प्रेषिका: अरुशी
मेरा नाम अरुशी है. उमर अभी केवल १५ साल है. मैं एकलौती हूँ मेरी माँ अभी केवल ३२ साल की हैं. मेरे छोटे मामा अक्सर घर आया करते हैं. वी ज़्यादातर मम्मी के कमरे मे ही घुसे रहते हैं. मुझे पहले तो कुछ नही लगा पर एक दिन जान ही गयी कि मम्मी अपने छोटे भाई यानी मेरे मामा से ही मज़ा लेती हैं. मुझे बहुत आश्चर्य हुवा पर अजीब सा मज़ा भी मिला दोनो को देखकर. मैं जान गयी मम्मी अपने भाई से फँसी है और दोनो चुदाई का मज़ा लेते हैं. मामा करीब २५ साल के थे. मामा अब मुझे भी अजीब नज़रो से देखते थे. मैं कुछ ना बोलती थी. घर के माहौल का असर मुझ पर भी पड़ा. मामा को अपनी चूचियों को घूरते देख अजीब सा मज़ा मिलता था. अगर पापा नही होते तो मम्मी मामा को अपने रूम मे ही सुलाती. एक रात मम्मी के रूम मे कान लगा दोनो की बात सुन रही थी तो दोनो की बात सुन दंग रह गयी. मामा ने कहा, “दीदी अब तो अरुशी भी जवान हो गयी है. दीदी आप ने कहा था कि अरुशी का मज़ा भी तुम लेना.” “ओह्ह मेरे प्यारे भाई तुमको रोकता कौन है. तुम्हारी भांजी है जो करना है करो. जवान हो गयी है तो चोद दो साली को. जब मैं अरुशी की उमर की थी तो कई लंड खा चुकी थी. ५ साल से सिर्फ़ तुमसे ही चुदवा रही हूँ. आजकल तो लड़किया 14 की उम्र मैं चुदवाने लगती हैं.” मैं चुपचाप दोनो की बात सुन रही थी और बेचैन हो रही थी. “वह गुस्सा ना हो जाए.” “नही होगी. तुम गधे हो. पहली बार सब लड़कियाँ बुरा मानती है पर जब मज़ा पाएगी तो लाइन देने लगेगी. ज़रा चूत चाटो.” “जी दीदी.” वह मम्मी की चूत को चाटने लगा. कुछ देर बाद फिर मामा की आवाज़ आई, “पूरी गदरा गयी है दीदी.” “हां हाथ लगाओगे तो और गदरायेगी. डरने की ज़रूरत नही. अगर नखरे दिखाए तो पटक कर चोद दो. देखना मज़ा पाते ही अपने मामा की दीवानी हो जाएगी जैसे मैं अपने भाई की दीवानी हो गयी हूँ. चॅटो मेरे भाई मुझे चटवाने मे बहुत मज़ा आता है.” “हां दीदी मुझे भी तुम्हारी चूत चाटने मे बड़ा मज़ा मिलता है.” मैं दोनो की बात सुन मस्त हो गयी. मॅन का डर तो मम्मी की बात सुन निकल गया. जान गयी कि मेरा कुँवारापन बचेगा नही. मम्मी खुद मुझे चुदवाना चाह रही थी. जान गयी की जब मम्मी को इतना मज़ा आ रहा है तो मुझे तू बहुत आएगा. मम्मी तो अपने सगे भाई से चुदवा ही रही थी साथ ही मुझे भी चोदने को कह रही थी. मम्मी और मामा की बात सुन वापस आ अपने कमरे मे लेट गयी. दोनो चूचियों तेज़ी से मचल रही थी और रानो के बीच की चूत गुदगुदा रही थी. कुछ देर बाद मैं फिर विंडो के पास गयी और अंदर की बात सुनने लगी. अजीब सा पुक्क पुक्क की आवाज़ आ रही थी. मैने सोचा कि यह कैसी आवाज़ है. तभी मम्मी की आवाज़ सुनाई दी, “हाए थोड़ा और. साले बहन्चोद तुमने तो आज थका ही दिया.” “अरे साली रंडी अभी तो 100 बार ऐसे ही करूँगा. आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | ” मैं तड़प उठी दोनो की गंदी बातें सुनकर. जान गयी कि पुक्क पुक्क की आवाज़ चुदाई की है और मम्मी अंदर चुद रही हैं. मामा मम्मी को चोद रहे हैं. तभी मम्मी ने कहा, ” हाए बहुत दमदार लंड है तुम्हारा. ग़ज़ब की ताक़त है मेरी दो बार झाड़ चुकी है. आआअहह बस ऐसे ही तीसरी बार निकलने वाला है. आअहह बस राजा निकला. तुम सच्च मे एक बार मे दो तीन को खुश कर सकते हो. जाओ अगर तुम्हारा मॅन और कर रहा हो तो अरुशी को जवान करदो जाकर.” “कहाँ होगी.” “अपने कमरे मे. जाओ दरवाज़ा खुला होगा. मुझमे तो अब जान ही नही रह गयी है.” मम्मी ने तो यह कह कर मुझे मस्त ही कर दिया था. घर मे सारा मज़ा था. मामा अपनी बड़ी बहन को चोदने के बाद अब अपनी कुँवारी भांजी को चोदने को तैय्यार थे. मम्मी के चुप हो जाने के बाद मैं अपने कमरे मे आ गयी. जान गयी की मामा मम्मी को चोदने के बाद मेरी कुँवारी चूत को चोदकर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे मे आएँगे. पूरे बदन मैं करेंट दौड़ने लगा. रूम मे आकर फ़ौरन मॅक्सी पहनी. मैं चड्डी पहनकर सोती थी पर आज चड्डी भी नही पहनी. आज तो कुँवारी चूत की ओपनिंग थी. चूत की धड़कन इनक्रीस हो रही थी और चूचियों मे रस भर रहा था. मॅन कर रहा था कि कह दूँ मामा मम्मी तो बूढ़ी है. मैं जवान हूँ. चोदो मुझे. रात के 11:30 हो चुके थे. दरवाज़ा खुला रखा था. मॅक्सी को एक टाँग से ऊपर चढ़ा दिया और एक चूची को गले की ओर से थोड़ी सी बाहर निकाल दिया और उसके आने की आहट लेने लगी. मैं मस्त थी और ऐसे पोज़ मे थी कि कोई भी आता तो उसे अपनी चखा देती. अभी तक लंड नही देखा था. बस सुना था. 10 मिनिट बाद उसकी आहट मिली. मेरे रोएँ खड़े हो गये. मुझे करार नही मिला तो झटके से पूरी चूची को बाहर निकाल आँख बंद कर ली. जब 35 साल की चूत का दीवाना था तो मेरी 15-16 साल की देखकर तो पागल हो जाता. तभी वह कमरे मे आया. मैं गुदगुदी से भर गयी. जो सोचा था वही हुवा. पास आते ही उसकी आँख मेरी बिखरी मॅक्सी पर रानो के बीच गयी. मम्मी के पास से वापस आने पर मज़ा खराब हुवा था पर अब फिर आने लगा था. वह अपने दोनो हाथ पलंग पर जमा मेरी रानो पर झुका तो मैने आँखे बंद कर ली. मेरी साँस तेज़ हुई मेरी चूचियों और चूत मे फुलाव आया. मैं दोनो रानो के बीच 1 फुट का फासला किए उसे 15 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी. कुछ देर तक वा मेरी चूत को घूरता रहा फिर मेरे दोनो उभरे उभरे अनारो को निहारता धीरे से बोला, “हाए क्या उम्दा चीज़ है, एकदम पाव रोटी का टुकड़ा. हाए राज़ी हो जाती तो कितना मज़ा आता.” और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया तो पूरे बदन मे करेंट दौड़ा. मैं तो बहाना किए थी. चूमकर कुछ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा फिर झुककर दुबारा मुँह से चूमते एक हाथ से मेरी मॅक्सी को ठीक से ऊपर करता बोला….
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