गतांग से आगे …. नसरिमा आँटी मेरी रहनुमाई करते हुए बोलीं, “येस डार्लिंग… ये हक़ीक़त ही है… निहायत अमेज़िंग हक़ीक़त! इसमें हैरानी वाली कौन सी बात है… दुनिया भर में काफ़ी औरतें इस तरह की चुदाई का खूब मज़ा लेती हैं। कुत्ते मर्दों के मुक़ाबले कहीं ज्यादा एनर्जेटिक होते हैं और पूरे जोश-ओ-खरोश से ज़बर्दस्त चुदाई करते हैं! मालूम है कुत्ते का लंड असल में चूत के अंदर जाकर फूलता है…?” ये कहते हुए उन्होंने शोखी से मुस्कुराते हुए मुझे देख कर आँख मार दी।
“आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे की आप को इसका तजुर्बा…?” मैं हंसते हुए बोलने लगी तो आँटी ने कबूल करते हुए कहा, “हाँ मेरी जान…. तजुर्बे से ही बोल रही हूँ…!” नसरिमा आँटी ने कन्फेस किया तो मैं हक्की बक्की रह गयी और मेरा मुँह खुला का खुला रह गया । “हाय अल्लाह…. रियली…? ये आप क्या कह रही हो…. आप कुत्ते से?” मेरी आवाज़ सदमे और व्हिस्की के नशे से लरज़ रही थी। दो मिनट तक हम दोनों में से कोई नहीं बोला।
“शायद मुझे ये सब तुम्हें नहीं बताना चाहिये था!” मेरा रिएक्शन देख कर आँटी ने कहा। “मैं…नहीं… मैं मैं वो… मेरा मतलब… कब से… क्या शेरू के साथ?” पशोपेश की हालत में मैंने हकलाते हुए कहा।
नसरिमा आँटी ने साइड-टेबल से व्हिस्की और सोडे की बोतल लेकर हम दोनों के खाली गिलासों में पैग बनाये और फिर मुझे देते हुए धीरे से बोलीं, “येस डियर.. शेरू के साथ… ही इज़ वंडरफुल… शेरू से तो पिछले पाँच-छः सालों से तकरीबन हर रोज़ चुदवा रही हूँ… लेकिन शेरू मेरी ज़िंदगी में पहला कुत्ता नहीं है… बल्कि मेरी चूत सबसे पहले किसी मर्द से नहीं बल्कि कुत्ते से ही चुदी थी!” फिर नसरिमा आँटी ने तफ़्सील बताया कि कैसे बीस-इक्कीस साल की उम्र में उन्होंने और उनकी दो लेस्बियन सहेलियों ने एक दिन अपने पालतू कुत्ते को फुसला कर अपनी वर्जिनिटी खोयी थी। उसके बाद तो जब भी उन्हें मौका मिलता वो अपने कुत्ते से चुदवा कर खूब मज़ा करती थीं और ये सिलसिला उनकी शादी तक ज़ारी रहा। शादी होने के बाद वो कईं सालों तक इस तरह की बेरहरावी से दूर रहीं। लेकिन उनके शौहर मर्चेंट नेवी में थे और साल में कभी-कभार ही छुट्टी पे घार आ पाते थे तो अपनी जिस्मनी तस्कीन के लिये आँटी जल्दी ही गैर-मर्दों और औरतों के साथ हमबिस्तर होने लगीं। फिर कुछ सालों बाद जब शेरू उनकी ज़िंदगी में आया तो ज़ाहिर है कि वो खुद पर काबू नहीं रख सकीं और उससे चुदवाना शुरू कर दिया।
मैं व्हिस्की पीते हुए हैरत से आँटी की बातें बड़े गौर से सुन रही थी और मेरी चूत बेहद गीली हो गयी थी और पूरे जिस्म में और दिमाग में सनसनी सी फैली हुई थी। अगर्चे ये सब पर्वर्टिड था लेकिन शायद इसी वजह से मुझे ये सब बेहद दिलचस्प और इक्साइटिंग लग रहा था। मैंने पूछा, “कैसा… कैसा लगता है… कुत्ते से चुद… चुदवाना?”
“जस्ट अमेज़िंग…. गज़ब की मस्ती भरी और बेइंतेहा तसल्ली बख़्श धुंआधार चुदाई होती है… शेरू जब मेरी कमर पे चढ़ के और मेरी गाँड से चिपक कर लगातार पंद्रह बीस मिनट तक अपना अज़ीम लंड मेरी चूत में दनादन पिस्टन की तरह अंदर-बाहर चोदता है तो… बस जन्नत की सैर करा देता है… चूत भी बार -बार पानी छोड़-छोड़ के बेहाल हो जाती है… कुत्ते का लंड चूत में अंदर जाने के बाद पूरा फूलता है…. और फिर जब उसके लंड की जड़ में गाँठ फूल कर चूत में फ़ंस जाती है तो वो एहसास मैं बयान नहीं कर सकती… बीस-बीस मिनट तक फिर हम दोनों चिपके रहते हैं और उसकी मनि मेरी चूत में लगातार गिरती रहती है…!” आँटी ने मस्ती भरे अंदाज़ में कहा और फिर मेरे होंठों को चूमते हुए बोलीं, “वैसे तुम्हें खुद ही शेरू से चुदवा कर ये निहायत अमेज़िंग मज़ा ले कर देखना चाहिये!”
नसरिमा आँटी की बात सुनकर मैं व्हिस्की का बड़ा सा घूँट पीते हुए लरजती हुई आवाज़ में बोली, “क्या…? मैं… मैं.. रियली… लेकिन… आर यू श्योर…!” कुत्ते से चुदवाने के ख्याल से मेरे जिस्म में सनसनती लहरें दौड़ने लगीं। फिर आँटी उठ कर हाई-हील के सैंडलों में अपनी मस्त गाँड मटकाती हुई शेरू को लाने के लिये कमरे से बाहर चली गयीं। शाम से हम दोनों ने काफी ड्रिंक कर ली थी और नसरिमा आँटी के कदमों में थोड़ी-सी लड़खड़ाहट ज़ाहिर हो रही थी। दो मिनट बाद ही वो दूसरे कमरे से शेरू को अपने साथ लेकर वापस आयीं और बेड पर बैठते हुए शोख अंदाज़ में बोली, “सो आर यू रेडी… अपनी ज़िंदगी की सबसे बेहतरीन चुदाई का मज़ा लेने के लिये?”
“ऊँहूँ?” मैंने धीरे से मुस्कुराते हुए गर्दन हिलायी। हमारे घर में कभी भी कोई पालतू कुत्ता या कोई और जानवर नहीं था इसलिये मुझे कुत्तों के ज़ानिब ज्यादा जानकारी नहीं थी। इस वजह से थोड़ी एइंगज़ाइअटी और घबराहट सी महसूस हो रही थी लेकिन नशे में मतवाला हवस-ज़दा दिमाग और जिस्म इस बेरहरावी में शऱीक होने के लिये बेकरार था। शेरू भी बेड पर चढ़ गया और नसरिमा आँटी के सैंडल और पैर चाटने लगा। आँटी उसकी गर्दन सहलाने लगीं और मुझे भी ऐसा ही करने को कहा तो मैं भी उसकी कमर सहलाने लगी। शेरू का नोकिला लाल लंड करीब एक-दो इंच अपने बाल-दार खोल में से बाहर निकला हुआ था। फिर आँटी ने शेरू का चेहरा मेरी टाँगों की तरफ़ किया और उसे मेरी चूत चाटने के लिये कहा तो बासाख़्ता मैंने अपनी टाँगें फैला कर अपनी चूत खोल दी। शेरू ने मेरी टाँगों के बीच में अपना मुँह डाल कर अपनी लंबी भीगी ज़ुबान मेरी रानों पर फिरायी तो अजीब सा एहसास हुआ। तीन-चार दफ़ा मेरी रानों को चाटने के बाद उसने अपना थूथना मेरी भीगी चूत पर लगा कर अपनी ज़ुबान नीचे से ऊपर चाटते हुए मेरी क्लिट पर भी फिरायी तो मेरा पुरा जिस्म थरथरा गया। नसरिमा आँटी उसे सहलाते-पुचकरते हुए उसकी हौंसला अफ़ज़ाई कर रही थीं।.. कहानी जारी रहेगी …| आज के लिए बस इतना ही आगे की कहानी अगले भाग में और हां आप लोग अपनी प्रतिक्रिया देना ना भूलना मेरी मेल आई डी जिन्हें नही पता है वो ले ले :[email protected]