गतांग से आगे ….
अरुण : “अच्छा सुनो नम्रता, तुम मसाज बेड रेडी करो मुझे मसाज करवानी है तुमसे ”
ये सुनते ही नम्रता चोंक गयी..
अरुण (थोड़ी तेज आवाज़ में) : “क्या बुत्त बनकर खड़ी हो गयी सुनाई नही दिया अंदर जाकर बेड तैयार करो मैं कॉफ़ी पीकर आ रहा हूँ बस ”
अपने मालिक की फटकार सुनकर वो काँप सी गयी
आज पहली बार उन्होने उसके साथ इस तरह से बात की थी
अभी कुछ देर पहले तक तो कैसे मीठी आवाज़ में बात कर रहे थे, अचानक उन्हे क्या हो गया है.
और वो सोचने लगी की उन्हे भला मसाज लेने की क्या सूझी
संजना मेडम की मसाज करना अलग बात है, वो एक औरत है पर साहब तो मर्द है .उन्हे कैसे वो मसाज देगी क्या वो उसके सामने संजना मेडम की तरह नंगे होकर .
ये सोचते ही उसके बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी
आज तक उसने लाइफ में अपने पति निमेश और संजना मेडम को ही नंगा देखा था
निमेश तो उनका पति था, पर संजना मेडम के नंगे शरीर को देखकर भी उसे शुरू मे काफ़ी शर्म आती थी
और कल जो उन्होने नम्रता के साथ किया था और उससे करवाया था, उसके बाद तो नम्रता की मसाज के नाम से ही चूत गीली हो जाती थी.
अब साहब को मसाज देते हुए वो क्या सोचेगी, यही सोचकर उसे कुछ -2 हो रहा था
उसने जल्दी से बेड पर एक चादर बिछाई और मसाज के लिए तेल निकाल कर ले आई.
कुछ ही देर में अरुण साहब कमरे में आए, और उन्होने नम्रता को उपर से नीचे तक निहारा, उसने हमेशा की तरह एक काटन की साड़ी पहनी हुई थी. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अरुण ने अपनी रॉब खोली और उसे साइड में फेंक दिया .
ना चाहते हुए भी नम्रता की नज़रें उनकी तरफ उठ गयी.
एकदम गोरे चिट्टे शरीर के मालिक थे वो,उनका रंग संजना मेडम से भी सॉफ था बस थोड़ी सी तोंद निकली हुई थी, वरना शरीर एकदम कसावट लिए हुए था उनके अंडरवीयर की तरफ देखकर वो सहम सी गयी आज से पहले उसने सपने में भी नही सोचा था की देश के इतने बड़े मंत्री को , अपने मालिक को, वो इस तरह सिर्फ़ एक छोटे से अंडरवीयर में देखेगी.
उनके उभार को देखकर ही वो समझ गयी की उनके रुतबे की तरह वो भी काफ़ी बड़ा है.. अरुण बेड पर उल्टा लेट गया और नम्रता ने उनके शरीर पर तेल की धार मारकर मालिश शुरू कर दी.
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उसकी नर्म उंगलियाँ और सख़्त हाथ को महसूस करके अरुण कराह उठा..
”आआआआआआआआआआहह . तुम्हारे हाथों में तो जादू है नम्रता .संजना सही कहती है, तुमसे मालिश करवाकर सारी थकान दूर हो जाती है ”
अपनी तारीफ सुनते ही वो गाँव की भोली औरत मंत्रीजी की चाशनी भरी बातों में घिरती चली गयी.
वो बोली : “वो क्या है ना साब, शुरू से ही मुझे हर काम करने का शॉंक है, अब मैने इस मालिश की प्रकटिस तो की नही है..पर संजना मेडम की करने से ही पता चला की मैं ये भी कर सकती हूँ ”
अरुण : “ह्म्*म्म्ममममम ..करती रहो .मज़ा आ रहा है .”
फिर तो नम्रता अपनी ही धुन में शुरू हो गयी .
तेल की धार मारकर जब वो अपने पंजे से अरुण का बदन खुरचती तो उसे ऐसा लगता की स्वर्ग की अप्सरा उसके साथ खिलवाड़ कर रही है
उसके बदन से आ रही देसी खुश्बू उसे पागल कर रही थी | मन तो उसका कर रहा था की उसे दबोच ले, और वहीं बेड पर पटककर अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगाकर उसकी चूत में उतार दे
पर उससे पहले वो उसे थोड़ा गर्म करना चाहता था इसलिए वो आराम से लेटा रहा.
अचानक अरुण को एहसास हुआ की उसका अंडरवीयर भी नम्रता ने तेल से गीला कर दिया है..
वो बोला : “अर्रे, तुमने तो मेरे कच्छे में भी तेल भर दिया .निकालो इसे..मेरे पीछे खुजली हो रही है ”
अब ये एक ऐसा काम था , जिसके लिए शायद वो तैयार नही थी पर ऐसे मौके पर आकर वो अपने मालिक को एक बार फिर से ना कहकर नाराज़ नही करना चाहती थी अभी कुछ देर पहले की डांट उसे अच्छे से याद थी.
इसलिए उसने काँपते हाथों से उनके अंडरवेर को पकड़ा और उसे नीचे खींचते हुए निकाल दिया
ऐसा करते हुए जब अरुण ने अपनी गांड हवा में उठाई तो उसका खड़ा हुआ लंड गद्दे के सहारे खड़ा हो गया और उसका लंड एक बम्बू सा बन गया और अरुण की गांड एक तंबू सी बनकर हवा में लटक गयी आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसने तुरंत नीचे हाथ डालकर अपने लंड को एडजस्ट किया और मन ही मन अपने लंड से बोला ‘रुक जा मेरे शेर..मेरे चीते थोड़ा सब्र और कर ले..ये हिरनी की चूत जल्द मारने को मिलेगी..’
अपने मालिक की नंगी गांड देखकर नम्रता को बहुत शर्म आ रही थी
अरुण : ”क्या हुआ..रुक क्यों गयी .अब लगा ले तेल जितना लगाना है और अच्छे से रगड़ ज़्यादा रगडेगी, तभी मज़ा मिलेगा मुझे ”
ये सुनकर उसे एक बार फिर से जोश आ गया
अब थी तो वो एक नंबर की बोडम महिला
अरुण के शातिर दिमाग़ की चालाकी वो पकड़ नही पाई.
अब वो बिना किसी हिचक के अरुण के चूतड़ों पर भी तेल लगा रही थी
और अचानक अरुण पलट गया
नम्रता जो अभी तक उसकी गांड मसल रही थी, अचानक उसके हाथ में अरुण का लंड आ गया..
और उसे हाथ में पकड़ते ही वो ऐसे उछली जैसे उसने कोई साँप पकड़ लिया हो..
उसे लगा था की नंगा होने के बाद शायद शर्म के मारे साहब दूसरी तरफ पलटेंगे नही
पर उन्होने ऐसा नही किया..वो पलट गए.
अरुण : “अर्रे, तुम ऐसे क्यों डर रही हो पहले कभी नही देखा क्या ”
नम्रता : “जी .जी .देखा है .पति का निमेश का ही बस .पर ऐसे .आपका..”
इतना कहकर उसने आँखे दूसरी तरफ कर ली पर अपना हाथ नही हटाया.
अरुण : “मैं समझता हूँ पर अभी तू कुछ और मत सोच बस मालिश पर ध्यान दे चल..अपने जादुई हाथों का कमाल इसपर भी दिखा ज़रा..”
अपने मालिक का हुक्म सुनकर वो एक बार फिर शुरू हो गयी
कच्चे केले जैसा अरुण का कड़क लंड उसकी उंगलियों में नाच रहा था
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वो जब अपना हाथ पीछे करने लगती तो अरुण फिर से उसे अपने लंड पर लाकर रख देता.
अरुण के लंड में लेकरऔर नम्रता की चूत में कुछ – 2 हो रहा था
और तभी अरुण ने अपना हाथ अचानक उसके सपाट पेट पर रख दिया
ये एक ऐसा पल था जब नम्रता के शरीर ने उसके दिमाग़ की सुननी ही बंद कर दी
वो ऐसे काँपी जैसे रज़ाई से निकले गर्म शरीर पर बर्फ़ीले हाथ छुआ दिए हो
उसका बदन पानी की लहर के जैसे हिचकोले खाने लगा
एक लंबी सी लहर उसकी छातियों से शुरू होकर उसके पेट से होती हुई चूत पर जाकर ख़त्म हो रही थी
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और उसके हर हिचकोले को अरुण महसूस कर रहा था नम्रता के हाथ अपने आप उसके लंड पर और ज़ोर से पकड़ बनाते गये ऐसा लग रहा था जैसे वो अरुण के लंड का गला ही घोंट देगी.
अरुण ने अपने हाथ को धीरे-2 उपर खिसकाना शुरू किया
और जल्द ही वो उसके नागपुरी संतरों पर जाकर जम गया..
नम्रता की आँखे बंद थी
पर वो दबे-2 शब्दों मे गुहार सी लगा रही थी..
”ह्म्*म्म्मम .सा..साआब ..मत्तत्त .करोsssss .ना ऐसा ..अहह ..नाआ .”
पर उसके सहरीर को देखकर ऐसा लग नही रहा था की वो इस खेल को एंजाय नही कर रही है
अरुण : “अर्रे मैने ऐसा क्या किया है क्या तू ऐसे कपड़े पहन कर संजना मेडम की मसाज करती है नही ना ”
ये एक ऐसा तीर था जो अरुण ने इसी वक़्त के लिए संभाल कर रखा हुआ था
शायद संजना ने बातों ही बातों मे उसे बता दिया था की नम्रता ने उसे B2B (बॉडी टू बॉडी) मसाज की है
और इसका मतलब वो अच्छे से समझता था..इसलिए उसने आज ये मसाज करवाने का प्रोग्राम बनाया था..
कहानी जारी रहेगी अगले भाग में ….