही रहने दे।”

मेरे नासमझ दिमाग को एक झटका सा लगा। सही तो कह रहा है, वो तो दीदी के लिये आया है, मैं यह क्या करने लगी थी। मुझे बड़ी शर्मिन्दगी सी हुई। मैं अपना चेहरा छुपा कर कमरे से भाग आई। बाहर आते ही देखा कि दीदी कालेज जाने को स्कूटी के पास खड़ी थी। मुझे देख कर वो गेस्ट रूम में आ गई। मुझे उसने देखा, मैंने वहाँ से जाने का बहाना किया। वो कमरे में चली गई। मैं झट से वापस आई और झांक कर देखा। जीजू दीदी को चूम रहे थे। शायद दीदी के मम्मे भी दबा रहे थे। मेरे दिल में एक मीठी सी टीस उठ गई। मैं दौड़ कर अन्दर कमरे में आ गई और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी, दिल धाड़-धाड़ कर के धड़क रहा था। लगता था कि दिल गले में आकर अटक गया है। मैं जा कर बिस्तर पर औंधे मुह लेट गई। तभी पापा और मम्मी भी अपने काम पर जाने लगे।

“नव्या, सुभाष का ख्याल रखना, हम दो बजे तक आ जायेंगे।”

मैं चौंक गई। अब घर में कोई नहीं था। मेरे दिल में तरह तरह के ख्याल आते रहे। दिल वासना से भर उठा। मेरा नासमझ दिल जीजू के साथ के लिये तड़प उठा। घर में भी कोई नहीं था। उसका लण्ड मेरे दिलो-दिमाग पर छाता गया। मेरी चूत गीली होने लगी। मैं मन से विवश हो गई। मेरे कदम स्वतः ही गेस्ट रूम की ओर बढ़ गये।

मेरे दिल में चोर था, इसलिये मेरी एकदम से हिम्मत नहीं हुई कमरे में कदम रखने की। बस दिल जोर जोर से धड़क रहा था। शायद पहली बार ऐसा ही होता होगा। मैंने दरवाजा खटखटाया। जीजू एक लुन्गी में सामने थे।

मैं अपना सर झुकाये अन्दर आ गई। जीजू ने कमरा बन्द कर दिया और चिटखनी लगा दी। मेरा दिल एक बार फिर धड़क उठा। तभी जीजू ने पीछे से आकर मेरी कमर थाम ली और अपने से चिपका लिया।

आह ! उन्होंने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी शायद ! उनका ताकतवर लण्ड मेरी गाण्ड में चुभने लगा था।

“तो नव्या, तुम मानोगी नहीं ! बोलो, मुझसे क्या चाहती हो?”

“जीजू, कुछ नहीं, बस यूँ ही मुझे थामे रहो !” मैं सिसक उठी।

“पर तुम सिर्फ़ थामे रहने के लिये तो नहीं आई हो ना, अब आई हो तो मुझे भी मस्ती लेने दो।”

मेरी गाण्ड में जीजू का लण्ड जैसे अन्दर ही घुसा रहा था। मेर चिकना सफ़ेद पजामा लण्ड के साथ मेरी गाण्ड में घुसा जा रहा था। उसका हाथ अब मेरे सफ़ेद कुरते में घुस गया और कमर को सहलाते हुये मेरी छातियों की ओर बढ़ने लगा।

मैं किसी मर्द के पहले स्पर्श से पूरी ही कांप गई।

एक मधुर सा, गुदगुदी भरा मीठा सा अनमोल अहसास !

मैं निहाल हो गई।

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मेरे स्तनों की नरम घुण्डी जो अब कड़ी हो गई थी, उसे जीजू की अंगुलियाँ हौले-हौले मसल रही थी। तेज मीठी गुदगुदी के कारण मेरी चूत में जैसे आग लग गई।

“नव्या, क्या इरादा है ?” उसकी गरम सांसें मेरे गले से टकरा रही थी।

“जीजू, अपना मर्द मेरी मुनिया में पिरो दो, जीजू, मुझे मार डालो बस, अब नहीं रहा जाता है।” मेरे मुख से अचानक यह सब जाने कैसे निकल पड़ा। चुदाने की चाह मुझे अंधा किये दे रही थी।

“पर नव्या तू तो छोटी है, अभी नहीं !”

मैंने जल्दी से अपना पजामा उतार दिया और अपनी चूत उसके सामने कर दी, उसमें प्यार की भूखी योनि से अपना बाहर निकलता हुआ रस दिखाया, योनि के द्वार को खोल कर दिखाया। मेरी बेशर्मी पर एक बार तो जीजू का सर भी झुक गया, उसने अपना मुख दूसरी तरफ़ कर लिया।

“ये सब क्या छोटे हैं जीजू, एक बार अपने डण्डे को पास तो लाओ, सब भूल जाओगे !”

मेरे बोलों से, मेरे चेहरे से, मेरे हावभाव से सिर्फ़ वासना के ही भाव छलके जा रहे थे। वो भी कोई दिल के इतने पक्के नहीं थे कि सामने खड़ी नंगी लड़की को यूँ ही छोड़ दें। उन्होंने मुझे उठाया और अपने बिस्तर पर पटक दिया। अपने बालों पर लगाने वाला तेल निकाला और मेरी गाण्ड पर चुपड़ दिया। दूसरे ही क्षण वो मेरी पीठ पर सवार थे। मेरी तेल से सनी हुई गाण्ड में उनका लण्ड प्रवेश करने लगा था। दूसरे ही पल उसका सख्त लण्ड मेरी गाण्ड में पूरा उतर गया था।

“नव्या तकलीफ़ तो नहीं हुई?” जीजू संभल कर गाण्ड चोद रहे थे।

“नहीं, मजा आ रहा है, मैं तो मोमबत्ती से… ” मैं तो दूसरी दुनिया की सैर कर रही थी।

“ओह, फिर ठीक है।”

जीजू ने मेरी गाण्ड चोदना आरम्भ कर दिया था। मैं आनन्द से मस्त हुई जा रही थी। मेरी कसी हुई गाण्ड ने उनका रस जल्दी निकाल दिया था।

अब दौर शुरू हुआ लण्ड चुसाई का !

फ़िल्मों की तरह मैंने रण्डियों के स्टाईल में उसका लण्ड खूब चूसा, उनके अण्ड भी खूब चाटे। जीजू ने भी मेरी छोटी सी चूत का चूस चूस कर खूब आनन्द लिया। मेरे नीम्बुओं का भी रस खूब चूसा। जब वो फिर से मस्त हो उठे तो मैंने अपनी प्यासी चूत उनके सामने न्यौछावर कर दी।

उनका मोटा लण्ड मेरी नर्म और गीली, प्यार के रस से भरी हुई चूत के अन्दर सरक गया। उन्होंने बड़ी सावधानी से लण्ड को धीरे धीरे अन्दर ठेला।

“जीजू, यूँ क्या, मस्त चोदो ना !” मेरी बेताबी बहुत बढ़ गई थी।

“अरे झिल्ली फ़ट जायेगी तो बहुत दर्द होगा !”

“झिल्ली… मेरे जीजू, वो तो कभी की मोमबत्ती की भेंट चढ़ चुकी है ! अब तबीयत से मारो !” मैंने बेशरमी से उसे लण्ड पेलने को कहा।

जीजू तो हंस दिये,”मैं तो कब से यही सोच रहा था कि कच्ची कली को कली ही रहने दूँ, पर तू तो … भई वाह… ”

अब उनका लण्ड मेरी चूत में बड़ी तेजी से चलने लगा। मैं अपनी जिन्दगी का पहला लण्ड खा रही थी। मुझे आज मोमबत्ती और लण्ड में फ़र्क नजर आ गया था। वो कहाँ पत्थर जैसी, इधर उधर लग भी जाती थी और यह लण्ड, मेरी मां ! इतना प्यारा, ऊपर से नर्म, अन्दर से पत्थर जैसा कड़क और गर्म, सुपारा चोदते समय दाने को मस्त रगड़ मारता था।

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फिर जीजू ने मेरी छाती को मसल दिया, मेरे अंग-अंग की मालिश सी कर दी। यह सब मोमबत्ती में कहाँ। मर्द की चुदाई तो बनी ही लड़कियों के लिये है। वो हमें भचाभच करके जब चोद देता है तो फिर से चुदाने की इच्छा होने लग जाती है।

मैं उस दिन जीजू से दो बार चुदी और एक बार मस्त गाण्ड भी उन्हें भेंट चढ़ाई।

अब जीजू तो मुझसे जिद करने लगे कि शादी करूंगा तो मेरे से ही। मैं उन्हें समझाती रही कि मेरी दीदी तो मुझसे भी मस्त हैं। उसकी ताजी सील आपको तोड़ने को मिलेगी। फिर मैं तो आपकी गोदी में हूँ ही, जब चाहे चोद लेना ! वैसे भी साली तो आधी घर वाली होती है, आप पूरी मान लेना।

जीजू के लिये तो मेरी बातें मज़ाक सी हो गई, दिन भर वो मुझे चुटकी ले कर कहते ही रहे- आधी नहीं पूरी घर वाली, गोदी में बैठेगी।

मैं तो शरमा कर बस भाग जाती..

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सलहज की रसीली चुत | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/salhaj-ki-rasili-chut.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/salhaj-ki-rasili-chut.html#respond Tue, 10 Oct 2017 17:08:02 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10471 Salhaj ki rasili chut ki kahani hai dosto mere sale ki bivi ki kori chut ki kahani hai maine kaise apni salhaj ki kori chut par bazi mar kar chudai kiya mast chut thi sali ki aap bhi padh kar maza le.

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Hello friends , mera naam aditya hai. meri wife pregnent thi aur pregnancy ka last month chal raha tha.isliye dlivery ke liye use sasural leke chala gaya. Ye story mere aur meri wife ki bhavi ke beeh ki hai. ek din mai aur meri wife aur meri salhaj saam ke wakt room me baithkar baate kar rahe they. thand ka mahina tha meri wife rajai wodhkar leti thi. mai aur meri salhaj kambal wodhkar aamne samne baithe they. bhavi hamesha mujhse hasi mazak cher chhar karti thi ,relation hi aise thi.baato baato me bhavi ne meri wife se kaha nandoi g ko to raat ko nind to nhi aati hogi.meri wife boli, ha so to hai .ek kaam karo bhavi aap enko na apne paas sula lo. aap ye hindi sex story par padh rhe hai. tabhi bhavi boli,mujhme me ab kya bacha hai jo nandoi g mere saath soyenge.mere to do do bacche ho chuke hai.pahle bolti to ho sakta tha.aur nandoi g mere saath soyenge to tumhare saath kaun soyega tumhare bhaiya.meri wife boli to isme kya mai bhaiya ko sula lungi aur aap inko sula lo.mai aapko apne salhaj ke bare me bata du .bhavi ka naam poonam tha .aur wo khule mizaj ki aurot thi.bhavi suru se hi healthy thi .sadi se lekar bacche hone tak aur bhi nikhar gai thi.sarir mansal ho gaya tha.bhavi ki umar lagbhag 29 ke aas pass thi.

Ha to story pe aata hu. Tab mai bola bhavi aap to itni sundar ho,aapme kya kami hai mujhe to kuch nhi lag raha.tabhi bhavi ki chhoti bacchi uth kar rone lagi.sale sahab ne bacchi ko lakar bhavi ko diya bhavi use chup karane lagi.sale sahab ne meri wife se koi pareshani to nhi hai na puchha .aur meri wife ke sar pe haath phirane lage .tabhi maine dekha ki sale sahab ki najar meri wife ki chuchiyo ko ghur raha hai.mai tirchhi nigaho se dekh raha tha taki unko sak na ho.

meri wife ne us wakt nighty pahena hua tha.aur doctor ne use bra phanne se mana kiya tha.kyuki pregnancy ke duran dudh banta hai.so meri wife ke chuchiya badi badi ho gai thi .maine dekha ki sale shab meri wife ke bagal me baith gaye aur meri wife se baate karne lage maine dekha ki wo meri wife ke rajai andar haath dalkar chuchiyo ko sahla rahe they.aur meri wife ne sale shab ko mere waha hone ka ishara kiya.

sale sahab ne 2-3 minutes tak shalane ke baad haath hata liya ..aur chale gaye .maine note kiya ki meri wife thoda thoda muskura rahi thi.tabhi meri nazar salhag par gai .wo bacche ko doodh pila rahi thi .tabhi bacche ne mooh hata liya .maine dekha ki meri bhavi ki gori gori chuchiya itni badi ki ek haath me na aaye, lambe lambe gulabi nipple bacchi ke doodh pine se bhige hone ke karan chamak rahe they aur chuchiyo me doodh bhare hone ke karan chuchiyo ki nase dikhai de rahi thi.ye dekhte hi mera 9 inch ka lund khara ho gaya.tabhi bhavi ki nazar meri pant ko dekha aur muskurane lagi aur ishara se pucha, kya dekh rahe ho.maine bhi ishara se kaha chuchiya dekh ràha hu.phir unhone pucha kaisa hai.maine kaha mast hai.tabhi mera pair bhavi ke pair se sata .bilkul makhmal ki tarah.

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mai unke pair ko apne pairo se sahlane laga.mai apne pairo se unki saree ko upar karne laga.lekin nhi ho paya ,bhavi samajh gai.unhone haath kambal ke under dalkar saree ko uper kar di aur thoda niche ho gai.uske baad mera pair uthakar apne jangho par rakh li.ekdam kela ki thum ki tarah chikna jangh tha.mera lund ka to bura haal tha. Mai bhavi ki gangh 10 minutes tak sahlaya aur mai apna pair chut ki taraf badhane laga.tabhi bhavi ne apna pair dono taraf phaila diya ,is karan mera pair jald hi bhavi ki boor ke pass chala gaya .mai apne pair ke anguthe ko bhavi ki boor par ghisne laga .bhavi pure josh me thi aur aankhe mund kar maze le rahi thi.isi beech maine bhavi ki boor me apna pair ka angutha ghusa diya.tabhi bhavi jor se karah uthi aahhhhh.meri wife ki nind khul gai bhavi ke chikhne se aur pucha kya hua bhavi?

Bhavi boli kuch nhi hua bacche ko doodh pila rahi thi ,daat gara di .aur muskrane lagi 5 minutes baad bhavi ghar gai.aur mera pair apne dono pairo ke beech me daba li. aap ye hindi sex story hindisexstories.autocamper-service.ru par padh rhe hai. thodi der baad bhavi boli nandoi g mai babu ko sulane jaa rahi hu.mai bola thik hai aap jao .aur bhavi chali gai.maine dekha ki meri wife so gai to mai bhavi ke room me chala gaya.dekha ki bhavi lati hui hai .mai bhi unke saath let gaya.aur bhavi ke mote mote hoto ko chumne laga.tabhi mera haath unke chuchiyo par gaya.aur dekha ki chuchiya abhi bhi nangi hai.jo us wakt doodh pilate samye bahar thi waise hi thi .tabhi bhavi boli mai janti thi ki aap aaoge isliye under bhi kiya.phir bhavi boli nandoi g jaldi se pel dijiye kyuki ek to boor me aag lagi hai aur dusri aapke sale shab aane wale hai.

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tabhi mai bola thik hai meri jaan.mai bhavi ki chuchiyo ko dono haatho se jor jor se dabane laga aur unke dhori me jibh ghumane laga.jis karan bhavi joo jor se iissss uhhhh aaahhhhh iisssssswohhhhh aahhhhh karne lagi .tabhi maine bhavi ki ek pair ko apne kandhe par rakhkar apne lund par thoda thuk lagaya aur bhavi ke boor pe set kiya aur ek hi jhatke me pura 9 inch ka lund pel diya.tabhi bhavi jor se chikhi aaahhhhhh dhire pelo devar g phar doge kya.phir mai bola bhavi g ek baat pucho .bhavi boli pucho na .bhvi g aapki boor to puri chouri hai phir dard kyu hua.to bhavi boli nandoi g aapke sale sahab ka lund moda hai lakin chhota hai isliye meri boor chouri ho gai hai .lakin chhota hane ke karan under tak nhi jata hai na maza nhi aata.aapna to 9 inch ka bambu hai.to dard hoga na .aap chinta mat karo bas palte jao ,aur mai palne laga.bhavi boli aur jor se mai kab se aise chudai ke liye taras rahi thi . aap ye hindi sex story hindisexstories.autocamper-service.ru par padh rhe hai. ki koi aaye aur mere boor ka kachumar nika de.lagbhag 20 minute hi choda hi tha ki bhavi joro se jhar gai.bhavi ki boor ka pani me itni garmi thi ki mai bhi jhar gaya.aur bate karne lage bhavi puchi nandoi g mari nanad is tufan ko kaise jhelti hai.mai bola ,bhavi mera 3 inch hi wo apne under le pati hai.bhavi boli aur mera wala 3 inch hi under pel pata hai .kyu na ham ham ham apna apna partner change kar le .bhavi boli lakin meri nanad nhi manegi.mai bola ha.aur mai waha se aa gaya.

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प्यासी साली की प्यास छत पर मिटाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/pyasi-sali-ki-pyas-chhat-par-mitai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/pyasi-sali-ki-pyas-chhat-par-mitai.html#respond Sun, 24 Sep 2017 07:48:41 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=8965 दोस्तों ये मेरी शाली की चुदाई की कहानी जब प्यासी साली की प्यास छत पर मिटाई थी मैंने अब तो लगभग महीने में 4 से 5 बार जरुर चोदता हु साली मेरी बहुत चुदासी है | जब उसकी इच्छा होती है चुदवाने चली आती है |

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हेल्लो मित्रो कैसे है आप सब आप लोगो ने बहुत कहानियां पढ़ी होगी मैंने भी पढ़ी है मै भी मस्ताराम.नेट का फैन हूँ दोस्तों जब तक एक कहानी पढ़ कर चुदाई या मुठ ना मार लू तब तक रात को नीद नहीं आती है | दोस्त अभी कुछ दिन पहले की ही ये घटना है मैंने प्यासी साली की प्यास छत पर मिटाई मेरी साली का नाम शीला है | अभी तक उसकी शादी नहीं हुयी है क्योकि अभी वो आगे की पढाई कर रही है | उसकी बॉडी इतनी मस्त है की उसके ऊपर लेटने पर लगता है किसी गुजगुज गद्दे पर लेट गये हो दोस्तों हुआ कुछ यु की पिछले हफ्ते मै अपने ससुराल गया मेरी सासु माँ बीमार हो गयी थी |

मेरी वाइफ ने कहा चलो मम्मी को देख के आते है मै बोला ठीक है मै और मेरी वाइफ शाम को अपने ससुराल पहुचे और मेरी साली को पता था की हम आज आने वाले है तो वो पहले से तैयार होकर इन्जेजर कर रही थी | हम दोनों पहुचे और रात को खाना खाया और मेरी वाइफ अपने मम्मी के कमरे में सो गयी मै बोला गर्मी हो रही है मै छत पर चला जाता हूँ | मेरी वाइफ ने अपनी बहन यानी मेरी साली को बोला जा छत पर जीजा के लिए बिस्तर लगा दे | मै पहले ही छत पर पहुच कर टहल रहा था | तबतक मेरी साली शीला आई और बिस्तर लगाने लगी | मै उससे कुछ इधर उधर की बाते करने लगा | फिर शीला को पकड़ कर वही बिस्तर पर बैठा लिया और बाते करने लगा |

करीब 1 घंटे तक बाते करते रहे आखिर बाते करते करते हम सेक्स के टॉपिक पर पहुच गये और मैंने पूछ लिया शीला क्या तुमने कभी सेक्स किया है तो वो बोली नहीं जीजा इच्छा तो बहुत होती है पर मौका नहीं मिल पाता की करू | फिर क्या मैंने समझ गया मेरी साली प्यासी है इसे चोदना जरुरी है | मै सुरु हो गया उसके जांघ पर हाथ रख कर सहलाने लगा और वो कसमसाने लगी धीरे धीरे करीब 1 घंटे तक इधर उधर उसके बॉडी पर छूते छूते उसे खूब गर्म कर दिया और अचानक शीला आकर मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे मुह में मुह डाल कर किस करने लगी मै भी सुरु हो गया और उसके पिछवाडे पर हाथ से मसलने लगा और साथ में उसके बूब्स को दबाने लगा और आखिर थोड़ी देर में शीला इतनी गर्मी हो गयी थी की अपने से मेरा ज़िप खोल लिया मेरा 7 इंच का लंड भी फुफकारे मार रहा था और शीला ने उसे अपने हाथो में पकड़ लिया और जोर जोर से हिलाने लगी और फिर अपनी पैंटी खोल कर बोली जीजा जल्दी से कुछ करो पता नहीं क्या हो रहा है |

मैंने शीला को लिटा दिया और बोला देखो अगर पहले कभी चुदी नहीं तो समझो थोडा दर्द होगा फिर मज़ा आएगा तो प्लीज चिल्लाना नहीं बस दर्द कम होने का इन्तेजार करना ताकि मज़ा कर सको | फिर क्या मैंने आव देखा ना ताव उसकी चूत पर अपने लंड को सेट कर धीरे से धक्का दिया और मेरा लंड लगभग 2 इंच उसकी चूत में अन्दर घुस गया और शीला को दर्द सुरु हो गया मुझे बोली जीजा बहुत दर्द हो रहा जैसे लग रहा है कोई चूत में सरिया घुसा रहा है प्लीज निकाल दो | मै बोला बस थोडा सा दर्द और होगा फिर देखना कितना मज़ा आता है |

फिर क्या मैंने पहले उसके मुह में अपनी जीभ धुसा दी की अगर दर्द हो तो वो चिल्ला ना सके और फिर मैंने एक जोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड सटकते हुए पूरा जड़ तक घुस गया और उसके मुह को मैंने पहले ही कश कर दबा दिया था अब उसके मुह से gu gu की आवाज आ रही थी और मै 5 मिनट कर बिना धक्के मारे रुके रहा | अब थोड़ी देर में शीला को जब दर्द से आराम मिला तो निचे से धक्के मारने लगी मै भी समझ गया अब लगता है दर्द kam हो गया है | मैंने भी सुरु कर दिया धक्के मारने अब 15 मिनट में करीब 5 बार शीला झड़ी थी अब मेरा भी होने वाला था मैंने सोचा पहली चुदाई है शीला की चूत में ही झड़ जाता हु और फिर जब मै झड़ने लगा तो शीला भी मेरे गर्म वीर्य का एहसास पाकर फिर से झड़ गयी और हम दोनों उस रात 4 बार चुदाई किये अब जब शीला का मन होता है कोई बहाना कर अपने दीदी से मिलने के बहाने आती है और खूब चुद्वाती है मज़ा आता है अगर आपको भी मज़ा आया तो इस कहानी को शेयर और कमेंट देना ना भूले ताकि अगली कहानी और भी मजेदार मिले पढ़ने को और मस्ताराम डॉट नेट के बारे में अपने दोस्तों को भी बाताये |

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Sale ki Wife ki Chudai ki Hindi Sex Story | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/sale-ki-wife-ki-chudai-ki-hindi-sex-story.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/jija-sali/sale-ki-wife-ki-chudai-ki-hindi-sex-story.html#respond Fri, 22 Sep 2017 16:54:56 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10167 Mera naam Kamlesh hai . Main 32 saal ka hatta katta mard hoon. Sundar ladki ko dekhkar mujhe accha lagta hai. Chodne ki icchha ho jaati hai. Man karta hai uske narm narm gaalon ko choon loon aur uske hothon ko choos loon. Apni baahon mein bharkar uski chuchiyon ko dabaa doon aur apne lund […]

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Mera naam Kamlesh hai . Main 32 saal ka hatta katta mard hoon. Sundar ladki ko dekhkar mujhe accha lagta hai. Chodne ki icchha ho jaati hai. Man karta hai uske narm narm gaalon ko choon loon aur uske hothon ko choos loon. Apni baahon mein bharkar uski chuchiyon ko dabaa doon aur apne lund ko uske bur mein daal kar chod daaloon. Shaadiyon ke din the aur shaadi ka maahaul tha. Mere teesre chhote sale ki shaadi thi aur humlog sasural mein ikattha hue. Kaafi log hone ki vajah se har kamre mein kai logon ka intezam tha.

Meri salej yaani pehle sale ki biwi ka naam tha Susmita. Gehua rang, bhara hua badan, 34 26 34 ke aankre jaisa, gadrayee jawani aur gazab ki sundar. Iccha karti ki daboch kar bas chaba hi daloon. Ithlati hui jab chalti apni saari ko saamne haath se choot ke paas sambhalti hui tab man karta ki bas iski garm choot ko kyon na main hi pakad loon aur masalta rahoon. Saari se voh apni mast aur tanee hui chuchiyon ko bharsak dhakti rehti lekin voh bagal se blouse ke madhyam dikhta rehta. Jhuki hui nigahon se dekhti aur muskara deti. Hamara lauda aur khada ho jaata. Shaam ke kareeb 4 baje the aur main uski taraf dekhe jaa raha tha.Tabhi khilkhilati hui boli, “Kyon Jeejaji, kya chahiye ?” Mere muh se nikal pada, “Tum.” Chaunk kar boli, “Kya kaha ?” Maine jawab diya, “Mera matlab tumhare haath ki ek cup chai.”Chai peekar jaise taise shaam gujri aur raat hui. Ek kamre mein upar palang par mardon ko sone ke liye kaha gaya aur theek niche zameen par aurton ke liye gadde lagaye gaye. Kismat dekhiye palang ke jis kinare par main tha, theek uske niche zameen par sabse pehle Susmita ka bistar tha. Man mein badi gudgudi ho rahi thi. Lund tha ki uthe ja raha tha.

Maine thaan liya ki bacchhu aaj na chookna. Bas mauka dekh kar pahal kar hi dena. Phir socha ki ek baar toh to lekar dekhoon. Maine Susmita se poocha, “Susmita, ye mera takeeya ekdum kinare mein kyon rakh diya. Palang par beech mein rakhti.” Voh boli, “Kyon aap karvat bahut jyada lete hain ?” Phir aahiste se boli, “Please aap mere upar mat gir jayeega.” Doston, uska yeh bolne ka andaz aisa tha ki koi bevkoof hi samajh na paye. Phir kya tha, maine chadar taani, lund haath mein liya, aur lete hue sabke sone ka intezar karne laga.

Aakhir raat kuch gujri aur thake hue sabhi log ek ek kar gehri neend mein so gaye sivay mere aur Susmita ke jo ki main jaanta tha. Himmat juta kar main aahista se upar palang ke kinare se utar kar niche zameen par Susmita ke bagal mein let gaya. Kamre mein pehle se hi andhera tha. Maine pehle uski chadar aahista se thodi si apne upar le li aur apne badan ko usse sataya mano keh raha hoon ki main aa gaya. Voh chupchaap rahi aur meri himmat badhi.Maine apna haath ab dheere se uske kamar par rakha aur uski naram lekin garm garm nightie par sarkaate hue uski chuchi par rakh diya. Voh kuch nahi boli. Maine ab uski chuchi ko dabaya. Voh shaant rahi.

Aur main madhosh hone laga. Lund khushi ke mare phadphadane laga. Lund ko maine uski gaand se chipka diya. Aur haath se dusari chuchi ko dabane laga. Chahat badhi aur maine apne haathon se uski nightie ko upar uthaya. Ab mera haath uske badan par tha. Haath ko upar late hue aur uske narm narm badan ka maza lete hue maine uski nangi chuchiyon ko chooa. Gol aur ekdum sakht. Narm lekin garam. Nipple ko dabaya aur kaskas kar ab main chuchiyon ko daba raha tha. Hothon se main uske gardan ko choomne laga. Ab lund chodne ke liye betaab hua ja raha tha. Aakhir kab tak sehta. Koi aawaz bhi nahi kar sakte the.Ek haath maine uski gardan ke niche se ghusakar uski tani hui chuchi par rakha aur doosra haath maine sarkate hue uski choot par rakh diya. Choot par ghane baal the lekin phir bhi ekdum gili thi. Yaani chudwane ke liye taiyar. Lund to bur mein ghusne ke liye betaab tha hi. Maine apni ungli uske bur ke daraar ko choote hue andar ghusa di.

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Usne ek aah si bhari. Voh bhi chudwane ko ekdum taiyar thi.Uske kaan ke paas muh le jaakar maine fusfusakar kaha, “Main bathroom Ja raha hoon, tum thodi der baad dheere se aa jao jaaneman.” Aahista se uthkar dabdabe pao se main bathroom ke andar ghus gaya aur darwaza halka sa khula rakh intezar karne laga. Paanch minute baad Susmita aayee aur jaise hi andar ghusi maine darwaza band kar chitkani laga di. Ab kya tha. Mano sahansheelta ka baandh bas toot gaya. Maine kas kar use apni bahon mein bhara aur apne hoth uske dhadhakte hothon par rakh zor zor se choosne laga. Kya hoth the. Jaise gulab ki pankhdiyan. Aisa taste ki bas nasha aa gaya. Ek haath se maine uske baal pakad rakhe the choomte hue aur doosre haath se main uski chuchiyon ko nightie ke upar se hi masal raha tha. Mera lund pajama ke andar ekdum khara hua pareshaan ho raha tha. Excitement hone ke baad kapda bahut bure lagta hain. Nanga badan hi acchha lagta hai. Maine turant apne pajame ka naada khol use hataya. Underwear nikal phenka. Teeshirt utar nanga ho gaya.Uski nightie ke button ko saamne se kholna shuru kiya.

Jaldi se uske badan se nightie nikali, bra ke hook ko piche se khola, aur choomte hue dabate hue, kas kas kar ek doosre ko masalte hue pehle besabri se uski nangi aazad chuchiyon ko haath mein le liya. Sakht bhi thi aur naram bhi thi. Garam bhi thi aur tight gol gol bhi thi. Kya kahoon bas gazab ki chuchiyan thi. Dabao to chitak chitak jaye. Lekin bahut bahut maza aaye. Gehri gulabi rang ki nipples ke charo taraf brown rang ka golnuma rose. Sugandh jo uske sharer se aa rahi thi, aur bhi madhosh kiye ja rahi thi. Sex ka sugandh bola nahi ja sakta. Bas enjoy kiya ja sakta hai. Voh ab bhi poori tarah se nangi nahi thi. Nylon ka tight underwear uske bur ko chupaye hue tha.

Use jab hatay to Susmita kaafi shrma gayee aur apna muh meri chhati mein chupa liya. Mera lamba aur fadfadata hua lund uske badan ko choot ke aas paas choota ja raha tha. Maine uske thodi ko haathon se uthaya apni aankhon ki taraf. Usne apni aankhen band kar li.
Maine use palkon ke upar chooma. Deewar ke sahare apne lund ko uski choot ke against dabaya. Uske hothon ko choosa aur choosta hi raha. Uski nangi gol gol mulayam garam sakht sexy chuchiyon ko khoob dabaya aur masla. Aakhir raha nahi gaya aur uski chuchi ko nipple sahit apne muh mein bhar liya.

Uski dahini chuchi masalte hue, uski left chuchi ko main taste le kar choos raha tha. Mujhse aur raha nahi gaya. Maine maza lene ke liye usse poocha, “Susmita raani, tum itne din tak kaha chupi thi ? Chod doon ?” Usne ek haath se meri peeth ko apni taraf daba rakha tha aur doosre haath se mere lund ko apne mulayam haathon se pakadkar boli, “Jeejaji, jo bhi karna hai, jaldi se kijiye.” Maine kaha, “Kya karoon ? Bolo na, jaan. Tum to ekdum malai ho malai.” Usne jhat se jawab diya, “Kha jayeeye na.” “Kya kya khaaon raani. Tum badi mast cheez ho yaar.” Usne shararati baton ka maza lete hue kaha, “Jeejaji jaldi se ghusa dijiye na.” Maine aur maza lete hue uske kaan ke paas fusfusakar kaha, “Kya ghusaaon aur kahan.” Boli, “Dhat, aap bahut badmaash hain. Main ja rahee hoon.”Maine kas kar pakad to rakha hi tha. Inhi baton mein hum ek doosre ke badan se lipat lipat kar pata nahi kya kya kar rahe the. Bas kuch na kuch pakda pakdi masla masli choosa choosi chal rahi thi. Aakhir maine kaha, “Raani, ek baar kehna padega. Sirf ek baar. Please.” Poochne lagi, “Kya kahoon jeeju ?” Maine maza lete hue kaha, “keh do ki mere bur mein lund daal kar chod dijiye na.” Usne sharmmane ke andaz se kaha, “Chodiye na, jeeju. Aur mat tadpaiye.” Maine bhi dekha ki ab jyada der karne mein risk hai. Maine apna lund uske bur ke daraar par ragadte hue ek dhakka lagaya. Lund andar ghus to gaya lekin maza nahi aaya. Chudai ka maza tabhi hai jab aurat ko lita kar choda jaaye. Bathroom ke farsh par maine Susmita ko litaya aur uske upar chadh gaya. Tangon ko failakar apna lund uake bur par rakha aur ghusaya.

Usne bhi thodi si mada ki aur apne bur se mere lund ko samet liya. Hoth chooste hue, chuchiyon ko dabate hue maine chodna shuru kiya. Voh bhi niche se gaand utha utha kar chudwane lagi.Kya cheez banai hai upar waale ne yeh chudai. Bahut bahut maza aata hai. Jisne chudai ki hai use yeh padhkar mehsoos ho raha hoga ki hum dono kitna swaad le rahe honge chudai ka. Beech beech mein chodte hue, uski chuchi ko choos bhi raha tha. Chudai lambi rakhne ke liye maine speed medium hi rakhi. Chuchi chooste hue aur bhi kam. Aakhir mein lund Ne jab signal diya ki ab main jahdne vaala hoon, tab maine kas kas kar chudai ki.

Chodta raha, chodta raha, strokes pe strokes lagata raha. Aur voh uchal uchal kar chudwai ja rahi thi. Aisa anand aa raha tha ki maloom hi nahi pada ki hum dono kab ek saath jhad gaye. Jaldi se humne kapde pehne aur bahar nikalne ke pehle maine Susmita ko kas kar apni bahon mein jakda aur choomte hue kaha, “Salej Sahiba, vada karo jab bhi mauka milega to chudwaogi.” “Aap bahu paaji hai” keh kar voh dabe pao chali gayee.

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