हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नितीश है, मैं मेघालय का रहने वाला हूँ। दोस्तों हमारे घर के पड़ोस वाले घर में लालू नाम का जो आदमी रहता था, उसकी दो बहुवें थी। उस घर में उनकी कोई सास नहीं थी, केवल दो लड़के थे और वो लोग एक गाँव के रहने वाले थे और वो दोनों लड़के बहुत ही सीधे साधे थे और वो दोनों बहुवें भी अभी कम उम्र की थी। बड़ी बहू २४ की और छोटी वाली तो सिर्फ १८ साल की ही लगती थी। दोस्तों मुझे वो छोटी वाली बहू अभी कुँवारी ही लगती थी, दोनों साड़ी पहनती और घूँघट में रहती थी, लेकिन जब दोनों लड़के काम पर चले जाते तो वो दोनों सलवार कमीज़ पहन लेती थी और उनकी इस हरकत से मुझे एक शक सा हुआ इसलिए में ताक-झांक करने लगा और एक महीना इस तरह ही निकल गया और में अपने काम में लगा रहा।
एक दिन करीब 11 बजे मैंने उसको अपनी बड़ी बहू को आवाज़ देते हुए सुना तो जल्दी से में उस दीवार से उचककर उनके घर में देखने लगा। फिर मैंने देखा कि वो एक कुर्सी पर बैठा हुआ था, बड़ी बहू उसके पास आ गई और वो उसके बड़े आकार के बूब्स को देखकर बोला, आओ मेरी जान। यह सब देखकर में तुरंत समझ गया कि मेरा शक एकदम सही था और इनके बीच में जरुर कुछ गलत चल रहा है।
फिर वो जब उसके पास आई तो उसके दोनों बूब्स को पकड़कर वो उससे पूछने लगा क्यों छोटी वाली कहाँ है? वो जवाब देकर कहने लगी कि अभी वो कपड़े बदल रही है बाबूजी। दोस्तों उस बूढ़े को अपनी जवान बहू के बूब्स को पकड़ते हुए देखकर में तड़पने लगा और मेरा लंड जोश में आकर झटके देने लगा और में भी इस दिन के इंतज़ार में था बूब्स को पकड़ने के साथ ही बड़ी बहू ने अपनी कमीज़ के बटन खोलकर अपने दोनों बूब्स को पूरा नंगा किया। अब वो बड़े मज़े से उसके दोनों बूब्स को चूसने लगा।
मुझे यह सब साफ नजर आ रहा था और यह द्रश्य मेरे अंदर मस्ती भरने लगा था। तभी वो कहने लगी बाबूजी आप कल की तरह चूसो ना और अपने बूब्स की घुंडी को ससुर के होंठो से लगाकर ज़रा सा झुकी और अब वो बूढ़ा ससुर अपनी जवान बहू के एक बूब्स को मुँह से दबा दबाकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को वो दबाने लगा। फिर कुछ देर बाद बड़ी बहू प्यार से अपने ससुर के गले में हाथ डालकर कहने लगी कि बाबूजी आप बूब्स को चूसते है तो मुझे बड़ा मज़ा आता है और यह बात सुनकर वो जोश में आकर बूब्स को चूसने लगा, कसे कसे जवान बूब्स का मज़ा उस बूढ़े को लेते हुए देखकर में तड़प गया।’
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अब में तुरंत ही समझ गया कि यह दोनों बहुवें जवानी से भरी हुई है और इनको चोदने पर यह मुझे पूरा मज़ा देगी और आज में इतना अच्छा मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था, लेकिन में रुका रहा कि थोड़ा और मज़े लेकर मस्त हो जाऊँ। अब वो बार बार चूसो बाबूजी कह रही थी और वो बूढ़ा ससुर अपनी जवान बहू के निप्पल को चूस रहा था, लेकिन अभी छोटी वाली बहु नहीं आई थी। दोस्तों अपने पड़ोस की दोनों बहुओं को उनके बूढ़े ससुर के साथ मज़ा लेते देख में तुरंत समझ गया कि यह दोनों प्यासी है और उनके पति से उनकी प्यास नहीं बुझती। फिर जब मुझसे सहा नहीं गया तो में अपना कैमरा लेकर उनकी तरफ कूद गया और धप की आवाज़ से वो दोनों चौंककर देखने लगे | दोस्तों ये कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पड़ रहे है। मुझे देखकर वो दोनों घबरा गये और बड़ी बहू अपने बूब्स को अंदर करने लगी और बूढ़ा मेरे हाथ में केमरा देखकर काँपने लगा। अब मैंने तेज़ ऊँची आवाज़ में कहा कि तुम दोनों की यह सभी हरकते इस कैमरे में आ गयी है, हाँ तुम और पिलाओ अपने जवान बूब्स इस मरियल बूढ़े को। दोस्तों बड़ी बहू तो डर की वजह से थरथर काँप रही थी।
उसने अपने बूब्स को अंदर तो कर लिया था, लेकिन घबराहट की वजह से वो बटन बंद करना भूल गई थी। अब उसके दोनों मस्त, गोरे, गोलमटोल बूब्स को एकदम पास से देखकर मेरा लंड झटके देने लगा था और में उस मौके का फायदा उठाने के लिए उस बूढ़े से बोला, साले कमीने तू अपनी बहुओं को चोदता है, में यह बात सभी को बता दूँगा।
तो वो मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगा और कहने लगा, नहीं भगवान के लिए तुम ऐसा मत करना, में अब कभी ऐसा नहीं करूँगा। फिर मेरे सामने अपनी ससुर को गिड़गिड़ाते हुए देख बड़ी बहू भी घबरा गयी, में उससे कहने लगा साले कमीने में बहुत देर से सब देख रहा था तू बुढ़ापे में अपनी बहुओं के साथ मज़ा ले रहा था, जवानी में तूने अपनी बेटी को भी जरुर चोदा होगा, सच बता तूने इनको कितनी बार चोदा? वो कहने लगा एक बार भी नहीं बेटे, अब में ऐसा नहीं करूँगा।
अब में उससे कहने लगा जब तुम बूब्स पीते हो तो इन दोनों को तुम चोदते भी जरुर होंगे? में बड़ी बहु से पूछने लगा, हाँ तुम ही मुझे बताओ तुम क्या चुदाई भी करवाती हो? वो मेरी तरफ देखकर चुप ही रही। अब वो बूढ़ा कहने लगा भगवान कसम बेटा केवल में इनके साथ अपना दिल बहलाता हूँ और उसी समय मैंने उससे पूछा छोटी बहू कहाँ है? वो बोला कि अंदर है।
फिर मैंने उससे कहा कि जाओ उसको मेरे पास लेकर आओ, मेरी बात को सुनकर वो अंदर चला गया, जिसके बाद मैंने बड़ी वाली को अपने पास बुलाया और जब वो मेरे पास आई तो में उसके कूल्हों पर हाथ लगाकर उससे कहने लगा कि तुम दोनों तो अभी जवान हो, तुम दोनों का मज़ा लेना है यह तो मेरी समझ में आता है, लेकिन यह साला बूढ़ा केवल तुम्हारे बूब्स को ही चूसता होगा या यह तुम्हारी चूत को भी चाटता है? मुझे तुम दोनों की इस जवानी पर बहुत तरस आ रहा है, क्योंकि यह तो तुम दोनों को गरम करके तरसाता होगा, बताओ यह कभी तुम्हारी चुदाई भी करता है?
दोस्तों मेरी बात को सुनकर वो कुछ सहम गई और में उसके बूब्स को पकड़कर हल्का सा दबाकर उससे बोला, मुझे लगता है तुम दोनों को इसने बहुत बार चोदा भी है? तभी वो बुड्ढा घबराया सा अपनी छोटी बहू के साथ वापस आ गया। फिर मैंने देखा कि बिल्कुल टाइट सलवार, कमीज़ में छोटी बहू के छोटे छोटे बूब्स को देखकर मेरे लंड ने एक तेज़ झटका दिया और बड़ी वाली के साथ मुझे देखकर वो घबरा गई। अब छोटी बहु को देखकर में एकदम बेचैन हो गया वो बहुत कसा हुआ माल थी वो भी डरी, सहमी थी और फिर बूढ़ा पास आकर मेरे सामने हाथ जोड़कर कहने लगा, बेटा मेरी इज़्ज़त आज तुम्हारे हाथ में है। फिर में दोनों कुँवारी लड़कियों सी बहुओं को देखते हुए उससे बोला कि तुम दोनों का बूब्स को पीते हुए एक फोटो आया है और अब वो सभी मेरे बस में थे। अब में अपने लंड को उन दोनों के सामने पेंट के अंदर से मसलते हुए बोला शायद तुम्हारे दोनों लड़के नामर्द है जो इन बेचारियों को ठीक तरह से चोदकर ठंडा नहीं कर पाते। अब में कहने लगा में एक शर्त पर अपनी ज़ुबान को बंद रख सकता हूँ? वो बोला बेटा मुझे सभी बातें मंज़ूर है।
अब में उससे कहने लगा देखो तुम्हारी बहुवें प्यासी है, इस उम्र में उन्हे पूरी खुराक चाहिए तुम्हारे लड़के तो शायद बेकार है और इस उम्र में हर दिन दो चार बार चुदने पर मज़ा आता है और अगर तुम ऐसा इनके साथ नहीं करोगे तो यह दोनों अपनी प्यास को बुझाने के लिए बाहर किसी लड़के के चक्कर में पड़ जाएगी। तो वो तुरंत बोल पड़ा, हाँ बेटा यही बात सोचकर में इन दोनों को चूमकर चाटकर अपनी उंगली से इनकी चुदाई करता हूँ। अब मैंने उससे कहा कि आज से तुम इन दोनों को चूसकर चाटकर गरम करो और में इन दोनों को अपने लंड से चोदकर ठंडा कर दिया करूँगा, क्योंकि वैसे भी उंगली से तो बुड्ढी औरतो को चोदा जाता है, यह जवान चूत तो लंड खाती है,
यह दोनों जवान है और जब तक लंड डालकर इनको ना चोदा जाए इनको मज़ा नहीं आएगा, बोलो तैयार हो? हाँ बेटा आ जाओ मेरी ड्यूटी रात की है, दिनभर हम दोनों एक एक को मज़ा दिया करेंगे, यह दोनों मेरी बात मानती है। आओ बेटा अभी से हम यह काम शुरू करते है और तुमको भी यह दोनों बहुत मज़ा देंगी, क्योंकि तुम उनके लिए लंड का इंतजाम जो कर रहे हो।
फिर मैंने अपनी पेंट को खोलकर जैसे ही लंड को बाहर किया तो वो मेरा लंड देखकर बोला अरे बेटा तुम्हारा तो बहुत लंबा, मोटा भी है ऐसा तो घोड़े का होता है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम इसको अपनी दोनों बहुओं को खिला दोगे तो तुमसे खुश हो जाएगी, यह दोनों सोचेगी कि बाबूजी की वजह से हमे ऐसा लंड मिला है। दोस्तों वो यह बात सुनकर कमरे से बाहर चला गया और में बहुत खुश था कि आज मुझे एक साथ दो जवान गदराई चूत मिल रही है। मेरे साथ तो दोनों ही मस्त हो जाएगी। तभी कुछ देर बाद बूढ़े की आवाज़ आई और अंदर आते ही मैंने देखा कि वो दोनों उसके आसपास खड़ी थी और दोनों का चेहरा लाल था और वो अब मुझसे डर नहीं रही थी, में उनके पास पहुँचा। अब वो मुझसे बोला बेटा यह सभी तुम किसी से मत कहना, जाओ तुम इन दोनों को ले जाओ। में उन दोनों को देखते हुए बोला, देखो अभी तक आपने तो असली मज़ा लिया ही नहीं, कोई बात नहीं आप दूसरे कमरे के अंदर जाओ और जैसे रोज़ मज़ा लेते थे वैसे ही लीजिए और एक को मेरे साथ भेजिए और दूसरी को आप चूसकर चाटकर मज़े लो और अपने लंड को बाहर करके मैंने उम दोनों को दिखाया। फिर में छोटी वाली का हाथ पकड़कर उसको अपनी तरफ करते हुए बोला, आप बड़ी को अपने पास रखिए, में इसको ले जाता हूँ क्योंकि मुझे इसके साथ ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और जब में इसकी चुदाई करके बाहर भेज दूँ तब उसके बाद तुम बड़ी को अंदर भेज देना, अभी तो यह ठीक से जवान भी नहीं है।
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अब में छोटी को अपने बदन से लगाकर उसकी गदराई हुई गांड को छूकर मुझे लगा कि में जन्नत में हूँ और उसको अपने से चिपकाकर उसके बूब्स को पकड़ा और उसी समय वो मुझे देखते हुए इशारे से कहने लगी जल्दी चलो। फिर उसके इस इशारे से में खुश हो गया और में पूरी तरह से जान गया कि वो पूरी तरह से गरम है और पहले छोटी को चुदाई के लिए ले जाने की बात से बड़ी वाली का चेहरा उदास हो गया, जिसकी वजह से मुझे उसकी बेकरारी का भी पता चला और छोटी के बूब्स को दबाते ही मेरे लंड में करंट दौड़ गया। उसके निप्पल अनार की तरह खड़े हुए थे और वो एकदम कुंवारी सी लड़की नजर आ रही थी और वो अपने पति, ससुर से मज़ा लेने के बाद भी अभी तक कली से फूल नहीं बनी थी। अब में छोटी वाली के साथ पहली चुदाई के लिए कमरे की तरफ चला, रास्ते में उसके एक बूब्स को पकड़कर दबाते उसको मस्त करने के साथ उससे कहने लगा कि वाह अभी तो तुम एक लड़की लगती हो, बड़ी वाली तो औरत लगती है और मेरे साथ तुम्हे बहुत मज़ा आएगा, क्योंकि मुझे तुम जैसी औरतों के साथ बड़ा मज़ा आता है और उसके बूब्स को दबाते हुए वो गरम हो गयी। दोस्तों ये कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पड़ रहे है।
अब उसके इतने शानदार मुलायम बूब्स को पाकर मेरा लंड बेकरार हो गया और में उसके बूब्स को पकड़ते हुए ही समझ गया कि इसकी चूत भी ठीक बूब्स की तरह कसी होगी। अब में तुरंत कुर्सी पर बैठा और उसकी कमर में अपने हाथ को डालकर उसके कूल्हों को अपने लंड की तरफ खींचकर मैंने उसको गोद में ले लिया और दोनों बूब्स को जैसे ही शर्ट के ऊपर से पकड़कर मैंने उसके गाल को चूमा, वो मज़े से भर गई वो अपने कूल्हों को मेरे लंड पर रगड़ते हुए बोली छोड़ो ना, बटन तो खोलने दो। फिर मैंने उससे कहा कि तुम घबराओ मत, तुम्हे पूरा मज़ा मिलेगा, तुम छोटी हो इसलिए में तुम्हे पहले लाया हूँ। में उस नयी जवानी को अपने फफनाते हुए लंड पर बैठाकर उससे पूछने लगा कि अच्छा तुम अब मुझे सच सच यह बताओ कि तुम्हारा बूढ़ा ससुर तुम्हारे साथ क्या, क्या करता था? वो बोली जी केवल हम दोनों को चूमते, चाटते है और बूब्स को चूसते भी है, हमें चूसवाने में बड़ा मज़ा आता है। दोस्तों ये कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पड़ रहे है। फिर मैंने उसके अनार से बूब्स को कसकर दबाते हुए अपने लंड को उसकी गांड की दरार में रगड़ते हुए उससे पूछा क्या तुम अपनी चूत भी चटवाती हो? वो मदहोश होकर बोली हाँ कभी कभी। अब में उससे कहने लगा कि तुम यह सब करती हो तो क्या तुम्हारी चूत गरम नहीं होती, क्या तुम्हे चुदाई का मन नहीं करता? वो तुम्हे चोदता भी है या नहीं? वो बोली कि नहीं बाबूजी का तो खड़ा ही नहीं होता।
अब मैंने उससे पूछा तुम्हारा आदमी तो तुम्हारी चुदाई करता होगा? वो कहने लगी कि हाँ कभी कभी, लेकिन उनका बहुत पतला सा है जिसकी वजह से मुझे बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता, चलो आप ही मेरे साथ कुछ करो ना, आपका तो तैयार भी है। वो मेरे लंड पर अपने कूल्हों को रगड़ते हुए बड़ी बेताबी के साथ पूरी तरह खुलकर मुझे अपनी चुदाई करने के लिए बोल रही थी। अब में उसको अपनी गोद में बैठाकर जन्नत में पहुँच चुका था और उसके मुलायम कूल्हे मेरे लंड को ग़ज़ब का मज़ा दे रहे थे और एक गरम अहसास मेरे लंड में उतर रहा था और जब पूरी तरह खुलकर उसने मुझे अपने पति के मरियल लंड के बारे में बताया तो में अपने लंड को उभारता हुए मस्ती के साथ दोनों बूब्स को दबाते हुए प्यार से उसको गोद में सहलाते हुए उससे पूछने लगा कि क्या तुम्हारे आदमी का लंड बहुत छोटा है? तब वो तुरंत ही बोल पड़ी कि जी हाँ एकदम छोटे बच्चे जैसा, जिसकी वजह से मुझे मज़ा ही नहीं आता, आप ही कुछ करो ना, देखो आपका तो तनकर खड़ा हो गया और यह लंबा, मोटा भी बहुत है। दोस्तों वो मेरी गोद में ही मेरे लंड पर अपनी गांड को रखकर बूब्स को दबवाती हुई जोश से भर गयी थी, लेकिन मुझे तो अभी इससे ज्यादा मज़ा लेकर अपने लंड की मस्ती को एक बार झाड़कर प्यार से धमाधम तरीके से उसको चोदकर इसकी चूत को पहली चुदाई में इतना मज़ा देना था कि वो हर बार मेरे लंड से मज़ा लेने के लिए बेकरार रहे। दोस्तों उसका ससुर उसकी चूत को बस चाटता था, लेकिन अभी तक मैंने उसकी चूत पर एक बार भी हाथ नहीं लगाया था और जब मैंने उसके बूब्स की तनी हुई निप्पल को पकड़कर थोड़ा ज़ोर से मसला तो उसकी चूत मस्ती में आ गयी और वो अब पूरी तरह से खुलकर बोली आह्ह्ह तुम मेरी बड़ी मस्त है अब इसको चोदो।
दोस्तों में पहले से ही बहुत अच्छी तरह जानता था कि खुलकर चुदाई की बातें करने से चूत कुलबुलाने लगती है और वो छोटी बहू अभी एकदम कुंवारी लड़की सी थी, उसके एकदम मस्त, जवान बूब्स थे और उसके बूब्स मुझे इतना मज़ा दे रहे थे कि मेरा लंड अब झड़ने के करीब था। फिर मैंने उसके बूब्स को मसलते हुए उससे पूछा कि बताओ मेरा मोटा है ना? वो बोली जी हाँ यह बहुत अच्छा है और वो मेरे लंड पर अपनी गांड को दबाकर मेरे लंड की तारीफ करती हुई कहने लगी कि वाह में अपनी चूत में इस लंड को लेने के लिए बहुत उतावली हो रही हूँ। अब में उसकी ताज़ी, हसीन चूत को मस्ती के साथ चोदकर उसका पूरा मज़ा लेने के विचार में था। फिर धीरे से मैंने अपने एक हाथ को उसकी एक जांघ पर लगाकर सलवार की फटी मियानी पर लगाकर बोला कि मेरी जान तुम अब ज़रा अपनी चूत तो मुझे दिखाओ ।
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