गतांग से आगे ….
हाँ भाभी बहुत खुश हूँ. अब यह भी बता दीजिये की आपकी टांगों के बीच में जो है उसे क्या कहते हैं”
“उसे? मुझे तो नहीं पता. ऐसी चीसें तो तुझे ही पता होती हैं. तू ही बता दे |
“भाभी उसे चूत कहते हैं |
“ह़ा! तुझे तो शर्म भी नहीं आती. वाही कहते होंगे |
वाही क्या भाभी?”
ओह हो बाबा, चूत और क्या.भाभी के मुंह से लंड और चूत जैसे शब्द सुन कर मेरा लंड फनफनाने लगा. अब तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. मैंने भाभी से कहा.
भाभी इसी चूत की तो दुनिया इतनी दीवानी है |
अच्छा जी तो देवेरजी भी इसके दीवाने हैं |
हाँ मेरी प्यारी भाभी किसी की भी चूत का नहीं सिर्फ आपकी चूत का दीवाना हूँ |
“तुझे तो बिलकुल भी शर्म नहीं है. मैं तेरी भाभी हूँ.भाभी झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली.
अगर मैं आपको एक बात बताऊँ तो आप बुरा तो नहीं मानेंगी?”
नहीं गनपत. देवर भाभी के बीच तो कोई झिझक नहीं होनी चाहिए. और अब तो तुने मेरे मुंह से सुब कुछ कहलवा दिया है.लेकिन मेरी कच्छी तो वापस कर दे. सच कहूँ भाभी, रोज़ रात को उसे सूंघता हूँ तो आपकी चूत की महक मुझे मदहोश कर डालती है. जब मैं अपना लंड आपकी कच्ची से रागरता हूँ तो ऐसा लगता है जैसे लंड आपकी चूत से रगर रहा हो ”
ओह ! अब समझी देवरजी मेरी कच्छी के पीछे क्यों पागल हैं. इसीलिए तो कहती हूँ तुझे एक सुंदर सी बीवी की ज़रुरत है”
लेकिन मैं तो अनाड़ी हूँ. आपने तो प्रोमिस कर के भी कुछ नहीं बताया. उस दिन आप कह रही थी की मर्द अनाड़ी हो तो लड़की को सुहाग रात में बहुत तकलीफ होती है. आपका क्या मतलब था? आपको भी तकलीफ हुई थी?”
हाँ गनपत, तेरे भैया अनाड़ी थे. सुहागरात को मेरी साडी उठा कर बिना मुझे गरम किये चोदना शुरू कर दिया. अपने ८ इंच लम्बे और ३इन्च मोटे लंड से मेरी कुंवारी चूत को बहुत ही बेरहमी से चोदा. बहुत खून निकला मेरी चूत से. अगले एक महीने तक दर्द होता रहा.मेरा लंड देखने के बाद से भाभी काफी उत्तेजित हो गयी थी और बिलकुल ही शर्माना छोर दिया था.
लड़की को गरम कैसे करते हैं भाभी?”
पहले प्यार से उससे बातें करते हैं. फिर धीरे धेरे उस के कपड़े उतारते हैं. उसके बदन को सहलाते हैं. उसकी होटों को और चुचिओं को चुमते हैं. फिर प्यार से उसकी चुचिओं और चूत को मसलते हैं. फिर हलके से एक ऊँगली उसकी चूत में सरका कर देखते हैं की लड़की की चूत पूरी तरह गीली है. अगर चूत गीली है, इसका मतलब लड़की चुदने के लिए तयार है.इसके बाद प्यार से उसकी टाँगें उठा कर धीरे धेरे लंड अंडर दाल देते हैं. पहली रात जोर जोर से धक्के नहीं मारते |
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भाभी उस फिल्म में तो वो कालू उस लड़की की चूत चाटता है, लड़की भी लंड चूसती है. कालू उस लड़की को कई तरह से चोदता है. एहन तक की उसकी गांड भी मारता है”
अरे बुद्धू ये सुब पहली रात को नहीं किया जाता, धीरे धीरे किया जाता है |
वह भी, भैया भी वो sub आपके साथ करते हैं?”
नहीं रे ! तेरे भैया अनाड़ी थे और अब भी अनाड़ी हैं. उनको तो सिर्फ टांगें उठा कर पेलना आता है. अक्सर तो पूरी तरह नंगी किये बिना ही छोड़ते हैं. औरत को मज़ा तो पूरी तरह नंगी हो कर ही चुदवाने में आता है |
भाभी आपको नंगी हो कर चुदवाने में बहुत मज़ा आता है?”
क्यों में औरत नहीं हूँ ? अगर मोटा तगरा लंड हो और चोदने वाला नंगी करके प्यार से चोदे तो बहुत ही मज़ा आता है |
लेकिन भैया का लंड तो मोटा तगरा होगा. हाँ मेरे लंड की बराबड़ी नहीं कर सकता है”
तुझे कैसे पता ? ”
मुझे तो नहीं पता लेकिन आप तो बता सकती हैं” आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
में कैसे बता सकती हूँ? मैंने तेरा लंड तो नहीं देखा हैभाभी ने बनते हुए कहा. में मन ही मन मुस्कुराया और बोला,
तो क्या हुआ भाभी. कहो तो अभी आपको अपने लंड के दर्शन करा देता हूँ, आप नाप लो किसका बार है |
हट बदमाश!”
अगर आप नहीं दर्शन करना चाहती तो कम से कम मुझे तो अपनी चूत के दर्शन एक बार करवा दीजिये. सुच भाभी मैंने आज तक किसी की चूत नहीं देखी | चल नालायक! तेरी शादी जल्दी करवा दें? इतना उतावला क्यों हो रहा है?”
उतावला क्यों न हूँ ? मेरी प्यारी भाभी को भैया सारी सारी रात खूब जम कर चोदें और मेरी किस्मत में उनकी चूत के दर्शन तक न हों | इतनी खूबसूरत भाभी की चूत तो और भी लाजबाब होगी. एक बार दिखा दोगी तो घिस तो नहीं जोगी. अच्छा, इतना तो बता दो की आपकी चूत भी उतनी ही चिकनी है जितनी फिल्म में उस लड़की की थी?”
नहीं रे, जैसे मर्दों के लंड के चरों तरफ बाल होते हैं वैसे ही औरतों की चूत पर भी बाल होते हैं. उस लड़की ने तो अपने बाल शवे कर रखे थे |
भाभी तुब तो जितने घने और सुंदर बाल अप्प्के सर पर हैं उतने ही घने बाल आपकी चूत पर भी होंगे? आप अपनी चूत के बाल शवे नहीं करतीं?”
तेरे भैया को मेरी झांटें बहुत पसंद हैं इसलिए शवे नहीं करती |
है भाभी आपकी चूत की एक झलक पाने के लिए कउब से पागल हो रहा हूँ, और कितना तर्पोगी ?”
सबर कर, सबर कर ! सबर का फल हमेशा मीठा होता है.यह कहा कर बरे ही कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराती हुई नीचे चली गयी. मेरे लंड के दुबारा दर्शन करने के बाद से तो भाभी का काफी बुरा हाल था. एक दिन मैंने उनके कमरे में मोटा सा खीर देखा. मैंने उसे सूंघ कर देखा तो खीरे में से भी वैसी ही महक आ रही थी जैसी भाभी की कच्छी में से आती थी. लगता था भाभी खीरे से ही लंड की भूख मिटने की कोशिश कर रही थी. मुझे मालूम था की गन्दी पिक्चर भी वो कई बार देख चुकी थी. भैया को जा कर तीन महीने बीत गए. घर में मोटा ताज़ा लंड मौजूद होने के बावजूद भी भाभी लंड की प्यास में तड़प रही थी.
मैंने एक और प्लान बनाया. बाज़ार से एक मस्ताराम की सेक्सी कहानी की किताब लाया जिसमे देवर भाभी की चुदाई के किस्से थे. उस सेक्सी किताब में भाभी अपने देवर को रिझाती है. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | वो जान कर कपड़े धोने इस प्रकार बैठती है की उसके पेटीकोट के नीचे से देवर को उसकी चूत के दर्शन हो जाते हैं. ये नोवेल मैंने ऐसी जगह रखा जहाँ भाभी के हाथ लग जाये. एक दिन जब मैं कॉलेज से वापस आया तो मैंने पाया की वो नोवेल अपनी जगह पर नहीं था. मैं जान गया की भाभी वो नोवेल पढ़ चुकी है | अगले इतवर को मैंने देखा की भाभी कपड़े बाथरूम में धोने के बजे वरन्दाह के नलके पर ड्धो रही थी. उसने सिर्फ ब्लौसे और पेटीकोट पहन रखा था. मुझे देख कर बोली, आ गनपत बैठ. तेरे कोई कपड़े धोने हैं तो देदे.मैंने कहा मेरे कोई कपड़े नहीं धोने हैं और मैं भाभी के सामने बैठ गया.
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