दोस्तों इस दुनिया में हमारे आलावा और भी रहस्यमयी ताकतें मोजूद है। ये भूत प्रेत भी चुदाई के दीवाने होते है। इस बात पर आप विस्वास करे या ना करें मेरे को कोई फर्क नही पड़ता। क्युकि जब तक ये घटनाएँ आप के साथ नही घटेंगी आप को विस्वास नही होगा।
नोट – कमजोर दिल वाले या 18 साल से कम उम्र वाले ये कहानी ना पढ़ें ।
मेरा नाम राधव है और मैं २६ साल का हू। और उत्तराँचल का रहने वाला हु। मैने अपना कॉलेज ख़तम कर लिया था और अब मैं उत्तराँचल के एक गाव रानीगढ़ में नोकरी कर रहा था। यहाँ पर एक कहानी बहुत फेमस है।वो भी एक भूतनी के बारे में उसे यहा के लोग चितिया का भूत कहते है। लोगो के अनुसार चितिया एक नंबर की रंडी थी और सेक्स के बहाने लोगो के बाल काट के ले जाती और उन बालो से जादू – टोना करती थी।जब ये बात गाव वालो को पता लगी तो उन्होंने उसे नंगी कर के पुरे गाव में घुमाया और बाद में उसे बड़ी भयानक मौत दी। लोगो ने चितिया के बोबे काट दीये और उसकी चूत में पेट्रोल भर दिया और खम्बे से बांध कर उसे जिन्दा जला दिया ।लोगो को चितिया को जलते समय उसके शरीर में से कई रूहे निकलती हुई नजर आई थी।
लोगो का कहना है कि वो अब लोगो को नज़र आती है और पहले सेक्स करती है फिर वो उनकी गांड को चीर के आदमी के दो टुकड़े कर के मार देती है। चलो अब मेरी तो फट गयी थी । मेरे को नोकरी करते हुए २० दिन हो गये थे। एक बार मैं ऑफिस से लेट हो गया और रात को ऑफिस से छुटा। अब मं घर की ओर आ रहा था। तो मेरे पीछे से किसी ने मेरे को आवाज दी मैने पीछे मूड के देखा तो कोई नही जैसे ही मैं आगे मुड़ा तो मेरे ठीक सामने चितिया का भूत खड़ा था। मैं उस को देखते ही निचे गिर गया। उस का चेहरा सड़ चूका था और बोबे कटे हुए थे।उस के पैर उलटे थे और उस की चूत से पैट्रोल की बदबू आ रही थी। आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मेने हाथ जोड़ कर सुशीला से विनती की मैं यहा नया हु और किसी को भी नहीं जानता । प्लीज़ मेरे को मत मारना भूतनी बोली चल ठीक है नही मारती लेकिन पहेले मेरी चुदाई कर।मैं बोला आप को देख के मेरा खड़ा ही नही हो रहां तो मैं आप को कैसे चोदू। वो भूतनी थोड़ी देर में एक जवान लड़की के रूप में बदल गयी। उस के मोटे मोटे और तने हुए बोबे और चिकनी चूत को देख कर आखिर मेरा लंड खड़ा हो ही गया। और उस भूतनी ने मेरे को जमीन पर लेटा दिया और मेरे कपडे गायब कर दिए । अब वो मेरे उपर उछल उछल कर खुद को चोदने लग गयी। अब मेरे को भी मज़ा आने लग गया और मैने उसे घोड़ी बनाकर उसे चोदना शुरू कर दिया । वो आह्ह्ह आह्ह्ह की आवाजे कर रही थी। करीब 30 – 40 मिनट तक मेने भूतनी की चुदाई की। अब मेरा वीर्य आ गया तो सुशीला मेरा सारा वीर्य पी गयी। अब चितिया मेरे को किस्स करने लग गयी । मैने बोला प्लीज अब मेरे को जाने दो। चितिया बोली जाऒ। अब जैसे ही मैने आस पास देखा तो पाया अरे चितिया और मैं हवा में क्यों उड़ रहे है। चितिया अपने असली रूप मे आ गयी और जोर जोर से हसने लग गयी। वहा उस के साथ और भी भूत आ गये और जोर जोर से हसने लग गये। मेने बोला तुम हँस क्यों रहे हो और हम सब हवा में क्यों उड़ रहे है। चितिया ने नीचे इशारा किया। नीचे मेरा शरीर दो टुकडो मे पड़ा हुआ था । पता नहीं मैं तो कब का मर चूका था।
दोस्तों यह कहानी बनायीं हुयी है इसमें कोई सच्चाई नही है बस आपलोगों के मनोरंजन के लिए है |
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