कोई देख रहा है – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 100% Free Hindi Sex Stories - Sex Kahaniyan Sat, 17 Mar 2018 06:08:14 +0000 en-US hourly 1 /> //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/wp-content/uploads/2015/10/cropped-mastaram-dot-net-logo-red-32x32.png कोई देख रहा है – | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru 32 32 बहन और उसकी सहेली को चोदना चाहता हूँ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/bahan-aur-uski-saheli-ko-chodna-chahata-hun.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/bahan-aur-uski-saheli-ko-chodna-chahata-hun.html#respond Tue, 20 Feb 2018 02:40:56 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11980 दोस्तों यह कहानी मेरी बहन और उसकी सहेली के बारे में है मैंने अपनी सगी बहन को उसकी सहेली के साथ मस्तिया करते हुए देखा वो अपने बूब्स दबवा रही थी और उसके बदले उसकी सहेली मेरी बहन की चूत रगड़ रही थी |

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बहन और उसकी सहेली को चोदना चाहता हूँ
( Bahan Aur Uski Saheli Ko Chodna Chahata Hun )

मेरे घर पर मैं, मेरी सिस्टर, मेरे मम्मी और पापा चार लोग रहते हैं. मेरे मम्मी और पापा दोनों सुबह काम पर चले जाते हैं और मैं और मेरी सिस्टर कॉलेज और स्कूल. ओह ! मैं बताना भूल गया कि मैं ग्रेजुएशन के पहले साल में हूँरी सिस्टर दसवी क्लास में पढ़ रही है उसका नाम रागिनी है. वो 16 साल की है. उसकी हाईट 5 फुट २ इंच है. वो एकदम दूध की तरह गोरी और बहुत चिकनी है. बूब्स बड़े बड़े है गांड निकली हुयी है |

मेरा रंग भी गोरा चिट्टा है. मेरी हाईट ५ फुट ६ इंच है और मेरे लंड का साईज़ ६.३ इंच का है. जैसा की हर कहानी में होता है, मेरा भी अपनी सिस्टर के बारे में कोई बुरा ख़याल नहीं था. पर एक दिन जैसे मेरी दुनिया ही बदल गयी. हुआ यूँ की मैं एक बार कॉलेज से जल्दी आ गया. मेरे पास घर की एक एक्स्ट्रा चाबी थी. मैं ताला खोल कर अंदर आ गया और देखा की घर पर कोई नहीं था. मेरे घर के पीछे एक लान था.

वहां पर मैंने देखा की मेरी सिस्टर रागिनी और उसकी सहेली सुस्मिता हँस हँस कर खेल रही थीं. लान की दीवारें ऊँची थीं और बाहर से कोई अंदर देख नहीं सकता था. सुस्मिता के हाथ मैं पानी का पाईप था. वो रागिनी पर पानी डाल रही थी. मेरी सिस्टर बचने की कोशिश कर रही थी.

दोनों के बदन भीगे हुए थे और उन दोनों के मुम्मे साफ़ नज़र आ रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं छुप कर उन लोगों का खेल देखने लगा. कुछ देर के बाद वो एक दूसरे को किस करने लगीं और मुम्मे दबाने लगीं. थोड़ी देर के बाद रागिनी ने सुस्मिता के कपडे उतार दिए और उसके ऊपर चढ़ गयी.

सुस्मिता का रेशमी बदन देख कर मेरी सांस जहाँ की तहाँ अटक गई. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था. उसका दूधिया बदन धूप में चमक रहा था. उसके मुम्मे बहुत कसे हुए थे और चूत पर एक भी बाल नहीं था. रागिनी सुस्मिता को लिप्स पर किस कर रही थी. उसका एक हाथ उसके मुम्मों पर था और दूसरे हाथ से वो उसकी चूत को मसल रही थी

अब सुस्मिता नें मेरी सिस्टर रागिनी के कपडे उतारने शुरू किये. मैंने सोचा कि अब मुझे और नहीं देखना चाहिए पर वासना की आग में मैं ये भूल गया की वो मेरी छोटी सिस्टर है और वो भी सगी. जैसे जैसे रागिनी के कपडे उतरने शुरू हुए मेरा लंड और तन्नाता गया. पहले सुस्मिता ने उसकी स्कर्ट उतारी और फिर उसकी टी शर्ट. मेरी सिस्टरा ने ब्रा नहीं पहनी हुई थी. हाय ! उसके छोटे छोटे दूध देख कर में जैसे पागल सा हो गया. सुस्मिता बेतहाशा उसके लिप्स को किस कर रही थी *और उसके मुम्मे दबा रही थी. अब सुस्मिता का हाथ उसकी कछी की और बढ़ा.

मेरी सिस्टर नें अपनी टाँगे सिकोड़ लीं. सुस्मिता हँसते हुए बोली अरे यार मुझसे क्यों शर्माती है, चल नंगी हो जा. एक साथ मजे करेंगे. फिर मेरी सिस्टर नें टांगें खोल दीं**च. सुस्मिता नें रागिनी की कछी उतार दी.

मैं अपनी छोटी सिस्टर को देख कर दंग रह गया. वो बला की खूबसूरत थी. मैं सुस्मिता को छोड़ रागिनी की और बड़े ध्यान से देखने लगा की आगे वो क्या करती है.

अब दोनों लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी थीं. मैं उन्हें देख कर मदमस्त हुआ जा रहा था. मेरा हाथ अपने आप मेरे लंड पर चला गया और मैं अपनी सिस्टर रागिनी को देख कर मुठ मारने लगा. रागिनी सुस्मिता के ऊपर चढ़ी हुई थी और उसे किस कर रही थी. दोनों एक दूसरे के मुम्मों को दबा रही थीं. मेरी सिस्टर के चूतड़ एकदम गोल और टाईट थे. रागिनी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे. उसकी गुलाबी चूत देख कर मेरा मन हुआ की अभी जाऊँ और उसे कस के चोद डालूँ. ऐसा सोचते ही मेरे लंड का पानी निकल गया और मैं बुरी तरह से झड़ गया.

उधर दोनों लड़कियां भी उत्तेजित हो चुकी थीं. उनकी हरकतें और सेक्सी होती चली गयीं. रागिनी अपनी चूत से सुस्मिता की चूत रगड़ रही थी. दोनों के चेहरे एकदम लाल हो चुके थे और दोनों बुरी तरह से हाँफ रही थीं. कुछ देर के बाद उन लोगों के कपडे पहने (जो की धूप होने की वजह से सूख गए थे) और घर की तरफ आने लगीं. मैं तुरंत घर से बाहर चला गया और दोनों को पता नहीं चला की मैं वहाँ पर था. थोड़ी देर के बाद मैं फिर वापस आया. सुस्मिता और रागिनी ड्रॉईंग रूम में बैठी थीं. मैंने आते ही सुस्मिता को हेलो किया और उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा.

मेरा लंड उसे देखते ही सलामी देने लगा. सुस्मिता ने भी मेरा पेंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी. सुस्मिता की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं. उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जान बूझ कर ऐसा किया था.

रागिनी बोली आप लोग बैठो मैं चाय बना कर लाती हूँ. रागिनी के किचन में जाते ही सुस्मिता नें एक मदमस्त अंगडाई ली. मेरा दिल बेकाबू हो गया और मैंने उसके सामने ही अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही मसल लिया. वो मुझको भईया कह के बुलाती थी.

वो मुस्कुरा पड़ी और बोली, क्या बात है भईया, बड़े बेचैन लग रहे हो?मैंने कहा आजकल बहुत मन करता हैऔर ऐसा कहते हुए मैंने फिर से अपने लंड को मसल दिया. वो खिलखिला कर हँस पड़ी, क्या मन करता है? मैं बोला, इतनी भोली मत बनो, मैं जानता हूँ तुम लोग थोड़ी देर पहले क्या कर रहे थे. ये सुनते ही वो सकपका गई और कुछ बोल ही नहीं पाई.

मैं फुसफुसा कर बोला, मुझे अपना राजदार बना लो वरना तुम लोगों की पोल पट्टी खोल दूंगा वो घबरा गई और बोली, नहीं प्लीज यार, ऐसा मत करना. हम लोग तो सिर्फ मज़े कर रहे थे. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर थोड़ी देर बाद उसने हैरानी से पुछा, तुम्हें कैसे पता चला?

मैंने कहा, मैं पहले से ही घर मैं था जब तुम लोग लान मैं एक दूसरे के साथ मज़े कर रहे थेये सुनकर सुस्मिता का चेहरा शर्म से लाल हो गया. मैंने मौका देख कर सुस्मिता की चूची दबा दी. सुस्मिता कुछ बोल पाती, तभी मेरी सिस्टर रागिनी चाय लेकर आ गयी.

सुस्मिता के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देख कर उसने हैरानी से पूछा, अरे तुझे क्या हुआ?मैंने जवाब दिया, कुछ नहीं ये हमारे आपस की बात है, वो तुझे कुछ नहीं बताएगीऐसा कह कर मैंने सुस्मिता की तरफ इशारा किया कि वो मेरी सिस्टर को कुछ ना बताये.

जब सुस्मिता कुछ नहीं बोली तो रागिनी ने लापरवाही से अपने कंधे उचकाए और चाय सर्व करने लगी. मैं चाय की चुस्कियों के साथ मुस्कुराता हुआ सुस्मिता के बदन को निहारता रहा.

सुस्मिता ने जल्दी से अपनी चाय खत्म की और चलने लगी. मैं उसे दरवाज़े तक छोड़ने आया और एक बार फिर फुसफुसाता हुआ बोला, किसी से मत कहना, और मुझे कल शाम को दादा दादी पार्क में मिलो. सुस्मिता बिना कुछ कहे वहाँ से भाग गई. अब मेरे पूरा ध्यान अपनी प्यारी सिस्टर रागिनी पर गया. मेरा लंड पहले से ही गरम था. जब रागिनी कप और प्लेट उठा रही थी तो उसके थोड़े से मुम्मे दिखाई दे रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बाथरूम में जाकर रागिनी के नाम की मुठ मारी |

दोस्तों अभी मौका नहीं मिला चुदाई का शायद आने वाले हफ्ते में चोद लूँगा सिस्टर और उसकी सहेली दोनों को दोनों ने हिंट दे दिया है की चुदेगी तो साथ नहीं तो नहीं मै भी हां कर चूका हूँ | तो मित्रो आज के लिए बस इतना ही आगे की स्टोरी फिर कभी सुनाऊंगा |

अगर आप सभी कुछ राय देना चाहते है तो बेशक दे मै दोनों को कैसे फसाऊ चोदने के लिए आप लोग बताये निचे कमेंट बॉक्स में लिख कर |

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अंकल का लंड मेरी अम्मी की चूत मे | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/uncle-ka-land-meri-ammi-ki-chut-me.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/uncle-ka-land-meri-ammi-ki-chut-me.html#respond Mon, 19 Feb 2018 02:40:22 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=12006 हेल्लो मै शाहीन हूँ मै आज आपको एसी कहानी बताउंगी जिसे पढ़ कर पहले तो हर किसी का लौड़ा और चूत गीली हो जंगे जैसी मेरी चूत गीली हो रही है ये कहानी लिखते हुए हो भी क्यों ना जब माँ की चुदाई मेरे सामने हो रही हो यानी की लाइव सेक्स |

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अंकल का लंड मेरी अम्मी की चूत मे
( Uncle Ka Land Meri Ammi Ki Chut Me )

मेरा नाम शाहीन है मैं एक मुस्लिम परिवार की बेटी हूँ मेरे घर मे मेरी एक छोटी बहन है और अम्मी है मेरे अब्बू का एन्तेकाल कुछ सालों पहले हो गया था उनके जाने के बाद मेरी अम्मी के भाइयों ने भी हम से हाथ खीच लिया अब सारे परिवार की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई थी

मैं करती भी क्या पड़ाई ख़तम करके एक अच्छी से नौकरी करना चाहती थी मैं दूसरी लड़कियों की तरह कभी अपनी लाइफ जी ही नही पाई हर कदम पे समझौता ही करती रही शायद ये ही मेरा नसीब बन गया था अब तो आदत से हो गई थी

मेरा रुटीन बिल्कुल बना हुआ था सुबह उठना और पहले तय्यार हो के ट्यूशन पढ़ने जाती और वही से ऑफीस निकल जाती फिर शाम को जब थक हार के घर आती तो मेरी छोटी बहन को पढ़ाती फिर अम्मा के साथ बैठ के बातें करती और फिर अगले दिन की तय्यारी रात मे कर के सो जाती मुझे लेट होने का शौक नही था सो मैं अपने कपड़े रात मे ही तय्यार कर के रख लेती थी

मगर मुझे वो दिन आज भी याद रहे गा वो मेरी ज़िंदगी का सबसे मनहूस दिन था वो दिन था सॅटर्डे का दिन अगले दिन छुट्टी थी मैं रोज़ी को पढ़ा के लेट गई थी काफ़ी थकि हुई थी मगर जाग रही थी कि कल तो सनडे है आराम से उठना था तो कोई टेशन नही थी

मैं और मेरी बहन रोज़ी हम एक कमरे मे लेट ते है और अम्मी दूसरे कमरे मे लेट ती है. वो कमरा मेरे कमरे से थोड़ी दूरी पे है उसके साथ ही किचन लगा हुआ है और बीच मे आँगन है मुझे थोड़ी प्यास लगी थी मैं उठी कि चलो पानी पी लू फिर आ के लेटुंगी

मैं जैसे ही अम्मी के कमरे के पास से गुज़री मुझे कुछ बातें करने की आवाज़ आई मेरे पैर रुक गये मैं चौंक गई कि ये अम्मी किससे बातें कर रही है मुझे लगा कि कहीं कोई भाई तो वापिस नही आ गया जिससे दिल के हाल बयान हो रहे हूँ ये सोच के मैं अम्मी के कमरे की तरफ बढ़ी ही थी कि मेरे पैर रुक गये मुझे आवाज़ जानी पहेचानी लगी |

अरे मेरे खुदा ये तो उस्मान अंकल की थी उस्मान अंकल मेरे अब्बू के दोस्त है और अक्सर घर आते रहेते थे अम्मी को वो बहन मानते थे मगर ये आवाज़ें मुझे परेशान कर गई थी मैने धीरे से अम्मी के कमरे की खिड़की से झाँक के देखा तो अंदर का नज़ारा ही कुछ और था मेरी अम्मी . (मैं कहना नही चाहती मगर कह रही हूँ )

पूरी नंगी लेटी थी और मेरे उस्मान अंकल उनके ऊपर ही लदे हुए थे ये देख के मैं शरम से पानी पानी हो गई मैं करूँ क्या मैं उल्टे पावं वापिस आ गई और अपने पलंग पे लेट गई तभी मुझे फिर से प्यास महसूस हुई क्यो कि पानी तो मैं पीना ही भूल गई थी मैं वापिस किचन मे गई और बिना आवाज़ किय मैने पानी पिया और

वापिस जाने लगी तो मेरा दिल बोला यार शाहीन अम्मी कर क्या रही हैं ये तो देख ले हो सकता है कि तूने जो देखा और जो समझा वो अलग अलग हो मैने भी ये ही सोचा तभी मुझे एक बात सूझी मैं फ़ौरन किचन के रौशन्दान पे चढ़ गई और अंदर देखने लगी

अंदर अम्मी बिल्कुल नंगी बेड पे लेटी थी और उस्मान अंकल उनके ऊपर लदे हुए थे उनका मोटा सा सामान काला काला मेरी अम्मी की पेशाब की जगह पे था मुझे आज ये मालूम है कि उनको क्या कहते है मेरा कहने का मतलब है कि अंकल का लंड मेरी अम्मी की चूत मे धसा हुआ था और अम्मी अपनी टाँगों को फैलाए

अंकल से लिपटी पड़ी हुई थी और अंकल उनकी चुदाई कर रहे थे यह खुदा ये मैं क्या देख रही हूँ अम्मी तो इनको अपना भाई कहती थी फिर ये सब क्या है मगर अब मुझे देखने मे मज़ा आ रहा था उस्मान अंकल कस कस के धक्के मार रहे थे और अम्मी उच्छल उच्छल के उनके धक्के अपनी कमर और चूत पे रोक रही थी

फ़चा फॅक की आवाज़ें पूरे कमरे मे गूँज रही थी अम्मी बड़े मज़े के साथ अपनी चूत को चुद्वा रही थी मैं देख के हैरान थी मैं उतरने को हुई तो देखा मेरे पीछे मेरी छोटी बहन रोज़ी खड़ी थी वो मुझे देख के मुस्कुरा दी मैं गुस्सा हुई .और चुप चाप उतर के कमरे मे आ गई पीछे पीछे वो भी कमरे मे आ गई

“ क्या हुआ बाजी ?? “

कुछ नही तू क्या कर रही थी वहाँ पे

अरे बाजी ये सीन तो मैं कई बार देख चुकी हूँ तुमको ही खबर नही है अम्मी तो कई लोगो के साथ ये करवाती है.

.क्या तू पागल तो नही हो गई है

नही बाजी मैं सच कह रही हूँ जब तुम घर पे नही होती तो अम्मी अपने यारों को बुला के ये सब ही तो करती है वरना इस घर का खर्चा कैसे चले “

मैने एक ज़ोरदार थप्पड़ उसके गाल पे रसीद कर दिया वो चुप चाप जा के बेड पे लेट गई मुझे खुद पे और सबसे ज़्यादा अपनी अम्मी पे गुस्सा आ रहा था कि वो ऐसा क्यो कर रही थी . मैं तो अम्मी को बहुत नेक औरत का दर्जा देती थी मगर मेरा विश्वास आज छलनी हो गया था

मेरी आँखों से ना जाने कब आँसू निकल आए और मेरे चेहरे पे बहने लगे थी मैने आज तक अपनी असमात (जवानी या इज़्ज़त ) का सौदा किसी के साथ नही किया मेरी कितनी ही सहेलियाँ अपनी चूत को दिखा कर मुझसे उँची जॉब पा चुकी थी मगर मेरे लिए मेरी इज़्ज़त ही सबसे बड़ी थी

मगर आज मेरी इज़्ज़त धूल गई थी क्या थी मेरी इज़्ज़त आज मैं एक धंधे वाली की बेटी बन गई थी . उस रात मैं सो नही सकी सुबह को मेरी आँखें सूजी हुई थी और रोज़ी भी मुझसे नाराज़ थी

मैं जल्दी ही उठी और अपने लिए कॉफी बनाके कमरे मे आ गई शायद अम्मी को रोज़ी ने बता दिया था तभी अम्मी मेरे कमरे मे दाखिल हुई और मुझे देख के बोली “ शाहीन “

जी अम्मी ?? “ मैने उनकी तरफ़ देख के बोला मेरा मन नही कर रहा था कि मैं उनसे बात भी करूँ मगर मैं उन्हे दिखाना नही चाहती थी कि मैं नाराज़ हूँ . आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | रोज़ी बता रही थी की तुमने कल रात कुछ देखा और उससे बहुत परेशान हू “ मैं खामोश रही अम्मी ने फिर बोलना शुरू किया “ देखो बेटी जब तुम्हारे अब्बू का इंतेकाल हो गया और बच्चों की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर आई तो मैं बहुत परेशन हो गई .और कई लोगो से मैने सहारे की कोशिश करी मगर अकेली औरत पे सिर्फ़ लोग बुरी नज़र डालते है हेल्प कोई नही करता मेरे साथ भी ये ही हुआ मैं ज़माने की मार को सह ना सकी और तुम्हारी परवरिश के आगे मुझे अपनी इज़्ज़त का सौदा करना पड़ा फिर जब एक बार मैने सौदा किया तो फिर तो

मेरी हिम्मत भी बढ़ गई और आमदनी का एक ज़रिया भी खुल गया मैं तुमको क्या बताऊ मैं कैसे कैसे लोगों के साथ सोती आई हूँ मगर आपने बच्चों पे ये साया मैं पड़ने नही देना चाहती थी तभी मैने आज तक शादी नही की और तुमको आज तक पता नही चला कि मैं क्या कर के पैसे कमाती हूँ तुम लोग कभी जान ही नही पाई

मैं हर कदम पे अपने जिस्म को बेचती रही और तुम लोगों के लिए रोज़ी रोटी का इंतेज़ाम करती रही मगर तुमने कभी कुछ नही पूछा मगर आज तुम्हारी मा की हक़ीक़त तुम्हारे सामने आ गई है तो तुम मुझसे परेशान हो रही हो “ मैने कोई ग़लत काम नही किया है अब तुम मुझे बताओ क्या मेरी जगह तुम होती तो तुम क्या करती बच्चो का गला दबा देती या उनको कुएँ मे फैंक देती “

ये सब बातें आज मैने पहली बार सुनी थी मेरी आँखों मे आँसू आ गये और मैं अम्मी से लिपट के खूब रोई फिर मैने उनको माफ़ कर दिया और हम दोनो आराम से बैठ गये और . बातें करने लगे तब अम्मी ने मुझे बताया कि वो किस किस के साथ सो चुकी हैं मैं अब जान गई थी कि अब कोई अच्छी फॅमिली का लड़का तो मुझसे शादी करेगा नही सो मुझे ऐसे ही मनी कमानी चाहिए ये ईज़ी मनी है

मैं इसे आसानी से कमा भी सकती हूँ और ज़्यादा मगज मारी करने की भी ज़रूरत नही है ये सोच के मैं आराम से थी तभी रोज़ी आ गई और अम्मी ने मुझे और रोज़ी को मिलवाया और हम दोनो बहने गले लग गयी मैं काफ़ी खुश थी फिर हम सबने खाना खाया और रात को अम्मी दुबारा उस्मान अंकल के साथ चुदि .

उस दिन हम दोनो बहनो ने देखा आज मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं सोचने लगी कि आम्मि की तो उमर भी हो रही है फिर भी कैसे मज़े ले लेती है और हमारी तो उमर है मज़े लेने की तो हम नही ले पा रहे है मैने रोज़ी से कहा “ रोज़ी मेरी बहन ये अम्मी कितने मज़े लेती है क्या हमे ऐसा नही करना चाहिए |

बाजी आप ने ही मज़े नही लिए होंगे मैं तो ये काम बहुत पहले कर चुकी हूँ “ क्या “ ( मैं सबसे पीछे रहे गई थी . चुदाई के मामले मे “ ) मैं उसे हैरत से देख रही थी तब उसने मुझे उसके और युसुफ के बारे मे बताया उसकी सहेली का भाई था जो उसे कई बार चोद चुका था मेरा ये सुन के बुरा हाल हो गया था |

अब मुझे भी चुद जाना चाहिए था ये सोच के मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी मगर मुझे शरम बहुत आ रही थी मैने अम्मी से कहा कि मैं भी अपना अकाउंट ( चूत मरवाने का ) खुलवाना चाहती हूँ तो अम्मी ज़ोर से हँसी और बोली

अगर तू कहे तो मैं तेरे लिए किसी रईस आदमी का इंतेज़ाम कर दूं जो खूब सारे पैसे देगा और मज़ा भी देगा मैने हां कर दी तब अम्मी ने एक शहेर के व्यापारी से बात की और मेरी चुदाई का दिन तय हो गया अगला सॅटर्डे मेरी चुदाई का दिन तय हो गया था
मैं आप लोगों को बता दूं मैं एक नॉर्मल लड़की हूँ मेरी हाइट 5’5” है और मेरा फिग साइज़ 34”27”32” है मेरी चुचियाँ कुछ ज़्यादा ही बड़ी है जिनको देख के मुझे खुद शरम आती है मुझसे ज़्यादा रोज़ी मुझे ले के खुश थी उसने मुझे तय्यार किया और पूरे हफ्ते वो मुझे ब्लू फिल्म की सीडी दिखाती रही मैने कई तरह से चुद्ना देख लिया था और ये ही मुझे उस व्यापारी के साथ करना था |

मैं अपनी तरंग मे डूबी शाम को सोई अगले दिन सॅटर्डे था मैं तैयार होकर बताई गई जगह पे पहुँच गई वो एक फार्म हाउस था वहाँ मुझे एक गार्ड अंदर ले गया मैं वहाँ एक लोन मे पड़ी कुर्सी पे बैठ गई . बहुत बड़ा बंगला अंदर बना था नौकर चाकर दिखाई नही पड़ रहे थे शायड छुट्टी पे होंगे

थोड़ी देर मे एक आदमी के आने का एहसास मुझे हुआ मैने मूड के देखा तो एक बड़ी सी उमर का एक आदमी मेरे सामने खड़ा था उसकी उमर लगभग 52-53 साल की रही होगी मोटा सेठ था उसने मुझे भूखे भेड़िए की नज़र से देखा मैं अंदर तक काँप गई ये क्या अम्मी ने मेरे साथ बहुत ग़लत किया . ऐसा आदमी ये तो मेरे बाप से भी बड़ी उमर का है ये सोच के मैं गुस्सा सी हो रही थी . तभी वो मेरे पास आ गया और बोला . “

हेलो मिस शाहीन मैं मस्ताराम इंडस्ट्रीस का मलिक हूँ आप को देख के मुझे बहुत खुशी हुई है “ “ जी. म्‍म्म मुझे भी “ “ आप घबराईय नही. मैं लड़कियों का कदरदान हूँ आप को यहाँ किसी किसम की दिक्कत नही होगी “ आप मेरे साथ आइए “ मैं उनके साथ चल दी

अंदर बहुत बड़ा हॉल कमरा था उसने कमरे के छोर पे सोफे पे बैठने को कहा मैं बैठ गई फिर उसने मुझे एक पेग बना के दिया मैने कसमसा के पीलिया. बड़ा आजीब सा स्वाद था फिर वो मेरे सामने मुझसे आजीब आजीब सी बातें करते हुए पीता रहा फिर उसने मुझे कमरे मे चलने को कहा मैं उसके साथ साथ चल दी मैं उस दिन ब्लॅक ड्रेस पहेने हुए थी ब्लॅक जम्पर और सलवार उसने मुझे अपनी बीवी का कबाड़ दिखाया और बोला इसमे से कुछ पहेन लो ये सब टाइट फिट है मैने वैसे ही किया उसका दिया हुआ ड्रेस मैने पहेन लिया क्यो कि सेक्सी ड्रेस मेरे पास तो थे ही नही सो

उसे मैं अच्छी नही लग रही हूँगी जो उसने ड्रेस दिए उसने मेरे शरीर का एक एक भाग देखाई पड़ने लगा वो ऑफ वाइट ड्रेस थी मेरी चुचियाँ उसने खूब उभर के आई थी और मेरे चूतड़ कस गये थे ये एक मिडी विथ ऊपर थी उसके नीचे स्लॅक्स पहेना जाता होगा

मगर उसने मुझे स्लॅक्स नही दिया था मेरी गोरी गोरी टाँगे नीचे नज़र आने लगी थी मिडी मेरी घुटनो के उपर ही ख़तम हो गया था और मेरी नरम नरम टाँगे दिखने लगी थी तभी वो मेरी चुचियों को देख के बोला “ आरे शाहीन तुम्हारी संतरे तो बहुत रसीले है मुझे चूसने दोगि “

मैं ऐसी बातें करने की आदि नही थी मुझे शरम आ रही थी लेकिन मैं उसे सेक्स भी करना चाह रही थी मैने मुस्कुरा के उसको देखा वो मुस्कुराता हुआ मेरे करीब आया और मेरी दाईं चुचि को पकड़ के ऊपर से ही दबाने लगा मेरा सारा शरीर मचलने लगा मैं तड़प सी गई थी क्यो कि आज मेरी चुचियों को किसी मर्द का पहेली बार हाथ लगा था | आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मेरा दिल ज़ोरों से धड़कने लगा था तभी उसने मेरी कमर मे हाथ डालके मुझे अपनी ओर खींच लिया मैं उसे चिपक गई मेरा मेरा चेहरा उसके चेहरे के पास आ गया था उसकी गरम सांसो को मैं अपने चेहरे पे महसूस कर सकती थी तभी उसने अपने एक हाथ को मेरे चुतड़ों पे ले जा के मेरे एक तरफ के चूतड़ को दबाने लगा और मिडी उठा के मेरी पैंटी मे अपना हाथ पीछे से डाल दिया.

मैं उसे चिपक गई वो मेरी बाप की उमर का ज़रूर था मगर उसका शरीर खूब गाथा हुआ था मैं उसे किस करने लगी मैं मचल रही थी वो मुझे अपनी आगोश मे लिए चूम रहा था मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी लेकिन तभी मुझे दर्द महसूस हुआ उसने अपनी एक उंगली मारी गान्ड मे घुसेड दी थी ईईईईईईई आआआआआ ये क्या कर रहे हू मैं उसे चिल्ला के बोली “ अरे रानी ये तुम्हारी गांद तो बड़ी मस्त नज़र आ रही है मैने उसे कहा ये मुझे अच्छा नही लग रहा है मैं ये सब तो पहले ही पॉर्न मूवी मे देख चुकी थी मगर मुझे उसको ये दिखाना था. कि मैं एक कुवारि शर्मीली लड़की हूँ उसने मेरे साथ सेक्स करने के मेरी अम्मी को 100000 रुपये दिए थे और मुझे उसके साथ अब पूरे 3दिन गुज़ारने थे |

यानी सारी रातें और सारे दिन मुझे सिर्फ़ उसके साथ चुद्ना था और कुछ नही अब वो मेरी ऊपर बढ़ा और मेरी ड्रेस को खोलने लगा मैने बिना विरोध के अपने कपड़े उतार लेने दिए और मैं अब बिल्कुल नंगी हो गई थी नंगी होने की कला मुझे रोज़ी ने खूब सिखा दी थी .

मैं नंगी होने के बाद उसके कपड़े खोलने लगी और थोड़ी देर मे ही मैने उसको भी नंगा कर दिया और हम दोनो अब मज़े से एक दूसरे के जिस्मो से खेलने लगे उसके सीने पे लगभग सारे बाल सफेद हो गये थे मगर उसका सीना बहुत चौड़ा था मैं उसके सीने पे हाथ फेर के उसे किस करने लगी उसने मुझे रोका और मेरी चुचियों को अपने हाथो मे ले के दबाने लगा |

आगे की कहानी जल्द ही लिखूंगी .. अगर आपको कहानी अच्छी लगी तो शेयर करें |

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मम्मी को पापा के बॉस ने चोदा ( Mummy Ko Papa Ke Boss Ne Choda )

हेल्लो दोस्तों मैंने अभी अभी कुछ दिन पहले मस्ताराम डॉट नेट के बारे में सुना और पढ़ना सुरु किया अभी मेरी उम्र १८ साल नहीं है पर मुझे सेक्स का ज्ञान बहुत ज्यादा है | मेरी ये कहानी मेरी मम्मी की चुदाई के बारे में मुझे उम्मीद है की आप सभी को मजे से भर देगी मम्मी को पापा के बॉस ने चोदा जो मैंने अपनी आखो से देखा और आप सभी को सूना रहा हूँ | आज मै मम्मी की पापा के बॉस के साथ चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हू वो बिलकुल ही सच्ची कहानी है. मेरी मम्मी रागिनी जिसकी उमर 45 साल के है एक बेहद खूबसूरत और सेक्सी औरत है. उसका रंग गोरा और चेहरा हसमुख रहता है. वो हमेशा साडी-ब्लाउझ पहनती थी लेकिन उन कपडो मे उसका सेक्सी बदन और भी झलकता था.

उसकी चुचिया किसी पपीते की तरह मोटी और सुडौल थी. उसका मुलायम चिकना पेट और उसपर सेक्सी सी नाभी उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगाती थी. उसके चुतड मोटे और फैले हुए थे जो चलते समय ऐसे मटकते थे की नजर नही हटती. पापा एक कम्पनी मे काम करते है. पापा अपने बॉस की तारिफ करते रहते थे. मै भी उनके बॉस से एक बार मिल चुका था जब मै पापा से मिलने उनके ऑफिस मे गया था. वैसे वो कोई खास अच्छा नही लगे थे |

ये उन दिनोकी बात है जब मेरी कॉलेज शुरु हुई थी. एक दिन शाम को पापा का बॉस पापा के साथ घर आए. पापा ने बताया की उन्हे किसी जरुरी कंपनी के काम के लिए अहमदाबाद जाना पडेगा और बॉस उन्हे घर तक छोडने आए थे. पापा निकलने लगे की अचानक जोर की बारिश शुरु हुई. पापा ने बॉस से कहा “सर, ऐसा कीजिए, मै टॅक्सी लेकर आगे चला जाऊन्गा, आप खाना खाकर यही रुक जाना, बारिश बहुत तेज है, ऐसी हालत मे गाडी चलाना ठीक नही होगा बॉस ने थोडी ना नुकुर की तो मम्मी ने भी कहा की आप यही रह जायिये कल चले जाए. मम्मी की बात से बॉस मान गए और पापा निकल गए. कुछ देर TV देखने के बाद मम्मीने आवाज दी की खाना लग गया है |

हम दोनो डायनिन्ग टेबल पर बैठे, मम्मी खाना परोसने लगी. बॉस ने कहा भाभी आप भी बैठ जाईए, और कीतनी देर करोगी, साथ मे खाना खा लेन्गे. मम्मी हिचकीचाई लेकिन फिर वो भी हमारे साथ बैठकर खाना खाने लगी. मै टेबल के एक साईड मे बैठा था और बॉस और मम्मी दूसरी तरफ. मुझे कुछ गडबड महसूस होने लगी, मम्मी बॉसकी तरफ बडे प्यारसे देख रही थी, वो भी बात तो मुझसे कर रहे थे लेकिन नजरे मम्मीपर टिकी हुई थी. मै जानबूझकर खाना खाते समय मेरा चम्मच निचे गिरा दियाअ और टेबलके नीचे झुक गया. चम्मच उठाआते समय जो देखा मेरा दिमाग सुन्न हो गया. बॉस मम्मी के पेट को और उसके बूब्स को साडी के उपर से सहला रहे थे और मम्मी भी उनका साथ दे रही है.

खाना खाने के बाद मै अपने रूम मे चला गया और बॉस गेस्ट रूम मे. लेकिन मै ताक मै जागता रहा की बॉस अब क्या करते है. मेरा शक सही निकला. रात के १०:०० बजे बॉस अपने रूम से निकल कर मम्मी के रूम मे गये और उन्होने दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया. मै भी उनके रूम के वेन्टिलेटर से झान्ककर देखने लगा.

मम्मी अपने बेड पर चुपचाप बैठी थी. वो बेड पर बैठ गये और उन्होने मम्मी का हाथ पकडकर उसे अपनी तरफ खीन्च लिया. रूम मे एक नाईट लॅम्प जल रहा था और लगभग अन्धेरा ही था. मम्मी ने उनसे बाथरूम जाने को कहा और बाथरूम चली गयी. बाहर आते ही बॉस ने मम्मी को दीवार के सहारे खडा कर दिया और मम्मी के होटो को चूमने लगे. वो बडे प्यारसे मम्मी के होटोको चूसने लगे और मम्मी की जुबान को अपने मुह मे ले कर चूसने लगे. मम्मी एक दम पागल सी हो रही थी जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा हो.

मै अब मेरी सेक्सी मम्मी की रासलीला देखने के लिये बेताब हो रहा था. पता नही क्यू अपनी मम्मी को दूसरे मर्द के साथ देख कर मै बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रहा था. बॉस मम्मी का चुम्बन ले रहे थे और उनके हाथ मम्मी के पीठ पर चल रहे थे. उन्होने मम्मी को अपने बाहो मे कस लिया और मम्मी उनसे एकदम चिपक गयी. बॉसके गरम बदन और सान्सो को शायद मम्मी मह्सूस कर रही थी. फिर उनका बाया हाथ मम्मी की कमर पर आया और फिर मम्मी के बायी चूची पर आ कर रुक गया.

मेरी सान्स तेज हो रही थी, मम्मी पूरी तरह से कान्प गयी और कसमसाकर उनको हटाने की एक नाकाम सी कोशिश की, पर उन्होने मम्मीको ऐसे कस कर दबोचा हुआ था की मम्मी अपने आप को छुडा न सकी. उन्होने मम्मी के चेहरेको अपने हाथो मे लिया और मम्मी का निचला होट चूसने लगे |

अब मम्मी भी गरम होने लगी. बॉस ने मम्मी के हाथ को पकड कर अपने कन्धे पर रखा, मम्मीनेभी बडे प्यारसे उन्हे बाहोमे ले लिया. अब मम्मी की चुचिया उनके छाती से एक दम सट गयी. मम्मी तो जैसे पूरी तरह से खो गयी. फिर उन्होने मम्मी को दीवार की तरफ मुह करके खडे होने को कहा. मम्मी ने अपना मुह दीवर की तरफ कर लिया, मम्मी की पीठ उनकी तरफ थी. उन्होने फिर मम्मी के चूची पर हाथ रख और मम्मी के कान के नीचे जीभ से चाटने लगे. मम्मी तो जैसे एक दम पागल सी होने लगी. फिर धीरेसे उन्होने मम्मी की गर्दन पर हलकेसे काटना शुरु कर दिया और मम्मी आहे भरने लगी.

उन्होने मम्मी से कहा “रागिनी मेरी जान, तू बहुत नमकीन है, आय लव्ह यू”  मम्मी सिर्फ ‘सर……सर……’ ही कह सकी. मैने मह्सूस किया कि मम्मी के गान्ड के बीचो बीच उनका गरम लन्ड सटा हूआ था. उन्होने कब अपना अन्डरवेअर उतार दिया मुझे जोश मे पता भी नही चला. मम्मी ने अपनी गान्ड को उनकी तरफ कर किया ताकी उनका लन्ड ठीक से ॲड्जस्ट हो सके. मम्मी अभी सिर्फ पेटिकोट और ब्लाउझ मे थी. बॉसके हाथ अब धीरे धीरे मम्मी के साये के नाडे पर आ गया. उन्होने मम्मी को किस करते हुए एकही झटके मे पेटिकोट के नाडे को खोल दिया. मम्मी का पेटिकोट सरक कर नीचे जमिन पर गिर गया. मम्मी ने पॅन्टी नही पहनी थी.

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अब मम्मी की नन्गी गान्ड पर उनका लन्ड लगा हूआ था. मै इतना जोश मे आ गया था की मेरे लन्ड से पानी भी छूट गया थ. मै बॉस का लन्ड देखना चाहता था लेकिन मेरा मुह तो उनके पीठ की तरफ था. फिर बॉस ने मम्मी का ब्लाउझ उतारने के बाद पिछे से मम्मी की ब्रा के हूक खोल दिये और एक झट्के से मम्मी की ब्रा को उतार कर फेन्क दिया. मै उमन्ग से लाल हो गया. पहली बार किसी मर्द के सामने मम्मी एक दम नन्गी हो गयी थी. फिर बॉस ने पीछे से मम्मी के बूब्स को दोनो हाथो मे पकड लिया और मसलने लगे. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

जैसे ही उन्होने मम्मी की निपल्स को मसलना शुरु किया तो मम्मी सिस्कारिया भरने लगी. बॉस ने मम्मी को दीवार के सहारे और दबा दिया. मम्मी की गान्ड पर उनका लन्ड सता हुआ था और मम्मी क दोनो बूब्स उनकी मुठठी मे थे. वो उन्गली और अन्गुठए से मम्मी के निपल्स को बेदर्दी से मसल रहे थे. मम्मी तो जैसे जोश मे एक दम पागल सी हो रही थी.

१० मिनट बाद वो मम्मी को पकडकर बेड के पास ले गये और बेड पर बैठने को कहा. मम्मी बेड पर बैठ गयी. उन्होने लाईट ओन कर दी. जैसे ही रोशनी हुई मम्मी अपने बदन को छुपाने के लिये चादर को खीन्च कर अपनी तरफ करने लगी तो उन्होने वो चादर भी खीन्च कर फेन्क दी. मै पहली बर मम्मी को नन्गा देख रहा था. मम्मी की बुर दिखने से कुवारी लडकी की बुर जैसी दिखती थी. एक दम मस्त चूचिया भी कमाल की थी. मम्मी एक कबूतरी की तरह शिकारी के जाल मे थी और बॉस मम्मी को उपर से निचे तक निहार रहे थे.

उनका मोटा और लम्बा तना हुआ लन्ड मम्मी के सामने था. मुझे देख के साफ पता चल रहा था की उनका लन्ड ८ इन्च लम्बा और करीब २ इन्च मोटा है और मै यही समझता था की सभी मर्दो का लन्ड भी लगभग इतना ही बडा होता होगा, लेकिन उनका लन्ड तो बहुत ही मोटा और लम्बा था. मै उनके लन्ड को देख कर हैरान रह गया.

उन्होने मम्मी के हाथो को पकड कर अपने लन्ड पर रख दिया और बोले, “पता है यह ८ इन्च लम्बा, और ३ इन्च मोटा है.” मम्मी तो एक दम जोश मे थी जैसे उनके मन की मुराद भी पूरी हो रही थी. मम्मी ने तुरन्त ही उनका लन्ड हाथ मे पकडा और सहलाने लगी.

मै सोचने लगा की इतना मोटा और लम्बा लन्ड मम्मी के बुर और गान्ड मे कैसे जायेगा. थोडी ही देर मे उनका लन्ड पूरी तरह तन गया. मम्मी भी जोश से अपने आपको काबु मे नही रख पा रही थी और बोली,

सर, प्लीझ जल्दी कुछ कीजिये ना नही तो मै पागल हो जाउंगी.” बॉस मम्मी के ऊपर से हट गये और बेड से निचे उतर कर खडे हो गये. उन्होने मम्मी की गान्ड को बेड के किनारे पर रख दिया और वो मम्मी की टान्गो के बीच आ कर खडे हो गये. मम्मी बेड पर आधी लेटी हुई थी और पैर जमिन पर थे.

उन्होने मम्मी के पैर हाथो से पकड कर फैला दिये और अपने लन्ड की टोपी मम्मी के बुर के बीच मे रख दी और एक झटका दिया. मम्मी ‘आआह्ह्ह्ह्ह’ कर के चिलाई, मै समझ गया की मम्मी की बुर मे बॉस का लन्ड प्रवेश कर चुका है .

मैने देखा की बॉस ने अब एक जोर का झटका मारा और उनका आधा लन्ड मम्मी की बुर फाडता हुआ अन्दर घुस गया. मम्मी दर्द से चिल्ला उठई,
“उई मा……..मर.. जाउंगी……..मै…..आह्ह्ह…. सर…रुक जाइये…..प्लीझ .. .” मम्मी कराहने लगी तो वो रुक गये और अपने लन्ड को मम्मी के बुर से बाहर निकाल लिया. उन्होने मम्मी के गान्ड को उठा कर एक तकिया निचे रख दिया.

अब मम्मी की बुर थोडी और उपर हो गयी. वो मम्मी के उपर झुक गये और मम्मी के होठो को अपने मुह मे ले लिया. फिर उन्होने अपने लन्ड की टोपी मम्मी के बुर के बीच रखा और एक जोरदार धक्का मारा. मम्मी की चीख निकलते निकलते रह गयी क्यू की बॉस ने मम्मी के होठो को अपने होठो से दबाकर रखा था.

मम्मी दर्द से करह उठी तो वो रुक गये. उनका आधा लन्ड घुस चुका थ. २-३ मिनट तक मम्मी के ऊपर लेटे रहने के बाद उन्होने धीरे धीरे लन्ड को अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया. मम्मी अभी भी दर्द से कराह रही थी.

बॉस फिर रुक गये और मम्मी के होठो को चूसने लगे. अचानक उन्होने एक जोरदार धक्का दिया. उनका लन्ड सनसनाता हुआ मम्मी के बुर मे और ज्यादा अन्दर तक घुस गया. मम्मी चिल्लाने लगी. वो बोले,
रागिनी, मेरी जान अभी तक तो ये ६ इन्च ही अन्दर घुसा है और तुम इतना चिल्ला रही हो”

मम्मी ने उनसे रुक जए को कहा लेकिन वो नही रुके और मम्मी को तेजी से चोदने लगे. बिजली की तरह उनका लन्ड मम्मी के बुर मे अन्दर बाहर होने लगा. जैसे ही मम्मी की चीख कुछ कम होती वो एक धक्का ज़ोर से लगा देते और मम्मी फिर चीख पडती थी. कुछ देर तक वो इसी तरह चोदते रहे. धीरे धीरे उनका पूरा लन्ड मम्मी के बुर की गहरायी तक जगह बना चुका था और तेजी के साथ अन्दर बाहर हो रह था. मम्मी दर्द से तडप रही थी. ८-१० मिनट के बाद मम्मी को भी मज़ा आने लगा.

मम्मी ने अपने हाथ उनकी कमर पर कैन्ची की तरह कस दिये और अपनी गान्ड उठा उठा कर उनका साथ देने लगी.बॉस खुश होकर बोले, “शाबाश मेरी रागिनी, अब तो तुझे चुदवाना आ गया.” वो मम्मी को लगभग १५-२० मिनट तक चोदते रहे. इस दौरान मम्मी ३-४ बार झड चुकी थी और वो थे की रुकने का नाम ही नही ले रहे थे. वो मम्मी के ऊपर से हट गये और मम्मी को घोडी की तरह बन जाने को कहा.

मम्मी उठ कर जमीन पर आ गयी और घोडी की तरह हो गयी. उन्होने मम्मी की कमर पकड कर अपना लन्ड पीछे से मम्मी के बुर मे दाल दिया. मम्मी फिर दर्द से कराहने लगी पर उन्होने मम्मी को समझाया की बाद मे मज़ा आयेगा. य़े चोदने की सब से अच्छी स्टाईल है. कुछ ही देर मे मम्मी का दर्द जैसे कम हो गया और मम्मी को मज़ा आने लगा.

मम्मी अब अपनी गान्ड को ढकेल कर कर के ताल से ताल मिलने लगी. १०-१५ मिनट के बाद वो मम्मी के बुर मे ही झड गये. वो दोनो साथ ही साथ जमीन पर ही लेट गये. बॉस मम्मी को प्यार से चूमने लगे.कुछ देर बाद उन्होने कहा, “रागिनी, और मज़ा दोगी”  मम्मी मानो उनकी गुलाम बन गई थी, उसने अपना सर हा मे हिला दिया. तब बॉस ने अपना लन्ड, जो की फिर खडा हो गया था मम्मी के हाथ मे दे दिया. मम्मी उसे प्यारसे सहलाने लगी. थोडी देर बाद उनका लन्ड एक दम गरम लोहे की तरह हो गया. उन्होने अपने मुह मे मम्मी की बायी चुची ले ली और दायी को मुठी से कस कर दबाने लगे.

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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मम्मी की चुत में नौकर का मोटा लौड़ा देखा फिर तो | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mummy-ki-chut-me-naukar-ka-mota-lauda-dekha.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mummy-ki-chut-me-naukar-ka-mota-lauda-dekha.html#respond Tue, 30 Jan 2018 01:51:30 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11836 यह मेरी सच्ची कहानी मम्मी और नौकर के बिच चुदाई की है मैंने मम्मी को नौकर से चुदवाते देखा अब मुझे देख के इतना मज़ा आया की मै खुद भी झड़ गया |

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मम्मी की चुत में नौकर का मोटा लौड़ा देखा फिर तो
( Mummy Ki Chut Me Naukar Ka Mota Lauda Dekha )

मेरा नाम है विपुल और मेरी मम्मी का नाम है शैला, मेरी मम्मी की उम्र कुछ ४४ साल है थोडी हेल्दी टाईप की है, लेकिन उसके थोडेसे मोटापे की वजह से उसका बदन बहुत गदराया और सेक्सी लगता है. वो अक्सर स्लीव्हलेस ब्लाउज पहनती है जिसमे उसकी चुचिया बहुत उभर कर आती है. कई बार उसकी साडी ढोढ़ी नीचे पहनी होती जिससे उसका फुला हुआ मुलायम सेक्सी पेट और उसकी लुभावनी ढोढ़ी देखने के लिए मै तरस जाता था. मैने उसकी ब्रा देखी है, जिसका साईझ ४० सी है |

तो आप अन्दाजा लगा सकते है कि कितने बडे मम्मे होगे उसके कभी-कभी वो जब झुक जाती थी तो उसके चूचो के बीच की खाई मुझे पागल कर देती थी मम्मी की गांड भी काफी बडी है और जब वो चलती है तो उसकी गांड खूब मटकती है | हमारे घर मे एक नौकर है जिसका नाम है प्रह्लाद. उसकी उमर लगभग २४-२५ साल है और वो काफी मजबूत कद का जवान है | एक दिन मै कॉलेज से वापस आया तो किचन से मम्मी की आवाज आ रही थी, वो प्रह्लाद से बाते कर रही थी.

दरवाजा खुला ही था तो मै बिना दरवाजा खटखटाए अन्दर चला गया. मै वैसे तो कॉलेज से आनेपर सीधा अपने कमरेमे जाता हू लेकिन उस दिन मुझे पता नही क्या सूझा, मैने किचन मे झान्क कर देखा तो प्रह्लाद जमीन पर बैठा था और उसके सामने सब्जी की थाली थी. मम्मी उसकी तरफ पीठ कर के खडी थी और कुछ पका रही थी. उसने एक गाऊन पहना था जो स्लीवलेस था |

उससे मम्मी की गोरी बाहे खूब सुन्दर लग रही थी. प्रह्लाद सब्जी काटने के बजाए मम्मी की गांड देख रहा था, मम्मी काम करते वक्त हिल रही थी जिससे उसकी गांड बहुत सेक्सी तरीके से थिरक रही थी. प्रह्लाद अपने पैंट के उपर से अपने लन्ड को पकड कर हिला रहा था. मैने ये सब देखा और अपने कमरे की तरफ चला गया.

कुछ दिन बाद मम्मी ने मुझे प्रह्लाद को बुलाने के लिए कहा. मै हमारे घर के पीछे प्रह्लाद का कमरा था वहा गया और उसका नाम पुकारा लेकिन कोई जवाब नही मिला. मुझे लगा कि वो शायद सो गया है इसलिए मै उसके कमरे का दरवाजा खोलकर अन्दर गया. उसके बाथरूम से आवाज आ रही थी तो मै समझ गया कि वो बाथरूम मे है |

इसलिए मै जाने के लिए मुडा तभी मैने उसके बिस्तर पर देखा और मुझे शॉक लगा. उसके बिस्तर पर एक मरून कलरवाली पॅन्टी पडी थी, मै उसे देखकर ही पहचान गया कि वो मम्मी की थी. मैने वो पॅन्टी उठाई तो उसपर कुछ चिपचिपासा लगा था, यकीनन वो प्रह्लाद का वीर्य था. साला हरामी मेरी मम्मी की पॅन्टी लेकर मूठ मार रहा था. मुझे उसका गुस्सा भी आया और एक अजीब सी सनसनी शरीर मे दौड गई. प्रह्लाद मूठ मारते वक्त क्या सोच रहा होगा, कैसे वो मम्मी का खूबसूरत बदन अपनी आन्खो के सामने ला रहा होगा यह सोच कर मेरे लन्ड मे एक करन्ट लगा और वो खडा होकर डोलने लगा. मै वहा से चला गया. कुछ समय बाद प्रह्लाद घर मे आकर अपना काम करने लगा.

लेकिन उस दिन से मैने प्रह्लाद नजर रखना शुरु किया. मैने देखा कि कई बार उसकी नजर मम्मी की गांड और बूब्स पर टिकी रहती थी. सबसे हैरत वाली बात यह थी कि मम्मी ने भी उसे कभी टोका नही.

मुझे यकीन है कि उसे भी उसकी नजर पता चली होगी. शायद मम्मी भी उस नजर को पसन्द करती होगी. एक-दो बार तो काम करते वक्त मैने प्रह्लाद को मम्मी की बडी गांड को पीछे से धीरे से सहलाते हुए पकडा. लेकिन मम्मी की तरफ से कोई रिॲक्शन नही था. मुझे लगा कि इन दोनो के बीच मे जरूर कुछ चल रहा है. फिर मैने उन दोनो को डबल मिनिन्ग मे बात करते हुए सुन लिया.

एक दिन प्रह्लाद केले ले आया तो मम्मी बोली ये क्या लाये हो, तुम्हे पता है ना मुझे लम्बे और मोटे केले पसन्द है और फिर दोनो हसने लगे. ऐसी बाते सुनकर मुझे यकीन होने लगा की दोनो मे कुछ चल रहा है. मम्मी का अब कपडे पहनने का तरीका भी बदला हुआ था. मैने नोटिस किया कि मम्मी अब ब्रा नही पहनती थी और उसके निप्पल उसके झीने ब्लाउज से साफ झलकते थे.

उसके ब्लाउज काफी टाईट हुआ करते थे जिससे उसके बूब्स का शेप उभरकर आता था और ज्यादा सेक्सी लगता था. ऐसा लगता था मानो वो जानबूझ कर अपने उभरे हुए मम्मो का प्रदर्शन करवा रही हो.

एक बार मुझे कुछ छुटटी थी मै मेरे कमरे मे था (जो पहली महल्ले था). मम्मी-पापा का बेडरूम नीचे वाली महल्ले था. किचन भी नीचे था तो मम्मी अक्सर नीचेही रहती थी. उस दिन दोपहर का खाना खाने के बाद मै उपर मेरे कमरे गया, जाते जाते मम्मी को बोल के गया कि मेरे सिर मे दर्द है और मै सोने जा रहा हू. मम्मी ने कहा ठीक है बेटा सो जाओ. मै उपर जाकर लेट तो गया लेकिन काफी देर बिस्तर पर करवटे बदलने के बाद भी मुझे नीन्द नही आइ. दर्द भी ज्यादा हो गया था, तो मैने सोचा कोई गोली ली जाए.

मै नीचे जाने लगा तभी मुझे सीढियोपर मम्मी की आवाज आई

“प्रह्लाद यह क्या बद्तमीजी है”

प्रह्लाद बोला “मालकिन, ये बद्तमीजी नही बल्कि प्यार है, और मै जानता हू आप भी प्यार की भूखी हो.”

मम्मी बोली “अभी जाओ अपने रूम मे मेरा बेटा उपर है…”

इसके पहले मम्मी कुछ और कहती उसकी आवाज जैसे गले मे फस गयी हो, मै थोडा सा आगे हुआ तो देख कि प्रह्लाद ने मम्मी को अपने बाहो मे लिया हुआ है और जबरदस्ती किस कर रहा है. मम्मी ने पहले तो कोशिश की खुद को छुडाने की लेकिन बाद मे उसकी कोशिश कम होती गै. अब प्रह्लाद मम्मी के होठ चूस रह था और गांड पर हाथ फेर रह था. मम्मी भी उसका साथ दे रही थी. कुछ देर बाद मम्मी बोली

“अब तुम जाओ, कही विपुल ना जाग जाए”

लेकिन प्रह्लाद मम्मी को छोडने को तैयार नही था, वो कभी मम्मी के बूब्स दबाता और कभी गांड. बडी मुश्किल से मम्मी ने उसको जुदा किया इस वादे पर कि वो रात को उसे अपने बेडरूम मे बुलायेगी.

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अब मुझे मम्मी का रात का प्रोग्राम पता चल गया, और मुझे भी देखना था मम्मी के साथ प्रह्लाद क्या गुल खिलाता है. तो मैने प्लान को थोडा और बढावा देने की सोचा. शाम को जब प्रह्लाद ने चाय-नास्ता परोसा तो मैने मम्मी को बताया कि मै अपने दोस्त के साथ उसके घर पर पढाई करने जानेवाला हू और रात को वही पर ठहरने वाला हू. ये बात सुनकर दोनोके चेहरेपर खुशी छा गई लेकिन मेरे सामने उन दोनो ने कुछ नही कहा.

लेकिन मम्मी ने प्रह्लाद की ओर हसकर इशारा किया जो मैने देख लिया. फिर एक बार तसल्ली करने के लिए उसने मुझे पूछा

“विपुल पक्का तुम रात वहा गुजारोगे? खाने खा कर जाओगे ना? ” तो मैने हा कह दिया. रात का खाना खा कर मै तैय्यार हुआ और बाहर निकल गया. थोडी देर तक बाहर टहलने के बाद मै सीधा घर के पीछे के रास्तेसे घर मे घुस गया और घर के छत पर चढ गया और रोशनदान से घर के अन्दर झान्कने लगा. अन्दर का नजारा साफ दिखाई दे रहा था. मैने देखा कि मम्मी ने एक साधारणसी साडी पहनी थी और पल्लु पूरी तरहसे लपेट लिया था, लेकिन जब वो चलने लगी तो मै हक्क बक्का रह गया कि उसने अन्दर ब्लाउज पहनाही नही था. वो एकदम टिपिकल बंगाली औरत के भेस मे थी, उसके बडे बडे गदराए मम्मे हिल रहे थे.

उसने एक बार पल्लु ठीक करनेके लिए उसे बाजूमे किया तो मेरी आन्खे फटी की फटी रह गई, उसने अन्दर ब्रा भी नही पहनी थी. उसके बडे वक्ष और उसपर भूरे कलर के गोल और उसपर सख्त हुए निप्पल…..कसम से, बहुत ही सेक्सी नजारा था.

तभी दरवाजेपर किसीने दस्तक दे दी तो मम्मी ने जाकर दरवाजा थोडाही खोला. बाहर प्रह्लाद को देखकर उसने मुस्कुराकर उसे अन्दर ले लिया. प्रह्लाद ने भी शायद मम्मी को इस अन्दाज मे नही देखा था. बगैर ब्लाउज और ब्रा की उसकी चुची देखकर प्रह्लाद का लन्ड खडा होने लगा. मम्मी ने उसे एक सेक्सीसा स्माईल दिया और की ओर चल पडी. प्रह्लाद उसकी तरफ देखता ही रह गया, उसे यकीन नेही हो रहा था कि उसकी सेक्सी मालकिन, जिसे पाने का वो सपना देखता था, जिसका बदन याद करके वो मूठ मारता था |

आज वो औरत उसके सामने बिना ब्लाउज और ब्रा पहने आई है. मम्मी जब बेडरूम की ओर मुडी तो मैने देखा कि उसकी गोरी पीठ पूरी तरहसे नन्गी थी, सिवा कन्धेपर जहापर साडी का पल्लु टिका हुआ था. वो जैसे चलने लगी तो उसकी गांड एक नशीली लय मे हिलने लगी. उसके नितम्बोका उभार साडी से साफ दिखाई दे रहा था, शायद उसने पॅन्टी भी नही पहनी थी.

उसके गोरे पैर साडी के नीचेसे दिखाई दे रहे थे. प्रह्लाद ने अपना हाथ अपने लन्ड पर ले जाकर सहलाया. उसके नसीब मे इतनी खूबसूरत औरत होगी इसका मुझे तो क्या उसे भी अन्दाजा नही होगा.अब ज्यादा समय गवाना उसने उचित नही समझा, हाथ आए मौके को वो छोडना नही चाहता था, उसने झट्से दरवाजा बन्द कर लिया और मम्मी को पीछे से जाकर पकड लिया और उसकी गोरी बाहो को और कन्धो को चूमने चाटने लगा. फिर उसने मम्मी से कहा, “हाय मेरी जान, अपना खूबसूरत जिस्म तो दिखाओ……..”

मम्मी तो जैसे तैयार बैठी थी, उसने तुरन्त साडी निकाल दी. मेरी अन्दाजा गलत था, उसने अन्दर एक बहुत ही छोटीसी काली पॅन्टी पहनी थी जो उसके गोरे बदन पर सेक्सी लग रही थी. उसके बडे मम्मे अब खुलकर सामने आ गए, उसके निप्पल भी काफी बडे थे. मम्मी के जिस्म का ये नजारा देखकर प्रह्लाद जैसे पागल हो गया और उसने मम्मी को बेड पर गिरा दिया और उस पर लेट कर पागलो की तरह उसके बूब्स चूसने लगा. मम्मी के वक्ष इतने बडे थे की उसके हाथ मे नही आ रहे थे.

किसी छोटे बच्चे की तरह प्रह्लाद मम्मी के मम्मे चूस रहा था और दूसरे हाथ से दुसरे वक्ष को मसल रहा था. कभी वो निप्पल्स को चबाता था, तो कभी दोनो वक्षोको बीच मे खीन्च कर उन्हे एक साथ मुह मे लेने की कोशिश करता था. फिर उसने मम्मी के पेट को चाटते हुए उसकी कमर तक गया और उसकी टान्गो के बीच बैठ कर बोला

“चलो मेरी जान, अब अपनी पॅन्टी उतारो” मम्मी ने शरमसे अपना मुह ढक लिया. प्रह्लाद बोला

“अरे मेरी रानी, ऐसे शरमाओगी तो मजा कैसे लोगी, चलो जल्दी उतारो” मम्मी ने कहा

“हट बेशरम, मै नही ……..तुमही उतारो” फिर प्रह्लाद ने मम्मी की पॅन्टी उतार दी और मेरी दूसरा अन्दाजा गलत निकला. हालान्कि मम्मी अपनी बगल साफ रखती थी लेकिन उसकी चूत पर लम्बे घने काले बाल थे.

प्रह्लाद मम्मी की फुद्दी देख कर बोला,

“मेरी जान, तुम शेव्ह नही करती?”

मम्मी अपनी चूत पर हाथ फेर कर बोली,

“किस के लिये शेव्ह करू, विपुल के पापा साल मे १५ दिनो के लिये आते है और तो और, उनका खडा करने मे आधा टाईम जाता है, फिर २-४ धक्कोमेही उनका दम निकल जाता है और खलास हो जाते है.”

ये सुन कर प्रह्लाद बोला

“जानता हू रानी…” उसकी बात बीच मे काटकर मम्मी बोली

“तुम क्या जानते हो” तो प्रह्लाद हसते हुए बोला

” अरे मेरी जान मै तो हमेशा आपके बेडरूम मे झान्का करता था, मै जानता हू साब क्या करते थे और क्या नही”

मै सुनकर दन्ग रह गया, ये हरामी प्रह्लाद कई दिनोसे मम्मीपर नजर रखे हुए था, मतलब उसका प्लान पक्का था. मम्मी भी ये बात सुनकर चौन्क गई

“क्या कहते हो……इसका मतलब तुमने हमारी वो बाते सुन ली………”

प्रह्लाद बोला” हा मालकिन, मै जान गया था कि आप जैसी औरत के लिये साब जैसा कमजोर लन्ड नही मेरे जैसा मर्द चाहिये.”

फिर प्रह्लाद मम्मी की चूत पर हाथ फेरने लगा और मम्मी के मुह से सेक्सी सिसकारिया निकलने लगी. वो भी प्रह्लाद को टान्गो मे दबा रही थी. प्रह्लाद ने उसकी पॅन्टी पूरी तरहसे निकाल दी और बाजूमे फेन्क दी. उसने मम्मी को बिस्तर के किनारे खीन्च लिया और खुद घुटनोके बल फर्श पर बैठ गया. वो ऐसा क्यू कर रहा है इसका मुझे और मम्मीको भी अन्दाजा नही था.

इसके पहले कि हम कुछ समझ सके, उसने मम्मी की टान्गे चौडी कर दी और उसकी फूली हुई फुद्दी चाटने लगा, मम्मी ने शायद ओरल सेक्स कभी अनुभव नही किया था, उसके मुह से एक जोर की सिसकारी निकली और वो प्रह्लाद का सिर पकड कर अपनी चूत पर दबाने लगी, मम्मी की हालत देखने वाली थी, कभी वो अपनी गांड उपर कर के प्रह्लाद का मुह और ज्यादा फुद्दी पर रगडने की कोशिश करती और कभी अपने बडे बडे मम्मो को दबाती.

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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मम्मी को पड़ोसी से चुदवाते देखा फिर मालिश कर चोदा | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/mummi-ko-padosi-se-chudawate-dekha-fir-malish-kar-choda.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/maa-beta/mummi-ko-padosi-se-chudawate-dekha-fir-malish-kar-choda.html#respond Fri, 12 Jan 2018 07:58:21 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11636 यह कहानी एक माँ बेटे की चुदाई की कहानी है बेटे ने माँ को पडोसी से चुदवाते देखा फिर खुद भी चोदा और अपने दोस्तों को भी बुलाया है चोदने के लिए |

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दोस्तों कैसे है आप सब ये मेरी पहली कहानी है मस्ताराम डॉट नेट पर ज्यादा बात ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ | पिछले हफ्ते सन्डे के दिन मै क्रिकेट खेलने गया था मेरी बड़ी बहन अपनी सहेली के घर गयी थी | पापा भी कही गये थे जब मै क्रिकेट खेल के घर आया और दरवाजे की कुण्डी खटखटायी तो मुझे लगा की मम्मी किसी और से कुछ बात कर रही है मुझे शक हुआ की शायद कोई और भी है घर में चुकी मुझे पता था पापा तो इतनी जल्दी आ नहीं सकते मै दरवाजे के बाहर लगी खिड़की से देखने लगा |

जैसे ही मेरी नजर अन्दर के कमरे में गयी मै तो सन्न रह गया अन्दर मम्मी पड़ोस के एक अंकल के ऊपर नंगे ही ऊपर निचे कर रही है और अपने मुह से आवाज कर रही है अह्ह्ह और तेज और तेज आह्ह्ह्ह ये सब देख के मेरा लौड़ा खड़ा हो गया अब मुझे नहीं रहा गया मै बाहर ही खड़ा खड़ा मुठ मारने लगा तब तक मम्मी जोर से आवाज करते हुए झड़ गयी | और अंकल से लिपट गयी फिर मैंने जानबूझ कर दरवाजे की कुण्डी खटखटाई जब तक मम्मी नहीं आ गयी मै वैसे ही करता रहा और थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला मैंने देखा मम्मी ने बस नाईटी डाली है वो भी जल्दी जल्दी में उल्टा ही पहन लिया था मैंने बोला ये क्या उल्टा ही पहन ली | मम्मी एकदम से सकपका गयी अमी जल्दी से अन्दर जाकर देखा अन्दर कोई नहीं था शायद मम्मी ने अंकल को छत के रास्ते बाहर भगा दिया था |

मम्मी जहा पर चुदवा रही थी मै वहा भी गया पर अंकल नहीं दिखे पर उनकी अंडरवियर जरुर पड़ी हुयी थी मैंने पूछा मम्मी ये किसका है तो मम्मी ने कहा ये तेरे पापा का है अभी धोने जा रही थी |

अब मुझे मम्मी का झूठ सुन रहा नहीं गया मैंने बोला अच्छा तो अभी वो अंकल जो थे वो कौन था अब मम्मी को की आवाज ही नहीं आ रही थी मैंने मम्मी को बोला मेरा भी खड़ा हो गया मुझे भी करना है अब मम्मी के चहरे पर मुस्कान आ गयी और खुद ही निचे बैठ कर मेरे लौड़े को ज़िप खोल के निकाल लिया और चुसने लगी मै मम्मी के मुह में धक्के लगाने लगा और पांच मिनट भी नहीं हुआ होगा की मै मम्मी के मुह में ही झड़ गया |

फिर भी मम्मी भूखे शेर की तरह चूस रही थी | आप यह कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | मैंने जैसे तैसे मम्मी को छुड़ाया फिर बोला चलो बेडरूम में मैंने बेड पर मम्मी को लेटने को कहा और पास में रहा सरसों का तेल उठा और मामी के सारे कपड़े खोल कर बूब्स पर तेल गिरा कर मसलने लगा मम्मी बोली ये क्यों कर रहा है मैंने बोला पहले मालिश करूँगा फिर चुत मारूंगा |

मम्मी भी खुश हो गयी मम्मीं ने पैंटी नहीं पहनी थी अभी अभी चुदी थी मम्मी की चुत में अंगुली डाला तो अंकल का वीर्य अभी अन्दर ही था मैंने पूछा अंकल ने अन्दर गिराया क्या मम्मी बोली हां मै ही नहीं उतारी उनका अन्दर ही निकल गया फिर मै ये सुन कर और जोश में आ गया और बूब्स को मसलने लगा और चुत में थोडा तेल लगा कर रगड़ने लगा अब मम्मी सिसियाने लगी मैंने अपनी 4 अंगुलि मम्मी की चुत में घुसा दिया था और तेज तेज अन्दर बाहर करने लगा मम्मी के बूब्स टाइट हो गये थे जैसे चौसा आम हो |

मै बेड पर मम्मी की चुत के साइड में बैठ गया और चुत के साथ गांड में भी अंगुली घुसा दिया मम्मी की चुत से पानी निकल रहा था और साथ में अंकल का वीर्य भी जो तेल के साथ मिक्स को के गाज बन गया था और रगड़ने पर निकल रहा था | मम्मी के मुह से जोर जोर की आवाज आने लगी आह्ह्ह और तेज्ज आह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह अब तु मेरा पति है बेटा नहीं और तेज आह्ह आह्ह्हह्ह और तेज अन्दर घुसा दे अपना लौड़ा जल्दी कर अह्ह्ह मैंने देर ना करते हुए अपना खड़ा मोटा 6 इंच का लौड़ा मम्मी की चुत में घुसा दिया मामी को मज़ा आ गया

बोली बहुत मज़ा आ रहा है तेज तेज धक्के मार मैंने जोश में आकर तेज तेज धक्के मारा और 10 मिनट तक मै धक्के पर धक्के मारते रहा क्योकि अभी अभी मै एक बार मम्मी के मुह में झड़ा था सो जल्दी नहीं निकला मेरा और मम्मी का 2 बार हो चूका था |

अब मेरा होने वाला था | मैंने बोला मम्मी मेरा होंने वाला है मम्मी ने इतना सुनते ही मुझे अपने ऊपर कश के दबा लिया और मेरा पूरा माल मम्मी की चुत में निकल गया और मै निढाल होकर बेड पर लेट गया | मैंने पहली बार सेक्स किया था वो भी एक ही दिन में दो बार झड़ा था अब मामी की चुत से मेरा और अंकल का वीर्य एक साथ बूंद बूंद कर गिर रहा था |

मम्मीं ने कपड़े से साफ किया और मेरा लौड़ा एक बार मुह मे लेकर चूसा मैंने हटा दिया बोला अभी नहीं बाद में मैंने देखा मम्मी अभी भी गर्म थी उनकी इच्छा शांत नहीं हुयी थी मैंने बोला अभी और करवाना है क्या तो बोली हां मै समझ गया की मम्मी बहुत चुदक्कड़ है मैंने बोला एक मेरा दोस्त है उसका लौड़ा मेरा दुगुना है और मोटा भी है उसने मुझे बताया था कहो तो बुला लू मम्मी ने झट से कहा कौन है

आज बुला ले मैंने तुरंत अपने दोस्त को कॉल किया वो तैयार हो गया | बोला शाम तक आऊंगा मम्मी बहुत खुश लग रही थी फिर मैंने खाना खाया और सो गया दोस्तों आगे की कहानी जल्दी ही पढ़ने को मिलेगी | अगर कहानी अच्छी लगी तो शेयर करना ना भूले |

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गार्ड के मुसल लंड से चुदती मेरी जवानी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/guard-ke-musal-lund-se-chudati-meri-jawani.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/guard-ke-musal-lund-se-chudati-meri-jawani.html#respond Sun, 07 Jan 2018 13:01:09 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11596 गार्ड के मुसल लंड से चुदती मेरी जवानी, अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी, हिंदी सेक्स स्टोरी ऐसी कहानिया पढ़कर रोज मुठ मारे और खूब मजे ले आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी निचे कमेंट करे

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दोस्तों मैं रूबी तिवारी, आपने मेरे द्वारा लिखी गई बहुत सारी कहानिया पढ़ी होंगी मुझे बहुत से लोग अपनी कहानिया भेजकर चाहते है की मैं उनकी इस कहने को एक अलग सा रूप देकर आप सभी तक पहुचती हूँ और आप सभी ने मेरी कहानिया को बड़ा ही सरह है जिसके लिए मैं आप सभी धन्यवाद भी कराती हूँ. आज फिर से मैं एक कहानी अलका और संजय की लेकर आई हूँ जो आप सभी को बहुत पसंद आएगा. तो चलिए कहानी को आगे बढ़ाते है. संजय आँखे बंध कर के लंड चुस्वाने की मजा लेता रहा | एक दो मिनिट लंड चूसने के बाद में खड़ी हुई और मैंने अपनी नाईटी और उसमे पहनी ब्रा उतार फेंकी, पेंटी तो मै पहेले से ही पहनी नहीं थी | संजय मेरा सुडोल शरीर देख दंग रह गया | वह उठा और मेरे दोनों चुचक अपने मुहं में भरकर चूसने लगा |

मेरा नाम अल्का है, सभी मुझे रोनी कहकर बुलाते हैं. कपडे सूखाने के लिए मै आज जैसे ही बहार निकली मैंने देखा की आज भी वह नया चोकीदार मुझे देख रहा था, इस 26 साल के नए चोकीदार ने मुझे कितनी बार ही देखा होगा |

मै हमेंशा से मूसल लंड की दीवानी रही थी, और जब यह चोकीदार पिछले महीने यहाँ आया तो मैंने उसको थोड़ी थोड़ी लाइन देनी शरु कर दी थी, उसके बड़े बाजू और तगड़ा सीना देख मै समझ गई थी के वह जरुर एक मूसल लंड का मालिक होगा |

एकाद हफ्ते तक वह देखने में कतराता था, फिर शायद उसे भी पता चल गया की मेरी इच्छा है और वह फिर मुझे देखता बिना संकोच के | मुझे भी बस एक मोके की तलाश थी जब मै संजय, नए चोकीदार, को घर में ले आऊ और उसके लंड से अपनी प्यास बुझाऊं | मेरा पति ऐसे भी अब अपने काम को ज्यादा तवज्जो देता था, बीवी को सिर्फ चूत वाला मशीन बना दिया था, कपडे उतारो, पेलो और सो जाओ | में मन ही मन में सोचती थी, की शादी के बाद काफी बदल गया है, लेकिन अब मैंने सोचना छोड़ दिया है, अब में केवल मौका देख रही हूँ इस संजय का लंड लेने का | मुझे आखिरकार मौका मिला इस मूसल लंड को लेने का

हफ्ते के बाद मेरे पति ने मुझे कहा की वोह कंपनी के काम से बंगलौर जा रहा है, उसने मुझे पूछा की क्या मै आना चाहूंगी, मैंने उसे कहा बिट्टू की एक्जाम है | आप अकेले चले जाओ | दुसरे दिन सुबह राकेश बेंगलोर निकल गया, मै सब्जी लेने के लिए सोसायटी से बहार जा रही थी.

मैंने संजय से स्माइल की | संजय ने भी स्माइल दे दी, मैंने उसे कहा, आप डयूटी पर कब तक है, संजय बोला, बीबी जी आज में पूरा दिन यही हूँ | मैंने उसे कहा, मेरे घर की टंकी में कुछ सामान गिर गया है क्या आप दोपहर को निकाल देंगे, इसके डेडी बाहर चले गए और में उन्हें कहना भूल गई |

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संजय बोला ठीक है, मैं खाने के वक्त आपके यहाँ आ जाऊँगा | मेने सब्जी ला कर बिट्टू को उस दिन जल्दी स्कुल पहुंचा दिया, मैंने वेक्स करके चूत के आसपास के सारे बाल निकाल दिए | अपनी हलकी पतली पिली नाईटी डाल में संजय के आने का इन्तेजार करने लगी |

मूसल लंड वाला चोकीदार भी तयारी से आया था, संजय लगभग 1 बजे आया, उसने डोरबेल बजाते ही मैंने एक बेल में दरवाजा खोल दिया, उसकी नजरे मेरे शरीर पर फिरने लगी | मैंने उसे कहा आइये, संजय आके बोला, कहा है टंकी मेडम | मैंने कहा बैठिये तो सही, दोपहर में सोसायटी में चोर नहीं आते है….! वोह भी हंस पड़ा और सोफे पर बेठा |

मैं उसके लिए पानी लायी और जान भुझ कर उसको अपने चुंचे दिखाते हुए झुकी, मैंने देखा की उसकी आँखे मेरे भरी चुंचे देखते ही जैसे की बड़ी हो गई | मेने ग्लास लेते वक्त उसे दुबारा चुंचे दिखाए| मैं तो कब से गर्म थी, बस एक बार संजय गर्म हो जाए तो हल्ला बोलना था उसके मूसल लंड पर |

मैंने उसकी उपरकी जेब देखी तो मैं दंग रह गई, ड्यूरेक्स के कंडोम का पाकिट था उसमे, राकेश की भी फेवरेट ब्रांड थी इसलिए में उसे ऊपर से हलकी झलक मै ही पहेचान गई, तो संजय भी तयारी के साथ आया था…..!!!

लंड दे दो अपना मूसल, मुझे इसकी बड़ी चाह है…!

संजय ने पानी पीकर टंकी के बारे में पूछा, मैंने उसे किचन में टंकी दिखाई, जिसके अंदर मैंने पहेले से बिट्टू का खिलौना डाल दिया था | टंकी बहुत टेढ़ी जगह पर स्थित थी, उसमे से सामान निकालना थोड़ा कठिन था, और यही मेरा प्लान था | मैंने संजय को एक सीडी लाके दी, संजय उस पर चढ़के टंकी का दरवाजा खोलने लगा |

अब सीडी तो हिलनी ही थी उसके वजन से, मैं बोली में आपको पकड़ के रखती हूँ, सीडीका बेलेंस सही नहीं है | मैंने उसकी जांघो वाले भाग को दोनों हाथ से पकड लिया, कुछ इस तरह से की मेरे हाथ से उसके लंड का स्पर्श हो जाए, में देखना चाहती थी के उसका मूसल लंड तना है की नहीं | मेरा शक सही था, उसका लंड कोई लोहे के औजार की माफक तना था |

मैंने उसके जांघे पकडे रखी और हाथ को उपर निचे करने लगी | संजय टंकी से खिलौना निकाल ने में शायद जान भूजकर देरी कर रहा था, खेर मैं भी वही चाहती थी | मैंने अब बिना कोई देरी किए उसके लंड के ऊपर हाथ फेरना शरु कर दिया | आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

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संजय बोला, बीबी जी क्या कर रही हो…

मैंने कहा कुछ नहीं, देख रही हूँ के हमारा नया चोकीदार मजबूत है या कमजोर….?

संजय बोला, मेडम कर लीजिए चेक….!

लंड हो तो मूसल लंड, बाकि सब में तो बसी होती है ठंड

संजय का तना लंड मै थोड़ी देर तक सहलाती रही और वह सीडी पर ही खड़ा मजा ले रहा था, मैंने उसे अब निचे आने को कहा और उसे लेकर सोफे पर चली गई, सोफे पर बिठा मैंने उसकी खाखी पेंट निचे सरका दी और उसकी चड्डी भी उतार दी, सही मै उसका मूसल लंड बहुत बड़ा और सेक्सी था |

मैं अपने आप को बिलकुल नहीं रोक पायी और मैंने उसे अपने मुहं में भरकर उसकी सेक्सी चुसाई शरु कर दी | संजय आँखे बंध कर के लंड चुस्वाने की मजा लेता रहा | एकाद दो मिनिट लंड चूसने के बाद में खड़ी हुई और मैंने अपनी नाईटी और उसमे पहनी ब्रा उतार फेंकी, पेंटी तो मै पहेले से ही पहनी नहीं थी | संजय मेरा सुडोल शरीर देख दंग रह गया | वह उठा और मेरे दोनों चुचक अपने मुहं में भरकर चूसने लगा |

मेरी योनी पानी छोड़ने लगी और मै इस मूसल लंड को पाने के लिए बेताब हो गई | संजय ने मुझे वही सोफे पर टांगे फेला के बैठाया और ड्यूरेक्स अपने लंड पर चढ़ा दिया, मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया और उसे अपनी योनिमुख पर रख दिया…!

संजय का एक झटका काफी था लंड को योनी की गहेराइयो में ले जाने में, कंडोम पर लगा लुब्रिकांत मस्त चिकना था, मुझे एक पल के लिए लगा की योनी फट गई हो, मेरे पति के मुकाबले संजय का लंड डबल था | मुझे कुछ देर में मजा आने लगा और संजय मुझे मस्त पेलने लगा | वह ओह ओह आह ऐसे बोल रहा था, शायद मेरी चूत उसे भी बहुत भा गई थी |

मेरी योनी झाग निकालने लगी क्यूंकि संजय 10-11 मिनिट तक मुझे कस के पेलता रहा, मेरी योनी में उसके मूसल लंड का प्रत्येक प्रहार मजा दे रहा था…! उसका लंड मेरी चूत में अंदर तक आ जा रहा था. थोड़ी देर में उसका वीर्य निकलने लगा, मुझे कंडोम के अंदर रहे लंड से निकलता प्रवाह भी महेसुस हो रहा था |  आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

संजय ने अपना लंड बहार निकाला और वोह कपडे पहेनने लगा, मैंने उसे अपनी पर्स से 500 रूपये दिए और उससे उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया | इसके बाद में जब भी मेरा पति बाहर होता, संजय को बुलाकर उसके लंड से अपनी प्यास भुजा लेती थी, उसने मेरी गांड तक में अपना मूसल लड़ दे दिया है अब तो…मेरा जब भी दिल करता है मैं उसके मूसल लंड ले लेती हूँ.

 

—– समाप्त —–

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मम्मी की चुत में ड्राईवर का मोटा पप्पू | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mummy-ki-chut-me-driver-ka-mota-pappu.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mummy-ki-chut-me-driver-ka-mota-pappu.html#respond Wed, 13 Dec 2017 10:21:23 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=11372 मम्मी की चुत में ड्राईवर का मोटा पप्पू घुसा हुआ था मै चुपके से देख रहा था मै उस समय छोटा था मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था अब जाके समझ में आया की मम्मी क्या कर रही थी |

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Ye unn deno ke baat hai jab mai 11 class me padta tha. Hum log ek chote se row house me rehte te mere pita ek sugar mill kam pe teh mere mummy bahut sexy the.mai ne apne mummy bahut bar kapde badal te dekha hai.ek maine dhekha ki mere pita ne condom ka packet kapat me.  rakha hai.mai samaj gaya ki mummy ki choot chood ne wale hai aur mai raat hone ka intazar karne laga phir raat 11 baje jab humlog apne room chale gaye to maine socha ke sone ka natak karta hoon phir mai 11:30 minute per utt ke dekha to bedroom ka darwaja bandhe nahi tha ma.

khush ho gaya ke ajj pori picture dekhne mil ge jab halka sa door khola to dekta hoon ke mummy bilkul nanghe pade thi aur mere pita apne lund pe condom laga aa hua mummy ke chutpe oil se malish kar rahe te uske baat papa ne mummy ko chodna shoru kiya 2 minute ke baad hi.

papa ka pani gir pda aur mummy ke vasna adhoori rah gaee.aur phir mummy bole kya hua apka to roj aise hi ho ta hai papa ne jada hyan na de kar sone ki teeyari karne lage aur mummy ko maine raat bhar apne choot me gajar dal te dekha. Hamare baju me ek ghar thd jo hamare.

kitchen ke kidke ke pass se uska bedroom dikha tha ek mere nazar achank pade to dekha ke uss bedroom me blue film chal rahe thi per khuch zada saff nahi dekh raha tha per ye dekhe de raha tha ke kya chal raha hai.aur dekhte he dekhte mummy kitchen me anne lagi mai ne.

torant khidke ke perde laga deyi.uss samay dopahar ke 12:30baj rahe te mummy khana bane lagi aur tabhi mummy ne khidke sarka de leken mummy ka dhyan nahi gaya aur phir mai bedroom me tv dekh ne laga.10 minute baad maine socha ke zara jakar kitchen me dekhon to.

dektha hoon ke mummy roti sekh rahi thi leken mummy ka dhyan baar baar samne wale ghar me tha mummy bf dekh rahi thi aur bech bech me roti bane wala belna apne chutpar ragad rahi thi mai samaj gaya ki mummy ki choot phir pyaasi ho gaye hai.per uske bad mujhe yaad aya.

ke uss ghar ke log to gaon gaye gaye hai. Phir maine pata laga ke unho ne apne driver ko raat ko sone ke leye chabhe deya hai.leken woh sala din raat wahi rahta tha.ek mere mummy khana bana
Rahi aur mai socha ke thoda sa chup ke dekha ta hoon ki sale ne phir se.

to mere mummy ko bf to nahi dekha raha hai.Maine dekha ke woh driver khidke pe khada tha aur aate jate logo ko dekh raha tha per uske nazar mere mummy ko beech beech me dekh rahi thi per maine dekha ke mummy zada woha dhyan nahi de rahi thi phir mai waha se chala gaya.

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aur tv dekhne laga 4-5 din tak aise hi chalta tha ek din sham ka woqt tha mummy chai bana rahe thi aur driver bedroom ke balcony naha kar sirf towel me apne kapde sukha ne ke liye aaya aur woh beech beech me apne towel kholkar phir bandle ta tha leken naine dekha ke jab woh.

towel kholta to uska lund kareeb 12 inch lamba latakar bahar saaf dekha ee pasda tha maine jaisa socha waise hi howa mummy nazar uske 12 inch lund per pad gaye aur mummy koi shock lag gaya aisa mummy khad hokar dekh rahi thi maine torant freeze ka darwaja khola to awaz.

nekle mummy torant khidke ke dar perde sarka de phir mai bedroom chala gaya lekin phir mai 5 minute ke baad chukke se dekha to mummy ne phir se perde hata diya mai samaj gayaki mummy ko uss driver ka 12 inch ka lund khane ke soch rahe hai.aur phir ek maine dhyan diya ke.

mummy bhi uss driver ko dhekne lage. Ek din to mujhe bahut bada shock lag gaya saturday ke din jab mai college se wapse kar raha tha to dekha woh driver mere ghar ke darwaje per khada hoker mere mummy se baat kar raha tha mere mummy bhi bahut muskura kar baat kar rahi.

thi.phir mai ghar me aaya aur phir fresh hoker kitchen me gaya mummy se poocha ke woh jo bahar aaya tha kya bool raha tha per mujhe koi sahi uttar nahi mila phir mai smaj gaya ki usne mere mummy ko dheere dheere line pe le liya phir sham ke woqt phone aaya mummy ne phone. utta le ya wo phone papa ka tha phir baat hone
Ke baat maine poocha ki kya bole papa mummy kaha ke company unhe ajj raat rok na pade ga uske mai khosh ho gaya ki jab mummy so jaagi to mai bf dhekhonga phir maine dekha ke mummy ne phir phone lagakar

bade muskurakar baat ker rahi thi.mummy ne aur maine khana khakar sone ke liye apne apne bedroom me chale gayi phir raat ko maine bf laga kar apne pure kapde nikal kar oil laker apne lund ke malish karne laga bf dehkte houa mere yaad me uss driver ka 12 inch ka lund aane.

laga phir kuch dher baad maine socha ke abb apna pani gira deta hoon. Phir socha ke pehle pisaab kar ki aata hoon phir uske baad pani gira ta hoon leken jab mai toilet ke leye bahar gaya to mujhe mummy ke bedroom se mummy ki aur kisi mard ki awaz aarahi thi maine socha ki

jakar dekha ta hoon maine dekha ke woh driver mere mummy ke bed room me tha aur aur mummy ki chuchi masal raha tha aur mummy sanse khich rahi thi.aaah. Thodi der bad maine dekha ki mummy sari aur blouse pahle hi khol chuki hai. Ab wo driver mummy ke peticot ka nara

khol diya.Mummy ne panti nahi pahni thi unki gulbi bur pahli bar maine dekhi.Driver ne apni lungi me se 12′ lamba aur karib 3.5′ mota land bahar nikala.jise dekh kar mummy sihar uthi.
Ab mummy ne kaha apne lund torant ghosaoo uss driver ne mummy ke

jangh per baith gaya aur apna lund mummy ke bur se satakar ek halka sa dhakka mara,to mummy chikh pari,aaaaaaahhhhhhhhhh.driver ne boobs maslte huye ek jor ka jhatka mara to mummy buri tarah chikhate huye apni par patkne lagi.aur ajib si awaje nikal rahi.Driver har 5-6 chote

dhakko ke bad ek jor ka jhatka marta jis se mummy puri tarah kaap jati.jab 2-3′ lund bahar tha tab driver ne bahut hijor ka jhatka mara jis se mummuy apane pair patkte huy jor se chikhi,jis se mujhe laga ki driver ne mummy ka bur phar diya.jab lund bur me puri tarah se chala gaya tab

chod na shuru kar diya mummy ke chutbilkul mere samane chood rahi thi mummy ke chut me si gulab jamun ka pani tarah .Pani lambi lambi bondo ke sath gir raha tha 45 minute tak chap chap chap chap chap chap chap ke awaz aarahi thi mummy bol rahi dhire dhire chod awaz.

bahar jaaegi aur khuch dher bad maine dekha ke mummy ke chutse kaffi pani girne laga leken abhi tak driver roka nahi tha mummy poori tarah pani gir choka tha lekin driver ka nahi gira woh lagatar mummy kochod raha tha aur khuch dher badd driver ne apna poora panni.

mummy ke chutme gira diya . Uske baad mummy ne apne dono taang phila kar letgay mummy ki chudi hui bur ko dhekar mano aisa lagraha tha ki kisi mote musal se raunda gaya hai.jis se unki bur suj gayi thi.

Tell us how you liked this story and please share then next time i will tell you more thing about my mummy.

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मेरा आशिक मेरी बहन के साथ | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mera-ashiq-meri-bahan-ke-sath.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/mera-ashiq-meri-bahan-ke-sath.html#respond Fri, 20 Oct 2017 17:43:22 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10597 मेरा आशिक मेरी बहन के साथ रंगरेलिया मना रहा था मेरी बहन की चुत में लंड डाल के हिला रहा था तभी मै आ गयी मुझे एसा लगा जैसे किसी ने मेरी जान ले ली हो पर मै थोड़ी देर खड़ी रही फिर मै भी साथ में लग गयी आप मेरी सच्ची कहानी शेयर करना ना भूले ये वाक्य किसी के साथ भी हो सकता है |

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दोस्तों ये सच्ची कहानी है उसका मेरे घर आना जाना था! वो शरीफ लड़का था, हमारे ही मोहल्ले में रहता था! हम दोनों की बहुत अच्छी बनती थी! शायद इसीलिए हमदोनो एक दुसरे के करीब आ गए, कब करीब आये, पता ही नहीं चला! समय बीतता गया, और हमदोनों की नजदीकीया बढ़ती चली गयी!

एक दिन मैं घर पर नहीं थी, घर पर मेरी छोटी बहन अकेली थी! मेरे माता-पिता किसी रिश्तेदार की शादी में किसी दूसरे शहर गए हुए थे! मुझे ,भी किसी काम से बाज़ार जाना था, सो मैं बाज़ार चली गयी! मुझे शौपिंग करने में काफी टाइम लगा गया! सुबह १० बजे की निकली जब मैं ४ बजे घर पहुची, तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी! मेरा बॉयफ्रेंड मेरी बहन के साथ नग्नावस्था में था! मैं भौचक्की रह गयी!

मुझे यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा था! मैंने एक थप्पर अपने बॉयफ्रेंड और एक थप्पर अपनी बहिन को लगाया! दोनों सहम गए! और वो कुत्ता जल्दी से वहां से भाग गया! मेरी बहन दुसरे कमरे में चली गए, और मेरा रो रो कर बुरा हाल हो रहा था!

मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी! मेरा दिमाग जैसे सुन्न हो गया हो, मेरे पास अब कोई दूसरा चारा नहीं था! मुझे अब उस कुत्ते को सबक सिखाना ज़रूरी था, इसलिए मैंने अपने आप को कुछ समझाया २-३ दिन के लिए शांत हो गयी! मेरे दिमाग में बस अब एक ही बात थी, की लड़के कुत्ते होते हैं और मुझे अब उस कुत्ते को सबक सिखाना है!

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दो हफ्ते बाद मैंने इन्टरनेट पर बैठना शुरू किया और फेसबुक पर एक लड़के से चैट करने लगी! लड़का चैट करने में ठीक लगा, उसने अपने बारे में बताना शुरू किया कि, वो दादर का रहने वाला है, और मुंबई में अकाउंटेंट है! ४ साल से वो मुंबई में ही है और साउथ एक्सटेंशन पार्ट २ में अकेला रहता है! जबकि हम लोग मुंबई में कुर्ला कुंज में रहते हैं! लड़का देखने में भी सुन्दर था! उसने बताया कि उसका भी दिल टूटा हुआ है, और वो भी एक फ्रेंड की तलाश मैं है! मुझे लगा चलो एक बार try किया जाय, शायद यही वो राईट चॉइस हो. हम दोनों ने अपने अपने फ़ोन नो. एक्सचेंज किये और अब शाम होते ही हम दोनों एक दुसरे से घंटो बात करने लगे, वो मुझे भी पसंद आने लगा! उसका नाम अंगद था अंगद बहुत ही मस्त, रोमांटिक और हँसी मिज़ाज इंसान था! हम दोनों की खूब पाटने लगी! अब मुझे अपने एक्स-बॉयफ्रेंड को भी सबक सिखाना था! तो हम दोनों ने मिलने का प्लान किया और एक दिन हमदोनो जनकपुरी में मिले और हमदोनो ने एक मूवी साथ साथ देखी! उसके बार शाम हमदोनो ने डिनर एक साथ किया! उसके बाद अंगद ने मुझे मेरे घर के पास कुर्ला कुंज छोड़ा और चला गया!

अंगद की केयर देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा, सिम्पल सा लड़का, देखने में सुन्दर रोमांटिक, केयरिंग, मस्त मौला इंसान, किसी से बात करे तो लोग उसकी और आकृषित हो जाये! ये personality था उस अंगद की! अब देखना था कि अंगद की नियत कैसी है? उसके लिए अब मुझे अब एक प्लान करना था! मैंने अपनी बहिन को अंगद के बारे में बताया और उसे उस प्लान के बारे में बताया! वो समझ गयी!

एक दिन जब पापा मम्मी घर पर नहीं थे, मैंने अंगद को घर पर बुलाया, अपनी बहिन को मैंने उसकी फ्रेंड के यहाँ भेज दिया! अंगद आया और हम दोनों बाते करने लगे! हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और मैं अंगद तो अपने कमरे में ले आयी, कमरे में आते ही मैंने अंगद तो कसके पकड़ लिया, और उसे किस करने लगी, अंगद ने भी किस्सिंग शुरू कर दी! हमदोनो को एक दुसरे की गर्मी का एहसास हो रहा था! मैंने अंगद की टीशर्ट पीछे से निकाल उसकी नंगी पीठ पर हाथ चलाने शुरू कर दिए | आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |  अंगद ने भी मेरे साथ वही किया, उसने भी मेरी टीशर्ट पीछे से निकालकर मेरी नंगी पीठ पर हाथ चलाने शुरू किये, हम एक दुसरे को चूम रहे थे, मैंने अंगद की जीन्स के आगे के बटन खोल उसकी ज़िप नीचे कर दी, और उसके लिंग को सहलाने लगी! अंगद का लिंग अब बड़ा और सक्त हो चूका था! अंगद भी मेरे मम्मो को दबाने लगा, मैं जो प्लान कर रही थी, ये उसी का हिस्सा था! मैं इतनी गरम हो चुकी थी कि, अपने को रोक पाना अब मुश्किल हो रहा था, और अब मैंने अपनी लोअर और पेंटी निकाल दी और अंगद के लिंग को लेकर अपनी योनी में दाल दिया! अंगद के धक्के मुझे मदहोश कर रहे थे, अंगद का लिंग अंदर जाए ही मुझे जो फीलिंग्स हुई वैसा आज तक नहीं हुआ था!

अंगद का लम्बा लिंग अंदर तक मुझे एक आनंद दे रहा था! थोड़ी देर बाद अंगद ने मेरे ही अंदर अपना डिस्चार्ज किया और मेरे उप्पर लेट गया! और अब हमदोनो एक दुसरे को किस करने लगे! करीब २ मिनट बाद अंगद उठा और बाथरूम में अपने आप को साफ़ करके आ गया! उसके आने के बाद मैं बाथरूम में गयी, और सफाई करके वापस आयी, तो देखा अंगद वहाँ पर नहीं था! मैंने उसे पूरे घर में ढूँढा लेकिन वो नहीं था! मैंने उसे फ़ोन किया, लेकिन उसने फ़ोन काट दिया! मैंने उसे मेसेज भेजे लेकिन उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया! मैं परेशान हो गयी, क्यूंकि सेक्स करना मेरे प्लान में शामिल नहीं था!

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मेरा प्लान था कि, हमदोनो एक दुसरे को किस करेंगे, बिस्तर पर नंग लेतेगे एक दुसरे को बिना सेक्स किये बहुत प्यार करंगे! लेकिन शायद मैं अपने ही प्लान में फेल हो गयी, और अपनी इज्जत भी लुटा दी! मैं अंगद के साथ अपने आप को रोक न सकी! जिस तरह अंगद ने मुझे चूमना शुरू किया, जिस तरह अंगद ने मुझे कसके पकड़ा और मेरे मम्मो को दबाया, मेरी योनी में अपनी ऊँगली डाल के प्यार से अंदर बाहर किया, उसने मेरी काम वासना को इतना बढ़ा दिया कि, मैं तो क्या कोई भी अपने आप पर काबू ना कर पाए! शायद आज मैं अपने ही प्लान में फेल हो गयी!

कुछ दिन बाद अंगद का मेसेज आया कि, वो मेरी चाल समझ गया था! उसने वो स्पाई काम देख लिया था, जिससे मैं वो विडियो बना रही थी, मैं शायद अंगद की उस विडियो को अपने एक्स बॉयफ्रेंड को दिखाना चाहती थी! लेकिन अंगद ने वो विडियो डिलीट कर दिया था! मेरे पास अब कुछ नहीं बचा! मैं लुट चुकी थी! अपने ही जाल में खुद फस गयी! शायद बेईमान को सबक सिखाने में खुद ही बेईमान बनकर खुद अपनी इज्जत लुटा बैठी!

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कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/kutiya-bna-ke-mujhe-kutta-bna-diya.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/kutiya-bna-ke-mujhe-kutta-bna-diya.html#respond Thu, 12 Oct 2017 10:38:05 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10482 मैं भी अरुशी को जी जान लगा के चोदने लगा फिर अरुशी ने कुतिया बन के मुझे कुत्ता बना दिया उस पोजिशन में बहुत मज़ा आया फिर अरुशी मेरे ऊपर सवार हो गई इसमें तो मेरा लंड सबसे ज्यादा अंदर तक जा रहा था करीब मिनट के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया |

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ये मेरी सौ परसेंट सच्ची कहानी है दोस्तों मैंने मस्ताराम डॉट नेट पर बहुत कहानियां पढ़ी है बहुत मज़ा आता है | वैसे भी जब ऑनलाइन नहीं थी मस्ताराम की कहानियां तब मै रेलवे स्टेशन जाकर मस्ताराम की किताबे लाकर रजाई में छुपा कर पढता था अब तो दुनिया बदल गयी है सब कुछ ऑनलाइन ही मिलता है | दोस्तों मेरे सच्ची कहानी सुरु होती है अब .. एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। उस दिन अरुशी और नीता दोनों मेरे घर चली आई। मैं उनके लिए चाय बनाने के लिए रसोई में गया। वे दोनो गप्पे हांक रही थीं मैं पीछे छुप कर उनकी बात सुन रहा था।

अरुशी : नीता, मैं कुछ पूछूँ तुझे?

नीता: हाँ अरुशी । पूछ ना !

अरुशी : आजकल अमरजीत और तू दोनों हमेशा इतने खुश रहते हैं, इसके पीछे कोई खास बात तो नहीं है?

नीता: अरे नहीं अरुशी ! वो मुझे गणित का प्रोब्लम है इसलिए मैं अकसर उसके घर जाती हूँ, इसमें बुरा क्या है?

अरुशी : नीता, तुम रोज दरवाजा क्यूँ बंद करके पढ़ते हो?

नीता: अरे अरुशी वो तो ऐसे ही कि कोई तंग न करे !

अरुशी : नीता, तू तो ऐसे जवाब दे रही हो जैसे कि मैं बच्ची हूँ, मुझे कुछ पता ही नहीं है।

नीता: तू ऐसा क्यूँ बोले रही है ?

अरुशी : मैंने एक दिन दरवाज़े पर कान लगा कर आपकी पढ़ाई की कहानी सुनी थी ! मुझे सब पता है वहां कैसी गणित की पढ़ाई होती है !

नीता:(मुस्कुराते हुए) अच्छा तो तुझे सब पता है ! तो ऐसा बोलो ना ! देखो किसी से बोलना मत ! तो तू चाहती है कि अमरजीत तुझे भी ऐसे ही गणित सिखाए?

अरुशी : चाहने से क्या होगा नीता !

नीता: अच्छा यह बता ! तेरे स्तन से दूध अभी भी आता होगा ना ?

अरुशी : हाँ नीता, दूध तो निकलता है और अब बच्ची भी नहीं पीती सो भरा हुआ है ..

नीता: तब तो अमरजीत जरुर तुम्हें गणित सिखाएगा, रुक जा मैं उसे कल हिंट दे दूँगी ! तभी मैं नाश्ता लेकर वहाँ आ गया। तुरंत दोनों ने विषय बदल दिया। उसी दिन शाम को फ़िर अरुशी मेरे घर चली आई।

अरुशी : अमरजीत, नीता जैसे मुझे भी गणित सिखाओ ना !

मैं : अरुशी तुझे भी गणित सीखना है..

अरुशी: अमरजीत, तुझसे कुछ सवाल पूछने हैं ..

मै: हाँ अरुशी, नीता ने बोला था मैं तेरा ही इन्तज़ार कर रहा था, हा पूछ ना !

मैं: अरुशी तुम सलवार-कमीज में बहुत खूबसूरत लग रही हो ..

अरुशी : तुझे अच्छा लगा यह ड्रेस?

मैं: हाँ अरुशी, तू ऐसे ही ड्रेस पहना कर बहुत अच्छी लगती है.. पूछ क्या पूछना है?

अरुशी: तू तो बस नीता से ही बातें करता है ..

मैं: नहीं अरुशी ऐसी कोई बात नहीं है तू भी बहुत अच्छी है .. बात करते करते अरुशी ने अपना दुपट्टा सरका दिया अरुशी के उभार अब छुपाये नहीं छुप रहे थे मैं भी अपने आप को रोक न सका अरुशी की चूचियों को देखने लगा ..

अरुशी : अमरजीत, मुझसे नज़रें भी नहीं मिला रहे हो क्या देख रहे हो नीचे?

मैं: अरुशी कुछ नहीं, सच्ची में तू भी बहुत अच्छी है ..

अरुशी : तू मुझसे नजरें क्यूँ नहीं मिलाता क्या देख रहा है नीचे?

मैं: कुछ नहीं अरुशी .. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

अरुशी : कहीं तू मेरे सीने को तो नहीं देख रहा ? बदमाश !

मैं : अरुशी मैं साफ बोलूँ तो गुस्सा नहीं होगी ना?

अरुशी : नही अमरजीत, तू मेरा दोस्त है उसमें क्या गुस्सा करना !

मै : अरुशी तेरे वक्ष इतने अच्छे और बड़े हैं कि मेरी नज़र ही नहीं हट रही है वहां से ..

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अरुशी : ये तो मेरी बच्ची को दूध पिलाने के लिए हैं …

मैं: अरुशी, तेरी बच्ची तो अब बड़ी हो गई है ! उसे अभी भी दूध पिलाती हो?

अरुशी : नहीं ! अब ओ नहीं पीती दूध !

मैं: अरुशी, तेरी चूची में दूध है क्या?

अरुशी : हाँ अभी भी दूध है इसलिए तो इतने बड़े हैं !

मैं: अरुशी मुझे प्यास लगी है ..

अरुशी : ठहर, मै पानी लेकर आती हूँ..

मैं: अरुशी, पानी नहीं दूध पीना है चूची का दूध ..

अरुशी : बदमाश ! कोई ऐसे दूध पीता है भला ?

मैं: क्यूँ नहीं? पीने दो न तेरे दूध का क़र्ज़ जरूर चुकाऊंगा ..

अरुशी : अच्छा ठीक है पी ले काफी दिन से भरी हुई हैं खाली करने
वाला कोई है नहीं ..

फिर अरुशी ने अपना कमीज़ उतार दिया अब अरुशी ब्रा में आ गई ..

अरुशी : आ जा अमरजीत ! मेरी गोद में आ तुझे अपने बच्चे की तरह पिलाऊंगी ..

मैंने अरुशी की गोद में सिर रख लिया अरुशी ने अपनी ब्रा उतारी और अपनी चूची को ख़ुद मेरे मुँह में डाल दिया लो अमरजीत पी लो अच्छे से पीना |

उसके बाद मैं दूध का प्यासा अरुशी का दूध मेमने की तरह पीने लगा कभी बाईं चूची से तो कभी दाईं से ..

साथ में चूची सहला भी रहा था।

अरुशी : तू तो ऐसे पी रहा है जैसे जन्मों से प्यासा हो !

मैं: अरुशी, तूने मुझे वो खुशी दी है कि मैं सदा तेरा आभारी रहूँगा .. तू जो बोलोगी वो सब करूँगा ..

अरुशी : जो बोलूंगी वो करेगा ?

मैं: हाँ अरुशी, तू एक बार बोल के तो देख ..

अरुशी : अच्छा ठीक है सुन, मेरे नीचे में ना काफी खुजली हो रही है ज़रा मेरी खुजली मिटा दे ना?

मैं: नीचे कहाँ अरुशी ?

अरुशी : तू सब जानता है फिर क्यूँ पूछ रहा है?

मैं: बोलो ना अरुशी ! तेरी मुँह से सुनना चाहता हूँ।

अरुशी : अच्छा, चल मेरी चूत में खुजली हो रही है मिटा दे ना ..

मैं: कैसे मिटा दूं? ऊँगली से या चाट के? या फिर लंड ही डाल दूँ?

अरुशी : मुझे तो तीनों की खुजली हो रही है ..

मैं: अरुशी, मैं तेरी चूत का ख्याल रखूंगा ..

अरुशी : अपनी नीता से भी ज्यादा ख्याल रखेगा ना नीता तो तेरे
लंड की बहुत तारीफ करती है .. आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

मैं: तुम लोग ये सब बातें भी करती हो ?

अरुशी : तुझे कौन ज्यादा अच्छी लगती हैं?

मैं: अरुशी, अभी तूने अपना पूरा जलवा दिखाया कहाँ है?

अरुशी : अच्छा तो यह बात है ? तो जितना जलवा देख चुके हो उसमें कौन ज्यादा अच्छा लगा?

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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बॉस की बीवी की चुदाई की हिंदी सेक्सी कहानी | hindisexstories.autocamper-service.ru //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/boss-ki-bivi-ki-chudai-ki-hindi-sexy-kahani.html //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/voyeur/boss-ki-bivi-ki-chudai-ki-hindi-sexy-kahani.html#respond Sun, 17 Sep 2017 15:56:45 +0000 //hindisexstories.autocamper-service.ru/youjizzmobileporn/?p=10109 दोस्तों पहली बार मै बॉस की बीवी की चुदाई की हिंदी सेक्सी कहानी लिख रहा हु ये एकदम सौ प्रतिशत सही कहानी है इसमें सब कुछ सही लिखा है आप अपने दोस्तों को भी शेयर करें ताकि वो भी मेरी सच्ची बॉस की बीवी की चुदाई की धटना का आनंद ले सके |

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हैल्लो दोस्तों मेरा नाम हर्ष है. मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों यह घटना मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है. जिसको में आज बहुत बार सोचकर आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों यह घटना तब की है, जब में अपनी पढ़ाई पूरी करता था. और बाद में एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था. And मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी. और तब मेरी उम्र 22 थी, उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा और वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी और उनकी एक बेटी भी थी |

दोस्तों मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी. और बॉस की बीवी की उम्र करीब 30-31 की थी. लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि; वो इतनी उम्र की भी हो सकती है? दोस्तों मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ; उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे. जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना; घर के लिए कोई भी सामान ले जाना. और भी बहुत कुछ इससे मेरी और मेरे बॉस की पत्नी की बहुत अच्छी बनती थी. उनका व्यहवार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और में हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था. लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी |

वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी. जब भी में उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते. मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं हे. लेकिन वो भरे बदन की थी. उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था. हमारा मजाक इतना होता था; कि जब भी में अपने बोस का खाना लेने जाता; तो में उनसे मजाक में बोलता था कि, आपके पापा ने खाना मंगवाया है. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती. और मुझसे कहती कि तुम बहुत बदमाश हो गया है. बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है |

एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला कि छोटू में 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा? मैंने बोला कि हाँ बॉस कोई बात नहीं आप आराम से बिना चिंता किए चले जाईये. फिर बॉस मुझसे बोले कि तेरी मैडम मेरे साथ नहीं जाएँगी, क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना. मैंने बोला कि जी बॉस. फिर बॉस बोले कि में कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना |

फिर दूसरा दिन आया. मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और में पूरे दिन बिल्कुल अकेला था. फिर रात हुई और में अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मैडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था? मैंने बोला कि जी बॉस हाँ मैंने दिन में खाना खा लिया था. फिर कुछ देर बाद मैडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनो खा पीकर सो गये, में होल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये सब कुछ एकदम ठीक ठाक था |

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उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो में पेशाब करने उठा और जब में वापस आया तो मेरी नज़र मैडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मैडम जाग रही है तो इसलिए में रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखे फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी और मेरा मन किया कि में जाकर उनसे चिपक जाऊँ, लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और में किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर में वापस आकर सो गया |

फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, में अब चोर नज़र से मैडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मैडम मुझसे बोली कि क्या बात है आज तुम बहुत चुपचाप हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और फिर पूरे दिन भर में दुकान पर जाने के बाद अपनी मैडम के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता और आज में रात को सोया ही नहीं बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे में फिर से उठा और मैडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो में करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकियों की आवाज़ आने लगी और में बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और ऐसे ही पूरे 6 दिन हो गये |

मेरा मन अब अपनी मैडम को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे और में दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मैडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और फिर में मैडम से बोला कि क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना? मैडम बोली कि हाँ क्या हुआ में तो एकदम ठीक हूँ. फिर में बोला कि जी मैडम और फिर में जाकर हॉल में बैठ गया |

फिर थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मैडम बाहर आ गई. में उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मैडम भी आकर बैठ गई और वो बोली क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे थे में डर गई थी? फिर में बोला कि मैडम मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है. फिर मैडम बोली कि नहीं में एक सपना देख रही थी. मैंने पूछा कि कैसा सपना?

मैडम बोली कि वो एक बहुत डरावना सपना था, अब में उनसे नाटक करने लगा क्या मैडम आप भी सपनो से डरती हो? अब वो कुछ नहीं बोली. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ मैडम क्या आप ज़्यादा डर गई हो? फिर मैडम बोली कि नहीं तो. फिर में बोला कि फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो? तो मैडम बहुत ही धीरे से बोली कि मुझे बहुत प्यास लगी है तो में तुरंत समझ गया, लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया हाँ ठीक है में अभी पानी लाता हूँ और में उठकर पानी लाया और उनसे बोला कि यह लीजिए तो मैडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई. फिर मैडम मुझसे पूछने लगी कि तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो? मैंने उनसे बोला कि लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए, तभी मैडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली कि क्या बात है तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मैडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये में और पीछे हुआ और मैडम बैठ गई. फिर में बोला कि मैडम मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो? अब मैडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली कि क्या पता है? आप यह हॉट हिंदी सेक्सी कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

में बोला कि यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है और फिर में ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और मैडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली कि ज्यादा हंस मत और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा और मेरी नज़र मैडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई.

फिर हंसकर मेरे होंठो को चूमने लगी और अब मैडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई. मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया और मैडम मेरे पैर के बीच में आ गई और मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जानबूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, में उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.

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तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और फिर चूत को सहलाने लगा और मैंने धीरे से मैडम की चूत में एक चींटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और में हँसने लगा. फिर वो मुझसे बोली कि कमीने रुक में अभी तुझे बताती हूँ और यह बात कहकर उसने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया और उस दर्द की वजह से में चिल्ला पड़ा तो उसने तुरंत मेरे मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर वो मुझसे बोली कि ज्यादा चिल्ला मत वरना में और भी ज़ोर से काट सकती हूँ….

कहानी जारी है … आगे की कहानी पढ़ने के लिए निचे दिए पेज नंबर पर क्लिक करें ….

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