प्रेमिका की चुदाई – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Wed, 21 Mar 2018 09:30:56 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2015/10/cropped-mastaram-dot-net-logo-red-32x32.png प्रेमिका की चुदाई – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 होली में गर्लफ्रेंड की मम्मी को चोदा | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/holi-me-girlfriend-ki-mummy-ko-choda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/holi-me-girlfriend-ki-mummy-ko-choda.html#respond Sun, 11 Mar 2018 03:06:02 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12174 होली में गर्लफ्रेंड की मम्मी को चोदा, होली मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी का चुदवाया हैल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है और में आशा करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह बहुत पसंद आएगी। दोस्तों मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 20 है आंटी उम्र 44 हैँ नाम पुष्पा है और गर्लफ्रेंड का नाम पायल उम्र 19. आंटी उनके बूब्स का साईज़ 36 और गांड का भी साईज़ 40

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होली मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी का चुदवाया हैल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है और में आशा करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह बहुत पसंद आएगी। दोस्तों मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 20 है आंटी उम्र 44 हैँ नाम पुष्पा है और गर्लफ्रेंड का नाम पायल उम्र 19. आंटी उनके बूब्स का साईज़ 36 और गांड का भी साईज़ 40 है।

आंटी का पति और हम सभी आपस में दोस्ताना हैं और अक्सर साथ साथ बैठ कर दारू पीते हैं, इस बार मैं होली खेलने आंटी घर गया तह आंटी ने सफ़ेद साड़ी-ब्लाऊज़ और बेटी ने सफ़ेद सलवार-सूट पहन कर आय तह । अंकल और हम दोनों ड्रिंक करने लगे।जब हमारे दो दो पैग हो गए तभी आंटी आय और सात ड्रिक करा लग साथ मै फिर हम तिनव ड्रिंक करने लगे साथ मै अचानक पायल दोस्त आ गया घर पे और पायल आपन सात लेके गया ।। अंकल बोला आंटी को आज तुम बहोत सेक्स लग राई है । आंटी बहोत नास तई।

मै बोला आंटी को आज तुम बहोत सेक्स लग रही हो। आंटी बोला अंकल को आज मेरी चुत पैय्स भूहज दान। मै बोला अंकल मै ज़रा होऊ तो आंटी बोला का ज़रा है तू मै बोला घार ज़रा होऊ। आंटी बोलाी आज मै चोद ना मै बोलाा नही । अंकल बोला क्या तैरा लंड दाम नही है क्या । अंकल अपनी पेंट खोलकर अपना लंड बहार निकाल दीया अंकल का लंड बिल्कुल काला ताः उसका बहुत बड़ा लंड था आंटी पूरा मुँह मे लेने की कोशिश कर रही थी। अंकल ना आंटी मुहं में अपना लंड घुसा दिया अंकल बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा।

आंटी मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। वोअ देकर फिर मैं 69 की अवस्था मे हूँ गया।मैं भी धीरे-धीरे आंटी करीब हो रहा था आंटी ने धीरे से अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और उसे मसलने लगीं।आंटी ने मेरी चड्डी की चेन ख्वला कर मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे चूसने लगीं।आंटी जोर-जोर से मेरा लण्ड चूसे रही थीं और मैं नशे में डूबता जा रहा था।आंटी ने ब्रा-पैन्टी को छोड़कर अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे भी उतार दिए।हम दोनों नंगे थे। अंकल साब देक रहा तह।

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अब आंटी ने मुझे बिस्तर पर गिरा दियाअब ।मेरा लण्ड कड़क होने लगाऔर मेरे ऊपर बैठ कर चूत के दरवाजे पर मेरा लण्ड रखा और धीरे-धीरे उस पर बैठने लगीं।आंटी ने मेरे ऊपर उछलना चालू रखा और अपनी रफ्तार बढ़ाने लगीं।। आंटी सिसकारियाँ लेती हुई धक्के तेज करने लगीं। थोड़ी ही देर में। मै आंटी बोलाा आज अपनी गाण्ड दो गए क्या। आंटी बोलाी लए ना तो। उनकी मस्त गाण्ड को सहला लगा।उनकी गाण्ड अपने मुँह पर रख कर रगड़ता मैंने पूछा- आंटी क्या अंकल आपकी गाण्ड मारते हैं? आंटी ने कहा- उस चूतिया से तो चूत नहीं मारी जाती.. साला नामर्द है।

आप चिंता मत करो, बस अब चलो घोड़ी बन जाओ।वो घोड़ी बन गईंलंड के सुपारे को गाण्ड के मुँह पर रखो और ज़ोर से धक्का लगाओ। पूरे कमरे में मेरे चिल्लाने की आवाज गूँज गई। आंटी की आहाहहहहः आंटी बहुत दर्द हो रहा। वो मेरे साथ पहली बार चुदाई कर रही थी।और मेरा पूरा लंड उसकी गाण्ड गाय् चिल्ला उठी प्लीज़ अहहहहा आहहराम से प्लीज़ उसने 4-5 झटके मार करीब 15 मिनट का बाद आंटी बोलाी प्लीज़ पूरे जोर से चोदो मुझे। आंटी ने बोलाा कि तुमने भी आज मुझे रंडी बना दिया है।

अंकल या दकर आंटी का पास आय और आपन लण्ड आंटी बाल पकड़ के जोरो से मुँह मे देने लगा। मेरी सहन शक्ति से ज़्यादा बड़ा। आंटी खांसने लगी सांस रुक गयी थी थोड़ी देर बाद। अंकल ना अपना सारा पानी आंटी मुँह मे छोड़ दिया। आब मै अपना लण्ड गाण्ड से निकाल के आंटीे मुँह मे दे दिया और 10 मिनिट मै का बाद। आंटी का मुँह से अजीब-अजीब आवाज निकल रही थीं। कुछ समय के बाद मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने जोर-जोर से लण्ड को उसके मुँह में आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।, कुछ समय लण्ड चूसने के बाद ।10 मिनट बाद मै झड़।और मेरे लंड में से पानी गिर गया। आंटी ने मेरा लण्ड मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया। आपको मेरी कहानी अच्छी लगे तो इसे लाईक जरूर करें ।। धन्यवाद …

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मंदिरा के बड़े और गोरे बूब्स और मोटी गांड | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/mandira-ke-bade-or-gore-boobs-or-moti-gaand.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/chudai-ki-kahani/mandira-ke-bade-or-gore-boobs-or-moti-gaand.html#respond Sun, 04 Mar 2018 08:08:30 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12126 मंदिरा के बड़े और गोरे बूब्स और मोटी गांड, मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगी हम दोनों इतने जोश में आ चुके थे के मेरा हाथ उसके बूब्स पर था और मेरे लंड को हाँथ से सहलाने लगी जीन्स के ऊपर से ही मुझसे रहा नही गया और मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके ब्रा के ऊपर से ही बड़े बड़े दूध को मसलने लगा

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नमस्ते दोस्तों, के तमाम पाठकों में से एक मैं हूँ निमेश और मैं आज अपनी पहली चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ | मैं पेशे से एक स्टूडेंट हूँ और अपने कॉलेज की पढाई पूरी कर रहा हूँ | मेरी उम्र 19 साल है और मैं दिखने में बहुत ही हेंडसम हूँ | अब मैं ज्यादा समय न लेते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ |

जब मैं स्कूल में था तब मेरी एक लड़की से बहुत अच्छी दोस्ती थी | उसका नाम मंदिरा है और उस समय वो बहुत अच्छी दिखती थी | उसके दूध बड़े थे और उसकी गांड बहुत ही सेक्सी थी | उसकी पतली सी कमर तो बस दिल लूट लेती थी | हम दोनों अक्सर साथ में ही बैठते थे | एक दिन की बात है मैं और वो मेरे घर में थे और हम दोनों बियर साथ में पी लेते थे पर हमने नशे में कभी कुछ गलत नही किया | जब जब मेरे घर में कोई नहीं रहता था तब तब मैं मंदिरा को अपने घर बुला लेता और हम साथ में बियर पीते | मंदिरा किराये पर रहती थी अपने रूममेट के साथ |

एक दिन ऐसे ही हम दोनों बियर पि रहे थे | इस बार नशा सा हो गया हम दोनों को क्यूंकि हम दोनों ने थोड़ी ज्यादा पी ली थी | मेरी नज़र अब उसके सेक्सी बदन पर पड़ी | मुझे जोश आने लगा | मुझसे कण्ट्रोल नही हुआ तो मैं उसके पास चला गया और मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया | किस के लिए उसने भी मना नही किया और मेरा साथ देने लगी | अब हम एक दुसरे की बाँहों में बाहें डाल के किस कर रहे थे | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगी | हम दोनों इतने जोश में आ चुके थे के मेरा हाथ उसके बूब्स पर था और मेरे लंड को हाँथ से सहलाने लगी जीन्स के ऊपर से ही | मुझसे रहा नही गया और मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके ब्रा के ऊपर से ही बड़े बड़े दूध को मसलने लगा तो वो आआहाआ अहाआअ करते हुए सिस्कारिया लेने लगी |

फिर मैंने मंदिरा की ब्रा को उतार दिया और उसके गोरे बूब्स को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो वो आ आ आ हाआ उउऊउऊउऊम्म्ह ऊउम्म आअहाआअ करते हुए मेरे सिर पर हाँथ फेरने लगी |

मैं उसके दूध को जोर जोर से मसलते हुए चूस रहा था और निप्पल को भी अपने होंठ में दबा कर चूस रहा था | वो भी आआऊउन्न्ह ऊ उम्म्ह आहा आआ आहा ऊउम्म्ह करते हुए दूध चुसाई का मजा ले रही थी | फिर हम दोनों मेरे कमरे में गये | अब उसने मेरी शर्ट को उतार दी और मेरी जीन्स को भी | अब मैं उसके सामने अंडरवियर में था | फिर उसने मेरे अंडरवियर को भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दी | अब वो मेरे लंड को हाँथ से हिला हिला कर चाटने लगी तो मेरे मुंह से भी आआ हाआ ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाज निकलने लगी |

फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में डाल ली और लंड के सुपाडे को चूसने लगी | मुझे गुदगुदी होने लगी तो मैं आआहा आ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगा | फिर उसने मेरे लंड को पूरा मुंह में अन्दर डाल कर चूसने लगी तो मैं भी ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके मुंह को चोदने लगा |

वो मेरे लंड को चूस रही थी और साथ में दोनों बॉल्स को भी चूस रही थी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह आअहाआअ करते हुए बस मजा ले रहा था | उसके बाद मैंने उसके लोअर को उतार दिया और पेंटी भी | उसकी मोटी और चिकनी चूत देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया | अब मैंने उसे लेटा दिया और उसकी टांगो को चौड़ा कर दिया | अब मैं उसकी चूत में अपनी जीभ रख कर चाटने लगा तो वो आआ उन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआ आहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहा आअ करते हुए मछली की तरह छटपटाने लगी | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ साथ चूत के दाने को भी होंठ से दबा दबा कर चूस रहा था और वो बस आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्करिया ले रही थी | फिर उसने मुझसे कहा कि बस भी करो अब मुझे चोद दो मेरी चूत प्यासी है | तो मैंने अपना लंड उसकी चूत में रगड़ते हुए डाल दिया | अब मैं उसकी चूत धीरे धीरे झटको के साथ चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी |

फिर कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा तो वो भी आआहाआ आअहाआअ करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी | फिर मैंने उसे कुतिया बना दिया और कुत्ते की तरह उसके पीछे जा कर चढ़ गया | अब मैं उसके दोनों दूध को पकड़ कर अपना लंड उसकी चूत में डाल कर चोदने लगा और वो भी आआहाआ और जोर से…. आःह हह ह हह ह आअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी | उसी दौरान वो झड़ गयी | पर मैं अभी तक भी झड़ा था और जोर जोर से शॉट लगाते हुए चोद रहा था | वो भी आआहाआ का आनंद ले रही थी | फिर मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके पेट पर अपना वीर्य निकाल दिया

दोस्तों आज तक उसके बाद से मैंने कभी किसी लडकी की चूत नही चाटी | पता नही क्या नशा था मंदिरा की चूत में की मुझसे रहा नही गया था उस वक़्त | खैर, ये थी मेरी सेक्स कहानी | आशा है आप लोगों को अच्छी लगी होगी |

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी पढ़ कर चुदवाया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-padh-kar-chudwaya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-padh-kar-chudwaya.html#respond Tue, 27 Feb 2018 11:55:10 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12054 दोस्तों यह कहानी मस्ताराम की एक पाठिका की चुदाई की कहानी है जो अपनी मर्जी से मुझसे चुदाई करवाई और खुद ही बोली की उनका नाम बदल कर अपनी सच्ची स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट पर प्रेषित की जाए तो आप लोग पढ़ने जा रहे है |

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी पढ़ कर चुदवाया
( hindisexstories.autocamper-service.ru Ki Pathika Ne Kahani Padh Kar Chudwaya )

दोस्तों यह स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट की एक पाठिका की चुदाई की है जो की उस पाठिका को चाहिए था की उसकी चुदाई की कहानी भी मस्ताराम डॉट नेट पर प्रकाशित की जाए पर उससे पहले उसकी चुदाई हो जाए दोस्तों मै खाली समय मिलने पर मस्ताराम डॉट नेट पर कहानियां कहानियां लिख कर भेजता हूँ | अब तक मैंने ढेर सारी कहानियां अपने अनुभव के हिसाब से लिखा है जो आप लोग पढ़ चुके है | ये बात अभी २ हफ्ते पहली की है | कहानी लिखने के बाद मै अपनी ईमेल आई डी लिख देता हु ताकि जो लोग कहानी पढ़ रहे है वो अपने विचार मुझे भेजे अगर कुछ त्रुटी हो तो उसे ठीक कर सकू तो हुआ कुछ एसा ही मुझे एक मेल आया था मैंने उस मेल को रिप्लाई कर दिया की आपका नाम क्या है वैसे भी नाम तो मेल में दिया रहता है पर कुछ लोग नाम नहीं लिखते सो मैंने नाम पूछ लिया तो उसका रिप्लाई आया की “मेरा नाम स्मृति है ” और फिर मै मेल रिप्लाई करता उधर से उसका रिप्लाई आता एसे ही हमारी बाते होने लगी |

अब मै उससे एडल्ट बाते करने लगा था वो भी इंटरेस्ट लेने लगी और वो भी वैसी ही बाते करनी सुरु कर दी |हमारी बातें सिर्फ़ मेल पर ही होती थीं। मैंने उसका मोबाइल नंबर माँगा तो उसने नहीं दिया।

ऐसे ही कुछ दिन बीतने के बाद एक मेल में उसने मुझे मिलने की बात कही। मैंने कहा- क्या सच में तुम मुझसे मिलना चाहती हो मज़ाक तो नहीं कर रही हो? उसने कहा- नहीं मैं सच में तुमसे मिलना चाहती हूँ।

मैंने उसको अपने बारे में बताया तो उसने कहा- मुझे पता है मैंने तुम्हारी कहानियाँ पढ़ी हैं जिसमें तुमने अपने बारे में पहले ही बताया हुआ है।
मैंने पूछा- तुमको मुझसे क्यों मिलना है?

उसने कहा- मिलकर बताऊँगी।

मैंने उससे पूछा- ठीक है ये बताओ कि कहाँ मिलना है?

मुझे उसने सिर्फ़ अपना नाम बताया था और मैं ये भी नहीं जानता था कि वो कौन से शहर में रहती है।

उसने कहा- मैं भी हरिद्वार की ही रहने वाली हूँ और रविवार को हरिद्वार के कपल के लिए फेमस गार्डन (नाम भी बताया) में मुझसे मिलना चाहूँगी।

मैंने उससे पूछा- तुम हरिद्वार में रहती हो ये बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई?

तब उसने कहा- मैंने इसलिए नहीं बताया कि शायद मैं तुम्हें बताती तो तुम उसी वक्त मुझसे मिलने की फरमाइश करते।

मैंने उससे कहा- ऐसी कोई बात नहीं है। पर बात तो उसकी भी सही थी।

मैंने उससे पूछा- मेरे पास तो तुम्हारा मोबाइल नंबर नहीं है तो मैं तुमको पहचानूँगा कैसे?

उसने कहा- मैं लाल रंग का सलवार कुर्ता पहन कर आऊँगी।

उसने मुझे भी ब्लू शर्ट और ब्लू जींस पहनकर आने को कहा। रविवार को मैं ठीक एक बजे अपने तय हुई जगह पर पहुँच गया और गार्डन के गेट पर टिकट लेकर इंतजार कर रहा था।

वहाँ पर सिर्फ़ कपल आ रहे थे कोई भी लड़की अकेले नहीं थी। उसने कहा था कि वो अकेली ही आएगी।

कुछ देर इंतजार करने के बाद मन में ख्याल आने लगे कि कहीं कोई मुझे बेवकूफ़ तो नहीं बना रहा है।

लगभग आधे घंटे बाद एक लड़की स्कूटी पर अकेली आई, उसने पिंक कलर का सूट पहना हुआ था, अपना पूरा मुँह दुपट्टे से ढका हुआ था। हाथ में ग्लव्ज़ आँखों पर गॉगल पहनकर आई थी।

मुझे लगा कि शायद ये वही है। अब मन में जो हलचल चल रही थी वो शांत हो गई थी।

तब तक वो गाड़ी पार्क करके एंट्री गेट की तरफ आ रही थी। उसने मुझे देखा पर वो पहले टिकट लेने के लिए टिकट काउंटर की तरफ मुड़ी तो मैंने खुद वहाँ जाकर पहले उसको ‘हैलो..’ कहा।

मैंने उसे अपना परिचय दिया और पूछा- क्या आप स्मृति हैं?

उसने ‘हाँ’ में सिर हिलाया।

मैंने कहा- मैंने आपकी भी टिकट ले ली है।

फिर हम दोनों गार्डन में आ गए और अपने लिए अच्छी सी जगह देख कर बैठ गए। उसने दुपट्टा नहीं हटाया था, मैंने बात शुरू करते हुए पूछा- आने में इतनी देर क्यों हो गई?

उसने बताया- मैं अपनी फ्रेंड के यहाँ शादी में गई थी और वहाँ से निकलने में वक़्त लग गया।

मैंने उससे कहा- अब तो ये दुपट्टा निकाल लो।

उसने कहा- मैं यहाँ कंफर्ट फील नहीं कर रही हूँ।

मैं उसे गार्डन में थोड़ा और अन्दर ले कर गया और उससे कहा- यहाँ बहुत कम लोग आते हैं यहाँ तुम दुपट्टा हटा सकती हो।
उसने दुपट्टा हटा दिया।

यारों क्या बताऊँ मेरा तो मुँह खुला का खुला रह गया। वो शादी से होकर आई थी इसलिए उसने मेकअप भी वैसा ही किया था। एकदम सुर्ख लाल होंठ, कजरारी आँखें लाल गाल सच में वो अप्सरा तो नहीं थी लेकिन उससे कम भी नहीं लग रही थी।

थोड़ा अपने आपको संभालते हुए मैंने कहा- आप बहुत ही खूबसूरत हैं और बहुत ही प्यारी लग रही हैं।

उसने एक प्यारी स्माइल दी और थैंक्यू बोलते हुए कहा- तुम भी हैण्डसम हो।

मैंने कहा- लड़कियों को कैसा भी लड़का हीरो ही दिखता है।

दोस्तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं इतना बुरा दिखता हूँ पर मैंने ऐसी बहुत सी जोड़ियां देखी हैं जिन्हें देखकर लंगूर के हाथ में अंगूर कहावत याद आती है। आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने बात आगे बढ़ाते हुए उसके बारे में पूछा तो उसने बताया- मैं हरिद्वार के एक गर्ल्स कॉलेज से अपना ग्रॅजुयेशन कर रही हूँ, फैमिली में चार लोग हैं। पापा और मम्मी दोनों जॉब करते हैं। छोटी बहन जूनियर कॉलेज में पढ़ती है।

मैंने उससे कहा- तुम बहुत स्वीट और सिंपल हो तो मेल पर इतनी बोल्ड बातें कैसी कर लेती हो?

उसने कहा- मैंने आज तक ऐसी बातें नहीं की कॉलेज में फ्रेंड्स बातें करती हैं पर मुझे पसंद नहीं हैं और मैं तुमसे भी ऐसी बातें नहीं करती अगर तुम खुद मुझे ऐसे सवाल ना पूछते। मैंने सिर्फ़ ये सोच कर जवाब दिए थे कि शायद हम कभी मिलेंगे ही नहीं।

मैंने कहा- फिर अचानक ये मुझसे मिलने का प्रोग्राम कैसे बना और मुझे यहाँ मिलने क्यों बुलाया?
उसने कहा- तुमसे मेल पे बातें करते करते पता नहीं मुझे क्या हुआ और तुमसे मिलने की इच्छा हो गई।

मैंने पूछा- क्यों?

उसने कहा- ये मुझको नहीं पता बस ऐसे ही।

मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

उसने ‘ना’ कहा।

मैंने पूछा- फिर कहानी पढ़ने का शौक कैसे लगा?

उसने कहा- सहेली ने बताया और उसे उसके बॉयफ्रेंड ने बताया था।

मैंने पूछा- क्या कभी कोई अडल्ट मूवी देखी है?

उसने कहा- मैं मोबाइल पर वीडियो देखती हूँ जो मुझे अपनी फ्रेंड से मिलती हैं। पहले तो मुझे पसंद नहीं था पर अब मुझे इस तरह की क्लिप्स अच्छी लगती हैं। इन्हें देखकर मुझे कुछ होता भी है।

मैंने कहा- सिर्फ़ देखना और पढ़ना ही पसंद है या कभी कुछ करने का भी मन किया?

तो उसने कहा- मन तो करता है पर डर भी बहुत लगता है। मेरी सहेलियां अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ जाती रहती हैं और उनके बॉयफ्रेंड और उनके दोस्तों के साथ मुझे भी चलने के लिए कहते हैं पर उनके साथ जाने का मेरा कभी मन नहीं किया।

मैंने उससे कहा- अगर मैं कुछ करूँ तो तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा?
वो शर्मा कर बोली- क्या?
मैंने उसे गालों पर एक किस किया उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे मजा आ गया पर तो वो शरमा गई और कुछ नहीं बोली।
अब मैंने उसे होंठों पर किस की वो भी मेरा साथ दे रही थी।

तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने बात खत्म की और मुझसे कहा- अभी मुझे जाना होगा वैसे भी बहुत देर हो गई है।
हमें वहाँ बैठे हुए बहुत वक़्त हो गया था इसीलिए हमें मन ना होते हुए भी वहाँ से जाना पड़ रहा था।

मैंने उससे कहा- दोबारा कब मिलने आओगी?
उसने कहा- जल्दी ही।
मैंने उससे कहा- क्या हम फोन पे बातें कर सकते हैं?

तो उसने मेरा मोबाइल नंबर ले लिया और खुद के मोबाइल से मेरे मोबाइल पर मिस कॉल किया।
उसने कहा- तुम कॉल मत करना मैं ही तुमको कॉल करूँगी।
उसके बाद मैंने उसको हग किया और एक किस करके हम लोग बाहर निकल आए।

उसी रात को उसका कॉल आया और हमने ढेर सारी बातें की।
मैंने उससे पूछा- अब हम कब मिलेंगे?
उसने कहा- फिलहाल मेरे कॉलेज की छुट्टियां चल रही हैं तो वो बिना कारण बताए ज़्यादा वक़्त के लिए घर से नहीं निकल पाऊँगी।

अब हमारी रोज बातें होने लगीं। फोन पर भी मैं उससे सेक्स चैट, उत्तेजित करने वाली बातें करता जिससे वो गर्म हो जाती। फिर हम फ़ोन सेक्स करके एक दूसरे की गर्मी को शांत करते।

एक दिन सवेरे उसका कॉल आया कि आज वो अपनी सहेली के घर जाने के बहाने से मुझसे मिलने आ रही है तो मैं 11 बजे उसको वहीं मिलूँ जहाँ हम पिछली बार मिले थे।

मैं वहाँ पहुँच गया, वो भी जल्दी ही आ गई, वो लॉन्ग स्कर्ट और टॉप पहन कर आई थी। ऐसा लगा कि जैसे आज पूरी तैयारी के साथ आई हो।

हम दोनों साथ में अपनी उसी जगह पर जाकर बैठ गए। सवेरे का वक़्त गुजर चुका था इसलिए गार्डन में ज़्यादा लोग नहीं थे। हम दोनों ज़्यादा खुल कर बैठे थे और बातें कर रहे थे।

मैंने उससे पहल करने के लिए कहा तो वो मुझे कभी माथे पर चूमती तो कभी गालों पर… वो मस्ती के मूड में थी और मुझे तड़पाना चाहती थी पर मैं भी कहाँ हार मानने वाला था, मैंने भी उसको कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींचा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।

हम दोनों एक दूसरे का पूरा साथ दे रहे थे, उसके हाथ मुझे अपनी आगोश में जकड़ रहे थे, वो मुझे खुद में समा लेना चाहती थी। मैंने भी उसको कसके पकड़ा और उसके मुँह में अपनी जुबान घुमाने लगा।

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा तो वो गर्म सिसकारियां भरने लगी, उसकी साँसें तेज होने लगी थीं, उसने थोड़ा संभलते हुए कहा- राहुल, सच में हमें यहाँ कोई देखेगा तो नहीं ना?

मैंने उससे कहा- यहाँ पर फिलहाल कोई नहीं आएगा।
वो फिर से मुझे किस करने लगी।

अब मैं ज़्यादा जोश में आ गया था इसलिए हाथों से उसकी बुर को सहलाने लगा। उसने भी साथ देते हुए मेरे लंड पर दबाव बनाना शुरू किया, हम एक-दूसरे को अपने हाथों से मज़ा दे रहे थे और सिसकारियां ले रहे थे।

उसने मेरे पैंट की चैन खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल कर मजा देने लगी।

मैंने उसकी पेंटी उतार दी, वो स्कर्ट पहनकर आई थी इसलिए मुझे ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।

उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी, मैं उसकी बुर को मजा दे रहा था, उसने कहा- अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है।
वो चुदास में भर कर मेरा लंड अपना बुर चोदन करवाना चाह रही थी।

गार्डन में तो चुदाई करना नामुमकिन तो नहीं था पर मुश्किल जरूर था। मैंने उससे कहा- मैं पेड़ से सट कर बैठ जाता हूँ और तुम मेरे लंड के ऊपर आकर बैठ जाओ।

उसने सर हिलाया।

मैं पेड़ से सट कर बैठ गया और वो मेरे लंड पर अपनी बुर का निशाना लगाकर बैठ गई।

अभी मेरा लंड उसकी बुर के थोड़ा ही अन्दर गया था कि वो खड़ी हो गई।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

उसने कहा- दर्द हो रहा है।

मैंने उसको समझाया- शुरूआत में तो दर्द होता ही है बाद में फिर सिर्फ़ मजा आता है। आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | वो मान गई और वापस मेरे लंड पर बैठने को राज़ी हो गई। मैंने अब उसकी बुर में अपना थोड़ा सा लंड घुसाया और उसे नीचे होने के लिए कहा।

इस बार उसने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा लिया। मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस चुका था। उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो दर्द से चीखने ही वाली थी कि मैंने अपने हाथ से उसका मुँह दबा दिया वरना उस दिन तो पब्लिक में धुलाई हो जाती।

उससे दर्द सहा नहीं गया और उसकी आँखों से आँसू आने लगे, मैं उसको किस करने लगा।

थोड़ी देर में जब उसका दर्द कम हुआ तो वो खुद ही धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी। मैं भी नीचे से धक्का लगाने लगा। वो मादक सिसकारियां ले रही थी और आवाजें निकालने लगी थी।

कुछ ही पलों की चुदाई के बाद वो अपनी चरम सीमा पर पहुँचने वाली थी, उसकी स्पीड बढ़ गई और उसने कहा- मेरी बुर से कुछ निकल रहा है और मुझे बहुत मजा आ रहा है। वो मेरे लंड को अपने गरम-गरम लावे में भिगो गई पर मेरा अभी बाकी था।

वो थक चुकी थी तो उसने और चुदने से मना कर दिया और हाथों से मेरे लंड की मुठ मारी। उसने कुछ ही झटकों में मेरा सारा लावा बाहर निकाल दिया।

अब हम दोनों ने अपने आपको साफ किया थोड़ा खून भी दिखा था। हम दोनों ने कपड़े ठीक करके फिर से एक-दूसरे की बांहों में बांहें डालकर बैठे गए।

हम एक-दूसरे को चूमने लगे। हमारे नसीब अच्छे थे कि उस वक़्त वहाँ और कोई नहीं आया। इस तरह मेरी और स्मृति की पहली चुदाई गार्डन में हुई।

अब हमारी रोज फोन पे बात होती और फोन सेक्स भी होता। हमने गार्डन में चुदाई तो की पर उस जल्दी-जल्दी की चुदाई में हमें सेक्स का पूरा मज़ा नहीं मिल पाया। स्मृति भी मेरे साथ पॉर्न मूवी की तरह चुदाई का पूरा मज़ा लेना चाहती थी पर जब तक स्मृति के कॉलेज शुरू नहीं होते हम बाहर नहीं मिल सकते थे।

कुछ हफ्तों बाद स्मृति की कॉलेज शुरू हो गए और वो कॉलेज में बिज़ी हो गई। अब उसके कॉल आने भी कम हो गए थे। हम रोज तो नहीं पर हफ्ते में दो-तीन बार तो फोन सेक्स चैट कर ही लेते थे।
हमारा मिलना नहीं हो रहा था।

कॉलेज शुरू होने के एक महीने बाद हम दोनों ने बाहर घूमने जाने का प्रोग्राम बनाया। तय यह हुआ कि वो घर से अपनी सहेली के साथ कॉलेज के लिए निकलेगी और मुझे कॉलेज के पास मिलेगी, फिर हम वहाँ से घूमने जाएँगे।

तय समय पर हम दोनों वहाँ मिले पर जाना कहाँ है यह डिसाइड ही नहीं हुआ था।

उसने कह दिया कि वो सिर्फ़ कॉलेज के हाफ टाइम तक ही बाहर रह सकती है। मेरा दिमाग़ भी काम नहीं कर रहा था कि एक तो इतने दिनों बाद मिले, उसमें भी वक़्त की लिमिटेशन। जाना कहाँ है ये भी डिसाइड नहीं हुआ।

मैंने उससे कहा- पहले यहाँ से चलो बाद में देखेंगे कि जाना कहाँ है।
हम वहाँ से निकले और एक रेस्टोरेंट में पहुँच कर हमने कॉफ़ी ऑर्डर की और डिसाइड करने लगे।

फिर तय हुआ कि आज कहीं बाहर ना जाते हुए हम सिटी के ही हिल्स गार्डन में जाएँगे और वही अपना समय बिताएँगे क्योंकि वैसे भी आज हमारे पास ज़्यादा वक़्त नहीं था। हमने आधा घंटा वैसे ही बिता दिया था।

हम वहाँ से निकल कर हिल्स गार्डन पहुँचे। हम गार्डन में अपने लिए एक पेड़ की आड़ लेके उसके नीचे खड़े हो गए और एक-दूसरे से शरारत भरी बातें और मस्ती करने लगे।

आख़िर हम बहुत दिनों बाद एक-दूसरे से मिले थे। हमने एक-दूसरे को बांहों में भर लिया और चूमने लगे। इस बार मुझे किस करने में मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि पहले जब हम मिले थे तो वो डरी हुई थी। आज वो कुछ ज़्यादा ही मस्ती में थी।

वैसे भी हमारी फोन पे बातें होती थीं तो वो ज़्यादा खुल गई थी। हमने एक-दूसरे को बहुत देर तक चूमा। कभी वो मेरे मुँह में अपनी जुबान डालती, तो कभी मैं अपनी जुबान उसके मुँह में घुमाता। हम बहुत ही ज़्यादा गरम हो गए थे। एक-दूसरे को छोड़ ही नहीं रहे थे।

हम एक-दूसरे को सहलाए जा रहे थे। मैं उसके मम्मों को दबा रहा था। तभी मेरे ध्यान में आया कि हम उस पुराने गार्डन में नहीं हिल्स गार्डन में हैं और यहाँ इससे ज़्यादा कुछ नहीं हो सकता।

अब हम थोड़ा अलग हुए और फिर से एक-दूसरे से शरारत करने लगे। हमने ऐसे ही 1.30 घंटा बिता दिया।

आज उसके पास वक़्त नहीं था तो फिर कभी मिलने का बोलकर हम दोनों वहाँ से निकले और पास ही के एक रेस्टोरेंट में आ गए।

यहाँ पर भी हम नाश्ता करते करते एक दूसरे से शरारत कर रहे थे। फिर मैंने उसे कॉलेज के पास ड्रॉप कर दिया। बाकी बातें फोन पर करने के लिए बोला।

शाम को उससे फोन पर बात हुई तो वो कहने लगी- राहुल कॉलेज में आज मेरा बिल्कुल भी ध्यान नहीं था। मैं सहेली के साथ जल्दी ही घर आ गई। पहली बार सेक्स में जो दर्द हुआ था उसके बाद मैं थोड़ा घबरा गई थी इसलिए मैं सिर्फ़ तुमसे फोन पर ही बातें करती थी और तुमसे नहीं मिल रही थी, पर आज जो गार्डन में हुआ उसके बाद तो मैं तड़प रही हूँ। काश ऐसा हो सकता के तुम मेरे पास आ सकते।

मैंने उससे कहा- अभी तो ये सम्भव नहीं है पर मैं कुछ सोचता हूँ।

फिर हमने एक-दूसरे से फ़ोन सेक्स करके शांत किया और फोन रख दिया। मैं सोचने लगा कि मैं इसके साथ कहाँ सेक्स कर सकता हूँ। इस बार मैं बड़े ही आराम से और बिना डर के उसे सेक्स का मज़ा देना चाहता था पर वो किसी होटल या किसी भी ऐसी जगह नहीं आना चाहती थी, जहाँ पकड़े जाने का डर हो।

तभी मेरे दिमाग़ में बात आई कि मेरे दोस्त का घर खाली है। उसके घर वाले बाहर गए हैं और वो मुझे इस काम में मदद भी कर सकता है।

मैंने दोस्त को कॉल किया, उसको बताया। मेरे थोड़े मनाने के बाद वो तैयार हो गया पर उसने मुझसे कहा कि पार्टी देनी पड़ेगी। मैंने ‘हाँ’ कहा और डिसाइड हुआ कि कल हम पार्टी करेंगे और रात को मैं उसके घर पर ही रुक जाऊँगा।

मैंने ये बात बताने के लिए स्मृति को मैसेज किया क्योंकि उसने मुझे कॉल करने के लिए मना किया है। इसलिए मुझे अगर कभी बात करने का मूड होता तो मैं सिर्फ़ मैसेज करता और वो मुझे कॉल करती। मेरे मैसेज के कुछ देर बाद ही उसका कॉल आया।

मैंने उसे प्लान के बारे में बता दिया और उसको अपने दोस्त के घर का पता भी बता दिया ताकि हमें कोई परेशानी ना हो। मैंने उसे ये भी समझा दिया कि अगर उसे कोई परेशानी हो तो वो मुझे कॉल करे मैं उसे पिक करने आ जाऊँगा।

वो बहुत खुश हो गई। अगले दिन मैंने घर पर बोल दिया कि आज मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ और रात को वहीं पर रुकूँगा।

उस रात को हम बाहर गए हम दोनों दोस्तों ने थोड़ी ड्रिंक की, खाना खाया।

मेरा दोस्त बार-बार मुझसे पूछता रहा कि वो कौन है और कैसे मिली पर मैंने उससे कहा- ये मेरा सीक्रेट है और इसके बारे में मैं नहीं बता सकता।

बाद में मैं दोस्त के साथ उसके घर जाके सो गया। सो क्या गए रात भर यही दिमाग़ में चल रहा था कि कल कैसा होगा।

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी से प्रेरित होकर चुदवाया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-se-prerit-hokar-chudwaya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/first-time-sex/mastaram-ki-pathika-ne-kahani-se-prerit-hokar-chudwaya.html#respond Sun, 25 Feb 2018 16:32:46 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12057 इस कहानी में मै आप सभी को बताऊंगा की उस दिन मैंने कैसे पंजाबन लड़की की सील उसके बॉयफ्रेंड के सामने तोड़ी थी उसके बॉयफ्रेंड की इच्छा थी की उसके सामने उसकी गर्लफ्रेंड की सील कोई और तोड़े |

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मस्ताराम की पाठिका ने कहानी से प्रेरित होकर चुदवाया
( hindisexstories.autocamper-service.ru Ki Pathika Ne Kahani Se Prerit Hokar Chudwaya )

दोस्तों मै राहुल आज एक सच्ची घटना प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा है आप सभी को पसंद आएगी ये घटना अभी अभी की है ग्वालियर से मेरे पास एक ईमेल आई एक 24ल की लड़की की, नाम था शीतल, परंतु उसने अपना कहानी के लिए नाम रखा था नेहा लिखा था कि राहुल जी आपकी कहानियाँ पढ़ कर मेरी बुर खुजलाने लगती है जैसे अपने , रस बहने लगती है। जिस तरह से आपने रोशनी की बुर की सील तोड़ी, मैं भी आपसे अपनी सील तुड़वाना चाहती हूँ। यह भी चाहती हूँ कि आप मुझे चोद कर हमारी चुदाई की कथा लिखें मेरी बड़ी तमन्ना है कि यह कहानी मैं पढ़ूँ। मुझे विश्वास है कि अपनी खुद की चुदाई का विवरण पढ़ के बेहद आनन्द आएगा।

नेहा कौर के संग आठ दस दिन तक मेल बाज़ी हुई और अंत में आपसी सहमति से मैंने दो दिन का ग्वालियर जाने का प्रोग्राम बना लिया। अब तक मैंने उसे नेहा कौर और उसने मुझे साहबजी कहना शुरू कर दिया था। खूब जम के आपस में गालियाँ बकना और तू तड़ाक से बातें करना चालू हो चुका था। हालाँकि कौर पहले पहले गालियाँ देने में हिचकती थी मगर बहुत जल्दी वो सब गन्दी गालियाँ न सिर्फ सीख गई बल्कि गाली देने में उसकी हिचकिचाहट भी ख़त्म हो गई।

तभी कौर ने एक नई बात कही, वो बोली कि उसका प्रेमी निखिल भी उसकी सील टूटने का दृश्य देखना चाहता है और मेरा शिष्य बन कर चुदाई के खेल में पारंगत होना चाहता है। वो भी चाहता है कि मेरी तरह ज़बरदस्त चोदू बने!

यहाँ निखिल के विषय में मैं यह बता दूँ कि अपनी दूसरी या तीसरी मेल में नेहा कौर ने मुझसे पूछा था कि उसके पीछे चार लड़के पड़े हुये हैं, और चारों ही उसको पसंद हैं, वो समझ नहीं पा रही कि किसको चुने। मैंने उसको चार में से एक को चुनने का एक तरीका बताया था जिसके परिणाम स्वरूप निखिल उसका प्रेमी बन गया था और दोनों ने शादी का फैसला भी कर लिया था।

मैंने उत्तर दिया- ठीक है नेहा कौर, मैं तेरी सील तोडूंगा। निखिल अगर अपनी माशूका को चुदवाते हुए देखना चाहता है मुझे क्या… देखे जी भर के!
वैसे तो यह शर्त भी नेहा कौर ने रखी थी कि वो निखिल को आशिक़ तभी बनाएगी जब वो उसकी सील मेरे से तुड़वाने को राज़ी होगा और शादी के बाद में भी मेरे से नेहा कौर चुदा करेगी जिसमें वो कोई ऐतराज़ नहीं करेगा। इसलिए मैंने नेहा कौर को हामी भर दी कि ठीक है निखिल उसकी नथ खुलने का नज़ारा देख सकता है।

अब आते हैं कहानी पर:

तय किये हुए दिन मैं ग्वालियर जा पहुंचा और बताये होटल में ठहर गया। दोपहर दो बजे के करीब नेहा कौर निखिल के साथ मेरे रूम में आ गई। हरामज़ादी को देख के दिल खुश हो गया, मस्त जवान लौंडिया थी माँ की लौड़ी! हृष्ट पुष्ट सरदारनी, बेहद खूबसूरत, 5 फुट 7 इंच का क़द, छरहरा निखरता हुआ मस्त बदन, तने हुए नुकीले चूचुक और खूब गोरा रंग!

मैंने उसको सर से पांव तक निहारा… साली गज़ब की बुर थी कमीनी, खूबसूरत चेहरा, बेहद हसीन हाथ और सुन्दर सुडौल उंगलियाँ। अच्छे बड़े आयताकार सुन्दर नाख़ून जिन पर बैंगनी नेल पोलिश लगाई हुई थी और वे थोड़े थोड़े बिल्कुल सही सही बढ़े हुए थे मस्त! जैसे फिल्मों में अभिनेत्रियाँ नाख़ून रखती है एकदम वैसे!

लहराते हुए रेशमी बाल, लंबी नाक, बड़ी बड़ी आँखें और हल्की सी मुस्कान लिए छोटे छोटे फ़ौरन ही चूसने लायक होंठ… जब ये होंठ लौड़े को दबाएंगे तो कितना मज़ा आएगा। यह बात मन में आते ही लंड मचल उठा।

उसने पटियाला स्टाइल भड़कीले प्रिंट वाली सलवार और गहरे नीले रंग की शमीज़ पहनी हुई थी। पैरों में जूतियाँ जिनमें उसके गोरे पैरों का ऊपरी भाग दिख रहा था। पांव नहीं दिख रहे थे मगर आशा थी कि ऐसे सुन्दर हाथों वाली लड़की के पैर भी सुन्दर होंगे।

निखिल एक लंबा तगड़ा नवयुवक था, अच्छा स्मार्ट और हैंडसम!
नेहा कौर भी मुझे भली भांति देखते हुए बोली- हाय मिस्टर साहबजी… कैसे हैं आप… आप तो एक प्रोफेसर लगते हैं।
बहनचोद कौर की सेक्सी मीठी आवाज़ सुन कर लगा जैसे कहीं घंटियाँ बज रही हों। लंड तो अकड़ा हुआ था ही, अब फ़ुनफ़ुनाने भी लगा।

तभी निखिल ने कहा- नमस्ते सर जी!
मैंने भी कहा- नमस्ते  निखिल!
और दोनों को आराम कुर्सियों पर बैठ जाने का इशारा किया।

दोनों बैठ गए तो मैंने निखिल से कहा- सुन राज…अब जो तेरी माशूका की नथ खोली जाएगी, उस नज़ारे को तू यहीं चुपचाप बैठे देखते रहना… न कुछ बोलना है और न कुछ करना है… मेरी कौर को तो छूना भी मत… आ गई बात समझ में?
निखिल ने उत्तर दिया- हाँ हाँ सर जी… ऐसा ही होगा… वैसे भी आपकी कौर मुझे छूने कहाँ देती है… अभी तक तो मैंने इसको किस भी नहीं किया… बोलती है जब मैं एक बार साहबजी जी से चुद जाऊँ उसके बाद मैं तेरी… अब तक मैंने इसके सिर्फ पैर चाटे हैं और इसकी सु सु पीने के लिए बुर के नज़दीक मुंह लगाया है… बुर से भी नहीं सिर्फ बुर के पास… बस!

मैंने निखिल को डांटा- सुन बहन के लंड राज… सु सु सिर्फ लड़के करते हैं मादरचोद… लड़कियाँ सु सु नहीं करतीं बल्कि अमृत धारा निकालती हैं… इस धारा को स्वर्ण अमृत या स्वर्ण रस कहा जाता है कमीने… संक्षिप्त में सिर्फ अमृत भी कह सकते हैं… तू किस्मत वाला है बुरिये कि नेहा कौर तुझको अमृत पीने देती है।

निखिल ने फ़ौरन कान पकड़ के कहा- सर जी, भूल हो गई, माफ़ कर दीजिये।
नेहा कौर बोली- और जो तेरी पचासों बार मुट्ठ मारी है उसका भी तो बोल हरामी?
निखिल ने सर हिला हिला कर यह बात मान ली।

मैंने नेहा कौर की ओर बड़े प्यार से देखते हुए कहा- कौर बहुत अकलमंद है कमीने.. चिंता न कर… सबर का फल मीठा होता है… अब तू आराम से बैठ और देख तमाशा…. ज़्यादा ठरक चढ़ जाए तो मुट्ठ मार लियो हरामी के पिल्ले!

इतना कह के मैंने लपक कर नेहा कौर को गोद में उठा लिया और उसको बाँहों में कस के लिपटा लिया। आलिंगन में लिए मैं बिस्तर पर आ गया और कौर को लिटा दिया।
जैसे ही मैं बिस्तर पर चढ़ने को हुआ तो कौर ने खनखनाती हुई शहद सी आवाज़ में कहा- मिस्टर साहबजी… एक बात मानोगे मेरी?

मैं- अरे मेरी जान, एक क्यों एक हज़ार बातें मानूँगा… बोल न क्या कहना चाहती है मादरचोद कुतिया?
कौर- कुछ खास नहीं मैं यह चाहती थी कि आज का खेल मेरे इशारों पर चले… जैसे जैसे मैं डायरेक्शन दूँ, आप वैसा वैसा ही करिये… मंज़ूर मिस्टर साहबजी!

मैंने गर्दन हिला कर हामी भरी और पूछा- और कुछ बदज़ात रण्डी?
नेहा कौर ने इठलाते हुए कहा- दूसरा यह कि आपको चैट पर फोन पर तो खूब गालियाँ दे देती थी मगर फेस टू फेस गाली देने में शर्म आ रही है… थोड़ी गर्म हो जाऊँगी तो शायद शर्म भी खुल जाए मिस्टर साहबजी!

मैंने कहा- ठीक है, मैं ये बात समझता हूँ लेकिन मेरी एक शर्त यह है कि तू मुझे मिस्टर साहबजी बोलना बन्द कर और या तो राजे बोल या बुर निवास या सिर्फ साहबजी!
इस पर कौर ने कहा- मैं तो साहबजी ही कहूँगी बहनचोद!

‘हा हा हा हा हा! बड़ी जल्दी कुतिया की शर्म निकल गई। देने लगी न हरामज़ादी गाली!’
मैंने कहा- आगे क्या हुक्म है मेरी कौर का… कैसे आगे बढ़ना है बताइये कौर जी?

नेहा कौर ने इतराते हुए, बड़े कामुक अंदाज़ में बल खाते हुए धीमे स्वर में कहा- पहले तो राजा मुझे कस के बाँहों में जकड़ ले, जैसे अभी बिस्तर पर लिटाने से पहले जकड़ा था। बहुत आनन्द आया जब तुम्हारी जफ्फी में हड्डियाँ कड़कड़ा गईं… साँसें उखाड़ दो मिस्टर साहबजी… मुझे बाँहों में लिए लिए मेरे होंठों का रस चूसते रहो राजा…

मैंने कौर को बिस्तर से उठाकर फिर से बाहुपाश में बांध लिया और जैसा कौर चाह रही थी, अपने होंठ उसके गुलाब की पंखड़ियों समान लबों से सटा दिए, और लगा उनको हुमक हुमक के चूसने!कौर के मुंह का जूस मेरे मुंह में आ रहा था और मेरा उसके मुंह में, कौर के मुंह का स्वाद और गंध बेहद नशीले थे।
यारो, मस्त हो गया मैं!
लड़कियों के मुखरस और मुखसुगंध कुछ अलग ही होती है, आदमी का लंड तन्ना उठता है… हम्म्म्म… हम्म्म्म… बहनचोद हम्म्म्म.

मैंने उसे इतना ज़ोर से लिपटा रखा था कि बुरी तरह से अकड़ा हुआ लौड़ा उसके पेट में गड़ा जा रहा था और उसके चूचे मेरी छाती में चुभ रहे थे। आप यह हिंदी सेक्स स्टोरी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मस्ती में चूर हो गए थे हम दोनों!

उसका मुंह गर्म था और उसमें लार बहे जा रही थी, मेरा मुंह भी पनिया गया था, मेरे हाथ उसके नितंबों तक पहुँच चुके थे और मजा ले लेकर उनको सहलाते हुए दबा रहे थे जबकि कौर मेरा लंड पकड़ना चाहती थी लेकिन असफल थी क्यूंकि लंड तो उसके नर्म पेट में गड़ा हुआ था।
कौर ने अपने एक पैर मेरी टांगों से लिपटा लिया था और मेरे बाल पकड़े हुए वो मुझको अपने मादक होंठों का रसपान करवा रही थी।

काफी देर तक एक दूसरे के लबों का जूस चूसने के बाद कौर ने मुंह अलग किया और बोली- पहले तो अपने लौड़े के दर्शन करवा… सबसे पहले आंखें हरी कर लूँ फिर आगे बढ़ूँगी साले साहबजी!

मैंने कहा- पैंट खोल के खुद ही निकाल के दर्शन कर ले हराम की ज़नी… ये लंड मुसंड भी तो पैंट की क़ैद से आज़ाद होने को बेचैन हो रहा है।

कौर ने लपक के मेरी पैंट की बेल्ट खोल दी और पैंट नीचे गिरा दी, उसके बाद कौर ने मेरी टी शर्ट भी उतार डाली, मेरी नंगी बाँहों को चूमते हुए कौर ने बनियान उतार के दूर कहीं फेंक दी। फिर कौर ने मेरे पेट की चुम्मियाँ लीं, मेरी निप्पल्स पर जीभ फिराई और नाभि चाटते हुए उसने मेरा बॉक्सर शॉर्ट भी नीचे खिसका दिया।

अब मैं एकदम मादरजात नंगा खड़ा था, लंड एक गुस्साए हुए नाग की भांति फुन्ना रहा था, साला बार बार तुनक तुनक के उछाल मार रहा था।कौर ने जैसे ही लौड़े को अपने मुलायम हाथों में थामा तो उम्म्ह… अहह… हय… याह… हवस की तेज़ धारा मेरे बदन में दौड़ी।

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चोकलेट डे के दिन पहली चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/chocolate-day-ke-din-pahali-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/chocolate-day-ke-din-pahali-chudai.html#respond Tue, 13 Feb 2018 08:02:06 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11944 चोकलेट डे के दिन पहली चुदाई, जब वो उस दिन मुझसे मिली मैंने तो पूरी तयारी कर राखी थी उसे चोदने की धीरे धीरे जब बात बनी तो पटा चला साली पहले से चुदी हुई है फिर भी कोई बात नहीं चुत तो चुत है साली रंडी के मुह में अपना लौड़ा चोद चोद के झडा बहुत मजा आया ऐसी चुदाई से

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हैलो दोस्तों प्यार वाला महिना चल रहा है उम्मीद है की इस कहानी को पढ़ने वाले में या तो कइयो को अपना प्यार मिल चूका होगा या फिर आप 14 का इन्तजार कर रहे है अपने मन की बात बताने के लिए और कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें अब तक कोई ऐसा मिला नहीं इसलिए अपने लटके हुए लंड को लेकर यह वह घूम रहे है की कोई तो मिल जाये. बुरा न मानिये दोस्तों चलिए अब कहानी पर आते है मेरे दोस्तों मैं आज अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ जो की रीसेंट है | तो मेरी फ्रेश कहानी पर चलने से पहले थोडा मैं अपने और अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में और अपने बारे में बता दूँ | मेरा नाम अश्विन है उम्र 24 साल कद 5 फुट 7 इंच गोरी शकल चौड़ी छाती और मोटा लंड | मेरी गर्लफ्रेंड गौरी उम्र 24 साल कद लगभग 5 फुट 2 इंच गोल चेहरा दूध ठीक हैं पतली कमर और मस्त गांड | वैसे गौरी की आँखें बहुत प्यारी है भूरे रंग की नशीली आँखें हाय मर जावां | तो अब बढ़ते है मेरी हवस भरी चुदाई की कहानी की तरफ |

अब मैं आपको ये बता के बोर नहीं करूँगा की मैंने उसको पटाया | बात शुरू करते है जब वैलेंटाइन वीक शरू हुआ था और हमारी चुदाई का सिलसिला भी | तो बात चालू होती है सुबह 6 बजे से जब उसका फ़ोन आया और मैं अपने रूम में बिस्तर पर मस्त सो रहा था | मैंने फ़ोन उठाया और दिमाग तो ख़राब हो ही रहा था लेकिन कहना पड़ता है हाय बेबी बस तुम्हारे बारे में सोच रहा था और तुम्हारा फ़ोन आ गया | उसने कहा अच्छा बाबु आज न हम घूमने जा रहे है और जगह तुम बताओ | मैंने सोचा बहुत दिन हो गए है और मैं बस घूम ही रहा हूँ हाँथ पकड़ के और कुछ पकड़ने ही नहीं मिला तो मैंने कहा चलो पार्क चलते है और थोड़ी देर बाद हम लगभग 11 बजे पार्क चले गए |

जिस पार्क में हम गए वो हमारे यहाँ का सबसे बड़ा पार्क है और ज्यादातर खाली रहता है लेकिन जब मैं गया तो बहनचोद बहुत भीड़ थी लेकिन मैंने जगह और मौका मार ही लिया और उसको एक कोने में लेकर गया और हम हाँथ में हाँथ डाल के बैठे थे | मैंने आसपास देखा कोई नहीं था तो मैंने उससे कहा बेबी तुम मुझसे प्यार करती हो तो मुझे किस करो | वो शरमाने लगी और मैंने एक बात सीखी है अगर किसी बात को सुनकर लड़की शरमाए तो इसका मतलब ज्यादातर हाँ ही होता है | तो मैंने उसको किस किया और उतने ही मेरा लंड खड़ा हो गया |

मुझे तो बहुत खुजली मची थी लौड़े में तो मैंने अपनी पैंट खोली और लौड़ा बाहर निकला और उससे कहा हिलाओ ना | वो मना करने लगी तो मैंने उससे थोड़ी बिनती की और वो मान गई और मेरा लंड पकड़ के हिलाने लगी | मैं भी पीछे हो के आराम से बैठ गया और मज़े लेने लगा थोड़ी देर तक उसने मेरा हिलाया और फिर मेरा निकलने को हुआ तो मैंने खड़े होकर उसके ऊपर हिलाना शुरू किया तो उसने कहा नहीं मेरे ऊपर नहीं तो मैंने वहीँ किनारे माल गिरा दिया | फिर हम घर जाने लगे तो मैंने कहा अच्छा कल कब मिलोगी ? तो उसने कहा क्यूँ क्या करना है ?

तो मैंने कहा कल चॉकलेट डे है तुम्हें चॉकलेट देना है | तो उसने कहा अच्छा तुम बताओ कल कहाँ आना है ? तो मैंने कहा अच्छा कल मेरे रूम आ जाना कल कहीं घूमने नहीं जायेंगे | तो उसने मुझे घूर कर देखा और फिर हसकर कहा ठीक है आ जाउंगी | वो भी समझ गई थी कि कल उसकी खुलने वाली है लेकिन उसने मना नहीं किया तो इसका मतलब था वो भी खुलवाना चाहती थी और मैं तो हूँ ही ठरकी |

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अब मैं अगले दिन की चुदाई की तैयारी में मैंने पूरी रिसर्च कर रखी थी कि क्या क्या खाना चाहिए और कौन कौन सी पोजीशन में करना चाहिए जिससे ज्यादा मज़ा आये क्यूंकि ये मेरा पहली बार था | मैंने चुदाई के स्वामी कामसूत्र के ब्लॉग और उसके विडियो भी देखे जिसमें अच्छी चुदाई के नुस्खे दिए थे | मतलब पूरी तैयारी थी और मैंने रूम को दिनभर ठीक से सजाया और साफ़ किया और शाम को वो आई और उसने अन्दर घुसते ही उसने कहा वाह यार तुम्हारा रूम तो बहुत अच्छे से सजा है | मैंने भी मन में सोचा हाँ भोसड़ी वाली सजाने में गांड मर गई है |

मैंने उसको बैठाया और कहा पहले खाना खाना है या सरप्राइज | साली भुक्खड़ ने कहा पहले खाना खा लेते बाकी सब के लिए तो बहुत टाइम है खैर उसकी बात भी सही तो तो हम दोनों ने खाना खाया और आराम से बिस्तर पर बैठकर टी.वी. देखने लगे | टी.वी. पर कुछ ख़ास आ नहीं रहा था तो उसने कहा यार टी.वी. बंद कर दो कुछ अच्छा आ ही नहीं रहा है और मैं तो यही चाहता था | बस फिर बातें शुरू हुई और होते होते बात पहुंची सैक्स पर | तो मैंने पूछा अच्छा सच सच बताना तुमने पहले कभी किया है तो उसने कहा अच्छा मैं सच बताउंगी तो बुरा तो नहीं मानोगे तो मैंने कहा नहीं | तो उसने कहा हाँ लेकिन सिर्फ एक ही बार तो मैंने कहा फिर से मन है तो उसने कुछ नहीं कहा और फिर से शरमाने लगी और मैं भी तो इसी इशारे का इंतज़ार कर रहा था | तो मैंने कहा अच्छा आज चॉकलेट डे है तो तुम्हें चॉकलेट देना तो बनता है तो मैंने पैंट उतारी और अपना लौड़ा उसके आगे कर दिया |

मैंने पहले से ही लौड़े पर चॉकलेट कंडोम चढ़ा रखा था मैंने अपना लंड सामने करके कहा बेबी ये रही तुम्हारी चॉकलेट ले लो | उसने भी बिना देर किये मेरा लंड पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी | मैंने सोचा था कि बहुत गुज़ारिश करनी पड़ेगी बहुत मनाना पड़ेगा तब कहीं जाके कुछ हो पायेगा लेकिन ये तो देख के ही शुरू हो गई | चलो जो भी है इसमें फायदा तो मेरा भी है | वो बड़े शौक से मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं मज़े ले रहा था | थोड़ी देर में मेरा निकल पड़ा और मैं सिर्फ एक ही कंडोम लाया था | अब मुझे क्या पता ? मैंने सोचा इसको धोके फिर से इस्तेमाल कर लूँगा लेकिन ऐसा होता नहीं है ये मुझे बाद में पता चला | मैंने सोचा बिना कंडोम के खतरा है लेकिन मौका अभी है बाद में मिले न मिले तो मैंने बिना कंडोम चुदाई के करने का फैसला लिया |

अब मेरा माल तो निकल चुका था और मैंने कंडोम डस्टबिन में भी फेंक दिया और वो मेरी तरफ बड़ी आस भरी निगाहों से देख रही थी | तो कारवाँ आगे बढ़ाते हुए उसके कपडे उतारना शुरू किया | अब मैंने उसके पूरे कपडे उतार दिए और जैसा जैसा ब्लू फिल्म में देखा था वैसा वैसा करने लगा | मैंने उसके दूध दबाये और उसकी चूत घिसने लगा | चूत बहुत गरम थी और गीली थी और दूध बहुत सॉफ्ट बड़ा मज़ा आ रहा था | फिर मैंने उसको किस किया और उसके दूध चूसने में लग गया | मैं निप्पल चूस रहा था और खींच भी रहा था और वो हलकी हलकी आवाज़ में आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह कर रही थी जो मेरा हौसला और बढ़ा रही थी |

अब मैंने सोचा चलो चूत चाटी जाये तो मैं नीचे गया और उसकी चूत से नज़रें मिलाने लगा | चूत देखकर मेरा मन तो नहीं हो रहा था चाटने का लेकिन फिर मैं टूट पड़ा और चूत चाटने लगा | चूत चाट ही रहा था तभी उसने मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत में दबा दिया | चलो ठीक है दबा दिया तुमने लेकिन मेरी नाक भी दब गई मैं ठीक से साँस नहीं ले पा रहा था | अगर मैं मर जाता तो पेपर में न्यूज़ क्या आती गर्लफ्रेंड की चूत में घुस कर मरा प्रेमी | जैसे तैसे मैं बचा और अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और गुफा में जाने को तैयार था |

मैंने अपना लंड चूत पर रखा और अन्दर करने लगा तो उसने कहा वहां नहीं और उसने मेरा लंड पकड़ा और अन्दर किया | मुझे लगा बहनचोद थू है मेरे पे लड़की मुझे चोदना सिखा रही है | फिर मैंने उसे चोदना शुरू किया और वो आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आअह्ह्ह्ह आआआआह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उम्मम्मम्म उम्म्म्मम्म्म्म अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी | चोदते चोदते मैं उसके ऊपर लेट गया और झटके मारते हुए चोदने लगा और किस भी |

फिर मैंने उससे कहा क्या तुम मेरे ऊपर उचकना चाहोगी ? और लेट गया | तो वो मेरे ऊपर बैठी और लंड अन्दर करके उचकने लगी और आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हा ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआ आआआआआ अह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी | थोड़ी देर में मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने जल्दी से लंड बाहर निकाला और मुझे याद नहीं मुट्ठ गिरा कहाँ ? शायद उसके ऊपर ही गया होगा क्यूंकि मेरी आँखें बंद थी और गोलियां लौड़े से चल रही थी | बस फिर क्या था हम दोनों लिपट के लेट गए और किस करते रहे |

अब तो वैलेंटाइन डे के दिन भी उसका चुदाने का इरादा और मेरा चोदने का इरादा है साला इस बार तो रंडी की खाली गांड चोदुंगा वाइल्ड सेक्स करूँगा अगर आप लोगो को वो कहानी भी सुनानी है तो जरुर मेरी इस कहानी को पहले प्रोत्साहन दीजिये ताकि मै अपनी एक और कहानी आप सभी तक भेज सकू.

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तिची सेक्सी गांड माझ्या लंडा वर | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/marathi-sex-kahani/tichi-sexy-gaand-majhya-landavar.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/marathi-sex-kahani/tichi-sexy-gaand-majhya-landavar.html#respond Mon, 08 Jan 2018 16:08:44 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10918 तिची सेक्सी गांड माझ्या लंडा वर, तुमि हा गोष्ट माझी लंडची आणि माझी गर्लफ्रेंडची शानदार पुच्ची ची हिस्ट्री वाचत आहे ही कहानी वाचून तुमि खुपच मुठ मारणार हा माझा गरांटी आहे

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हेलो मित्रानो मी नेपाल तुन आहे अन माझे नाव भावेश आहे.माझे वय २५ वर्षे आहे आणि मी रोज सेक्सी गोष्टी वाचत असतो. आज मी तुमच्या बरोबर माझा एक रियल सेक्स हेमाभव शेयर करणार आहे. हि माझी आणि माझी मावशीची बहिण हेमा चा सेक्स हेमाभव आहे, जी माझी पहिली ठोकाठोकी होती. आणि माझ्या कडून चूक झाली तर माफ करा.

हेमा चे वय त्या वेळी १९ वर्षे होते आणि माझे वय तेव्हा २० वर्षे होते, ती माझ्या पेक्षा एक वर्ष मोठी आहे आणि तिला पाहून माझा लंड तिला ठोकायला पाहत होता. हि गोष्ट त्या वेळची आहे जेव्हा हेमा दि चे मोठे भाऊ त्यांच्या लग्नाची खरेदी करायला जम्मू मध्ये आले होते.
दीदी, मावशी आणि पिंकू भाई तिघे आले होते. मी रोज च्या सारखा कोलेज ला गेलो होतो आणि सर्व लोक घरी आले होते आणि मग माझी आई, मावशी आणि पिंकू खरेदी करायला निघून गेले होते आणि हेमा घरी थांबली होती.
मी दुपारी एक वाजता घरी पोचलो तर दरवाजा उघडा होता आणि मी आत मध्ये गेलो आणि आई ला हाक मारली तर हेमा समोर आली आणि म्हणाली के ते लोक खरेदी करायला बाहेर गेले आहेत आणि उशिरा येतील. मग मी तर हे ऐकून मनातल्या मनात खूप खुश झालो होतो.
मग मी जेवण केले आणि मी कम्प्युटर वर बसलो होतो आणि तेव्हा मी एक विडीयो चेट करत होतो आणि त्यामध्ये एका मुली ने फक्त ब्रा घातली होती, ती फिलिपिन ची होती. मला काही माहिती नव्हते कि हेमा माझ्या पाठी मागून सर्व काही पाहत आहे, मग जेव्हा त्या मुलीने तिची ब्रा काढली तेव्हा हेमा च्या तोंडून निघाले कि आह्ह हे काय पाहत आहेस तू?
मी पटकन पीसी बंद करून टाकला होता आणि माझा लंड एकदम ताठला होता, मग मी तिला म्हणालो कि प्लीज कोणाला सांगू नकोस हे नाही तर माझी फार वाट लागेल. मग तिने माझ्या उभ्या लंड कडे पहिले आणि म्हणाली.

ती : खूप आग लागली आहे तुझ्या मध्ये, जवान झाला आहेस तू..
मी : सॉरी प्लीज कोणाला पण सांगू नकोस.
ती : तुझी कोणी गर्ल फ्रेंड आहे का?
मी : नाही आहे.
ती : मग तर तू करतोस ते बरोबर आहे. पण यामध्ये काय मजा येते तुला? तू कधी पूर्ण पाहिले आहेस का?
मी : नाही फक्त बुब्स पर्यंत पहिले आहे.
ती : बघणार आहेस का?
मी : कोणाला आणि कसे?
ती : मी आहे ना. पण हि गोष्ट तुझ्या आणि माझ्या मध्ये राहिली पाहिजे.
मी तिला हो म्हणालो आणि माझे डोके हलवले. मग ती म्हणाली कि तू जा आणि सर्व दरवाजे आणि खिडक्या बंद करून ये. मी मग गेलो आणि परत आलो तर पहिले कि ती माझ्या बेड वर पडली होती.

मग मी जवळ जाऊन तिचे ओठ चोकू लागलो. ती आधी माझ्या कडून पळून जाण्याचा प्रयत्न करू लागली होती, पण नंतर ती मला साथ देऊ लागली होती. आता ती माझी जीभ चोकत होती आणि आम्ही आमचे थुक एक मेकला देऊ लागलो होतो. मग मी अचानक तिच्या ड्रेस मध्ये माझा हात टाकून तिचे बोल दाबू लागलो होतो ती आता आह्ह ओह्ह हा ओह करू लागली होती.
आम्ही एकमेकाच्या बाहु पाशात अडकलो आणि आम्ही किसांचा पाऊस सुरु केला. मग आम्ही वेगळे झालो आणि ती माझ्या समोर एक जाळीदार मेक्सी घालून आली तिच्या आत तिची गुलाबी ब्रा आणि काळ्या रंगाची पेंटी सरळ सरळ दिसत होती.

तिने एकदम मादक नजरेने मला तिच्या कडे बोलवले आणि मी एका गुलाम सारखा तिच्या जवळ गेलो. मग मी तिला एक मुलायम कीस केली आणि तिचे तोंड दुसऱ्या बाजूला केले आणि तिचे केस थोडे बाजूला केले आणि मग तिच्या मानेवर माझी जीभ फिरवली आणि ती पटकन मला चिकटली.
मी तिला कीस करायला सुरुवात केली, मानेवर मग कानावर आणि मग गालावर आणि खाली तिची सेक्सी गांड माझ्या लंडा वर दबाव देत होती. मग मी कीस करत करत माझा हात तिच्या बॉल पर्यंत घेऊन गेलो आणि त्याना कुस्करु लागलो आणि ती वेडी होऊ लागली होती आणि आता माझा लवडा तिच्या गांडीच्या मधोमध सेट झाला होता.
मी तिला बेड वर झोपवले, ती एका तहानलेल्या नागिनी सारखी मला पाहत होती आणि मी जसा तिच्या जवळ गेलो तसे तिने मला तिच्या वर ओढले आणि ती मला वेड्या सारखी किस करू लागली आणि मी पण तिला पूर्ण साथ दिली आणि तिची मेक्सी खाली सरकवली.

मग तिने मन माझ्या शर्टाचे बटन तोडून टाकले आणि काढून टाकला आणि माझ्या छाती वर कीस करू लागली आणि माझे पेंट पण उघडून टाकली. मग तिने माझा लंड हातात घेतला आणि खाली बसली आणि मला बेडवर बसवले मग ती माझा लंड चोकू लागली, ती म्हणत होती कि मी कधी पासून अशी संधी पाहत होते आज तू मला सापडला आहेस आज तू माझी पुच्ची फाडून द्यायची आहे.
मग ती लंड जोराने चोकू लागली आणि मग ५ मिनिटांनी माझे वीर्य निघाले आणि मी सर्व वीर्य तिच्या तोंडात सोडले. ती माझ्या समोर एकदम नागडी होती, काय मस्त फिगर होते तिचे, आणि तिची पुच्ची तर काय सांगू? मी तिच्या वर तुटून पडलो आणि वेड्या सारखा तिच्या पुच्चीला चाटू लागलो आणि माझ्या दोन्ही हातांनी तिचे बॉल पण दाबू लागलो. तर ती सरळ सातव्या आकाशात पोचली आणि खूप सेक्सी आवाज काढू लागली उछ्ह उम्म्म्म येस्स्स उस्स्स ओह्छ्ह्ह जआनु आज मला चोक अजून चोक दाब अजून दाबून काढून टाक रस त्याचा.

मी तिची खूप वेळपर्यंत माझ्या जिभेने जवाजवी केली मग मी तिच्या पुच्ची च्या दाण्याला जिभेने चाटू लागलो आणि ती माझे डोके पकडून पुच्ची वर दाबू लागली, जणू पहिल्यांदा कोणी तिची पुच्ची चाटत होते. ती ओरडत होती ओह्छ्ह्ह उम्म्म्मम येस्स्स्सस आणि मी पूर्ण जोशाने तिची पुच्ची चाटत होतो. तिने अचानक माझे डोके जोरात दाबले आणि सर्व रस सोडला आणि मी तो पिऊन गेलो.
मग मी माझे बोट तिच्या पुच्चीत घातले आणि आत बाहेर करू लागलो आणि ती जोरात ओरडू लागली अआछ्छ्ह उम्म्म ओह्छ्छह्ह येस्स्स बेबीईई डार्लिंग तू मस्त  आहेस मग तिने परत एकदा पाणी सोडले.
मग तिने माझा लंड पकडला आणि पुच्ची जवळ नेला आणि मला आत टाकायला सांगितले. माझा लंड पटकन तिच्या पुच्चीत घुसवला, माझ्या एका झटक्यात माझा लंड अर्धा आत घुसला. ती दुखल्याने एकदम ओरडली आआईईई मेले मीईईइ जरा हळू टाक ना. माझे एकदम पहिल्या वेळी आहे मला खूप दुखते आहे.. जरा मला हळू हळू ठोक, मी कोठे पण पळून जाणार नाही आहे. मी मरून जाईन. प्लीज हळू कर. मग मी तिचे ओठ माझ्या ओठांनी बंद करून टाकले आणि मग मी तिचे बोल घासू लागलो होतो. आता तिच्या डोळ्यातून अश्रू येऊ लागले होते. मग ती काही वेळाने नॉर्मल झाली आणि मला साथ देऊ लागली होती.
आता ती बडबड करीत होती ठोक मला ठोक, उफ्फ्फ सॉरी माझ्या राजा, माझे मालक, फाडून टाक तुझ्या बहिणीची पुच्ची आज, खाऊन टाक माझे बोल आज तू. आणि मग मी पण तिला जोर जोराने ठोकू लागलो आणि आम्ही एकत्र पाणी काढून टाकले होते. मग मी पहिले तर तिची पूर्ण बेडशीट रक्त आणि आमच्या वीर्याने भरून गेली होती. मग आम्ही एकदम नागडे झोपलो होतो, मग आम्ही एकत्र अंघोळ केली आणि तिने माझा लंड चोकला, मग आम्ही नॉर्मल होऊन टीवी पाहू लागलो होतो.
आता ती जेव्हा जवळून जात होती तेव्हा ती माझ्या लंड ला स्पर्श करत होती आणि मी पण तिच्या पुच्ची ला हात लावून देत होतो.
मग मी तिला अनेक वेळा ठोकले आहे आणि तिला खूप मजा करून दिली आहे.

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जाटनी गर्लफ्रेंड की चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/jatani-girlfriend-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/jatani-girlfriend-ki-chudai.html#respond Wed, 03 Jan 2018 07:35:27 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11559 मेरा मॉल निकलने ही वाला था मैंने उसका हाथ हटा दिया । तब मैंने उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया और एक ऊँगली उसकी चूत में देदी । उसको मजा आने लगा और उसने मेरा हाथ वहाँ से हटा दिया और कहने लगी कि मेरी सलवार खराब हो जायेगी क्योंकि उसने नीचे पैंटी नही पहनी थी ।

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हेलो दोस्तों मै R J जाट राजस्थान से । मेरी उम्र 27 साल है और मेरे लंड का साइज 9 अंगुल है । मै राज पुलिस में हु । अपनी एक सच्ची घटना आपको बता रहा हु । बात उस समय की है जब मैं 8th में पढ़ता था और एक बार अपने बड़े भाई के ससुराल गया । वहा पर मेरी भाभी की बहन की लड़की भी आई थी । उसका नाम रेखा था । वो भी 8th में पढ़ती थी । वो बार बार मेरे पास किसी बहाने से आ ही जाती । मुझे वो अच्छी लगने लगी ।

बहुत सुन्दर थी । गोल आँखे,गोल चेहरा,छोटी -2 चूचिया । घातक फिल्म में जिस हेरोइन ने आइटम सॉन्ग किया था बिलकुल उसकी कॉपी लग रही थी । मेरे भाई ने मजाक में अपने साले से कहा कि मेरी शादी इस लड़की से करवा दो । मै अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था । ऐसे जोरदार माल से मेरी शादी हो जाये तो मजा आ जायेगा ।

तभी मेरे भाई के साले ने कहा अभी ये बच्चे है बड़े होने पर इनकी शादी करवा देंगे । उसके बाद हम दोनों भाई अपने गांव आ गए,समय गुज़रता गया । मैंने 12th के बाद MCA में Delhi एड्मिसन ले लिया ।

MCA का 3rd सेमेस्टर में मेरी शादी फिक्स करदी । मै बहुत निराश हुआ,मै उस लड़की से शादी करना चाहता था । मै बहुत रोया,की मै पढ़ाई पूरी करने से पहले शादी नही करूँगा, लेकिन मेरे पिताजी अपनी जुबान दे चुके और मुझे मेरे बाप की चौधर के आगे झुकना पड़ा और मेरी शादी फिक्स हो गई । बे मन से मैने शादी की,क्योंकि मेरी शादी में वो लड़की आई थी । वो बार बार मुझसे कहती की तू तो मेरे से शादीकरने वाला था ।

क्या हुआ तेरे वादे का । मै मन ही मन बहुत रोया उसके लिए । एक दिन अकेले में उसने मुझे रोते हुए देखकर कहा कि अब कोई फायदा नही तुम मुझे भूल जाओ । तब मैंने उसे कहा कि जिंदगी में पहली और आखरी बार सिर्फ तुम्हे चाहा है । उस छोटी सी उम्र में मुझे उससे इतना लगाव हो गया था कि पूछो मत । दिन बीतते गये शादी का दिन पास अस गया ।

शादी से पहले दिन मेहँदी की रश्म होती है उसने मेरे को मेहँदी लगाई । मेरी हथेली पे अपना नाम भी लिख दिया । रिस्तेदार ज्यादा होने की वजह से मै मेरी बहनों के पास आँगन के बाहर खुली जगह में सोया । वहा पर 4 बेंच थे उन पर एक पर मै और मेरी छोटी भांजी,एक पर रेखा और उसके मामा की लड़की और उनके बगल में मेरी बहने सोई ।

मै बाहर की तरफ था मेरे और रेखा के बीच मेरी भांजी और रेखा के मामा की लड़की सोई । मुझे नींद नही आ रही थी । रात के 2 बजने वाले थे । मैंने गोर से देखा तो वो भी नही सोई थी । मैंने अपना एक हाथ उसकी तरफ किया । उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ लगाया तो मैने थोड़ा उठकर देखा सभी लोग सो रहे थे ।

मैंने अपनी भांजी को दूसरी तरफ सुला दिया और उसे भी मेरे नजदीक होने को बोला । उसने भी अपने मामा की लड़की को दूसरी तरफ कर दिया । मै उसके बालों में हाथ घुमाने लगा और फिर मैंने उसके कुर्ते के अंदर हाथ डालकर उसकी चूची दबाने लगा ।

उसे मस्ती चढ़ने लगी । उसके ममे एक दम टाइट हो गए । मेरा ये सब पहली बार था क्योंकि मैंने आज तक किसी लड़की के बदन को नही छुआ था । उसके बूब्स एकदम फूल टाइट । मुझे मजा आ रहा था । आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | उसने मेरे पजामे में हाथ डालकर मेरा लण्ड पकड़ लिया ।

और आगे पीछे करने लगी । मेरा मॉल निकलने ही वाला था मैंने उसका हाथ हटा दिया । तब मैंने उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया और एक ऊँगली उसकी चूत में देदी । उसको मजा आने लगा और उसने मेरा हाथ वहाँ से हटा दिया और कहने लगी कि मेरी सलवार खराब हो जायेगी क्योंकि उसने नीचे पैंटी नही पहनी थी । फिर मैंने उसको कहा कि टॉयलेट में चलते है तो उसने कहा कोई देख लेगा तो पंगा हो जायेगा ।

इतने में सुबह के 3 बज गए और मेरे ताऊ का लड़का आ गया । उसने सबको उठा दिया । दिन में मैंने उसको बोल दिया कि तुमसे अकेले में मिलना चाहता हु । तो उसने कहा यहाँ पर सम्भव नही है तो मैने उसको मेरे दोस्त के प्लाट में बुलाया ।

वहा पर वो मेरे मामा की लड़की को लेकर आई,उसको बाहर खड़ा कर दिया । मै और वो एक रूम में दोनों चुदाई करने के लिये चले गए । मैंने उसको आते ही चूमना,चाटना शुरू कर दिया । उसको डर लग रहा था कि कोई आ गया तो क्या होगा ।

मेरे मामा की लड़की उसको बार बार बुला रही थी तो मैने उसको बोला की वो चली जाए । रेखा यही रहेगी । फिर मैंने उसकी 2 बार चुदाई की । दोनों बार मैंने अपना माल उसकी चूत में गिराया । वो दर्द से कराह रही थी । वो पहले से ही चूदी हुई थी । मैंने उससे कहा कि तेरी सील तो टूटी हुई है तो वो कहने लगी । तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है ।

मुझे अभी तक दर्द हो रहा है । इसी दिन शाम को मेरी शादी हो गई और वो अगले दिन चली गई । काफी सालो केे बाद पिछले वर्ष मेरी उससे मुलाकात हॉस्पिटल में हुई थी । तब मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नही दिया क्योंकि उसके साथ उसका पति भी था ।

लेकिन वो बार बार मुझसे बात करते टाइम अपनी गाल मेरे होठों के सामने लाती । मुझे एकबार तो लगा की उसको पकड़ के चुम लूं । लेकिन साथ में उसका पति था ,नही म वही पर उसको चोद देता । उसके बाद उससे कभी मिला नही,जिस दिन मुलाकात होगी तो उसकी चूत से मेरा लण्ड भी मिलेगा । इतना तो तय है । कैसी लगी मित्रों ,मेरी पहली सच्ची कहानी ।

कोई गलती हो तो इस जाट भाई को माफ़ कर देना । हाँ मित्रों मै एक बात पूछना चाहता हु की ये जिगोलो कैसे बनते है । मुझे बनना है । मुझे नई नई चूत चाटने का बड़ा शौख है । चूत के साथ कुछ आमदनी भी हो जाये तो ,सोने पे सुहागा ।

जय हिंद !

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गाव की प्रेमिका के साथ खेत में चुदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/gav-ki-premika-ke-sath-khet-me-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/gav-ki-premika-ke-sath-khet-me-chudai.html#respond Wed, 27 Dec 2017 13:44:01 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11502 मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और जल्दी जल्दी मुठ मरने लगा। मुठ मरते हुए मैंने उसके लंड को सुमन के हाथ में पकड़ा दिया और चटाने लगा और साथ में वो मुठ भी मरने लगी। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने लगा।

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम माल्केश है और मैं मानिकपुर छोटे से गावं का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल.. आज मैं आप सभी को अपनी जिन्दगी की पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ। मैंने अपने जिन्दगी की पहली चुदाई अपने गावं की एक लड़की जिससे मैं प्यार करता था उसको चोद कर किया। मैंने काभी सोचा भी नही था की मुझे भी शादी से पहले चूत चोदने को मिलेगा।

कुछ दिन पहले की बात है मैं रोज अपने खेत में काम करने जाया करता था, मेरे खेतो के बगल में एक खेत और था जोकि मेरे बगल वाले गावं के एक आदमी का था। उसकी एक बेटी भी थी जो देखने बहुत अच्छी थी। उसके जैसा मेरे घर के आस पास कोई नही था। उसका नाम सुमन था। जब मैंने पहली बार उसको खेत में देखा तो मैंने सोचा अगर इसकी चूत चोदने को मिल जाये तो मज़ा आ जाये। वो भी रोज अपने खेत में काम करने आती थी और मैं भी अपने खेत में काम करने रोज जाता था जिससे हमारी नज़र रोज मिल जाती थी। एक दिन मैं अपने खेत में काम कर रहा था और वो बगल वाली लड़की मेरे पास आई और मुझसे कहा – “तुम्हारे पास पानी हो तो दे दो मुझे बहुत प्यास लगी और मेरा पानी जमीन पर गिर गया’। मैंने उससे कहा – “इसमें मागने वाली क्या बात है मेरा पानी गिर जाता तो मैं भी यही करता”। तो वो हसने लगी। मैंने उससे कहा – ये पानी रखा हुआ ले लो।
वो पानी उठाने के लिए नीचे को तरफ झुकी तो उसकी चूची दिखने लगी, उसकी गोरी गोरी चूची को देख कर मेरा लंड तो खड़ा हो गया था। उसने पानी पिया और फिर अपने खेत में चली गई।

उस दिन के बाद कभी मैं पानी लेने उसके खेत में चला जाता था और कभी कभी वो मेरे पास में आ जाती थी। एक दिन मैं अपने खेत में आया तो मैंने देखा वो अपने कपडे निकाल रही थी उसने अपने सूट को निकाल दिया था और वो केवल अपनी कुर्ती को पहने हुई थी। और वो अपने आप को झाड रही थी लग रहा था जैसे कोई कीड़ा अंदर चल गया हो। कुछ देर बाद वो दौडती हुई मेरे पास आई मेरी नजर उसके उसके चुचियों पर ही था। उसने मुझसे कहा – “मेरे पीठ में कोई कीड़ा घुस गया और काट रहा है तुम सकते हो मैंने कहा हाँ क्यों नही”। वो अपने मम्मो को अपने हाथो से ढककर पीठ की तरफ हो गई मैंने अपने हाथ को उसके कुर्ती के अंदर डाल दिया और उसकी पीठ बहुत चिकनी थी जिसको छूने से मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने अपने हाथ को अंदर डाल और फिर कीड़े को पकड़ने लगा।

कीड़ा उसकी चुचियों के तरफ जाने लगा और मैं उसके पकड़ने के लिए अपने हाथ को उसके मम्मो की तरफ बढाने लगा। मेरे हाथ के पास उसकी चूची आ गई और मैंने अपने हाथ को उसके चूची में छुआ दिया। कीड़ा उसकी चूची पर चढ़ गया मैंने कीड़े को पकड़ने के लिए जोर से अपने हाथ को दबाया और मैंने कीड़े के साथ में उसके चुचियों को भी पकड लिया, जिससे उसने मेरे हाथ को पकड कर मुझसे कहा ये क्या कर रहे ही तुम मैंने अपने हाथ को बाहर निकाल लिया उसे लगा मैं उसके चूची को दबा रहा था लेकिन जब मैंने अपने हाथ में कीड़े को दिखाया और उससे कहा – “मेरा कोई भी मकसद नही था ऐसा करने का लेकिन मैं माफ़ी चाहता हूँ मेरे गलती के लिए”। वो मेरे बातो से खुश हो गई और उसने मुझसे कहा – “मैं तुमको पसंद करती हूँ क्या तुम भी मुझे चाहते हो मैंने भी कह दिया हाँ लेकिन तुम मुझे क्यों पसंद करती हो मैं तो देखने में भी बहुत सुंदर नही हूँ?? तो उसने कहा मैं तुम्हे पसंद करती हूँ तुम्हारी खूबसूरती को नही।

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उसने मुझसे कहा – क्या तुम मुझे किस कर सकते हो। उसके बातो को सुनकर मैं खुश हो गया और मैंने तुरंत ही उसको अपनी गोदी में उठा कर किस करने लगा। मैंने उसके होठो को चुमते हुए उसके होठो को पीने लगा और और वो भी मेरे होठो को पिने लगी। मेरा लंड बिलकुल खड़ा था मेरा मन उसकी चुदाई करने को कर रहा था लेकीन पहली बार किस के बाद कोई भी तुरंत चुदाई नहीं करवाता है। उस दिन वो वहां से चली गई और मुझे उस दिन मुठ मर कर काम चलाना पड़ा। आप ये कहानी मस्तराम.नेट पर पढ़ रहे है.

उस दिन के बाद जब वो खेत में काम करने आती थी तो काम करने के बाद मैं रोज मैं उसके होठ पीता था और साथ में उसके मम्मो को भी खूब दबाता था। जब वो चली जाती थी तो मुझे आपने आप को शांत करने के लिए मुठ मरना पडता था। कुछ दिनों तक यही खेल चलता रहा। एक दिन मैं उसके होठ पी रहा था और अपने हाथ को उसके चुचियों को दबाते हुए धीरे धीरे उसके चूत के पास ले गया और पाने हाथ को उसके सलवार के अंदर डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा और मैंने उससे कहा मेरा मन चुदाई करने को कह रहा है और आज मैं बहुत मूड में हूँ मुझे चूत चाहिए। पहले तो उसने साफ़ साफ मना कर दिया मैंने कहा – ठीक है जाओ मैं तुमसे बात नही करूँगा। मैं चुपचाप खेत में बैठ गया, कुछ देर मैंने उससे कुछ नही कहा तो फिर उसने खुद ही मुझसे कहा – अच्छा ठीक है लेकिन यहाँ किसी ने देख लिया तो। मैंने उससे कहा – चलो बगल वाले गन्ने में चलते है। मैं उसको लेकर गन्ने के खेत में घुस गया और उसके ओढनी को जमीन पर बीचा दिया और फिर मैंने उसको उसी पर लिटा दिया और मैं भी उसके बगल में लेट कर उसे किस करने लगा। मैंने उसके होठ को पीत हुए उसके गाल को भी काटने लगता था और सुमन तो मेरे तो मेरे होठ के निचले वाले होठ को काटे हुए पी रही थी। 

कुछ देर बाद मैंने उसके होठ से नीचे की तरफ बढ़ने लगा और उसके गर्दन को पीने लगा, जब मैं उसके गर्दन को पी रहा तो वो अपने शरीर को एंठने लगी थी और धीरे धीरे जोश में आने लगी थी। और वो मुझे किस करती हुई अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी मैं समझ गया अब ये मुझसे चुदने के लिए बिलकुल तैयार है। कुछ देर उसके गर्दन को पीने के बाद मैंने अपने हाथो को उसके चुचियो पर लाते हुए अपने मुह को उसके सूट के ऊपर ही दोनों चूची के ऊपर से ही पिने लगा। कुछ देर मैंने वैसे ही उसकी चुचियो को दबाया और फिर मैंने उसके सूट को निकाल दिया और फिर मैंने हाथ से उसकी कुर्ती भी निकाल दी। जिससे उसकी चूचियां दिखने लगे और मैंने अपने अपने हाथो में दोनों मम्मो को ले लिया और फिर दबाने लगा। मैं जोर जोर से उनके मम्मो को मींज रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने मुह से उसके मम्मो को पिने लगा और साथ में उसके मम्मो को दबा भी रहा था। उसके निप्पल से बच्चो की तरह दूध पी रहा था।

मेरे दूध पीने से सुमन को भी मज़ा अ रहा था। कभी कभी मैं कामुक हो कर उसने मम्मो को बेरहमी से काटने लगता था और वो जोर जोर से सीखने लगती थी। मेरा मन उसके मम्मो को छोड़ने को कर ही नही रहा था। लेकिन कुछ देर मैंने उसके मम्मो को पीना बंद कर दिया और फिर मैं उसके कहा – मैंने बहुत से वीडियो में देखा है लड़कियां लंड चूसती रहती है तुम मेरा चूसोगी। तो उसने कहा नही मैं नही चूसूंगी मुझे जरा भी अच्छा नही लगता है। तो मैंने उससे कहा अच्छा मैं तो तुम्हारे चूत को पी सकता हूँ तो उसने कहा – हाँ मैंने उसके सलवार को निकाल दिया और फिर मैंने अपने हाथ को उसके चूत में लगते हुए कुछ देर सहलया और फिर मैंने अपने मुह को उसके चूत के बीच में लगा कर अपने जीभ से चटाने लगा। पहले तो सुमन को मज़ा आ रहा था लेकिन कुछ देर बाद जब मैं अपने होठ को लगा कर उसने चूत को खीचने लगा तो वो मदहोश होने लगी और सिसकने लगी। मैंने उसके चूत को पिटे हुए अपने उंगली को भी उसके चूत में डालने लगा।

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पहले मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत के अंदर धीरे से डाला और कुछ देर के बाद जब मैं अपनी दो उंगलियो को डालने लगा तो उसे काफी मज़ा आ रहा था और थोडा सा दर्द भी हो रहा था। उसे पहले तो मज़ा आ रहा था लेकिन कुछ देर बाद जब मैंने अपने आप से बाहर होने लगा और उसकी चूत में अपनी उंगलियो को जल्दी जल्दी डालने लगा तो सुमन तडपने लगी और लगातार कुछ देर उसकी चूत में उंगली करने से उसकी चूत से पानी की पिचकारी निकलने लगी। वो जैसे जैसे मैं तेजी उसकी चूत में उंगली कर रहा था वैसे वैसे वो जोर जोर “ अहह आह्ह्ह।।।।। उफ्फ्फ उफ़।।।। माँ माँ ।। उन्न्न्नन्न।।।।।।करके चीखने लगी थी और उसकी चूत से जोर जोर से पानी की धार निकल रही थी।

कुछ देर के बाद मैंने ने अपना 8 इंच का लौड़ा बाहर निकला और उसकी चूत में टच करने लगा और कुछ ही देर में उसने अपने लंड को धीरे से उसकी चूत के अंदर डाला उसे थोडा दर्द हुआ इसलिए वो थोडा पीछे हो गई। मैंने फिर से अपने लंड को उसकी चूत में लगाकर और धीरे से जोर लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया। सुमन को दर्द होने लगा लेकिन मैंने अपने लंड को आराम से उसकी चूत के अंदर डालने लगा और जैसे जैसे मेरा लंड उसकी चूत में जाती रही, उसकी चूत कुछ देर बाद थोड़ी मुलायम हो गई। जिससे उसे चुदने में मज़ा आने लगा था।

लेकिन कुछ देर उसकी चुदाई करने के बाद जब मैं और भी तेजी से चोदने लगा, तो ऐसा लगा जैसे उसकी चूत फट जायेगी। मैं तेजी से अपने लंड को सुमन के चूत में डालता और बाहर निकालता तो वो जोर जोर से चीखने लगती और मैं केवल “आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह प्लीसससससस प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊओह माँ उ उ उ उ ऊऊऊऊँऊँऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी।। हा हा हा।। ओ हो हो” काके चीखने लगी। 
कुछ देर लगातार चुदाई करने से उसकी चूत से सफ़ेद रंग का माल निकला जिससे उसकी चूत चिकना हो गया और चुदने में ज्यादा दर्द होना बंद हो गया। अब तो चुदने में उसे मज़ा आने लगा था। आप ये कहानी मस्तराम.नेट पर पढ़ रहे है.

40 मिनट लगातार चुदाई करने से मेरा माल निकलने वाला था मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और जल्दी जल्दी मुठ मरने लगा। मुठ मरते हुए मैंने उसके लंड को सुमन के हाथ में पकड़ा दिया और चटाने लगा और साथ में वो मुठ भी मरने लगी। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने लगा। मैंने अपने लंड से निकले माल को उसके मुह पर गिरा और उसने अपने जीभ से चाट लिया जोकि हल्का फीके स्वाद का था। मेरी पहली चुदाई काफी अच्छी थी और मुझे काफी मज़ा भी आया। 
चुदाई के बाद हमने बहुत देर तक बातें की और फिर कुछ देर बाद मैं और सुमन दोनों अपने अपने घर चले गए। और फिर जब भी मुझे मौका मिलता मैं सुमन की खूब चुदाई करता। मैं उम्मीद करता हूँ आप सभी को मेरी कहानी पसंद आई होगी।

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गर्लफ्रेंड की चूदाई | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/girlfriend-ki-chudai.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/girlfriend-ki-chudai.html#respond Fri, 03 Nov 2017 06:23:53 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10767 मस्ताराम डॉट नेट के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार यह मेरी पहली कहानी है गर्लफ्रेंड की चूदाई की यह पूरी तरह सच है आशा करता हूं कि आपको बहुत पसंद आऐ | अब मैं अपने बारे में बता देता हूं मेरा नाम राज (बदला हूआ) है और मैं नीमच में रहता हूं

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मैं मस्ताराम डॉट नेट की कहानियों का लगभग 4 सालों से अध्ययन कर रहा हूं मुझे यह साइट बहुत अच्छी लगती है और आज मैं अपनी कहानी लेकर आया हूं मैं  मस्ताराम गुरूजी का धन्यवाद करना चाहता हूं जो मेरी कहानी को यहां पोस्ट कर रहे हैं |

मस्ताराम डॉट नेट के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार यह मेरी पहली कहानी है गर्लफ्रेंड की चूदाई की यह पूरी तरह सच है आशा करता हूं कि आपको बहुत पसंद आऐ | अब मैं अपने बारे में बता देता हूं मेरा नाम राज (बदला हूआ) है और मैं नीमच में रहता हूं मैं कॉलेज के सेकंड ईयर में पढ़ता हूं मेरी लंबाई 5.11 और देखने स्मार्ट लगता हूं और अपनी ज्यादा तारीफ ना करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हूं बात एक महीने पहले की है मैं और मेरा दोस्त बैठकर बातें कर रहे थे इतने में उसने एक लड़की के बारे में बताया तो मैंने उससे वह लड़की के नंबर ले लिया फिर मैंने उसको WhatsApp पर मैसेज किया तो उसका रिप्लाई आया फिर धीरे-धीरे हमारी ऐसे ही फ्रेंडली बात होती रही लगभग 15 दिन तक हम ऐसे ही बातें करते रहे फिर एक दिन मैंने उसे फ्रेंडशिप के लिए बोला तो उसने थोड़े मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर वह मान गई चलिए |

मैं पहले उस लड़की के बारे में बता देता हूं उसका नाम रीना (बदला हुआ) बहुत ही अच्छी दिखने वाली लड़की उसका फिगर 32 30 34 का गठीला बदन और नशीली आंखें जो हर कोई देख कर पागल हो जाए वैसा ही मेरे साथ हुआ धीरे धीरे हमारा बातों का सिलसिला चलता रहा फिर हम फोन पर बात करने लगे धीरे-धीरे हमारी बातें फ्रेंडशिप से आगे बढ़ती गई और हम सेक्स के टॉपिक पर भी बातें करने लगे जिस पर मैंने उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो तो उसने कहा कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है |

मैंने सेक्स की पूछा तो मना करने लग गई थी मैंने कभी किसी के साथ ऐसा नहीं किया और कुछ दिन बाद मेरा बर्थडे आया जिस पर उसने रात को 12:00 बजे कॉल करके मुझे बर्थडे विश किया जिस पर मैंने अपने गिफ्ट के बारे में पूछा तो उसने कहा आपको क्या चाहिए आप तो समझ ही सकते हैं लड़के का दिमाग मैंने झट से उसे किस करने को बोला तू उसने हां कर दी और फिर हमने मिलने के लिए एक दिन फिक्स किया फिर मैंने अपने एक दोस्त से  इस बारे में बात की उसका एक घर जो कि खाली रहता है |

वहां मिलने की  बात की  और फिर आखिर वो दिन आ ही गया और मैं बाजार से कुछ चॉकलेट्स और एक कंडोम का पैकेट ले आया और फिर रीना को कॉल किया और उसे पिकअप करने पहुंच गया |

वहां उसे देख कर मैं देखता ही रह गया ब्लैक जींस और पिंक टीशर्ट में क्या गजब की माल लग रही थी वह उसे  बाइक पर बिठाया और अपने दोस्त के घर कि तरफ चल दिया रास्ते में मैं बाइक के ब्रेक लगाता जिससे उसके बूब्ज़ मेरी पीठ से टच होते मेरा लिंग वही खड़ा होने लगा फिर हम दोस्त के रूम पर पहुंचे जहां पर मैंने उसे अंदर कमरे में बिठाया और अपने दोस्त से बाहर ही रुकने को कहा मैं जैसे ही कमरे में गया मैंने अंदर का दरवाजा बंद कर दिया फिर मैंने उसे चॉकलेट्स दी और बातें करने लगे थोड़ी देर बातें करते करते मैंने उसे अपने बर्थडे गिफ्ट की याद दिलाई तो वह बोली ओके ले लो फिर धीरे-धीरे उसके पास गया उसके गालों गले और कान पर किस किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे लगभग 15 मिनट तक हम वैसे ही एक दूसरे को लिप-लॉक करते रहे फिर हम अलग हुए तो वह मुझसे नजर नहीं मिला पा रही थी |

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मैंने उससे कहा अपने बॉयफ्रेंड के साथ कैसा शर्माना धीरे-धीरे बातें करते हैं मेरे लिंग की तो वैसे वैसे भी हालत खराब हो रही थी वह पेंट में तंबू बनाएं खड़ा था फिर मैं उसे लेटा कर उसके पास लेट गया | इस कहानी का शीर्षक गर्लफ्रेंड की चूदाई है |  उसे किस करने लगा फिर मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर और एक नीचे उसकी जींस पर चला गया जिस पर हो खड़ी हो गई और गुस्सा होकर मना करने लग गई |

उसने कहा आपने सिर्फ बात और मिलने के लिए बुलाया था यह अच्छी बात नहीं है तो मैंने उसकी परेशानी समझते हुए अपने आप पर कंट्रोल किया फिर हम दोनों ऐसे ही लगभग 2 घंटे तक बातें करते रहे और बीच-बीच में किस करते रहे फिर उसे घर जाना था तो मैं उसे उसके घर के करीब छोड़ आया और फिर धीरे-धीरे हमारी फोन पर बातें होने लगी उसके बाद मैंने उसे फिर से मिलने के लिए बोला उस समय हमारी सेक्स और सभी बातें हो चुकी थी तो मैंने फिर से अपने दोस्त के ही घर में उसे मिलने के लिए बुलाया उस समय मैं और वहां अकेले थे मेरे फ्रेंड को कहीं बाहर जाना था तो वह अपने घर की चाबी मुझे देकर चला गया |

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मैं और रीना मेरे दोस्त के घर पर आ गए तब हम बैठे और बातें करते करते हैं मैं बीच-बीच में उसे छेड़ देता और बार-बार सिर्फ सेक्स की ही बातें करता जिससे वह भी मजे से उसका जवाब देती और फिर मैं उसको किस करना चालू हुआ और वह बता रहा करीब 20 मिनट तक हम ऐसे ही रहे फिर धीरे धीरे वो गर्म होने लगी फिर मैंने उससे सेक्स की बात कही तो उसने उसके लिए हां कर दी और फिर मैं उसके ऊपर भूखे भेड़िए की तरह झपट गया फिर धीरे धीरे मैंने उसकी जींस उतारी उसने और क्या गोरी गोरी मस्त टांगे थी उसकी मैं उसका मखमली शरीर और टांगे देख कर पागल हो गया | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | और फटाक से उसकी पैंटी उतार कर उसकी चूत सहलाने लगा जिससे वह सिहर उठी और उसके मुंह से आह निकल गई फिर मैंने थोड़े समय से किस करना चालू रखा और धीरे-धीरे उसकी टी-शर्ट को अलग कर दिया जिससे वह पिंक ब्रा मैं रह गई थी और उसकी चूचियां से बाहर आने को हो रही थी जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को हटाया उसकी दोनों चूचियां बाहर को आ गई |

चूचियां से बाहर आने को हो रही थी

मैं उन्हें देख कर चौंक गया क्या चूचियां थी यार उसकी मैं उन्हें देखकर पागल हो गया और उन्हें दबाता हुआ उसे ही बहुत प्यार करने लगा और धीरे-धीरे उसके पूरे शरीर को चूमते हुए उसकी चूत पर चला गया फिर धीरे से उसकी चूत को सहलाया और उस पर अपना मुंह लगाकर उसे चाटने लगा जिससे हो सिसकारियां लेने लगी और मेरे सिर को पकड़कर अपनी टांगों के बीच में दबाने लगी और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को लगातार चाट रहा था और एक उंगली अंदर डाल कर अंदर बाहर कर रहा था जिससे वह तड़प उठी और उसका नमकीन पानी निकल गया |

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जिसे मैं बड़े स्वाद से पी गया फिर मैंने उसे उठाया और उससे अपने लण्ड को मुंह में लेने के लिए कहा तो वह मना करने लगी उसे ऐसा अच्छा नहीं लगता तो मैंने ज्यादा जबरदस्ती ना करते हुए उससे कहा कि वह मेरे कपड़े उतारे तो उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अब वह धीरे-धीरे मेरे खड़े लण्ड के साथ खेलने लगी धीरे-धीरे मेरे को आगे पीछे करने लगी फिर धीरे-धीरे हम किस करने लगे और फिर से वह गरम हो गई फिर उसको नीचे लिटा कर मैंने उसकी कमर के नीचे तकिया लगाया और उसको किस करते हुए मैंने अपना लण्ड उसकी चूत  पर सेट किया और एक धक्का लगाया जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी चूत  में समा गया और उसके मुंह से आह निकल गई फिर किस करता रहा और धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा और फिर हम दोनों जगातील चूदाई करने लगे वह अपनी कमर उठा उठा कर मेरे हर झटके का जवाब देने लगी फिर फिर मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा तो वह उठी और अपनी चूत को मेरे खड़े लण्ड पर सेट करके बैठी गई फिर हम पूरे जोश से चूदाई करने लगो इस बीच हमने जैसे कि सेक्स वीडियो में करते हैं वैसे 2-4 पोजीशन ट्राई किए और फिर मेरे को लगने लगा  कि मेरा निकलने वाला है |

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मैंने उससे कहा कि हमें कोई परेशानी नहीं हो इसलिए अब तो मुझे कंडोम पहना दो फिर मैंने कंडोम का पैकेट जोकि मेरे पास पहले से ही पड़ा था उसमें से एक कंडोम निकाला और उसके हाथ में दे दिया जिसे उसने फाड़कर मेरे लण्ड पर पहना दिया फिर हम चूदाई के नशे में चूर होते चले गए लगभग 20 25 झटकों के बाद वह एकदम से मुझे पकड़कर खींचने लगी | इस कहानी का शीर्षक गर्लफ्रेंड की चूदाई है |  मैं समझ गया कि वो झड़ गई है और अब मैं तेरी से शॉट लगाते हुए 10  15 छूट में मेरा माल निकल गया और मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा फिर हमने थोड़े टाइम किस किया और एक दूसरे को को चुमा फिर कपड़े पहने और उसे उसके घर छोड़ कर अपने घर चला गया |

तो पाठको आपको मेरी कहानी सेक्स कहानी कैसी लगी मुझे मेरी ईमेल ID [email protected] पर ईमेल करके जरूर बताएं मुझे आपके बहुमूल्य मेल का इंतजार रहेगा |

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नई चूत का इन्तज़ाम | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/nayi-chut-ka-intejam.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/girlfriend/nayi-chut-ka-intejam.html#respond Wed, 11 Oct 2017 09:25:15 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10474 ये सब बातें ब्रिजेश सुन रहा था, उसे लगा कि आज रात की चुदाई तो गई, पर उसे क्या पता था था कि मैं उसी के लिये तो नई चूत का इन्तज़ाम कर रही हूँ | और श्रेया के लिये एक सोलिड नया लण्ड तैयार कर रही हूँ। श्रेया ने कुछ सोच कर कहा कि मुझे पूछना पड़ेगा उन्होने हां कह दी तो मैं अभी आ जाती हूँ।

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हेल्लो मेरा नाम किरन है ये सच्ची कहानी मेरी करीबी सहेली की है | मेरी सहेली मस्ताराम डॉट नेट की फैन है और बहुत बड़ी चुदक्कड़ भी है उसे अब रोज नए नए लंड का नशा हो जाता है उसने कल मुझे कॉल कर बोला किरन मै एक कहानी भेज रही हूँ मस्ताराम डॉट नेट पर प्रकाशित करवा दे ना वो मुझे जानती है की मैंने भी अपनी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर लिखी थी मै बोली ठीक है भेज तो उसने अपनी कहानी भेजी मैंने जब कहानी पढ़ी तो मेरी चुत गीली हो गयी फिर मैंने फिंगरिंग कर अपनी इच्छा शांत की अब आप लोगो को पढ़ने के लिए भेज रही हूँ | और हां आप सभी लोग कहानी पढ़ने के बाद अपने अपने विचार कमेंट के माध्यम से जरुर भेजना मेरी सहेली रिप्लाई करेगी |

2 अक्टूबर 2009 को मेरे पति के ऑफ़िस की गांधी जयन्ती की छुट्टी थी, १५ अगस्त का दिन था मेरे हस्बैंड के ऑफिस का छुट्टी था इसलिए वो घर पर ही थे और कही बाहर जाने वाले थे उन्हें १५ अगस्त के फंक्शन में जाना था और दुसरे दिन आने वाले थे क्योकि जो फंक्शन में उन्हें बुलाया गया था वो गाव में था | आप जानते ही हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है, मेरे सेक्सी दिमाग ने एक दम से ही एक योजना बना डाली। मैंने अपने बॉयफ्रेंड ब्रिजेश को फोन कर दिया। मैंने श्रेया से भी कहा, पर डर के मारे उसने कुछ नहीं कहा। ब्रिजेश समय पर आ गया था। हम दोनों शाम को बाज़ार घूमने निकल पड़े। वहां ब्रिजेश ने मेरे लिये ब्रा और एक छोटी सी प्यारी पेंटी ली। मैंने भी उसके लिये एक बढ़िया सा अंडरवियर लिया। इसका सीधा सा मतलब था कि हमें रात की चुदाई में ये सब ही पहनना है। यही १५ अगस्त का गिफ्ट था ।

रात ढलते ढलते हम घर आ चुके थे। रात को जब मैं खाना बना रही थी तो ब्रिजेश अपने घर जाकर जाने कब लौट आया। श्रेया को उसके आने के बारे में पता नहीं था। श्रेया मुझसे ब्रिजेश के बारे में ही पूछ रही थी कि हम दोनों ने क्या क्या मजे किये ?

मुझे लगा कि उसकी चूत भी यह सोच सोच कर गीली हो रही थी कि मैंने लण्ड कैसे लेती हूँ, वगैरह।

मैंने उसे बताया कि यदि मैं बताऊंगी तो फिर अपने आप को रोक नहीं पाऊंगी।

“अरे वाह, ऐसा क्या किया था तुम दोनों ने ? बता ना दीदी?”

“अच्छा तू अपना काम खतम कर फिर बताऊंगी तुझे |”

हम दोनों ने फ़टाफ़ट अपना अपना काम समाप्त किया … तभी मेरे मन एक प्यारा सा ख्याल आया कि क्यों ना श्रेया मेरे साथ मिलकर रात को चुदाई का मजा ले। मैंने श्रेया को कहा,”देख बात तो बहुत लम्बी है … रात को मेरे साथ ही सो जाना … मैं पूरी कहानी बता दूंगी |”

“हाय नहीं रे दीदी, तू कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर करेगी, मुझे तो शरम आयेगी |”

“तुझे सुनना है तो बोल वरना तेरी मर्जी …”

ये सब बातें ब्रिजेश सुन रहा था, उसे लगा कि आज रात की चुदाई तो गई, पर उसे क्या पता था था कि मैं उसी के लिये तो नई चूत का इन्तज़ाम कर रही हूँ | और श्रेया के लिये एक सोलिड नया लण्ड तैयार कर रही हूँ। श्रेया ने कुछ सोच कर कहा कि मुझे पूछना पड़ेगा उन्होने हां कह दी तो मैं अभी आ जाती हूँ।

जैसे ही श्रेया जाने लगी तो मैंने उसे पीछे से आ कर उसकी कमर को पकड़ कर अपने से चिपका लिया और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ दबा दी … और उत्तेजना में मसल दी …

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“उफ़्फ़्फ़्फ़, दीदी … हाय रे …” और वो हंस पड़ी

“सॉरी, श्रेया … जल्दी आना … मैं इन्तज़ार करूंगी” और हंस कर आंख मार दी।

“दीदी … अब तो बड़ी बेशरम हो गई है तू … अभी आती हूँ …” श्रेया चली गई।

बैचेन सा ब्रिजेश बाहर आया और असमन्जस में बोला,”अक्षी, आज की चुदाई का क्या होगा …?”

“क्यों … क्या हुआ … तेरा लण्ड तो मस्त है ना … या कुछ …?”

“ओह्ह हो … तुमने श्रेया को बुलाया है ना …?”

“मेरे जानू, आज मैं तुम्हें वो मजा दूंगी कि हमेशा याद करोगे, बस अब देखते जाओ |”

ब्रिजेश के मुख पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट तैरने लगी, शायद उसे कुछ अंदाज़ा हो गया था। खाना बनाने के बाद मैं बैठक में आ गई। ब्रिजेश नहाने चला गया … कुछ ही देर में बाथरूम से उसने आवाज दी,”अंजलि, जरा यहाँ आना …|”

मैं बाथरूम के पास गई और दरवाजा खोला। उसे देखकर मैं सन्न रह गई, वो पूरा नंगा था … उसका मोटा और भारी लण्ड कड़क होकर सीधा तना हुआ था। मेरे मन में हलचल होने लगी। दिल धड़क उठा। उसे मैंने यों पहली बार देखा था। उसका नंगा और चिकना बदन, उस पर पानी की बूंदें उसे बला का सेक्सी बना रहा था। मेरे मन में वासना का उबाल आने लगा। मेरे चुचूक अकड़ गये, चूत से पानी रिसने लगा। वो खड़े खड़े अपना लण्ड हिला रहा था, उसका लाल सुपारा गजब ढा रहा था। मैं शर्माती हुई अन्दर चली आई, उसने मुझे आँख मार दी, मेरी नजरें झुक गई और मैंने धीरे से उसका फ़ड़फ़ड़ाता हुआ लौड़ा अपने हाथों में भर लिया।

“मेरी पीठ पर साबुन लगा दे … जरा रगड़ कर …” मैं उसकी पीठ पर साबुन मलने लगी, साथ ही साथ अपना हाथ उसके कड़े चूतड़ो पर भी फ़िसलने लगा।

उसके चूतड़ों की गहराई में हाथ घुस कर उसे मजे दे रहा था। दूसरे हाथ से मैंने उसकी चौड़ी छाती पर उसके जरा से निपल को मसलने लगी। मैंने उसकी छाती पर अपना सर रख दिया और साबुन वाले हाथ नीचे लण्ड पर उतर आये। उसके लण्ड पर साबुन मलते हुये उसका जैसे मुठ ही मारने लगी। ब्रिजेश ने अपनी आंखें बन्द कर ली … और उसके गीले हाथ मेरे उन्नत वक्ष पर आ गये। कुछ ही देर में उसने मेरी चूचियाँ बाहर निकाल ली और एक दूसरे को मसला-मसली का दौर चल पड़ा। उसका पूरा शरीर साबुन के झाग से ढक गया था। जाने कब हम दोनों के होंठ आपस में जुड़ गये … सच में बहुत आनन्द आ रहा था … स्वर्ग जैसा आनन्द … ।

लण्ड की घिसाई से वो बहुत आनन्दित हो रहा था। तभी उसने मुझे खींच कर शॉवर के नीचे कर लिया और पानी बरसा दिया। मेरे कपड़े भीग उठे, मेरे चिकने स्तन पानी से भीगे हुये थे। एकदम फ़ूल कर कड़े हो गये थे। मेरे गीले बदन को भोगने की नजर से देखने लगा … मैं समझ गई थी कि अब उसका लण्ड मुझे चोदने के लिये तैयार है। मेरे हाथ उसके लण्ड पर तेजी से मुठ मार रहे थे। उसने मेरे रहे सहे कपड़े भी उतार दिये। मेरी आंखों में नशा सा छा गया। वो मुझे बेहद सेक्सी लगने लगा था। चुदने को चूत लपलपाने लगी थी। मुझे एक झुरझुरी सी आई और मैं उससे एक दम चिपक गई। हमारे अधर एक दूसरे को पी रहे थे …

चूसने की आवाज यूं आ रही थी मानो आम चूस रहे हों … क्या रस भरा महौल था …

मेरा अंग अंग मसले जाने को बेताब हो रहा था। उसका लण्ड अब भी मेरी मुठ्ठी में था। उसने मेरे निपल को दांतो से काट सा लिया … मेरी चूत पर जैसे आग में घी के जैसा असर होने लगा। चूत में आग सी लग गई,”बेबीऽऽऽऽ अह्ह्ह् … मार डाला रे तूने तो …”

“मेरी रानी … तेरे अंग बहुत मद भरे हैं … आह्ह्ह्ह”

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मुझसे रहा नहीं जा रहा था। इसका सुन्दर, मोहक लण्ड मेरे दिल को पिघला रहा था। अनजाने में मैं नीचे बैठती गई और अब उसका मनमोहना सुन्दर लण्ड मेरे होंठो के पास था। मैंने उसका लाल तड़पता हुआ सुपारा अपने मुख में भर लिया और चूसने और काटने लगी।

“हाय रे … मेरा लण्ड काट कर खा मत जाना … श्स्स्स्स्स्स्स् … निकल जायेगा रानी” उसकी सिसकी फ़ूट पड़ी। मैं अब जल्दी जल्दी उसके लण्ड को अपने मुख में अन्दर बाहर करने लगी, उसका लण्ड बुरी तरह से फ़ड़फ़ड़ा रहा था। वो भी झुक कर मेरे स्तनों को मरोड़ने और खींचने लगा। उसने मुझे अब प्यार से उठाया और खड़ा कर दिया। उसने मेरे मस्तक पर चूमा, फिर मेरे होंठो को, मेरे कंधे पर, फिर मेरे उरोज पर, नाभी पर … हाय राम …

वो तो मेरी चूत तक पहुंच गया। उसके होंठ मेरी गीली और चिकनी चूत के लबों में पहुंच कर उस रस का स्वाद लेने लगे … मेरी चूत की चिकनाई में वासना से भरे बुलबुले भी उभर आये थे, जैसे चूत में रस का मन्थन हो रहा हो। मेरा वो पहला प्यार था, उसके लिये मैं सब कुछ कर सकती थी … मेरे मन भी चूत चुसवाने को मचल रहा था। दिल को दिल से रहत होती है … वो मेरी अदायें समझता था। मेरी टांग अपने आप एक तरफ़ उठ गई और मेरी चूत का मुख खुल गया उसकी जीभ मेरी चूत के अन्दर तक चाट रही थी। दाना फूल कर लाल हो गया था। बार बार होंठो से चुसने के कारण मेरे तन की आग भड़कने लगी थी।

मैंने उससे कहा,”ब्रिजेश मुझे तेरा लण्ड चूसना है … बड़ा ही मस्त है रे …”

वो मुस्करा उठा और वहीं बाथरूम में सीधा लेट गया। वो जब मेरी चूत चूसता है तो मेरा मन करता है कि मैं अलादीन का चिराग बन जाऊँ और जो वो मांगे दे दूं।

मैं ब्रिजेश पर उल्टा लेट गई। हम अब 69 पोजीशन में थे। वो मेरी चूत के रस का स्वाद ले रहा था और मैं उसके मोटे और सुन्दर लण्ड को बड़े प्यार से चूस रही थी, कभी कभी काट भी लेती थी और फिर उसके सुपारे के छल्ले को कस कर और खींच कर चूस लेती थी। मेरे अंगों में तरावट सी आने लगी … जिस्म कंपकंपाने सा लगा … एक मीठी सी लहर उठने लगी …

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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